विकास बहल की २२ अक्टूबर को रिलीज़ होने जा रही फिल्म 'शानदार' का एक गीत 'गुलाबों' बड़ा झिन्चैक है। इस गीत में म्यूजिक की तरह तेज़ रफ़्तार डांस है। अलिया भट्ट के साथ शाहिद कपूर झूम झूम कर नाच रहे हैं। लेकिन, इस गीत में जिस 'गुलाबो' का ज़िक्र हुआ है, वह अपनी अलिया बेबी नहीं है। 'शानदार' के 'गुलाबो' की जानदार गुलाबो सना कपूर हैं। वह इस फिल्म में अलिया भट्ट की बहन ईशा का किरदार कर रही हैं। लेकिन, आप जानते हैं कि यह सना कपूर रियल लाइफ में किसकी बहन है ? बताते हैं आपको। सना कपूर फिल्म के हीरो शाहिद कपूर की बहन हैं। उनके पिता पंकज कपूर हैं और माँ का नाम सुप्रिया पाठक है। लेकिन, सना कहती हैं, "मैंने यह रोल बिना भाई और पिताजी की सिफारिश के पाया। मैंने ऑडिशन दिया और मैं चुन ली गई। मेरे फिल्म के लिए चुने जाने की खबर पर भाई और पापा के चेहरे की ख़ुशी अमूल्य थी।" बहरहाल, सना इस इकलौते गीत से टैलेंटेड लगती हैं। डांस में वह अपने भाई की तरह तेज़ तर्रार हैं। चूंकि, वह फिल्म की सेकंड लीड हैं, इस लिए उनके लिए अभिनय के मौके भी होंगे। उनकी अभिनय प्रतिभा का पता तभी लगेगा। लेकिन, उन्हें अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा। वह बिना जिम गए 'गुलाबो' गीत की खटिया पर बैठ गई लगती हैं।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday, 6 October 2015
'शानदार' सना कपूर बनी 'गुलाबो' गर्ल
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
कोरियाई 'सेवन डेज' बनी ऐश्वर्या राय की 'जज़्बा'
मशहूर महिला वकील
यूं जी-येओन ने अभी तक कोई मुकदमा नहीं हारा है।
यूं अपनी बेटी के स्कूल में अभिभावकों की दौड़ में हिस्सा ले रही है कि तभी
उसकी बेटी गायब हो जाती है। उसी दिन बाद में
उसके पास एक आदमी का फ़ोन आता है, जिसने यूं की बेटी का अपहरण किया है। वह आदमी साफ़ करता है कि उसे उसका पैसा नहीं
चाहिए। उसे अगर अपनी बेटी को पाना है तो
उसे बलात्कार और हत्या के जुर्म में पांच बार दोषी पाए जा चुके आदमी की अपील की
पैरवी करके उसे छुडाना है। जी-येओन के पास
केवल सात दिन बचे हैं, अपराधी के ट्रायल ख़त्म होने के। यूं को लगता है कि वह आदमी
निरपराध होगा। लेकिन, जब वह मृतका की
माँ से मिलती है, तब यू को पता लगता है कि मृतका को कितनी क्रूरता से क़त्ल किया गया। यह कहानी है निर्देशक वोन शिन-येओन की १४
नवम्बर २००७ को रिलीज़ कोरियाई फिल्म 'सेवेन डेज (हंगुल) की। इस फिल्म को २१ लाख ७ हजार ८४९ कोरियाई दर्शकों
ने देखा। यह सबसे ज्यादा देखि गई फिल्म
थी। फिल्म में महिला वकील की भूमिका करने
वाली अभिनेत्री युनजिन किम को बेस्ट एक्ट्रेस का ग्रैंड बेल अवार्ड्स दिया
गया। उनके साथी अभिनेता पार्क ही-सून को
फिल्म में पुलिस डिटेक्टिव की भूमिका के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का ब्लू ड्रैगन
फिल्म अवार्ड्स और कोरियाई फिल्म अवार्ड्स दिया गया। निर्देशक संजय गुप्ता 'सेवेन डेज' को रोबिन भट्ट के साथ हिंदी में एडाप्ट किया है
और नाम दिया है जज्बा। फिल्म में ऐश्वर्या
राय बच्चन ने महिला वकील की भूमिका की है। वह जज़्बा से हिंदी फिल्मों में वापसी कर
रही हैं। ज़ाहिर है कि उनका रोल काफी सशक्त है। इरफ़ान खान पुलिस
डिटेक्टिव बने हैं। पुलिस डिटेक्टिव वाला किरदार पहले जॉन अब्राहम को ऑफर किया गया
था। संजय गुप्ता ने अपनी फिल्म की नायिका ऐश्वर्या को अपराधी को छुडाने के लिए
केवल तीन दिन दिए हैं। इन दोनों के सामने युनजिन और पार्क ही-सून के अवार्ड विनिंग
परफॉरमेंस की चुनौती होगी। फिल्म में
शबाना अजमी ने मृतका की माँ का किरदार किया है।
चन्दन रॉय सान्याल और सिद्धांत कपूर ने खल किरदार किये हैं। खुद संजय
गुप्ता रामशास्त्र (१९९५) के बीस साल बाद
अनुपम खेर के साथ फिल्म कर रहे हैं। क्या कोरियाई फिल्म 'सेवेन डेज' की 'जज्बा' भी सबसे ज्यादा देखि गई फिल्म बन पायेगी ? क्या ऐश्वर्या और
इरफ़ान इस फिल्म के लिए कोई पुरस्कार जीत पाएंगे ?
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इस शुक्रवार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
जे जयललिता की इकलौती हिंदी फिल्म 'इज़्ज़त'
यह सभी जानते हैं कि तमिलनाडु की मुख्य मंत्री जे जयललिता पूर्व फिल्म अभिनेत्री थी। १९६१ से १९८० तक अपने फिल्म करियर में जयललिता ने १३८ दक्षिण भारतीय फिल्मों में काम किया। वह तमिलनाडु की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्री थी। उन्होंने अपने समय के तमाम सुपर स्टार्स के साथ फ़िल्में की। लेकिन, बहुत कम लोग जानते होंगे की जयललिता ने अपने २० साल लम्बे फिल्म करियर में केवल एक हिंदी फिल्म में अभिनय किया। यह फिल्म थी निर्देशक टी प्रकाशराव की 'इज़्ज़त' । इस फिल्म में जयललिता एक आदिवासी लड़की झुमकी के किरदार में थी। फिल्म में धर्मेन्द्र की दोहरी भूमिका थी। तनूजा फिल्म की एक नायिका थी। फिल्म की कहानी ठाकुर प्रताप सिंह (बलराज साहनी) और उसके एक वैध बेटे दिलीप और दूसरे अवैध बेटे शेखर (दोनों भूमिकाओं में अभिनेता धर्मेन्द्र) की थी। शेखर एक आदिवासी लड़की सावली से ठाकुर की संतान था। शेखर का रंग काला था। वह जब पढ़ाई करके वापस आता है तो उसका सामना साफ़ रंगत वाले हमशक्ल भाई दिलीप से होता है। दिलीप शेखर को ऑफिस देता है और कहता है कि वह एक अमीर की बेटी दीपा के सामने दिलीप बन कर जाए। शेखर मान जाता है। वह दिलीप बन कर दीपा से प्रेम करता है। इधर जयललिता का आदिवासी किरदार झुमकी गोर दिलीप से प्रेम करने लगती है और गर्भवती हो जाती है। दिलीप झुमकी से शादी करने से इंकार कर देता है। इस फिल्म में लक्ष्मीकांत- प्यारेलाल का संगीत था। उन्होंने एक से बढ़ कर एक धुनें बनाई थी। ये दिल तुम बिन लगता नहीं धर्मेन्द्र और तनूजा पर फिल्माया गया दोगाना था। क्या मिलिए ऐसे लोगों से परदे पर धर्मेन्द्र का गाया महफ़िल गीत था। दो गीत रुक जा ज़रा किधर को चला और जाएगी बदन में ज्वाला सैया तूने क्या कर डाला जयललिता पर फिल्माए गए थे। जाएगी बढ़ाने में ज्वाला काफी सेक्सी बन पड़ा गीत था। उस समय के समीक्षक नायिका के अंग प्रदर्शन को अपने विटामिन दिखाना कहते थे। 'इज़्ज़त' में जयललिता ने भी खूब विटामिन दिखाए थे। इस फिल्म के एक सीन में धर्मेन्द्र ने जयललिता को गोद में उठाया था। तमाम इमोशंस, रोमांस और ड्रामा के बावजूद 'इज़्ज़त' बॉक्स ऑफिस पर अपनी इज़्ज़त नहीं बना पाई। फिल्म फ्लॉप हुई। इसके साथ ही जे जयललिता ने हिंदी फिल्मों को अलविदा कह दी।
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Monday, 5 October 2015
रत्न एवं आभूषण के बारे में ज्ञान हासिल कर रही हैं अमृता
छोटे परदे पर दर्शको को जल्द ही एक नया शो देखने को मिलेगा, शो की मेजबानी अमृता राव करेंगी। अमृता को, इस बीच में, रोल की शुरुआत करने के लिए उसे 100 प्रतिशत देने के लिए रत्न एवं आभूषण के बारे में ज्ञान हासिल करने की मांग की है। अभिनेत्री प्रकाश झा की अगली फिल्म 'सत्संग' मे दिखायी देगी।
सूत्रों का कहना शो के निर्माताओं के लिए एक सुंदर बॉलीवुड अभिनेत्री में देख रहे थे और अंत में कलाकार एमएफ हुसैन की सरस्वती अमृता, को चुना गया है। "मेजबान को दोनों पारंपरिक और पश्चिमी ज्वैलरी पैटर्न के साथ न्याय करना हैं. और अमृता इस शो के मूल्य को और ज्यादा आकर्षित पुरे सहजता से करेगी।
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हस्तियां
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अब रामगोपाल वर्मा की 'ब्रूस ली' भी
