Wednesday, 8 May 2019

Kick 2 में Salman के संग Deepika Padukone का रोमांस


डेनमार्क (Denmark) में जन्मने के कारण, भारतीय अभिनेत्री न होने का इलज़ाम झेल रही, दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) ने२९ अप्रैल को लोकसभा चुनाव में वोट डालने के बाद, इन्स्टाग्राम पर अपनी सियाही लगी उंगली का चित्र डाल कर खुद को भारतीय अभिनेत्री साबित कर दिया है।  अब वह एक कदम आगे चल कर भारत की साबित होने जा रही हैं।

‘भारत’ की Deepika Padukone
खबरों की मानी जाए तो दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone), ईद वीकेंड पर रिलीज़ होने जा रही फिल्म भारत (Bharat) के हीरो सलमान खान (Salman Khan) के साथ फिल्म करने को तैयार है।  सलमान खान के साथ फिल्म डेब्यू करने का सपना हर अभिनेत्री का होता है, लेकिन दीपिका ने सलमान खान के साथ फिल्म ठुकरा कर, शाहरुख़ खान (Shahrukh Khan) की फिल्म ओम शांति ओम (Om Shanti Om) से अपना हिंदी फिल्म डेब्यू किया।  इतना ही नहीं, बाद में भी, सलमान खान की दर्जन भर फिल्मों को भी ठुकरा दिया था।  दीपिका के इस रवैये से सलमान खान भी नाराज़ लग रहे थे।



दूसरी किक के लिए दीपिका !
लेकिन, अब सलमान खान (Salman Khan) की नाराज़गी भी ख़त्म हो जायेगी।  दीपिका पादुकोण, (Deepika Padukone) निर्देशक साजिद नाडियाडवाला (Sajid Nadiadwala) की फिल्म किक २ (Kick 2) में सलमान खान की नायिका बनने को तैयार हैं।  सलमान खान की पहली किक (Kick) के लिए पहली पसंद एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ही थी।  उनके इंकार के बाद जैक्विलिन फर्नॅंडेज़ (Jacqualine Fernandez) किक की नायिका बना दी गई थी।  फिल्म को बड़ी सफलता मिली थी।

अपनी शर्तों पर Kick 2
लेकिन, किक २ में दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) की एंट्री उनकी शर्तों पर हुई है।  दीपिका पादुकोण, सलमान खान (Salman Khan) की किसी फिल्म को सिर्फ इसलिए नहीं करना चाहती थी कि वह सलमान खान की फिल्म थी।अमूमन तमाम छोटी बड़ी अभिनेत्रियां किसी भी तरह से सलमान खान की फिल्म करना चाहती हैं।  ताज़ातरीन उदाहरण दिशा पाटनी (Disha Patani) हैं, जो भारत में नायक के शुरूआती जीवन का हिस्सा हैं।  इसलिए, दीपिका पादुकोण को किक २ की बनाने के लिए साजिद नाडियाडवाला (Sajid Nadiadwala) ने समझौते किए हैं।  फिल्म की स्क्रिप्ट में, दीपिका की भूमिका को वजनी बनाया जा रहा है।  अब वह किक २ (Kick 2) की शो पीस नायिका नहीं होगी।

Chhapaak के बाद Met Gala 
दीपिका पादुकोण ने हाल ही में, निर्देशक मेघना गुलजार की फिल्म छपाक की शूटिंग पूरी की है।  पिछले दिनों उन्हें, मेट गाला में जलवे बिखेरते हुए देखा गया।  खबर आई थी कि छपाक की शूटिंग के बाद, मेट गाला में शामिल होते समय वह खुद को असहज महसूस कर रही थी।

क्या बुलंद होगा स्टूडेंट की तारा और अनन्या का सितारा ?- क्लिक करें 

क्या बुलंद होगा स्टूडेंट की तारा और अनन्या का सितारा ?


करण जौहर (Karan Johar) द्वारा निर्देशित फिल्म स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर (२०१२) के तीन प्रमुख स्टूडेंट्स में दो स्टूडेंट वरुण धवन (Varun Dhawan) और आलिया भट्ट (Alia Bhatt) अव्वल साबित हुए थे।  इस फिल्म के ठीक सात साल बाद, निर्देशक पुनीत मल्होत्रा (Punit Malhotra) की फिल्म स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर २ (Student of the Year 2) में एक बार फिर तीन स्टूडेंट दर्शकों की क्लास में है। इनमे से एक स्टूडेंट टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff), बॉक्स ऑफिस (Box Office) के टाइगर साबित हो चुके हैं। उनके साथ दो नवोदित अभिनेत्रियां अनन्या पांडेय (Ananya Panday) और तारा सुतरिया (Tara Sutaria) पहली बार बॉलीवुड की क्लास अटेंड कर रहे हैं। क्या यह दोनों भी, अपने हीरो की तरह बॉक्स ऑफिस की टाइगर साबित होंगी?

