Friday, 5 January 2018

रील लाइफ और रियल लाइफ की नर्गिस

फिल्म रात और दिन में नरगिस 
आजकल, पूर्व फिल्म अभिनेत्री स्वर्गीय नर्गिस का नाम फिर चर्चा में हैं। यह चर्चा, उन फिल्मों के कारण हैं, जो निर्माणाधीन हैं। यह फ़िल्में नर्गिस को रियल लाइफ और रील लाइफ में दिखाने वाली फ़िल्में हैं। यों, किसी फिल्म के रीमेक को, उसके एक्टर्स का रीमेक नहीं कहा जा सकता। लेकिन, नर्गिस अपने आप में एक लीजेंड एक्ट्रेस हैं। वह खुद ऐसा किरदार बन गई हैं, जो बाद की एक्ट्रेस के लिए राह दिखाने का काम करता है। बहरहाल, बात हो रही है रील लाइफ और रियल लाइफ नर्गिस की। राजकुमार हिरानी की फिल्म संजू (अस्थाई टाइटल) अभिनेता संजय दत्त की आत्मकथा है। इस फिल्म में संजय दत्त की भूमिका अभिनेता रणबीर कपूर कर रहे हैं। चूंकि, फिल्म संजय दत्त के जीवन पर है, इसलिए फिल्म में उनसे जुड़े सभी महत्वपूर्ण किरदार रील लाइफ में भी होंगे। संजय दत्त और माँ नर्गिस का गहरा रिश्ता था। नरगिस अपने नशे के आदती बेटे के लिए बेहद चिंतित रहा करती थी। वह उस समय बेहद खुश हुई, जब संजय दत्त ने अपनी पहली फिल्म पूरी की। वह इस फिल्म को बेटे के साथ देखना चाहती थी, लेकिन उनकी यह इच्छा पूरी न हो सकी। नर्गिस का यह किरदार राजकुमार हिरानी निर्देशित फिल्म में भी काफी महत्वपूर्ण है। इस किरदार को बखूबी कोई सशक्त अभिनेत्री ही अंजाम दे सकती थी। आज की पीढ़ी की अभिनेत्रियों में मनीषा कोइराला ही ऐसी अभिनेत्री हैं, जो नर्गिस के चरित्र को परदे पर बखूबी कर सकती हैं। नर्गिस की तरह कभी कैंसर का शिकार रही मनीषा कोइराला ने फिल्म में नर्गिस की भूमिका को बड़ी शिद्दत से किया है। नर्गिस का दूसरा जिक्र उनकी फिल्म के रीमेक के कारण हो रहा है। सत्येन बोस निर्देशित फिल्म रात और दिन नर्गिस की आखिरी फिल्म थी। इस फिल्म के लिए नर्गिस को श्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था। क्रिअर्ज की प्रेरणा अरोड़ा फिल्म रात और दिन को रीमेक करना चाहती थी। चूंकि, इस फिल्म का निर्माण नर्गिस के भाई अनवर हुसैन ने किया था, इसलिए इस फिल्म के रीमेक के लिए संजय दत्त की सहमति ज़रूरी थी। संजय दत्त को ऐतराज नहीं था कि रात और दिन को रीमेक किया जाए। लेकिन, उन्हें नर्गिस के किरदार को परदे पर उतारने के लिए प्रेरणा की पसंद माधुरी दीक्षित पर ज़रूर ऐतराज था। माधुरी दीक्षित के साथ संजय दत्त के गहरे संबंधों में उस समय दरार आ गई थी, जब बॉम्बे बम ब्लास्ट में संजय दत्त के फंसने के बाद, माधुरी दीक्षित ने उनसे किनारा कर लिया था। माधुरी पर संजय की सहमति न मिलने पर प्रेरणा अरोड़ा ने ऐश्वर्या राय बच्चन का नाम आगे किया। संजय दत्त इसके लिए तुरंत राजी हो गए। हालाँकि, संजय दत्त और ऐश्वर्या राय ने फिल्म शब्द में खूब गर्मागर्म दृश्य दिए थे। इस प्रकार से हिंदी फिल्म दर्शक इस साल लीजेंड अभिनेत्री नर्गिस को मनीषा कोइराला और ऐश्वर्या राय बच्चन के रूप में देखेंगे। संजय दत्त  बायोपिक २९ जून को रिलीज़ हो रही है।  

' चम्बल के डकैत' सुशांत सिंह राजपूत

सुशांत सिंह राजपूत, कभी कभी बहक जाने के बावजूद पेशेवर नज़रिए वाले एक्टर हैं। वह अपनी भूमिकाओं को पूरी लगन और मेहनत से करते हैं। किरदार को पूरी तरह से ओढ़ लेना उन्हें पसंद है। पिछले साल, सुशांत ने अपनी दो फिल्मों, केदारनाथ और ड्राइव की शूटिंग पूरी की है। वह एक ओर जहाँ सारा अली खान के साथ ऊंची पहाड़ी पर स्थित नगर केदारनाथ में फिल्म केदारनाथ की शूटिंग पूरी करते, इसे ख़त्म करते ही जैक्विलिन फर्नॅंडेज़ के साथ ड्राइव की शूटिंग करने इजराइल पहुँच जाते। उनके इसी समर्पण का नतीजा था कि इन फिल्मों की शूटिंग में कोई अड़चन नहीं आई। अब वह नया साल मनाने के बाद फिर कमर कस चुके हैं। उन्होंने, चम्बल के १९७० के दशक के डकैतों पर अभिषेक चौबे की एक फिल्म साइन कर रखी है। इस फिल्म में वह पहली बार डकैत का किरदार कर रहे हैं। यह किरदार ख़ास इलाके का होने के कारण सुशांत को डकैतों की स्टाइल में हावभाव तो पेश करने ही होंगे, उन्ही की तरह कठोर और खुरदुरा भी दिखना होगा। बुंदेलखंड इलाके की भाषा के अनुरूप खुद के संवादों को भी ढालना होगा। अब चूंकि, सुशांत सिंह राजपूत भी परफेक्शन पसंद है, इसलिए वह शूटिंग शूटिंग शुरू होने से पहले चम्बल के इलाके में पहुँच जाना चाहते हैं। अभिषेक चौबे, अपनी फिल्म की शूटिंग जनवरी के आखिर में शुरू करना चाहते हैं, इसलिए सुशांत चम्बल के इलाके में १२ जनवरी को पहुँच जायेंगे। सुशांत का इरादा, पुनर्वास के बाद रह रहे डकैतों से मिलना, बैठना और उन्हें समझना है।  इसके साथ साथ वह अपना उच्चारण भी ठीक करेंगे। निश्चित रूप से इस काम में उनके साथ फिल्म की नायिका भूमि पेडनेकर भी होंगी। भूमि खुद भी अपने काम को पूरी निष्ठा से करना पसंद करती हैं। उन्हें भी चम्बल की औरत की तरह परिस्थितियों में खुद के किरदार को ढालना है। सुशांत सिंह राजपूत की इस डकैत फिल्म के निर्देशक अभिषेक चौबे ने इश्किया, डेढ़ इश्किया और उडता पंजाब जैसी ब्लैक फ़िल्में निर्देशित की हैं। चम्बल की पृष्ठभूमि पर उनकी नई फिल्म इसका विस्तार ही है. 

Thursday, 4 January 2018

काशी का दंश झेलती मोहल्ला अस्सी !

