ब्रिटेन-भारतीय सहयोग से १९८२ में बनी रिचर्ड एटनबरो की फिल्म 'गांधी' में महात्मा गांधी की भूमिका से सर बेन किंग्सले भारतीय दर्शकों द्वारा पहचाने जाने लगे। इस महान नेता के किरदार को बेहद संजीदा तरह से जीने के लिए उन्हें ऑस्कर पुरूस्कार भी मिला था। इसके बाद बेन किंग्सले कई हॉलीवुड फिल्मों में नज़र आये। एचबीओ की फ़िल्म 'मर्डर अमंग अस' (१९८९) में नाजी शिकारी साइमन विज़ंथल का उनका किरदार भी काफी लोकप्रिय हुआ। अब बेन किंग्सले रोबर्ट ज़ेमेकिस की महाकाव्य जैसी नयी 3डी फ़िल्म 'द वाक' में रुडोल्फ ओमनकोव्स्की उर्फ़ पापा रूडी का किरदार निभाते दिखेंगे । रूडी वह व्यक्ति है, जिसने फ्रेंच कलाकार फिल्लिप पेटिट को ऊँचे तारों पर चलना सिखाया था। फिलिप ने १९७४ में ट्विन टावर्स के बीच खींचे तार पर चल कर हैरतअंगेज कारनामा कर दिखाया । सर बेन किंग्सले ने अपने हाल ही के साक्षात्कार में अपने इस फिल्म से जुड़ने के बारे में बताया,"मुझे इस किरदार को निभाने के लिए रोबर्ट ज़ेमेकिस ने आमंत्रण दिया था । उनका काम करने का एक अलग ही तरीका है। वह मुझे बहुत पसंद है। मैं हमेशा से ही उनका प्रशंसक था, लेकिन कभी उनके साथ काम करने का अवसर प्राप्त नहीं कर पाया था । जब मैंने इस फ़िल्म की स्क्रिप्ट पढ़ी तो मुझे लगा कि वाकई यह बेहद मजबूत तरीके से लिखी एक दमदार स्क्रिप्ट है । मैं महान पेटिट से पहले भी मिल चुका था, जब मैंने उनकी 'मैन ऑन वायर' देखी थी।" यहाँ बताते चले कि मैन ऑन वायर जॉन मार्श द्वारा २००८ में बनायीं गयी डॉक्यूमेंट्री है। जिसे २००९ में बेस्ट डाक्यूमेंट्री के लिए ऑस्कर भी मिला था । 'द वायर' सोनी पिक्चर्स इंडिया द्वारा ९ अक्टूबर को भारत में रिलीज की जा रही है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday, 29 September 2015
रॉबर्ट ज़ेमेकिस के प्रशंसक सर बेन किंग्सले
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Hollywood
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
आशा भोंसले के बेटे का निधन
मशहूर गायिका आशा भोंसले के पुत्र हेमंत भोसले (६६ साल) रविवार की देर रात कैंसर से अपनी लम्बी लड़ाई हार गए। इसके साथ ही ८२ साल की आशा भोंसले को ज़बरदस्त झटका लगा। कुछ साल पहले ही उनकी बेटी वर्षा ने खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी। निश्चित रूप से हेमंत के यो चले जाने से बॉलीवुड को ख़ास फर्क नहीं पड़ा होगा। क्योंकि, पिछले १८ सालों से वह गुमनामी की ज़िन्दगी जीते हुए कैंसर और घरेलु परेशानियों से लड़ रहे थे। आज जबकि हेमंत नहीं रहे, ऐसे समय में याद आती हैं, हेमंत भोंसले द्वारा संगीतबद्ध फ़िल्में। हेमंत के संगीत से सजी अमोल पालेकर और ज़ाहिरा की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'टैक्सी टैक्सी' रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में उनके गीतों 'हमें तो आज इस बात पर', 'लाई कहाँ हैं ज़िन्दगी' और 'जीवन में हमसफ़र' जैसे गीत लोकप्रिय हुए थे। इन सभी गीतों को उनकी माँ आशा भोंसले और किशोर कुमार ने गाया था। लाइ कहाँ ज़िन्दगी में लता मंगेशकर और आशा भोंसले एक साथ गा रहे थे। हेमंत का करियर जमाने के लिए आशा भोंसले ने हरचंद कोशिश की थी। लेकिन, उस दौर में राहुल देव बर्मन यानि पंचमदा के संगीत का नशा बॉलीवुड पर छाया हुआ था। हेमंत भोंसले २ टीवी फिल्मों तेरी मेरी कहानी और धरती आकाश तथा हिंदी की ११ फिल्मों टैक्सी टैक्सी के अलावा दामाद, अनपढ़, नज़राना प्यार का, श्रद्धांजलि, बैरिस्टर, राजा जोगी, बच्चों का खेल, बंधन कच्चे धागों का, धरम शत्रु और आखिरी संघर्ष का संगीत देने के बाद इंडस्ट्री से बाहर हो गए। आशा भोंसले की ज़िंदगी की यह त्रासदी है कि जब २०१२ में वह सिंगापुर में शो कर रही थी, तब उन्हें अपनी बेटी वर्षा के आत्महत्या कर लेने की खबर मिली थी। हेमंत की मौत की खबर भी उन्हें सिंगापुर के शो के दौरान ही मिली।
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श्रद्धांजलि
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बॉक्स ऑफिस पर क्यों 'जवानी फिर नहीं आनी' !
आइये याद करते हैं २६ अगस्त २००५ को रिलीज़ अनीस बज़्मी निर्देशित फिल्म 'नो एंट्री' की। दो दोस्त किशन (अनिल कपूर) और शेखर (फरदीन खान) । किशन की बीवी काजल (लारा दत्ता) शक्की मिज़ाज़ है। वह हमेशा शक करती रहती है कि उसका पति बेवफा है। जबकि किशन उसके प्रति ईमानदार है। शेखर एक खोजी पत्रकार संजना (सेलिना जेटली) से प्रेम करने लगता है। उधर इन दोनों का दोस्त है प्रेम यानि सलमान खान । वह पूजा (एषा देओल) से शादी शुदा है। परन्तु यहाँ मामला उल्टा है। प्रेम औरतबाज़ है। जबकि पूजा उसे ईमानदार समझती है। प्रेम किशन को बेवफाई सिखाना चाहता है। वह एक कॉल गर्ल बॉबी (बिपाशा बासु) को किशन को लुभाने के लिए तैयार करता है। प्रेम देखना चाहता है कि किशन अपनी यह रिलेशनशिप छुपा सकता है या नहीं। इस फिल्म में किरदारों की हेरफेर ने दर्शकों को खूब हंसाया था।
आइये इस कहानी में थोड़ा हेरफेर कर देते हैं। दोस्त तीन नहीं चार हो जाते हैं। अपनी अपनी बीवियों से परेशान और डरे सैफ, शेख और परवेज़ तथा उनका तलाक़शुदा वकील दोस्त शेरी। शेरी से अपने दोस्तों की दशा देखीं नहीं जाती। यह उन्हें ज़िंदगी का मज़ा दिलवाने के लिए बैंकाक ले जाता है। मस्ती, ग्रैंड मस्ती, नो एंट्री, आदि न जाने कितनी हिंदी फिल्मों की घालमेल है इस कहानी में। यह कहानी है एक पाकिस्तानी एडवेंचर कॉमेडी फिल्म 'यह जवानी फिर नहीं आनी' की। इस फिल्म को नदीम बेग ने निर्देशित किया है। फिल्म के एक निर्माता हुमायु सईद फिल्म में सलमान खान वाला शेरी का किरदार कर रहे हैं। हम्ज़ा अली अब्बासी, वसै चौधरी और अहमद अली बट तीन दोस्तों की भूमिका में हैं। इस फिल्म ने पाकिस्तान बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा रखा है। जवानी फिर नहीं आनी ईद वीकेंड में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म ने पाकिस्तान बॉक्स ऑफिस पर हॉलीवुड-बॉलीवुड फिल्मों के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर डाला है। हिंदुस्तानी बॉक्स ऑफिस के लिहाज़ से जवानी फिर नहीं आनी की सोमवार तक ९.८३ करोड़ की कमाई जीरे जैसी लग सकती है। लेकिन, इस कमाई से जवानी फिर नही आनी ने पाकिस्तान में फ्यूरियस ७, धूम ३, वेलकम बैक, आदि को पीछे धकेल दिया है। सबसे ज़्यादा बड़े वीकेंड का रिकॉर्ड फ्यूरियस ७ के नाम था, जिसने ७.५ करोड़ का वीकेंड कलेक्शन किया था। पाकिस्तानी की ऑन लाइन ट्रेड मैगज़ीन बॉक्स ऑफिस डिटेल के अनुसार जवानी फिर नहीं आनी ने ७.८३ करोड़ का वीकेंड कलेक्शन करके फ्यूरियस ७ से टॉप की जगह छीन ली है। दिलचस्प तथ्य यह है कि सोमवार को भी इस फिल्म ने दो करोड़ के लगभग कलेक्शन किया था। इस प्रकार से यह फिल्म लगातार चार दिन २ करोड़ का आंकड़ा छूने वाली फिल्म बन गई है। इस फिल्म के सोमवार के कलेक्शन को देख कर अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि फिल्म में लॉन्ग रन की क्षमता है। अब केवल देखने वाली बात यही है कि क्या जवानी फिर नहीं आनी २५.०५ करोड़ का लाइफ टाइम कलेक्शन कर पाएगी! जी हाँ, पाकिस्तान की सरजमीं पर सबसे ज़्यादा कमाई करने का रिकॉर्ड फ्यूरियस ७ के खाते में ही दर्ज़ है।