डांस कम्पटीशन जीतने की होड़
स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर २ की कहानी देहरादून के एक काल्पनिक स्कूल में डांस कम्पटीशन जीतने की होड़ की है। डांस में रोहन का प्रतिस्पर्द्धी मानव है। मृदुला बड़ी डांसर बनना चाहती हैं। श्रेया अमीरजादी है। पर डांस या कहिये डांसर रोहन की दीवानी है। फिल्म में रोहन, मृदुला, श्रेया और मानव की भूमिकाएं क्रमशः टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff), तारा सुतरिया (Tara Sutaria), अनन्या पांडेय (Ananya Panday) और आदित्य स्याल (Aditya Siyal) ने की है।


पुराने और नए स्टूडेंट
स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर २, एक्टर टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff) की छठवी फिल्म है।  इस लिहाज़ से तारा सुतरिया (Tara Sutaria) और अनन्या (Ananya Panday) बिलकुल नवोदित हैं। इन दोनों की ही यह पहली फिल्म है। तारा सुतरिया ने कुछ टीवी शो किये हैं।  अनन्या पांडेय के परिचय यह है कि वह अस्सी के दशक की फिल्मों के सह-नायक चंकी पांडेय की बेटी है। आदित्य स्याल (Aditya Siyal) को दर्शकों ने, मनीषा कोइराला (Manisha Koirala) की कामुक फिल्म एक छोटी सी लव स्टोरी (Ek Chhoti Si Love Story) में, उस छोटे बच्चे की भूमिका की थी, जो मनीषा की नंगी देह का दीवाना है।


छठी और सातवी फिल्म के हीरो
टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff) के लिए, छठी फिल्म स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर २ में अपनी हीरोपंथी साबित करने का बढ़िया मौक़ा है।  उनकी पिछली फिल्म बागी २ बड़ी हिट साबित हुई थी। स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर २ से वह खुद को पुख्ता हीरो साबित कर पाएंगे। सात फिल्म पुराने आदित्य स्याल (Adita Siyal) के लिए भी फिल्मों की गुमनामी से उबरने का अवसर है।

फिलहाल सेक्स बम साबित होना होगा !
परन्तु, तारा सुतरिया (Tara Sutaria) और अनन्या पांडेय (Ananya Panday) तो एक दूसरे के लिए चुनौती साबित हो रही है।  यह दोनों अभिनेत्रियां ट्वेंटी प्लस की हैं।  अनन्या के चेहरे पर ख़ास तौर पर बच्चों जैसी झलक है।  इन दोनों ही अभिनेत्रियों को खुद को सेक्स बम साबित करना होगा।  क्योंकि, इस डांस फिल्म में उनके लिए अभिनय के मौके तो कुछ ख़ास नहीं होंगे। 

जवानी जानेमन (Jawani Janeman) में भी तब्बू (Tabu) - क्लिक करें 

जवानी जानेमन (Jawani Janeman) में भी तब्बू (Tabu)


गोलमाल अगेन (Golmaal Again) और अंधाधुन (Andhadhun) की सफलता के बाद, अभिनेत्री तब्बू (Tabu) अब पारिवारिक कॉमेडी फिल्म जवानी जानेमन (Jawani Jaaneman) में एक दिलचस्प किरदार निभाती नजर आएगी ।  जैकी भगनानी (Jacky Bhagnani) की पूजा एंटरटेनमेंट, सैफ अली खान (Saif Ali Khan) की ब्लैक नाइट फिल्म्स और जय शेवक्रमणि की नॉर्दर्न लाइट्स फिल्म्स द्वारा निर्मित इस फिल्म को नितिन कक्क्ड़ (Nitin Kakkar) निर्देशित  करेंगे ।

युवा पीढ़ी की रोमांस फिल्म में तब्बू
जवानी जानेमन (Jawani Janeman), आज की युवा पीढ़ी पर एक मजेदार और कॉमेडी फिल्म है । एक आदमी अपने जीवन की कठोर वास्तविकता का सामना कैसे करता है यह इस फिल्म में दिखाया जायेगा । हाल ही में अभिनेत्री तब्बू (Tabu) भी सैफ अली खान (Saif Ali Khna) की इस फिल्म का हिस्सा बन गयी है ।

आखिरी बार सैफ की भाभी थी तब्बू
तब्बू और सैफ को एक साथ आखिरी बार, १९९९ में रिलीज़ सूरज बड़जात्या (Sooraj Barjatya) की फिल्म हम साथ साथ (Hum Saath Saath Hain) में देखा गया था। इस फिल्म मे तब्बू (Tabu) ने सैफ अली खान (Saif Ali Khan) की भाभी की भूमिका की थी । फिल्म जवानी जानेमन से पूजा बेदी (Pooja Bedi) की बेटी अलाया एफ (Alya F) का बॉलीवुड डेब्यू करने जा रहा है ।

महत्वपूर्ण होगी तब्बू की भूमिका
फिल्म के निर्माता तब्बू (Tabu) के किरदार के बारे में यह कह कर कुछ नहीं बताते कि अभी बहुत जल्दी होगा । इससे ऐसा लगता है कि फिल्म में अंधाधुन की तरह तब्बू का किरदार बहुत ही महत्वपूर्ण होगा ।



