भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday, 1 December 2019
हॉलीवुड फिल्म Star Wars:The Rise Of Skywalker का Real D3D पोस्टर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
कैलेंडर शूट के लिए राजा हाथी के साथ साउथ एक्ट्रेस Sakshi Agarwal
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
NTR की रील लाइफ को NTR Jr. की न !
फिल्म अभिनेत्री से तमिलनाडु की मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंची जे
जयललिता के जीवन पर फिल्म थलेवि के तमाम किरदारों का चुनाव किया जा रहा है। हालाँकि, फिल्म में जयललिता के फिल्म एक्ट्रेस से
मुख्यमंत्री बनने तक के नाटकीय ड्रामेबाज़ी को अंजाम देने का जिम्मा बॉलीवुड
अभिनेत्री कंगना रनौत पर है। उन्होंने
इसके लिए तैयारियां दो महीने पहले से शुरू कर दी है। मगर, जब दूसरे सितारों का चयन हो जाएगा, तब फिल्म की
शूटिगं शुरू हो जाएगी। फिलहाल तो ताज़ा खबर यह है कि एक पोते ने अपने दादाजी को मना
कर दिया है। जयललिता बायोपिक में कई राजनीतिक चेहरे हैं। इनमे एक चेहरा नान्दीमुरि
तारक रामाराव का भी है। जयललिता के
मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान एनटीआर भी आंध्र प्रदेश के मुख्य मंत्री थे। वह
जयललिता की कई ऐतिहासिक,
धार्मिक और सामाजिक फिल्मों में नायक एनटीआर ही थे। राजनीतिक रुप से भी
उनके विचार काफी सामान थे। साफ़ है कि फिल्म
थलेवि में, एनटीआर की
भूमिका काफी खास थी। इसलिए,
फिल्म के निर्माताओं ने, थलेवि में एनटीआर की भूमिका के लिए उनके पोते
एनटीआर जूनियर से संपर्क किया। लेकिन, जूनियर
एनटीआर ने रील में सीनियर एनटीआर की भूमिका करने से मना कर दिया। क्योंकि, एनटीआर जूनियर को ऐसा लगता है कि चूंकि, सीनियर
एनटीआर का जीवन इतना जटिलताओं से भरा रहा है कि वह उनकी रियल भूमिका को रील पर
करने की क्षमता नहीं रखते है। थलेवि का निर्माण विष्णु इंदूरि के साथ शैलेश आर
सिंह कर रहे हैं। इस फिल्म को विजयेंद्र
प्रसाद ने लिखा है। विजयेंद्र ने ही कंगना
रनौत की फिल्म मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ लिखी थी ।
इस फिल्म का निर्देशन एएल विजय कर रहे हैं। तमिल, तेलुगु और
हिंदी में बनाई जा रही इस फिल्म को जुलाई २०२० में रिलीज़ किया जाएगा।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Rahul Sharma का बिहार से मुंबई तक का सफ़र !
बॉलीवुड में प्रतिभा मायने रखती है । देश के कोने कोने से युवा फिल्मों
में अपने सपने साकार करने के लिए मुंबई आते हैं। फिल्म एक्सरे, द इनर इमेज
में मुख्य भूमिका करने वाले एक्टर राहुल शर्मा भी ऐसे ही युवाओं में से हैं। बिहार
के एक छोटे से शहर मुज़फ़्फ़रपुर के राहुल को १३ साल की उम्र में एक्टिंग के कीड़े
ने काट लिया था । लेकिन मुजफ्फरपुर से बॉलीवुड तक की राहुल की यात्रा आसान नहीं थी
। वह कहते हैं,
"मैं मेडिकल की पढ़ाई करने जा रहा था, लेकिन मैं कहीं न कहीं जानता था कि मैं एक
अभिनेता ही बनना चाहता हूँ । इसलिए मैंने डॉक्टरी की पढ़ाई नहीं की और अपने जुनून
को आगे बढ़ाने का फैसला लिया! मुंबई आकर मैंने अपने अभिनय कौशल को बढ़ाया और ऑडिशन
देना शुरू कर दिया। मैंने विधुर चतुर्वेदी से एक्टिंग सीखी । फिर मैंने डायरेक्टर
राजीव रुइया के सहायक निर्देशक के रूप में काम किया ।“ फ़िल्म एक्सरे
में राहुल शर्मा और यशवी कपूर की फ्रेश जोड़ी दिखेगी । फिल्म में राहुल साइको लवर
के रोल में दिखेंगे । अपनी पहली फिल्म में ग्रे कैरेक्टर प्ले करने के संबंद में
राहुल कहते हैं,
“मेरा किरदार एक साइको लवर का है, जो उससे मदद मांगने आई लड़की को हर एक कीमत
पर हासिल करना चाहता है । मेरा किरदार निगेटिव है पॉजिटिव है या ग्रे शेड्स लिए
हुए है इसके लिए फिल्म देखनी पड़ेगी । लेकिन यह किरदार चुनौतियोंपूर्ण था ।“ यह फ़िल्म २९
नवंबर को रिलीज़ होगी।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
स्वतंत्रता दिवस को Ajay Devgan और John Abraham की देशभक्ति का टकराव
जॉन अब्राहम की स्पाई एक्शन थ्रिलर फिल्म अटैक की शूटिंग ४ जनवरी से शुरू
हो जाएगी। इस फिल्म में जॉन अब्राहम का
साथ जैक्वेलिन फर्नॅंडेज़ और रकुल प्रीत सिंह दे रही हैं। फिल्म का निर्देशन नवोदित लक्ष्य आनंद कर रहे
हैं। इस फिल्म को १४ अगस्त २०२० को रिलीज़ किया जाएगा। इसके साथ ही, जॉन अब्राहम
लगातार तीसरे साल भी,
स्वतंत्रता दिवस वीकेंड पर अपनी देशभक्ति वाली फिल्म लेकर आ रहे हैं। पिछले दो सालों में, जॉन अब्राहम की फिल्म बाटला हाउस और सत्यमेव
