Saturday, 8 April 2017

गौरी शिंदे और सुजैन खान को यंग एचीवर्स अवार्ड

अभिनेता हृथिक रोशन की तलाक़शुदा बीवी के रूप में पहचानी जाने वाली सुजैन खान के बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे कि वह एक सफल उद्यमी भी हैं।  उनका इंटीरियर डिजाइनिंग का स्टूडियो द चारकोल प्रोजेक्ट काफी सफल है। उनकी इस सफलता से आमजन को परिचित होने का मौका मिला यंग फिक्की लेडीज आर्गेनाईजेशन के यंग अचीवर्स अवार्ड्स से, जो सुजैन खान को फिल्म डायरेक्टर गौरी शिंदे के साथ दिया गया।  २००७ से फिल्मकार आर बाल्की की पत्नी के बतौर पहचानी जाने वाली गौरी शिंदे ने २०१२ में श्रीदेवी की वापसी फ़िल्म इंग्लिश विंग्लिश से अपनी नई पहचान बना ली।  उनकी निर्देशित दूसरी फिल्म डिअर ज़िन्दगी (शाहरुख़ खान और आलिया भट्ट) को भी सफलता और प्रशंसा दोनों ही मिली।  फेडरेशन ऑफ़ इंडियन चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की महिला शाखा द्वारा हर साल यंग अचीवेरस अवार्ड्स उन महिलाओं को दिया जाता है, जिन्होंने अपने क्षेत्र में असाधारण कौशल दिखाते हुए सफलता प्राप्त की।  इस साल यह पुरस्कार सुजैन खान और गौरी शिंदे के अलावा सिमरन लाल (बिज़नेस), काली पुरी (मीडिया), शाइना एनसी (पॉलिटिक्स), दीपा मलिक (स्पोर्ट्स), चीकी सरकार (साहित्य), मालविका पोद्दार (फैशन) प्रीति चंद्र (सामुदायिक सेवा), भावना कक्कड़ (कला) और विधा लाल (परफार्मिंग आर्ट्स) को भी दिया गया।  इस साल इस पुरस्कार समारोह में सब्यसाची मुख़र्जी के डिज़ाइन पर तैयार शो भी हुआ।

रोमियो अकबर वाल्टर और टाइगर यानि फिल्मों के रॉ एजेंट

पिछले  दिनों सुशांत सिंह राजपूत की मुख्य भूमिका वाली फिल्म रोमियो अकबर वाल्टर का पोस्टर जारी हुआ। इस पोस्टर से ऐसा लगता है कि सुशांत ने फिल्म में तीन तीन रोल किये हैं।  लेकिन, रॉबी ग्रेवाल  निर्देशित इस फिल्म का पोस्टर बड़ा ट्रिकी है।  इस पोस्टर में टाइटल बड़ा ट्रिकी लिखा गया है।  रोमियो अकबर और वाल्टर के अंग्रेजी के पहले तीन अक्षर आर ए डब्ल्यू लाल रंग से लिखे गए हैं। इन तीनों अक्षरों को एक साथ पढ़ें तो यह रॉ बनता है। रॉ यानि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग, भारत की एक ख़ुफ़िया एजेंसी है।  यह एजेंसी दूसरे देशों में अपने जासूस रख कर ख़ुफ़िया जानकारी इकठ्ठा किया करती है। सुशांत सिंह  राजपूत इसी ख़ुफ़िया ऐंजेंसी के एजेंट हैं।
जब रॉ एजेंट नहीं था 

बॉलीवुड की हिंदी फिल्मों में जासूस का सिलसिला बहुत पुराना है।  इन्हें फिल्म में सीक्रेट एजेंट कहा गया। किस ख़ुफ़िया एजेंसी के हैं, कभी बहुत साफ़ नहीं किया गया।  मसलन,  ऑंखें का जासूस सुनील मेहरा जेम्स बांड टाइप का जासूस था।  लेकिन, किसी भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी से नहीं, बल्कि देश भक्त पूर्व सैनिकों तथा निजी लोगों से बना हुआ समूह का एक सदस्य था। आँखें (१९६८) से पहले जीतेंद्र और बबिता की फिल्म फ़र्ज़ (१९६७) भी देसी जेम्स बांड वाली फिल्म थी।  मिथुन चक्रवर्ती फिल्म सुरक्षा में एजेंट जी ९ बने थे।  द ग्रेट गैम्बलर (१९७९)  से हिंदी सिनेमा में अंडर कवर एजेंट का प्रवेश हुआ। मुखबिर (२००८) में हिंदी फिल्मों में इंटेलिजेंस ब्यूरो यानि आईबी परदे पर नज़र आया।   लेकिन, इस बॉलीवुड के जासूस ग्रुप में रॉ एजेंट की एंट्री काफी नई हुई है।
सनी देओल बने पहले रॉ एजेंट !

बॉलीवुड की जासूस फिल्मों की श्रृंखला में पहली रॉ एजेंट वाली फिल्म का खिताब अनिल शर्मा की फिल्म द हीरो: लव स्टोरी ऑफ़ स्पाई को दिया जा सकता है।  पाकिस्तान की तरफ से आतंकवादी गतिविधियों का खात्मा करने के लिए भेजे गए रॉ एजेंट अरुण खन्ना पर केंद्रित इस फिल्म में इस हिंदुस्तानी जासूस की दो प्रेमिकाएं - एक हिंदुस्तानी और एक पाकिस्तानी थी।  शायद इसी लिए फिल्म के टाइटल के साथ लव स्टोरी ऑफ़ अ स्पाई की टैग लाइन जोड़ी गई थी।  ग़दर एक प्रेम कथा के बाद सनी देओल पाकिस्तान के अंदर घुस कर जवाब देने वाले हीरो बन गए थे।  इसलिए उन्ही पर केंद्रित द हीरो: लव स्टोरी ऑफ़ अ स्पाई ने मुम्बई सर्किट में सबसे अच्छा बिज़नस किया।  इस फिल्म में सनी देओल के मेजर अरुण खन्ना के किरदार ने तीन रूप बदले थे।
द हीरो के बाद अजान और दूसरे रॉ एजेंट

द हीरो के सनी देओल के बाद रॉ एजेंट बने सचिन जोशी।  मुम्बई के गुटखा किंग जगदीश एम जोशी के बेटे सचिन जोशी को फिल्मों का चस्का है।  तीन तेलुगु फिल्मों में अभिनय करने के बाद जब सचिन ने बॉलीवुड की और रुख किया तो खुद का प्रोडक्शन हाउस स्थापित कर फिल्म अज़ान (२०११) का निर्माण किया।  इस फिल्म में सचिन जोशी ने रॉ एजेंट अज़ान खान का किरदार किया था। इस फिल्म की कहानी रॉ एजेंट अज़ान खान की कहानी थी, जिसका भाई अमान खान पर जासूसी करने का शक़ किया जा रहा है।  इस फिल्म में रॉ एजेंट बने सचिन जोशी की अभिनेता शाहरुख़ खान ने काफी तारीफ की थी।  लेकिन, यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से विफल रही।  
दूसरे एजेंट 
अज़ान की असफलता के बावजूद रॉ एजेंट किरदार के साथ फिल्मों का सिलसिला चल निकला।  बॉलीवुड के तमाम बड़े छोटे सितारों ने रॉ एजेंट की भूमिकाएं की।  कबीर खान ने भी अपनी दो फिल्मों के कथानक में रॉ एजेंट को केंद्र में रखा।  ख़ास बात यह रही कि बड़े परदे के यह रॉ एजेंट दर्शकों को पसन्द भी आये।
टाइगर बने सलमान खान