रामगोपाल वर्मा अपने आप में निराले फिल्मकार हैं। वह सुर्खियां पाने का एक भी मौका नहीं छोड़ते। राम जाने उनके खाते में कैसे कैसे सरप्राइज पैक भरे हुए हैं। आजकल, तेलुगु फिल्मों के सितारे राम चरन तेजा की फिल्म 'ब्रूस ली : द फाइटर' की काफी चर्चा है। श्रीनू वैतला निर्देशित यह फिल्म १६ अक्टूबर को रिलीज़ होने जा रही है। बस, यहीं रामगोपाल वर्मा ने अपने सरप्राइज पैक से एक तीर निकाल कर छोड़ दिया। वह २०१३ में एक फिल्म 'ब्रूस ली' की शूटिंग कर रहे थे। फिर उन्होंने यकायक इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया। अब जबकि, तेजा वाली ब्रूस ली रिलीज़ होने वाली है, वर्मा ने 'ब्रूस ली : द फाइटर' के ऑडियो लांच के एक दिन पहले अपनी २०१३ की फिल्म 'ब्रूस ली' का ट्रेलर लांच कर दिया। यह ट्रेलर रामगोपाल वर्मा की स्टाइल में हैं। स्लो मोशन में इस ट्रेलर में लीजेंडरी मार्शल आर्ट्स स्टार ब्रूस ली को श्रद्धांजलि दी गई है। इस ट्रेलर में मार्शल आर्ट्स की विशेषज्ञ एक सुन्दर लड़की कई लोगों को अपने बॉक्सिंग ग्लब्स वाले घूंसे से उड़ा रही है। इस दौरान वह अपने आकर्षक शरीर का प्रदर्शन भी कर रही है। यह लड़की रामगोपाल वर्मा की पुणे खोजबताई जा रही है । सोर्स बताते हैं कि उन्होने ही इस लड़की को मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग दिलवाई है। रामगोपाल वर्मा खुद को मार्शल आर्ट्स का दीवाना बताते हैं। वह दावा करते हैं कि उनकी फिल्म 'ब्रूस ली' भारत की पहली मार्शल आर्ट्स फिल्म है। वर्मा के दावे पर सवाल करने का सवाल ही नहीं उठता। लेकिन, सवाल यह है कि दो साल पहले बंद कर दी गई अपनी फिल्म 'ब्रूस ली' को राम चरन तेजा की फिल्म 'ब्रूस ली : द फाइटर' की रिलीज़ के समय पेश करना, तेजा की फिल्म से थोड़ी चमक चुराने का प्रयास तो नहीं! विवादित फिल्म बना कर और विवाद में फंस कर अपनी फिल्मों को सुर्खियां दिलाने का फंडा रामगोपाल वर्मा से अच्छा कौन जानता है।
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ट्रेलर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
इम्पा चुनाव टीपी अग्रवाल प्रेजिडेंट अभय सिन्हा सीनियर वाइस प्रेजिडेंट निर्वाचित
इम्पा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल करने वाले टी पी अग्रवाल और अभय सिन्हा के ग्रुप ने अपनी कार्यकारिणी घोषित कर दी है । नयी कार्यकारिणी ने सर्व सम्मति से टी पी अग्रवाल को प्रेजिडेंट व अभय सिन्हा को सीनियर वाइस प्रेजिडेंट चुना है ।
उल्लेखनीय है की 29 सितम्बर को संपन्न हुए चुनाव में टीपी-अभय ग्रुप ने 23 में से 19 सीटो पर सफलता हासिल कर चुनाव में अपना कब्जा बरक़रार रखा था । टी पी ग्रुप के निशांत उज्जवल इम्पा पहचने वाले सबसे कम उम्र के निर्माता हैं उन्हें 146 वोट प्राप्त हुए थे और उन्होंने कई दिग्गजो को पीछे छोड़ दिया था । टी पी अग्रवाल अभय सिन्हा और निशांत उज्जवल के अलावा अन्य विजयी उम्मीदवारों में जे. नीलम नीलम, अशोक पंडित, मनोज चतुर्वेदी, नितिन पी. मोवानी, बालासाहेब एम. गोरे , राजू भट , विनोद छाबरा , हरेश भाई पटेल , जय प्रकाश शॉ , जीतें पुरोहित, रमेश मीर , संदीप सिंह 'बॉबी बेदी और विकाश शाहूराज पाटिल शामिल हैं । टीवी प्रोग्राम प्रोडूसर्स की दोनों सीट बाबूभाई थिबा एवं राहुल अग्रवाल अग्रवाल (टीपी ग्रुप) ने जीता। एसोसिएट की ५ में से एक मात्र सीट टीपी ग्रुप को बाकी चारों बोबोकाडिया ग्रुप ने जीती। टीपी ग्रुप की शुष्मा शिरोमणी और बोकाडिया ग्रुप से केसी बोकाडिया, राकेश नाथ रिंकू, महेंद्र धारीवाल और मेहुल कुमार विजयी हुए। उल्लेखनीय है की भोजपूरी फ़िल्म जगत के कई लोग चुनाव मैदान में थे लेकिन जित का सेहरा मात्र अभय सिन्हा व निशांत उज्जवल के सर ही बंधा । निशांत उज्जवल सबसे कम उम्र के उम्मीदवार थे । इम्पा की नयी कार्यकारिणी में नितिन मवानी व अशोक पंडित को उपाध्यक्ष बनाया गया है ।
उल्लेखनीय है की 29 सितम्बर को संपन्न हुए चुनाव में टीपी-अभय ग्रुप ने 23 में से 19 सीटो पर सफलता हासिल कर चुनाव में अपना कब्जा बरक़रार रखा था । टी पी ग्रुप के निशांत उज्जवल इम्पा पहचने वाले सबसे कम उम्र के निर्माता हैं उन्हें 146 वोट प्राप्त हुए थे और उन्होंने कई दिग्गजो को पीछे छोड़ दिया था । टी पी अग्रवाल अभय सिन्हा और निशांत उज्जवल के अलावा अन्य विजयी उम्मीदवारों में जे. नीलम नीलम, अशोक पंडित, मनोज चतुर्वेदी, नितिन पी. मोवानी, बालासाहेब एम. गोरे , राजू भट , विनोद छाबरा , हरेश भाई पटेल , जय प्रकाश शॉ , जीतें पुरोहित, रमेश मीर , संदीप सिंह 'बॉबी बेदी और विकाश शाहूराज पाटिल शामिल हैं । टीवी प्रोग्राम प्रोडूसर्स की दोनों सीट बाबूभाई थिबा एवं राहुल अग्रवाल अग्रवाल (टीपी ग्रुप) ने जीता। एसोसिएट की ५ में से एक मात्र सीट टीपी ग्रुप को बाकी चारों बोबोकाडिया ग्रुप ने जीती। टीपी ग्रुप की शुष्मा शिरोमणी और बोकाडिया ग्रुप से केसी बोकाडिया, राकेश नाथ रिंकू, महेंद्र धारीवाल और मेहुल कुमार विजयी हुए। उल्लेखनीय है की भोजपूरी फ़िल्म जगत के कई लोग चुनाव मैदान में थे लेकिन जित का सेहरा मात्र अभय सिन्हा व निशांत उज्जवल के सर ही बंधा । निशांत उज्जवल सबसे कम उम्र के उम्मीदवार थे । इम्पा की नयी कार्यकारिणी में नितिन मवानी व अशोक पंडित को उपाध्यक्ष बनाया गया है ।
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आज जी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Sunday, 4 October 2015
तमिल 'मौन गुरु' का रीमेक है अकीरा
सोनाक्षी सिन्हा की एआर मुरुगदॉस निर्देशित फिल्म 'अकीरा' के लिए कठोर ट्रेनिंग ले रही हैं। वह फिटनेस पर ध्यान दे रही हैं। खुद को रफ़ टफ बना रही हैं। यह फिल्म भी मुरुगदॉस की परंपरा में रीमेक फिल्म है। आमिर खान की फिल्म गजिनी और अक्षय कुमार की फिल्म हॉलिडे अ सोल्जर इज़ नेवर ऑफ़ ड्यूटी की तरह सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म अकीरा भी तमिल फिल्म 'मौन गुरु' का रीमेक हैं। इस फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा की भूमिका क्या है ? इसे जानना है तो तमिल फिल्म 'मौन गुरु' की कहानी दे रहा हूँ।
''मौन गुरु' कहानी है कॉलेज के छात्र करुणाकरन की। वह कभी भी समाज से एडजस्ट नहीं कर पाता। उसे हमेशा गलत समझा जाता है। इससे वह अपने क्रोध को नियंत्रित नहीं कर पाता और किसी न किसी मुसीबत में फंस जाता है । उसके इस अनपेक्षित व्यवहार से उसका भाई और माँ हमेशा चिंतित रहते है। कई वारदातों के बाद उसे मदुरै छोड़ना पड़ता है और वह चेन्नई चला जाता है। वह चेन्नई में एक आर्ट्स कॉलेज में दाखिला ले लेता है और हॉस्टल में रहने लगता है। लेकिन, वह वहाँ भी मुसीबत में फंस जाता है। अब इस कहानी के सामानांतर एक दूसरी कहानी चल रही है। पुलिस के कुछ अफसर सहायक आयुक्त मरिमुथु, इंस्पेक्टर राजेंद्रन, सुब इंस्पेक्टर सेलवम और एक अन्य पुलिस कर्मी बैंगलोर से चेन्नई जा रहे हैं। रास्ते में एक कार का एक्सीडेंट होते देखते हैं। वह कार में बैठे घायल को, जो बैंगलोर के एक बिज़नेस टाइकून को बेटा है, हॉस्पिटल ले जाना चाहते हैं कि उनकी नज़र कार में पड़े करोड़ों रुपये के नोटों पर पड़ती हैं। उन के मन में लालच आ जाता है। वह अधमरे लडके को मार देते हैं और नोट बटोर का चेन्नई चले जाते हैं। इस केस को एक ईमानदार पुलिस अफसर पलानीअम्माल अपने हाथ में लेती हैं। अब होता क्या है कॉलेज हॉस्टल में रहा रहा करुणाकरन इस अपराध में फंसा दिया जाता है। क्या ईमानदार पुलिस अधिकारी पलानीअम्माल निर्दोष करुणाकरन को बचा पाएगी ? फिल्म का अंत बेहद रोमांचक तरीके से होता है। २०११ में रिलीज़ मौन गुरु सुपर हिट रही थी। फिल्म की हिन्दू जैसे अख़बार ने प्रशंसा की थी। यह स्लीपर हिट फिल्म साबित हुई थी। इसे तेलुगु और कन्नड़ में भी रीमेक किया गया। अब इसे हिंदी में बनाया जा रहा है।"
क्या आप बता सकते हैं कि फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा की भूमिका क्या है ?