जयते क्रमशः २०१९ और २०१८ में प्रदर्शित हुई थी।
जॉन अब्राहम कहते हैं, "मुझे लगता है कि स्वतंत्रता दिवस वीकेंड
मेरा है। लेकिन, इसलिए नहीं
कि यह राष्ट्रीय अवकाश का दिन है। बल्कि इस लिए कि मेरी फ़िल्में बिना किसी अंधभक्ति के देश और स्वतंत्रता की बात करती
हैं।" जॉन अब्राहम से पहले भी, अक्षय कुमार की फ़िल्में स्वतंत्रता दिवस
वीकेंड पर रिलीज़ हुआ करती थी। अक्षय कुमार की
वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दोबारा (२०१३), ब्रदर्स (२०१५), रुस्तम
(२०१६) और टॉयलेट एक प्रेम कथा (२०१७) जैसी फ़िल्में स्वतंत्रता दिवस वीकेंड पर ही
प्रदर्शित हुआ करती थी। यही कारण था कि २०१८ और २०१९ में जॉन अब्राहम की फिल्मों
की टक्कर में अक्षय कुमार की फ़िल्में भी रिलीज़ हुई। २०१८ में गोल्ड और २०१९ में मिशन मंगल रिलीज़
हुई थी। दिलचस्प तथ्य यह था कि जॉन
अब्राहम और अक्षय कुमार की फिल्मों को टकराव के बावजूद नुकसान नहीं उठाना पड़ा।
स्वतंत्रता दिवस वीकेंड २०२० में अक्षय कुमार की कोई फिल्म रिलीज़ नहीं हो रही
है। लेकिन, ऐसा लगता है कि अगले साल, स्वतंत्रता
दिवस वीकेंड पर देशभक्ति का झंडा फहराने का इरादा अजय देवगन ने बना लिया है। उनकी संजय दत्त और सोनाक्षी सिन्हा के साथ १९७१
के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर फिल्म भुज द प्राइड ऑफ़ इंडिया रिलीज़ होगी। अजय देवगन की कॉप फिल्म सिंघम रिटर्न्स १५
अगस्त २०१४ को रिलीज़ हुई थी। अक्षय कुमार
को अपनी फिल्म एंटरटेनमेंट एक हफ्ता पहले रिलीज़ करनी पड़ी थी। अजय देवगन की फिल्म
भुज द प्राइड ऑफ़ इंडिया,
१९७१ में भारत-पाकिस्तान युद्द के दौरान भुज के नष्ट किये जा चुके हवाई
अड्डे को स्थानीय नागरिकों की मदद से मरम्मत कराने वाले स्क्वाड्रन लीडर अजय
कार्णिक पर फिल्म है। ज़ाहिर है कि जॉन अब्राहम की आतंकवादियों के चंगुल से अपहृतों
को बचाने की कहानी से कम देशभक्तिपूर्ण फिल्म नहीं है अजय देवगन की भुज। ऐसे में, स्वतंत्रता
दिवस वीकेंड पर देश की बात करने वाली दो एक्टरों की दो फिल्मों का टकराव देखना
दिलचस्प होगा।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
डिजिटल तांडव में सितारों की भीड़
सलमान खान की सुल्तान, टाइगर जिंदा है और भारत जैसी हिट फिल्म के निर्देशक
अली अब्बास ज़फर की बतौर निर्माता फिल्म खाली पीली की शूटिंग तेज़ी से चल रही है ।
इस फिल्म के नायक-नायिका ईशान खट्टर और अनन्या पाण्डेय हैं । अब अली का डिजिटल
डेब्यू भी होने जा रहा है । वह अमेज़न प्राइम विडियो के लिए सीरीज तांडव का निर्माण
कर रहे हैं । इस पोलिटिकल थ्रिलर सीरीज को गौरव सोलंकी ने लिखा है । गौरव ने हाल
ही में रिलीज़ आर्टिकल १५ की कहानी भी लिखी थी । इस फिल्म में सैफ अली खान एक ऐसे
राजनेता की भूमिका कर रहे हैं, जो देश का प्रधान मंत्री बनना चाहता है । नेताओं की
खींचतान और राजनीतिक उठापटक को दर्शानी वाली इस सीरीज में सितारों की भीड़ जमा की
गई है । सीरीज मे पूरब कोहली और कृति कामरा की महत्वपूर्ण भूमिका है । चूंकि इस
सीरीज की कहानी १० से १२ प्रमुख चरित्रों के इर्दगिर्द है, इसलिए कम से
कम आठ या दस और एक्टर साइन किये जा सकते हैं । सूचना के मुताबिक सोनाली नागरानी, परेश पाहुजा, सुनील
ग्रोवर, सारा जेन
डियास और शोभित जोहरी को साइन भी कर लिया गया है । यह सभी एक्टर, अली की
फिल्मों में कभी न कभी काम कर चुके हैं । वैसे अभी इस कास्ट का अधिकारिक ऐलान नहीं
हुआ है, सिवाय सैफ
अली खान, पूरब कोहली
और कृतिका कामरा के नामों के ।
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Divyendu Sharma करेंगे Altbalaji पर बिच्छू का खेल
दिल्ली यूनिवर्सिटी के पोलिटिकल साइंस के स्नातक दिव्येंदु शर्मा को लव
रंजन की फिल्म प्यार का पंचनामा में कार्तिक आर्यन के दोस्त लिक्विड की भूमिका से
पहचान मिली। सइ परांजपे की फिल्म चश्मे
बद्दूर की डेविड धवन द्वारा रीमेक फिल्म चश्मे बद्दूर के ओमी की भूमिका ने
दिव्येंदु को कॉमेडी के उस्ताद एक्टर के तौर पर स्थापित कर दिया। अब यही दिव्येंदु, ऑल्टबालाजी
की क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज बिच्छू का खेल में वह एक लेखक की भूमिका कर रहे हैं, जो ओम
प्रकाश शर्मा,
वेद प्रकाश कम्बोज और सुरेंदर मोहन पाठक की तरह अपराधी चरित्रों को रचना
चाहता है। वह कहानी लिखते हुए कानून की कमज़ोरियों के सहारे वारदात करता है और बच
निकलता है। यहाँ सवाल है कि दिव्येंदु शर्मा को इस नकारात्मक चरित्र में लेने का
क्या कारण था ?
