Saturday, 31 October 2015

नवम्बर बॉर्न बॉलीवुड स्टार्लेट्स

बॉलीवुड को एहसानमंद होना चाहिए कैलेंडर के नवंबर महीने का।  नवंबर ने बॉलीवुड को अच्छा बिज़नेस करने वाला त्योहारी माहौल दिया ही है।  खूबसूरत, सेक्सी और प्रतिभाशाली चेहरे भी दिए हैं।  इन चेहरों ने बॉलीवुड फिल्मों में आकर बॉलीवुड को ग्लैमर के साथ मान- सम्मान भी दिलवाया।  यह चेहरे देश के किसी कोने से भी आये और विदेशी ज़मीन से भी।  लेकिन, इनका एक ही मक़सद था बॉलीवुड की फिल्मों में अपने हुस्न का जलवा बिखेरना और अपनी अभिनय प्रतिभा का कायल करवाना ।  ऎसी तमाम अभिनेत्रियों ने नायिका के कद को नायक के आसपास रखने की भरपूर कोशिश की ।
भारत सुंदरियाँ/विश्व सुंदरियाँ
१९९४ में भारत ने दुनिया की श्रेष्ठ सुंदरियों की प्रतियोगिता में पहले दो टाइटल जीते तो भारतीय प्रतिभागी सुष्मिता सेन और ऐश्वर्या राय की 'ब्यूटी विथ ब्रेन' के कारण।  सुष्मिता सेन ने मिस यूनिवर्स का खिताब जीता तो ऐश्वर्या राय मिस वर्ल्ड बनी। सुष्मिता सेन १९७५ में १९ नवंबर को पैदा हुई थी और ऐश्वर्य राय १ नवंबर १९७३ को।  इन दोनों अभिनेत्रियों ने बॉलीवुड में धमाकेदार शुरुआत की।  लेकिन, सुष्मिता सेन से बहुत ज़्यादा सफल हुई ऐश्वर्या राय बच्चन। लेकिन,  एक समय इन दोनों सुंदरियों ने अपनी खूबसूरती का डंका बजा दिया था। ओ पी रल्हन की फिल्म हंगामा से फिल्म डेब्यू करने वाली  मिस एशिया की थर्ड रनर अप और मिस एशिया पसिफ़िक ज़ीनत अमान ने 'हरे रामा हरे कृष्णा ' फिल्म में देव आनंद की बहन की भूमिका से धूम मचा दी।  इसके बाद ज़ीनत ने 'धुंध', यादों की बरात, हीरा पन्ना, मनोरंजन, रोटी कपड़ा और मकान, आदि दसियों बड़े बजट की बड़े अभिनेताओं की फिल्मे की।  वह एक समय बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस बन गई थी।  वह राजकपूर की फिल्म की नायिका भी बनी। उन्होंने उस समय के तमाम बड़े सितारों  धर्मेन्द्र, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, फ़िरोज़ खान आदि के साथ फ़िल्में की।  वह बॉलीवुड की बोल्ड अभिनेत्री मानी जाती थी, जिसे कपडे उतारने में कोई हिचक नहीं थी। मनोरंजन, क़ुरबानी, सत्यम शिवम सुंदरम, आदि फ़िल्में इसका प्रमाण हैं।
प्रतिभावान अभिनेत्रियां
बॉलीवुड के संगीत की प्रतिभा वाले मंगेशकर परिवार से सम्बन्ध रखने वाली पद्मिनी कोल्हापुरे ने राजकपूर  की फिल्म सत्यम शिवम सुंदरम की बाल भूमिका से अपने अभिनय का लोहा मनवाया।  उन्होंने राजकपूर के बैनर की ही फिल्म 'प्रेम रोग' में एक विधवा का  बोल्ड किरदार किया।  अनिल  कपूर के साथ फिल्म सात दिन ने उन्हें लीड भूमिकाओं में जमा दिया। धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी की बेटी एषा देओल को फ़िल्मी परिवार का होने के बावजूद सफलता नहीं मिली । हालाँकि, उनके करियर की शुरुआत कोई मेरे दिल से पूछे जैसी सशक्त फिल्म से की थी। सत्यदेव दुबे की वर्कशॉप से एक्टिंग मांजने वाली सोनाली कुलकर्णी ने अपने भाई के साथ समन्वय नाट्य समूह की स्थापना की।  