भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday, 4 March 2015
रंग बरसे भीगे....वाली .रंग बरसे. होली है- सोफ़िया हयात
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फोटो फीचर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
'फोकस' में विल स्मिथ ने गन्दी बात !
सेंसर बोर्ड के 'गन्दी बात' निर्देश का शिकार हॉलीवुड फिल्म 'फोकस' भी हो गयी है। इस फिल्म को इस शुक्रवार यानि ६ मार्च को रिलीज़ होना था, लेकिन इसे अब आगे किसी डेट के लिए टाल दिया गया है। इस फिल्म को सेंसर बोर्ड के सदस्यों द्वारा देखे जाने के बाद कुछ कट्स लगाने के निर्देश फिल्म के प्रोडूसर वार्नर ब्रदर्स को दिए गए थे। लेकिन, उन्हें फिल्म में सेंसर के बताये कट्स लगाना मंज़ूर नहीं हुआ। इसलिए, वार्नर ब्रदर्स अपील के लिए रिवीजन समिति के पास चले गए। अब रिवीजन समिति फिल्म देख कर निर्णय लेगी। लेकिन, समिति इस फिल्म को शुक्रवार से पहले देख कर 'फोकस' को सर्टिफिकेट नहीं दे सकती थी। इस फिल्म में हॉलीवुड अभिनेता विल स्मिथ एक कॉन आर्टिस्ट की भूमिका में हैं , जिसका अपनी ही चेली से टकराव हो जाता है। फिल्म में विल की चेली की भूमिका मार्गोट रॉब्बी ने की है। ध्यान रहे कि विल स्मिथ की पिछली दो फ़िल्में 'आफ्टर अर्थ' और 'विंटर्स टेल' वर्ल्ड बॉक्स ऑफिस पर कुछ ख़ास नहीं कर सकी थी। २७ फरवरी को पूरी दुनिया में ३३२३ प्रिंट्स में रिलीज़ की गई फिल्म 'फोकस' ने १८.६८ मिलियन डॉलर का वीकेंड किया था। यह विल की पिछली सोलो फिल्म 'सेवन पाउंड्स' से थोड़ा ही ज़्यादा है। इसके बावजूद यह माना जा रहा है कि 'फोकस' 'सेवन पाउंड्स' के ७० मिलियन डॉलर के बिज़नेस को पाने में नाकाम रहेगी। ऐसी दशा में शुक्रवार को 'फोकस' का टालना वार्नर ब्रदर्स के लिए घाटे का सौदा रहेगा। क्योंकि, ६ मार्च को सोनी/कोलंबिया की विज्ञानं फंतासी फिल्म 'चैपी' रिलीज़ हो रही है। इस फिल्म में ह्यू जैकमैन की मुख्य भूमिका है। भारत में ह्यू जैकमैन बड़ा क्रेज है। ऐसे में 'फोकस' के लिए भारतीय दर्शकों का खुद पर फोकस बनवा पाना मुश्किल होगा।
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Hollywood
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Tuesday, 3 March 2015
गो गोवा जापान !