कबीर खान की फिल्म एक था टाइगर (१५ अगस्त २०१२ को रिलीज़) की कहानी काफी कुछ सनी देओल की २००३ की फिल्म द हीरो लव स्टोरी ऑफ़ अ स्पाई से मेल खाती थी।  इस फिल्म में सलमान खान ने कोड नाम टाइगर वाले रॉ एजेंट अविनाश सिंह राठौर का किरदार किया था।  इराक में एक मिशन में इसकी मुलाक़ात एक आईएसआई एजेंट ज़ोया से होती है।  दोनों एक दूसरे को प्यार करने  लगते हैं।  इस फिल्म को ज़बरदस्त सफलता मिली थी।  ७५ करोड़ में बनी फिल्म ने ३२० करोड़ का ग्रॉस किया था।
सैफ अली खान भी रॉ एजेंट 

परंतु, एक था टाइगर से पहले २३ मार्च २०१२ को श्रीराम राघवन निर्देशित फिल्म एजेंट विनोद रिलीज़  हुई थी।  यह फिल्म अफगानिस्तान और पाकिस्तान  में रॉ के लिए काम कर रहे एजेंट विनोद  की थी।  विनोद को इन दोनों देशों में साथी एजेंटों के मारे जाने के कारणों का पता लगाना था।  इस फिल्म में करीना कपूर और कुछ विदेशी किरदार भी थे।  बॉक्स ऑफिस पर ९७ करोड़ कमाने वाली ७९ करोड़ लागत वाली एजेंट विनोद को फ्लॉप फिल्मों में शुमार किया जाता है।
२०१३ में कोई तीन रॉ एजेंट फ़िल्में रिलीज़ हुई। इन फिल्मों के एजेंट विदेश में भारत के विरुद्ध साज़िश रच रहे दुश्मन देशों के एजेंटों से मुक़ाबला करते थे।  इन फिल्मों के कथानक को लेकर  देश- विदेश में विवाद भी हुआ।
विश्वरूपम उर्फ़ विश्वरूप 

२०१३ में सबसे पहले रिलीज़ हुई कमल हासन की तमिल फिल्म विश्वरूपम। इस फिल्म का  हिंदी संस्करण  विश्वरूप १ फरवरी २०१३ को रिलीज़ हुआ।  निर्माता और निर्देशक कमल हासन ने इस फिल्म में रॉ एजेंट विश्वनाथ उर्फ़ मेजर विसम अहमद कश्मीरी की भूमिका की थी।  कमल हासन का किरदार न्यू यॉर्क सिटी में रहते हुए एक शास्त्रीय नर्तक विश्वनाथ के वेश में दुश्मन एजेंटों की टोह ले रहा था।  तकनीकी रूप से भी उत्कृष्ट इस फिल्म के निर्माण में ९५ करोड़ रुपये खर्च हुए थे।  फिल्म ने २२० करोड़ का ग्रॉस किया।  कुछ मुस्लिम संगठनों ने फिल्म को लेकर आपत्ति भी की।  
डी- डे 

निखिल अडवाणी निर्देशित फिल्म डी-डे (१९ जुलाई २०१३ को रिलीज़) में इरफ़ान खान ने पाकिस्तान में एक रॉ एजेंट वली खान का किरदार किया था, जो भारत में मुम्बई में वांछित डी कंपनी के सरगना गोल्डमैन  पर नज़र रखे हुए था ।  फिल्म में भारत से भेजे गए अर्जुन रामपाल और हुमा कुरैशी के एजेंट किरदार डी कंपनी के सरगना को गिरफ्तार कर भारत की सीमा के अंदर ला कर मार देते हैं।  इस फिल्म में ऋषि कपूर ने गोल्डमैन का किरदार किया था।  मगर फिल्म को ख़ास सफलता नहीं मिली।  
मद्रास कैफ़े 

निर्माता जॉन अब्राहम और शूजित सरकार ने लिट्टे द्वारा तत्कालीन भारतीय प्रधान मंत्री राजीव गांधी की हत्या की पृष्ठभूमि पर फिल्म मद्रास कैफ़े (२३ अगस्त २०१३ रिलीज़) का निर्माण किया था।  शूजित सरकार द्वारा निर्देशित फिल्म में जॉन अब्राहम ने रॉ एजेंट विक्रम सिंह  का किरदार  किया था।  फिल्म की ज़्यादा शूटिंग श्रीलंका में जाफना में हुई थी।  इस फिल्म की निर्माण लागत ३५ करोड़ थी।  फिल्म ने ५१ करोड़ का ग्रॉस किया। 
टाइगर और विनोद के बाद फैंटम 

कबीर खान ने, २०१२ में  सलमान खान के साथ रॉ एजेंट फिल्म बनाने के बाद एक बार फिर फैंटम से रॉ एजेंट फिल्म जैसे विषय पर हाथ आजमाया।  इस फिल्म में सैफ अली खान दूसरी बार रॉ एजेंट की भूमिका कर रहे थे।  यह फिल्म काफी बनते रुकते और फिर बनते बनी थी।  पहले इस फिल्म का नाम दनियाल खान था।  हुसैन ज़ैदी के उपन्यास मुम्बई अवेंजर्स पर आधारित कबीर खान की लिखी पटकथा पर इस फिल्म में रॉ एजेंट दनियाल खान को भारत के जाने पहचाने अपराधी हफ़ीज़ सईद को पकड़ने या मार डालने का काम सौंपा जाता है।  एक था टाइगर और बजरंगी भाईजान के डायरेक्टर कबीर खान की फिल्म फैंटम से दर्शकों ने कुछ ज़्यादा उम्मीदें लगा रखी थी।  इसलिए, घिसेपिटे क्लाइमेक्स वाली फैंटम बॉक्स ऑफिस पर ५० करोड़ की लागत के विरुद्ध ६३ करोड़ का ग्रॉस ही कर सकी।  
फाॅर्स २ का अलग फाॅर्स 

ज़ाहिर है कि बॉलीवुड के रॉ एजेंट को बॉक्स ऑफिस से खट्टे-मीठे  अनुभव मिले थे। इस लिए अक्षय कुमार की फिल्म बेबी और जॉन अब्राहम और वरुण धवन की फिल्म डिशूम के जासूस  भारत की काल्पनिक सीक्रेट एजेंसी के एजेंट थे। फिर भी रॉ एजेंट वाली फिल्मों के इक्का दुक्का प्रयास जारी रहे।  फाॅर्स २ में सोनाक्षी सिन्हा रॉ की एजेंट बनी थी । उनकी मदद कर रहे जॉन अब्राहम एक तेज़ तर्रार पुलिस ऑफिसर  थे।  यह फिल्म रॉ द्वारा विदेशों में अपने एजेंटों को पकड़े जाने पर नकारने के कथानक पर फिल्म  थी।  अभिनय देव की यह फिल्म कथ्य के हिसाब से काफी अलग थी । इस फिल्म ने ४५ करोड़ के बजट के विरुद्ध बॉक्स ऑफिस पर ५८.७५ करोड़ का ग्रॉस किया।  निर्देशक समीर सिप्पी की रोमांस फिल्म इश्क़ फॉरएवर में जावेद जाफरी और लिसा रे ने रॉ एजेंट का रोल किया था, जिन्हें प्रधान मंत्री को हमले से बचाने की ड्यूटी सौंपी गई थी।
फिर रॉ एजेंट 
अब एक बार फिर रॉ एजेंट दर्शकों के सामने है।  रोमियो अकबर वाल्टर की कहानी १९७१ के भारत- पाकिस्तान युद्ध के दौरान घटी सच्ची घटनाओं पर फिल्म है। इस फिल्म के अलावा २२ दिसम्बर २०१७ को रिलीज़ होने जा रही फिल्म टाइगर ज़िंदा है भी रॉ एजेंट कहानी है।  इस फिल्म में सलमान खान एक था टाइगर वाले अपने रोल अविनाश सिंह राठौर को फिर से कर रहे हैं। अलबत्ता इस फिल्म के निर्देशक कबीर खान नहीं, सुल्तान के निर्देशक अली अब्बास ज़फर हैं। यह दोनों फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर कितना जोश भर पाती हैं, इसका काफी दारोमदार फिल्म की पटकथा और निर्देशन की चुस्ती और रफ़्तार पर टिका होगा।

इस भुतहा गुड़िया को नए मेहमान पसंद नहीं !