आइये इस कहानी में थोड़ा हेरफेर कर देते हैं। दोस्त तीन नहीं चार हो जाते हैं। अपनी अपनी बीवियों से परेशान और डरे सैफ, शेख और परवेज़ तथा उनका तलाक़शुदा वकील दोस्त शेरी। शेरी से अपने दोस्तों की दशा देखीं नहीं जाती। यह उन्हें ज़िंदगी का मज़ा दिलवाने के लिए बैंकाक ले जाता है। मस्ती, ग्रैंड मस्ती, नो एंट्री, आदि न जाने कितनी हिंदी फिल्मों की घालमेल है इस कहानी में। यह कहानी है एक पाकिस्तानी एडवेंचर कॉमेडी फिल्म 'यह जवानी फिर नहीं आनी' की। इस फिल्म को नदीम बेग ने निर्देशित किया है। फिल्म के एक निर्माता हुमायु सईद फिल्म में सलमान खान वाला शेरी का किरदार कर रहे हैं। हम्ज़ा अली अब्बासी, वसै चौधरी और अहमद अली बट तीन दोस्तों की भूमिका में हैं। इस फिल्म ने पाकिस्तान बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा रखा है। जवानी फिर नहीं आनी ईद वीकेंड में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म ने पाकिस्तान बॉक्स ऑफिस पर हॉलीवुड-बॉलीवुड फिल्मों के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर डाला है। हिंदुस्तानी बॉक्स ऑफिस के लिहाज़ से जवानी फिर नहीं आनी की सोमवार तक ९.८३ करोड़ की कमाई जीरे जैसी लग सकती है। लेकिन, इस कमाई से जवानी फिर नही आनी ने पाकिस्तान में फ्यूरियस ७, धूम ३, वेलकम बैक, आदि को पीछे धकेल दिया है। सबसे ज़्यादा बड़े वीकेंड का रिकॉर्ड फ्यूरियस ७ के नाम था, जिसने ७.५ करोड़ का वीकेंड कलेक्शन किया था। पाकिस्तानी की ऑन लाइन ट्रेड मैगज़ीन बॉक्स ऑफिस डिटेल के अनुसार जवानी फिर नहीं आनी ने ७.८३ करोड़ का वीकेंड कलेक्शन करके फ्यूरियस ७ से टॉप की जगह छीन ली है। दिलचस्प तथ्य यह है कि सोमवार को भी इस फिल्म ने दो करोड़ के लगभग कलेक्शन किया था। इस प्रकार से यह फिल्म लगातार चार दिन २ करोड़ का आंकड़ा छूने वाली फिल्म बन गई है। इस फिल्म के सोमवार के कलेक्शन को देख कर अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि फिल्म में लॉन्ग रन की क्षमता है। अब केवल देखने वाली बात यही है कि क्या जवानी फिर नहीं आनी २५.०५ करोड़ का लाइफ टाइम कलेक्शन कर पाएगी! जी हाँ, पाकिस्तान की सरजमीं पर सबसे ज़्यादा कमाई करने का रिकॉर्ड फ्यूरियस ७ के खाते में ही दर्ज़ है।
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सरहद पार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
फिल्म 31st अक्टूबर में सोहा में नज़र आई शर्मीला टैगोर की झलक
निर्देशक शिवाजी लोटन पाटिल की आगामी फिल्म 31st अक्टूबर जो १९८४ में दो अंगरक्षकों द्वारा इंदिरा गांधी की हत्या पर आधारित है , जिसने पूरी तरह से देश के राजनीतिक परिदृश्य को हिलाकर रख दिया है और जिसके कारन एक विशेष समुदाय के प्रति हमेशा के लिए लोगो का नजरिया बदल कर रख दिया था इस फिल्म में सोहा अली खान और वीरदास अहम किरदार में नज़र आएंगे।
इस फिल्म में सोहा एक अलग अवतार में नज़र आएँगी , लोगो को सोहा में उनकी माँ शर्मीला टैगोर की भी झलक देखने मिलेगी। इस फिल्म में सोहा एक पंजाबी हाउस वाइफ का किरदार निभा रही है, इस फिल्म में सोहा रियल लाइफ किरदार को निभा रही है, दिलचस्प बात तो यह है की सोहा ने खुद अपने किरदार को स्टाइल किया है, सोहा चाहती थी की फिल्म में उनका लुक पूरी तरह वास्तविक दिखे , इसीलिए उन्होंने अपने लुक पर पूरी बारीकी से काम किया है.
सूत्रों का कहना है की " जब सोहा को फिल्म की कहानी सुनाई गयी थी उसी समय उन्हें बताया गया था की इस फिल्म में उनका लुक बहुत ही साधारण होगा और न ही मेकअप का इस्तेमाल किया जायेगा, जिस गाव में सोहा फिल्म की शूटिं कर रही थी वह को लोग उन्हें साड़ी में देखना चाहते थे , लोग जो उन्हें डेक रहे थे उन्हें सोहा में उनकी माँ शर्मीला टैगोर की झलक दिखाई दे रही थी."
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हस्तियां
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'बाहुबली' से ज़्यादा हैरतअंगेज है 'पुलि' के दृश्य !
इंडियन ऑडियंस के लिए, ख़ास तौर पर हिंदी फिल्म दर्शकों के लिए अक्टूबर में सिनेमाघरों में हिंदी में संवेदित की गई तमिल फिल्म 'पुलि' को देखना अभूलनीय प्रदर्शन होगा। इस फिल्म में ख़ास हो गए पुलि में फंतासी एडवेंचर दिखाने के लिए इस्तेमाल की गई वीएफएक्स तकनीक। पुलि के वीएफएक्स कमलाकन्नन ने तैयार किये हैं। कमलाकन्नन ने ही एसएस राजामौली की दो उत्कृष्ट तकनीक वाली फिल्मों 'मगधीरा' और 'ईगा' यानि हिंदी 'मक्खी' के वीएफएक्स तैयार किये थे। 'पुलि' की तकनीकी उत्कृष्टता साबित करने के लिए तीन फिल्मों के वीएफएक्स का ज़िक्र करना ठीक होगा। एसएस राजामौली की फिल्म 'मक्खी' में १२०० वीएफएक्स शॉट्स थे। मगधीरा में १६०० तक। लेकिन, इस साल रिलीज़ और पूरी दुनिया में तहलका मचा ने वाली फिल्म 'बाहुबली' में २००० वीएफएक्स शॉट्स लिए गए थे। 'वीएफएक्स दृश्यों के लिहाज़ से 'बाहुबली' श्रेष्ठतम फिल्म कही जा सकती है। लेकिन, 'पुलि' वीएफएक्स श्रेष्ठता के झंडे गाड़ने जा रही है। इस फिल्म में २४०० वीएफएक्स शॉट्स का इस्तेमाल किया गया है। 'पुलि' के वीएफएक्स भारत के अलावा रूस में सेंट पीटर्सबर्ग, यूक्रेन एंड अर्मेनिआ के विभिन्न ८ स्टूडियोज में तैयार किये गए। फिल्म के कुछ एक आँख वाला राक्षस, भीमकाय कछुआ, काला तेंदुआ और ऐसे ही कई दिलचस्प चरित्र केवल वीएफएक्स द्वारा ही क्रिएट किये गए हैं। इन चरित्रों को देखना दर्शकों के लिए नया अनुभव होगा। 'पुलि' के वीएफएक्स निर्देशक कमलाकन्नन कहते हैं, "शुरू में हम लोगों का इरादा २६०० वीएफएक्स सीन तैयार करने का था। परन्तु बाद में कुछ बाधाओं के कारण इन्हे कम करके २४०० कर दिया गया। फिर भी यह बाहुबली से ज़्यादा ही हैं।"
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साउथ सिनेमा
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शहीद भगत सिंह को कुछ ऐसे श्रद्धांजलि दी सिंह इज़ ब्लिंग की टीम ने (फोटोज)
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फोटो फीचर
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तमिल मांज रही है जैक्विलिन फर्नांडीज़
