Wednesday, 7 October 2015

क्या ६४ साल बाद होगा 'पाताल भैरवी' का रीमेक ?

एक मालन का बेटा उज्जैन की राजकुमारी को पहली नज़र में देखते ही प्रेम करने लगता है।  वह उससे शादी करना चाहता है, लेकिन उज्जैन का राजा इस शादी से इंकार कर देता है।  इस पर वह एक जादूगर के पास मदद के लिए जाता है। जादूगर के मन में उस लडके की पाताल भैरवी को बलि देकर जादुई प्रतिमा पाने की योजना है। इस प्रतिमा से वह अपनी सारी इच्छाएं पूरी कर सकता है।  लेकिन, मालन का लड़का जादूगर की बलि दे कर पाताल भैरवी को खुश कर लेता है।

यह कहानी १५ मार्च १९५१ को रिलीज़ तेलुगु फिल्म 'पाताल भैरवी' की है। इस फिल्म में मालन के बेटे की भूमिका नंदीमुरी तारक रामाराव ने की थी।  राजकुमारी की भूमिका मालती ने की थी। इस फंतासी  फिल्म के संवादों, उच्च गुणवत्ता की अभिनय क्षमता और  अद्भुत सेट्स ने फिल्म मेकिंग में नए आयाम स्थापित कर दिए थे।  यह फिल्म दर्शकों को कल्पना के अनूठे संसार में ले जाती थी। फिल्म में घंटशाला का संगीत और कैमरा वर्क शानदार था। फिल्म के संवाद पिंगली नागेन्द्र राव ने लिखे थे। फिल्म के निर्देशक के वी रेड्डी थे। इस फिल्म ने न केवल तेलुगु सिनेमा में बल्कि भारतीय सिनेमा में नया ट्रेंड स्थापित कर दिया।

दक्षिण के क्या पूरे भारतीय सिनेमा में पातळ भैरवी  के दबदबे का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि लम्बे समय तक किसी ने भी 'पाताल भैरवी' का किसी भाषा में रीमेक करने की कोशिश नहीं की।  दक्षिण में तो आज भी इस फिल्म का रीमेक करने का प्रयास नहीं किया गया। अस्सी के दशक में जी० हनुमंतराव ने निर्देशन की कमान के बापैया को थमा कर  हिंदी में 'पाताल भैरवी' का निर्माण किया था।

हिंदी 'पाताल भैरवी' में एनटी रामाराव वाली भूमिका यानि मालन के बेटे जीतेन्द्र बने थे।  उस समय जीतेन्द्र दक्षिण के फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद थे।  फिल्म में जयाप्रदा राजकुमारी इन्दुमति बनी थी।  प्राण महाराजा विजय सिंह, अमजद खान विश्वनाथ चंचल और कादर खान मांत्रिक बने थे।  फिल्म में सेक्सी सिल्क स्मिता का डांस था।प्रेमा नारायण का अंग प्रदर्शन था।  डिंपल कपाडिया भी यक्ष कन्या बनी जीतेंद्र को अपने शरीर के विटामिन से तरसा रही थी। जादू था, पातळ लोक था, गायब होते भगवान् थे।  कहने का मतलब यह कि फिल्म में सारा मसाला था।

लेकिन, सब बेहद घटिया किस्म का। हालाँकि, के० बपैया उस समय तक दिल और दीवार, टक्कर, बंदिश, मवाली और मकसद जैसी हिट फ़िल्में दे चुके थे।  लेकिन, रामाराव की कल्ट फिल्म का रीमेक करने में वह बुरी तरह से नाकाम रहे। कादर खान के घटिया संवादों और कलाकारों के खराब अभिनय ने फिल्म को बुरी तरह से ध्वस्त कर दिया। हिंदी रीमेक में जिस भूमिका को शक्ति कपूर ने किया था, मूल तेलुगु फिल्म में उसी भूमिका को तेलुगु के कॉमेडी एक्टर बालाकृष्ण ने किया था।  उन्होंने इस खूबी से वह भूमिका की थी कि दर्शक उन्हें अंजी के नाम से याद करते थे।
बहरहाल, आज एन टी रामाराव की १९५१ की फिल्म 'पाताल भैरवी' का जिक्र इसलिए कि फिल्म का ६४ साल बाद रीमेक बनाने की तैयारी की जा रही है।  रामाराव की तेलुगु फिल्म का तेलुगु रीमेक ही बनाया जायेगा।  इस फिल्म से रामाराव के पोते मोक्षाग्न का तेलुगु फिल्म डेब्यू होगा। आज के ट्रेंड को देखते हुए फिल्म को अन्य भाषाओ में डब किया जा सकता है। मोक्षाग्न के पिता बालकृष्ण का इरादा फिल्म को भव्य रूप में बनाने का है।  यह फिल्म 'बाहुबली' से आगे की फिल्म साबित हो सकती है।  भविष्य बताएगा ६४ साल तक कल्ट फिल्म साबित होती रही 'पाताल भैरवी' का रीमेक पोते को किस ऊंचाई तक पहुंचा पाता है !



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