फिल्म के निर्माताओं ने, दिव्येंदु शर्मा का चुनाव दर्शकों को चौंकाने के
लिए किया है। क्योंकि, दर्शक
दिव्येंदु शर्मा को प्यार का पंचनामा और चश्मे बद्दूर के हास्य नायक के तौर पर
जानता है। लेकिन,
दिव्येंदु इस किरदार को करने के लिए क्यों मज़बूर हुए ? चश्मे
बद्दूर के बाद,
दिव्येंदु शर्मा ने, टॉयलेट एक प्रेम कथा जैसी हिट फिल्म की थी। पर
दिव्येंदु जिन फिल्मो के नायक थे, वह फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर नाकाम साबित हुई, जिनसे उनके
अच्छे खासे चल रहे करियर का द एन्ड हो गया ।
इसी असफलता से उपनी विवशता का नतीजा है बिच्छू का खेल।
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बढ़ा दी फीस
एक फिल्म और एक शुक्रवार के बाद, किसी एक्टर का करियर क्या मोड़ ले लेता है, इसके
उदाहरणों से भरा पडा है बॉलीवुड । किसी एक्टर की एक फिल्म हिट होती नहीं है कि वह
अपनी फीस दुगुनी-तीन गुनी कर डालता है । लेकिन, फिल्म असफल होने पर कम नहीं करता । शाहिद
कपूर को ही लीजिये । शानदार, उड़ता पंजाब, रंगून और बत्ती गुल मीटर चालू जैसी फ्लॉप
फिल्मों के एक्टर शाहिद कपूर ने रीमेक फिल्म कबीर सिंह की सफलता के बाद अपनी फीस
बढ़ा कर ३५ करोड़ कर दी । उन्होंने अपनी नई फिल्म जर्सी रीमेक को ३५ करोड़ में साइन
किया है । शाहिद कपूर पहले किसी फिल्म को १८-२० करोड़ में साइन किया करते थे ।
उन्ही की तरह अंधाधुन की सफलता के बाद अभिनेता आयुष्मान खुराना ने भी अपनी फीस में
बढ़ोतरी कर दी थी । यह बढ़ोतरी उनकी विज्ञापन फिल्मों में लागू हो गई । किसी
विज्ञापन के लिए ९० लाख लेने वाले आयुष्मान खुराना ने हाल ही में एक विज्ञापन
फिल्म की शूटिंग ३.५० करोड़ की फीस लेकर की । हृथिक रोशन ने भी सुपर ३० और वॉर की
सफलता के बाद,
अपनी फीस बढाने का फैसला कर लिया है ।
सुपर ३० और वॉर को ४० करोड़ में साइन करने वाले एक्टर हृथिक रोशन को, अगर यशराज
फिल्म्स वॉर २ के लिए साइन करने जाएगा तो उसे उन्हें ७० करोड़ चुकाने होंगे । रणवीर
सिंह की फीस तो हर फिल्म के बाद बढती जा रही है । पद्मावत के बाद १३ करोड़ फीस लेने
वाले रणवीर सिंह ने गली बॉय की सफलता के बाद, अपनी फीस बढ़ा कर २० करोड़ कर दी है ।
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Kartik Aryan की जन्मदिन पार्टी से नदारद Sara Ali Khan
पिछले हफ्ते फिल्म सोनू के टीटू की स्वीटी के सोनू शर्मा ने अपना जन्मदिन
मनाया । ऐसा नहीं कि उन्होंने जन्मदिन मनाने के लिए ६ दिसम्बर को रिलीज़ होने जा
रही अपनी फिल्म पति पत्नी और वह के प्रमोशन को दरकिनार कर दिया । उन्होंने सुबह एक
कॉलेज में फिल्म का प्रमोशन भी किया। फिर मीडिया के लोगों से एक निजी पार्टी में
मिले । वहीँ बर्थडे केक भी काटा. फिर माँ-पिता के साथ मंदिर दर्शन को भी गए । इसके
बाद रात को दोस्तों के साथ पार्टी मनाई । इस पार्टी में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री
के सभी लोगों को बुलाया । उनकी फिल्मों के निर्माता लव रंजन, मुदस्सर अज़ीज़, इम्तियाज़
अली और कॉलिन डीकुन्हा इस पार्टी में शामिल हुए । उनके टीटू सनी निज्जर भी पार्टी
में पहुंचे । फिल्म लुका छुपी में उनकी नायिका कृति सेनन ख़ास सजधज के साथ पहुंची ।
यहाँ तक कि उनकी आगामी फिल्म पति पत्नी और वह की भूमि पेडनेकर और अनन्या पाण्डेय, भूल भुलैया
२ की किअरा अडवाणी और दोस्ताना २ की जाह्नवी कपूर भी पार्टी में पहुंची । लेकिन, नहीं पहुंची
तो वह शख्सियत,
जिसका पत्रकारों सहित (ख़ास तौर पर कार्तिक आर्यन को भी) सभी मेहमानों को
इंतजार था यानि सारा अली खान नहीं पहुंची । यह वही सारा अली थी, जो पति
पत्नी और वह की शूटिंग के दौरान कार्तिक से मिलने लखनऊ तक जा पहुंची थी । उनकी
कार्तिक आर्यन के साथ फिल्म लव आजकल २ अगले साल १४ फरवरी को वैलेंटाइन्स डे पर
रिलीज़ होने वाली है । कार्तिक आर्यन की बर्थडे पार्टी में सारा की नामौजूदगी ने इन
अफवाहों को जन्म दे दिया कि कार्तिक- सारा के संबंधों को उनकी माँ अमृता सिंह
बिलकुल नापसंद करती है । लेकिन, अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि दोनों के संबंधो में
दरार की खबर बेबुनियाद है । सारा अपने ज़रूरी असाइनमेंट को पूरा करने में व्यस्त थी
। उन्होंने अपनी महिला मित्रों के साथ न्यू यॉर्क में संक्षिप्त गर्ल्स वेकेशन भी
मनाया । क्योंकि,
खबर है कि कार्तिक आर्यन और सारा अली खान, अगले साल सगाई करने जा रहे हैं ।
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खबर चटपटी
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राष्ट्रीय सहारा ०१ दिसम्बर २०१९
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बदल रहा है ऐतिहासिक फिल्मों का चेहरा !