श्रीलंकाई सुंदरी जैक्विलिन फर्नांडीज़ आजकल तमिल शिक्षक से तमिल उच्चारण सीखती नज़र आ रही हैं। सभी जानते हैं कि जैक्विलिन श्रीलंका से हैं। श्रीलंका में तमिल भाषियों की संख्या बहुत ज़्यादा है। भारत की तरह श्रीलंका के तमिल भी जैक्विलिन को पसंद करते हैं। जैक्विलिन को भी तमिल भाषा की थोड़ी बहुत जानकारी है। लेकिन, इतनी जानकारी एक फिल्म के तमिल संवाद बोलने के लिए काफी नहीं। इसलिए जैक्विलिन अपना तमिल उच्चारण मांज रही हैं। जैक्विलिन फर्नांडीज़ को भारत में मिली सफलता की खुशबू श्रीलंका के निर्माताओं तक पहुंची। उनके ग्लैमर का फायदा उठाने के लिए इस साल की शुरुआत में एक फिल्म 'अकॉर्डिंग टू मैथ्यू' की शूटिंग शुरू हुई थी। चंद्रन रत्नम निर्देशित इस फिल्म की कहानी रियल लाइफ है। एक पादरी अपनी वाइफ और अपनी सेक्रेटरी के पति का क़त्ल कर देता है। फिल्म में पादरी की भूमिका अल्स्टन कॉच कर रहे हैं। चूंकि, 'अकॉर्डिंग टू मैथ्यू' को तमिल में भी रिलीज़ किया जाना है, इसलिए जैक्विलिन को अपने तमिल उच्चारण पर ध्यान देना पड़ रहा है। जैक्विलिन इस समय हिंदी फिल्म 'हाउसफूल ३' के अलावा हॉलीवुड फिल्म 'डेफिनिशन ऑफ़ फियर' में व्यस्त हैं।
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सरहद पार
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जावेद अली ने लांच किया रोमांटिक ट्रैक 'उड़ने लगा'
जावेद अली अपने सूफ़ियाना
अंदाज के लिए जाने जाते हैं। उनके रोमांटिक गानों
को भी बहुत पसंद किया जाता है। इन दिनों
जावेद अली अपने नवीनतम गाने उड़ने लगा के लिए सुर्ख़ियो में है। अभिनेता दिलजान वाडिया की आनेवाली फिल्म 'फोर पिलर्स ऑफ बेसमेंट' के रोमांटिक सांग उड़ने लगा को पिछले दिनों बिग
ऍफ़ऍम के मुंबई स्थित स्टूडियो में लांच किया गया। इस अवसर पर गायक जावेद अली, अभिनेता दिलजान वाडिया , अभिनेत्री आलिया सिंह, संगीतकार अनुराग मोहन और निर्माता
गौतम बाफना मौजूद थे । उड़ने लगा को गोवा , वड़ोदरा और मुंबई केखूबसूरत
प्राकृतिक लोकेशंस पर फिल्ममाया गया है।
इस गाने में दिलजान वाडिया और आलिया सिंह की गज़ब कैमेस्ट्री नजर आती
है। फिल्म में दिलज़ान वाडिया
समीर का किरदार निभा रहे हैं जो एक
मॉल का सिक्यॉरिटी गार्ड हैं। वह मॉल में
नौकरी करने वाली रिया (आलिया सिंह) से
प्रेम करने लगता है। कहानी और घटनाक्रम में रिया एक रात इस मॉल के बेसमेंट में फंस
जाती है। उस रात रिया को बचाने के लिए एक के बाद एक आये कई लोग फँसते चले जाते है।
फिल्म में अन्य प्रमुख किरदारों में जाकिर
हुसैन, शाहवर अली खान, अनंत जोग, रवि गुदारिया भी नजर आएंगे।
निर्माता गौतम बाफना और प्रवीण चुडासमा की
फिल्म फोर पिलर्स ऑफ बेसमेंट को गिरीश नायकके ने निर्देशित किया हैं। फिल्म
का संगीत जी म्यूज़िक कंपनी ने जारी किया हैं।
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गीत संगीत
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Monday, 28 September 2015
Ishq Ne Krazy Kiya Re Official Trailer | Mughda Godse | Nishant Malkhani
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'रईस ' में नवाज़ुद्दीन का दबंग अंदाज़
बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान के साथ लगातार दो हिट फिल्म करने के बाद नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी जल्द ही बॉलीवुड के बादशाह यानि शाहरुख़ खान के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर करते नज़र आएंगे। शाहरुख़ खान की अगली फिल्म 'रईस' में नवाज़ुद्दीन एक पुलिस वाले का किरदार निभा रहे हैं । हालांकि फिल्म 'रईस' की सारी जानकारी गोपनीय रखी गयी है। इस के बावजूद फिल्म की शूटिंग के दौरान नवाज़ की एक तस्वीर लीक हो गई है। तस्वीर में नवाज़ शर्ट पैंट में आँखों पर काला चश्मा लगाए नज़र हैं। इस गेटअप में नवाज़ एक दमदार पुलिस अफसर होने एहसास कराते हैं। इसी बीच कई फिल्म निर्माताओं ने नवाज़ को अपनी फिल्म का हिस्सा बता बताते हुए अपनी फिल्म की घोषणा कर दी थी। इन सभी को अफवाह बताते हुए नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी कहते है, 'अभी तक मै सिर्फ दो फ़िल्में ही कर रहा हूँ। एक फिल्म 'रईस' और दूसरी अनुराग कश्यप की फिल्म। इन दो फिल्मों के अलावा मै और कोई फिल्म नहीं कर रहा। अगर इनके
अलावा कोई और फ़िल्में मेरे पास होगी तो मै ख़ुशी से उसकी घोषणा करूँगा।'
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आज जी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
क्या सलमान खान का 'प्रेम' चोला सफल होगा ?
कोई साढ़े चार साल बाद सलमान खान के प्रेम की वापसी हो रही है. सलमान खान की सूरज बडजात्या के निर्देशन में फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' दीवाली वीकेंड पर १२ नवम्बर को रिलीज़ हो रही है. इस फिल्म में सलमान खान के एक करैक्टर का नाम प्रेम है. सलमान खान ने पिछली बार २०११ में रिलीज़ अनीस बज्मी की फिल्म 'रेडी' में प्रेम का रोल दिया था. लेकिन, प्रेम रतन धन पायो सलमान खान के प्रेम की घर वापसी भी होगी. सलमान खान को ऑन स्क्रीन प्रेम नाम सूरज बडजात्या ने ही अपने निर्देशन की पहली फिल्म 'मैंने प्यार किया' में दिया था. इस फिल्म के बाद सलमान खान प्रेम करैक्टर में हिट हो गए. उन्होंने 'मैंने प्यार किया' के बाद अंदाज़ अपना अपना, हम आपके हैं कौन, जुड़वां, दीवाना मस्ताना, बीवी नंबर वन, सिर्फ तुम, हम साथ साथ हैं, चल मेरे भाई, कहीं प्यार न हो जाये, नो एंट्री, पार्टनर, मारीगोल्ड: अन एडवेंचर इन इंडिया में भी प्रेम नाम वाले किरदार किये. प्रेम नाम सलमान खान की स्क्रीन इमेज पर फबता है, भोला, सीधा सादा, प्रेम करने वाला प्रेम. सलमान खान पर राजा, राजू और राज नाम भी फबते हैं. आकाश और समीर भी उन्ही के किरदार हैं. जुड़वाँ में उनके प्रेम और राजा नाम थे. सूरज बडजात्या के साथ उन्होंने आखिरी बार १९९९ में फिल्म हम साथ साथ हैं में प्रेम किरदार किया था. सूरज बडजात्या सलमान खान के साथ प्रेम किरदार लेकर कितना सफल रहे, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मैं प्रेम की दीवानी हूँ में हृथिक रोशन और अभिषेक बच्चन के प्रेम भी फिल्म को हिट नहीं बना पाए. राजश्री की फिल्म विवाह में प्रेम का किरदार तो सफल हो गया, लेकिन एक विवाह ऐसा भी में यह बिलकुल फ्लॉप साबित हुआ.
क्या उम्मीद की जा सकती है कि सलमान खान का प्रेम सूरज बडजात्या के साथ मिल कर फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' को बड़ी हिट बना पायेगा !
क्या उम्मीद की जा सकती है कि सलमान खान का प्रेम सूरज बडजात्या के साथ मिल कर फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' को बड़ी हिट बना पायेगा !
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ये ल्लों !!!