एरोस इंटरनेशनल २१ मार्च को जापान में सैफ अली खान की ज़ोंबी फिल्म 'गो गोवा गॉन' को रिलीज़ करेगा। एरोस को लगता है कि जापान में भारतीय फिल्मों की मांग है। कृष्णा-डीके निर्देशित यह ज़ोंबी कॉमेडी फिल्म इंडियन बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास नहीं कर सकी थी। पर एरोस को ऐसा लगता है कि जापान में भारतीय फिल्मों की मांग है। जापान में अभी २१ फरवरी को रिलीज़ फिल्म 'फेरारी की सवारी' को जापान में उत्साहजनक सफलता मिली थी। जबकि इंडियन बॉक्स ऑफिस पर 'फेरारी की सवारी' भी असफल रही थी। इसी से उत्साहित हो कर एरोस ने गो गोवा गॉन को जापान में रिलीज़ करने की सोची। जापानी मार्किट में, इससे पहले रजनीकांत की फिल्म 'रोबोट', शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म 'ओम शांति ओम' और इधर हाल ही में श्रीदेवी की फिल्म 'इंग्लिश विंग्लिश' रिलीज़ हुई थी। इन फिल्मों को जापानी बॉक्स ऑफिस पर अच्छी सफलता मिली थी। फिल्म 'इंग्लिश विंग्लिश' ने तो जापानी बॉक्स ऑफिस पर दस लाख अमेरिकी डॉलर की कमाई भी और लम्बे समय तक जापानी बॉक्स ऑफिस पर चलती रही। जापानी बाजार में बॉलीवुड फिल्मों को रिलीज़ करने के लिए उनके प्रचार पोस्टरों को जापानी भाषा के रंग में रंगा जाता है। देखिये 'फेरारी की सवारी' और 'गो गोवा गॉन' के पोस्टर।
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सरहद पार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
"फीमेल जगजीत सिंह बनना मेरी ज़िन्दगी का मक़सद है- जेनीवा रॉय
जेनीवा रॉय भारत की एक.मात्र ऐसी ग़ज़ल सिंगर हैं जिन्होंने ग़ज़ल गायिकी के क्षेत्र में ना केवल महारत हांसिल की है, बल्कि उनकी ग़ज़लों की.एलबम-"एहसास प्यार का" और"सोचते-सोचते" को देश विदेश के संगीत प्रेमियों द्वारा काफी पसंद किया गया है। खनकदार आवाज़ की मल्लिका, प्रतिभा सम्पन्न और समर्पित भावना से ओतप्रोत युवा ग़ज़ल गायिका जेनीवा रॉय मरहूम ग़ज़ल मैस्ट्रो जगजीत सिंह की ग़ज़ल गायिकी से बेहद प्रभावित हैं। शायद इसीलिए उन्होंने ढेर सारे एक्टिंग और प्लेबैक सिंगिंग के ऑफर ठुकरा कर 'फीमेल जगजीत सिंह' बनने का नारा बुलंद किया है। पिछले दिनो मैं जेनीवा रॉय से उनके कैरियर और भावी योजनाओं को लेकर हुई बातचीत के महत्वपूर्ण अंश-
आपकी ग़ज़लों की एलबम 'एहसास प्यार का' और 'सोचते सोचते' को.ग़ज़ल प्रेमियों से बढ़िया रिस्पांस मिला है ?
मैं अपने आपको बड़ी ख़ुशक़िस्मत मानती हूँ क़ि. अब जब न्यू जनरेशन की.गैलेरी. में म्यूजिक. की शक्ल बिलकुल अलग थलग हो गईं है, ऐसे.में मेरी. दोनों एलबमस को अच्छ खासा रिस्पांस म्यूजिक लवर्स में मिला। और तो.और मुझे गल्फ कंट्रीज में बहुत मान सम्मान मिला। कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों के लिये भी नॉमिनेट हुई।
आपने तो काफी सालों से अलग अलग मिज़ाज़ की ग़ज़लों को सुना-गुना है आपकी अपनी राय में ग़ज़लों में क्या विशेषता होनी चाहिए ?
मैंने तो हमेशा से ही देखा है क़ि ग़ज़लों की कॉम्पोजिशन के साथ साथ दिल को झंकृत करने वाले कलाम यानि लिरिक्स का चयन बहुत महत्वपूर्ण होता है। शायद यही वजह है क़ि उन ग़ज़ल गायकों को सफलता नहीं मिली जिन्हें शायरी, पोएट्री की नोलॉज नहीं थी।
क्या आपने इस यूएसपी को अपनी अलबमों में अपनाया है ?