पूजा, सैफ और तब्बू की फिल्म
यहाँ एक दिलचस्प तथ्य यह भी कि पूजा एंटरटेनमेंट के बैनर तले १९९१ में रिलीज़ फिल्म बीवी नंबर १ (Biwi no. 1) में सैफ अली खान (Saif Ali Khan) और तब्बू (Tabu) दोनों ही थे । इस फिल्म में तब्बू ने अनिल कपूर (Anil Kapoor) की पत्नी की भूमिका की थी ।

दे दे प्यार दे में भी 
फिल्म जवानी जानेमन (Jawani Jaaneman) की शूटिंग जून में शुरू होगी और इसका पहला ४५ दिन का शेड्यूल लंदन में शूट किया जायेगा तब्बू (Tabu) की एक कॉमेडी फिल्म दे दे प्यार दे (De De Pyaar De) १७ मई को रिलीज़ हो रही है । इस फिल्म में अजय देवगन (Ajay Devgan) और राकुल प्रीत सिंह (Rakul Preet Singh) के साथ उनका रोमांटिक त्रिकोण है । 

Mental Hai Kya vs Super 30 ! क्या कीचड़ उछलेगा ?- क्लिक करें 

Mental Hai Kya vs Super 30 ! क्या कीचड़ उछलेगा ?


बॉलीवुड सहित, हिंदी फिल्मों का दर्शक सांस रोके बैठा है।  क्या कीचड़ उछलेगा ? पिछले दिनों, बालाजी मोशन पिक्चर्स (Balaji Moton Pictures) की एकता कपूर (Ekta Kapoor) ने बजरिये ट्विटर ऐलान किया कि उनकी कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की मुख्य भूमिका वाली फिल्म मेन्टल है क्या (Mental Hai Kya) २६ जुलाई को रिलीज़ होगी। पहले यह फिल्म २१ जून को रिलीज़ होने वाली थी। क्या कारण है कि एकता कपूर ने मेन्टल है क्या को २१ जून के बजाय २६ जुलाई को रिलीज़ करना बेहतर समझा ?

बेहतर कारोबार के लिए !
एकता कपूर (Ekta Kapoor) का तो यही कहना है कि वितरकों से बातचीत और फिल्म के बेहतर प्रदर्शन के ख्याल से, मेन्टल है क्या को २६ जुलाई को रिलीज़ करना बेहतर समझा गया। मगर बेहतर प्रदर्शन के बयान पर, २६ जुलाई को ही रिलीज़ हो रही अभिनेता हृथिक रोशन (Hrithik Roshan) बायोपिक फिल्म सुपर ३० (Super 30) सवालिया निशान लगाती है। सभी जानते हैं कि हृथिक रोशन बॉलीवुड के बड़े सितारों में से हैं। अमूमन वितरक और प्रदर्शक, हृथिक की फिल्म की सोलो चाहते हैं। क्या वितरक-प्रदर्शक, कंगना रानौत (Kangana Ranaut) की मेंटल है क्या (Mental Hai Kya) के लिए सुपर ३० की स्क्रीन कम करना पसंद करेंगे ?

पीछा कर रही कंगना ?
ऐसा लगता है कि कंगना रनौत (Kangana Ranaut), हृथिक रोशन (Hrithik Roshan) का पीछा कर रही है।  बेशक, कंगना रनौत की यह स्टाकिंग बजरिये फिल्म है। हृथिक रोशन की फिल्म सुपर ३० (Super 30) की रिलीज़ इस साल २६ जनवरी को तय थी।  २०१७ में, गणतंत्र दिवस वीकेंड पर हृथिक रोशन की फिल्म काबिल (Kaabil) रिलीज़ हुई थी।  इसके पांच साल पहले, २६ जनवरी २०१२ को रिलीज़ हृथिक रोशन की एक्शन फिल्म अग्निपथ (Agnipath) ने बड़ी सफलता हासिल की थी। मगर, कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने अपनी ऐतिहासिक फिल्म मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी (Manikarnika : The Queen of Jhansi) इसी तारीख़ को रिलीज़ किये जाने का ऐलान कर दिया। अब यह बात दीगर है कि यह टकराव हो न सका। सुपर ३० की रिलीज़ की तारीख़ २६ जुलाई कर दी गई।

दो सितारों के टकराव से मिलता प्रचार !
आम तौर पर, जब बॉलीवुड के दो बड़े एक्टर्स की फ़िल्में एक ही दिन रिलीज़ होती है, तब काल्पनिक टकराव की कहानियां फैलाई जाती हैं।  ऐसे दोनों सितारों के प्रशंसक, सोशल मीडिया पर, आपस में गुत्थम गुत्था हो जाते हैं।  इन फिल्मों को बैठे ठाले बड़ा प्रचार मिल जाता है।  अब यह बात दीगर है कि कभी इस टकराव से दोनों फिल्मों का अच्छा कारोबार हो जाता है या फिर दोनों ही फ्लॉप हो जाती है।

