अपनी लम्बी-चौड़ी और गठीली कद काठी से ऑन स्क्रीन अपने बड़े बड़े दुश्मनों को धूल चटाने वाले जैसन स्टैथम का मुकाबला अब एक दैत्याकार शार्क से होने जा रहा है। हत्यारी दैत्याकार मछली की दास्तान वाली इस फिल्म का नाम मेग है। मेग कहानी है दो गोताखोरों की, जिनका शगल गहरे समुद्र में डुबकियां लगाना है। कभी का समझ लिया गया था कि ग्रेट वाइट शार्क ख़त्म हो चुकी है। लेकिन, जोनास टेलर और मसाओ तनाका जब सत्तर फुट गहरे समुद्र में पहुंचते हैं तो उन्हें मालूम होता है कि उनमे से अब तक बची रह गई एक मेगलोडोंस मछली अब आज़ाद घूम रही है । यह दैत्याकार मछली मरीना ट्रेंच से भाग कर कैलिफ़ोर्निया के समुद्र तट की ओर जा रही है। इन दोनों को ही इसे रोकना है। बताते हैं कि चीनी बाजार के बढ़ते आकार को देखते हुए निर्माता इस फिल्म में शार्क का रुख कैलिफ़ोर्निया के बजाय चीन की ओर करना चाहते हैं। इससे फिल्म को चीन की प्रोडक्शन कंपनी ग्रेविटी का साथ मिल जायेगा। मेग, स्टीवन अल्टेन के १९९७ में लिखे उपन्यास मेग: अ फिल्म नॉवेल ऑफ़ डीप टेरर पर आधारित है। इस उपन्यास पर फिल्म बनाने का अधिकार डिज्नी ने १९९७ में ही प्राप्त कर लिए थे। उसी दौरान फिल्म डीप ब्लू सी (१९९९) रिलीज़ हुई थी। परन्तु यह फिल्म दर्शकों पर शार्क मछलियों का आतंक जमा पाने में नाकामयाब रही थी। इस लिए फिलहाल मेग पर फिल्म बनाने का इरादा छोड़ दिया गया। अलबत्ता, स्क्रिप्ट के ड्राफ्ट ज़रूर लिखे और रद्द किये जाते रहे। अब जबकि, जुरैसिक वर्ल्ड ने दर्शकों पर दैत्याकार समुद्री मछलियों का आतंक पैदा कर दिया है, मेग ने अपने कदम आगे बढ़ा दिए हैं। जोनास टेलर का किरदार जैसन स्टैथम करेंगे। बाकी की स्टार कास्ट का चुनाव होना है। इस फिल्म का निर्देशन नेशनल ट्रेजर के जॉन टर्टलटाब कर रहे हैं। यह फिल्म २०१७ में रिलीज़ होगी।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday, 11 May 2016
जैसन स्टैथम करेंगे दैत्याकार शार्क का मुकाबला !
Labels:
Hollywood,
Jason Statham
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Tuesday, 10 May 2016
अब' धूम' सीरीज होगी 'रीलोडेड'
यशराज फिल्म्स की २००४ में शुरू धूम फ्रैंचाइज़ी २०१३ तक तीन पायदान चढ़ चुकी है। हर धूम फिल्म ने पहली से ज़्यादा बिज़नेस किया। धूम फिल्मों का फोकस नायक नहीं विलेन हुआ करता था। २००४ की धूम में जॉन अब्राहम ने तेज़ रफ़्तार मोटरसाइकिल चला कर डकैती डालने वाले नायक का किरदार किया था। फिल्म में पुलिस की भूमिका अभिषेक बच्चन और उनके साथी उदय चोपड़ा कर रहे थे। धूम २ और धूम ३ में यही दोनों पुलिस और उसके साथी की भूमिका करते रहे। लेकिन, हर फिल्म के साथ विलेन हीरो बदल गया। धूम २ में बुरा किरदार ह्रितिक रोशन कर रहे थे। धूम ३ में आमिर खान चोर बने थे। पहली दो फिल्मो के डायरेक्टर संजय गढवी थे। धूम ३ का निर्देशन विक्टर आचार्य ने किया था। धूम के निर्माण में ११ करोड़ खर्च हुए थे। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ४२.