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Sunday, 27 September 2015
भिन्न संस्कृतियों का टकराव है 'लव एक्सचेंज'
बॉलीवुड की रोमांटिक कॉमेडी फिल्मों की परम्परा में निर्माता नाडिया की राज वी शेट्टी निर्देशित फिल्म 'लव एक्सचेंज' भी है । यह कहानी हैं एक ही दफ़्तर में काम करने वाले युवा सिड और शानू की। दोनों एक दूसरे को बेहद प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं। लेकिन, इसमे आड़े आती है उन दोनों की भिन्न संस्कृतियाँ। सिड साठे परिवार से और शानू कपूर है। दोनों की शादी न हो, इसलिए कपूर और साठे परिवार उनके सामने शर्त रखता है कि सिड पंजाबी कपूर परिवार में और शानू महाराष्ट्रियन साठे परिवार में तीन महीने तक रहेंगे । इसके बाद इस शादी के बारे में तय किया जायेगा। क्या यह शादी होती है ! यही उत्सुकता दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींच कर लाती है। लेकिन, हिंदी फिल्मों का क्लाइमेक्स तो एक जैसा होता है। पर दर्शक 'लव एक्सचेंज' देखने आएंगे यह देखने के लिए कि यह कैसे होता है। इस फिल्म की रोमांटिक भूमिका में मोहित मदन और ज्योति शर्मा हैं। सपोर्टिंग रोल में मनोज पाहवा, नीलू कोहली, शमा देशपांडे और राजू खेर हैं। पिछले दिनों इस फिल्म का पोस्टर अँधेरी के गणेश पंडाल में रिलीज़ हुआ। जब इस फिल्म की यूएसपी के बारे में निर्देशक राज शेट्टी से पूछा गया तो उन्होंने कहा, "प्यार तूफ़ान भी होता है और ठंडी हवा का झोंका भी।"
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नए चेहरे
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
आदित्य चोपड़ा की अगली फिल्म का नाम होगा 'बेफ़िक्रे'
'रब ने बना दी जोड़ी' के सात साल बाद निर्देशक आदित्य चोपड़ा किसी फिल्म का निर्देशन करने जा रहे हैं। इस फिल्म को खुद आदित्य चोपड़ा ने लिखा है। इस फिल्म का नाम 'बेफ़िक्रे' होगा। इस बात का ऐलान आज रात ठीक बारह बजे उस समय किया, जब घडी की सुइयों ने आदित्य चोपड़ा के पिता यश चोपड़ा की ८३ वी वर्षगाँठ का ऐलान किया। फिल्म का ऐलान आदित्य चोपड़ा के लिखित बयान के द्वारा हुआ, जो सोशल साइट्स पर 12AM पर जारी किया गया । इस बयान को आदित्य ने अपने पिता के साथ वार्तालाप के रूप में लिखा है। इसमे वह अपने पिता को फिल्म के लिखने, उसे किसी दूसरे डायरेक्टर को देने के बजाय खुद डायरेक्ट करने के कारणों का खुलासा करते हुए उनसे राय माँगते है और यश चोपड़ा उन्हें फिल्म शुरू करने के लिए कहते हैं । फिलहाल, फिल्म का अन्य विवरण घोषित नहीं हुआ हैं।
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आज जी
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Saturday, 26 September 2015
यह बॉलीवुड स्टाइल फ्लर्टिंग है
बॉलीवुड को रील लाइफ में भी फ्लर्टिंग रास आती है। थ्रिलर फिल्मों के फन में उस्ताद अब्बास-मुस्तान की जोड़ी इस बार फ्लर्टिंग में हाथ आजमा रही है। इस जोड़ी की फिल्म 'किस किस को प्यार करू' कहानी है चार नाम शिव, राम, किशन और कुमार वाले एक ही व्यक्ति की है, जिसकी एक ही अपार्टमेंट में रहने वाली तीन बीवियां है। अब होता क्या है कि वह तीन औरतों के होते हुए भी चौथी से फ़्लर्ट करने लगता है। यह बॉलीवुड स्टाइल की फ्लर्टिंग है कि एक ही आदमी चार चार औरतों से फ़्लर्ट करता है।
फ्लर्टिंग कर बुरे फंसे
बॉलीवुड फिल्मों में फ्लर्टिंग के रूप अनेक है। कॉमेडी के लिहाज़ से एक आदमी दो या तीन औरते और इन दो या तीन औरतों के बीच फंसे आदमी की बेचारगी, दर्शकों को हंसा हंसा कर लोट पोट कर देती है। स्टैंडअप कॉमेडियन कपिल शर्मा की फिल्म 'किस किस को प्यार करू' के केंद्र में भी हास्य है। ऎसी फिल्में इस प्रकार के अनैतिक संबंधों को हंसने हंसाने के लिए मान्यता देती हैं। कॉमेडी फिल्मों के बादशाह गोविंदा साजन चले ससुराल और सैंडविच में दो बीवियों के बीच फंसे पति बने थे। दर्शक उनकी बेचारगी पर हँसता है। लेकिन, अंत में उनकी दोनों रील लाइफ बीवियां उनकी शादियों को मंज़ूरी दे देती हैं। लेकिन, क्योंकि, मैं झूठ नहीं बोलता और डू नॉट डिस्टर्ब में गोविंदा उस समय बुरे फंसते हैं, जब वह बीवी को छोड़ कर दूसरी औरत से रोमांस करने लगते हैं और रंगे हाथों पकड़े जाते हैं । आखिर में उन्हें अच्छे पति की तरह अपने रोमांस से तौबा करनी पड़ती है। रियल लाइफ में उनके अच्छे दोस्त सलमान खान भी बीवी नंबर १ में बीवी करीना कपूर को छोड़ कर सुष्मिता सेन से प्रेम की पींगे मारने लगते हैं। अब यह बात दीगर है कि गोविंदा की तरह उन्हें भी अपनी रील लाइफ प्रेमिका से तौबा करनी पड़ती है। साजन चले ससुराल के गोविंदा की कहानी की तरह घरवाली बाहरवाली के अनिल कपूर की भी थी। नेपाल घूमने गए अनिल कपूर को रम्भा से शादी करनी पड़ती है। दो बीवियों वाले हीरो की फ़िल्में नायक की हास्यास्पद स्थिति को दर्शाने वाली विशुद्ध कॉमेडी फ़िल्में हैं।
बिरयानी खाने की चाहत
लेकिन, मुसीबत तब होती है जब घरवाली-बाहरवाली फ्लर्टिंग घर की दाल रोटी छोड़ कर बिरयानी का मज़ा लेना बन जाती है। तीन दोस्त विवेक ओबेरॉय, रितेश देशमुख और आफताब शिवदासानी अपनी पत्नियों से ऊबे हुए हैं। आफताब की बीवी तारा शर्मा तो धार्मिक पृवृति की होने के कारण सेक्स के प्रति उदासीन है। इस पर तीनों बहार की बिरयानी का मज़ा लेने निकल पड़ते हैं। इंद्रकुमार की फिल्म मस्ती के यह तीनों लम्पट किरदारों को एक लड़की के कथित मर्डर के अपराध में फंसने के कारण बिरयानी खाने से तौबा करनी पड़ती है। अब यह बात दीगर है कि ग्रैंड मस्ती में यह तीनों किरदार के बार फिर बिरयानी खाने निकल पड़ते हैं। बीवियों के होते हुए फ्लर्टिंग का एक ऐसा ही मसाला नो एंट्री में भी अनीस बज़्मी ने दिखाया था। बाहर की बिरयानी के शौक वाली थीम दर्शकों में हिट हुई।
पति पत्नी और वह
जब पति और पत्नी के बीच दूसरी औरत आती है तो कभी हंसी आती है तो कभी रोना भी। डू नॉट डिस्टर्ब में अनिल कपूर और पति पत्नी और वह में संजीव कुमार कभी खुद को बीमार तो कभी पत्नी को बीमार बता कर दूसरी औरत से सहानुभूति बटोरते हैं। उनका यह प्रयास विशुद्ध रूप से दर्शकों को हंसाता है। लेकिन, इस नायक को उस समय रोना पड़ता है, जब फिल्म की थीम गंभीर हो जाती है। यश चोपड़ा की फिल्म 'दाग' में राजेश खन्ना अपनी दो बीवियों राखी और शर्मीला टैगोर के चक्रव्यूह में फंस जाते हैं। मासूम में तो नसीरुद्दीन शाह का पहली बीवी से एक बच्चा भी है। पति पत्नी और तवायफ में पति और पत्नी के बीच तवायफ आ जाती है तो बड़ा ड्रामा खड़ा हो जाता है। सिलसिला में पति अपने पहले प्यार में लट्टू हो जाता है। इसी प्रकार की कभी कभी, तमाम फ़िल्में किसी न किसी सन्देश के साथ भावाभिनय के लिए देखी जाने वाली फ़िल्में बन गई थी।
जब बन जाती है दूसरी औरत
महेश भट्ट ने फिल्म अर्थ में दूसरी औरत के जरिये महिला अधिकारों की वकालत की थी। जब पति अपनी पत्नी को छोड़ कर दूसरी औरत के पास चला जाता है तो औरत टूट सी जाती है। लेकिन, अर्थ में महेश भट्ट पत्नी को अपने पैरों पर खड़े होने की सलाह देते हैं। 'आखिर क्यों' की नायिका स्मिता पाटिल भी अपने पति के अवैध सम्बन्धो पर सवाल उठाती है कि पति कैसे अवैध सम्बन्ध रख सकता है, जबकि औरत के लिए यह टैबू है। गुलजार की फिल्म 'इजाज़त' का पति अपनी पूर्व महिला मित्र को भूल नहीं पाता और उससे सम्बन्ध रखता है। इस थीम पर दूसरी बहुत सी फ़िल्में बनी हैं। इन फिल्मों को इनके एक्टर्स का अभिनय मील का पत्थर साबित होता है।
फिसल जाती है औरत !