गुजरे रोमांस का टकराव
कंगना रनौत और हृथिक रोशन (Hrithik Roshan) की फिल्मों के टकराव का एंगल काल्पनिक तो है ही, इसमें रोमांस का छौंका भी है।  यह रोमांस रील लाइफ से रियल में उतारा था।  यानि कृष ३ के दिनों में कंगना और हृथिक का जो रोमांस हुआ था, वह फिल्म की रिलीज़ के कुछ दिनों बाद कीचड़ उछालू खेल में तब्दील हो गया।  दोनों तरह से खूब बयानबाज़ी हुई।  मामला पुलिस  के दस्तावेजों में दर्ज हुआ।  दोनों के ई-मेल खंगाले गए।  बाद में कंगना और हृथिक, दोनों ने ही रहस्यमई ख़ामोशी ओढ़ ली।

इशारा तो है !
ऐसे Hrithik Roshan और Kangana Ranaut की फिल्मों के टकराव के बाद कीचड़ उछालू प्रचार की उम्मीद की जा रही है। एकता कपूर ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति के ज़रिये इसका इशारा भी कर दिया है। शायद लेख छपने तक कीचड़ के कुछ छींटे नज़र भी आ जाए। देखना यह होगा कि क्या दोनों ओर से कीचड़ उछाला जाएगा ? यह तभी होगा, जब मेन्टल है क्या और सुपर ३० का टकराव होगा।

जूनियर Vicky Kaushal के साथ Katrina Kaif की फिल्म - क्लिक करें 

Zoya Akhtar की फिल्म के गैंगस्टर Ranveer Singh


गली बॉय (Gully Boy) की सफलता का फायदा इसके कलाकारों को मिलने लगा है। फिल्म में एमसी शेर की भूमिका करने वाले अनिरुद्ध चतुर्वेदी (Aniruddh Chaturvedi) को लेकर सोलो फिल्म बनाई जाने वाली है।

फिल्म में अनिरुद्ध के दोस्त और फिल्म के नायक मुराद की भूमिका करने वाले अभिनेता रणवीर सिंह (Ranveer Singh) से तो  ज़ोया अख्तर (Zoya Akhtar) शुरू से ही खुश हैं।  वह उनके साथ दिल धड़कने दो और गली बॉय का निर्माण कर चुकी हैं।



अब वह रणवीर के साथ तीसरी फिल्म भी बनाने जा रही है। मुंबई की एक पत्रिका के अनुसार, ज़ोया अख्तर (Zoya Akhtar) का इरादा दो नायकों वाली फिल्म बनाने का है।  इन दो नायकों में से एक की भूमिका रणवीर सिंह (Ranveer Singh) कर सकते हैं।

खबर के अनुसार, ज़ोया अख्तर (Zoya Akhtar) की रणवीर के साथ तीसरी फिल्म गैंगस्टर फिल्म (Gangster Film) होगी। इस फिल्म को, हॉलीवुड की दो गैंगस्टर फिल्मों द डिपार्टेड (The Departed) और गैंग्स ऑफ़ न्यू यॉर्क (Gangs Of New York) की लाइन पर बनाया जाएगा।



ज़ोया अख्तर (Zoya Akhtar) का इरादा लिओनार्डो डीकैप्रिओ (Leonardo DiCaprio) की इन फिल्मों का रीमेक अधिकार प्राप्त करने का है। इन फिल्मों के आधार पर ज़ोया को अभी फिल्म की स्क्रिप्ट लिखनी है। वह इस फिल्म को मुंबई की पृष्ठभूमि पर लिखेंगी।

अगर रणवीर सिंह (Ranveeer Singh) इस फिल्म में काम करते हैं तो यह रणवीर सिंह की गुंडे और किल दिल के बाद तीसरी गैंगस्टर फिल्म होगी।  गुंडे भी दो नायकों वाली गैंगस्टर फिल्म थी।


हॉलीवुड फिल्म स्पाइडर-मैन: फार फ्राम होम का ट्रेलर- क्लिक करें 

जूनियर Vicky Kaushal के साथ Katrina Kaif की फिल्म


कैटरीना कैफ (Katrina Kaif) और विक्की कौशल (Vicky Kaushal) की रोमांटिक जोड़ी बनने जा रही है। उरी द सर्जिकल स्ट्राइक (Uri The Surgical Strike) को मिली बड़ी सफलता के बाद, विक्की कौशल छोटे अभिनेताओं की श्रेणी से बाहर निकल आये हैं। लेकिन, इसके बावजूद सलमान खान (Salman Khan), शाहरुख़ खान (Shahrukh Khan), आमिर खान (Aamir Khan), सैफ अली खान (Saif Ali Khan), अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और हृथिक रोशन (Hrihik Roshan) की नायिका बन चुकी कैटरीना कैफ, इस समय भी विक्की कौशल के मुक़ाबले इतना बड़ा नाम तो हैं ही कि उनके सामने विक्की कौशल बौने लगे। मज़ा यह है कि कैटरीना कैफ की अपने से छोटे सितारे के साथ फिल्म सफल भी नहीं हो पाती।