शुक्रवार ६
दिसम्बर को, अपनी ऐतिहासिक-पीरियड फिल्मों के लिए
मशहूर निर्देशक आशुतोष गोवारिकर, भव्य ऐतिहासिक युद्ध ड्रामा फिल्म पानीपत के साथ दर्शकों की अदालत, बॉक्स ऑफिस पर होंगे। सदाशिव राव भाऊ के
नेतृत्व में मराठा सेना और अफगान आक्रांता अहमद शाह अब्दाली की सेना के बीच.
पानीपत के मैदान में हुए तीसरे युद्ध पर आधारित इस फिल्म को १०० करोड़ से ज्यादा के
बजट से भव्य सेट्स लगा कर बनाया गया है। फिल्म में, संजय दत्त के अहमद शाह अब्दाली और अर्जुन कपूर के सदाशिव राव भाऊ के
अलावा कृति सेनन,
मोहनीश बहल, पद्मिनी कोल्हापुरे, आदि युद्ध की पृष्ठभूमि में अहम् भूमिकाओं
को कर रहे हैं। इस फिल्म की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि
फिल्म का एक प्रमुख सेट शनिवारवाडा को बनाने में, आर्ट डायरेक्टर नितिन चंद्रकांत देसाई की देखरेख में ५०० डिज़ाइनरों और
कारीगरों ने तैयार किया है। फिल्म के तमाम वस्त्राभूषण, अस्त्र-शस्त्र ख़ास शोध करने के बाद
हू-ब-हू बनाए गए हैं।
हिन्दू
अस्मिता का चित्रण
लेकिन, पानीपत की खासियत सिर्फ इसकी भव्यता नहीं।
पानीपत की खासियत पानीपत के तीसरे युद्ध के दौर को बड़ी रिसर्च के बाद लिखे जाने की
हैं, जिसमे बारीक तथ्यों का ध्यान रखा गया
है। यह फिल्म पानीपत के युद्ध के दौर की
उन घटनाओं को भी उकेरेगी,
जिन्हें
युद्ध का वर्णन करने में इतिहासकारों ने पीछे धकेल दिया। यह फिल्म मराठा सेना की
वीरता का ही बखान नहीं करेगी, बल्कि उस समय की उन घटनाओं का चित्रण भी करेगी, जिनके चलते जीत दर्ज कराती चली आ रही
मराठा सेना अब्दाली की सेना के हाथों खेत रही। यह फिल्म हिन्दू अस्मिता का चित्रण
करने वाली फिल्म भी बन सकती है। आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानीपत, बॉलीवुड की अब तक कि ज़्यादातर ऐतिहासिक
फिल्मों से काफी अलग है। यह फिल्म मर्द मराठा को चित्रित करने वाली फिल्म है। जबकि, अब तक बॉलीवुड के फिल्म निर्माता, जिनमे खुद आशुतोष गोवारिकर भी शामिल हैं, मुस्लिम शासकों की यशोगाथा का वर्णन करने
और उनकी प्रेम कहानियों को भव्यता प्रदान करती रही हैं।
मुग़ल शासकों
पर मुग्ध फ़िल्में
हिंदी-उर्दू
में बनी प्राचीन ऐतिहासिक फिल्मों पर नज़र डालिये। हिंदी फ़िल्में मुग़ल शासकों का
यशोगान करने,
उनके रोमांस
पर मुग्ध होने और उनके भव्य महलों और परिधानों का गुणगान करती नज़र आती है। भारतीय
सिनेमा की शुरुआत दादा साहेब फाल्के की धार्मिक फिल्म राजा हरिश्चंद्र से हुई थी।
दादासाहेब की फ़िल्में हिन्दू धार्मिक और पौराणिक कथाओं पर ही बनी थी। वी शांताराम
की मूक फिल्म उदयकाल (१९३०) मराठा शासक छत्रपति शिवाजी के सैन्य अभियानों पर फिल्म
थी। पहली बोलती फिल्म आलम आरा की कहानी एक मुस्लिम शासक और उसकी दो बेगमों के
षड्यंत्रों पर थी। दरअसल शुरुआती भारतीय सिनेमा पारसी थियेटर से बहुत प्रभावित था।
यही वजह है कि हिंदी सिनेमा के प्रारम्भिक दौर में पौराणिक और ऐतिहासिक किरदारों
की प्रधानता देखने को मिलती है। धीरे-धीरे यह पारसी थियेटर के प्रभाव से मुक्त हुआ
और सामाजिक मुद्दे इसके केंद्र में आए। लेकिन पौराणिक और ऐतिहासिक किरदार भी इसकी
दृष्टि से कभी ओझल नहीं हुए। रह-रह कर ऐसी फिल्में बनती रहीं और उन्हें दर्शकों का
प्यार भी मिलता रहा।
आलामारा से
शुरुआत
आलमआरा के
बाद, मुस्लिम शासकों की यश गाथा परदे पर उतारने
का सिलसिला शुरू हो गया। गजानन जागीरदार
ने भारत में मुग़ल शासन की स्थापना करने वाले बैरम खान पर फिल्म बनाई। सोहराब मोदी
ने, १९३६ में मिनर्वा मूवीटोन की स्थापना की।
इसके तहत, उन्होंने कई सामजिक मुद्दों को उठाने वाली
फ़िल्में बनाई। इसके बाद वह इतिहास की ओर
आकृष्ट हुए। १९३९ में उन्होंने पुकार बनाई, जो जहांगीर की काल्पनिक न्याय प्रियता का बखान करने वाली फिल्म थी।
क्योंकि, जहांगीर के किले के द्वार पर लटके कथित
घंटे का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है। अब यह बात दीगर है कि सोहराब मोदी ने पुकार
बनी तो उनका घंटा इतिहास बन गया। मोदी ने सिकंदर और पोरस के बीच युद्ध पर फिल्म
सिकंदर (१९४२) बनाई। इसमें पोरस की वीरता से कहीं ज़्यादा सिकंदर की उदारता को
तरजीह दी गई थी। १९४३ में सोहराब मोदी ने कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी की काल्पनिक
पुस्तक पृथ्वी वल्लभ पर इसी नाम के साथ फिल्म बनाई। यह फिल्म राजसी कामुकता, षड़यंत्र और हिंसा का चित्रण करने वाली थी।
इतिहास का
रोमांटिक चेहरा
बॉलीवुड ने
ज़्यादातर इतिहास को रोमांस के नज़रिये से देखा। मुग़ल हो या हिन्दू शासक उनके प्रेम