यक़ीनन क्योंक़ि मैं अच्छी तरह से जानती हूँ क़ि ग़ज़लों की आत्मा लफ़्ज़ों की अदायगी है। वह उन्हें लोकप्रिय बनाने में कितना बड़ा रोल निभाती है। इसलिए मैंने अपनी दोनों एलबम्स में शायरों के चयन का विशेष ध्यान. रखा है। एहसास प्यार का में. दुबई के मशहूर शायर सैयद अब्बू वाकर मलिकी, सोचते सोचते में नक़्श लायलपुरी को लिया और अब मेरी नई एलबम संगदिल में मुन्नवर राणा. और नवाब आरज़ू ने ग़ज़लें लिखी हैं।
आप.भारत की पहली महिला गायिका है.जो फीमेल जगजीत सिंह बनने का बीड़ा उठाए हुए हैं। इसकी क्या वजह है? क्या आपकी ग़ज़ल.गायिकी मे वह विशेषताएं है, जिनके लिए जगजीत सिंह का बिलकुल अलग मुकाम अब तक.बना हुआ है ?
जी हाँ कुदरतन मुझमें वह सारी खूबियाँ है, जिनकी वजह से जगजीत सिंह ग़ज़लों के बादशाह कहलाए। मैं .ऐसा समझती हूँ क़ि जगजीत सिंह मेरे रोल मॉडल.उस समय से रहे जब मैं उनकी .ग़ज़लों से गहरी पैठ बना रही.थी। उनकी गायिकी के गुण जैसे, आवाज़ का सही मात्रा में उतार चढाव, कलाम के मर्म को समझकर लफ़्ज़ों की अदायगी, सुरों में संतुलन, आदि मुझमें स्वाभाविक रूप से उतरता चला गया। इसी तारतम्य में दुबई के दुबई क्लब में आयोजित ग़ज़ल तुम्हारी आवाज़ मेरी प्रोग्राम में जब मैंने अपने ग़ज़लों के आराध्य की गाई ग़ज़ल अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको को गाया तो ऑडियन्स ने मुझे किसी दूसरे फनकार की ग़ज़लें गाने ही नहीं दी। प्रोग्राम की कुछ लिमिटेशन थी, मेरे प्रोग्राम के बाद बॉलीवुड के एक नामचीन सिंगर का परफॉर्मेन्स होना था मगर ऑडियंस की डिमांड्स पर मैं रात भर जगजीत सिंह की ग़ज़लें गाती रही। दुबई बहरीन, मॉरीशस, आदि देश विदेशों में मुझे ग़ज़ल सिंगर के तौर पर बम्फर रिस्पांस मिला। बस तभी से मैंने "फीमेल जगजीत सिंह" बनना ज़िन्दगी का मक़सद बना लिया।
आपकी ग़ज़लों की एलबम 'एहसास प्यार का' और 'सोचते सोचते' को.ग़ज़ल प्रेमियों से बढ़िया रिस्पांस मिला है ?
मैं अपने आपको बड़ी ख़ुशक़िस्मत मानती हूँ क़ि. अब जब न्यू जनरेशन की.गैलेरी. में म्यूजिक. की शक्ल बिलकुल अलग थलग हो गईं है, ऐसे.में मेरी. दोनों एलबमस को अच्छ खासा रिस्पांस म्यूजिक लवर्स में मिला। और तो.और मुझे गल्फ कंट्रीज में बहुत मान सम्मान मिला। कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों के लिये भी नॉमिनेट हुई।
आपने तो काफी सालों से अलग अलग मिज़ाज़ की ग़ज़लों को सुना-गुना है आपकी अपनी राय में ग़ज़लों में क्या विशेषता होनी चाहिए ?
मैंने तो हमेशा से ही देखा है क़ि ग़ज़लों की कॉम्पोजिशन के साथ साथ दिल को झंकृत करने वाले कलाम यानि लिरिक्स का चयन बहुत महत्वपूर्ण होता है। शायद यही वजह है क़ि उन ग़ज़ल गायकों को सफलता नहीं मिली जिन्हें शायरी, पोएट्री की नोलॉज नहीं थी।
क्या आपने इस यूएसपी को अपनी अलबमों में अपनाया है ?