यह किरदार गाली बकता है 
दिल्ली हाईकोर्ट ने, १२ दिसम्बर को, सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन को आदेश दिए कि वह डॉक्टर चन्द्रप्रकाश द्विवेदी की फिल्म मोहल्ला अस्सी को सिर्फ एक कट के साथ, बालिगों के लिए फिल्म का प्रमाणपत्र देते हुए पारित करे। सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया था और अपीलेट ट्रिब्यूनल ने फिल्म पर दस कट लगाने के आदेश दिए थे, जिसके खिलाफ निर्माता अदालत में आये थे। लेकिन, अदालत के आदेश के बाद भी अभी मोहल्ला अस्सी को सिनेमाघरों का मुंह देखने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट के नए आदेश का इंतज़ार करना पड़ रहा है। 
काशी की पृष्ठभूमि पर, संस्कृत पढ़ाने वाले एक ब्राह्मण के परिवार की त्रासदी को दिखाने वाली फिल्म मोहल्ला अस्सी रिलीज़ होने की तारीख से पहले ही विरोध और बैन का दंश झेलते हुए तीन साल से डिब्बा बंद पड़ी हुई है। मशहूर कथाकार काशीनाथ सिंह के चर्चित उपन्यास काशी का अस्सी पर आधारित डॉक्टर चन्द्रप्रकाश द्विवेदी की इस फिल्म में मुख्य भूमिका में सनी देओल और साक्षी तंवर है। 
जैसा कि आम तौर पर होता है, मोहल्ला अस्सी को भी रिलीज़ होने से पहले ही विरोध का सामना करना पडा। इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ होते ही इसका विरोध शुरू हो गया। इस फिल्म के तमाम किरदार गालियों की भाषा का इस्तेमाल तो कर ही रहे थे, भगवान् शंकर बहुरूपिया भी माँ बहन की गालियाँ बकते दिखाया गया था । इसे देख कर वाराणसी के बुद्दिजीवी और संत समाज में कड़ी प्रतिक्रिया हुई। प्रधान मंत्री कार्यालय को पत्र लिख कर फिल्म से आपत्तिजनक भाषा हटाये जाने की मांग की गई। मोहल्ला अस्सी २८ जून २०१५ को रिलीज़ होनी थी। लेकिन, इसके पहले ही काशी में विरोध का सिलसिला शुरू हो गया। इसके बाद २१ जून को सनी देओल और साक्षी तंवर के साथ साथ फिल्म से जुड़े सभी लोगों डॉक्टर चन्द्र प्रकाश द्विवेदी, रवि किशन, सौरभ शुक्ल, आदि पर ऍफ़आईआर दर्ज करा दी गई। देश के कई हिस्सों में हिन्दुओं के भारी विरोध के कारण डॉक्टर चन्द्रप्रकाश द्विवेदी की यह फिल्म रिलीज़ नहीं हो सकी। इस फिल्म के खिलाफ मामला अदालत तक गया। तीस हजारी कोर्ट ने ३० जून को फिल्म पर रोक लगा दी। इस बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फिल्म के खिलाफ दर्ज की गई याचिका पर सेंसर बोर्ड से जवाब माँगा तो सेंसर बोर्ड ने जवाब दिया कि फिल्म उनके पास सेंसर के लिए पहुंची ही नहीं है। दिलचस्प बात यह थी कि बकौल फिल्मकार इस समय तक फिल्म के बड़े हिस्से की डबिंग बाकी थी। डॉक्टर द्विवेदी द्वारा फिल्म जून २०१६ में केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत की गई। बोर्ड ने फिल्म में गाली गलौच और धार्मिक भावनाए भड़काने के आधार पर फिल्म को प्रमाण पत्र देने से इनकार कर दिया। इस पर निर्माता क्रॉसवर्ड एंटरटेनमेंट ने फिल्म सर्टिफिकेट अपीलेट ट्रिब्यूनल (ऍफ़सीएटी) में अपील दायर की. ट्रिब्यूनल ने १० कट करने के आदेश दिए थे। फिल्म निर्माता ने इन्ही आदेशों के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील दायर की थी।  
मोहल्ला अस्सी के निर्देशक डॉक्टर चन्द्रप्रकाश ने चाणक्य जैसे उच्च कोटि के सीरियल और पिंजर जैसी फ़िल्में बनाई हैं। वह खुद ब्राह्मण हैं। हालाँकि, यह फिल्म इन्टरनेट पर लीक हो चुकी है. इसे काफी लोगों द्वारा देखा भी जा चुका हैं। इसमे कोई शक नहीं कि फिल्म में भगवान् शिव के चरित्र से गालियाँ कहलवाई गई हैं, लेकिन बाकी फिल्म एक ब्राह्मण परिवार की दशा, उसकी गरीबी, घर के मुखिया की पिछड़ी सोच तथा परिस्थतियोंवश मज़बूरी में चाहते या न चाहते हुए भी खुद को बदलने की कोशिश का बड़ा मार्मिक और सटीक चित्रण हुआ है। इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है कि किसी समुदाय को चोट पहुंचती हो। फिर, फिल्म को बिना देखे उसे रोके जाने की कोशिश कहाँ तक उचित कही जा सकती हैं। इस मामलें दिल्ली की एक निचली अदालत द्वारा फिल्म के बिना सेंसर में पारित हुए रोक लगाने का आदेश उचित प्रतीत नहीं होता। क्योकि, इस से फिल्म के खिलाफ बनी हवा तेज़ हो गई। यह फिल्म सनी देओल और साक्षी तंवर की शानदार केमिस्ट्री का प्रमाण है। सनी देओल की संस्कृत पढ़ाने वाले तन्नी गुरु की भूमिका उन्हें बेमिसाल एक्टर साबित करती है। मोहल्ला अस्सी धार्मिक ऐतिहासिक महत्त्व की नगरी बनारस के व्यवसाईकरण और फर्जी गुरुओं तथा विदेशी पर्यटकों के साथ ठगी का पर्दाफ़ाश भी करती है। किसी बुराई को इंगित करना, बुरा कैसे कहा जा सकता है। 
फिल्मों के सन्दर्भ में सभी पक्षों का रवैया काफी खराब रहा है। फिल्मकार अपनी फिल्म को व्यावसायिक सफलता दिलाने के लिए तथ्यों को तोड़ने मरोड़ने और अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने से गुरेज़ नहीं करती। अदालते भी ज़ल्दबाज़ी में आदेश दे कर, बिना सेंसर फिल्मों को भी रोक देती हैं। सेंसर फिल्मों को पारित करने के बजाय बैन कर देता है। भावनाओं पर ठेस के नाम पर सडकों में उतरना आम हो गया है। मोहल्ला अस्सी और हाल ही में पद्मावती उर्फ़ पद्मावत पहली या आखिरी फ़िल्में नहीं हैं, जिन्हें सभी पक्षों के खराब रवैये का सामना करना पड़ा। उपयुक्त हो अगर फ़िल्मकार अभिव्यक्ति के नाम पर दूसरे पक्ष की भावनाओं को ठेस पहुंचाने से बचे और बाकी लोग फिल्म को जनता के निर्णय के लिए सिनेमाघरों में रिलीज़ होने दे। 

बॉलीवुड का सबसे भयानक खलनायक आशुतोष राणा

गाडरवारा, नरसिंहपुर, मध्यप्रदेश में १० नवंबर १९६३ को जमीन आशुतोष राणा रामनारायण नीखरा को फिल्म इंडस्ट्री में शुरू के नाम आशुतोष राणा से पहचाना जाता है।  टीवी सीरियल  स्वाभिमान से अभिनय की शुरुआत करने वाले आशुतोष राणा को बुरे किरदार पसंद हैं।  तभी  तो वह बचपन में रावण बना करते थे।  अभिनय का शौक था, इसलिए दिल्ली में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में दाखिला ले लिया।  स्वाभिमान केें  बाद उन्होंने फ़र्ज़, साज़िश, कभी कभी, आदि सीरियल किये।  काजोल की दोहरी भूमिका वाली फिल्म दुश्मन में गोकुल पंडित के खल किरदार ने उन्हें पहचान दिलाई।  हालाँकि, इस फिल्म  से पहले वह संशोधन, कृष्ण अर्जुन और तमन्ना जैसी  फिल्मों में अभिनय कर चुके थे।  अक्षय कुमार और प्रीटी ज़िंटा की  फिल्म संघर्ष में आशुतोष राणा का लज्जा शंकर पांडेय का किरदार उनकी फिल्मों में अभिनय यात्रा को मज़बूत कर रहा था।  दुश्मन और संघर्ष में आशुतोष राणा के खेल किरदारों ने उन पर सबसे भयानक खलनायक का ख़िताब चस्पा कर दिया था। आशुतोष राणा हिंदी फिल्मों के अलावा तमिल, तेलुगु और कन्नड़ फ़िल्में भी कर चुके हैं।  दक्षिण की फिल्मों में उन्होंने दक्षिण के तमाम बड़े सितारों के साथ अभिनय किया था।  तेलुगु फिल्मों में आशुतोष राणा के करियर की शुरुआत रवि  तेजा के साथ फिल्म वेंकी से हुई थी।  २०१७ में, राणा डग्गुबाती के साथ उनकी पॉलिटिकल थ्रिलर फिल्म नेने राजू नेने मंत्री (मैं ही राजा मैं ही मंत्री) में उनका सुब्बारायडु  का किरदार काफी चर्चित हुआ था।   २०१८ में उनकी नन्दीमुरि बालकृष्ण के साथ तेलुगु फिल्म जय सिम्हा की अभी से चर्चा है।  उनका तमिल फिल्म डेब्यू आर माधवन और आर्या के साथ एक्शन कॉमेडी फिल्म वेट्टई से हुआ था।  वह एक एक फिल्म बंगाली, हरियाणवी और कन्नड़ भाषा में और दो फिल्म मराठी भाषा में भी कर चुके हैं। आशुतोष राणा को लगातार दो साल दुश्मन (१९९९) और संघर्ष (२०००) फिल्मों के लिए बेस्ट विलेन का फिल्फेयर अवार्ड मिला है।  उन्हें  दुश्मन के लिए स्क्रीन अवार्ड और संघर्ष के लिए ज़ी सिने अवार्ड भी जीता है।  उन्होंने एक फिल्म परदेसी रे (२००४) में शमा सिकंदर के नायक का किरदार किया था।  शबनम मौसी में उनका केंद्रीय किरदार काफी प्रभावशाली बन पड़ा था। २०१८ की शुरुआत आशुतोष राणा की फिल्म उड़नछू से हो  रही हैं।  वह फिल्म में एक  ढोंगी बाबा के शिष्य बिल्लू  कबूतर की भूमिका कर रहे हैं।  क्या हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लिए मनहूस समझने वाले पहले शुक्रवार को रिलीज़ होने जा रही इस फिल्म के लिए बॉक्स ऑफिस शुभ फल लाएगा? वैसे आशुतोष राणा के प्रशंसकों की निगाहें ६ जुलाई  २०१८ पर लगी हैं, जब शाहिद कजिन ईशान खट्टर और श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर की डेब्यू फिल्म धड़क रिलीज़ होगी।  इस फिल्म में आशुतोष राणा की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। निजी जीवन में  आशुतोष राणा धार्मिक प्रवृति के हैं।   उनका मानना है कि शिवलिंग निर्माण से आत्मिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है।  वह कानपूर में अपने गुरूजी के शिवलिंग स्थापना समारोह में ज़रूर हिस्सा लेते हैं।  वह फिल्म एक्ट्रेस रेणुका शहाणे के साथ  शादी शुदा हैं।  वह चाहते हैं कि उनकी प्रतिभाशाली पत्नी  रेणुका कोई डायरेक्ट करे और उन्हें कैमरा स्टार्ट .....कट बोले।  

