जोधपुर में, सूरज बडजात्या की फिल्म हम साथ साथ हैं कि शूटिंग
के दौरान, सलमान खान, सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और नीलम कोठारी पर १ और २ अक्टूबर
१९९८ की रात वन संरक्षण अधिनियम एक तहत संरक्षित प्रजाति के दो काले हिरणों का
शिकार करने का आरोप लगाया गया था। यह मुक़दमा १९ साल लम्बी सुनवाई, बहस और बहस के बीस साल बाद आज ५ अप्रैल को
निर्णीत हुआ। इस मुक़दमे के जज देव कुमार खत्री ने, सलमान खान को वन संरक्षण अधिनियम की धारा ५१ के अंतर्गत दोषी मानते
हुए, पांच साल की सज़ा के साथ साथ दस हजार रुपये का
जुरमाना लगा दिया । इस मामले में बाकी सह-अभियुक्तों को सबूत के अभाव में दोष
मुक्त कर दिया गया । जोधपुर हाईकोर्ट में दायर ज़मानत याचिका को कोर्ट ने स्वीकार
तो कर लिया, लेकिन इसकी सुनवाई अगले दिन यानि ६ अप्रैल
को तय कर दी । इस प्रकार से, सलमान खान को अब कम
से कम एक दिन तो जोधपुर सेंट्रल जेल में रहना ही होगा ।
वास्तव में सलमान
खान को अब उच्च न्यायाय का ही सहारा है । हालाँकि, जोधपुर की अदालत में सलमान खान के वकील यह दावा करते रहे कि सलमान खान,
आदतन अपराधी नहीं है । इसलिए, सलमान खान को दोष मुक्त किये जाने की मांग कर रहे
थे । हालाँकि, सलमान खान के ऊपर कई ऐसे मामले हैं,
जिनमे उन पर मुकदमे चल रहे हैं । कुछ में फैसला
भी आ चुका है । २००२ के हिट एंड रन केस में, नीचे की अदालत ने सलमान खान को पांच साल की सज़ा सुनाई थी । अब यह बात
दीगर है कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने उन्हें दोषमुक्त करार दिया । वह जेल जाने से बच गए
। लेकिन, मुंबई पुलिस सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी
कर रही है । २००६ में सलमान खान को चिंकारा के शिकार के मामले में निचली अदालत से
पांच साल की सज़ा सुनाई गई थी । इस मामले में सलमान खान एक हफ्ता जेल में भी रहे ।
लेकिन, राजस्थान हाई कोर्ट के द्वारा, उनकी सज़ा निलंबित कर दिए जाने के बाद वह जेल से
बाहर आ गए । इस मामले में अवैध हथियार रखने का आरोप भी सलमान खान पर लगाया गया था
। क्योंकि, सलमान खान लाइसेंस की अवधि ख़त्म हो जाने
के बावजूद, बिना नवीकरण करवाए हथियार का इस्तेमाल कर
रहे थे । लेकिन, कोर्ट ने उन पर आगे
इस आरोप को नहीं माना और सलमान खान दोषमुक्त कर दिए गये । इसके अलावा, १९९८ के कम से कम दो मामलों में वह अपराधी घोषित
कर सजायाफ्ता हुए थे । २६ सितम्बर १९९८ में ही भावडा चिंकारा शिकार में सलमान खान
को दोषी पाया गया, लेकिन हाई कोर्ट ने
उन्हें दोषमुक्त कर दिया । इसी प्रकार से २८ सितम्बर १९९८ के गोरा चिंकारा शिकार
मामले में भी सलमान खान सज़ा पाने के बाद हाई कोर्ट द्वारा दोषमुक्त किये गए ।
दरअसल, सलमान खान को परेशानी तब होगी, जब उनके द्वारा जमानत की शर्तों का पालन नहीं
करने के मामले अदालतों के सामने रखे जायेंगे । राजस्थान हाई कोर्ट ने चिंकारा
शिकार मामले मे सलमान खान को जमानत देते
समय यह शर्त रखी थी कि वह जमानत के दौरान विदेश नहीं जायेंगे । लेकिन, सलमान खान अदालत की इस शर्त के खिलाफ लगातार
विदेश जाते रहे हैं । अभी वह रेस ३ की शूटिंग के लिए अबू धाबी में थे । उनका
दा-बंग टूर दुनिया के देशो में हर साल होता रहता है । सलमान खान के खिलाफ रहने
वाले लोगों का कहना है कि सलमान खान के मामले में देश की अदालते दोहरा रवैया
अपनाती हैं । उन्हें सज़ा के निलंबन के दौरान विदेश जाने की छूट दे दी जाती है ।
बिना एक दिन जेल रहे, दोषमुक्त कर दिया
जाता । बॉम्बे हाई कोर्ट ने तो उन्हें संक्षिप्त सुनवाई के बाद ही रिहा कर दिया
था।
सलमान खान की
मुसीबते अभी ख़त्म नहीं हुई है । उनके खिलाफ हर मामले में अपील होनी है । इसी मामले
में विश्नोई समाज अपील करेगा । क्योंकि, इस मामले में मामले
में अभियुक्त बनाये गए सैफ अली खान,
तब्बू, सोनाली बेंद्रे और
नीलम को दोषमुक्त कर दिया गया है ।
विश्नोई समाज सलमान खान की सज़ा भी बढ़वाना चाहेगा । ध्यान रहे कि मुंबई बम ब्लास्ट
मामले में संजय दत्त लगातार अपील पर अपील दायर कर कर के सज़ा से बचते रहते थे ।
लेकिन, आखिरकार उन्हें सुप्रीम कोर्ट से सज़ा भुगतनी पड़ी
। कुछ ऐसा ही सलमान खान के साथ हुआ तब ! फिलहाल तो सलमान खान की फिल्म रेस ३ को
सलमान खान को पांच साल की सज़ा होने की सज़ा भुगतनी पड़ सकती है । सलमान खान को ज़मानत
मिलने तक इस फिल्म की शूटिंग आगे नहीं की जा सकेगी । पोस्ट प्रोडक्शन और प्रचार भी
सलमान खान पर निर्भर करेगा ।
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