यक़ीनन क्योंक़ि मैं अच्छी तरह से जानती हूँ क़ि ग़ज़लों की आत्मा लफ़्ज़ों की अदायगी है। वह उन्हें लोकप्रिय बनाने में कितना बड़ा रोल निभाती है। इसलिए मैंने अपनी दोनों एलबम्स में शायरों के चयन का विशेष ध्यान. रखा है। एहसास प्यार का में. दुबई के मशहूर शायर सैयद अब्बू वाकर मलिकी, सोचते सोचते में नक़्श लायलपुरी को लिया और अब मेरी नई एलबम संगदिल में मुन्नवर राणा. और नवाब आरज़ू ने ग़ज़लें लिखी हैं।
आप.भारत की पहली महिला गायिका है.जो फीमेल जगजीत सिंह बनने का बीड़ा उठाए हुए हैं। इसकी क्या वजह है? क्या आपकी ग़ज़ल.गायिकी मे वह विशेषताएं है, जिनके लिए जगजीत सिंह का बिलकुल अलग मुकाम अब तक.बना हुआ है ?
जी हाँ कुदरतन मुझमें वह सारी खूबियाँ है, जिनकी वजह से जगजीत सिंह ग़ज़लों के बादशाह कहलाए। मैं .ऐसा समझती हूँ क़ि जगजीत सिंह मेरे रोल मॉडल.उस समय से रहे जब मैं उनकी .ग़ज़लों से गहरी पैठ बना रही.थी। उनकी गायिकी के गुण जैसे, आवाज़ का सही मात्रा में उतार चढाव, कलाम के मर्म को समझकर लफ़्ज़ों की अदायगी, सुरों में संतुलन, आदि मुझमें स्वाभाविक रूप से उतरता चला गया। इसी तारतम्य में दुबई के दुबई क्लब में आयोजित ग़ज़ल तुम्हारी आवाज़ मेरी प्रोग्राम में जब मैंने अपने ग़ज़लों के आराध्य की गाई ग़ज़ल अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको को गाया तो ऑडियन्स ने मुझे किसी दूसरे फनकार की ग़ज़लें गाने ही नहीं दी। प्रोग्राम की कुछ लिमिटेशन थी, मेरे प्रोग्राम के बाद बॉलीवुड के एक नामचीन सिंगर का परफॉर्मेन्स होना था मगर ऑडियंस की डिमांड्स पर मैं रात भर जगजीत सिंह की ग़ज़लें गाती रही। दुबई बहरीन, मॉरीशस, आदि देश विदेशों में मुझे ग़ज़ल सिंगर के तौर पर बम्फर रिस्पांस मिला। बस तभी से मैंने "फीमेल जगजीत सिंह" बनना ज़िन्दगी का मक़सद बना लिया।
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साक्षात्कार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
अज़हर हो तो इमरान हाशमी जैसा !
लगता है मिया इमरान हाशमी इंडियन क्रिकेट टीम में जगह बना कर ही मानेंगे। जिस समर्पण भाव से वह आजकल नेट प्रैक्टिस में जुटे हुए हैं, उससे तो ऐसा ही लगता है। इमरान हाशमी पूर्व क्रिकेट कैप्टेन मोहम्मद अज़हरुद्दीन पर बायोपिक फिल्म 'अज़हर' में अज़हरुद्दीन का किरदार कर रहे हैं। अज़हरुद्दीन अपने समय के मजे हुए क्रिकेटर थे। उनका कलाइयों के ज़रिये बैट से बॉल को घुमा कर बाउंड्री मारना तालियां बटोर लेता था। ऐसे में ऐसे क्लासिकल बैट्समैन को रील लाइफ में प्ले करना आसान नहीं होता । इसीलिए इमरान हाशमी को इस किरदार को रियल बनाने के लिए जम कर नेट प्रैक्टिस करनी पड़ती है। ताकि, जब वह सेट पर जाएँ तो उनकी कलाइयां बैट को उसी तरह से घुमाए, जैसे अज़हर घुमाया करते थे। इमरान हाशमी के समर्पण का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शूटिंग के दौरान नेट पर हरेक दिन ३००- ४०० बॉल्स खेलने के कारण उनकी कलाइयों में सूजन आ गयी थी। दर्द भी काफी हो रहा था। इसके बावजूद इमरान हाशमी ने न केवल नेट प्रैक्टिस की बल्कि अज़हर की तरह सटीक लेग ग्लांस भी किया। तभी तो सब कह रहे हैं- अज़हर हो तो इमरान हाशमी जैसा !