२०१७ की फिल्मों का हाल, क्वार्टरवार

सलमान खान की फिल्म टाइगर ज़िंदा है की रिलीज़ के साथ ही, बॉलीवुड की २०१७ में रिलीज़ होने वाली फिल्मों का सिलसिला थम चुका है।  अब २९ दिसंबर को दो हॉलीवुड फ़िल्में द ग्रेटेस्ट शोमैन ऑफ़ अर्थ और जुमान्जी: वेलकम टु द जंगल ही रिलीज़ होंगी।  यह वक़्त हैं २०१७ में रिलीज़ फिल्मों, ख़ास तौर पर, उन फिल्मों के बारे में जानने की ज़रुरत है, जो बॉक्स ऑफिस पर कुछ कर गुजरने का माद्दा रखती थी।  कर सकी या नहीं, यही २०१७ की फिल्मों का हाल है।  आइये जानते हैं इन्हे हर तिमाही यानि क्वार्टर में रिलीज़ फिल्मों पर एक नज़र डालते हुए।  
पहला क्वार्टर- जनवरी से मार्च 
क्या २०१७ की पहली तिमाही को सफल फिल्मों की तिमाही कहा जा सकता है ? अगर हाँ या न, तो किस हद तक ! जनवरी में, रिपब्लिक डे वीकेंड पर हृथिक रोशन की फिल्म काबिल और शाहरुख़ खान की फिल्म रईस का टकराव हुआ।  यह एक बड़ा टकराव था।  लेकिनइसके बावजूद दोनों ही फ़िल्में १०० करोड़ क्लब में शामिल हुई। ओके जानू और कॉफ़ी विथ डी भी जनवरी में रिलीज़ हुई।  यह दोनों फ़िल्में बुरी तरह से फिसली।  ख़ास  तौर पर श्रद्धा कपूर और अर्जुन कपूर के बावजूद शाद अली की ओके जानू। जहाँ तक १०० करोड़ का कारोबार करने वाली रईस और काबिल का सवाल है, अपने भारी बजट के कारण यह फ़िल्में ब्लॉकबस्टर फ़िल्में नहीं बन पाई।  
फरवरी २०१७ अक्षय कुमार और उनकी फिल्म जॉली एलएलबी २ के नाम रही। तीस करोड़ के बजट से बनी, अदालतों की पोल  खोलती इस फिल्म ने अब तक १९७ करोड़ का ग्रॉस कर लिया है।  लेकिन, बाबा राम रहीम की फिल्म एमएसजी लायन हार्ट २, रनिंग शादी, इरादा, चौहार, वेडिंग एनिवर्सरी और मोना डार्लिंग फ्लॉप हुई। बॉलीवुड को झटका देने का काम किया शाहिद कपूर, सैफ अली खान और कंगना रनौत अभिनीत विशाल भरद्वाज की फिल्म रंगून की बुरी असफलता ने। अलबत्ता, तमिल, तेलुगु और हिंदी में बनाई गई राणा डग्गुबाती, तापसी पन्नू, के के मेनन  ओमपुरी की पाकिस्तान से युद्ध पर फिल्म द गाज़ी अटैक ने बॉक्स ऑफिस पर ठीकठाक कारोबार किया। 
जिस तरह फरवरी २०१७ अक्षय कुमार की रही, वहीँ मार्च २०१७ को वरुण धवन का महीना कहना उपयुक्त होगा।  उनकी रोमांस कॉमेडी फिल्म बद्री की दुल्हनिया इस साल की दूसरी १०० करोड़ क्लब में पहुँचने वाली फिल्म थी। मगर, मार्च में रिलीज़ कमांडो २, जीना इसी का नाम है, आ गया हीरो, ट्रैप्ड, मशीन, फिल्लौरी, भंवरी, अनारकली ऑफ़ आरा, नाम शबाना और पूर्णा: करेज हैज नो लिमिट ने इंडस्ट्री को निराश ही किया।  अनुष्का शर्मा की फिल्लौरी और तापसी पन्नू की नाम शबाना ही अपनी नायिकाओं का नाम बचा सकी।   
दूसरा क्वार्टर- अप्रैल से जून 
कल्पना कीजिये, अगर २८ अप्रैल को तेलुगु, तमिल, मलयालम और हिंदी में बनी बाहुबली २ द कन्क्लूजन न रिलीज़ हुई होती।  इस फिल्म के हिंदी संस्कार का ५०० करोड़ का कारोबार करना, बॉलीवुड के बड़े बड़े  सूरमाओं को दहला गया।  कैसे तोड़ पाएंगे इस अनोखे रिकॉर्ड को ! अप्रैल में रिलीज़ बॉलीवुड फिल्मों लाली की शादी में लड्डू दीवाना, मिर्ज़ा जूलिएट, मुक्ति भवन, सांझ, बेगम जान, रोमियो-एन-बुलेट, नूर, एक थी रानी ऐसी भी, मातृ और अजब सिंह की गजब कहानी ने हर शुक्रवार सन्नाटा ही बटोरा। 
मई २०१७ में आयुष्मान खुराना और इरफ़ान खान चमके।  आयुष्मान खुराना की मेरी प्यारी बिंदु और इरफ़ान खान की हिंदी मीडियम हिट हो गई।  लेकिन, अमिताभ बच्चन और रामगोपाल वर्मा की जोड़ी की सरकार ट्राइलॉजी फिल्म सरकार ३ बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी। मई के गर्म मौसम में फिल्म मंटोस्तान, हाफ गर्लफ्रेंड, जट्टू इंजीनियर, चक्कलसपुर, सचिन: अ बिलियन ड्रीम्स और थोड़ी थोड़ी सी मनमानियां को दर्शकों का ठंडा रिस्पांस इंडस्ट्री को दहला गया।  
२०१७ की दूसरी तिमाही का तीसरा महीना हिंदी फिल्मों के लिए  कहर का महीना साबित हुआ।  इस महीने अ डेथ इन द गंज, हनुमान दा दमदार, स्वीटी वेड्स एनआरआई, दुबारा: सी यू ईविल, डिअर माया, बच्चे कच्चे सच्चे, लव यू फॅमिली, जी कुत्ता से, बैंक चोर और एक हसीना थी एक दीवाना था तो असफल हुई ही।  बड़े बजट की दो फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त पटखनी मिली।  सलमान खान की ईद वीकेंड पर रिलीज़ फिल्म ट्यूबलाइट ने सलमान खान को वितरकों के घाटे की भरपाई के लिए मज़बूर होना पड़ा। भारी बजट की सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म राब्ता औंधे मुंह गिरी।  अलबत्ताराजकुमार राव और श्रुति हासन  की फिल्म बहन होगी तेरी अपना चेहरा बचा ले गई।  
तीसरा क्वार्टर- जुलाई से सितम्बर 
जुलाई २०१७ में श्रीदेवी की वापसी फिल्म मॉम, रणबीर कपूर की फ़न्तासी फिल्म जग्गा जासूस, टाइगर श्रॉफ की मुन्ना माइकल, मधुर भंडारकर की इमरजेंसी के दौर पर फिल्म इंदु सरकार और अनीस बज़्मी की कॉमेडी फिल्म मुबारकां रिलीज़ हुई। श्रीदेवी की वापसी मॉम सफल हुई।  अनीस बज़्मी की चाचा भतीजा अनिल कपूर-अर्जुन कपूर फिल्म मुबारकां सफल हुई।  लेकिन, चौंकाने वाली थी रणबीर कपूर की फिल्म जग्गा जासूस की असफलता। बाकी की, मुन्ना माइकल के साथ राग देश बर्थ ऑफ़ अ नेशन, शब, लिपस्टिक अंडर माय बुरखा और गेस्ट इन लंदन को असफलता का मुंह देखना पड़ा। 
अगस्त २०१७ में शाहरुख़ खान की फिल्म जब हैरी मेट सेजल रिलीज़ हुई और बुरी तरह पिटी। अक्षय कुमार की संदेशात्मक फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा दर्शकों को पसंद आई।  फिल्म तीसरी १०० करोडिया फिल्म बनी। आयुष्मान खुराना, राजकुमार राव  और कृति सेनन का प्रेम त्रिकोण बरेली की बर्फी दर्शकों की पसंद बना।  अन्यथा, बाकी की तमाम फ़िल्में कैदी बंद, यादवी: द डिग्नीफाइड प्रिंसेस, बाबूमोशाय बन्दूकबाज़, अ जेंटलमैन, पार्टीशन१९४७, यह है इंडिया और गुडगाँव बॉक्स ऑफिस पर पानी तक नहीं मांग सकी।  
सितम्बर २०१७ की शुरुआत ही असफलता से शुरू हुई।  अजय देवगन और मिलन लुथरिया की जोड़ी के साथ इमरान हाश्मी, विद्युत् जम्वाल, इलीना डिक्रूज़ और एशा गुप्ता का बादशाओ बॉक्स  ऑफिस पर बादशाह साबित नहीं हो सका। आयुष्मान खुराना और भूमि पेडनेकर की हईशा जोड़ी की फिल्म शुभ मंगल सावधान के लिए बॉक्स ऑफिस शुभ रहा।  लेकिन, सनी देओल की फिल्म पोस्टर बॉयज, डैडी, कंगना रनौत की फिल्म सिमरन, लखनऊ सेंट्रल, पटेल की पंजाबी शादी, न्यूटन, संजय दत्त की वापसी फिल्म भूमि, द फाइनल एग्जिट, जेडी और श्रद्धा  कपूर की फिल्म हसीना पारकर असफल हुई।लेकिन, तीसरी तिमाही ख़त्म होने से एक दिन पहले रिलीज़ वरुण धवन की जुड़वा २ ने बॉलीवुड को १००  क्लब की फिल्म का तोहफा दिया।  
आखिरी तिमाही - अक्टूबर से दिसंबर 
अगर अक्टूबर में सीक्रेट सुपर स्टार और गोलमाल अगेन तथा दिसंबर में टाइगर ज़िंदा है रिलीज़ हुई होती तब.....! विद्या बालन की फिल्म तुम्हारी सुलु को छोड़ दें तो आखिरी तिमाही में रिलीज़ तू   है मेरा संडे, शेफ, बाबू जी एक टिकट बम्बई, मैं टेररिस्ट नहीं हूँ, रांची डायरीज, जि ासिंगल  और जिया, रुख, इत्तेफ़ाक़, द हाउस नेक्स्ट डोर, रिबन, शादी में ज़रूर आना, करीब करीब सिंगल, द विंडो, अक्सर २, पंचलैट, दिल जो न कह सका, जूली २, अज्जी, कड़वी हवा, तेरा इन्तज़ार, फिरंगी, गेम ओवर और सल्लू की शादी जैसी  फिल्मों को असफलता का मुंह देखना पड़ा।  अलबत्ता, दिवाली वीकेंड पर रिलीज़ अजय देवगन की एक्शन कॉमेडी फिल्म गोलमाल अगेन और सीक्रेट सुपर स्टार था क्रिसमस वीकेंड पर रिलीज़ टाइगर ज़िंदा है ने बढ़िया कारोबार किया।  
२०१८ में रिलीज़ होंगी सुपर सितारों की फ़िल्में 