उन्होंने कई भाषाओँ में दोघी, देऊल, दिल चाहता है और टैक्सी नंबर ९२११ जैसी फ़िल्में की।  उन्हें पहचान मिली फिल्म 'मिशन कश्मीर' में ह्रितिक रोशन की माँ की भूमिका से।  अपनी प्रतिभा से बॉलीवुड को चकाचौंध कर देने वाली अभिनेत्रियों में कलकत्ता में जन्मी रितुपर्णा सेनगुप्ता का नाम भी शामिल किया जा सकता है।  रितुपर्णा के हिंदी फिल्म करियर की शुरुआत पार्थो घोष निर्देशित फिल्म 'तीसरा कौन' से हुई थी।  मोहिनी, ज़ख़्मी सिपाही, उन्नस, दादागिरी, आक्रोश, आदि फिल्मों की इस अभिनेत्री को सराहना मिली बेमेल विवाह वाली राजपाल यादव की फिल्म 'मैं मेरी पत्नी और वह' में ठिंगने राजपाल यादव की लम्बे कद की पत्नी की भूमिका से।  फिल्मों में अपनी प्रतिभा का परचम फैलाने वाली मीनाक्षी शेषाद्रि ने हिंदी और दक्षिण की फिल्मों में साथ नाम कमाया।  वह सुभाष घई की सुपर हिट फिल्म 'हीरो' में जैकी श्रॉफ की नायिका थी। इस फिल्म के बाद मीनाक्षी शेषाद्रि ने कोई ७०  फिल्मों में अभिनय किया।  एक समय, वह श्रीदेवी और जया प्रदा के साथ बॉलीवुड में छाई हुई थी।  
कभी बोलती थी इनकी तूती
नवंबर में बर्थडे मनाने वाली बहुत सी अभिनेत्रियों की बॉलीवुड में तूती बोला करती थी।  क्या याद है नशीली आँखों वाली माला सिन्हा। नेपाली सूरत वाली इस अभिनेत्री की खासियत थी स्वाभाविक और मार्मिक अभिनय करना।  वह अपनी शोखी से फिल्मों में ग्लैमर भरा करती थी। पचास से सत्तर के दशक की पारिवारिक फिल्मों की नायिका माला सिन्हा को धुल का फूल, प्यासा, अनपढ़, दिल तेरा दीवाना, गुमराह, हिमालय की गोद में और आँखे जैसी फिल्मों से याद किया जाता है।  उन्होंने किदार शर्मा  की फिल्म 'रंगीन राते' से शम्मी कपूर के साथ डेब्यू किया था।  माला सिन्हा ने दिलीप कुमार, राजकपूर, राजेंद्र कुमार, प्रदीप कुमार, धर्मेन्द्र, मनोज कुमार,  आदि लगभग सभी नामचीन बॉलीवुड स्टार्स के साथ फ़िल्में की।  दक्षिण की फिल्मों में नाम कमा चुकी रति अग्निहोत्री ने १९८१ में कमल हासन के साथ के० बालाचंदर की फिल्म 'एक दूजे के लिए' से  बॉलीवुड डेब्यू किया।  रति ने हिट फिल्म के बावजूद कमल हासन के साथ दूसरी फिल्म नहीं की।  लेकिन, वह उस दौर के टॉप अभिनेताओं अमिताभ बच्चन, ऋषि कपूर, मिथुन चक्रवर्ती, शशि कपूर, धर्मेन्द्र, आदि की फिल्मों की नायिका बनी ।  वह उस दौर की टॉप की एक्ट्रेस में शुमार की जाती थी। मिस इंडिया जूही चावला ने फ्लॉप फिल्म 'सल्तनत' से अपने करियर की शुरुआत की थी।  लेकिन, आमिर खान के साथ 'क़यामत से क़यामत तक' के हिट हो जाने के बाद वह टॉप की एक्ट्रेस में शुमार की जाने लगी।  