''मौन गुरु' कहानी है कॉलेज के छात्र करुणाकरन की। वह कभी भी समाज से एडजस्ट नहीं कर पाता। उसे हमेशा गलत समझा जाता है। इससे वह अपने क्रोध को नियंत्रित नहीं कर पाता और किसी न किसी मुसीबत में फंस जाता है । उसके इस अनपेक्षित व्यवहार से उसका भाई और माँ हमेशा चिंतित रहते है। कई वारदातों के बाद उसे मदुरै छोड़ना पड़ता है और वह चेन्नई चला जाता है। वह चेन्नई में एक आर्ट्स कॉलेज में दाखिला ले लेता है और हॉस्टल में रहने लगता है। लेकिन, वह वहाँ भी मुसीबत में फंस जाता है। अब इस कहानी के सामानांतर एक दूसरी कहानी चल रही है। पुलिस के कुछ अफसर सहायक आयुक्त मरिमुथु, इंस्पेक्टर राजेंद्रन, सुब इंस्पेक्टर सेलवम और एक अन्य पुलिस कर्मी बैंगलोर से चेन्नई जा रहे हैं। रास्ते में एक कार का एक्सीडेंट होते देखते हैं। वह कार में बैठे घायल को, जो बैंगलोर के एक बिज़नेस टाइकून को बेटा है, हॉस्पिटल ले जाना चाहते हैं कि उनकी नज़र कार में पड़े करोड़ों रुपये के नोटों पर पड़ती हैं। उन के मन में लालच आ जाता है। वह अधमरे लडके को मार देते हैं और नोट बटोर का चेन्नई चले जाते हैं। इस केस को एक ईमानदार पुलिस अफसर पलानीअम्माल अपने हाथ में लेती हैं। अब होता क्या है कॉलेज हॉस्टल में रहा रहा करुणाकरन इस अपराध में फंसा दिया जाता है। क्या ईमानदार पुलिस अधिकारी पलानीअम्माल निर्दोष करुणाकरन को बचा पाएगी ? फिल्म का अंत बेहद रोमांचक तरीके से होता है। २०११ में रिलीज़ मौन गुरु सुपर हिट रही थी। फिल्म की हिन्दू जैसे अख़बार ने प्रशंसा की थी। यह स्लीपर हिट फिल्म साबित हुई थी। इसे तेलुगु और कन्नड़ में भी रीमेक किया गया। अब इसे हिंदी में बनाया जा रहा है।"
क्या आप बता सकते हैं कि फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा की भूमिका क्या है ?
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साउथ सिनेमा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 3 October 2015
हॉलीवुड की फिल्मों एक्शन फंतासी और हॉरर का संसार
अक्टूबर में हॉलीवुड लेकर आ रहा है साइंस फंतासी, थ्रिल, हॉरर, एडवेंचर और ड्रामा से भरी फ़िल्में। इन फिल्मों में अरबों का बजट लगा है। बड़े सितारों का भविष्य दांव पर है। स्टीवन स्पीलबर्ग एक बार फिर कोल्ड वॉर की पृष्ठभूमि पर थ्रिलर ड्रामा फिल्म ला रहे हैं तो रिडले स्कॉट स्पेस फंतासी ले कर आ रहे हैं। अक्टूबर का आगाज़ रिडले स्कॉट की फिल्म 'द मर्शियन' से ही होगा। आइये एक नज़र डालते हैं इस महीने रिलीज़ होने जा रही कुछ फिल्मों पर -
द मर्शियन- एक अंतरिक्ष यात्री खुद को मार्श पर अकेला फंसा पाता है। इस फिल्म में मैट डैमन, जेसिका चेस्टेन, चिेवेटल एजिओफोर, केट मारा और क्रिस्टन वीग की मुख्य भूमिका है। डायरेक्टर रिडले स्कॉट की इस फिल्म की टैग लाइन 'रिडले बैक इन (अ गुड) स्पेस' से ही साफ़ है कि रिडले स्कॉट एक बार फिर अपने दर्शकों को अंतरिक्ष के ग्रहों की सैर कराने जा रहे हैं। यह ल्म लं
पान - वार्नर ब्रदर्स की इस एडवेंचर फंतासी फिल्म 'पैन' की केंद्रीय भूमिका ह्यू जैकमैन ने की है। उनके साथ अमांडा सेफ्रीड, रूनी मारा ओर लेवी मिलर की भी भूमिका है। निर्देशक जोए राइट की इस फिल्म की कहानी एक अनाथ लडके की है, जो एक जादुई नेवरलैंड में पहुँच जाता है। नेवरलैंड में उसके लिए मौज मस्ती भी है और खतरा भी। अंत में वह अपने भाग्य की खोज कर लेता है। वह ऐसा हीरो बन जाता है, जिसे हमेशा ही जादुई शक्ति वाले पीटर पान के नाम से जाना जायेगा। यह फिल्म ९ अक्टूबर को रिलीज़ हो रही है।द मर्शियन- एक अंतरिक्ष यात्री खुद को मार्श पर अकेला फंसा पाता है। इस फिल्म में मैट डैमन, जेसिका चेस्टेन, चिेवेटल एजिओफोर, केट मारा और क्रिस्टन वीग की मुख्य भूमिका है। डायरेक्टर रिडले स्कॉट की इस फिल्म की टैग लाइन 'रिडले बैक इन (अ गुड) स्पेस' से ही साफ़ है कि रिडले स्कॉट एक बार फिर अपने दर्शकों को अंतरिक्ष के ग्रहों की सैर कराने जा रहे हैं। यह ल्म लं
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज - टॉम हैंक्स, एमी रयान, एलन अलदा, मार्क रयलेन्स, स्टीवन स्पीलबर्ग अभिनीत इस ड्रामा थ्रिलर फिल्म एक वकील की कहानी है, जिसे कोल्ड वॉर के दिनों में सीआईए ने अपने एजेंट के तौर पर नियुक्त किया था, सोवियत संघ से एक पायलट को छुड़वाने के लिए भेजा जाता है। इस फिल्म के डायरेक्टर स्टीवन स्पीलबर्ग हैं। यह फिल्म १६ अक्टूबर को रिलीज़ हो रही है।
क्रिमसन पीक - यूनिवर्सल पिक्चर्स की इस ड्रामा फंतासी हॉरर फिल्म की कहानी एक महिला की है, जिसे लगता है कि उसका पति वह नहीं, जो नज़र आता है। गुइलेरमो डेल टोरो निर्देशित फिल्म क्रिमसन पीक में टॉम हिडलस्टन, चार्ली हुन्नम, मिया वासिकोव्स्का, जेसिका चेस्टाइन,और जिम बेवर मुख्य भूमिका में हैं।
द लास्ट विच
हंटर- जांबाज़
योद्धा कॉल्डर चुड़ैलों की
रानी के
संसार पर
हमला बोल देता है और चुड़ैलों की रानी को पछाड़ देता
है, लेकिन
इसके दुष्प्रभाव
से उसे
अमरता का अभिशाप मिलता है। अब वह जीवन
के पार
अपनी पत्नी
और बेटी
से नहीं
मिल सकता।
इस जटिल
भूमिका को
परदे पर विन डीजल
कर रहे
हैं। उनके
साथ एलिजा वुड, रोज लेस्ली और माइकल
कैन साथ
हैं। विन
डीजल की
एक्शन और
फंतासी फिल्मों
के शौक़ीन
दर्शको के
लिए यह
फिल्म तोहफा है। इस फिल्म
में जलती
तलवार का
एक्शन और
लपलपाती तलवार
वाली गोथिक
फंतासी के
मिश्रण के
साथ रोमांस भी है। इस फिल्म का
निर्देशन ब्रेट
आइजनर कर
रहे हैं। यह फिल्म २३
अक्टूबर को
रिलीज़ हो
रही।
गूसबम्प्स- लेक प्लेसिड, श्रेक,
श्रेक टेल,
मॉन्स्टर्स वर्सेस एलियन्स और गुलिवर्स
ट्रेवल्स जैसी
फिल्मों के
नर्देशक रॉब
लेटरमैन की
पांच साल
बाद कोई
फिल्म रिलीज़
होने जा
रही है। उनकी फिल्म गूसबम्प्स को हिंदी में कुछ कुछ धोखा है शीर्षक से रिलीज़ किया जा रहा है ।' एक छोटे कसबे में
रहना आया
एक टीनएज
लड़का ज़क
कूपर
अपनी पड़ोसन की लड़की हन्ना
से मिलता
है।
हन्ना का पिता आरएल स्टीन
गूसबम्प्स की कहानिया लिखा करता
है।
उसने अपनी कहानियों की पांडुलिपियों
में तमाम
भूतों और
राक्षसों को
कब्ज़े में
कर रखा
है।
एक दिन, अजनाने में, जॉच
सभी भूत
और राक्षसों
को रिहा
कर देता
हैं।
अब जॉच, हन्ना और स्टीन
को इन
राक्षसों को
वापस करना
है । कोलंबिया पिक्चर्स
की इस
लाइव-एक्शन/कंप्यूटर-एनिमेटेड
हॉरर कॉमेडी
फिल्म
'गूसबम्प्स'में जैक
ब्लैक, डायलन
मिनेट, ओडेया
रश, अल्स्टोन
सेज, एमी
रयान, रयान
ली और
जिलियन बेल
मुख्य भूमिकाओं
में हैं।
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Hollywood
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बिग बॉस के विवाद फैलाने वाले