खान अभिनेताओं, सलमान खान, शाहरुख़ खान और आमिर खान की फिल्मों का दर्शकों को बेसब्री से इंतज़ार रहता है।  २०१८ में इन तीनों अभिनेताओं की फ़िल्में रिलीज़ होंगी।  सलमान खान की फिल्म रेस ३ ईद वीकेंड पर रिलीज़ हो रही है।  दिवाली वीकेंड पर आमिर खान की अमिताभ बच्चन के साथ पीरियड फिल्म ठग्स ऑफ़ हिंदोस्थान रिलीज़ होगी। शाहरुख़ खान की आनंद एल राज निर्देशित अनाम फिल्म क्रिसमस वीकेंड पर रिलीज़ होगी। सितारों का टकराव भी होगा । मसलन, गणतंत्र दिवस वीकेंड पर अक्षय कुमार की पैडमैन को सिद्धार्थ मल्होत्रा और मनोज बाजपेई की स्पाई फिल्म ऐय्यारी चुनौती देगी । २४ अप्रैल को रजनीकांत की विज्ञानं फंतासी फिल्म २.० तथा कंगना रानौत की फिल्म मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ़ झाँसी का टकराव होगा । ईद में सलमान खान की फिल्म रेस ३ से ऐश्वर्या राय बच्चन की फिल्म फन्ने खान टकराएंगी । दीवाली वीकेंड में आमिर खान बनाम अजय देवगन होगा । आमिर खान की फिल्म ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्थान और अजय देवगन की कॉमेडी फिल्म टोटल धमाल रिलीज़ होंगी । क्रिसमस वीकेंड पर तो त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है । शाहरुख़ खान की आनंद एल राज निर्देशित अनाम फिल्म का टकराव, निर्देशक अभिषेक कपूर की सारा अली खान और सुशांत सिंह राजपूत अभिनीत फिल्म केदारनाथ और रणवीर सिंह के धुंआधार एक्शन वाली रोहित शेट्टी निर्देशित फिल्म टकरा सकती है । २०१८ में श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर, शाहिद कपूर के भाई इशान ठक्कर, सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान, सनी देओल के बेटे करण देओल और टेलीविज़न की नागिन मौनी रॉय का फिल्म डेब्यू होगा ।

रहमान के संगीत से चमकेगी दलपति विजय की फिल्म

तमिल मीडिया में दलपति यानि कमांडर के विशेषण से मशहूर जोसफ विजय उर्फ़ विजय की ६२ वी तमिल फिल्म का ऐलान हो चुका है। अभी इस फिल्म का टाइटल फाइनल नहीं हुआ है। इसलिए, इस फिल्म को दलपति ६२ नाम दिया गया है। इस फिल्म में संगीत देने के लिए एआर रहमान को  लिया गया है। एआर रहमान और विजय की यह एक साथ चौथी फिल्म होगी। इससे पहले विजय की फिल्म अझागिया तमिल मगन और उदय और पिछले साल की सुपर हिट फिल्म मेर्सल का संगीत रहमान ने ही दिया था। दलपति ६२ का निर्देशन एआर मुरुगादॉस कर रहे हैं। मुरुगादॉस  के साथ विजय की यह तीसरी फिल्म है। इस फिल्म से पहले फिल्म थुप्पकी और कथ्थी में भी मुरुगादॉस ने विजय को निर्देशित किया था। मुरुगादॉस ने थुप्पकी को अक्षय कुमार के साथ हॉलिडे अ सोल्जर नेवर ऑफ ड्यूटी बनाई थी। दोनों एआर यानि एआर रहमान और एआर  मुरुगादॉस, गजिनी के दस साल बाद फिर साथ काम कर रहे हैं। निर्माता सन पिक्चर्स की फिल्म दलपति ६२ की शूटिंग फरवरी के पहले हफ्ते से शुरू हो जायेगी। इस फिल्म में विजय की नायिका कीर्ति सुरेश हैं। कीर्ति और विजय ने इससे पहले २०१७ में रिलीज़ बैरवा फिल्म में भी काम किया है।कीर्ति की एक फिल्म सूर्या के साथ थाना सेरन्धा कूटम रिलीज़ के लिए तैयार है। विजय की पिछले साल रिलीज़ फिल्म मेर्सल को बड़ी सफलता मिली थी। इस फिल्म में रहमान का संगीत सुपर हिट साबित हुआ था। इसलिए समझा जा रहा है कि  विजय की ६२ वी फिल्म भी बड़ी हिट साबित होगी। जहाँ तक हिंदी दर्शकों से विजय के परिचय का सवाल है, विजय का जन्म हिंदी की जीवन की शतरंज, मेरा दिल तेरे लिए, इन्साफ की देवी, आज़ाद देश के गुलाम, जय शिव शंकर, कुदरत का कानून, बलिदान, ओम शक्ति, आदि फ़िल्में निर्देशित करने वाले निर्देशक एसए चंद्रशेखर के घर हुआ था। बालक विजय की शुरूआती तमाम फ़िल्में पिता के निर्देशन में ही थी। उनका बतौर नायक फिल्म डेब्यू पिता निर्देशित फिल्म नालय थीरपू से हुआ था। लेकिन, उन्हें सफलता मिली विक्रम निर्देशित रोमांस फिल्म पूव उनक्कगा से। विजय की २५ से ज़्यादा तमिल फ़िल्में हिंदी में डब कर रिलीज़ हो चुकी हैं। अपनी रोमांटिक एक्शन इमेज के कारण मशहूर विजय की २०१५ में प्रदर्शित फिल्म पुली को हिंदी में डब कर रिलीज़ किया गया था। लेकिन, यह फिल्म हिंदी में अपेक्षित सफलता नहीं पा सकी। लेकिन, पुली देखते समय हिंदी दर्शकों को राऊडी राठोर के चिता ता गीत में थिरकते विजय याद आ गए थे। दलपति ६२ में विजय का 

