केस्टो मुख़र्जी, मुकरी, सुनील दत्त और किशोर कुमार के साथ राज किशोर (सबसे दायें). अब सभी दिवंगत। |
अज़ीब नहीं लगता कि जो कॉमेडियन फिल्मों में कॉमेडी की टोन तय करता रहा हो,
उसकी मौत को मायूसी मिले ?
कभी जिसके परदे पर आते ही सीटियों और तालियों से सिनेमाघर गूँज उठते थे, जिसके मुंह खोलते ही दर्शकों के ठहाके
गूंजने लगते थे, उस राज
किशोर की मौत बिना किसी शोक समाचार के व्यतीत हो गई। राज किशोर ने १९६० से १९८० के दशक के बीच
बॉलीवुड के तमाम बड़े सितारों दिलीप कुमार, देव आनंद,
अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, सुनील दत्त,
सायरा बानू, सलमान खान, शाहरुख़ खान,
आदि के साथ ढेरों फिल्मों की
कॉमेडी टोन सेट की थी, उसकी मौत के बाद एक भी हस्ती ने कोई शोक
प्रस्ताव नहीं भेजा। ट्विटर पर हमेशा
सक्रीय अमिताभ बच्चन भी खामोश रहे। ज़ाहिर
है कि राज किशोर की मृत्यु पर शोक व्यक्त करने से उन्हें मीडिया में सुर्खियां
नहीं मिलती।राज किशोर को शुक्रवार के
तड़के १.३० पर दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई।
वह ८५ साल के थे। उनको पूरी ख़ामोशी से सिर्फ नौ घंटों के अंदर उनका दाह
संस्कार भी कर दिया गया। राज किशोर ने
अपने दो दशक लम्बे फिल्म करियर में राम और
श्याम, हरे राम हरे कृष्ण,
करिश्मा कुदरत का, गोपीचंद जासूस,
हमराज, बॉम्बे टू गोवा,
पड़ोसन, दीवार, शोले,
करण अर्जुन, फूल और अंगार, आदि जैसी ९४ फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने, अपना फिल्म
डेब्यू १६ साल की उम्र में पतंगा (१९४९) से किया था। उन्हें श्रद्धांजलि।
जॉन अब्राहम की फिल्म को मिला सत्यमेव जयते टाइटल - पढ़ने के लिए क्लिक करें
No comments:
Post a Comment