आदित्य रॉय कपूर के साथ फितूर !
हृथिक रोशन (Hrithik Roshan) की फिल्म बैंग बैंग (Bang Bang) और आमिर खान (Aamir Khan) के साथ धूम ३ (Dhoom 3) करने के बाद, कैटरीना कैफ (Katrina Kaif) ने, जब २०१६ में निर्देशक अभिषेक कपूर (Abhishek Kapoor) की फिल्म फितूर (Fitoor) में आदित्य रॉय कपूर (Aditya Roy Kapoor) की नायिका बनने का फैसला किया, तब उनके प्रशंसकों का चौंकना स्वाभाविक था। अब तक वह बड़े सितारों की फिल्मों के लिए भाग्यशाली चेहरा साबित हो रही थी। अब खुद से छोटे अभिनेताओं की नायिका बनने का यह कैसा फितूर ! फितूर १२ फरवरी २०१६ को रिलीज़ हुई । फिल्म की ज़बरदस्त असफलता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि ७० करोड़ के भारी बजट से बनी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर १९ करोड़ का कारोबार ही कर सकी।


सिद्धार्थ के साथ बार बार देखो !
फितूर के ही दौरान, आत्मविश्वास से भरी कैटरीना कैफ (Katrina Kaif) ने, सिद्धार्थ मल्होत्रा (Siddharth Malhotra)के साथ, नित्या मेहरा (Nityaa Mehra) निर्देशित फिल्म बार बार देखो (Baar Baar Dekho) भी साइन की थी।  बचपन के दो दोस्तों की रोमांस कहानी बार बार देखो में, कैटरीना कैफ की भूमिका बड़ी थी। मगर फिल्म में उनके नायक छोटे थे। यह फिल्म ९ सितम्बर २०१६ को रिलीज़ हुई थी। फिल्म को भी असफलता का मुंह देखना पड़ा।  इस फिल्म का बजट ५३ करोड़ था, लेकिन, फिल्म मुश्किल से ६३ करोड़ कमा सकी।


असफलताओं का अपशकुन !!!
आदित्य रॉय कपूर (Aditya Roy Kapoor) और सिद्धार्थ मल्होत्रा (Siddharth Malhotra) के साथ फ़िल्में करने का अपशकुन तो देखिये, इन दोनों की फिल्मों के बाद रिलीज़, कैटरीना कपूर (Katrina Kaif) की रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) के साथ फिल्म जग्गा जासूस (Jagga Jasoos), आमिर खान (Aamir Khan) के साथ फिल्म ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान (Thugs of Hindusthan) और शाहरुख़ खान (Shahrukh Khan) के साथ फिल्म जीरो (Zero) भी असफल हो गई। कैटरीना का सौभाग्य था कि इन असफलताओं के बीच उनकी सलमान खान (Salman Khan) के साथ फिल्म टाइगर ज़िंदा है (Tiger Zinda Hai) हिट हो गई।  इस सफलता का नतीजा है कि कैटरीना कैफ की सलमान खान के साथ फिल्म भारत (Bharat) ईद में रिलीज़ होने जा रही है। लेकिन, क्या विक्की कौशल (Vicky Kaushal) के साथ फिल्म से कैटरीना छोटे अभिनेताओं की जिंक्स तोड़ पाएंगी ?

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Monday, 6 May 2019

हॉलीवुड फिल्म स्पाइडर-मैन: फार फ्राम होम का ट्रेलर

फिल्म भारत एक एक दृश्य में सलमान खान

म्यूजिक विडियो रंगरेजिया - वैभव वशिष्ठ

पंजाबी फिल्म चंडीगढ़ अमृतसर चंडीगढ़ का ट्रेलर

Indian Box Office पर अवेंजर्स के ३११


हॉलीवुड की सुपर हीरोज फिल्म अवेंजर्स एन्डगेम (Avengers Endgame) ने, नॉन हॉलिडे वीकेंड में रिलीज़ होने के बावजूद बॉलीवुड के तमाम सुपर सितारों की फिल्मों से अधिक की ओपनिंग लेकर बॉलीवुड को चौंका दिया।  इस फिल्म ने पहले दो दिनों में १०० करोड़, पहले हफ्ते में २५० करोड़ का कारोबार कर लिया था।  जैसी की उम्मीद की जा रही थी, यह फिल्म दूसरा वीकेंड ख़त्म होने पर भारत में हॉलीवुड फिल्मों का ३०० करोड़ क्लब बना चुकी थी। इस फिल्म ने दूसरे वीकेंड तक ३११  करोड़ का कारोबार कर लिया था। उम्मीद की जा रही है कि दूसरे हफ्ते तक यह फिल्म ३७५ करोड़ का कारोबार कर लेगी।


अवेंजर्स एन्डगेम (Avengers Endgame) में रॉबर्ट डाउनी जूनियर (आयरन-मैन), क्रिस इवांस (कैप्टेन अमेरिका), मार्क रुफलो (हल्क), क्रिस हैम्सवर्थ (थॉर), स्कारलेट जोहंस्सों (ब्लैक विडो), जेरेमी रेंनर (हकेए), डॉन चीडल (वॉर मशीन), पॉल रड (अंट-मैन), ब्री लार्सन (कैप्टेन मार्वेल), करेन गिलन (नेबुला), दानाई गुरीरा (ओकोये), ब्राडले कूपर (राकेट), जोश ब्रोलिन (थानोस), क्रिस प्राट (स्टार-लार्ड), सेबेस्टियन स्टेन (विंटर सोल्जर), आदि अपनी अपनी सुपर हीरो भूमिकाओं में थे ।