गुड़िया निर्माता सैमुएल मुलिन्स एक हंसती हुई शैतान गुड़िया ऐनाबेले का निर्माण करता है। बीस साल पहले उसकी बेटी एक दुखद दुर्घटना में मारी जा चुकी है।  इस हादसे से भयभीत सैमुएल और उसकी पत्नी लिज़ी चार्लोटे नन सिस्टर चार्लोटे और बंद हो चुके अनाथालय की कई अनाथ लड़कियों का अपने घर में स्वागत करते हैं।  लेकिन भुतही गुड़िया को यह नए मेहमान पसंद नहीं।  अब वह एक एक कर बच्चों को शिकार बनाने लगती है।  गैरी डूबेरमैन की पटकथा पर फिल्म का निर्देशन डेविड ऍफ़ सैंडबर्ग ने किया है।  फिल्म में अन्थोनी लापग्लिया (गुड़िया निर्माता सैमुएल मुलिन्स), मिरांडा ओटो (लिज़ी चार्लोटे), स्टेफनी सिगमन (सिस्टर चार्लोटे) और टेलिथ बैटमैन (जेनिस) ने मुख्य चरित्र निभाये हैं।  पहले यह फिल्म १९ मई २०१७ को रिलीज़ होनी थी।  लेकिन, रिडले स्कॉट साइंस फिक्शन हॉरर फिल्म एलियन कोवेनेंट से टकराव टालने के लिए इस फिल्म की रिलीज़ की तारिख ११ अगस्त कर दी गई है।  

Friday, 7 April 2017

ऐतिहासिक किरदार में स्नेहा वाघ

मराठी थिएटर से एक्टिंग करियर की शुरुआत करने वाली स्नेहा वाघ ने अपने हिंदी टीवी सीरियल करियर की शुरुआत इमेजिन टीवी के शो ज्योति की केंद्रीय भूमिका से किया।  उन्हें स्टार प्लस के सीरियल एक वीरा की अरदास वीरा में वीर और वीरा की माँ रतनजीत के किरदार से बड़ी पहचान मिली।  उन्हें स्टार परिवार अवार्ड्स में फेवरिट माँ का अवार्ड मिला।  अब वह एक बार फिर लाइफ ओके के ऐतिहासिक शो शेर ए पंजाब महाराजा  रंजीत  सिंह में रणजीत सिंह की माँ राज कौर का किरदार कर रही हैं।  घरेलु परेशानियों के कारण सीरियलों से दूर हो जाने वाली स्नेहा दो साल बाद वापसी कर रही हैं।

Thursday, 6 April 2017

मैन डाउन : सिर्फ तीन टिकट बिके

ट्रांसफार्मर्स सीरीज की फिल्मों में सैम विटविकी का किरदार करने वाले अमेरिकी अभिनेता शिया लाबेओफ़ पर गज़ब बीती।  उनकी फिल्म मैन डाउन को बॉक्स ऑफिस पर २०० प्रतिशत की छलांग मिली।  परन्तु  शिया लाबेओफ़ और फिल्म के निर्माताओं के लिए यह ख़ुशी मनाने का मौका नहीं था।  अफगानिस्तान से वापस आये एक अमेरिकी सैनिक की इस फिल्म को यूनाइटेड किंगडम में केवल एक दर्शक मिला।  यह फिल्म यहाँ केवल एक परदे पर एक शो में दिखाई जा रही थी।  हालाँकि, इस फिल्म में गैरे ओल्डमैन, जे कॉर्टनी और केट मारा जैसे सितारे भी हैं।  रील सिनेमा के मेनेजर के लिए यह ख़ुशी का समय था कि फिल्म के कुल तीन टिकट बिके।  यानि पहले दिन का २०० प्रतिशत उछाल।  मैन डाउन का अमेरिका में भी बुरा हाल रहा।  इस फिल्म ने दिसंबर में सीमित परदे पर रिलीज़ हो कर ४.५४ लाख डॉलर की लाइफटाइम कमाई की।  ख़ास बात यह रही कि इस फिल्म को समीक्षकों ने भी नकार दिया।

Wednesday, 5 April 2017

अपने किरदारों में बॉलीवुड एक्टर

आम तौर पर बॉलीवुड के सितारे अपनी भूमिकाओं से पहचाने जाते हैं।  कोई भूमिका उन्हें ऎसी पहचान देती है कि दर्शक सालों साल उन्हें उसी भूमिका से पहचानते हैं। कभी ऐसा समय भी आता है, जब उनकी कोई दूसरी भूमिका उनकी पहचान बनाती है।  ऐसे तमाम उदाहरण है।  लेकिन, ऐसी कुछ आगामी फिल्मों के कलाकारों को भी अपनी पहले की भूमिकाओं से इतर पहचान बनाने का मौका मिलेगा! प्रस्तुत लेख इसी बात तथ्य पर है - 
बिगड़ैल रईसजादी से स्कूल प्रिंसिपल तक अमृता सिंह
आपातकाल में संजय गांधी की कुख्यात सहयोगिनी रुखसाना सुल्तान की बेटी अमृता सिंह ने १९८३ में सनी देओल के साथ फिल्म बेताब से डेब्यू किया था।  इस फिल्म में अमृता सिंह ने एक बददिमाग रईसजादी रोमा का किरदार किया था।  रोमा के किरदार से शुरुआत करने वाली अमृता सिंह ने ३४ साल लंबा अभिनय का सफर पूरा कर लिया है।  उन्होंने इस दौरान चमेली (चमेली की शादी) जैसा कॉमिक करैक्टर किया तो एक गैंगस्टर माया डोलास की माई (शूटआउट ऐट लोखंडवाला) जैसा बेबस किरदार भी किया।  वह 'ए फ्लाइंग जट' में टाइगर श्रॉफ की मां के किरदार में नजर आई।  अब अमृता सिंह फिल्म 'हिन्दी मीडियम' में स्कूल की प्रिंसिपल की भूमिका में नजर आएंगी। बच्चों के भविष्य का फैसला करने वाली प्रिंसिपल का उनका रोल काफी महत्वपूर्ण है। इस रोल के लिए उनकी साड़ियों का चुनाव बहुत ही ध्यान से किया गया है। ख़ास बात यह है कि इस फिल्म की शूटिंग दिल्ली के उसी मॉर्डन स्कूल में की गई है, जहां अमृता सिंह बचपन में पढ़ती थी। 
बेशरम से बेगम जान तक पल्लवी शारदा