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Monday, 2 March 2015
अवेंजर्स : एज ऑफ़ उल्ट्रान के करैक्टर पोस्टर
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Poster
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 28 February 2015
&tv पर शाहरुख़ खान
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Television
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
क्यों रिलीज़ होगी ५ जुलाई को एक्सएक्सएक्स ?
अपनी फिल्म को कैसे पॉपुलर किया जाना है, एकता कपूर अच्छी तरह से जानती हैं। उन्होंने केन घोष के साथ बालाजी मोशन पिक्चर्स के तहत सेक्सी फिल्म 'एक्सएक्सएक्स' का ऐलान क्या तो सोशल साइट्स के माध्यम से। उन्होंने अपने दर्शकों से फिल्म के बारे में राय मांगी, फोटो, आदि मांगे। ज़ाहिर है कि अभी फिल्म की कास्ट नहीं तय हुई थी, लेकिन फिल्म पहले ही गर्म हो चुकी थी। अभी 'एक्सएक्सएक्स' की शूटिंग शुरू होनी है, लेकिन एकता कपूर ने फिल्म की रिलीज़ की तारीख़ तय कर दी। केन घोष की फिल्म 'एक्सएक्सएक्स' इसी साल ३ जुलाई को रिलीज़ होगी। सवाल यह है कि फिल्म की स्टार कास्ट और क्रू के ऐलान से पहले रिलीज़ की ऐलान किये जाने की वजह क्या है ? जिस प्रकाश से कभी एकता कपूर ने 'के' शीषक वाले सीरियलों और फिल्मों से तहलका मचाया था, वही टोटका ३ जुलाई का भी है। बालाजी के लिए यह तारीख़ आइकोनिक है। कोई १५ साल पहले ३ जुलाई बालाजी टेलीफिल्म्स द्वारा ३ जुलाई को 'क्योंकि सास भी कभी बहु थी' लांच हुआ था। यह सीरियल ज़बरदस्त सफल हुआ था। एकता कपूर के लिए ३ जुलाई इस लिए भी सफल तारिख है, क्योकि, इसी तारीख़ से सबसे सफल क्विज शो कौन बनेगा करोड़पति भी शुरू हुआ था। बालाजी मोशन पिक्चर्स इसी परंपरा को आगे बढ़ा रहा है। कहते हैं 'एक्सएक्सएक्स' के निर्देशक केन घोष, "एकता के लिए ३ जुलाई की तारिख लकी है। आगे भी ऐसा ही चलता रहेगा। " यानि ३ जुलाई को रिलीज़ होने वाली फिल्म 'एक्सएक्सएक्स' बॉक्स ऑफिस पर सफल भी होगी तथा एकता कपूर की फ़िल्में आगे भी ३ जुलाई को रिलीज़ होंगी।
राजेंद्र कांडपाल
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
एक्ट्रेस-सिंगर बनना चाहती हैं श्रुति हासन
कृष निर्देशित फिल्म 'मैं गब्बर' में कमल हासन और सारिका की बेटी श्रुति हासन अभिनेता अक्षय कुमार की नायिका है। वह इस फिल्म का एक गीत भी गए रही हैं, जो उन्ही पर फिल्माया भी गया है। इस साल, श्रुति हासन की अभिनय के अलावा गायन प्रतिभा जोर शोर से सामने आई है। उन्होंने, जनवरी में रिलीज़ फिल्म अर्जुन कपूर और सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म 'तेवर' के लिए एक गीत 'मैडमियां' गाया था। इस आइटम गीत के लिए श्रुति हासन ने मेहमान भूमिका भी थी। श्रुति ने इस फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा पर फिल्माए गए गीत जोगणियां को भी गाया था। इसके बाद श्रुति हासन की आवाज़ सुनाई दी अमिताभ बच्चन और धनुष की फिल्म 'षमिताभ' में। उन्होंने इलैयाराजा का संगीतबद्ध सन्नाटा गीत अपनी छोटी बहन अक्षरा के लिए गया था। अब वह एक गीत फिल्म 'मैं गब्बर' में खुद के लिए गा रही