प्रसंगों को कुछ इस तरह से पेश किया गया, जैसे इन राजाओं-बादशाओं का काम इश्क़ लड़ाना ही था। मुग़ल बादशाह, चाहे वह जहांगीर हो या अकबर, इनके रोमांस परदे पर दमकते नज़र आये। पर बाबर और हुमायूँ पर भी
काल्पनिक-अर्धऐतिहासिक फ़िल्में बनाई गई। अकबर बादशाह की राजकुमारी जोधा के प्रति
कामुकता का चित्रण भी रोमांस बताया गया।
अगर अकबर रोमांस नहीं का रहा था तो उसका बेटा सलीम रोमांस में मुब्तिला
था। तीन- साढ़े तीन घंटे की जंग इस रोमांस
के इर्दगिर्द लड़ी जाती थी। भारत के फिल्मकारों ने तो सलीम-अनारकली की प्रेम कहानी
को फिल्म अनारकली,
मुगले आज़म, आदि फिल्मों के ज़रिये इतिहास बना दिया।
शाहजहां की प्रेम चर्चा में शेख मुख़्तार की फिल्म नूरजहां,किदार शर्मा की फिल्म मुमताज महल (१९४४), ताजमहल (१९४१ और १९६३) और ताजमहल एन इटरनल
लव स्टोरी (२००५) उल्लेखनीय हैं, जो बड़े बजट के साथ बनाई गई।
वीरता नहीं
रोमांस
मगध
साम्राज्य के सम्राट अजातशत्रु पर फिल्म अजातशत्रु के बारे में कोई ख़ास जानकारी
नहीं मिलती। लेकिन,
उनके
आम्रपाली के साथ रोमांस वाली फिल्म आम्रपाली को बड़े बजट के साथ बनाया गया। लेख
टंडन की फिल्म आम्रपाली की कहानी वैशाली के लिच्छवि साम्राज्य की गणिका आम्रपाली
से मगध के सम्राट अजातशत्रु के प्रेम की कहानी थी। शाहरुख़ खान की संतोष सिवन
के निर्देशन में ऐतिहासिक फिल्म अशोका में
इतिहास कम अशोक और राजकुमारी कुरुवाकी का प्रेम प्रपंच ज़्यादा था। फिल्म बागमती, हैदराबाद के राजकुमार मोहम्मद कुली क़ुतुब
शाह और भागमती की प्रेम कहानी थी। संजय लीला भंसाली ने बाजीराव मस्तानी में, मराठा पेशवा बाजीराव और एक नर्तकी मस्तानी
के प्रेम और विवाह को भव्य तरीके से फिल्माया गया था। पद्मावत में रानी पद्मिनी की
वीरता नहीं, उनके सौंदर्य पर ज़्यादा चर्चा की गई थी।
साधारण बजट
वाली फ़िल्में
लेकिन, जहाँ तक हिन्दू राजाओं और रानियों की
वीरता का सवाल है,
भारी बजट और
कलाकारों के साथ कोई मुगले आज़म या रज़िया सुलतान नहीं बनी। हिन्दुओं का यशोगान करने
वाली फ़िल्में या तो कम बनाई गई या स्टंट फ़िल्में बनाने वाले बी ग्रेड के
निर्माताओं द्वारा ही बनाई गई। सन्यासी विद्रोह पर निर्देशक हेमेन गुप्ता की फिल्म
आनंदमठ में अंग्रेज़ों के खिलाफ हिन्दू सन्यासियों के विद्रोह पर मार्मिक फिल्म का
निर्माण किया गया। विशाल भारत राष्ट्र के निर्माता चन्द्रगुप्त और उनके गुरु
चाणक्य पर भी कुछ फिल्मों का निर्माण हुआ। भारतीय फिल्मकारों ने इन ऐतिहासिक
चरित्रों पर चन्द्रगुप्त,
चाणक्य
चन्द्रगुप्त,
चन्द्रगुप्त
चाणक्य, आदि फिल्मों का निर्माण किया। इन फिल्मों
मे ज़रिये मौर्या साम्राज्य की स्थापना का चित्रण किया गया था। अवन्ति के राजा
विक्रम पर विजय भट्ट की फिल्म विक्रमादित्य की कश्मीर की राजकुमारी की आक्रमणकारियों
से बचाने की कहानी थी। तमिल फिल्म
पृथ्वीराजम १९४२ तमिल फिल्म चित्तौड़ रानी पद्मिनी भी पृथ्वीराज चौहान और रानी
पद्मिनी की वीर गाथाये थी। झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई पर अब तक सिर्फ दो फ़िल्में ही
बनी है। सोहराब मोदी की झाँसी की रानी और कंगना रनौत अभिनीत मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़
झाँसी ही ऎसी दो फ़िल्में थी।
हिन्दू
राष्ट्रवाद की बात
अब बॉलीवुड
के फिल्म निर्माता हिन्दू राष्ट्रवाद की बात करने लगे हैं । मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़
झाँसी ने इसकी बड़ी शुरुआत की । पद्मावत मे पहली बार किसी मुस्लिम आक्रमणकारी का
महिमामंडन नहीं किया गया था । निर्देशक अनुराग सिंह की फिल्म केसरी में, १८९७ में
पख्तूनों के खिलाफ वीरता प्रदर्शित करने वाले हवालदार ईशर सिंह और उसके साथी
सिपाहियों की वीरता का चित्रण किया गया था । पानीपत में, हिन्दू राजाओं और सैनिकों
की वीरता का चित्रण है । अगले साल के शुरू में, निर्देशक ओम राउत की ऐतिहासिक
युद्ध फिल्म तानाजी : द अनसंग वारियर रिलीज़ होगी । इस फिल्म में छत्रपति शिवाजी के
सेनापति तानाजी मालुसरे के कोंधागढ़ का किला जीतने में दिखाई गई वीरता और साहस का
चित्रण है । अक्षय कुमार, निर्देशक डॉक्टर चंद्रप्रकाश की फिल्म पृथ्वीराज में
अंतिम हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान की भूमिका कर रहे हैं । इस फिल्म में महमूद
गोरी के छल और उसके खिलाफ पृथ्वीराज चौहान की वीरता का चित्रण किया गया है । इस
लिहाज़ से करण जौहर की फिल्म तख़्त काफी अलग है । क्योंकि इस फिल्म के लिए औरंगजेब