खलनायकों में खलनायक साबित होगा २.० का अक्षय कुमार का विलेन

हैप्पी सिंह, रफ़्तार सिंह, गब्बर और रंजित कात्याल के बाद रुस्तम पावरी और जॉली का किरदार करने वाले अक्षय कुमार ने अपनी बीवी के लिए टॉयलेट बनाने वाले केशव का किरदार करके अपने अवतारों की श्रंखला बना दी है। अब सस्ते सैनिटरी पैड बनाने वाली मशीन की ईजाद करने वाले पैडमैन की भूमिका के बाद अप्रैल में अक्षय कुमार का तमिल फिल्म डेब्यू होने जा रहा है। इस फिल्म में रजनीकांत के प्रोफेसर वसीकरण/ चिट्टी के भयंकर विरोधी रिचर्ड के किरदार में अक्षय कुमार होंगे। यह उनका हार्डकोर विलेन किरदार होगा। यूँ तो अक्षय कुमार ने पहले भी कुछ फिल्मों में खल किरदार किये हैं। लेकिन, यह सभी भूमिकाएं बॉलीवुड के हीरो अभिनेताओं को फबने वाली भूमिकाएं ही थी। २.० में यह सुविधा नहीं हैं। यह फिल्म तमिल सुपर स्टार रजनीकांत की फिल्म है।दुनिया के तमाम देशो में भारतीय सिनेमा का परिचय रजनीकांत और उनकी फिल्मों से ही है। इसलिए, फिल्म में अक्षय कुमार के लिए हीरो बनाने की कोई गुंजाईश नहीं होगी। एक इंटरव्यू में अक्षय कुमार ने बताया, “मैंने अपने पूरे करियर में ऎसी भूमिका नहीं की। मैंने किसी को कभी ऐसा करैक्टर करते  हुए भी नहीं देखा है।  मेरे लिए डॉक्टर रिचर्ड का किरदार बिलकुल अलग अनुभव था।” कुछ समय से अक्षय कुमार के जो लुक जारी किये जा रहे है, वह कमोबेश भेड़िये के समान डरावनी शक्ल सूरत वाले हैं। कहते हैं कि इस चरित्र के लिए अक्षय कुमार की मूल आवाज़ फिट नहीं लग रही थी। इसलिए, भूमिका वाले उनके संवाद डब नहीं कराये गए हैं, बल्कि उनकी आवाज़ को कुछ यंत्रों द्वारा नियंत्रित कर इस प्रकार से निकाला गया है कि वह मानव की आवाज़ लगती ही नहीं है। शंकर द्वारा निर्देशित २.० का संगीत ६ जनवरी को मलेशिया में रिलीज़ होगा। मलेशिया में रजनीकांत के ढेरो प्रशंसक हैं। लेकिन, २.० के रिचर्ड का किरदार अक्षय कुमार को भी पॉपुलर बना देगा। रजनीकांत की दोहरी भूमिका वाली यह फिल्म २०१० में रिलीज़ फिल्म एन्थिरण/रोबोट की सीक्वल फिल्म पहले दिवाली २०१७ में रिलीज़ होने वाली थी। इसे २०१८ में जनवरी के लिए टाला गया। लेकिन, अब यह फिल्म २७ अप्रैल को रिलीज़ होगी। इस फिल्म में रजनीकांत और अक्षय कुमार के अलावा एमी जैक्सन, सुधांशु पाण्डेय और आदिल हुसैन के किरदार भी अहम् होंगे। 

क्या जीरो को लम्बी रेस का घोड़ा बना पाएंगे बौने शाहरुख़ खान ?

शाहरुख़ खान की बौने किरदार वाली फिल्म का शीर्षक जीरो वायरल हो चूका है।  इस फिल्म के टीज़र में शाहरुख़ खान का बौना, शशि कपूर की पुरानी फिल्म के गीत पर डांस करता नज़र आता है। लेकिन, इस के बावजूद फिल्म के प्रति ख़ास उत्सुकता पैदा नहीं होती।  बेशक,   शाहरुख़ खान, बॉलीवुड के इतने बड़े हीरो हैं कि वह जीरो को हिंदी फिल्म का टाइटल बनवा दे । लेकिन, क्या वह इतने बड़े हीरो भी हैं कि बौने किरदार को जीरो से सुपर हीरो की ऊंचाई तक पहुंचा सकें? शाहरुख़ खान कुछ नया नहीं कर रहे । बौना किरदार करने वाले फिल्म अभिनेताओं की बात करें तो शाहरुख़ खान से पहले फिल्म अभिनेता अनुपम खेर फिल्म जानेमन में, अपनी दोहरी भूमिका में से एक में बौने किरदार की भूमिका कर चुके हैं। शिरीष कुंदर की इस फिल्म में अनुपम खेर का बौना किरदार एक वकील है। शिरीष कुंदर और उनकी बीवी फराह खान ने फिल्म निर्माता बोनी कपूर को निशाना बनाने के लिए इसे बोनी कपूर नाम दिया था। लेकिन, किसी बॉलीवुड अभिनेता ने बौना किरदार करने की कभी कोई कोशिश नहीं की। इमेज का मामला जो होता है। यहाँ यह बताना उपयुक्त होगा कि जानेमन एक फ्लॉप फिल्म थी। इस फिल्म के अलावा, दूसरी फिल्म में बौना किरदार कमल हासन का ही याद आता है। कमल हासन ने बतौर निर्माता निर्देशक और अभिनेता, अपनी तमिल फिल्म अपूर्व सगोधरर्गल (१९८९) में तिहरी भूमिका की थी। इनमे एक सर्कस के बौने विदूषक की भी थी। इस फिल्म को हिंदी में अप्पू राजा टाइटल के साथ रिलीज़ किया गया था। तमिल और तेलुगु (डब संस्करण) में यह फिल्म हिट साबित हुई थी। लेकिन, इस फिल्म के हिंदी संस्करण ने ५० प्रिंट्स में रिलीज़ हो कर सिर्फ ५० लाख का कारोबार किया था। इन दो फिल्मों की रोशनी में यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है कि बॉक्स ऑफिस पर जीरो कैसा प्रदर्शन करेगी। लेकिन शाहरुख़ खान की अतीत की लीक से हट कर भूमिका वाली फिल्म से कोई निष्कर्ष निकाला जा सकता है। शाहरुख़ खान को रोमांस का बादशाह कहा जाता है । उनकी आज तक की ज़्यादातर बड़ी सफल फ़िल्में रोमांटिक ही थी। खान ने कुछ ही फिल्मों में लीक से हट कर भूमिका करने का साहस किया है। राकेश रोशन की फिल्म कोयला में वह गूंगे शंकर की भूमिका में थे। अशोका में उन्होंने लम्बे बालों के साथ अशोक सम्राट की भूमिका की थी। रा.वन में एक मशीन जी.वन की भूमिका की थी। फैन में प्रोस्थेटिक मेकअप के सहारे फिल्म स्टार और उसके हमशक्ल प्रशंसक की दोहरी भूमिका में थे। उन्होंने रईस में एक गैंगस्टर का प्रयोगात्मक किरदार किया था . यह सभी फ़िल्में बॉक्स ऑफिस बोफ़्फ़िस पर या तो बुरी तरह से बिखरी थी या निर्माताओं के लिए घाटे का सौदा साबित हुई थी।  इसका मतलब यह कि शाहरुख़ खान को प्रयोग फबते नहीं है। आनंद एल राज की जीरो भी खान की प्रयोगात्मक फिल्म है। इधर, बॉक्स ऑफिस पर, शाहरुख खान की फिल्म को दर्शकों का उत्साह नहीं मिल पा रहा है। ऐसे मे, २१ दिसम्बर को रिलीज़ होने जा रही फ़िल्म पर बॉक्स ऑफिस पंडितों की निगाहें होंगी कि शाहरुख़ खान हीरो साबित होते हैं या जीरो ! 

अब अकेले ही दहाड़ेगा रणवीर सिंह का सिम्बा !