विद्या सिन्हा ने अमोल पालेकर के साथ रजनीगंधा और छोटी सी बात जैसी हिट फ़िल्में दी थी।  यह लीक से हट कर विषय पर ख़ास निर्माताओं की फिल्म थी।  लेकिन, विद्या सिन्हा ने मुक्ति, कर्म, किताब, पति पत्नी और वह, तुम्हारे लिए, आदि फ़िल्में भी की।  चेतना और दस्तक फिल्मों ने रेहाना सुल्तान को स्वाभाविक अभिनय करने वाली अभिनेत्री के बतौर स्थापित कर दिया।  उन्हें फिल्म दस्तक के लिए नेशनल फिल्म अवार्ड्स भी मिला।  
दक्षिण का ग्लैमर
दक्षिण के भिन्न शहरों में नवंबर में जन्मे खूबसूरत चेहरों ने दक्षिण की तमिल,  तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में तहलका मचाया ही. बॉलीवुड में अपनी मौजूदगी भी दर्ज़ कराई।  अब यह बात दीगर है कि इनमे से ज़्यादा को सफलता नहीं मिली। 'बाहुबली द बेगिनिंग' में राजमाता शिवकामी देवी का प्रभावशाली  किरदार करने वाली अभिनेत्री राम्या कृष्णन ने विनोद खन्ना की फिल्म दयावान में एक डांसर की भूमिका से अपने हिंदी फिल्म करियर की शुरुआत की थी  ।  उन्होंने अमिताभ बच्चन के अपोजिट बड़े मिया छोटे मिया समेत  नौ हिंदी फ़िल्में की। बाहुबली में राम्या कृष्णन के साथ अनुष्का शेट्टी ने देवसेना का किरदार किया  था।  उन्हें हिंदी दर्शकों ने उनकी डब फिल्म 'रुद्रमादेवी' की टाइटल भूमिका में भी देखा।  नेत्रा रघुरामन  ने तक्षक, भोपाल एक्सप्रेस और अवगत जैसी आठ फ़िल्में की।  कीर्ति रेड्डी का बॉलीवुड डेब्यू अभिषेक बच्चन के साथ 'तेरा  जादू चल गया' जैसी हिट फिल्मों से हुआ।  लेकिन, 'प्यार इश्क़ और मोहब्बत' के बाद वह हिंदी फिल्मो से दूर चली गई। दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में श्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीत चुकी तेलंगाना में जन्मी तब्बू ने हिंदी के अलावा इंग्लिश, तमिल तेलुगु और मलयालम फ़िल्में भी की हैं।  लेकिन, उन्हें हिंदी फिल्मों चांदनी बार, अस्तित्व, मक़बूल, आदि ने ही मशहूर बनाया। चेन्नई में जन्मी २०११ के किंगफ़िशर कैलेंडर का चेहरा एंजेला जॉनसन हिंदी फिल्मों में पैर जमाने के लिए हिंदी सीख रही हैं।
नवंबर में यह भी
नीलम कोठारी को दर्शक अस्सी के दशक में डांसर एक्टर गोविंदा की इलज़ाम, लव ८६, सिन्दूर, खुदगर्ज़, हत्या, फ़र्ज़ की जंग और ताक़तवर जैसी हिट फिल्मों की जोड़ीदार के रूप में याद किया जाता है।  आजकल वह ज्वेलरी डिजाइनिंग पर काम कर रही हैं।  सी हॉक्स और हिना जैसी पॉपुलर टेलीविज़न सीरीज से मशहूर सिमोन सिंह को कभी ख़ुशी कभी गम, एक रिश्ता : द बांड ऑफ़ लव, हाँ मैंने भी प्यार किया, सुर, आदि फिल्मों में छोटी मोटी भूमिकाये ही मिली।  पिछले दिनों उन्हें टीवी सीरियल 'एक हसीना थी' में साक्षी गोयनका की सशक्त भूमिका में देखा गया।  