और उसके भाइयों के बीच तख़्त के लिए जंग का चित्रण किया जायेगा । दक्षिण के फिल्म
निर्माताओं की ममंगम जैसी कुछ फ़िल्में भी हिन्दू चरित्रों की वीरता का चित्रण करने
वाली फ़िल्में हैं ।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
कुछ बॉलीवुड की ०१ दिसम्बर २०१९
बढ़ा दी फीस
एक फिल्म और एक शुक्रवार के बाद, किसी एक्टर
का करियर क्या मोड़ ले लेता है, इसके
उदाहरणों से भरा पडा है बॉलीवुड । किसी एक्टर की एक फिल्म हिट होती नहीं है कि वह
अपनी फीस दुगुनी-तीन गुनी कर डालता है । लेकिन, फिल्म असफल
होने पर कम नहीं करता । शाहिद कपूर को ही लीजिये । शानदार,
उड़ता पंजाब, रंगून और बत्ती गुल मीटर चालू जैसी फ्लॉप
फिल्मों के एक्टर शाहिद कपूर ने रीमेक फिल्म कबीर सिंह की सफलता के बाद अपनी फीस
बढ़ा कर ३५ करोड़ कर दी । उन्होंने अपनी नई फिल्म जर्सी रीमेक को ३५ करोड़ में साइन
किया है । शाहिद कपूर पहले किसी फिल्म को १८-२० करोड़ में साइन किया करते थे ।
उन्ही की तरह अंधाधुन की सफलता के बाद अभिनेता आयुष्मान खुराना ने भी अपनी फीस में
बढ़ोतरी कर दी थी । यह बढ़ोतरी उनकी विज्ञापन फिल्मों में लागू हो गई । किसी
विज्ञापन के लिए ९० लाख लेने वाले आयुष्मान खुराना ने हाल ही में एक विज्ञापन
फिल्म की शूटिंग ३.५० करोड़ की फीस लेकर की । हृथिक रोशन ने भी सुपर ३० और वॉर की
सफलता के बाद, अपनी फीस बढाने का फैसला कर लिया है । सुपर ३० और वॉर को ४० करोड़ में साइन करने वाले
एक्टर हृथिक रोशन को, अगर यशराज फिल्म्स वॉर २ के लिए साइन करने
जाएगा तो उसे उन्हें ७० करोड़ चुकाने होंगे । रणवीर सिंह की फीस तो हर फिल्म के बाद
बढती जा रही है । पद्मावत के बाद १३ करोड़ फीस लेने वाले रणवीर सिंह ने गली बॉय की
सफलता के बाद, अपनी फीस बढ़ा कर २० करोड़ कर दी है ।
दिव्येंदु शर्मा करेंगे ऑल्टबालाजी पर बिच्छू का
खेल
दिल्ली यूनिवर्सिटी के पोलिटिकल साइंस के स्नातक दिव्येंदु शर्मा को लव
रंजन की फिल्म प्यार का पंचनामा में कार्तिक आर्यन के दोस्त लिक्विड की भूमिका से
पहचान मिली। सइ परांजपे की फिल्म चश्मे
बद्दूर की डेविड धवन द्वारा रीमेक फिल्म चश्मे बद्दूर के ओमी की भूमिका ने
दिव्येंदु को कॉमेडी के उस्ताद एक्टर के तौर पर स्थापित कर दिया। अब यही दिव्येंदु,
ऑल्टबालाजी की क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज बिच्छू का खेल में वह एक लेखक की
भूमिका कर रहे हैं,
जो ओम प्रकाश शर्मा, वेद प्रकाश कम्बोज और सुरेंदर मोहन पाठक की तरह
अपराधी चरित्रों को रचना चाहता है। वह कहानी लिखते हुए कानून की कमज़ोरियों के
सहारे वारदात करता है और बच निकलता है। यहाँ सवाल
है कि दिव्येंदु शर्मा को इस नकारात्मक चरित्र में लेने का क्या कारण था ? फिल्म के
निर्माताओं ने,
दिव्येंदु शर्मा का चुनाव दर्शकों को चौंकाने के लिए किया है। क्योंकि, दर्शक दिव्येंदु शर्मा को प्यार का पंचनामा
और चश्मे बद्दूर के हास्य नायक के तौर पर जानता है। लेकिन, दिव्येंदु
इस किरदार को करने के लिए क्यों मज़बूर हुए ? चश्मे बद्दूर के बाद, दिव्येंदु
शर्मा ने, टॉयलेट एक
प्रेम कथा जैसी हिट फिल्म की थी। पर
दिव्येंदु जिन फिल्मो के नायक थे, वह फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर नाकाम साबित हुई, जिनसे
उनके अच्छे खासे चल रहे करियर का द एन्ड हो गया ।
इसी असफलता से उपनी विवशता का
नतीजा है बिच्छू का खेल।
डिजिटल तांडव में सितारों की भीड़
सलमान खान की
सुल्तान, टाइगर जिंदा है और भारत जैसी हिट फिल्म के निर्देशक अली अब्बास ज़फर की
बतौर निर्माता फिल्म खाली पीली की शूटिंग तेज़ी से चल रही है । इस फिल्म
के नायक-नायिका ईशान खट्टर और अनन्या पाण्डेय हैं । अब अली का डिजिटल डेब्यू भी
होने जा रहा है । वह अमेज़न प्राइम विडियो के लिए सीरीज तांडव का निर्माण कर रहे
हैं । इस पोलिटिकल थ्रिलर सीरीज को गौरव सोलंकी ने लिखा है । गौरव ने हाल ही में
रिलीज़ आर्टिकल १५ की कहानी भी लिखी थी । इस फिल्म में सैफ अली खान एक ऐसे राजनेता
की भूमिका कर रहे हैं, जो देश का प्रधान मंत्री बनना चाहता है । नेताओं की खींचतान
और राजनीतिक उठापटक को दर्शानी वाली इस सीरीज में सितारों की भीड़ जमा की गई है ।
सीरीज मे पूरब कोहली और कृति कामरा की महत्वपूर्ण भूमिका है । चूंकि इस सीरीज की कहानी १० से १२ प्रमुख
चरित्रों के इर्दगिर्द है, इसलिए कम से कम आठ या दस और एक्टर साइन किये जा सकते
हैं । सूचना के मुताबिक सोनाली नागरानी, परेश पाहुजा, सुनील ग्रोवर, सारा जेन
