Tuesday, 6 October 2015

जे जयललिता की इकलौती हिंदी फिल्म 'इज़्ज़त'

यह सभी जानते हैं कि तमिलनाडु की मुख्य मंत्री जे जयललिता पूर्व फिल्म अभिनेत्री थी। १९६१ से १९८० तक अपने फिल्म करियर में जयललिता ने १३८ दक्षिण भारतीय फिल्मों में काम किया।  वह तमिलनाडु की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्री थी।  उन्होंने अपने समय के तमाम सुपर स्टार्स के साथ फ़िल्में की।  लेकिन, बहुत कम लोग जानते होंगे की जयललिता ने अपने २० साल लम्बे फिल्म करियर में केवल एक हिंदी फिल्म में अभिनय किया।  यह फिल्म थी निर्देशक टी प्रकाशराव की 'इज़्ज़त' । इस फिल्म में जयललिता एक आदिवासी लड़की झुमकी के किरदार में थी।  फिल्म में धर्मेन्द्र की दोहरी भूमिका थी।  तनूजा फिल्म की एक नायिका थी।  फिल्म की कहानी ठाकुर प्रताप सिंह (बलराज साहनी) और उसके एक वैध बेटे दिलीप और दूसरे अवैध बेटे शेखर (दोनों भूमिकाओं में अभिनेता धर्मेन्द्र) की थी।  शेखर एक आदिवासी लड़की सावली से ठाकुर की संतान था।  शेखर का रंग काला था।  वह जब  पढ़ाई करके वापस आता है तो उसका सामना साफ़ रंगत वाले हमशक्ल भाई दिलीप से होता है। दिलीप शेखर को ऑफिस देता है और कहता है कि वह एक अमीर की बेटी दीपा के सामने दिलीप बन कर जाए।  शेखर मान जाता है। वह दिलीप बन कर दीपा से प्रेम करता है। इधर जयललिता का आदिवासी किरदार झुमकी गोर दिलीप से प्रेम करने लगती है और गर्भवती हो जाती है। दिलीप झुमकी से शादी करने से इंकार कर देता है।  इस फिल्म में लक्ष्मीकांत- प्यारेलाल का संगीत था।  उन्होंने एक से बढ़ कर एक धुनें बनाई थी।  ये दिल तुम बिन लगता नहीं धर्मेन्द्र और तनूजा पर फिल्माया गया दोगाना था। क्या मिलिए ऐसे लोगों से परदे पर धर्मेन्द्र का गाया महफ़िल गीत था।  दो गीत रुक जा ज़रा किधर को चला और जाएगी बदन में ज्वाला सैया तूने क्या कर डाला जयललिता पर फिल्माए गए थे।  जाएगी बढ़ाने में ज्वाला काफी सेक्सी बन पड़ा गीत था।  उस समय के समीक्षक नायिका के अंग प्रदर्शन को अपने विटामिन दिखाना कहते थे।  'इज़्ज़त' में जयललिता ने भी खूब विटामिन दिखाए थे। इस फिल्म के एक सीन में धर्मेन्द्र ने जयललिता को गोद में उठाया था।  तमाम इमोशंस, रोमांस और ड्रामा  के बावजूद 'इज़्ज़त' बॉक्स  ऑफिस पर अपनी इज़्ज़त  नहीं बना पाई।  फिल्म फ्लॉप हुई।  इसके साथ ही जे जयललिता ने हिंदी फिल्मों को अलविदा कह दी।









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