पहले त्रिकोणीय टकराव था। इस साल के क्रिसमस वीकेंड पर बॉलीवुड की तीन फ़िल्में रिलीज़ हो रही थी। सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान और सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म केदारनाथ, निर्माता निर्देशक आनंद एल राज की शाहरुख़ खान, कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा अभिनीत फिल्म जीरो से टकरा रही थी। इस टकराव को त्रिकोणीय बना दिया, निर्माता करण जौहर की रोहित शेट्टी निर्देशित खालिस एक्शन फिल्म सिम्बा ने। रणवीर सिंह की यह फिल्म दक्षिण की जूनियर एनटीआर अभिनीत एक्शन फिल्म टेम्पर का रीमेक थी। कुछ दिनों पहले, रणवीर सिंह ने अपने प्रशंसकों के साथ पुलिस की वर्दी में लाल चश्मा लगाए अपने सिम्बा किरदार का फर्स्ट लुक साझा किया था। ध्यान से देखा जाए तो इन तीनों ही फिल्मों केदारनाथ, जीरो और सिम्बा की शैली भिन्न है। हर फिल्म का अपना दर्शक होता है। लेकिन, आजकल के वीकेंड पर निर्भर बॉलीवुड के लिए सिनेमा के पर्दों की गिनती काफी महत्वपूर्ण हो गई है।  इसलिए, करण जौहर ने शाहरुख़ खान की फिल्म से टकराव टालने के ख्याल से, अपनी फिल्म की रिलीज़ की तारीख एक हफ्ता आगे बढ़ा दी। अब सिम्बा २१ दिसम्बर २०१८ के बजाय २८ दिसम्बर २०१८ को रिलीज़ होगी। २८ दिसम्बर को फिलहाल कोई दूसरी बड़ी हिंदी फिल्म रिलीज़ नहीं हो रही है। इसका मतलब यह हुआ कि २८ दिसम्बर से कोई दो हफ्ते तक, बॉक्स ऑफिस पर, रणवीर सिंह का एकछत्र राज होगा। वह एक भ्रष्ट पुलिस अधिकारी संग्राम भालेराव के साथ दर्शकों को अपने खालिस एक्शन दृश्यों से चकित कर रहे होंगे. लेकिन, यह उन पर एक बड़ी ज़िम्मेदारी भी होगी। जूनियर एनटीआर की तेलुगु फिल्म टेम्पर बड़ी हिट फिल्म साबित हुई थी। रोहित शेट्टी ने, सिम्बा में टेम्पर की कहानी से थोड़ी टेम्पेरिंग की है। काफी कुछ रोहित की कल्पना के आधार पर है, जैसा कि वह अपनी फिल्मों के साथ करते हैं । सिम्बा की कहानी वही पुरानी घिसी-पिटी भ्रष्ट पुलिस अधिकारी की है, जो अपनी प्रेमिका और दोस्त के कारण बदलने को मज़बूर होता है और विलेन का नाश करता है। रोहित शेट्टी की लिखी इस फिल्म के संग्राम भालेराव को, रणवीर सिंह को इतना तेज़ तर्रार और दमदार बनाना है कि दर्शक इसे अजय देवगन के सिंघम की तरह स्वीकार कर लें। इसकी सफलता या विफलता, इकलौती रणवीर की सफलता या विफलता होगी। रणवीर सिंह इसे अच्छी तरह से जानते हैं। तभी तो वह काफी नर्वस हैं, “मैं जानता हूँ कि मेनस्ट्रीम में सोलो किरदार करना आसान नहीं होगा। यह फिल्म मेरी सबसे बड़ी एकल फिल्म है। मैं पहली बार ‘इन एंड एज’ दिखाया जाऊंगा।“ अभी तक, संजय लीला भंसाली की फिल्मों में दीपिका पादुकोण के हीरो की तरह इमेज रखने वाले रणवीर सिंह के लिए सिम्बा एक बड़े इम्तिहान की तरह है। इसमे फेल या पास होना, उनके हीरो को सुपर हीरो बना देगा। रणवीर सिंह कहते हैं, “मेरा उद्देश्य, अपना सब कुछ झोंक कर इसे रोहित शेट्टी की श्रेष्ठ फिल्म बनाना है। मैं महसूस करता हूँ कि हमें मेनस्ट्रीम को कुछ इतना हाई वोल्टेज बनाना चाहिए कि यह आगे आने वाली फिल्मों के लिए बेंचमार्क बन जाए। मैं खुशनसीब और आभारी हूँ कि मैं ऐसा अविश्वसनीय अवसर पा सका।”  

नोरा फतेही : रोर से माय बर्थडे सांग तक

२०१३ में फ्लॉप एक्टर कमल सडाना निर्देशित फिल्म रोर : टाइगरस ऑफ़ सुंदरबन रिलीज़ हुई थी।  इस फिल्म में, कनाडा की भारतीय मूल की डांसर नोरा फतेही ने एक कमांडो सीजे की भूमिका में दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खिंचा था। रोर बॉक्स ऑफिस पर बिल्ली की तरह म्याऊँ ही कर सकी।रोर के दो साल बाद, इसकी कमांडो सीजे नोरा फिल्म क्रेजी चुक्कड़ फॅमिली में एमी के किरदार में दिखाई दी। इस के बाद, वह हिंदी, तमिल और तेलुगु फिल्मों में स्पेशल अपीयरेंस में डांस करते ही नज़र आ रही थी। अब छः साल बाद, २५ वर्षीय कनाडा में जन्मी एक भारतीय अभिनेत्री नूरा फतेही, बतौर डायरेक्टर फिल्म डेब्यू करने लेखक-निर्देशक समीर सोनी की फिल्म माय बर्थडे सांग में संजय सूरी की नायिका की भूमिका कर रही हैं। फिल्म के डायरेक्टर समीर सोनी ने ही फिल्म को लिखा भी है। इसलिए, वह नोरा के चरित्र को गहराई से जानते हैं। इस करैक्टर के  लिए उन्होंने नोरा फतेही को ही क्यों चुना ? इस बारे में वह कहते हैं, “नोरा फतेही का किरदार काफी जटिल है. इसे करना किसी के लिए भी आसान नहीं। इस चरित्र में मासूमियत भी है और लुभावनापन भी है।  नोरा सुरिचिपूर्ण है, वह बहुत प्यारी हैं, उनके व्यक्तित्व में दूसरों को लुभाने की क्षमता भी है।  कनाडा की होने के कारण वह फिल्म के अपने करैक्टर की तरह ही हैं।"  इसमें कोई शक़  नहीं कि विदेशी परवरिश ने नोरा को दृढ और आत्मनिर्भर बना दिया है।  माय बर्थडे सांग में नोरा का सैंडी का किरदार भी वैसा ही है। यह फिल्म १९ जनवरी को रिलीज़ हो रही है।  तब मालूम पड़ेगा कि नोरा फतेही का बॉलीवुड फिल्म करियर किस करवट बैठता है।  फिलहाल, यूट्यूब पर, सलमान खान की सुपर हिट फिल्म स्वाग से स्वागत के अरबी संस्करण में बेली डांस करते हुए, दर्शकों का ध्यान ज़बरदस्त तरीके से खींच रही हैं।  

Wednesday, 3 January 2018

क्या बॉलीवुड फिल्म में रोमांस करेंगे बाहुबली प्रभाष !