४७ करोड़ का बिज़नेस किया। धूम २ के बनाने में ३५ करोड़ खर्च हुए थे। फिल्म ने १०५ करोड़ का बिज़नेस किया था। धूम ३ ने रिकॉर्ड तोड़ बिज़नेस किया था। इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड ५४८ करोड़ का बिज़नेस किया। अब धूम सीरीज की चौथी कड़ी बनाई जा रही है। इस फिल्म का टाइटल धूम ४ नहीं होगा, बल्कि यह फिल्म धूम रीलोडेड कहलाएगी। इस फिल्म में जॉन अब्राहम, ह्रितिक रोशन और आमिर खान के बाद सलमान खान बुरे नायक की भूमिका करेंगे। पहली धूम फ्रैंचाइज़ी फिल्म में अभिषेक बच्चन और उदय चोपड़ा नहीं होंगे। उनकी जगह लेने के लिए अभी सिर्फ एक अभिनेता का चुनाव हुआ है और वह हैं रणवीर सिंह। बाजीराव मस्तानी के बाद रणवीर सिंह के सितारे बुलंदी पर है। वह आदित्य चोपड़ा की फिल्म बेफ़िक्रे के नायक तो हैं ही, धूम रीलोडेड में पॉजिटिव भूमिका पा कर वह सातवें आसमान में होंगे। फिलहाल, वह बेफ़िक्रे की शूटिंग के लिए पेरिस में व्यस्त हैं। धूम रीलोडेड का निर्देशन विजय कृष्ण आचार्य यानि विक्टर ही करेंगे। धूम रीलोडेड की शूटिंग अगले साल की शुरू में की जाएगी। इस बार फिल्म की लोकेशन पहली तीन फिल्मों से बिलकुल अलग होगी। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि फिल्म में अभिषेक बच्चन तो नहीं होंगे, लेकिन युथ को टारगेट में रख कर बनाई जा रही इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ख़ास भूमिका में नज़र आ सकते हैं।
Labels:
ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Monday, 9 May 2016
इन्फर्नो का इंटरनेशनल ट्रेलर
Academy Award® winner Ron Howard returns to direct the latest bestseller in Dan Brown’s (Da Vinci Code) billion-dollar Robert Langdon series, Inferno, which finds the famous symbologist (again played by Tom Hanks) on a trail of clues tied to the great Dante himself. When Langdon wakes up in an Italian hospital with amnesia, he teams up with Sienna Brooks (Felicity Jones), a doctor he hopes will help him recover his memories. Together, they race across Europe and against the clock to foil a deadly global plot.
Labels:
हॉलीवुड
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
मार दिया जाये या छोड़ दिया जाए पूछने वाली लक्ष्मी छाया
आज से १२ साल पहले, ९ मई २००४ को लक्ष्मी छाया ने आखिरी सांस ली थी। साठ और सत्तर के दशक की खलनायिका और डांसर लक्ष्मी छाया ने बॉलीवुड की फिल्मों में बड़ी डांसर अभिनेत्रियों की मौजूदगी में अपना दबदबा कायम कर लिया था। १९६२ में नॉटी बॉय फिल्म से अपने करियर की शुरुआत करने वाली लक्ष्मी छाया ने कोई ८६ फ़िल्में की थी। उन पर उस समय के तमाम हिट गीतों को फिल्माया गया। फिल्म मेरा गांव मेरा देश में आशा पारेख जैसी नृत्यांगना अभिनेत्री थी। लेकिन, दर्शकों के बीच हिट हुआ था लक्ष्मी छाया पर फिल्माया गया मार दिया जाए या छोड़ दिया जाये, बोल तेरे साथ क्या सलूक किया जाए गीत। बहारों के सपने का दो पल जो तेरी आँखों, आया सावन झूम के का मैं एक हसीना, रात और दिन का आवारा ऐ मेरे दिल, उपकार का गुलाबी रात गुलाबी, गुमनाम का जान पहचान हो जैसे गीत उनकी भिन्न शैली के नृत्य कर सकने की क्षमता का प्रमाण थे। उनका मास्क पहन कर किया गया जान पहचान हो गीत २००१ की अमेरिकी फिल्म घोस्ट वर्ल्ड की ओपनिंग क्रेडिट्स में शामिल किया गया था। १९८२ में उन्होंने फिल्मों से सन्यास ले लिया बच्चों को डांस सिखाने के लिए स्कूल खोल लिया। २००४ में छप्पन साल की उम्र में कैंसर ने उनकी जान ले ली।
Labels:
श्रद्धांजलि,
हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
फिल्मों की मखमली आवाज़ : तलत महमूद