हैं। पहली बार नहीं कि श्रुति हासन प्लेबैक सिंगिंग कर रही हैं। उन्होंने, फिल्म 'चाची ४२०' में जागो गोरी गीत और फिल्म 'हे राम' में रामा रामा गीत अपने पिता कमल हासन के साथ गाया था । श्रुति ने २००९ में रिलीज़ सोहम शाह निर्देशित फिल्म 'लक' से हिंदी फिल्म डेब्यू किया था। इस फिल्म का आज़मा ले आज़मा गीत श्रुति ने ही गाया था। मल्लिका शेरावत की हॉलीवुड फिल्म 'हिस्स' का गीत बियॉन्ड द स्नेक श्रुति ने ही गाया था। २०१३ में रिलीज़ फिल्म 'डी डे' का अलविदा गीत भी श्रुति हासन की आवाज़ में था। ज़ाहिर है कि बॉलीवुड में एक्टिंग डेब्यू से पहले श्रुति का सिंगिंग डेब्यू हो चूका था। इस लिहाज़ से वह सिंगर एक्ट्रेस कही जा सकती हैं। श्रुति हासन खुद के लिए तो पार्श्वगायन करती ही हैं, दूसरी अभिनेत्रियों को अपनी आवाज़ दे कर, उन्होंने साबित कर दिया है कि वह सही मायनों में सिंगर एक्ट्रेस कही जा सकती हैं।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
ज़ीनत अमान की धोती और माइनस चोली में सनी लियॉन
कोई शक नहीं १० अप्रैल को सिनेमाघरों में टिकिटों के लिए मारा-मारी होगी। यह सनी लियॉन का हॉट जलवा 'है। फिल्म 'एक पहेली लीला' के प्रोमो में सनी लियॉन के अपने फिल्म के तीन अवतारों में बोले डायलॉग्स और हाव भाव ने सनसनी फैला दी है। फिल्म में सनी के डायलाग 'ग्लैमर इंडस्ट्री में सक्सेस का शार्टकट शॉर्ट्स और कट हैं' ने जाता दिया था कि फिल्म में कैसे कैसे शॉर्ट्स और कैसे कैसे कट्स हैं
अब जबकि फिल्म को रिलीज़ होने में ४० दिन बचे हैं, सनी लियॉन की ज़ीनत-सनसनी सोशल साइट्स के ज़रिये दर्शकों के सामने हैं। फिल्म 'एक पहेली लीला' में सनी लियॉन दर्शकों को सत्यम शिवम सुंदरम की याद दिलाएगी। इस फिल्म में अभिनेत्री ज़ीनत अमान ने बिना ब्लाउज के सफ़ेद धोती पहन कर अपने प्रशंसक दर्शकों को अपनी संतुलित देह का उदार प्रदर्शन करवाया था। राजकपूर ने ज़ीनत अमान के इस लुक को एस्थेटिक यानि सौंदर्यपूर्ण बताया था। लेकिन, 'एक पहेली लीला' की सनी लियॉन और इसके निर्देशक बॉबी खान का ऐसा कहने का कोई इरादा नहीं है। सनी लियॉन तो चाहेंगी कि उनके इस रूप को एस्थेटिक के बजाय टिटिलटिंग यानि उत्तेजित करने वाला माना जाये। फिलहाल वह अपने इस लुक से इसे साबित करने में सफल रही हैं।
अब जबकि फिल्म को रिलीज़ होने में ४० दिन बचे हैं, सनी लियॉन की ज़ीनत-सनसनी सोशल साइट्स के ज़रिये दर्शकों के सामने हैं। फिल्म 'एक पहेली लीला' में सनी लियॉन दर्शकों को सत्यम शिवम सुंदरम की याद दिलाएगी। इस फिल्म में अभिनेत्री ज़ीनत अमान ने बिना ब्लाउज के सफ़ेद धोती पहन कर अपने प्रशंसक दर्शकों को अपनी संतुलित देह का उदार प्रदर्शन करवाया था। राजकपूर ने ज़ीनत अमान के इस लुक को एस्थेटिक यानि सौंदर्यपूर्ण बताया था। लेकिन, 'एक पहेली लीला' की सनी लियॉन और इसके निर्देशक बॉबी खान का ऐसा कहने का कोई इरादा नहीं है। सनी लियॉन तो चाहेंगी कि उनके इस रूप को एस्थेटिक के बजाय टिटिलटिंग यानि उत्तेजित करने वाला माना जाये। फिलहाल वह अपने इस लुक से इसे साबित करने में सफल रही हैं।
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ये ल्लों !!!