हिंदी फिल्मों ने औरत को भी फिसलते दिखाया है। यह वह समय था, जब वीमेन लिब का नारा पूरे संसार में गूँज रहा था। इसी दौर में हिंदी फिल्मों की नायिका भी फिसली। एक बार फिर की फिल्म एक्टर सुरेश ओबेरॉय की बीवी दीप्ति नवल पति की उपेक्षा और लम्पटपन के कारण एक पेंटर में अपना सुख ढूढती है। एक पल की शबाना आज़मी का पति फारूख शेख अपने काम में बहुत ज़्यादा व्यस्त रहता है। ऐसी समय में शबाना आज़मी के जीवन में उसका पुरुष मित्र नसीरुद्दीन शाह आता है। दोनों के सम्बन्ध हो जाते हैं। माया मेमसाहब में भी दीपा शाही का डॉक्टर पति अपनी क्लिनिक में बिजी रहता है। माया अपनी निजी ज़िंदगी की बोरियत मिटाने के लिए कम उम्र के शाहरुख़ खान से सम्बन्ध बनाती है। अस्तित्व की तब्बू एक बरसाती रात में अपने संगीत टीचर की बाहों में आ समाती है। इस सम्बन्ध से उनके एक लड़का होता है। काफी साल बाद यह राज खुलता है तो उसका अवैध संबंधों से पैदा बेटा भी उसे निकाल देता है। मर्डर की मल्लिका शेरावत भी पति को धोखा देकर अपने दोस्त से सेक्सुअल रिलेशन बनाती हैं। जिस्म में एक बूढ़े आदमी की औरत बिपाशा बासु एक युवा वकील को अपने शारीरिक जाल में फंसा कर पति की हत्या करवाती है। यह सभी फ़िल्में बोल्ड कथानक, नायिका के सेक्स दृश्यों और चुम्बनों, आदि के कारण चर्चित हुई।
बॉलीवुड में अडल्ट्री थीम पर फिल्मों की भरमार है। बोलडनेस के लिहाज़ से ऐसा कथानक सभी को रास आता है। यह कारण है कि लाइफ इन अ मेट्रो, चितकबरे, ज़हर, सलाम ए इश्क़, हैदर, साहब बीवी और गुलाम, बस एक पल, डार्लिंग, हवस, आदि ढेरों फिल्मों में अवैध सम्बन्ध रखने वाले किरदार नज़र आते हैं। दिलचस्प तथ्य यह कि ज़्यादातर फ़िल्में चर्चित हो जाती हैं और हिट भी।
फ्लर्टिंग कर बुरे फंसे
बॉलीवुड फिल्मों में फ्लर्टिंग के रूप अनेक है। कॉमेडी के लिहाज़ से एक आदमी दो या तीन औरते और इन दो या तीन औरतों के बीच फंसे आदमी की बेचारगी, दर्शकों को हंसा हंसा कर लोट पोट कर देती है। स्टैंडअप कॉमेडियन कपिल शर्मा की फिल्म 'किस किस को प्यार करू' के केंद्र में भी हास्य है। ऎसी फिल्में इस प्रकार के अनैतिक संबंधों को हंसने हंसाने के लिए मान्यता देती हैं। कॉमेडी फिल्मों के बादशाह गोविंदा साजन चले ससुराल और सैंडविच में दो बीवियों के बीच फंसे पति बने थे। दर्शक उनकी बेचारगी पर हँसता है। लेकिन, अंत में उनकी दोनों रील लाइफ बीवियां उनकी शादियों को मंज़ूरी दे देती हैं। लेकिन, क्योंकि, मैं झूठ नहीं बोलता और डू नॉट डिस्टर्ब में गोविंदा उस समय बुरे फंसते हैं, जब वह बीवी को छोड़ कर दूसरी औरत से रोमांस करने लगते हैं और रंगे हाथों पकड़े जाते हैं । आखिर में उन्हें अच्छे पति की तरह अपने रोमांस से तौबा करनी पड़ती है। रियल लाइफ में उनके अच्छे दोस्त सलमान खान भी बीवी नंबर १ में बीवी करीना कपूर को छोड़ कर सुष्मिता सेन से प्रेम की पींगे मारने लगते हैं। अब यह बात दीगर है कि गोविंदा की तरह उन्हें भी अपनी रील लाइफ प्रेमिका से तौबा करनी पड़ती है। साजन चले ससुराल के गोविंदा की कहानी की तरह घरवाली बाहरवाली के अनिल कपूर की भी थी। नेपाल घूमने गए अनिल कपूर को रम्भा से शादी करनी पड़ती है। दो बीवियों वाले हीरो की फ़िल्में नायक की हास्यास्पद स्थिति को दर्शाने वाली विशुद्ध कॉमेडी फ़िल्में हैं।
बिरयानी खाने की चाहत
लेकिन, मुसीबत तब होती है जब घरवाली-बाहरवाली फ्लर्टिंग घर की दाल रोटी छोड़ कर बिरयानी का मज़ा लेना बन जाती है। तीन दोस्त विवेक ओबेरॉय, रितेश देशमुख और आफताब शिवदासानी अपनी पत्नियों से ऊबे हुए हैं। आफताब की बीवी तारा शर्मा तो धार्मिक पृवृति की होने के कारण सेक्स के प्रति उदासीन है। इस पर तीनों बहार की बिरयानी का मज़ा लेने निकल पड़ते हैं। इंद्रकुमार की फिल्म मस्ती के यह तीनों लम्पट किरदारों को एक लड़की के कथित मर्डर के अपराध में फंसने के कारण बिरयानी खाने से तौबा करनी पड़ती है। अब यह बात दीगर है कि ग्रैंड मस्ती में यह तीनों किरदार के बार फिर बिरयानी खाने निकल पड़ते हैं। बीवियों के होते हुए फ्लर्टिंग का एक ऐसा ही मसाला नो एंट्री में भी अनीस बज़्मी ने दिखाया था। बाहर की बिरयानी के शौक वाली थीम दर्शकों में हिट हुई।
पति पत्नी और वह
जब पति और पत्नी के बीच दूसरी औरत आती है तो कभी हंसी आती है तो कभी रोना भी। डू नॉट डिस्टर्ब में अनिल कपूर और पति पत्नी और वह में संजीव कुमार कभी खुद को बीमार तो कभी पत्नी को बीमार बता कर दूसरी औरत से सहानुभूति बटोरते हैं। उनका यह प्रयास विशुद्ध रूप से दर्शकों को हंसाता है। लेकिन, इस नायक को उस समय रोना पड़ता है, जब फिल्म की थीम गंभीर हो जाती है। यश चोपड़ा की फिल्म 'दाग' में राजेश खन्ना अपनी दो बीवियों राखी और शर्मीला टैगोर के चक्रव्यूह में फंस जाते हैं। मासूम में तो नसीरुद्दीन शाह का पहली बीवी से एक बच्चा भी है। पति पत्नी और तवायफ में पति और पत्नी के बीच तवायफ आ जाती है तो बड़ा ड्रामा खड़ा हो जाता है। सिलसिला में पति अपने पहले प्यार में लट्टू हो जाता है। इसी प्रकार की कभी कभी, तमाम फ़िल्में किसी न किसी सन्देश के साथ भावाभिनय के लिए देखी जाने वाली फ़िल्में बन गई थी।
जब बन जाती है दूसरी औरत
महेश भट्ट ने फिल्म अर्थ में दूसरी औरत के जरिये महिला अधिकारों की वकालत की थी। जब पति अपनी पत्नी को छोड़ कर दूसरी औरत के पास चला जाता है तो औरत टूट सी जाती है। लेकिन, अर्थ में महेश भट्ट पत्नी को अपने पैरों पर खड़े होने की सलाह देते हैं। 'आखिर क्यों' की नायिका स्मिता पाटिल भी अपने पति के अवैध सम्बन्धो पर सवाल उठाती है कि पति कैसे अवैध सम्बन्ध रख सकता है, जबकि औरत के लिए यह टैबू है। गुलजार की फिल्म 'इजाज़त' का पति अपनी पूर्व महिला मित्र को भूल नहीं पाता और उससे सम्बन्ध रखता है। इस थीम पर दूसरी बहुत सी फ़िल्में बनी हैं। इन फिल्मों को इनके एक्टर्स का अभिनय मील का पत्थर साबित होता है।
फिसल जाती है औरत !