बिग बॉस के सीजन ९ के प्रतिभागियों की लिस्ट जारी हो चुकी है। इस लिस्ट में, जैसी की खबरें थी, पोर्न स्टार मिया खलीफा नहीं हैं, कथित रूप से भक्ति के पीछे सेक्स रैकेट चलाने वाली राधे माँ नहीं हैं, खुद के द्वारा बनाई गई फिल्मों में सुपर मैन नज़र आने वाले डेरा सच्चा सौदा के बाबा राम रहीम भी नहीं हैं। बिग बॉस से विवादों का गहरा नाता है। जब कोई नया सीजन शुरू होने को होता है तो विवाद शुरू हो जाता है। सलमान खान होस्ट करेंगे या नहीं ! करेगा तो कौन !! तभी सलमान खान बोल पड़ते हैं, नहीं जी मैं ही करूंगा। फिर बिग बॉस के घर में महाभारत छिड़ जाती हैं। अगर मिया खलीफा होती तो बिग बॉस के घर में सेक्सुअल कंटेंट ज़्यादा होता। राधे माँ रंग बिरंगे परिधानों में नाच नाच कर मिया खलीफा को भी नाचा डालती। डेरा सच्चा सौदा के बाबा राम रहीम का सुपर मैन प्रवचन देखने लायक होता। लेकिन, इनके न होने के बावजूद बिग बॉस सीजन ९ में विवाद खूब होंगे। राधे माँ पर भक्ति के पीछे सेक्स रैकेट चलाने का आरोप लगाने वाली अर्शी खान इस सीजन में हैं। बाकी प्रतिभागी पूछेंगे और वह भी चटखारे ले ले कर राधे माँ के आश्रम का रियल और रील विवरण देंगी। उनसे पाकिस्तानी क्रिकेटर के साथ उनकी डेटिंग के दौरान क्या क्या हुआ का डिटेल भी लिया जायेगा, जो निश्चित ही बिग बॉस की रेटिंग बढ़ाएगा। सबसे बड़ी बात इस शो में अभिनेत्री रूपल त्यागी और उनके पूर्व पुरुष मित्र अंकित गेरा भी हैं। तय है कि इनके बीच जुबानी जंग छिड़ेगी। कभी यह दोनों एक रजाई में छुप्पा छुप्पी खेलेंगे, तो कभी रूपल आंसू गिराएंगी, कभी बेवफाई के घिनौने आरोप प्रत्यारोप भी लगेंगे। ज़ाहिर है कि सीजन ९ भी अपने पहले के आठ सीजनों की तरह ही मसालेदार और चटखारेदार होगा।
बिग बॉस की पहचान ही विवाद, और विवाद, और विवाद ही है। इस विवाद से फायदा भी होता है। पिछले सीजन में सना खान ने आरोप लगाया कि बिग बॉस के घर में टेंशन क्रिएट किया जाता है। उन्होंने ऐजाज़ खान पर आरोप भी लगाये। अली क़ुली मिर्ज़ा और गौतम गुलाटी के कथित गे रिलेशन को उभरने की कोशिश भी की गई। डिम्पी ने तो प्रीतम को नामर्द कह डाला तो प्रीतम ने डिम्पी पर गालियों की बौछार कर दी। इसी सीजन में डिआंड्रा सोअर्स ने गौतम गुलाटी पर उसे प्रेग्नेंट करने का आरोप लगा कर तहलका मचा दिया। यह सब किया गया बिगबॉस की रेटिंग बढ़ाने के लिए। इसी सीजन में करिश्मा तन्ना के साथ गर्मागर्मी के बाद सलमान खान सेट से बाहर चले गए थे।
बिग बॉस में ही तनीषा मुख़र्जी और अरमान कोहली का रोमांस विवादों में रहा। यह कहा गया कि तनिष्ठा की माँ तनूजा और जीजा अजय देवगन इस रिलेशन के खिलाफ है और अजय ने अपने अच्छे दोस्त और बिग बॉस के होस्ट सलमान खान से अरमान कोहली को निकाल बाहर करने के लिए कहा। अब यह बात दीगर है कि अरमान कोहली इस समय सलमान खान के साथ फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' में एक निगेटिव किरदार कर रहे हैं। अलबत्ता, उनके और तनीषा के सम्बन्ध बिग बॉस के बाहर आते ही ख़त्म हो गए हैं।
बिग बॉस के सातवे सीजन में दो प्रेम कहानियाँ विवादित हुई। तनीषा मुख़र्जी और अरमान कोहली के अलावा कुशल टंडन और गौहर खान के सेक्युलर रोमांस की खबरों ने कुछ इतनी आग पकड़ी कि कुशल टंडन को सलमान खान पर ही आरोप लगाना पड़ा कि वह गौहर खान के विरोध में अपने दोस्त की साली तनीषा का पक्ष ले रहे हैं। अब यह बात दीगर है कि बिग बॉस ७ की विजेता गौहर खान बनी। सीजन से बाहर आकर इन दोनों का रोमांस एक दो रियलिटी शो में भी चमका। लेकिन, एक दिन कुशल टंडन ने गौहर खान को शादी के मुस्लमान बनाने का दबाव बनाने का आरोप लगा कर रिश्ते ख़त्म कर लिए।
बिग बॉस में ही तनीषा मुख़र्जी और अरमान कोहली का रोमांस विवादों में रहा। यह कहा गया कि तनिष्ठा की माँ तनूजा और जीजा अजय देवगन इस रिलेशन के खिलाफ है और अजय ने अपने अच्छे दोस्त और बिग बॉस के होस्ट सलमान खान से अरमान कोहली को निकाल बाहर करने के लिए कहा। अब यह बात दीगर है कि अरमान कोहली इस समय सलमान खान के साथ फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' में एक निगेटिव किरदार कर रहे हैं। अलबत्ता, उनके और तनीषा के सम्बन्ध बिग बॉस के बाहर आते ही ख़त्म हो गए हैं।
बिग बॉस के सातवे सीजन में दो प्रेम कहानियाँ विवादित हुई। तनीषा मुख़र्जी और अरमान कोहली के अलावा कुशल टंडन और गौहर खान के सेक्युलर रोमांस की खबरों ने कुछ इतनी आग पकड़ी कि कुशल टंडन को सलमान खान पर ही आरोप लगाना पड़ा कि वह गौहर खान के विरोध में अपने दोस्त की साली तनीषा का पक्ष ले रहे हैं। अब यह बात दीगर है कि बिग बॉस ७ की विजेता गौहर खान बनी। सीजन से बाहर आकर इन दोनों का रोमांस एक दो रियलिटी शो में भी चमका। लेकिन, एक दिन कुशल टंडन ने गौहर खान को शादी के मुस्लमान बनाने का दबाव बनाने का आरोप लगा कर रिश्ते ख़त्म कर लिए।
अभिनेत्री सारा खान और बिज़नेसमैन अली मर्चेंट का निकाह भी बिग बॉस ४ के घर में ही हुआ था। इस ड्रामे को पूरे देश में काफी चर्चा मिली थी। लेकिन, यह निकाह भी जल्द ही तलाक़ में बदल गया। अब खबर है कि सारा ने पारस छाबरा से रोमांस लड़ाने के बाद एक बिजनेसमैन ऋषभ टंडन से शादी कर ली है। इस सीजन में सारा कहँ और डॉली बिंद्रा की नोक झोक भी काफी मसालेदार थी।
सलमान खान ने बिग बॉस के चौथे, छठे, सातवे और आठवे सीजन को होस्ट किया। पहले सीजन के होस्ट अरशद वारसी थे तो दूसरे को शिल्पा शेट्टी ने होस्ट किया था। तीसरे सीजन बच्चन की एंट्री हुई। लेकिन, इस शो की रेटिंग बढ़ी सलमान खान के आने के बाद। इसके साथ ही, पहले तीन सीजन में राहुल रॉय, अष्टोष कौशिक और विंदू दारासिंह को विजेता बनाने वाले बिग बॉस में गौतम गुलाटी के अलावा महिला प्रतिभागी ही जीतने लगी। इस शो को श्वेता तिवारी, जूही परमार, उर्वशी ढोलकिया और गौहर खान ने जीता। इसे सलमान खान का महिला प्रतिभागियों के प्रति झुकाव बताया गया। सलमान खान पर पक्षपात करने के आरोप तो हर सीजन में लगते रहे। अब यह बात दीगर है कि बिग बॉस का दर्शकों के अच्छे नंबर यानि रेटिंग भी तो सलमान खान के कारण ही मिलती है।
सलमान खान ने बिग बॉस के चौथे, छठे, सातवे और आठवे सीजन को होस्ट किया। पहले सीजन के होस्ट अरशद वारसी थे तो दूसरे को शिल्पा शेट्टी ने होस्ट किया था। तीसरे सीजन बच्चन की एंट्री हुई। लेकिन, इस शो की रेटिंग बढ़ी सलमान खान के आने के बाद। इसके साथ ही, पहले तीन सीजन में राहुल रॉय, अष्टोष कौशिक और विंदू दारासिंह को विजेता बनाने वाले बिग बॉस में गौतम गुलाटी के अलावा महिला प्रतिभागी ही जीतने लगी। इस शो को श्वेता तिवारी, जूही परमार, उर्वशी ढोलकिया और गौहर खान ने जीता। इसे सलमान खान का महिला प्रतिभागियों के प्रति झुकाव बताया गया। सलमान खान पर पक्षपात करने के आरोप तो हर सीजन में लगते रहे। अब यह बात दीगर है कि बिग बॉस का दर्शकों के अच्छे नंबर यानि रेटिंग भी तो सलमान खान के कारण ही मिलती है।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
ऐश्वर्या राय बच्चन की वापसी का 'जज़्बा' ?