डियास और शोभित जोहरी को साइन भी कर लिया गया है । यह सभी एक्टर, अली की फिल्मों
में कभी न कभी काम कर चुके हैं । वैसे अभी इस कास्ट का अधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है,
सिवाय सैफ अली खान, पूरब कोहली और कृतिका कामरा के नामों के ।
स्वतंत्रता दिवस को अजय देवगन और जॉन अब्राहम की
देशभक्ति का टकराव
जॉन अब्राहम की स्पाई एक्शन थ्रिलर फिल्म अटैक की शूटिंग ४ जनवरी से शुरू
हो जाएगी। इस फिल्म में जॉन अब्राहम का
साथ जैक्वेलिन फर्नॅंडेज़ और रकुल प्रीत सिंह दे रही हैं। फिल्म का निर्देशन नवोदित लक्ष्य आनंद कर रहे
हैं। इस फिल्म को १४ अगस्त २०२० को रिलीज़ किया जाएगा।
इसके साथ ही,
जॉन अब्राहम लगातार तीसरे साल भी, स्वतंत्रता दिवस वीकेंड पर अपनी देशभक्ति
वाली फिल्म लेकर आ रहे हैं। पिछले दो
सालों में, जॉन अब्राहम की फिल्म बाटला हाउस और सत्यमेव
जयते क्रमशः २०१९ और २०१८ में प्रदर्शित हुई थी।
जॉन अब्राहम कहते हैं, "मुझे लगता है कि स्वतंत्रता दिवस वीकेंड
मेरा है। लेकिन, इसलिए नहीं
कि यह राष्ट्रीय अवकाश का दिन है। बल्कि इस लिए कि मेरी फ़िल्में बिना किसी अंधभक्ति के देश और स्वतंत्रता की बात करती
हैं।" जॉन अब्राहम से पहले भी, अक्षय कुमार की फ़िल्में स्वतंत्रता दिवस
वीकेंड पर रिलीज़ हुआ करती थी। अक्षय कुमार की
वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दोबारा (२०१३), ब्रदर्स (२०१५), रुस्तम
(२०१६) और टॉयलेट एक प्रेम कथा (२०१७) जैसी फ़िल्में स्वतंत्रता दिवस वीकेंड पर ही
प्रदर्शित हुआ करती थी। यही कारण था कि २०१८ और २०१९ में जॉन अब्राहम की फिल्मों
की टक्कर में अक्षय कुमार की फ़िल्में भी रिलीज़ हुई। २०१८ में गोल्ड और २०१९ में मिशन मंगल रिलीज़
हुई थी। दिलचस्प तथ्य यह था कि जॉन
अब्राहम और अक्षय कुमार की फिल्मों को टकराव के बावजूद नुकसान नहीं उठाना पड़ा। स्वतंत्रता
दिवस वीकेंड २०२० में अक्षय कुमार की कोई फिल्म रिलीज़ नहीं हो रही है। लेकिन, ऐसा लगता है कि अगले साल, स्वतंत्रता
दिवस वीकेंड पर देशभक्ति का झंडा फहराने का इरादा अजय देवगन ने बना लिया है। उनकी संजय दत्त और सोनाक्षी सिन्हा के साथ १९७१
के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर फिल्म भुज द प्राइड ऑफ़ इंडिया रिलीज़ होगी। अजय देवगन की कॉप फिल्म सिंघम रिटर्न्स १५
अगस्त २०१४ को रिलीज़ हुई थी। अक्षय कुमार
को अपनी फिल्म एंटरटेनमेंट एक हफ्ता पहले रिलीज़ करनी पड़ी थी।
अजय देवगन की फिल्म भुज द प्राइड ऑफ़ इंडिया, १९७१ में भारत-पाकिस्तान युद्द के दौरान भुज
के नष्ट किये जा चुके हवाई अड्डे को स्थानीय नागरिकों की मदद से मरम्मत कराने वाले
स्क्वाड्रन लीडर अजय कार्णिक पर फिल्म है। ज़ाहिर है कि जॉन अब्राहम की आतंकवादियों
के चंगुल से अपहृतों को बचाने की कहानी से कम देशभक्तिपूर्ण फिल्म नहीं है अजय
देवगन की भुज। ऐसे में,
स्वतंत्रता दिवस वीकेंड पर देश की बात करने वाली दो एक्टरों की दो फिल्मों
का टकराव देखना दिलचस्प होगा।
राहुल शर्मा का बिहार से मुंबई तक का सफ़र !
बॉलीवुड में प्रतिभा मायने रखती है । देश के कोने कोने से युवा फिल्मों
में अपने सपने साकार करने के लिए मुंबई आते हैं। फिल्म एक्सरे, द इनर इमेज
में मुख्य भूमिका करने वाले एक्टर राहुल शर्मा भी ऐसे ही युवाओं में से हैं। बिहार
के एक छोटे से शहर मुज़फ़्फ़रपुर के राहुल को १३ साल की उम्र में एक्टिंग के कीड़े
ने काट लिया था । लेकिन मुजफ्फरपुर से बॉलीवुड तक की राहुल की यात्रा आसान नहीं थी
। वह कहते हैं,
"मैं मेडिकल की पढ़ाई करने जा रहा था, लेकिन मैं कहीं न कहीं जानता था कि मैं एक
अभिनेता ही बनना चाहता हूँ । इसलिए मैंने डॉक्टरी की पढ़ाई नहीं की और अपने जुनून
को आगे बढ़ाने का फैसला लिया! मुंबई आकर मैंने अपने अभिनय कौशल को बढ़ाया और ऑडिशन
देना शुरू कर दिया। मैंने विधुर चतुर्वेदी से एक्टिंग सीखी । फिर मैंने डायरेक्टर
राजीव रुइया के सहायक निर्देशक के रूप में काम किया ।“ फ़िल्म एक्सरे में राहुल
शर्मा और यशवी कपूर की फ्रेश जोड़ी दिखेगी । फिल्म में राहुल साइको लवर के रोल में
दिखेंगे । अपनी पहली फिल्म में ग्रे कैरेक्टर प्ले करने के संबंद में राहुल कहते
हैं, “मेरा किरदार
एक साइको लवर का है,
जो उससे मदद मांगने आई लड़की को हर एक कीमत पर हासिल करना चाहता है । मेरा
किरदार निगेटिव है पॉजिटिव है या ग्रे शेड्स लिए हुए है इसके लिए फिल्म देखनी
पड़ेगी । लेकिन यह किरदार चुनौतियोंपूर्ण था ।“ यह फ़िल्म २९ नवंबर को रिलीज़ होगी।
एनटीआर की रील लाइफ को एनटीआर जूनियर की न !