हिंदी फिल्मों ने औरत को भी फिसलते दिखाया है। यह वह समय था, जब वीमेन लिब का नारा पूरे संसार में गूँज रहा था। इसी दौर में हिंदी फिल्मों की नायिका भी फिसली। एक बार फिर की फिल्म एक्टर सुरेश ओबेरॉय की बीवी दीप्ति नवल पति की उपेक्षा और लम्पटपन के कारण एक पेंटर में अपना सुख ढूढती है। एक पल की शबाना आज़मी का पति फारूख शेख अपने काम में बहुत ज़्यादा व्यस्त रहता है। ऐसी समय में शबाना आज़मी के जीवन में उसका पुरुष मित्र नसीरुद्दीन शाह आता है। दोनों के सम्बन्ध हो जाते हैं। माया मेमसाहब में भी दीपा शाही का डॉक्टर पति अपनी क्लिनिक में बिजी रहता है। माया अपनी निजी ज़िंदगी की बोरियत मिटाने के लिए कम उम्र के शाहरुख़ खान से सम्बन्ध बनाती है। अस्तित्व की तब्बू एक बरसाती रात में अपने संगीत टीचर की बाहों में आ समाती है। इस सम्बन्ध से उनके एक लड़का होता है। काफी साल बाद यह राज खुलता है तो उसका अवैध संबंधों से पैदा बेटा भी उसे निकाल देता है। मर्डर की मल्लिका शेरावत भी पति को धोखा देकर अपने दोस्त से सेक्सुअल रिलेशन बनाती हैं। जिस्म में एक बूढ़े आदमी की औरत बिपाशा बासु एक युवा वकील को अपने शारीरिक जाल में फंसा कर पति की हत्या करवाती है। यह सभी फ़िल्में बोल्ड कथानक, नायिका के सेक्स दृश्यों और चुम्बनों, आदि के कारण चर्चित हुई।
बॉलीवुड में अडल्ट्री थीम पर फिल्मों की भरमार है। बोलडनेस के लिहाज़ से ऐसा कथानक सभी को रास आता है। यह कारण है कि लाइफ इन अ मेट्रो, चितकबरे, ज़हर, सलाम ए इश्क़, हैदर, साहब बीवी और गुलाम, बस एक पल, डार्लिंग, हवस, आदि ढेरों फिल्मों में अवैध सम्बन्ध रखने वाले किरदार नज़र आते हैं। दिलचस्प तथ्य यह कि ज़्यादातर फ़िल्में चर्चित हो जाती हैं और हिट भी।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Friday, 25 September 2015
निर्माता टी पी अग्रवाल और अभय सिन्हा ने इम्पा के चुनाव से पहले अपनी टीम मीडिया को बताई
टी पी अग्रवाल और अभय सिन्हा ने अँधेरी के द क्लब में पार्टी रखी जहाँ इन्होने अपनी टीम को मीडिया और मेहमानों से रूबरू करवाया।इस इवेंट में ५०० से ज़्यादा लोग आये। कॉमेडियन सुनील पाल ,रवि किशन ,मोनालिसा ,अनारा गुप्ता ,राजू मवानी ,विजय बंसल ,अमित ,अशोक पंडित ,दुर्गा प्रसाद और कई हिंदी व भोजपुरी जगत के कलाकार और निर्माता आये। २९ सितंबर को होने वाले इम्पा एलेक्शन के बाद टी पी अग्रवाल की टीम का निम्नलिखित मुद्दों को उठाने का वादा किया -
1.सेंसर बोर्ड के निरंकुश रवैये को मिनिस्ट्री ऑफ़ इंफोर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग और सरकारी महकमे तक पहुँचाना और विशेष रूप से सेंसर बोर्ड की कठोरता के विरुद्ध आवाज़ उठाना और अभिव्यक्ति के बुनियादी अधिकार को बचाना.
2. एनिमल वेलफेयर बोर्ड और इसके नियमों से लड़ना,जिनके कारण जानवरों के साथ फिल्म बनाना असंभव जैसी बात हो गई है.
3. डिजिटल प्लेयर्स से दाम कम करने के मामले को उठाना ,जिसमे शो का चार्ज,ट्रेलर दिखाने का चार्ज और डिजिटाइजेशन शामिल हैं इसमें यू एफ ओ का मामला भी है जो चार्ज बढ़ाता जा रहा है जिसके कारण छोटी फिल्मे रिलीज़ नहीं हो पातीं.
4. कॉर्पोरेट के खिलाड़ियों के ख़िलाफ़ लड़ना जिन्होंने ९० प्रतिशत कारोबार को निगल लिया है और अब वह छोटे और स्वतंत्र निर्माताओं से बचे हुए १० प्रतिशत बिज़नस को भी छीन रहे हैं.
5. इम्पा हॉउस में एक प्रिविव थेटर बनाना ताकि मेंबर्स अपनी फिल्मे प्रति स्क्रीन मात्र ४५०० में दिखा सकें।
6. सच्ची प्रतिभाओं को इनाम से नवाज़ने के लिए एक सालाना अवार्ड्स नाइट्स का आयोजन।
7. गुजराती ,मराठी और भोजपुरी सहित सभी रीजनल भाषाओँ की फिल्मो के निर्माताओं की समस्याओं को हल करना ताकि सरकार से मिलने वाली सब्सिडी उन्हें प्राप्त हो सके.
8. दूरदर्शन के साथ निर्माताओं की समस्याओं को उजागर करना ,डीडी उर्दू,डीडी किसान और डीडी कश्मीर के प्रोग्राम एग्रिमेंट्स सहित प्रसार भारती के साथ विचाराधीन कई महत्वपूर्ण समस्याओं को उभारना। डीडी नार्थ ईस्ट और डीडी के दूसरे चैनल्स को खुलवाना। प्रसार भारती के प्रोग्राम में फंडिंग के लिए मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर्स को प्रेज़ेन्टेशन देना।
9. सभी सैटेलाईट चैनलों से उन फिल्मो के सैटेलाइट राइट्स लेने के बारे में बातचीत करना जिन्हे उन्होंने रोक रखा है जिस की वजह से छोटी फिल्मो और कम बजट की फिल्मो के लिए समस्याएं जन्म लेती हैं। चैनलों से फिल्म के प्रोमो कम चार्ज पर चलाने के सिलसिले में भी बात करनी है।
1०. मल्टीप्लेक्स थेटर्स से कम बजट वाली फिल्मो को दिखाने के सम्बन्ध में बातचीत करना।सेंसर बोर्ड द्वारा पास सभी फिल्मो को मल्टीप्लेक्स थेटर्स में दिखाया जाना अनिवार्य बनाया जाय क्योंकि इनके पास तीन या उनसे ज़्यादा स्क्रीन्स होते हैं और इन दिनों ज़्यादातर शहरों में सिंगल स्क्रीन थेटर नहीं होते। किसी भी कारोबार की मोनोपॉली करना कानून के ख़िलाफ़ है। मल्टीप्लेक्स ने एक अजीब स्थिति पैदा कर दी है और इंडिविजुअल प्रोड्यूसर्स का शोषण कर रहे हैं हम इनके खिलाफ लड़ेंगे .
11. इंडिविजुअल प्रोड्यूसर्स के लिए पब्लिसिटी डिस्प्ले चार्ज और मल्टीप्लेक्स थेटर के द्वारा ट्रेलर दिखाने का चार्ज जल्द से जल्द बंद होना चाहिए
12. 2 के और 4 के चार्ज हफ्ते के हिसाब से लगाया जाना चाहिए मल्टीप्लेक्स में कुछ हफ्ते बाद इस चार्ज को कम किया जाना चाहिए ताकि रिलीज़ के तीन चार हफ्ते बाद छोटी फिल्मे प्रदर्शित हो सकें।
13 . प्रिंट मीडिआ विशेष रूप से टाईम्स ऑफ़ इंडिया से अनुकूल रेट के सिलसिले में बातचीत करना।
सभी सदस्यों के लिए क़ानूनी मदद उपलब्ध है एक ऑफिशियल एडवोकेट हैं और एक लीगल कन्सल्टन्ट की नियुक्ति हो चुकी है इससे सदस्यों को क़ानूनी सहायता लेने में मदद मिलेगी और वह भी बिना लीगल फ़ीस दिए हुए.
2. एनिमल वेलफेयर बोर्ड और इसके नियमों से लड़ना,जिनके कारण जानवरों के साथ फिल्म बनाना असंभव जैसी बात हो गई है.
3. डिजिटल प्लेयर्स से दाम कम करने के मामले को उठाना ,जिसमे शो का चार्ज,ट्रेलर दिखाने का चार्ज और डिजिटाइजेशन शामिल हैं इसमें यू एफ ओ का मामला भी है जो चार्ज बढ़ाता जा रहा है जिसके कारण छोटी फिल्मे रिलीज़ नहीं हो पातीं.
4. कॉर्पोरेट के खिलाड़ियों के ख़िलाफ़ लड़ना जिन्होंने ९० प्रतिशत कारोबार को निगल लिया है और अब वह छोटे और स्वतंत्र निर्माताओं से बचे हुए १० प्रतिशत बिज़नस को भी छीन रहे हैं.