लगभग पांच साल बाद, ९ अक्टूबर को ऐश्वर्या राय बच्चन हिंदी फिल्म दर्शकों के सामने होंगी। वह संजय गुप्ता की एक्शन थ्रिलर फिल्म 'जज़्बा' में एक वकील का किरदार कर रही हैं। यह फिल्म कोरियाई फिल्म 'सेवन डेज' की ऑफिसियल रीमेक है। क्या पांच साल बाद वापस लौटी ऐश्वर्या का जज़्बा दर्शक महसूस करेंगे ? पेंच यही हैं। संजय गुप्ता की फिल्म 'जज़्बा' हिट होगी या नहीं, बहुत बात की बात है। ऐश्वर्या राय बच्चन अगले महीने १ नवंबर को ४२ साल की हो जाएंगी। वह १९९४ में यानि कि २१ साल पहले मिस वर्ल्ड बनी। २० अप्रैल २००७ को यह मिसेज़ बच्चन बन गई। १६ नवंबर २०११ को वह एक बच्ची की माँ भी बन गई। कहने का मतलब यह कि १९९४ की मिस वर्ल्ड की इमेज में काफी बदलाव आया है। अब वह गैर शादीशुदा नहीं रही कि कोई दर्शक सलमान खान, विवेक ओबेरॉय या किसी अन्य अभिनेता के साथ उनके रोमांस को सहज स्वीकार कर ले। किसी अभिनेत्री का शादी शुदा होना उसके फिल्म करियर को चोटिल करता है। वह परिपक्व भूमिकाओं के योग्य ही रह जाती हैं। इसी लिए, अब जबकि वह वापसी कर रही हैं तो उनकी फिल्म में रोमांस नदारद है। वह, रियल लाइफ की तरह, फिल्म में भी एक बच्ची की माँ बनी हैं। इस फिल्म में ड्रामा है। कोर्ट रूम ड्रामा भी। एक्शन है ! सब कुछ है, लेकिन वह नहीं है जिसके लिए ऐश्वर्या राय बच्चन पहचानी जाती हैं। इस फिल्म में ग्लैमर नहीं है। पूर्व मिस वर्ल्ड ऐश्वर्या राय ने अपने करियर की शुरुआत मणि रत्नम की तमिल पोलिटिकल ड्रामा फिल्म इरुवर में दोहरी भूमिका से की थी। इस भूमिका में वह अल्ट्रा मॉडर्न और अल्ट्रा फैशनेबुल बनी थी। लेकिन, फिल्म नहीं चली। हिंदी में उनका डेब्यू राहुल रवैल की फिल्म 'और प्यार हो गया' में बॉबी देओल के साथ हुआ था। यह फिल्म भी फ्लॉप गई। इसके बाद वह तमिल और हिंदी फिल्मों में नज़र आती रही। संजयलीला भंसाली की फिल्म 'हम दिल दे चुके सनम' में सलमान खान और अजय देवगन की नंदिनी के रूप में वह चमक उठी। इसी दौर में सलमान खान के साथ उनका रोमांस सुर्ख हुआ। इसके बाद वह ताल, मोहब्बते, देवदास, धूम २, गुरु और जोधा अकबर जैसी हिट फिल्मों की नायिका बनी। लेकिन, अपनी ज़्यादातर फिल्मों में उन्होंने खुद को संवेदनशील अभिनेत्री के बतौर स्थापित करने के बजाय ग्लैमरस अभिनेत्री ही साबित किया। आज उन्हें उनके अभिनय से ज़्यादा उनकी खूबसूरती के लिए ही याद किया जाता है। इसके अलावा ऐश्वर्या राय के पास हिट फिल्मो से ज़्यादा फ्लॉप फिल्मों का ढेर है।
मंगलोर, कर्णाटक में १ नवंबर १९७३ को एक आर्मी बायोलॉजिस्ट पिता की संतान ऐश्वर्या राय ने मॉडलिंग से अपने करियर की शुरुआत की। वह पढ़ाई में अच्छी थी। उनका पसंदीदा विषय जीव विज्ञानं था। मेडिसिन पढ़ाना चाहती थी। असफल रही तो आर्किटेक्ट बनने की सोची। रहेजा कॉलेज में दाखिला भी ले लिया। लेकिन, फिर मॉडलिंग के लिए पढाई ही छोड़ दी। १९९१ में वोग के कवर पर दिखाई देने वाली ऐश्वर्या ने फिल्मों में आने से पहले ही आमिर खान के साथ एक ठन्डे पेय पदार्थ का विज्ञापन किया। मिस वर्ल्ड बनने के बाद उनका ग्लैमर वर्ल्ड में सिक्का जम गया।
अब ऐश्वर्या राय बच्चन की परीक्षा है कि दर्शक उनका जज़्बा स्वीकार करेंगे ! वह एक कोरियाई फिल्म के रीमेक से अपनी वापसी कर रही हैं। सेवन डेज में जिस किरदार को युनजिन किम ने किया था, उसे जज़्बा में ऐश्वर्या राय कर रही हैं। सेवन डेज की वकील यु जी-येऊन के किरदार के लिए अभिनेत्री किम को ग्रैंड बेल अवार्ड्स में बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड मिला था। उन्हें ब्लू ड्रैगन अवार्ड्स और कोरियाई फिल्म अवार्ड्स भी मिले। ध्यान रहे कि कोरियाई फिल्म के जिस रोल को सपोर्टिंग रोल माना गया, उसे हिंदी में जज़्बा की नायिका माना गया है। सपोर्टिंग रोल के सहारे नायिका बन कर वापस आने वाली ऐश्वर्या राय बच्चन क्या अपने दर्शकों को अपने बेहतरीन अभिनय से प्रभावित कर पाएंगी ? क्या ऐश्वर्या की वापसी फिल्म जज़्बा ऐश्वर्य राय की सफल वापसी करा पाएगी ? यह तभी तय होगा, जब 'जज़्बा' बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट होगी।
मंगलोर, कर्णाटक में १ नवंबर १९७३ को एक आर्मी बायोलॉजिस्ट पिता की संतान ऐश्वर्या राय ने मॉडलिंग से अपने करियर की शुरुआत की। वह पढ़ाई में अच्छी थी। उनका पसंदीदा विषय जीव विज्ञानं था। मेडिसिन पढ़ाना चाहती थी। असफल रही तो आर्किटेक्ट बनने की सोची। रहेजा कॉलेज में दाखिला भी ले लिया। लेकिन, फिर मॉडलिंग के लिए पढाई ही छोड़ दी। १९९१ में वोग के कवर पर दिखाई देने वाली ऐश्वर्या ने फिल्मों में आने से पहले ही आमिर खान के साथ एक ठन्डे पेय पदार्थ का विज्ञापन किया। मिस वर्ल्ड बनने के बाद उनका ग्लैमर वर्ल्ड में सिक्का जम गया।
अब ऐश्वर्या राय बच्चन की परीक्षा है कि दर्शक उनका जज़्बा स्वीकार करेंगे ! वह एक कोरियाई फिल्म के रीमेक से अपनी वापसी कर रही हैं। सेवन डेज में जिस किरदार को युनजिन किम ने किया था, उसे जज़्बा में ऐश्वर्या राय कर रही हैं। सेवन डेज की वकील यु जी-येऊन के किरदार के लिए अभिनेत्री किम को ग्रैंड बेल अवार्ड्स में बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड मिला था। उन्हें ब्लू ड्रैगन अवार्ड्स और कोरियाई फिल्म अवार्ड्स भी मिले। ध्यान रहे कि कोरियाई फिल्म के जिस रोल को सपोर्टिंग रोल माना गया, उसे हिंदी में जज़्बा की नायिका माना गया है। सपोर्टिंग रोल के सहारे नायिका बन कर वापस आने वाली ऐश्वर्या राय बच्चन क्या अपने दर्शकों को अपने बेहतरीन अभिनय से प्रभावित कर पाएंगी ? क्या ऐश्वर्या की वापसी फिल्म जज़्बा ऐश्वर्य राय की सफल वापसी करा पाएगी ? यह तभी तय होगा, जब 'जज़्बा' बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट होगी।
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
दक्षिण की फ़िल्में हिंदी में भी
दक्षिण से हिंदी में हॉरर
मयना जैसी रोमांटिक
और शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने वाली फिल्म सत्ताई के निर्माता अब एक भयावनी
फिल्म बन रही है। श्रीकांत और राइ लक्ष्मी
की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म का नाम तीन भाषाओं में अलग अलग है। तमिल सोकार्पेट और तेलुगु में बेगम बेटा टाइटल
वाली यह हॉरर फिल्म हिंदी में तंत्र शक्ति टाइटल के साथ रिलीज़ की जाएगी। तमिल दर्शकों में श्रीकांत की इमेज रोमांटिक
हीरो वाली है। उन्होंने काफी बाद में
एक्शन फ़िल्में की। अब वह इस हॉरर फिल्म के
नायक है। राइ लक्ष्मी को हिंदी दर्शकों ने
परदे पर नहीं देखा है। उनकी दो फ़िल्में 'अकिरा' और 'जूली २' निर्माण के भिन्न स्तर पर हैं।
लेकिन, हिंदी दर्शक लक्ष्मी
को सबसे पहले 'तंत्र शक्ति'
में डरावने चेहरे के साथ देख सकेंगे। फिल्म के डायरेक्टर वडिवुडियान का दावा है कि
तंत्र शक्ति दर्शकों को भय का नया अनुभव कराएगी।
अक्षय कुमार की
फिल्म को चुनौती देगी पुलि
तमिल फंतासी फिल्म 'पुलि' का दूसरा ट्रेलर रिलीज़ होने के साथ ही पुलि ने दर्शकों को असमंजस में