इस फिल्म ने कुछ इस प्रकार दैनिक कारोबार कर ३११ करोड़ अपनी झोली में डाले -
पहला दिन (शुक्रवार १)- ५३.५० करोड़
दूसरा दिन (शनिवार १)- ५२.२५ करोड़
तीसरा दिन (रविवार १)- ५३.७५ करोड़  
चौथा दिन (सोमवार १) ३०.५० करोड़
पांचवा दिन (मगलवार १) २६ करोड़
छठा दिन (बुद्धवार १) २८ करोड़
सातवाँ दिन (गुरुवार १) १५.५० करोड़    (पहला हफ्ता २५९.५० करोड़)
आठवां दिन (शुक्रवार २) १२ करोड़
नवां दिन (शनिवार २) १८.२५ करोड़
दसवां दिन (रविवार २) २१.२५ करोड़
कुल योग १० दिनों में  ३११ करोड़ 



राष्ट्रीय सहारा ०५ मई २०१९ - क्लिक करें 

बड़ों को पसंद आने वाली बच्चों की फ़िल्में भली !


लन्दन चिल्ड्रेन्स फिल्म फेस्टिवल की कला निर्देशक डेस फोर्गेस ने बच्चों की फिल्मों को लेकर एक बार कहा था, “बच्चों के लिए बहुत बढ़िया फिल्म वह है, जो बड़ों को भी पसंद आये। फिल्म ऎसी होनी चाहिए जो आपको बांधे रखे, आपको हंसाये, रुलाये और ऐसे संसार में ले जाए, जिससे वापस आ कर आप कुछ अलग सोचने लगे।इस परिभाषा के लिहाज़ से किसी बाल फिल्म को यूनिवर्सल यानि सबकी पसंदीदा और इमोशन को प्रभावित करने तथा कुछ सोचने को मज़बूर करने वाली फिल्म होना चाहिए।

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता बाल फ़िल्में
ऎसी फिल्मों को चुनने के लिहाज़ से राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की श्रेष्ठ बाल फिल्म की श्रेणी पर निगाह डालनी होगी।  पिछले दस सालों की फिल्मों पर नज़र डालें तो इन फिल्मों में विविधता है, बच्चों की समझ के अनुसार उन्हें सीख देने वाली हैं। कन्नड़ फिल्म गब्बचिगालु में शहर के दो बच्चे गौरैया की खोज में निकलते हैं। कन्नड़ फिल्म पुतानी पार्टी में एक गाँव की ग्राम पंचायत के बच्चे अपने बड़ों की गलत समझ को सुधारने की कोशिश करते हैं। हिज्जेगालु की एक गरीब बच्ची अपनी गरीबी और सामाजिक बाधाओं के बावजूद अपने परिवार को सम्मान दिलाती है और दूसरे बच्चों के सामने आदर्श रखती है। नितेश तिवारी की फिल्म चिल्लर पार्टी के बच्चे एक कुत्ते को बचाने के लिए आंदोलन करते हैं। हिंदी फिल्म काफल, गढ़वाल के एक गाँव के बच्चे की कहानी है, जो अपने अत्यधिक क्रोधी पिता को सबक सिखाने के लिए एक जादूगरनी से मदद माँगने जाते हैं। लेकिन, उस जादूगरनी की पोती उन्हें एक ऎसी यात्रा पर ले जाती हैं, जिससे उन्हें ज़िन्दगी जीने मे मदद मिलती है। मराठी फिल्म एलिज़ाबेथ एकादशी के बच्चे अपनी साइकिल बिकने से बचाने की कोशिश करते हैं। हिंदी फिल्म दुरंतो, पांच साल के बच्चे बुधिया सिंह के ४८ मैराथन दौड़ों में हिस्सा लेने की सच्ची कहानी है। मराठी फिल्म म्होरक्या का १४ साल का गडरिया बालक गाँव का मुखिया बनना चाहता है।

प्रेरित करने वाली फ़िल्में
बच्चों की फिल्मों का उद्देश्य बच्चों का मनोरंजन तो होना ही चाहिए, साथ ही साथ उन्हें प्रेरित करने वाली भी होनी चाहिए। विभिन्न भारतीय भाषाओं में बनी फ़िल्में इस उद्देश्य को पूरा करती है। मलयालम फिल्म चोडयंगल (२०१३) में पांचवी कक्षा के एक बच्चे को १०१ सवाल तैयार करने के लिए कहा जाता है। यह फिल्म बच्चे को कोशिश करने के लिए प्रेरित करने वाली फिल्म है। कन्नड़ फिल्म अ आ इ ई (२००६) में बाल चरित्रों की भरमार थी।  एक अध्यापिका गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए गाँव जाती है।  मगर उसका पति गाँव में रहना नहीं चाहता।  यह फिल्म गरीब बच्चों को अच्छी और मुफ्त शिक्षा के लिए प्रेरित करने वाली है। फिल्म अभय (१९९४) के कुछ बच्चे एक भुतहा मकान में भूतों से मिलने जाते हैं।  भूतों को उनका आना पसंद नहीं।  वह उन्हें डराते हैं।  लेकिन, बच्चे भूतों के बारे में जान कर ही मानते हैं।  यह फिल्म साबित कराती थी कि बच्चों को यो ही नहीं डराया जा सकता। उनमे तर्क बुद्धि होती है। ऐसी एक फिल्म भूतनाथ भी थी।