फिल्म अभिनेत्री से तमिलनाडु की मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंची जे
जयललिता के जीवन पर फिल्म थलेवि के तमाम किरदारों का चुनाव किया जा रहा है। हालाँकि, फिल्म में जयललिता के फिल्म एक्ट्रेस से
मुख्यमंत्री बनने तक के नाटकीय ड्रामेबाज़ी को अंजाम देने का जिम्मा बॉलीवुड अभिनेत्री
कंगना रनौत पर है। उन्होंने इसके लिए
तैयारियां दो महीने पहले से शुरू कर दी है।
मगर, जब दूसरे
सितारों का चयन हो जाएगा,
तब फिल्म की शूटिगं शुरू हो जाएगी। फिलहाल तो ताज़ा खबर यह है कि एक पोते
ने अपने दादाजी को मना कर दिया है। जयललिता बायोपिक में कई राजनीतिक चेहरे हैं।
इनमे एक चेहरा नान्दीमुरि तारक रामाराव का भी है।
जयललिता के मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान एनटीआर भी आंध्र प्रदेश के मुख्य
मंत्री थे। वह जयललिता की कई ऐतिहासिक, धार्मिक और सामाजिक फिल्मों में नायक एनटीआर
ही थे। राजनीतिक रुप से भी उनके विचार काफी सामान थे। साफ़ है कि फिल्म थलेवि में, एनटीआर की
भूमिका काफी खास थी। इसलिए,
फिल्म के निर्माताओं ने, थलेवि में एनटीआर की भूमिका के लिए उनके पोते
एनटीआर जूनियर से संपर्क किया। लेकिन, जूनियर
एनटीआर ने रील में सीनियर एनटीआर की भूमिका करने से मना कर दिया। क्योंकि, एनटीआर जूनियर को ऐसा लगता है कि चूंकि, सीनियर
एनटीआर का जीवन इतना जटिलताओं से भरा रहा है कि वह उनकी रियल भूमिका को रील पर
करने की क्षमता नहीं रखते है। थलेवि का निर्माण विष्णु इंदूरि के साथ शैलेश आर
सिंह कर रहे हैं। इस फिल्म को विजयेंद्र
प्रसाद ने लिखा है। विजयेंद्र ने ही कंगना
रनौत की फिल्म मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ लिखी थी ।
इस फिल्म का निर्देशन एएल विजय कर रहे हैं। तमिल, तेलुगु और
हिंदी में बनाई जा रही इस फिल्म को जुलाई २०२० में रिलीज़ किया जाएगा।
कार्तिक आर्यन की जन्मदिन पार्टी से नदारद सारा अली
खान
पिछले हफ्ते फिल्म सोनू के टीटू की स्वीटी के सोनू शर्मा ने अपना जन्मदिन
मनाया । ऐसा नहीं कि उन्होंने जन्मदिन मनाने के लिए ६ दिसम्बर को रिलीज़ होने जा
रही अपनी फिल्म पति पत्नी और वह के प्रमोशन को दरकिनार कर दिया । उन्होंने सुबह एक
कॉलेज में फिल्म का प्रमोशन भी किया । फिर मीडिया के लोगों से एक निजी पार्टी में
मिले । वहीँ बर्थडे केक भी काटा. फिर माँ-पिता के साथ मंदिर दर्शन को भी गए । इसके
बाद रात को दोस्तों के साथ पार्टी मनाई । इस पार्टी में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री
के सभी लोगों को बुलाया । उनकी फिल्मों के निर्माता लव रंजन,
मुदस्सर अज़ीज़, इम्तियाज़ अली और कॉलिन डीकुन्हा इस पार्टी
में शामिल हुए । उनके टीटू सनी निज्जर भी पार्टी में पहुंचे । फिल्म लुका छुपी में
उनकी नायिका कृति सेनन ख़ास सजधज के साथ पहुंची । यहाँ तक कि उनकी आगामी फिल्म पति
पत्नी और वह की भूमि पेडनेकर और अनन्या पाण्डेय, भूल भुलैया
२ की किअरा अडवाणी और दोस्ताना २ की जाह्नवी कपूर भी पार्टी में पहुंची । लेकिन,
नहीं पहुंची तो वह शख्सियत, जिसका
पत्रकारों सहित (ख़ास तौर पर कार्तिक आर्यन को भी) सभी मेहमानों को इंतजार था यानि
सारा अली खान नहीं पहुंची । यह वही सारा अली थी, जो पति
पत्नी और वह की शूटिंग के दौरान कार्तिक से मिलने लखनऊ तक जा पहुंची थी ।
उनकी कार्तिक आर्यन के साथ फिल्म लव आजकल २
अगले साल १४ फरवरी को वैलेंटाइन्स डे पर रिलीज़ होने वाली है । कार्तिक आर्यन की
बर्थडे पार्टी में सारा की नामौजूदगी ने इन अफवाहों को जन्म दे दिया कि कार्तिक- सारा के संबंधों को उनकी माँ अमृता सिंह बिलकुल नापसंद करती है । लेकिन,
अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि दोनों के संबंधो में दरार की खबर बेबुनियाद है
। सारा अपने ज़रूरी असाइनमेंट को पूरा करने में व्यस्त थी । उन्होंने अपनी महिला
मित्रों के साथ न्यू यॉर्क में संक्षिप्त गर्ल्स वेकेशन भी मनाया । क्योंकि,
खबर है कि कार्तिक आर्यन और सारा अली खान, अगले साल
सगाई करने जा रहे हैं ।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Raai Laxmi एक, बिकिनी अनेक
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Lakshmi Rai,
फोटो फीचर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 30 November 2019
Dabang 3 का मुन्ना 'Salman Khan' बदनाम हुआ !
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गीत संगीत
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