१७ जुलाई १९३० को जन्में हिंदी फिल्मों के कथा-पटकथा लेखक सचिन भौमिक ने कोई ९४ फ़िल्में लिखी। उनके करियर की शुरुआत मोहन सहगल की नरगिस और बलराज साहनी अभिनीत फिल्म लाजवंती (१९५८) से हुई थी। उन्होंने साठ के दशक में अनुराधा, आई मिलन की बेला, जानवर, लव इन टोक्यो, आये दिन बहार के, एन इवनिंग इन पेरिस, ब्रह्मचारी, आया सावन झूम के और आराधना, सत्तर के दशक में में आन मिलो सजना, कारवां, बेईमान, दोस्त, खेल खेल में, हम किसी से कम नहीं और गोलमाल, अस्सी के दशक में क़र्ज़, दो और दो पांच, बेमिसाल, ज़माने को दिखाना है, नास्तिक, अन्दर बाहर, साहेब और कर्मा, नब्बे के दशक में मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, ये दिल्लगी, करण अर्जुन, कोयला, सोल्जर, आ अब लौट चलें और ताल तथा २००० के दशक में कोई मिल गया और कृष जैसी उल्लेखनीय फिल्में लिखी। उन्होंने राजेश खन्ना और शर्मीला टैगोर को लेकर एक फिल्म राजा रानी (१९७३) का लेखन-निर्देशन किया। उन्होंने अभिनेत्री कल्पना से विवाह किया और तलाक़ भी लिया। वह ऐसे लेखक थे जिन्होंने जे ओमप्रकाश, नासिर हुसैन, हृषिकेश मुख़र्जी, प्रमोद चक्रवर्ती, सुभाष घई और राकेश रोशन जैसे भिन्न किस्म की फ़िल्में बनाने वाले फिल्मकारों के लिए फ़िल्में लिखी। अस्सी साल की उम्र में १२ अप्रैल २०११ को उनका निधन हुआ।
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लाजवंती |
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राजा रानी |
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