हिंदी फिल्मों में गीता, राधिका, सिया और गायत्री जैसे किरदार कर चुकी पल्लवी शारदा की शुरूआती पांच फ़िल्में बुरी तरह से असफल हुई थी।  इसके बावजूद, जब उन्हें अभिनव कश्यप के निर्देशन में फिल्म बेशरम (२०१३) में रणबीर कपूर की नायिका बनाया गया तो लगा कि पल्लवी शारदा का करियर बन जायेगा।  क्योंकि, अभिनव कश्यप तीन साल पहले दबंग (२०१०) जैसे सुपर हिट फिल्म का निर्देशन कर चुके थे।  लेकिन, बेशरम बॉक्स ऑफिस पर पानी तक नहीं मांग सकी।  अब एक बार फिर पल्लवी  शारदा को अपने निर्देशक पर ही भरोसा है।  वह श्रिजित मुखर्जी की फिल्म बेगम जान में एक वैश्या गुलाबो का किरदार कर रही हैं।  विद्या बालन की केंद्रीय भूमिका वाली फिल्म बेगम जान में दूसरे महिला किरदार भी है।  लेकिन, पल्लवी को उम्मीद है कि फिल्म में उनकी गुलाबो दर्शकों का ध्यान आकृष्ट कर पाएगी।  
आरा की अनारकली स्वरा भास्कर
संजय लीला भंसाली की फिल्म गुज़ारिश में हृथिक रोशन और ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ किरदार करने के बाद स्वरा भास्कर ने अमूमन सह भूमिकाएं ही की।  हालाँकि, इन फिल्मों तनु वेड्स मनु, चिल्लर पार्टी, रांझणा, तनु वेड्स मनु रिटर्न्स और प्रेम रतन धन पायो में अपनी भूमिकाओं से स्वरा भास्कर ने अपनी पहचान बना ली।  इसके बावजूद इनमे कोई ऎसी फिल्म नहीं थी, जिसके केंद्र में उनकी भूमिका हो।  निल बटे सन्नाटा की वह नायिका थी।  लेकिन, फिल्म को विदेशी प्रशंसा ही ज़्यादा मिली।  इस पर उनकी उम्मीदें अनारकली ऑफ़ आरा पर टिकी थी।  लेकिन, बॉक्स ऑफिस पर  अनुष्का शर्मा की फिल्म फिल्लौरी से टकराव के कारण अनारकली ऑफ़ आरा एक करोड़ की ओपनिंग ले पाने में भी असफल रही।  अब वह शशांक घोष निर्देशित फिल्म वीरे दी वेडिंग में सोनम कपूर और करीना कपूर खान के साथ स्क्रीन शेयर कर ही कोई उम्मीद बाँध सकती हैं।  
सत्ता से मातृ तक रवीना टंडन 

रवीना टंडन ने सलमान खान के साथ फिल्म पत्थर के फूल में एक वेश्या की लड़की किरण खन्ना के किरदार से अपने फिल्म करियर की शुरुआत की। सेक्सी ग्लैमरस रवीना टंडन को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला दमन फिल्म में  पारिवारिक हिंसा की शिकार महिला दुर्गा सैकिया के किरदार के लिए।  मधुर भंडारकर की फिल्म सत्ता में एक महत्वकांक्षी महिला अनुराधा के किरदार से उन्हें प्रशंसा मिली।  अब वह अश्तर सईद की फिल्म मातृ द मदर में वर्किंग वुमन विद्या चौहान की भूमिका में घरेलु हिंसा की शिकार औरतों का प्रतिनिधित्व कर रही होंगी ।  
चंदू से रॉय तक विवेक ओबेरॉय
 रामगोपाल वर्मा की फिल्म कंपनी (२००२) में चंदू का  किरदार करने के साथ ही विवेक ओबेरॉय फिल्म इंडस्ट्री में छा गए थे।  इस फिल्म के बाद विवेक ने रानी मुख़र्जी (साथिया) और करीना कपूर (युवा) से लेकर ऐश्वर्य राय (क्यों....हो गया न) तक इंडस्ट्री की तमाम ग्लैमरस अभिनेत्रियों के साथ रोमांटिक भूमिकाएं की, लेकिन वह स्वीकार किये गए गैंगस्टर की भूमिका में ही।  कंपनी के चंदू के बाद विवेक ओमकारा के केशु उपाध्याय और शूट आउट ऐट लोखंडवाला में माया डोलास के गैंगस्टर किरदारों में ही चमके।  रक्त चरित्र, ज़िला गाज़ियाबाद और कृष ३ में अपनी नेगेटिव भूमिकाओं में विवेक ओबेरॉय दर्शकों को पसंद आये।  उन्हें रामगोपाल वर्मा ने रॉय में भी एक गैंगस्टर रॉय की भूमिका दी है।   
कस्तूरबा से रुक्कू बाई तक रोहिणी हटटंगड़ी

अपने समय की कई समान्तर फिल्मों की नायिका बनने वाली अभिनेत्री रोहिणी हत्तंगड़ी को रिचर्ड एटनबरो की फिल्म गांधी से पूरी दुनिया में कस्तूरबा गांधी के बतौर पहचान मिली। इस फिल्म के बाद रोहिणी ने भावना, पार्टी, आधात, ठिकाना, अग्निपथ, शेरदिल, शिवा, आदि दसियों फिल्मों में छोटी बड़ी भूमिकाएं की।  लेकिन, उन्हें गांधी की कस्तूरबा वाली पहचान किसी दूसरी फिल्म में नहीं मिल सकी।  अब वह रामगोपाल वर्मा की फिल्म सरकार ३ में एक महत्वकांक्षी राजनीतिक रुक्कू बाई के किरदार में अमिताभ बच्चन के सरकार से टकरा रही हैं।  ज़ाहिर है कि सरकार के केन्द्रीय किरदार से टकराव के कारण रुक्कू बाई रोहिणी हत्तंगड़ी के लिए कस्तूरबा जैसा किरदार बन गया है।   
शूल से सरकार 3 तक मनोज बाजपेई
रामगोपाल  वर्मा की फिल्म सत्या में भीकू म्हात्रे के किरदार से गैंगस्टर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले मनोज बाजपेई को वर्मा की फिल्म शूल में पुलिस ऑफिसर समर प्रताप सिंह के किरदार से सुपर स्टार माना जाने लगा था।  अब यह बात दूसरी है कि मनोज बाजपेई यह सफलता बरकरार नहीं रख सके।  हालाँकि, इस बीच उन्होंने फ़िज़ा, ज़ुबैदा, अक्स, पिंजर, वीर-ज़ारा, फरेब, १९७१, आरक्षण, आदि फिल्मों में उन्होंने सशक्त भूमिकाएं की। गैंग्स ऑफ़ वासेपुर में सरदार खान के उनके किरदार को ज़बरदस्त सफलता मिली।  अब वह नाम शबाना के बाद सरकार ३ में नए आयाम स्थापित करने जा रहे हैं।  सरकार ३ में मनोज बाजपेई ने सरकार के दाहिने हाथ गोविन्द देशपांडे का किरदार कर रहे हैं।  यह किरदार छोटा मगर बेहद सशक्त बताया जा रहा है।  
मानवाधिकार के वकील से लेकर आतंकवादी तक राजकुमार राव 

लव सेक्स और धोखा (एलएसडी) और रागिनी एमएमएस से करियर की शुरुआत करने वाले राजकुमार राव को हंसल मेहता की फिल्म शाहिद में मानवाधिकार की वकालत करने वाले वकील शाहिद आज़मी की भूमिका के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।  क्वीन, सिटीलाइट्स, हमारी अधूरी कहानी, अलीगढ और ट्रैप्ड जैसी फिल्मों में सशक्त भूमिकाओं से खुद को बार बार साबित करने वाले राजकुमार राव आतंकवादी की भूमिका करने जा रहे हैं।  हंसल मेहता की फिल्म ओमरता में वह आंतकवादी ओमर शेख का किरदार कर रहे हैं।  चूंकि, यह फिल्म हंसल मेहता की है। इसलिए, इस फिल्म का आतंकवादी भी सहानुभूति बटोर पाने में सफल होगा। 