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Wednesday, 25 February 2015
टर्मिनेटर के सीक्वल में भी अर्नाल्ड
‘टर्मिनेटर जेनीसीस’ १
जुलाई को रिलीज़ होने जा रही है। यह हॉलीवुड अभिनेता अर्नाल्ड श्वार्ज़नेजर की १९८४ में शुरू मशहूर टर्मिनेटर सीरीज की पांचवी फिल्म है।
इस विज्ञानं फंतासी टर्मिनेटर सीरीज की फिल्मों ने अर्नाल्ड श्वार्जनेजर को हॉलीवुड में स्थापित कर दिया था। जेम्स कैमरॉन और गैल एना हर्ड द्वारा क्रिएट इस फ्रैंचाइज़ी में अर्नाल्ड ह्यूमन मशीन बने थे। मशीन मानव युद्ध पर इस फिल्म को दुनिया के दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया गया था। टर्मिनेटर सीरीज की आखिरी फिल्म ‘टर्मिनेटर साल्वेशन' २००९ में रिलीज़ हुई थी, लेकिन २००९ की फिल्म में अर्नाल्ड की जगह क्रिस्चियन बेल ने ले ली थी। ‘टर्मिनेटर जेनीसीस’ को ‘टर्मिनेटर सीरीज का सीक्वल, प्रीक्वेल और रिबूट भी कहा जा सकता है। क्योंकि जेनीसीस इस फ्रैंचाइज़ी को रिसेट करने वाली फिल्म बताई जा रही है। इसीलिए, पैरामाउंट स्टूडियो ने इस के दो सीक्वल पहले ही घोषित कर हैं। यह सीक्वल क्रमशः २०१६ और २०१७ में रिलीज़ होंगे। इन दोनों फिल्मों की शूटिंग साथ साथ होगी, ताकि एक साल के अंदर टर्मिनेटर सीरीज की छठीं और सातवी फिल्म रिलीज़ हो सके सके। जहाँ तक इन सीक्वल फिल्मों में अर्नाल्ड श्वार्जनेजर के अभिनय करने का सवाल है। खुद अर्नाल्ड में एक इंटरव्यू में कहा, “हाँ, बिलकुल !” लेकिन,सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या ६७ साल के अर्नाल्ड श्वार्जनेगर के बाजुओं और छातियों में इतना दम है कि वह १९८४ वाले टर्मिनेटर का जादू बिखेर सकें।
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क्या होगा ३ मार्च को ! बॉलीवुड सन्नाटे में !!