डालना शुरू कर दिया है कि वह (दर्शक) कौन-सी फिल्म देखें। चिम्बु देवन की विजय (दोहरी भूमिका में),
श्रुति हासन, हंसिका मोटवानी और नंदिता की मुख्य भूमिका वाली यह फिल्म १ अक्टूबर को रिलीज़
हो रही है। अगले दिन यानि २ अक्टूबर को
अक्षय कुमार की एक्शन कॉमेडी फिल्म 'सिंह इज़ ब्लिंग' रिलीज़ हो रही है। पुलि का
ट्रेलर जिस प्रकार से आकर्षक और रोमांचक बना है, हिंदी दर्शक समझ नहीं पा रहे हैं कि वह अक्षय
कुमार के सिनेमाघर में जाए या विजय की पुलि वाले।
फिर इस फिल्म में श्रीदेवी एक दुष्ट रानी के चमकीले- भड़कीले किरदार
में दर्शकों को अपील कर रही है। तमिल 'पुलि' का हिंदी एडिशन
सेंसर बोर्ड चीफ पहलाज निहलानी ने आठ करोड़ में खरीद लिया है। वह इस फिल्म को दो हजार से ज़्यादा प्रिंटों में
रिलीज़ करना चाहते हैं।
रुद्रमादेवी भी
तीसरी सदी की काकतीय वंश की रानी रुद्रमा देवी पर फिल्म 'रुद्रमादेवी' का निर्देशन गुणशेखर कर रहे हैं। इस फिल्म में अभिनेत्री अनुष्का शेट्टी केंद्रीय भूमिका कर रही हैं। इस फिल्म को तमिल, तेलुगु, मलयाली और कन्नड़ भाषा के अलावा हिंदी में भी रिलीज़ किए जा रहे है। इस फिल्म को रिलायंस एंटरटेनमेंट रिलीज़ कर रहा है। सत्तर करोड़ के बजट से बानी इस फिल्म में अल्लू अर्जुन, राणा दग्गुबती, विक्रमजीत विर्क और कृष्णन राजू की भूमिका भी ख़ास है। इस फिल्म के परिधान नीता लुल्ला ने तैयार किये हैं।
सूर्या की फिल्म
तमिल फिल्मों के
सुपर सितारे सूर्या इस समय मास के अलावा पंडिराज की फिल्म हाइकू और २४ में व्यस्त
है। वह पत्नी ज्योतिका की वापसी के लिए
फिल्म '३६ वयाधीनीले'
का निर्माण कर रहे हैं। हिंदी बेल्ट में 'बाहुबली' को मिली सफलता को वह भी भुनाना चाहते हैं। हिंदी दर्शक उन्हें रामगोपाल वर्मा की फिल्म 'रक्तचरित्र' में माफिया सूर्यनारायण रेड्डी की भूमिका में देख
चुके हैं। अब उनका इरादा एक त्रिभाषी
फिल्म बनाने का है। इसके लिए सूर्या के
अपोजिट नायिका की भूमिका करने के लिए प्रियंका चोपड़ा से संपर्क साधा जा रहा है।
हालाँकि, प्रियंका चोपड़ा तमिल
फिल्म 'थमिज़न' से डेब्यू कर चुकी है। लेकिन, सूर्या का इरादा तमिल और तेलुगु संस्करणों के लिए भिन्न एक्ट्रेस लेने
का है।
क्रिकेटर श्रीसंत की
फिल्म
क्रिकेट सितारे एस
श्रीसंथ के माथे से मैच फिक्सिंग का दाग फिलहाल मिटा गया है। लेकिन, बीसीसीआई के बैन लगा देने के बाद से श्रीसंथ साउथ की फिल्मों में बिजी
हो गए थे। वह इस समय साना यदिरेड्डी की फिल्म में काम कर रहे हैं, जो तीन भाषाओँ तमिल, तेलुगु और मलयालम में बनाई जा रही है। एक
क्रिकेटर और आईपीएल की मसाला कहानी वाली इस फिल्म को १४ भारतीय भाषाओँ में डब कर
रिलीज़ किया जायेगा। इनमे एक भाषा हिंदी भी होगी।
राणा दग्गुबती की
तीन भाषाओँ वाली फिल्म
राणा डग्गुबती के
सितारे बुलंद है। 'बाहुबली' ने उन्हें पूरे देश का जाना पहचाना चेहरा बना दिया है। वह राजा भल्लाल देवा के नाम से मशहूर हो गए
हैं। अब यह भल्लाल देवा एक नेवी अफसर के
किरदार में नज़र आएगा। तीन भाषाओं तमिल,
तेलुगु और हिंदी में बनाई जा रही फिल्म 'गाज़ी' १९७१ के हिंदुस्तान पाकिस्तान युद्ध पर केंद्रित है। फिल्म की कहानी बंगाल की खाड़ी में डुबो दी गई
पाकिस्तानी की पनडुब्बी 'गाज़ी' पर केंद्रित एक साहस
भरी कहानी है। इस फिल्म की शूटिंग नवंबर
में शुरू होगी।
हिंदी में आरवाराम
'पुलि' के बाद, दक्षिण की फिल्मों का बॉलीवुड विजय अभियान रुकने वाला नहीं। तमिल अभिनेता अजित की फिल्म 'थाला ५६' लगभग पूरी हो चुकी है। वर्किंग टाइटल के साथ पूरी की गई इस फिल्म को आरवाराम टाइटल के साथ रिलीज़ किया जायेगा। इस फिल्म में अजित एक टैक्सी ड्राइवर का रोल कर रहे हैं। उनकी नायिका श्रुति हासन एक वकील की भूमिका में होंगी। इस फिल्म को हिंदी में डब कर रिलीज़ किया जायेगा। वैसे अभी यह तय नहीं है कि हिंदी संस्करण तमिल और तेलुगु के साथ रिलीज़ होगा या नहीं। अजित की फिल्म अरबम को दर्शक प्लेयर एक खिलाड़ी के शीर्षक के साथ देख चुके हैं। फिल्म के निर्माता का इरादा हिंदी संस्करण को किसी बड़े नाम के साथ डिस्ट्रीब्यूट करने का है। अगर, करण जौहर और पहलाज निहलानी की तरह आरवाराम को भी बड़ा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क मिल गया तो यह फिल्म सलमान खान की फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो ' से टकरा जाएगी।
'पुलि' के बाद, दक्षिण की फिल्मों का बॉलीवुड विजय अभियान रुकने वाला नहीं। तमिल अभिनेता अजित की फिल्म 'थाला ५६' लगभग पूरी हो चुकी है। वर्किंग टाइटल के साथ पूरी की गई इस फिल्म को आरवाराम टाइटल के साथ रिलीज़ किया जायेगा। इस फिल्म में अजित एक टैक्सी ड्राइवर का रोल कर रहे हैं। उनकी नायिका श्रुति हासन एक वकील की भूमिका में होंगी। इस फिल्म को हिंदी में डब कर रिलीज़ किया जायेगा। वैसे अभी यह तय नहीं है कि हिंदी संस्करण तमिल और तेलुगु के साथ रिलीज़ होगा या नहीं। अजित की फिल्म अरबम को दर्शक प्लेयर एक खिलाड़ी के शीर्षक के साथ देख चुके हैं। फिल्म के निर्माता का इरादा हिंदी संस्करण को किसी बड़े नाम के साथ डिस्ट्रीब्यूट करने का है। अगर, करण जौहर और पहलाज निहलानी की तरह आरवाराम को भी बड़ा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क मिल गया तो यह फिल्म सलमान खान की फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो ' से टकरा जाएगी।
हिंदी और तमिल में साला खडूस
आर माधवन की सुधा कोंगरा प्रसाद के लेखन निर्देशन में फिल्म 'साला खडूस' तमिल और तेलुगु में बनाई जा रही है। इस फिल्म में माधवन एक बॉक्सिंग कोच के किरदार में हैं। इस भूमिका के लिए माधवन ने खुद को काफी शेप में लाने की कोशिश की है। फिल्म के हिंदी वर्शन को राजकुमार हिरानी प्रेजेंट करेंगे।
कमल हासन की हिंदी तमिल और मलयालम फिल्म
कमल हासन अपनी लिखी कहानी पर इस फिल्म का निर्देशन करने जा रहे हैं, वह तीन भाषाओँ हिंदी, तमिल और तेलुगु में बनाई जाएगी। इस फिल्म का हिंदी टाइटल 'अमर है' रखा गया है। तमिल में इसे थलैवन इरुक्कीरन टाइटल के साथ रिलीज़ किया जायेगा। इस फिल्म के हिंदी वर्शन यानि अमर है के हीरो सैफअली खान होंगे। कमल हासन विलन की भूमिका करेंगे। तमिल के हीरो मोहनलाल होंगे। कुछ का कहना है कि तमिल में रोल रिवर्सल हो सकता है।
धनुष और विद्या बालन की त्रिभाषी फिल्म
धनुष और विद्या बालन की त्रिभाषी फिल्म
डायरेक्टर दुरई सेंथिल कुमार की अगली फिल्म एक पोलिटिकल थ्रिलर फिल्म होगी। इस फिल्म में धनुष दोहरी भूमिका में होंगे। यह विद्या बालन की पहली तमिल फिल्म होगी। इस फिल्म को तमिल के अलावा हिंदी और तेलुगु में भी बनाया जा रह है।
राणा दग्गुबती की त्रिभाषी कॉमेडी
राणा दग्गुबती एक्शन फिल्मों से हट कर एक कॉमेडी फिल्म करने जा रहे हैं। इस फिल्म का निर्देशन तमिल डायरेक्टर सेल्वाराघवन करेंगे। यह फिल्म तमिल, तेलुगु और हिंदी में बनाई जायेगी।
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साउथ सिनेमा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
आयरन मैन से भिड़ेगा कैप्टेन अमेरिका ! लेकिन क्यों ?
मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स की आगामी फिल्म 'कैप्टेन अमेरिका: सिविल वॉर' में मार्वेल के दो सुपर हीरो का टकराव नज़र आएगा। दुनिया को बचाने के लिए कैप्टेन अमेरिका की मदद के लिए आयरन मैन आएगा। लेकिन, उनका यह संयुक्त अभियान टकराव में बदल जायेगा। दरअसल, बैटल ऑफ़ सोकोविआ के दुष्परिणामो के बाद दुनिया की सरकारों ने महसूस किया कि सुपर हीरोज सावधानी से काम नहीं करते, नुक्सान से बेपरवाह रहते हैं। इस पर सरकार सुपर हीरोज को नियंत्रित करने का निर्णय लेती है। इस समझौते पर हस्ताक्षर करने को लेकर कैप्टेन अमेरिका और टोनी स्टार्क उर्फ़ आयरन मैन के बीच मतभेद पैदा होते हैं। टोनी का मानना है कि ऐसा करके सुपर हीरो अपना नियंत्रण एक व्यक्ति या कंपनी को दे देंगे। यह किसी को रिपोर्ट करना जैसा होगा। टोनी स्टार्क अपने हाथों में खुद को ज़्यादा सुरक्षित मानता है। कैप्टेन अमेरिका: सिविल वॉर की कहानी ठीक उसी जगह से शुरू होगी, जहाँ अवेंजर्स एज ऑफ़ अल्ट्रान ख़त्म हुई थी। मानवता की रक्षा के सतत प्रयास में स्टीव रोजर्स अपनी सुपर हीरो की नई टीम को लीड करेगा। एक अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष के दौरान सुपर हीरोज की कार्यवाही से देशों का काफी नुक्सान होता है। इसे देखते हुए ही सरकारें सुपर हीरोज को अपने अधीन लाने वाला दस्तावेज तैयार करते हैं। इसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने को लेकर कैप्टेन अमेरिका और आयरन मैन के बीच टकराव पैदा होगा। जहाँ तक रियल लाइफ में ऐसे किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने की बात है, क्रिस एवंस आयरन मैन के विचारों से सहमत हैं कि अपनी स्वतंत्रता दूसरों को नहीं सौंपी जा सकती। कैप्टेन अमेरिका: सिविल वॉर १६ मई २०१६ को रिलीज़ होगी।
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Hollywood
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Friday, 2 October 2015
क्या बॉक्स ऑफिस पर 'ब्लिंग' कर पायेगा यह 'सिंह' !
सबसे पहले अक्षय कुमार से एक बात ! अब कुछ नया करें. सरदार बन कर लुंगी कुरता पहन कर ओवर कॉमेडी करना छोड़े. ऐसी भाव भंगिमाए और एक्शन आप सहित बहुत से बॉलीवुड स्टार कर चुके हैं. फिल्म में तोआप बहुत साधारण एक्टिंग करते हैं. यह कह सकते हैं कि आप पहले की अपनी भूमिकाओं को बार बार दोहराते हैं. आपके एक्शन भी ख़ास नहीं. आपसे ज्यादा दमदार एक्शन एमी जैक्सन के पल्ले पड़े हैं . वह दर्शकों की खूब तालियाँ बटोर ले जाती हैं. अक्षय तो फीके लगते ही हैं. निर्देशक प्रभुदेवा ने भी रूटीन काम किया है. एक भी सीन, एक भी परिस्थिति और नृत्य गीत ताज़गी भरे नहीं. खुद प्रभुदेवा का निर्देशन साधारण है. रूमानिया के प्राकृतिक दृश्य और इमारतें खूबसूरत हैं, लेकिन वृत्त चित्र स्टाइल में शूट किये गए हैं . शिराज़ अहमद और चिंतन गाँधी की कहानी और संवाद साधारण दर्जे के हैं. शिराज़ एक भी सीन ऐसा तैयार नहीं कर पाए हैं, जो दर्शकों को नया लगे. सच तो यह है कि कहानी ही सिरे से स्वाभाविक नहीं है. अक्षय कुमार के रफ़्तार सिंह का रूमानिया जाना, एमी जैक्सन का माँ को खोजने गोवा में आना और फिर माँ के मिलने के बावजूद वापस चला जाना स्वाभाविक नहीं लगता. ऐसा लगता है कि कुछ ख़ास लोकेशन को तय कर फिल्म बना दी गई . अक्षय कुमार की दुभाषिये के बतौर लारा दत्ता हंसाती तो हैं, लेकिन, ओवर हो कर. उनका करैक्टर भी अधूरा है .केके मेनन ऎसी भूमिकाएं इतनी बार कर चुके हैं कि अब फिल्म में उनके विलन अवतार को देख कर ऊब लगती हैं . इस फिल्म से किसी को फायदा होगा तो वह हैं एमी जैक्सन . आई के बाद वह सिंह इज ब्लिंग में हिंदी दर्शकों को प्रभावित कर सकेंगी .
सिंह इज ब्लिंग ने गाँधी जयंती वीकेंड पर ज़बरदस्त इनिशियल तो ले लिया. लेकिन, वीकेंड में यह जलवा कायम रख पायेगी, इस पर शक है.
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फिल्म समीक्षा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
यह 'पुलि' चीता इतना बहादुर भी नहीं
दक्षिण की सामान्य फिल्में हिंदी में डब कर रिलीज़ नहीं की जाती . टेलीविज़न चैनल ज़रूर इन फिल्मों का प्रसारण करते हैं. रजनीकांत और कमल हासन जैसे अभिनेताओं की तमिल और तेलुगु फ़िल्में ज़रूर डब हो कर प्रदर्शित होती हैं. लेकिन, इस साल जुलाई में रिलीज़ ऐतिहासिक फिल्म 'बाहुबली : द बेगिनिंग' ने और इससे पहले 'आई' ने दक्षिण की फिल्मों का डंका बजा दिया था. फिल्म अपने विसुअल कंटेंट, अभिनय, वीएफ़क्स और भव्यता के बल पर दर्शको के दिलों दिमाग पर छा गई . ऐसा लगा जैसे दक्षिण श्रेष्ठ फ़िल्में बना रहा है . शायद इसीलिए हिंदी दर्शकों को फंतासी-एडवेंचर फिल्म पुलि (चीता) का इंतज़ार था . 'पुलि' का हिंदी डब संस्करण आज गाँधी जयंती के दिन रिलीज़ हुआ. निर्देशक चिम्बु देवेन की फिल्म पुलि में तमिल स्टार विजय के साथ पूर्व तमिल फिल्म स्टार और हिंदी फिल्मों में कभी टॉप की अभिनेत्री रही श्रीदेवी के अलावा श्रुति हास, सुदीप, हंसिका मोटवानी, नंदिता श्वेता, प्रभु, आदि के नाम उल्लेखनीय हैं . फिल्म किस युग की है, कहना ज़रा मुश्किल है. पर मसाला भरा पूरा है. राजा, रानी, राजमहल, कॉस्टयूम और चमत्कार हैं. एक्शन खूब है. फिल्म की नायिका श्रुति हासन थोड़ा अंग प्रदर्शक पोशाक पहनती हैं, तो हसिका मोटवानी थोड़ी ज्यादा. श्रीदेवी पोशाकों के लिहाज़ से भड़कीले अंदाज़ में हैं. उनके चहरे का बुढापा फूट फूट कर बाहर नज़र आता है. लेकिन, श्रुति हासन, हंसिका मोटवानी की तरह अभिनय वह भी नहीं करती . सुदीप सशक्त अभिनेता हैं . लेकिन, सेनापति दलपति जलतारंगन के किरदार में वह प्रभावहीन रहे हैं. निराशा होती है विजय को देख कर. वह तमिल फिल्म प्रोडूसर और डायरेक्टर एस ए चंद्रशेखर के बेटे हैं . तमिल फिल्मो में उनकी स्थिति सुपर स्टार जैसी है . लेकिन, लगता नहीं कि उन्हें अभिनय का क ख ग घ आता है . उनकी बॉडी लैंग्वेज और संवाद हमेशा एक दूसरे से ३६ का आंकड़ा बनाए रखते हैं. ऐसा लगता है जैसे वह हर सीन में कॉमेडी कर रहे हैं. एक्शन में भी वह नहीं जमे. विश्वास नहीं होता कि पुलि के वीएफ़क्स मगधीरा और ईगा के वीएफ़क्स डायरेक्टर कमलाकन्नन ने तैयार किये हैं. बेहद बचकाना और नकली दृश्य लगते हैं. बिलकुल रोमांचित नहीं करते. आर्ट डायरेक्टर टी मुथुराज ने किले की प्रतिमूर्ति बनाने में अपना हुनर दिखाया है. पुलि गाँधी जयंती के दिन और 'सिंह इज ब्लिंग' के अपोजिट रिलीज़ हुई है . लेकिन, यह अपना वीकेंड वाला जलवा वीक डेज में दिखा पाने में नाकामयाब होगी.
एक सुझाव है दक्षिण के फिल्म निर्माताओ के लिए. उनको अपनी सभी फिल्मों को डब कर रिलीज़ नहीं करना चाहिए. इस प्रकार से दक्षिण की फिल्में अपना प्रभाव खो बैठेंगी . वैसे अब अगला हफ्ता बताएगा कि रुद्रमदेवी क्या गुल खिलाती हैं !