Tuesday, 4 April 2017

सुपर हीरो बन कर 'दिल' जीतेंगे पंजाब के सुपर स्टार

बालाजी मोशन पिक्चर्स और ब्रैट फिल्म्स की पहली पंजाबी सुपर हीरो फिल्म 'सुपर सिंग' की शूटिंग वक्त से पहले पूरी हो गई है। इस फिल्म में पंजाबी फिल्मों के सुपर स्टार दिलजीत दोसांझ पंजाब के प्यारे से सुपरहिरो के किरदार में दिखेंगें। फिल्म सुपर सिंह पंजाबी भाषा में बनाई जा रहीं पहली सुपर हीरो फिल्म हैं। उडता पंजाब की सफलता के बाद बालाजी मोशन पिक्चर्स और दिलजीत दोसंज दूसरी बार एक साथ आ रहें हैं । इस बारे में दिलजीत कहते हैं,“बालाजी के साथ का मेरा सफर अच्छा रहा हैं। उडता पंजाब के बाद फिर एक बार उनके साथ सुपर सिंह में आना मेरे लिए बहुत ही खास  बात है ।उड़ता पंजाब को बॉक्स ऑफिस पर ख़ास सफलता नहीं मिली थी। लेकिन, दिलजीत दोसांझ की हालिया रिलीज़ फिल्म अनुष्का शर्मा के साथ फिल्लौरी को बढ़िया सफलता मिली है। सुपर सिंह के निर्देशक अनुराग सिंह राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक है। इस फिल्म की शूटिंग तय वक़्त से पहले पूरी होना पूरी यूनिट के लिए गर्व की बात है। अनुराग सिंह कहते हैं, "एक सुपरहीरो फिल्म की शूटिंग करना और वह भी दिलजीत के साथ, मेरे लिए एक अच्छा अनुभव था । हमने इस फिल्म के लिए बहुत कम वक्त में बहुत सारी बारीकियों पर काम किया हैं। पूरा यूनिट एक परिवार की तरह एक साथ काम कर रहा था।  इसीलिए हम तय शेड्युल से पहले इस फिल्म की शूटिंग पूरी कर सके ।" यह पंजाबी फिल्म जून 2017 में रिलीज होनेवाली हैं। अनुराग सिंह इस वक्त अक्षय कुमार स्टारर अनाम फिल्म, सलमान खान के साथ पहली फिल्म और धर्मा प्रोडक्शनस के साथ बनने वाली अपनी अगली फिल्म पर भी काम कर रहें हैं। 

Sunday, 2 April 2017

GotG 2 की रिलीज़ के साथ हॉलीवुड में शुरू होंगी गर्मियां

गार्डियंस ऑफ़ द गैलेक्सी २ की रिलीज़ के साथ ही शुक्रवार ५ मई से हॉलीवुड में गर्मियों के सीजन की शुरुआत हो जाएगी।  अमूमन, मई का पहला हफ्ता गर्मियों की शुरुआत का होता है।  तमाम बड़ी फ़िल्में इसी सीजन की ताक में रहती हैं।  वाल्ट डिज्नी स्टूडियोज ने तो GotG २ को अनोखे ढंग से रिलीज़ करने का मन बनाया है।  एक दिन पहले यानि ४ मई को गार्डियंस ऑफ़ द गैलेक्सी २ के साथ २०१४ की बड़ी हिट फिल्म गार्डियंस ऑफ़ द गैलेक्सी भी चुनिंदा सिनेमाघरों में साथ साथ दिखाई जाएंगी।  यह फिल्म रियल डी 3 डी के अंतर्गत शाम ४.३० के शो में दिखाई जाएंगी।  चार घंटे से ज़्यादा अवधि वाले इस कार्यक्रम में गैलेक्सी के वॉल्यूम १ के बाद वॉल्यूम २ दिखाया जायेगा।  इस शो में शामिल होने वाले मेहमानों को फिल्म का ख़ास पोस्टर और संग्रहणीय बटन सेट स्मारिका भी दी जाएगी।  बॉक्स ऑफिस के पंडितों ने इस फिल्म के १६० मिलियन डॉलर की ओपनिंग करने का अनुमान व्यक्त किया है। हालाँकि, यह कलेक्शन पिछले साल इसी दौरान रिलीज़ कैप्टेन अमेरिका: सिविल वॉर की १७९.१ मिलियन डॉलर की ओपनिंग की तुलना में कम है। इसके बावजूद यह डेब्यू कलेक्शन २०१४ में वॉल्यूम १ के ९४.३ मिलियन डॉलर के कलेक्शन तुलना में काफी बढ़िया है।  यहाँ बताते चले कि जब गार्डियंस ऑफ़ द गैलेक्सी वॉल्यूम १ रिलीज़ होने को थी, उस समय बॉक्स ऑफिस के विश्लेषकों ने मार्वल कॉमिक्स के गुमनाम किरदारों वाली इस फिल्म के बढ़िया बिज़नस करने पर संदेह व्यक्त कर रहे थे। निर्माता केविन फीज की जेम्स गन निर्देशित GotG 2 में क्रिस प्राट ने स्टार-लार्ड, जोए सल्दाना ने गमोरा, ब्रेडले कूपर ने रॉकेट, डेव बॉटिस्टा ने ड्राक्स द डिस्ट्रॉयर और विन डीजल ने बेबी ग्रूट की भूमिका की है या आवाज़ दी है। फिल्म में पॉम क्लेमेंटीफ (मैंटिस), एलिज़ाबेथ डेबिकी (आयेशा), क्रिस सुलिवान (टाँसेरफेस) और कर्ट रुसेल (स्टार-लार्ड का पिता) के नए किरदार भी शामिल किये गए हैं।  ईगो द लिविंग प्लेनेट भी एक नया किरदार है।  माइकल रोकर के योन्डु, करेन गिलेन के नेब्यूला और सीन गन के क्रग्लिन किरदारों की भी वापसी हो रही है।  सिल्वेस्टर स्टेलॉन भी ख़ास भूमिका में नज़र आएंगे।   

गुरमीत चौधरी ने जारी किया रिक्रिएट "वादा रहा सनम"

पिछले दिनों, अभिनेता गुरमीत चौधरी ने "वादा राहा सनम" के वीनस म्यूजिक द्वारा रिक्रिएट वर्शन को रिलीज़ किया। बताते चलें कि "वादा राहा सनम" ब्लॉकबस्टर फिल्म खिलाड़ी का गीत है, जो अक्षय कुमार और आयशा झुल्का पर फिल्माया गया था। गाने की रिलीज़ के अवसर पर गुरमीत ने कहा, "वादा राहा सनम मेरा पसंदीदा गीत रहा है। इस गाने के निर्माताओं ने इस गाने को खूबसूरती से शूट किया है।" उन्होंने आगे कहा,"हम ९० के दशक के गाने सुनकर ही बड़े हुए हैं। जब इस तरह के गीतों को रिक्रिएट किया जाता है, तो यह फिर से दर्शकों के दिल को छूते हैं। पिछले 3-4 सालों से पुराने लोकप्रिय गीतों को रिक्रिएट किया जा रहा है और सभी गीत हिट भी हो रहे हैं।  मैं भी इन गीतों में काम करना चाहूंगा। " गुरमीत चौधरी ने अपनी आगामी फिल्म लाली की शादी में लड्डू दीवाना के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया, "जब मैं टीवी धारावाहिक कर रहा था तो मैं सकारात्मक भूमिका निभा रहा था। लेकिन जब मैंने फिल्मों में शुरुआत की तो खामोशियाँ और वजह तुम हो जैसी फिल्मों की ग्रे भूमिकाओं में अभिनय किया। लेकिन लाली की शादी में लड्डू दीवाना में मुझे फिर से एक सकारात्मक भूमिका में देखा जाएगा, जिसमें मैं कॉमेडी, नृत्य, ड्रामा और एक्शन कर रहा हूं। यह एक पूर्ण परिवार मनोरंजन से भरपूर फिल्म है और मुझे उम्मीद है कि लोग इसे पसंद करेंगे " लाली की शादी में लड्डू दीवाना में अक्षरा हसन,कविता वर्मा और विवान शाह के साथ गुरमीत चौधरी नजर आएंगे।  यह फिल्म ७ अप्रैल को रिलीज़ हो रही है।