5. इम्पा हॉउस में एक प्रिविव थेटर बनाना ताकि मेंबर्स अपनी फिल्मे प्रति स्क्रीन मात्र ४५०० में दिखा सकें।
6. सच्ची प्रतिभाओं को इनाम से नवाज़ने के लिए एक सालाना अवार्ड्स नाइट्स का आयोजन।
7. गुजराती ,मराठी और भोजपुरी सहित सभी रीजनल भाषाओँ की फिल्मो के निर्माताओं की समस्याओं को हल करना ताकि सरकार से मिलने वाली सब्सिडी उन्हें प्राप्त हो सके.
8. दूरदर्शन के साथ निर्माताओं की समस्याओं को उजागर करना ,डीडी उर्दू,डीडी किसान और डीडी कश्मीर के प्रोग्राम एग्रिमेंट्स सहित प्रसार भारती के साथ विचाराधीन कई महत्वपूर्ण समस्याओं को उभारना। डीडी नार्थ ईस्ट और डीडी के दूसरे चैनल्स को खुलवाना। प्रसार भारती के प्रोग्राम में फंडिंग के लिए मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर्स को प्रेज़ेन्टेशन देना।
9. सभी सैटेलाईट चैनलों से उन फिल्मो के सैटेलाइट राइट्स लेने के बारे में बातचीत करना जिन्हे उन्होंने रोक रखा है जिस की वजह से छोटी फिल्मो और कम बजट की फिल्मो के लिए समस्याएं जन्म लेती हैं। चैनलों से फिल्म के प्रोमो कम चार्ज पर चलाने के सिलसिले में भी बात करनी है।
1०. मल्टीप्लेक्स थेटर्स से कम बजट वाली फिल्मो को दिखाने के सम्बन्ध में बातचीत करना।सेंसर बोर्ड द्वारा पास सभी फिल्मो को मल्टीप्लेक्स थेटर्स में दिखाया जाना अनिवार्य बनाया जाय क्योंकि इनके पास तीन या उनसे ज़्यादा स्क्रीन्स होते हैं और इन दिनों ज़्यादातर शहरों में सिंगल स्क्रीन थेटर नहीं होते। किसी भी कारोबार की मोनोपॉली करना कानून के ख़िलाफ़ है। मल्टीप्लेक्स ने एक अजीब स्थिति पैदा कर दी है और इंडिविजुअल प्रोड्यूसर्स का शोषण कर रहे हैं हम इनके खिलाफ लड़ेंगे .
11. इंडिविजुअल प्रोड्यूसर्स के लिए पब्लिसिटी डिस्प्ले चार्ज और मल्टीप्लेक्स थेटर के द्वारा ट्रेलर दिखाने का चार्ज जल्द से जल्द बंद होना चाहिए
12. 2 के और 4 के चार्ज हफ्ते के हिसाब से लगाया जाना चाहिए मल्टीप्लेक्स में कुछ हफ्ते बाद इस चार्ज को कम किया जाना चाहिए ताकि रिलीज़ के तीन चार हफ्ते बाद छोटी फिल्मे प्रदर्शित हो सकें।
13 . प्रिंट मीडिआ विशेष रूप से टाईम्स ऑफ़ इंडिया से अनुकूल रेट के सिलसिले में बातचीत करना।
सभी सदस्यों के लिए क़ानूनी मदद उपलब्ध है एक ऑफिशियल एडवोकेट हैं और एक लीगल कन्सल्टन्ट की नियुक्ति हो चुकी है इससे सदस्यों को क़ानूनी सहायता लेने में मदद मिलेगी और वह भी बिना लीगल फ़ीस दिए हुए.
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
कॉमेडी की ज़बरदस्त डोज 'किस किस को प्यार करू'
हंसाने के लिए ज़रूरी नहीं ओवरडोज़। ठीक ठाक, संतुलित सिचुएशन, संवाद और अभिनय का मिश्रण हो तो दर्शकों की हँसी रोके नहीं रुक सकती। उन्हें तो हंसना ही है। अब्बास-मुस्तन की न्रिदेशक जोड़ी 'किस किस को प्यार करू' में कुछ ऐसा ही इरादा जताते नज़र आती है। एक कपिल शर्मा ! तीन बीवियां (साईं लुकुर, मंजरी फडनिस और सिमरन कौर मुंडी) ! यानि एक पति, तीन पत्नियाँ और चौथी वह (एली एवरम)!!! इन सबके बीच कई पात्र (कपिल शर्मा के माता-पिता सुप्रिया पाठक और शरत सक्सेना, वकील दोस्त करण वरुण शर्मा, कपिल शर्मा का बहरा साला बने अरबाज़ खान) . सब ज़बरदस्त हास्य की रचना करते हैं. वरुण शर्मा की साइंस का फंडा और अरबाज़ खान का बहरापन हंसा हंसा कर लोट पोट कर देता है। अकेले कपिल शर्मा, चाहे खड़े हों या बैठे हों, हंसाते हैं और सिर्फ हंसाते हैं. हर बीवी के साथ उनकी बेबसी दर्शकों को पेट पकड़ने के लिए मजबूर कर देती है. अब्बास-मुस्तन की निर्देशक जोड़ी का कपिल शर्मा का कॉमेडी त्रिकोण ज़बरदस्त है. लेकिन, इस तिकड़ी को
मक़बूल करती है अनुकल्प गोस्वामी और धीरज सरना की स्क्रीनप्ले और डायलाग राइटर जोडी। इन दोनों ने कपिल शर्मा की तीन बीवियों और वकील दोस्त के रहने के लिए कॉकटेल टावर्स की ईजाद की है। हर बीवी के लिए हेड ऑफिस, ब्रांच ऑफिस और रीजनल ऑफिस का फंडा अपने आप में यूनिक और हास्य पैदा करने वाला है। अब्बास मुस्तन की जोड़ी की यह पहली कॉमेडी फिल्म है। उन्होंने अपनी थ्रिलर फिल्मो की तरह दिलचस्प दृश्य रचना की है। कपिल शर्मा का ऑफिस जाते समय बिल्डिंग के नीचे से अपनी तीनों बीवियों को बाय बाय करना और वाचमैन का इस दृश्य को बड़े कौतूहल से देखना, कल्पनाशीलता का अच्छा नमूना है। करवाचौथ के दिन कपिल शर्मा के चरित्र का एक ही समय अपनी पत्नियों के सामने आना भी हंसाने वाला यूनिक कल्पना है। गीत संगीत ठीक ठाक हैं। एली एवरम ने अपने निर्माताओं वीनस रिकार्ड्स एंड टेप के डिस्को गर्ल के पैसे बचवा दिए हैं। वह क्लब गर्ल का जिम्मा भी उठाती हैं। इस फिल्म को कपिल शर्मा के लिए ही नहीं, किसी के लिए भी देख सकते हैं। एक बार तो ज़रूर देखी जा सकती है- किस किस को प्यार करू.
मक़बूल करती है अनुकल्प गोस्वामी और धीरज सरना की स्क्रीनप्ले और डायलाग राइटर जोडी। इन दोनों ने कपिल शर्मा की तीन बीवियों और वकील दोस्त के रहने के लिए कॉकटेल टावर्स की ईजाद की है। हर बीवी के लिए हेड ऑफिस, ब्रांच ऑफिस और रीजनल ऑफिस का फंडा अपने आप में यूनिक और हास्य पैदा करने वाला है। अब्बास मुस्तन की जोड़ी की यह पहली कॉमेडी फिल्म है। उन्होंने अपनी थ्रिलर फिल्मो की तरह दिलचस्प दृश्य रचना की है। कपिल शर्मा का ऑफिस जाते समय बिल्डिंग के नीचे से अपनी तीनों बीवियों को बाय बाय करना और वाचमैन का इस दृश्य को बड़े कौतूहल से देखना, कल्पनाशीलता का अच्छा नमूना है। करवाचौथ के दिन कपिल शर्मा के चरित्र का एक ही समय अपनी पत्नियों के सामने आना भी हंसाने वाला यूनिक कल्पना है। गीत संगीत ठीक ठाक हैं। एली एवरम ने अपने निर्माताओं वीनस रिकार्ड्स एंड टेप के डिस्को गर्ल के पैसे बचवा दिए हैं। वह क्लब गर्ल का जिम्मा भी उठाती हैं। इस फिल्म को कपिल शर्मा के लिए ही नहीं, किसी के लिए भी देख सकते हैं। एक बार तो ज़रूर देखी जा सकती है- किस किस को प्यार करू.