नवंबर में जन्मी फिल्म अभिनेत्रियों में प्रियंका (निशा) कोठारी (जेम्स, सरकार, द किलर, शिवा, डार्लिंग), चित्रांशी रावत (चक दे इंडिया), एषा गुप्ता (जन्नत २ और राज़ ३), माही गिल (देव डी, साहब बीवी और गैंगस्टर), कोयल पूरी (मिक्स्ड डबल्स), यामी गौतम (विक्की डोनर), सेलिना जेटली (खेल, नो एंट्री), आरती छाबरिया (तुमसे अच्छा कौन है, आवारा पागल दीवाना), शिल्पा शिरोड़कर (भ्रष्टाचार, किसन कन्हैया, हम, त्रिनेत्र), कैनाज़ मोतीवाला (रागिनी एमएमएस), सुहासिनी मुले (भुवन शोम, भवानी भवाई), डायना पेंटी (कॉकटेल) और भैरवी गोस्वामी (भेजा फ्राई), आदि भी हैं।
थिएटर से शुरुआत

नवंबर की पौंध कुछ अभिनेत्रियां वाया नाटक फिल्मों में आई। टिस्का चोपड़ा ने पहले  नाटक किये।  वह १९९३ में रिलीज़ अजय देवगन की फिल्म 'प्लेटफार्म' में रोशनी चोपड़ा नाम से फिल्मों में आई।  उन्होंने दर्शकों ध्यान खींचा तारे ज़मीन पर, दिल तो बच्चा है जी और फ़िराक़ जैसी फिल्मों की चरित्र भूमिकाओं से। टिस्का चोपड़ा से पहले मीता वशिष्ट नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से नाटक और फिर टीवी पर मशहूर हुई।  टीवी पर क्यूंकि सास भी कभी बहु थी उनका मशहूर सीरियल था। उन्हें अभी फिल्म रहस्य में एक ग्रे शेड वाली भूमिका में देखा गया।  थिएटर ग्रुप जन नाट्य मंच से अपने अभिनय जीवन की शुरुआत करने वाली नंदिता दास ने १० भाषाओँ में ३० फ़िल्में की है।  उन्होंने १९४७ अर्थ, बवंडर, अक्स, एक दिन २४ घंटे, जैसी फिल्मों से उन्होंने पहचान गया।  वह बतौर निर्देशक फ़िराक़ फिल्म में विवादित हुई।
पॉर्न स्टार भी
तमिल, तेलुगु और कन्नड़ भाषा की बी-ग्रेड सॉफ्ट पॉर्न फिल्मों की नायिका शकीला भी नवंबर में पैदा हुई।  इस एक्ट्रेस ने २० साल की उम्र में तमिल सॉफ्ट पॉर्न फिल्म 'प्लेगर्ल्स' करके तहलका मचा दिया।  उनकी एक हिंदी फिल्म 'आखिरी गुलाम' १९८९ में रिलीज़ हुई थी।  बॉलीवुड की बेबाक और बड़बोली आइटम गर्ल राखी सावंत और पिछले दशक की मज़ा मज़ा, चेतना, फन कैन बी डेंजरस समटाइम, तौबा तौबा और लैला जैसी सेक्सी फिल्मों से तहलका मचा देने वाली पायल रोहतगी भी नवंबर की पैदाईश हैं।  टीवी एक्ट्रेस रूपा गांगुली, टीना 'उतरन' दत्ता, सुकृति कांडपाल और प्रियल गोर भी नवंबर में पैदा हुई थी।  बॉलीवुड की तमाम अभिनेत्रियों को अपने स्टेप्स पर थिरकाने वाली सरोज खान २२ नवंबर को जन्मी थी।  पुराने ज़माने की फिल्मों की गायिका गीता दत्त भी नवंबर में ही जन्मी। 
पाकिस्तान से आई ज़ेबा बख्तियार  का जन्म ५ नवंबर को हुआ।  पाकिस्तानी टीवी के शो 'अनारकली' से उन्हें इतनी शोहरत मिली कि वह बॉलीवुड में राजकपूर की रणधीर कपूर निर्देशित फिल्म 'हिना' में ऋषि कपूर की नायिका बना दी गई।  लेकिन, फिल्म 'जय विक्रान्ता ' के बाद बॉलीवुड से गायब हो गई।

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