सेक्सुअल हरासमेंट के कारण मुहे भाभीजी छोड़ना पड़ा : शिल्पा शिंदे

कॉमेडी शो भाभी जी घर पर हैं को छोड़ने के करीब एक साल बाद शो की अंगूरी भाभी उर्फ़ शिल्पा शिंदे ने शो की निर्माता जोड़ी बिनैफर और संजय कोहली के खिलाफ वालिव पुलिस स्टेशन में सेक्सुअल हरासमेंट की रिपोर्ट दर्ज करा ही दी।  शिल्पा शिंदे ने अपनी एफआईआर में संजय कोहली पर आरोप लगाया है कि वह उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे।  वह मुझसे कहते थे कि तुम बहुत सेक्सी हो।  तुम बहुत हॉट हो।  तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो।  शिल्पा ने यह भी लिखा है कि वह मुझे धमकाते थे कि यदि मैं उनके नज़दीक नहीं गई तो वह मुझे शो से  निकाल देंगे।  शिल्पा शिंदे कहती है, "मैंने संजय की बीवी बिनैफर को यह सब बताया।  मगर उसने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की।  बदले में मुझे अनप्रोफ़ेशनल बताया गया।  मैं कभी शो नहीं छोड़ना चाहती थी।  इसके बावजूद मुझे शो छोड़ने को मज़बूर किया गया।  मुझे अभी भी परेशान किया जा रहा है।  मेरे बकाया चुकाए नहीं गए हैं।" इसके बावजूद शिल्पा शिंदे ने रिपोर्ट दर्ज कराने में इतनी देर क्यों की ? कहती हैं शिल्पा शिंदे, "मैं पहले दिन ही  एफआईआर दर्ज कराना चाहती थी।  लेकिन मेरे वकील मन बदल रहे थे।  मेरे फ़ोन भी टैप हो रहे थे।  इसलिए मुझे तीन बार अपने नंबर बदलने पड़े।  अंततः मुझे अपनी सम्मान की  रक्षा के लिए रिपोर्ट लिखानी पड़ी।" 

टीवी शो जैसे नहीं है निशा के ग्रे शेड : रिद्धि डोगरा

झूमे जिया रे (२००७) से टीवी इंडस्ट्री में सक्रिय रिद्धि डोगरा कोई सात टीवी शो कर चुकी हैं।  इनमे से एक मर्यादा : लेकिन कब तक ख़ास लोकप्रिय हुआ।  इस शो के प्रिया के करैक्टर से रिद्धि को दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनाने में मदद मिली।  सावित्री, यह है आशिक़ी और दिया और बाती हम के बाद रिद्धि डोगरा एक बार फिर ज़ी टीवी के शो वह.....अपना सा में दमदार तरीके से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। इस शो में उनका निशा आदित्य जिंदल का किरदार अपने ग्रे शेड्स के कारण  दर्शकों को आकर्षित कर पाने में सफल हो रहा है।  पेश हैं वह...अपना सा की निशा रिद्धि डोगरा से छोटी बातचीत- 
आप डेली सोप से इतने दिन अलग क्यों रहीं ? 
हाँ, मैंने लंबे समय से कोई डेली सोप नहीं किया था।  क्योंकि, मैं अपने पहले के शो के निर्माताओं से काफी परेशान हो चुकी थी। इसके अलावा टीवी सोप में स्क्रिप्ट पहले से माँगने और पढ़ने की आज़ादी नहीं है।  मर्यादा और सावित्री ने मुझे ज़्यादा अच्छा करने के लिए प्रेरित किया था।  मैं जब इन शोज की शूटिंग करती तो डरी हुई होती कि मुझे कुछ नया करना और फिर भूल भी जाना है।  मेरी निशा की भूमिका उत्तेजनापूर्ण और सशक्त है कि करने में मज़ा आये।  मैंने इससे पहले कभी ऐसा रोल नहीं किया। अच्छी भूमिकाएं कर चुकाने के बाद एक एक्टर को अच्छी भूमिकाओं के लिए संघर्ष करना पड़ता है।  मैंने भी इस दौरान यही संघर्ष किया है।  
किस प्रकार का स्ट्रगल करना पड़ा ? 
पिछले दो तीन सालों से मैं ट्राइंग फेज में थी।  मुझमे कई बदलाव हो रहे थे।  मेरा विकास हो रहा था। कभी मैं चाहती थी कि सब छोड़ दो।  सोचती थी कि क्या मैं वास्तव में एक्टर बनने के लिए बनी हूँ ! या फिर मुझे कोई दूसरा पेश अपनाना चाहिए ! मेरे के कई सवाल खड़े हो गए थे।  मैं खुद से सवाल करने लगी थी कि मैं यहाँ क्यों हूँ ? क्या आपको अच्छी भूमिकाएं करने की तीव्र आशा है? ऐसे में जब आप कोई अच्छी भूमिका नहीं पाते तब आप खुद पर शक़ करने लगते हैं।  यह फ्रस्ट्रेटिंग था।  धन्यवाद है कि मैंने इस दौरान कई विज्ञापन और नाटक किये।  इनसे मुझे काफी मदद मिली।  इन अनुभवों और हताश के दौर ने मुझे खुद में एक्टर तलाश करने में मदद की।  हर एक्टर चाहता है कि वह हर दिन काम करता रहे।  लेकिन कभी भाग्य और प्रारब्ध दूसरा सोचते हैं।  आप अपना सोचा नहीं कर पाते । 
आपने खुद को किस प्रकार व्यस्त रखा ? 
मैं खुद पर काम करती हूँ।   मैंने रैकी और विपासना की।  इससे मुझे फायदा हुआ।  ध्यान (मैडिटेशन)  के कारण ही मैं काम पर वापस आ सकी।  मैं सोचती हूँ कि आपके साथ जो कुछ होता है, अच्छे के लिए ही होता है।  आप जो अपनी पसंद बनाते हैं, उसका कुछ न कुछ परिणाम तो होता ही है।  
अब आपका क्या लक्ष्य है ? चालू शो के बारे में भी कुछ कहें ? 
मैं ऐसा काम करना चाहती हूँ जो मुझमे हलचल पैदा करे ।  मैं अच्छा काम करना चाहती हूँ।  यही मुझ में हलचल पैदा करता है।  वह.....अपना सा जैसे करैक्टर काफी कठिन हैं।  यह ग्रे करैक्टर है।  लेकिन मेरी कोशिश इसे टेलीविज़न की तरह ठेठ ग्रे नहीं बनाने की है।  

Saturday, 1 April 2017

'कोलोसल' हम सब में एक मॉन्स्टर है

ग्लोरिया की नौकरी छूट जाती है।  उसका पुरुष मित्र भी उसे अपने अपार्टमेंट से निकाल बाहर करता है।  अब ग्लोरिया के पास न्यू यॉर्क में अपने घर जाने के अलावा कोई चारा नहीं है।  वह अपने घर  वापस आकर महसूस करती है कि एक विशाल दैत्य द्वारा दक्षिण कोरिया को तहस नहस करने की खबरों से ग्लोरिया का कोई सम्बन्ध है।  ऐसे में जबकि स्थितियां नियंत्रण से बाहर हो गई हैं  ग्लोरिया को पता करना है कि उसका इन घटनाओं से क्या सम्बन्ध है।  नचो विगलांडो  निर्देशित इस फिल्म में ग्लोरिया का रोल ऐनी हैथवे ने किया है।  उनके पुरुष मित्र ऑस्कर की भूमिका जैसन सुडैकिस, टिम की भूमिका डान स्टीवेंस, जोएल की भूमिका ऑस्टिन स्टोवेल ने की है।  अन्य भूमिकाओं में सिमोन पेग, अगम डरशी और हन्ना चेरमी हैं। यह फिल्म जापानी मॉन्स्टर कैजू पर बनी फिल्मों की सीरीज में एक एक्शन, कॉमेडी साइंस फिक्शन फिल्म है।  यह फिल्म ७ अप्रैल को रिलीज़ हो रही है।  