बाहुबली अभिनेता प्रभाष के बारे में खबर है कि वह एक हिंदी फिल्म में अभिनय करने जा रहे हैं।  हिंदी दर्शक, अभी तक प्रभाष से दक्षिण की डब फिल्मों के  ही परिचित हैं। २०१५ और २०१७ में बॉलीवुड फिल्मों द्वारा कब्ज़ा किये गए बॉक्स ऑफिस पर दक्षिण की फिल्म बाहुबली ने प्रभावशाली हमला किया था। बाहुबली ने २०१५ में १०० करोड़ का बिज़नस किया था। स्पेशल इफेक्ट्स से लबालब इस फिल्म में तकनीक के अलावा इसके एक्टरों ने अपने सधे हुए अभिनय से भी प्रभाव डाला था। खास तौर पर प्रभाष, तमन्ना भाटिया, अनुष्का शेट्टी और राणा डग्गुबाती ने। राणा डग्गुबाती से हिंदी फिल्म दर्शक दम मारो दम में पहले भी मिल चुके थे। तमन्ना भाटिया हिंदी फिल्मों में असफल हो कर ही दक्षिण की फिल्मों में गई थी।  लेकिन, प्रभाष बिलकुल नया चेहरा थे।लेकिन, प्रभाष ने अपने मासूम चेहरे, बेदाग़ अभिनय शैली और संतुलित देह से हिंदी दर्शकों को प्रभावित किया था। इसीलिए, बाहुबली के दूसरे हिस्सा का दर्शकों को इसलिए तो इंतज़ार था ही कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा, इसलिए भी था कि बाहुबली अभिनेता प्रभाष अगली कड़ी में क्या कारनामा करता है ! प्रभाष ने दर्शकों को निराश नहीं किया। बाहुबली २ द कांक्लुजन के जितने भव्य और प्रभावशाली स्पेशल इफेक्ट्स थे, उतने ही भव्य और प्रभावशाली प्रभाष भी लग रहे थे। तभी तो बाहुबली २ एक के बाद एक रिकॉर्ड तोड़ते हुए, बॉलीवुड के तमाम बड़े अभिनेताओं को बॉक्स ऑफिस पर कमाई करने की चुनौती छोड़ गई। बॉलीवुड के बुड्ढे हो रहे खान अभिनेताओं की जगह लेने के लिए प्रभाष माकूल चुनाव नज़र आ रहे थे। बाहुबली २ के बाद हिंदी दर्शकों को एसएस राजामौली की किसी अगली फिल्म का इंतज़ार तो था ही, यह भी इंतज़ार था कि प्रभाष को अब किसी फिल्म में देखने का मौका मिलेगा। दर्शकों का यह इंतज़ार साहो के साथ ख़त्म भी हो गया। तीन भाषाओँ तमिल, तेलुगु और हिंदी में बनाई जा रही सुजीत की फिल्म साहो में प्रभाष एक बार फिर एक्शन अवतार में होंगे। लेकिन, वह बाहुबली सीरीज की फिल्मों से बिलकुल अलग है। इस फिल्म में उनकी नायिका हिंदी फिल्मों की अभिनेत्री श्रद्धा कपूर हैं। इस फिल्म में श्रद्धा कपूर के भी ज़बरदस्त एक्शन है। लेकिन हिंदी फिल्म दर्शको की प्रभाष को खालिस बॉलीवुड फिल्म में देखने की इच्छा ज़ल्द पूरी होने जा रही है। प्रभाष एक हिंदी फिल्म में अभिनय करने जा रहे हैं। इस फिल्म की शूटिंग साहो की शूटिंग ख़त्म होने बाद ही शुरू हो जायेगी। खुशखबरी यह है कि प्रभाष की यह बॉलीवुड फिल्म रोमांस फिल्म होगी। इस रोमांटिक ड्रामा फिल्म की कहानी प्रभाष ने कोई तीन साल पहले ही पढ़ी थी और उन्हें यह कहानी पसंद आई थी। तो इंतज़ार कीजिये प्रभाष की पहली बॉलीवुड फिल्म का।  

क्रिस ज़िल्का की हुई पेरिस हिल्टन

पेरिस हिलटन के भारतीय प्रशंसकों के लिए खुशखबर है। ३६ वर्षीय अमेरिका की बिज़नसवुमन, गायिका, टेलीविज़न और फिल्म अभिनेत्री, मॉडल, डीजे, आदि आदि न जाने क्या क्या और अपनी बददिमागी के लिए मशहूर पेरिस हिल्टन ने अपने लम्बे समय के प्रेमी और टीवी सीरीज द लेफ्टओवर्स के अभिनता  ३२ साल के क्रिस ज़िल्का के साथ सगाई कर ली। अपनी सगाई की खबर खुद पेरिस हिल्टन ने अपने सोशल मीडिया के माध्यम से और पीपल पत्रिका को ख़ास बातचीत में बताई, “मैं अपनी ज़िन्दगी के प्यार और बेस्ट फ्रेंड से सगाई कर बेहद उत्तेजित हूँ। वह मेरे लिए परफेक्ट है।एक ऊंची पहाड़ी पर बसे कसबे में बर्फ के बीच क्रिस ज़िल्का ने घुटनों के बल बैठ कर सगाई की अंगूठी दिखाते हुए हिल्टन से पूछा और उत्तेजित हिल्टन ने इसे तत्काल स्वीकार कर लिया, मैं चौंक पड़ी थी।”. हिल्टन और ज़िल्का की मुलाकात आठ साल पहले ऑस्कर की एक पार्टी में हुई थी।  पता नहीं यह लव एट फर्स्ट साईट था या कुछ और यह जोड़ा फिर कभी एक साथ नहीं देखा गया। लेकिन दो साल पहले, खुद हिल्टन ने अपने और ज़िल्का के संबंधों को सोशल मीडिया पर सार्वजनिक किया। हिल्टन ने ज़िल्का के साथ फोटो के साथ इंस्टाग्राम पर डालते हुए स्वीकार किया।पेरिस हिल्टन के लिए क्रिस ज़िल्का एक ऐसा व्यक्ति है, जो उनके प्रति समर्पित, निष्ठावान और प्यारा है। वह कहती हैं, "मैं शुरू से ही जानती थी कि मुझे क्रिस के साथ हमेशा के लिए रहना है.”  सगाई के बाद, दोनों रिची अकिवा और रोंनी मद्रा की पार्टी में गए। पेरिस हिल्टन अपनी उंगली में पहनी शानदार अंगूठी दिखा दिखा कर इसका ऐलान कर रही थी कि अब दोनों एक हैं।  पेरिस हिल्टन का क्रिस ज़िल्का के प्रति प्रेम बच्चों जैसा लगता है। कम से कम पेरिस हिल्टन की सोशल मीडिया पर इसकी अभिव्यक्ति तो यही बताती है। लेकिन, हिल्टन के जानने वाले इस बात की तस्दीक करते हैं कि हिल्टन इस सगाई के बाद जितनी शांत, खुश, सुरक्षित और स्थिर कभी नहीं दिखी थी। बधाई पेरिस हिल्टन और क्रिस ज़िल्का ! 

आज ही जन्म हुआ था टेलीविज़न के टीपू सुल्तान का !

अभिनेता फ़िरोज़ खान के छोटे भाई अब्बास खान उर्फ़ संजय खान का जन्म, १९४१ में बेंगलोर कर्णाटक में हुआ था। उनका फिल्म डेब्यू चेतन आनंद की वॉर फिल्म हकीकत से हुआ। उन्होंने दस लाख, एक फूल दो माली और इंतकाम जैसी फ़िल्में भी की। फ़िरोज़ खान और संजय खान की जोड़ी की तीन फ़िल्में उपासना, मेला और नागिन हिट साबित हुई। उन्होंने काला धंधा गोरे लोग, अब्दुल्ला और चांदी सोना का निर्देशन किया। भारत के पहले ऐतिहासिक मेगा टीवी सीरियल द सोर्ड को टीपू सुल्तान के निर्माता, निर्देशक और एक्टर संजय खान ही थे। वह अभिनेता हृथिक रोशन के ससुर हैं।गुल पनाग का जन्म चंडीगढ़ में १९७७ में हुआ था। वह मॉडल हैं और मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी हैं। उनका फिल्म डेब्यू अश्विनी चौधरी की फिल्म धूप (२००३) से हुआ था। उनकी उल्लेखनीय फिल्मों में डोर, मनोरमा सिक्स फीट अंडर, हेलो, स्ट्रैट, आदि के नाम शामिल हैं। उनकी पिछली फिल्म अम्बरसरिया २०१५ में रिलीज़ हुई थी। पंजाबी मूल की, मुंबई महाराष्ट्र में ३ जनवरी १९८६ को जन्मी नवनीत कौर मुख्य रूप से तेलुगु फिल्म अभिनेत्री हैं।  हालाँकि, उन्होंने हिंदी की एक फिल्म चेतना : द एक्ससिटेमेंट के अलावा तमिल, कन्नड़  और मलयालम फिल्मों में भी अभिनय किया है।  नवनीत कौर ने२०११ में एक पॉलिटिशियन रवि राणा  से ३६१३ जोड़ों के  साथ सामूहिक विवाह किया था।  इसके लिए उनका नाम गिनेस बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हुआ।  