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फिल्म समीक्षा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Thursday, 24 September 2015
रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण का 'तमाशा' (फोटोज)
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फोटो फीचर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
हिंदी फ़िल्म "डम डम डिगा डिगा" का मुहूर्त
लहर एंटरटेनमेंट के बैनर तले निर्माता हर्षादीप सासन और सह निर्माता शीतल राजवीर मराठी फिल्म 'ओलख माय आयडेंटीटी' के बाद हिंदी फिल्म का निर्माण करने जा रहे हैं। 'डम डम डिगा डिगा' टाइटल वाली इस हिंदी फ़िल्म का मुहूर्त हांल ही में मुंबई में बड़ी जोर शोर से श्री गणेश पूजा के साथ किया गया । फिल्म का निर्देशन जमील खान कर करे हैं। फिल्म की कहानी लिखी है स्वप्नील महालिंग ने और संगीत दिया है प्रणय प्रधान ने । प्यार और दोस्ती के अनूठे रिश्तें को एक मर्मस्पर्शी कथानक में बडी सादगी से पिरोया गया हैं । इस फिल्म की अनोखी कहानी में दर्शकों को रोमियो, जूलियट और मजनू की अनूठी दोस्ती और प्यार तो नजर आयेगा ही, साथ मैं कई रोमांचक मोड भी होंगे और एक्शन से भरपूर दृश्यों का मजा भी मिलेगा। फ़िल्म की प्रमुख भूमिका में प्रखर, रूद्र और पिहू गुप्ता नजर आएंगे। इन नए चेहरों के साथ बॉलीवुड की कई जानी मानी हस्तियां भी फ़िल्म में शामिल की गई हैं । 'डम डम डिगा डिगा' की शूटिंग मुंबई, लखनऊ और कानपुर में की जायेगी ।
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आज जी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बॉक्स ऑफिस पर सबसे छोटे सुपर मैन का बड़ा कारनामा
मार्वल का सबसे छोटा सुपर हीरो, मार्वल के लिए बड़ी सफलता लेकर आया है। मार्वल की सबसे छोटे सुपर हीरो चींटे पर फिल्म 'अंट-मैन' ने सबसे ज्यादा डोमेस्टिक बॉक्स ऑफिस कलेक्शन का एक अलग सा रिकॉर्ड कायम कर लिया है। इस फिल्म ने ,मार्वल के ही दो अन्य सुपर हीरो कैप्टेन अमेरिका और हल्क को बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के मामले में पछाड़ दिया है। फ़ोर्ब्स के अनुसार अंट-मैन ने १७७ मिलियन डॉलर का डोमेस्टिक कलेक्शन कर मार्वल की एक दूसरी सुपर हीरो फिल्म 'कैप्टेन अमेरिका: द फर्स्ट एवेंजर' के १७६.६ मिलियन डॉलर के डोमेस्टिक कलेक्शन को ध्वस्त कर दिया है। हालाँकि, मार्वेल सिनेमेटिक यूनिवर्स की सुपर हीरो फिल्मों के लिहाज़ से 'अंट-मैन' का कलेक्शन तीसरा सबसे खराब कलेक्शन है। डोमेस्टिक बॉक्स ऑफिस पर सबसे कम कलेक्शन करने के लिहाज़ से १३० मिलियन डॉलर के कलेक्शन के साथ 'द इनक्रेडिबल हल्क' सबसे निचली पायदान पर है। जहाँ तक फिल्म के बजट का सवाल है, अंट-मैन मार्वेल की सबसे कम बजट से बनी फिल्म है। 'अंट-मैन' के निर्माण में १३० मिलियन डॉलर खर्च हुए थे। कैप्टेन अमेरिका: द फर्स्ट एवेंजर' १४० मिलियन डॉलर और 'द इनक्रेडिबल हल्क' १५० मिलियन डॉलर के बजट से बनी फ़िल्में थी। यहाँ एक ख़ास बात और यह भी है कि 'अंट-मैन' अब तक ४०१ मिलियन डॉलर का वर्ल्डवाइड कलेक्शन कर चुकी है। अभी इस फिल्म को चीन के बॉक्स ऑफिस पर रिलीज़ होना बाकी है। चीन का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 'अंट-मैन' को मार्वेल के एक अन्य सुपर हीरो 'थॉर' के वर्ल्ड वाइड बॉक्स ऑफिस कलेक्शन से आगे कर देगा। थॉर ने वर्ल्ड वाइड कलेक्शन ४४९ मिलियन डॉलर किया था।
मार्वल का सबसे छोटा सुपर हीरो, मार्वल के लिए बड़ी सफलता लेकर आया है। मार्वल की सबसे छोटे सुपर हीरो चींटे पर फिल्म 'अंट-मैन' ने सबसे ज्यादा डोमेस्टिक बॉक्स ऑफिस कलेक्शन का एक अलग सा रिकॉर्ड कायम कर लिया है। इस फिल्म ने ,मार्वल के ही दो अन्य सुपर हीरो कैप्टेन अमेरिका और हल्क को बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के मामले में पछाड़ दिया है। फ़ोर्ब्स के अनुसार अंट-मैन ने १७७ मिलियन डॉलर का डोमेस्टिक कलेक्शन कर मार्वल की एक दूसरी सुपर हीरो फिल्म 'कैप्टेन अमेरिका: द फर्स्ट एवेंजर' के १७६.६ मिलियन डॉलर के डोमेस्टिक कलेक्शन को ध्वस्त कर दिया है। हालाँकि, मार्वेल सिनेमेटिक यूनिवर्स की सुपर हीरो फिल्मों के लिहाज़ से 'अंट-मैन' का कलेक्शन तीसरा सबसे खराब कलेक्शन है। डोमेस्टिक बॉक्स ऑफिस पर सबसे कम कलेक्शन करने के लिहाज़ से १३० मिलियन डॉलर के कलेक्शन के साथ 'द इनक्रेडिबल हल्क' सबसे निचली पायदान पर है। जहाँ तक फिल्म के बजट का सवाल है, अंट-मैन मार्वेल की सबसे कम बजट से बनी फिल्म है। 'अंट-मैन' के निर्माण में १३० मिलियन डॉलर खर्च हुए थे। कैप्टेन अमेरिका: द फर्स्ट एवेंजर' १४० मिलियन डॉलर और 'द इनक्रेडिबल हल्क' १५० मिलियन डॉलर के बजट से बनी फ़िल्में थी। यहाँ एक ख़ास बात और यह भी है कि 'अंट-मैन' अब तक ४०१ मिलियन डॉलर का वर्ल्डवाइड कलेक्शन कर चुकी है। अभी इस फिल्म को चीन के बॉक्स ऑफिस पर रिलीज़ होना बाकी है। चीन का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 'अंट-मैन' को मार्वेल के एक अन्य सुपर हीरो 'थॉर' के वर्ल्ड वाइड बॉक्स ऑफिस कलेक्शन से आगे कर देगा। थॉर ने वर्ल्ड वाइड कलेक्शन ४४९ मिलियन डॉलर किया था।
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आनंद राय और मुदस्सर अज़ीज़ की अगली फिल्म 'हैप्पी भाग जाएगी' में पाकिस्तानी अभिनेत्री
'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' जैसी १५० करोड़ कमाने वाली फिल्म के बाद निर्माता निर्देशक आनंद राय अपने आगामी प्रोजेक्ट में जुट गए है। उनके इस प्रोजेक्ट का नाम 'हैप्पी भाग जाएगी' है। इस फिल्म का निर्माण कलर येलो प्रोडक्शन के तले किया जा रहा है। इस फिल्म का निर्देशन मुदस्सर अज़ीज़ कर रहे है । इस फिल्म की मुख्य भूमिका में अभय देओल और डायना पेंटी होंगी । हैप्पी भाग जायेगी की शूटिंग १ सितम्बर से पंजाब और चंडीगड़ में शुरू जाएगी । इस फिल्म में एक और नया चेहरा नजर आएगा जो की आनंद राय और मुदस्सर अली की पाकिस्तनी खोज है। यह हैं पाकिस्तानी अभिनेत्री मोमल शेख, जो कि फिल्म में एक अहम किरदार निभाएंगी । मोमल पाकिस्तान में एक बड़ी सेलिब्रिटी है। उन्हें टेलीविजन सीरियल एक बहुत मामूली लड़की, यह ज़िन्दगी है, दर्द ए आशना, आदि पाकिस्तानी जनता में बेहद पॉपुलर बना दिया है। सूत्र बताते हैं कि आनंद राय और मुदस्सर अज़ीज़ ने अपनी फिल्म की कास्ट और क्रू के साथ एक छोटा गेट-टू-गेदर रखा था । इस दौरान वे पाकिस्तानी एक्टर जावेद शेख (नमस्ते लंदन और ओम शांति ओम ) से बातचीत कर रहे थे। जब आनंद ने जावेद को बताया कि उन्हें फिल्म के लिए एक नयी अभिनेत्री की तलाश है, तब जावेद ने कई नाम सामने रखे। इस पर जावेद से मोमल के बारे में पूछा गया। इस नाम को जावेद ने इन दोनों के सामने नहीं रखा था। इसलिए मोमल का नाम सुन कर वह चौक पड़े। दरअसल, मोमल जावेद शेख की बेटी है। इसीलिए उनका नाम जावेद ने नहीं लिया था। मोमल पर चर्चा होने के बाद यह फैसला किया गया की मोमल को बॉलीवुड में हैपी भाग जाएगी से लॉन्च किया जायेगा ।
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कैसे मिली फिल्म
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