वीटा और वर्जिनिया की लेस्बियन कहानी

चान्या बटन निर्देशित फिल्म वीटा एंड वर्जिनिया लेस्बियन रोमांस की कहानी है। फिल्म में सोशलाइट और लोकप्रिय लेखिका वीटा सैकविले-वेस्ट और साहित्य जगत की हस्ती वर्जिनिया वुल्फ के वास्तविक रोमांस का चित्रण हुआ है। बर्न बर्न बर्न की ब्रिटिश निदेशिका चन्या बटन की इस फिल्म में ईवा ग्रीन वर्जिनिया वुल्फ और जेम्मा आर्टेर्टन वीटा सैकविले-वेस्ट का किरदार करेंगी। वर्जिनिया स्टीफेन का वीवाह १९१२ में लियोनार्ड वुल्फ से हुआ था।  १९२२ में सोशलाइट वीटा सैकविले से मिली। इन दोनों के बीच समलैंगिक सम्बन्ध स्थापित हो गए।  जो दस साल तक कायम रहे। इन बातों का ज़िक्र इन  दोनों के पत्रों और डायरी में मिलता है।  ख़ास बात यह थी कि लेस्बियन सम्बन्ध ख़त्म हो जाने के बाद भी इन दोनों की दोस्ती १९४१ यानि वुल्फ की मृत्यु तक बरकरार रही।  वीटा और वर्जिनिया में समलैंगिक जोड़े का किरदार करने वाली ईवा ग्रीन और जेम्मा आर्टेर्टन ने अलग अलग फिल्मों में जेम्स बांड गर्ल का किरदार किया है।  ईवा ग्रीन ने २००६ में रिलीज़ बांड फिल्म कैसिनो रोयाले में बांड गर्ल वेस्पर लींड का किरदार किया था।  जबकि जेम्मा आर्टेर्टन २००८ में रिलीज़ बांड फिल्म क़्वांटम ऑफ़ सोलेस में बांड गर्ल स्ट्रॉबेरी फ़ील्ड्स का किरदार किया था।  जेम्मा की इसी साल फरवरी में सेंट जोआन रिलीज़ हुई है।  उनकी एक फिल्म द एस्केप भी इसी साल रिलीज़ होनी है। ईवा ग्रीन रोमन पोलंस्की की फिल्म बेस्ड ऑन अ ट्रू स्टोरी और यूफोरिया में नज़र आएँगी। वीटा एंड वर्जिनिया २०१८ में रिलीज़ होगी।  

Friday, 31 March 2017

रवीना टंडन की फिल्म ‘मातृ’का ट्रेलर लॉन्च

पिछले दिनों रवीना टंडन मुंबई में अपनी फिल्म मातृ की पूरी स्टारकास्ट के साथ मौजूद थी।  क्यों रवीना टंडन की फिल्म 'मातृका ट्रेलर रिलीज होने जा रहा था । फिल्म मातृ द मदर में रवीना एक कामकाजी महिला का किरदार निभा रहीं है, जो अपने निजी और प्रोफेशनल जीवन में संघर्ष करती है। रवीना ने ट्विटर पर ये ट्रेलर शेयर करते हुए लिखा, "ये फिल्म मेरे दिल के बहुत करीब है।  मैं इसे लेकर वो बहुत ही उत्साहित हूँ। इस फिल्म में रवीना टंडन का एक अलग अवतार दिखेगा। वह घरेलु
हिंसा और बलात्कार की शिकार महिलाओं के लिए संघर्ष करती नज़र आएंगी। लॉन्च के मौके पर अपने कैरेक्टर के बारे में बताते हुए रवीना टंडन ने कहा, "फिल्म की कहानी एक मां के इर्द-गिर्द घूमती है।  यह फिल्म बताती है कि अपनी बेटी के लिए एक मां का सफर कैसे होता है !" इस फिल्म को अश्तर सैयद ने डायरेक्ट किया है। इसे अंजुम रिज़वी और मनोज अधिकारी ने प्रोड्यूस किया है। फिल्म २१ अप्रैल को रिलीज हो रही है।

Wednesday, 29 March 2017

बेगम जान, लाली और जूलिएट यानि नायिका प्रधान फ़िल्में

पिछले शुक्रवार (२४ मार्च) रिलीज़ दो फिल्मों फिल्लौरी और अनारकली ऑफ़ आरा के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के बीच लंबा फासला है।  फिल्लौरी ने जहां ४.०२ करोड़ की ओपनिंग ली, वही अनारकली ऑफ़ आरा केवल १० लाख का कलेक्शन  ही कर सकी।  फिल्लौरी ने शनिवार को छलांग सी मारते हुए पांच करोड़ का कलेक्शन किया। बॉक्स ऑफिस पर कलेक्शन का यह फर्क दोनों फिल्मों की शैली और स्टार कास्ट का था।  फिल्लौरी अनुष्का शर्मा और दिलजीत दोसांझ की कॉमेडी फिल्म थी।  जबकि, सीरियस फिल्म अनारकली ऑफ़ आरा की अनारकली ऋचा चड्डा थी।  ऋचा चड्डा ख़ास प्रकार की फिल्मो की तो नामचीन हैं, लेकिन कमर्शियल फिल्मों में अनुष्का शर्मा का  डंका ही बजता है। अभिनेत्रियों का यह फर्क बॉक्स ऑफिस पर साफ़ नज़र आया।
महिलाओं का दबदबा
बॉक्स ऑफिस के इस फर्क को नज़रअंदाज़ करें तो  पता चलता है कि  इस समय बॉक्स ऑफिस पर महिला प्रधान या नायिका प्रधान फिल्मों का दबदबा है।  यह समय ऑस्ट्रेलिया के साथ क्रिकेट सीरीज और आईपीएल तमाशे का है।  ऑस्ट्रेलिया के साथ टेस्ट सीरीज के ख़त्म होते ही, ५ अप्रैल से आईपीएल के टी-२० मैच शुरू हो जायेंगे। इस क्रिकेटिया घमासान में बॉलीवुड के तमाम खान  और कुमार अभिनेता दुबके पड़े हैं।  अक्षय कुमार डायरेक्टर शिवम नायर की फिल्म नाम शबाना  में छोटी भूमिका कर रहे हैं।  लेकिन यह फिल्म शबाना यानि तापसी पन्नू के अंडरकवर एजेंट बनने की एक्शन और रोमांच से भरी दास्ताँ है। इस फिल्म को बेबी की प्रीकुएल फिल्म  बताया जा रहा है। यह फिल्म ३१ मार्च को रिलीज़ हो रही है।  साफ़ तौर पर नायिका प्रधान फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर जोर आज़माईश कर रही हैं।
मिर्ज़ा जूलिएट और लाली लड्डू
आईपीएल के दौरान, अप्रैल में हीरोइन ओरिएंटेड फ़िल्में छाई रहेंगी।  ७ अप्रैल को दो रोमांटिक फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर होंगी।  इन दोनों फिल्मों में दक्षिण की दो अभिनेत्रियां अपना भाग्य आजमा रही होंगी।  मैरी कॉम में प्रियंका चोपड़ा के पति की भूमिका करने वाले दर्शन कुमार अब रोमांटिक हीरो बन रहे हैं।  उनकी रोमांटिक कॉमेडी फिल्म मिर्ज़ा जूलिएट में उनकी जूलिएट दक्षिण की अभिनेत्री पिया बाजपेई हैं।  इटावा उत्तर प्रदेश में जन्मी पिया बाजपेई का करियर जमा दक्षिण की तमिल और तेलुगु  फिल्मो में।  उनकी हिंदी फिल्मों मुम्बई डेल्ही मुम्बई और लाल रंग को बॉक्स ऑफिस पर असफलता का मुंह देखना पड़ा।  इसलिए  पिया का अपनी
रोमकॉम फिल्म मिर्ज़ा जूलिएट से उम्मीदें रखना स्वाभाविक है।  दूसरी फिल्म लाली की शादी में लड्डू दीवाना भी रोमकॉम फिल्म है।  इसमें दक्षिण की नायिका अक्षरा हासन लाली के किरदार में हैं।  यह फिल्म उनके इर्दगिर्द घूमती है। फिल्म में उनके लड्डू विवान शाह के अलावा कविता वर्मा और गुरमीत चौधरी भी हैं। अक्षरा की पहली फिल्म अमिताभ बच्चन और धनुष के साथ षमिताभ बड़ी स्टार कास्ट के बावजूद असफल रही थी।  इन दोनों फिल्मों के बीच तीसरी फिल्म ब्लू माउंटेन पुराने जमाने की गायिका की अपने बेटे के रियलिटी शो में हिस्सा लेने के कारण खुद के सपने पूरा होते देखने की है।  इस फिल्म में ग्रेसी सिंह माँ का किरदार कर रही हैं।
बेगम जान विद्या बालन 
पांच साल पहले, अभिनेत्री विद्या बालन ने डर्टी पिक्चर और  कहानी जैसी फिल्मों से अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा तो मनवाया ही, बॉक्स ऑफिस पर भी अपनी पकड़ ज़ाहिर की।  जब ऐसा लगाने  लगा था कि बॉक्स ऑफिस पर विद्या  बालन का नाम भी बिकता है, विद्या बालन की घनचक्कर, शादी के साइड इफेक्ट्स, बॉबी जासूस और हमारी अधूरी कहानी जैसी फ़िल्में फ्लॉप हो गई।  पांच साल बाद कहानी की सीक्वल फिल्म कहानी २ : दुर्गा रानी सिंह रिलीज़ हुई।  सुजॉय घोष की १७ करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म को सौ करोड़िया सफलता तो नहीं मिली।  लेकिन, इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ५४.७९ करोड़ का बिज़नस किया।  यही कारण है कि अब दर्शकों की निगाहें बेगम जान पर टिकी हुई हैं।  इस फिल्म में विद्या बालन का टाइटल रोल है।  यह फिल्म विभाजन के दौर के कलकत्ता के एक वैश्यालय की है।  इस फिल्म में महिला चरित्रों की भरमार है।  क्या विद्या बालन के साथ बेगम जान को बॉक्स ऑफिस पर सफलता मिलेगी?
सलमान  खान के साथ डेब्यू करने वाली अभिनेत्रियों का टकराव 