Tuesday, 2 January 2018

बैटल ऑफ़ सरगढ़ी के ईशर सिंह बनेंगे महादेव मोहित रैना

धार्मिक सीरियल देवों के देव महादेव के महादेव मोहित रैना वापसी करने जा रहे हैं।  वह अपनी इस वापसी से अक्षय कुमार, अजय देवगन और रणदीप हूडा के विरुद्ध खड़े नज़र आते हैं। मोहित रैना, हिंदी फिल्मों के इन तीन स्थापित अभिनेताओं के विरुद्ध आ जाते हैं एक रियल लाइफ किरदार ईशर सिंह के कारण। ईशर सिंह, ब्रितानी सेना की उस रेजिमेंट के हवलदार थे, जिसने १२ सितम्बर १८९७ को, नार्थ ईस्ट फ्रंटियर में पख्तून ट्राइब के १० हजार हमलावरों के विरुद्ध सिर्फ २१ सिख सैनिकों के साथ युद्धों के इतिहास का सबसे लंबा चला युद्ध लड़ा था। फिरोजपुर के इन सभी सिख सैनिको को अपनी जान से हाथ धोना पडा था। इस युद्ध के बाद महारानी द्वारा इन सभी २१ सैनिकों को मरणोपरांत इंडियन आर्डर ऑफ़ मेरिट दिया गया था। यह पुरस्कार आज के परम वीर चक्र के समक्ष था। भारतीय फिल्मों के १०० साल के इतिहास में पहली बार इस युद्ध पर, ख़ास तौर पर इस युद्ध के नायक हवलदार ईशर सिंह के किरदार पर फिल्मकारों की निगाह पड़ी है। इस समय इस किरदार को लेकर कम से कम तीन फिल्मों को अक्षय कुमार, अजय देवगन और रणदीप हूडा की मुख्य भूमिका के साथ बनाया जा रहा है।  छोटा पर्दा भी इस किरदार से अछूता नहीं  रहा । ज़ल्द शुरू होने जा रहे चैनल डिस्कवरी जीत द्वारा एक सीरियल २१ सरफ़रोश: सरगढ़ी १८९७ का निर्माण जा रहा है। इस सीरियल में मोहित रैना हवलदार ईशर सिंह की भूमिका कर रहे हैं।  इस शो का निर्माण कोन्तिलोए पिक्चरस के अभिमन्यु सिंह द्वारा किया जा रहा है . इस सीरियल को लेकर मोहित रैना काफी खुश हैं . वह इस किरदार को निभाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं . मोहित रैना कहते हैं, “यह एक आम सैनिक के असाधारण साहस की कहानी है . मैं इस पीरियड ड्रामा को लेकर काफी उत्साहित और उत्तेजित हूँ. यह मेरे लिए चुनौतीपूर्ण है. मैं समझता हूँ कि इस चरित्र को परदे पर उतारने के लिए इस से सम्बंधित छोटे से छोटी जानकारी प्राप्त की जानी चाहिए ताकि यह कथा विश्वसनीय अनुभव साबित हो.” इस शो में मुकुल देव, सरगढ़ी युद्ध के मुख्य खलनायक गुल बादशाह की भूमिका कर रहे हैं . 

यूट्यूब पर डिस लाइक का रिकॉर्ड बनाने वाली पारवती

यह किस्सा बताने से पहले, हिंदी फिल्म दर्शकों को बता दे कि पार्वती कौन हैं ? पार्वती कालीकट  केरल में जन्मी दक्षिण की चारों भाषाओँ की फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री हैं। हिंदी फिल्म दर्शकों ने उन्हें पिछले साल नवंबर में तनूजा चंद्रा निर्देशित फिल्म करीब करीब सिंगल में इरफ़ान खान के अपोजिट देखा था।  यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अधिक नहीं चली। अब बात करते हैं पार्वती से जुड़े किस्से की। यह किस्सा है रिकॉर्ड तोड़ डिसलाइक का। जिन दिनों गोवा फिल्म फेस्टिवल में मलयालम फिल्म एस दुर्गा को हटाये जाने पर विवाद छिड़ा हुआ था, उन दिनों पारवती ने मलयालम फिल्मों के बड़े और वरिष्ठ सितारे मम्मूटी की फिल्म क़स्बा को लेकर टिपण्णी कर दी थी कि मेरा दुर्भाग्य कि मैंने आज ऎसी फिल्म देखी, जो मुझे नहीं देखनी चाहिए थी। इसमे सेक्सिएस्ट रिमार्क हैं. जो स्त्री विरोधी हैं और उन्हें फिल्म में नहीं होना था। दक्षिण में मम्मूटी के समर्थकों को यह नागवार गुजरा। उन पर आलोचनात्मक टिप्पणियों की बौछार होने लगी। एक फिल्मकार ने तो उन्हें पार्वती आंटी लिख दिया।  यह विवाद आगे इतना बढ़ा कि पार्वती को बलात्कार की धमकी भी दी जाने लगी। इस पर पार्वती को पुलिस में शिकायत दर्ज करानी पड़ी। यह विवाद थोडा थमा ही था कि वह फिर आलोचनाओं का शिकार होने लगी। इस बार पारवती की आलोचना उनकी एक फिल्म माय स्टोरी के गीत से जुडी है। इस फिल्म के इस गीत की मेकिंग का विडियो यूट्यूब पर दिखाया जा रहा था। जो लोग यह सोच रहे थे कि कस्बा विवाद को लेकर पार्वती द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद, कोई पार्वती को बुरा भला नहीं कहेगा, गलत साबित हुए। इस विडियो पर इतने कमेंट्स हुए कि पार्वती ने ४० हजार से ज्यादा डिसलाइक का रिकॉर्ड बना दिया। इस सब के बावजूद, पार्वती के लिए पिछला साल काफी अच्छा साबित हुआ है। उनकी करीब करीब सिंगल फिल्म में अभिनय की प्रशंसा हुई थी। उन्हें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ इंडिया २०१७ में  मलयालम फिल्म टेक ऑफ में शानदार अभिनय के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड मिला था। यह भी बताते चलें कि टेक ऑफ २०१४ में इराक में तिरकिट में ४६ भारतीय नर्सों के बंधक बनाए जाने की घटना पर है, जिसमे एक नर्स की हिम्मत से सभी नर्स कूटनीतिक प्रयासों के कारण आइएसआइएस के चंगुल से छूट सकी थी।साथी नर्सों को बंधक के दौरान बचाए रखने में उस नर्स का बड़ा हाथ था। महेश नारायण निर्देशित टेक ऑफ में इस किरदार को समीरा के नाम से दिखाया गया है। पारवती ने इसी समीरा का किरदार किया था। इसी घटना को आधार बना कर सलमान खान और कैटरीना कैफ की अली अब्बास ज़फर निर्देशित फिल्म टाइगर जिंदा है भी बनाई गई है।  

सैफ अली खान की सीरीज और दो फ़िल्में

सैफ अली खान के करियर के लिहाज़ से, पिछला साल काफी खराब गया था। उनकी दो फ़िल्में रिलीज़ हुई थी और दोनों ही फ़िल्में फ्लॉप हुई। सैफ अली खान को रंगून से बेहद उम्मीद थी। इस फिल्म में वह एक फिल्म निर्माता रुस्तम रुसी बिलमोरिया का किरदार कर रहे थे। सैफ ने विशाल भरद्वाज की फिल्म ओमकारा में लंगड़ा त्यागी की भूमिका से सैफ अली खान को प्रशंसा और पुरस्कार मिले थे। उन्होंने फिल्मफेयर का बेस्ट एक्टर इन निगेटिव रोल का पुरस्कार जीता था। लेकिन, पुरस्कार मिलना तो दूर रंगून ही बॉक्स ऑफिस पर धुल चाट गई। फिर सैफ की निगाहे शेफ पर लगी हुई थी। यह फिल्म, हॉलीवुड की २०१४ में रिलीज़ फिल्म शेफ की ऑफिसियल रीमेक थी।  लेकिन, यह फिल्म भी डिजास्टर साबित हुई। करियर के फ्रंट पर सैफ अली खान के लिए सब बुरा चल रहा था। लेकिन, घरेलु फ्रंट पर अच्छी बात यह हुई थी कि अमृता सिंह से उनकी बेटी सारा अली खान की पहली फिल्म केदारनाथ की शूटिंग शुरू हो गई थी। अब सैफ अली खान की निगाहें २०१८ पर हैं। उनकी निगाहें, अपनी दो फिल्मों और एक वेब सीरीज पर है। उनकी आठ घंटे लम्बी वेब सीरीज विक्रम चंद्रा के इसी टाइटल वाले उपन्यास सेक्रेड गेम्स पर बनी सीरीज है। इस थ्रिलर सीरीज में सैफ पुलिसकर्मी सरताज सिंह की भूमिका कर रहे हैं। यह सीरीज अपराध की दुनिया की ख़ाक छानने वाली थ्रिलर है। सैफ अली खान की फिल्मों में अक्षत वर्मा की डार्क कॉमेडी फिल्म कालकांडी १२ जनवरी को रिलीज़ हो रही है। यह फिल्म भी अपराध की दुनिया पर केन्द्रित है। सेक्रेड गेम्स का निर्देशन अनुराग कश्यप ने किया है। कालकांडी को अक्षत वर्मा डायरेक्ट कर रहे हैं। दूसरी फिल्म बाज़ार शेयर मार्किट पर फिल्म है। इसमे शेयर मार्किट की बारीकियों में झांका जा रहा है।  इस फिल्म में सैफ की भूमिका एक बार और महत्वपूर्ण है। यह दोनों फ़िल्में अगर दर्शकों को पसंद आ गई तो सैफ अली खान का फिल्म करियर नई जान पा जाएगा। एक दूसरी बात जो घरेलु फ्रंट में ख़ास हो रही है, वह यह कि सैफ की बेटी सारा की पहली फिल्म केदारनाथ भी इसी साल क्रिसमस वीकेंड पर रिलीज़ हो रही है। अगर केदारनाथ हिट हो गई तो घर में दोहरी खुशियाँ आएँगी, दो  स्टार जो  चमकेंगे ।