वनों और वन्य जीवों को बचाने का सन्देश
दुनिया में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता के प्रयास किये जा रहे हैं।  इस दिशा में फ़िल्में अपना सहयोग कर सकती है। इन फिल्मों के ज़रिये बच्चे पर्यावरण सुरक्षा के प्रति सतर्क रह सकते हैं।  हालिया रिलीज़ फिल्म जंगली में जंगल है, जंगल का सौंदर्य है, जंगली जानवर हैं, उनको खतरे और उन्हें इन खतरों से बचाने का प्रयास करने वाले लोग भी हैं। यह फिल्म बड़ो और बच्चों को शिक्षित करने के लिहाज़ से ख़ास हो जाती है। कुछ ऎसी ही फ़िल्में पहले भी प्रदर्शित हुई है। एडवेंचर ऑफ़ जोजो में जोजो नाम का बच्चा, जंगल में रहने वाले महावत के साथ शेर के शिकार को रोकता हैं। बंगला फिल्म अमेज़न अभियान में नायक एक विदेशी के साथ अमेज़न के जंगलों में ख़ज़ाने की खोज में निकालता है। 

विकलांग बच्चों की कहानियां 
देश में विकलांगों को लेकर कई भ्रांतियां हैं। उन्हें उनकी शारीरिक और मानसिक विकलांगता को समझते हुए, उनके साथ उचित व्यवहार करें की है। पिछले कुछ सालों से, भारतीय फिल्मों के कथानक विकलांग बच्चों पर केंद्रित है। फिल्म अंजलि की छोटी बच्ची अंजलि मानसकिक विकलांगता की शिकार है। पर साथी बच्चे उस पर भूत का साया देखते हैं। लेकिन, धीरे धीरे कर उनकी सोच में बदलाव आता है। आमिर खान की फिल्म तारे ज़मीन पर में बच्चों को उनके मानसिक विकास के अनुरूप पेंटिंग के ज़रिये उनकी कला को उभरने की वकालत की गई है। ऐसा ही कथानक मलयालम फिल्म केशु का भी था। नागेश कुकनूर की फिल्म धनक में एक बच्ची अपने अंधे भाई की आँखें वापस लाने के लिए ३०० किलोमीटर का सफर कर शाहरुख़ खान से मिलने जाती है।

प्रेरित करने वाली हस्तियों पर फिल्म
अपने देश का नाम रौशन करने वाली हस्तियों का बचपन प्रेरणा दे सकता है। उनका बचपन का अनुभव ही उन्हें समाज में अपनी जगह बनाने में मददगार होता है।  इसी साल रिलीज़ फिल्म मणिकर्णिका : द क्वीन ऑफ़ झाँसी में, रानी लक्ष्मी बाई के बचपन से ही वीर, निडर और कुशल योद्धा होने का पता चलता था।  इसीलिए इस फिल्म का टाइटल ही मणिकर्णिका था। २०११ में रिलीज़ फिल्म का चाय की दूकान पर काम करने वाला बच्चा अब्दुल कलाम के जीवन से प्रेरित हो कर रात मे स्ट्रीट लाइट की रोशनी में पढ़ता है। फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी में भारतीय प्रधान मंत्री के प्रेरणादाई बचपन का चित्रण हुआ है।  वही, चलो जीते हैं फिल्म प्रधान मंत्री के बचपन में घटी घटनाओ के आधार पर बनाई गई है।

माजिद मजीदी की दो फ़िल्में
ईरानी फिल्म निर्देशक मजीद मजीदी की दो फ़िल्में बेहद ख़ास है। यह बच्चों में एक दूसरे के प्रति त्याग और बलिदान का चित्रण करती है। चल्ड्रेन्स ऑफ़ हेवन में बच्चों के पिता एक पास दोनों बच्चों के जूते खरीदने के पैसे नहीं है। इस पर बहन अपने जूते अपनी भाई को देती है, जब वह स्कूल में नहीं होती और भाई स्कूल जाता है।  बाद में भाई एक दौड़ में जूते जीतता है। यह कहानी उनकी भारतीय पृष्ठभूमि की फिल्म बियॉन्ड द क्लाउड्स में यह बच्चे बड़े हो कर हर त्याग करने को तैयार है।  भाई अपनी बहन को बचाने के लिए गुंडों से भीड़ जाता है। यह फ़िल्में भाई-बहन के बीच प्रेम, त्याग और समर्पण की कहानियां कहती हैं।