२१ अप्रैल को बॉक्स ऑफिस पर दिलचस्प टकराव होगा।  इस शुक्रवार बॉक्स ऑफिस पर सलमान खान के साथ फिल्म  डेब्यू करने वाली दो अभिनेत्रियों की फ़िल्में रिलीज़ होंगी।  रवीना टंडन ने १९९१ में सलमान खान के साथ फिल्म पत्थर के फूल से डेब्यू किया था।  उनकी बतौर करैक्टर एक्टर फिल्म मातृ : द मदर इस हफ्ते रिलीज़ हो रही है।  यह फिल्म घरेलु हिंसा और  बलात्कार की शिकार महिलाओं को न्याय दिलाने वाली एक स्त्री की जीवन यात्रा है।  इस फिल्म के सामने रिलीज़ हो रही है एक महिला पत्रकार की कहानी।  इस फिल्म की नायिका सोनाक्षी सिन्हा है।  सोनाक्षी सिन्हा ने २०१० में सलमान खान के साथ फिल्म दबंग से हिंदी फिल्म डेब्यू किया था।  साफ़ तौर पर २१ अप्रैल को रिलीज़ दोनों ही फ़िल्में हीरोइन ओरिएंटेड हैं।  इनका मुक़ाबला क्या रंग लाएगा, यह देखने के बजाय दर्शक सलमान खान के साथ डेब्यू करने वाली दो अभिनेत्रियों की फिल्मों के टकराव में दिलचस्पी लेंगे।  इस दौरान भाभियों (हृषिता भट्ट, मेघना नायडू, दिव्या उन्नी, अर्चना प्रसाद) के चक्कर में फंसे एक लडके (राजकुमार कनोजिया) की दास्तान भाभी पेडिया देखना भी दिलचस्प होगा।
बाहुबली के बाद भी !
बाहुबली २ : द कॉन्कलूजन के बाद भी नायिका प्रधान फ़िल्में हर अंतराल में रिलीज़ होती रहेंगी। बाहुबली और भल्लाल देवा के टकराव के बीच भी बाहुबली द कॉन्कलूजन में महारानी देवसेना, अवंतिका और शिवागामी  के किरदार महत्वपूर्ण होंगे।  साल के बाकी दिनों में मेरी प्यारी बिंदु, हाफ गर्लफ्रेंड, बहन होगी तेरी, टॉयलेट एक प्रेमकथा, मॉम, हसीना : द क्वीन ऑफ़ मुम्बई, बरेली की बर्फी, आदि नायिका प्रधान या महत्वपूर्ण महिला किरदारों वाली फ़िल्में रिलीज़ होंगी।  बेशक बजट के लिहाज़ से यह फ़िल्में बड़ी नहीं होंगी।  लेकिन, बॉक्स ऑफिस पर इनका बड़ा बिज़नस इन्हें हिट फिल्मों में ज़रूर शुमार करवा देगा।
क्रिकेट के सीजन में बॉक्स ऑफिस पर रिलीज़ महिला प्रधान फ़िल्में दर्शाती हैं कि बॉलीवुड की नायिका अपने नायकों से ज़्यादा दमदार है।  इन फिल्मों की नायिका क्रिकेट में बिजी दर्शकों के बीच भी अपनी जगह बनाती है।  दर्शक माउथ पब्लिसिटी के ज़रिये इन फिल्मों की तरफ मुखातिब भी होती है।  दिलचस्प बात यह है कि नायिका प्रधान फिल्मों को तमाम विपरीत  परिस्थितियों के बावजूद अच्छा कलेक्शन भी मिलता है।  अनुष्का शर्मा की फिल्म फिल्लौरी को समीक्षकों की जैसी सराहना मिली है और दर्शक जिस तरह से फिल्म की तरफ खिंचे चले जा रहे हैं, फिल्लौरी का २० करोड़ के आसपास का वीकेंड कलेक्शन दर्ज हो जायेगा।  यह किसी नायिका प्रधान फिल्म के लिहाज़ से काफी अच्छा है।




अलादीन और जस्मीन की तलाश में डिज्नी

डिज्नी को तलाश है अलादीन और जास्मिन की।  उन्हें इस चेहरे की तलाश किसी मिडिल ईस्ट के किसी देश के चेहरे में नज़र आएगी।  डिज्नी की यह तलाश है, उनकी लाइव-एक्शन फिल्म अलादीन के लिए। इन एक्टरों की उम्र १८ से २५ साल के बीच होनी चाहिए।  उनकी एक बड़ी खासियत यह भी होनी चाहिए कि वह अच्छा गा सकते हों। नृत्य क्षमता अतिरिक्त योग्यता मानी जाएगी।  अलादीन की शूटिंग इसी साल जुलाई में शुरू हो जाएगी तथा अगले साल जनवरी तक पूरी होगी।    इस फिल्म का निर्देशन शरलॉक सीरीज की फिल्मों और किंग आर्थर के डायरेक्टर गाय रिची करेंगे।  आम तौर पर हॉलीवुड की फिल्मों के तमाम एशियाई चरित्र भी हॉलीवुड के श्वेत एक्टरों द्वारा किये जाते हैं।  इसे अमेरिकी एक्टिविस्ट वाइटवाशिंग कहते हैं।  वाइटवाशिंग का पहला विवाद प्रिंस ऑफ़ पर्शिया: द सेंड्स ऑफ़ टाइम और द लास्ट एयरबेंडर के दौरान सुर्ख हुआ।  इसके बाद हॉलीवुड के स्टूडियो ने इससे बचने की कोशिश ज़रूर की।  लेकिन हालिया रिलीज़ फिल्म द ग्रेट वाल और  आने वाली फिल्म घोस्ट इन द शैल से यही विवाद फिर ज़ोर पकड़ सकता है।  शायद इसीलिए डिज्नी की निगाहें अपने अलादीन और जास्मिन के लिये मिडिल ईस्ट के एक्टरों को खंगालने जा रही है।