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फिल्म समीक्षा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Thursday, 1 October 2015
'एक रुका हुआ फैसला' सुनाने बैठे '१२ एंग्री मेन'
रेगीनाल्ड रोज ने एक ड्रामा लिखा था ट्वेल्व एंग्री मेन। इस ड्रामे को १९५४ में टेलीप्ले के रूप में स्टूडियो वन द्वारा टेलीकास्ट किया गया था। अगले ही साल इसे फीचर फिल्म के रूप में लिखा गया और १९५७ में इस पर एक फिल्म '१२ एंग्री मेन' बनाई गई। इस फिल्म का डायरेक्शन सिडनी लूमेट ने किया था। हेनरी फोंडा मुख्य भूमिका में थे। '१२ एंग्री मेन' ऑस्कर पुरस्कारों की बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट पिक्चर और बेस्ट राइटिंग ऑफ़ अडाप्टेड स्क्रीनप्ले की केटेगरी में नॉमिनेट की गई। फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छी सफलता मिली। ३.४० लाख डॉलर में बनी इस फिल्म ने दस लाख डॉलर का बिज़नेस किया। इस फिल्म की खासियत थी इसकी कहानी और एक कमरे में फिल्मांकन। ९६ मिनट लम्बी इस फिल्म के केवल तीन मिनट के सीन ही कमरे के बाहर से थे। इनमे से एक सीन कोर्ट रूम के बाहर का, एक जज का रिटायरिंग रूम और तीसरा ट्रायल रूम से सटे वाशरूम का था। फिल्म में १२ सदस्यों की जूरी को एक मत से यह फैसला करना है कि अपराधी दोषी है या निर्दोष है। इस फिल्म में किसी करैक्टर का भी नाम नहीं लिया गया था। जर्मन टेलीविज़न चैनल जेडडीएफ ने इसका रूपांतरण प्रसारित किया। एमजीएम ने १९९७ से इसी टाइटल के साथ फिल्म का टेलीविज़न रीमेक किया। '१३ एंग्री मेन' को कई भाषाओँ में अनुवादित कर, कई माध्यमों से प्रसारित किया गया। इस फिल्म को रशियन और लेबनानी फिल्मकारों द्वारा भी फिल्म और डॉक्यूमेंट्री के रूप में दिखाया गया। १२ एंग्री मेन का भारतीय सिनेमा के लिहाज़ से महत्व इस लिए है कि इस फिल्म पर बासु चटर्जी ने एक कोर्ट रूम ड्रामा फिल्म 'एक रुका हुआ फैसला' का निर्माण किया। फिल्म की पटकथा रंजित कपूर के साथ खुद बासु चटर्जी ने लिखी थी। 'एक रुका हुआ फैसला' में जूरी मेंबर के रूप में दीपक क़ाज़िर, अमिताभ श्रीवास्तव, पंकज कपूर, एस एम ज़हीर, सुभाष उद्गाता, हेमंत मिश्रा, एम के रैना, के के रैना, अन्नू कपूर, सुबिराज, शैलेन्द्र गोयल और अज़ीज़ कुरैशी जैसे रंगमंच के सशक्त अभिनेता थे। हिंदी रीमेक ११७ मिनट का था। लेकिन, दर्शक एक कमरे में बैठे इन जूरी सदस्यों की भावनाओ, वाद-विवाद, उत्तेजना को सांस रोक कर देख रहे थे। एक रुका हुआ फैसला को इतना प्रभावशाली इसके सक्षम एक्टरों ने बनाया ही था, बासु चटर्जी की लेखनी और कल्पनाशील निर्देशन ने भी फिल्म को उकताऊ होने से बचाया था। पंकज कपूर इस फिल्म की जान थे। फिल्म को इतना प्रभावशाली बनाने में इसके एडिटर कमल ए सहगल की धारदार कैंची की सराहना करनी चाहिए। उन्होंने इस फिल्म की गति को शिथिल होने ही नहीं दिया था। यहाँ एक बात। '१२ एंग्री मेन' अमेरिका के जुडिशल सिस्टम में जूरी सिस्टम पर थी। लेकिन, भारत में ऐसा कोई जूरी सिस्टम नहीं था। इसके बावजूद एक रुका हुआ फैसला दर्शको को जूरी का फैसला सुनाने देखने के लिए मज़बूर करती थी।
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क्लासिक फिल्मों के रीमेक
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
क्या बॉलीवुड का कोई 'खान' है विन डीजल जितना ताक़तवर !
क्या विन डीजल 'फ़ास्ट एंड फ्यूरियस' सीरीज की फिल्मों के बिग डैडी हैं ! विन डीजल से पूछिए तो वह इस सीरीज की कास्ट एंड क्रू को अपने परिवार जैसा बताते हैं। लेकिन, एक दिन जब वह खुद कह दें कि वह इस फ्रैंचाइज़ी के बिग डैडी हैं तो मानना ही पड़ेगा। आम तौर पर विन डीजल 'फ़ास्ट एंड फ्यूरियस' सीरीज की फिल्मों की शूटिंग में दखल देते नहीं पाये जाते। २००१ में शुरू इस सीरीज की पहली फिल्म 'द फ़ास्ट एंड द फ्यूरियस' करने के बाद विन डीजल इसके सीक्वल '२ फास्ट २ फ्यूरियस' से बाहर निकल गए। 'द फ़ास्ट एंड द फ्यूरियस: टोक्यो ड्रिफ्ट' में उनका कैमिया था। इसके बाद चौथी फ़ास्ट एंड फ्यूरियस फिल्म से वह इस सीरीज की फिल्मों के स्थाई सदस्य बन गए। फ़ास्ट एंड फ्यूरियस सीरीज की चौथी फिल्म के लिए विन डीजल को बुलाना यूनिवर्सल स्टूडियो की मज़बूरी भी थी और विन डीजल की भी। विन डीजल और डायरेक्टर डेविड ट्वह्य यूनिवर्सल से 'द क्रॉनिकल्स ऑफ़ रिडिक' के अधिकार खरीदना चाहते थी। इसीलिए, विन डीजल आखिरी मौके पर टोक्यो ड्रिफ्ट में शामिल हुए और कैमिया किया। चौथी फ़ास्ट एंड फ्यूरियस फिल्म से विन डीजल इस सीरीज के स्थाई सदस्य बन गए। इसी के साथ ही विन डीजल पर सीरीज की फिल्मों के निर्माण के दौरान हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया जाने लगा। एक मैगज़ीन ने तो यहाँ तक आरोप लगाया कि फुयूरियस ७ की शूट के दौरान विन डीजल डायरेक्टर जेम्स वान के लिए सर दर्द बने रहे। वह फिल्म के छोटे छोटे डिटेल देखते। किसी सीन पर देर रात को डायरेक्टर जेम्स वान से डिस्कशन करने लगते। पॉल वॉकर की कार क्रैश में मौत हो जाने के बाद फ्यूरियस ७ की शूटिंग कुछ समय तक रुकी रही। इसी दौरान जेम्स वान ने तय कर लिया कि वह सीरीज की आठवी फिल्म डायरेक्ट नहीं करेंगे। हालाँकि, वान को मोटा पारिश्रमिक देने का लालच दिया गया, लेकिन वान ने फ्यूरियस ७ की शूटिंग के दौरान उनके स्वास्थ्य को हुए नुक्सान का हवाला देते हुए फ़ास्ट ८ डायरेक्ट करने से मना कर दिया। विन डीजल ने मैगज़ीन के आरोपों पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया। फ्यूरियस ७ की अप्रत्याशित और अभूतपूर्व सफलता के बाद विन डीजल यूनिवर्सल स्टूडियोज के लिए अपरिहार्य हैं। फ्यूरियस ७ ने वर्ल्डवाइड १.५ बिलियन डॉलर कमा लिए हैं। फ्यूरियस ७ की बड़ी सफलता विन डीजल के ज़रुरत से ज़्यादा इन्वॉल्वमेंट को सही ठहरा रही थी। यही कारण था कि फ़ास्ट ८ के लिए सबसे पहले विन डीजल के नाम का ही ऐलान हुआ। विन डीजल ने ही सोशल साइट्स पर आठवी फिल्म के टाइटल का ऐलान किया। विन डीजल पर लगे आरोपों पर प्रवक्ता द्वारा इतनी सफाई ज़रूर दी गई कि विन डीजल 'फ़ास्ट ८' के डायरेक्टर की खोज में जुटे हुए हैं। संभव है कि डायरेक्टर की कुर्सी पर विन डीजल बैठ कर खुद के अलावा जैसन स्टेथम, ड्वेन जॉनसन, कोडी वॉकर (पॉल वॉकर का भाई, जिसने पॉल के मरने के बाद शेष फिल्म पूरी करवाई), आदि को निर्देशित करते नज़र आये। फ़ास्ट ८ की रिलीज़ अप्रैल २०१७ के लिए तय कर दी गई है। ऐसे में यूनिवर्सल स्टूडियोज के लिए विन डीजल की बात मानना मज़बूरी भी होगी। क्या बॉलीवुड में कोई खान है विन डीजल जितना 'बिग डैडी' !
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Hollywood
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म्यूजिक वीडियो में गुलशन कुमार की बेटी
म्यूजिक लेबल टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार की दो बेटियों में बड़ी तुलसी कुमार प्लेबैक सिंगर हैं। उनकी छोटी बेटी खुशाली कुमार फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में गई। अपना अलग लेबल बनाया। अब वह एक बिलकुल नए अवतार में नज़र आने जा रही हैं। वह १९९१ में रिलीज़ आमिर खान की फिल्म 'दिल है कि मानता नहीं' के गुलशन कुमार को प्रिय गीत 'मैनु इश्क़ दा लाग्या रोग' के म्यूजिक वीडियो में बिलकुल ग्लैमरस अंदाज़ में नज़र आएंगी। म्यूजिक वीडियो में काम करने का आईडिया खुशाली के भाई और टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार का था। भूषण कुमार आजकल गुलशन कुमार को प्रिय कई गीतों को नए अंदाज़ और धुन में समेत कर म्यूजिक वीडियो के साथ पेश कर रहे हैं। पिछले दिनों, गुलशन कुमार की याद में उनका एक अन्य पसंदीदा गीत 'धीरे धीरे से मेरी ज़िंदगी में आना' यो यो हनी सिंह द्वारा रीक्रिएट कर ह्रितिक रोशन और सोनम कपूर पर फिल्माया गया था। 'मैनु इश्क़ दा लाग्या रोग' इसी की कड़ी में हैं। इस गीत का वीडियो खुशाली ने ही डिज़ाइन किया है। खुशाली पर फिल्माए जाने वाले इस गीत को बड़ी बहन तुलसी कुमार ने गाया है। इस वीडियो की शूटिंग लगभग पूरी हो चुकी है।
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