हॉलीवुड की फ़िल्में
बच्चों के मनोविज्ञान के लिहाज़ से हॉलीवुड फ़िल्में बेजोड़ है। हॉलीवुड फिल्मों का बच्चा भी मुख्य चरित्र हो सकता है।  एनीमेशन  चरित्र भी प्रेरणा दे सकते हैं।  जादू के संसार मे भी बच्चे यथार्थ को याद रख पाते हैं।  हॉलीवुड की बेबीज डे आउट, होम अलोन, लिटिल रास्कल्स, डेनिस द मेनेस, जर्नी टू द सेंटर ऑफ़ द एअर्थ, स्पाई किड्स, जुमान्जी, द पैरेंट ट्रैप, द पैसिफिएर, माटिल्डा, पीटर पैन, आदि बच्चों के मुख्य किरदारों की कहानियां हैं।  हैरी पॉटर सीरीज की फ़िल्में जादुई दुनिया के बच्चों को भी जादू को दुनिया के भले के लिए उपयोग करने  की शिक्षा देती थी। जाथुरा और जुमान्जी बच्चों के खेल से शुरू हो करे, उन्हें खतरनाक काल्पनिक संसार में ले जाती थी। ईटी द एक्स्ट्रा टेरेस्ट्रियल, डंस्टन चेक इन, कैस्पर, आदि फिल्मों के बच्चे  अजनबी आकृतियों या बड़े जानवरों से बिना डरे हुए परिचय करते हैं।  फिल्म सीरीज द क्रोनिकल्स ऑफ़ नार्निया और चार्ली एंड द चॉकलेट फैक्ट्रीमैरी पोप्पिंस, आदि फंतासी फ़िल्में बच्चों की पसंद को ध्यान में रख कर ही बनाई गई है।  इनके अलावा कुंग फु पंडा, द श्रेक, आइस एज, मडागास्कर, द इन्क्रेडिबल्स, विन्नी द पूह, फ्रोजेन, डेस्पिकेबल मी, टॉय स्टोरी, द मपेट, फाइंडिंग निमो, हाउ टू ट्रेन योर ड्रैगन, मोअना, वाल-इ, द जंगल बुकआदि फिल्मों की सीरीज के एनीमेशन चरित्र मानवीय संवेदनाओं की अभियक्ति करने वाले थे।

बॉलीवुड की फंतासी तथा दूसरी फ़िल्में
अनिल कपूर की फिल्म मिस्टर इंडिया,   शाहरुख़ खान की फिल्म रा.वन, हृथिक रोशन की सुपरहीरो फिल्म   सीरीज कृष, अजय देवगन की फिल्म टूनपुर का सुपरहीरो, आब्रा का डबरा, शिवा का इन्साफ, माय डिअर कुट्टिचेतन, आदि फ़िल्में फंतासी कथानक के बावजूद बुराई पर अच्छाई की विजय, भय से बिना डरे मुक़ाबला करने का सन्देश देती थी। इन फिल्मों के अलावा भारतीय बच्चों के लिए स्टैनली की डब्बा, ब्लू अम्ब्रेला, रॉकफोर्ड, तहान, हवा हवाई, मकड़ी, आदि फ़िल्में भी देखने लायक हैं। 

बच्चों के लिए २०१९ में
इस साल बच्चों की समझ के लिहाज़ से आधा दर्जन फ़िल्में उल्लेखनीय हैं । इन फिल्मों में हमीद, मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर, जंगली और गॉन केश रिलीज़ हो चुकी हैं । हमीद, कश्मीर की पृष्ठभूमि पर एक नन्हे कश्मीरी बच्चे की कहानी है, जिसे उसकी माँ ने बताया है कि उसके पिता अल्लाह के पास चले गए हैं और ७८६ के ज़रिये उनसे मिला जा सकता है । वह ७८६ नंबर मिला कर अपने पिता से बात करना चाहता है । लेकिन, क्या ७८६ नंबर मिला कर यह संभव है ? एक दिन उस बच्चे को ७८६ से सचमुच जवाब मिलता है । राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म का बाल चरित्र अपनी माँ से बलात्कार के बाद, प्रधान मंत्री को पत्र लिखता है । इस फिल्म में खुले में शौच की समस्या और गन्दगी की समस्या को भी बखूबी उठाया गया है । चक रसेल की फिल्म जंगली में वन्य पर्यावरण और हाथियों के अवैध शिकार का चित्रण किया गया था । निर्देशक कासिम खालो की फिल्म गॉन केश की नृत्यांगना बनने की इच्छुक किशोरी को उस समय अपने सपने टूटते नज़र आते हैं, जब बीमारी के कारण उसके सर के बाल गिराने लगते हैं । इन फिल्मों के अलावा, २०१९ में, शोनाली बोस की फिल्म द स्काई इज पिंक की कहानी में पल्मोनरी फाइब्रोसिस की बीमारी से पीड़ित बच्ची का संघर्ष है । रणबीर कपूर, अलिया भट्ट, अमिताभ बच्चन और नागार्जुन की फिल्म ब्रह्मास्त्र एक विशुद्ध फंतासी फिल्म है,जो अपने चमत्कारी दृश्यों के कारण बाल दर्शकों को भी पसंद आयेगी । 
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Sunday, 5 May 2019

राष्ट्रीय सहारा ०५ मई २०१९