बॉलीवुड सन्नाटे में है। ३ मार्च को क्या होगा ! क्या जोधपुर की अदालत काले हिरन के शिकार के मामले में सलमान खान को आर्म्स एक्ट के अंतर्गत सज़ा सुनाएगी ? ध्यान रहे कि फिल्म हम साथ साथ हैं की जोधपुर में शूटिंग के दौरान सलमान खान, सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, आदि पर काले हिरन के शिकार के आरोप लगे थे और गिरफ्तारियां हुई थी। इसी मामले में आज अदालत द्वारा फैसला सुनाया जाना था। अदालत ने अपने फैसले को ३ मार्च तक टाल कर फिल्म इंडस्ट्री को थोड़ी राहत ज़रूर दी है। लेकिन, सलमान खान को सज़ा होने पर उन फिल्मों का क्या होगा, जिन्हे सलमान खान ने साइन कर रखा है। कैसा इत्तेफ़ाक़ है कि जिस सूरज बड़जात्या की फिल्म की शूटिंग के दौरान सलमान खान अपराधिक मामले में फंसे, आज सलमान उसी सूरज बड़जात्या की फिल्म ' प्रेम रतन धन पायो' की शूटिंग गुजरात में राजकोट में कर रहे थे। सलमान खान सूरज की इस फिल्म के अलावा कबीर खान की करीना कपूर के साथ फिल्म बजरंगी भाईजान भी कर रहे हैं। सूरज की फिल्म से अलग कबीर खान की फिल्म की शूटिंग पूरी हो चुकी है। यानि सलमान खान ने अपना काम कर दिया है। सिर्फ पोस्ट प्रोडक्शन का काम बाकी है। लेकिन, सूरज बड़जात्या की फिल्म के अलावा एक दूसरी फिल्म अभी शूटिंग की स्टेज पर हैं। इन तीनों फिल्मों पर इंडस्ट्री का करीब २०० करोड़ लगा हुआ है। अगर, ३ मार्च को सलमान खान को सजा हो गई तो यह सभी फ़िल्में लटक सकती हैं। कबीर खान तो खैर अपनी फिल्म को किसी न किसी तरीके से रिलीज़ कर ले जायेंगे। लेकिन, सूरज बड़जात्या की फिल्म तो बिलकुल लटक जाएगी। क्या अदालत का फैसला ३ मार्च तक टलने का फायदा सूरज बड़जात्या और सलमान खान उठा पाएंगे ? लेकिन, इतना तय है कि करण जौहर की फिल्म ' शुद्धि', अनीस बज्मी की फिल्म 'नो एंट्री में एंट्री' और यशराज फिल्म्स की अली अब्बास ज़फर की फिल्म 'सुल्तान' के शुरू होने का सवाल ही नहीं उठता है।
राजेंद्र कांडपाल
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हस्तियां
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Tuesday, 24 February 2015
सेक्स कॉमेडी से करण जौहर की तौबा तौबा !
इस ‘एआईबी’ कॉन्ट्रोवर्सी कहें या पहलाज इफ़ेक्ट, करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शंस ने एकता कपूर के साथ बनाई जाने वाली सेक्स कॉमेडी फिल्म को बंद कर दिया है। ‘आल इंडिया बकचोद’ यानि एआईबी में अश्लील कॉमेडी परोसने के कारण करण जौहर की चारों तरफ से आलोचना हुई ही, उन्हें पूरे देश से मुकदमों का सामना भी करना पड़ रहा है। अश्लीलता को लेकर फिल्म इंडस्ट्री भी बंटी लग रही है। इस शो में अपनी बहन का नाम खींचे जाने के कारण सलमान खान करण जौहर से नाराज़ हो गए। बात सलमान खान के धर्मा प्रोडक्शंस की फिल्म ‘शुद्धि’ छोड़ दिए जाने तक पहुँच गई है। ‘डेल्ही बेली’ जैसी अश्लील फिल्म के निर्माता आमिर खान ने भी शाकाहारी चोला ओढ़ लिया है। वह करण जौहर के विरोध में हैं। करण की लम्बे समय की गहरी दोस्त करीना कपूर ने भी गुटनिरपेक्ष रवैया अपना रखा है। एआईबी को लेकर करण के पक्ष में वही फिल्म के लोग खड़े हैं, जिनकी फिल्मों से गालियों और अश्लील हावभाव का गहरा रिश्ता होता है। कोढ़ में खाज साबित हुई है सेंसर बोर्ड के नए चीफ पहलाज निहलानी जारी सेंसर की व्हाट नॉट टु डू वाली गाइड लाइन फिर से जारी करना। इस गाइड लाइन के चलते तो अनुराग कश्यप, एकता कपूर और करण जौहर जैसे फिल्मकारों के लिए फ़िल्में बनाना मुश्किल हो जायेगा। भारत की सेक्स कॉमेडी भी तो बेबात का सेक्स और बेसिरपैर की कॉमेडी दिखाने वाली होती हैं। ऐसे करण जौहर का अपनी सेक्स कॉमेडी फिल्म को बंद करना मज़बूरी में लिया गया निर्णय ही है।
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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