अपनी मखमली आवाज़ से पहचाने जाने वाले तलत महमूद ने अपने समय के सभी बड़े अभिनेताओं दिलीप कुमार, अशोक कुमार, देव आनंद और राजकपूर के रील लाइफ चरित्रों को आवाज़ दी। उन्होंने ख़ास तौर पर रोमांटिक और दुःख भरे गीत बड़ी शिद्दत से गए। वह गैर शास्त्रीय और अर्ध शास्त्रीय गीतों के महारथी गायक थे। हिंदी फिल्मों के ग़ज़ल को स्थापित करने का श्रेय तलत महमूद को जाता है। वह भारतीय महाद्वीप में सबसे कोमल आवाज़ वाले गायक माने जाते थे। उर्दू भाषी श्रोताओं में वह ख़ास मशहूर थे। लखनऊ में जन्मे तलत महमूद ने आज की भातखण्डे संगीत महाविद्याल में संगीत की शिक्षा ली। उन्होंने दाग़ की ग़ज़लों को गाने से अपने म्यूजिक करियर की शुरुआत की। तलत महमूद ऎसी शख्सियत थे, जब वह वह कलकत्ता से बॉम्बे पहुंचे तो उनकी शोहरत उनसे पहले पहुँच चुकी थी। संगीतकार अनिल विस्वास ने उनसे आरज़ू का ऐ दिल मुझे ले चल ऐसी जगह' गवाया। इस गीत के साथ तलत महमूद हिंदी फिल्मों में जम गए। वह शक्ल सूरत से हसीं थे, इसलिये उन्हें फिल्मों में भी काम मिला। उन्होंने सुरैया (मालिक), नूतन (सोने की चिड़िया), एक गांव की कहानी (माला सिन्हा ), नादिरा (रफ़्तार और डाक बाबू), काननबाल (तुम और मैं और राजलक्ष्मी), आदि के साथ फ़िल्में की। हिंदी फिल्मों में रॉक एन रोल की शुरुआत के साथ ही तलत महमूद का करियर ख़त्म होना शुरू हो गया। उन्हें १९९२ में पद्मभूषण दिया गया। उनकी गाये कुछ मशहूर गीतों में हम से आया न गया (देख कबीर रोया), जाएँ तो जाए कहाँ (टैक्सी ड्राइवर), तस्वीर बनाता हूँ (बारादरी), आंसू समझ के क्यों मुझे (छाया), जलाते हैं उसके लिए (सुजाता), फिर वही शाम वही गम (जहाँ आरा ), मैं दिल हूँ एक अरमान (अनहोनी), बेचैन नज़र बेताब जिगर (यास्मीन), ऐ मेरे दिल कहीं और चल (दाग) , आदि यादगार हैं। ९ मई १९९८ को ७४ साल की उम्र में उनका निधन हुआ।
Labels:
श्रद्धांजलि,
हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
सह भूमिकाओं के हरफनमौला सुधीर !
सुधीर एक ऐसे एक्टर थे, जो कभी किसी फिल्म में नायक नहीं बने। १९५४ में रिलीज़ फिल्म टैक्सी ड्राइवर में वह देव आनंद और कल्पना कार्तिक के साथ छोटी भूमिका में थे। इसके बाद, २००९ तक उन्होंने कोई २२६ फ़िल्में की। उन्होंने चेतन आनंद की वॉर ड्रामा फिल्म हकीकत से दर्शकों का ध्यान खींचा। वह ऐसे एक्टरों में शुमार हैं, जिन्होंने एक ही टाइटल वाली दो फिल्मों में काम किया। उन्होंने १९७५ की दीवार भी की और २००४ की दीवार भी। उनकी उल्लेखनीय फिल्मों में प्रेम पत्र, शहीद, एक फूल एक भूल, महल, प्रेम पुजारी, गैम्बलर, राखी और हथकड़ी, छुपा रुस्तम, जोशीला, शरीफ बदमाश, हीरा पन्ना, आदि दसियों फ़िल्में हैं। उन्होंने देव आनंद और अमिताभ बच्चन की ज़्यादातर फिल्मों में अभिनय किया। सुधीर ने परदे पर चोर- पुलिस का खेल खूब किया। वह जहाँ पुलिस कमिश्नर बने, वहीँ गैंगस्टर के साथी भी बने। हास्य भूमिकाएं भी उन पर खूब फबती थी। अपनी ख़ास संवाद अदायगी के कारण वह हर रोल में खप गए। भगवानदास मूलचंद लुथरिया के नाम से १३ अप्रैल १९३१ को जन्मे सुधीर की मौत २०१४ में आज ही के दिन मुंबई में हुई थी। मशहूर फिल्म निर्देशक मिलन लुथरिया उनके भतीजे हैं।
Labels:
श्रद्धांजलि,
हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Sunday, 8 May 2016
सरबजीत के प्रचार (pics)
Labels:
फोटो फीचर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 7 May 2016
जोरावर का दिखा जोर पहले दिन कमाए २ करोड़ ७३ लाख
पंजाबी सिनेमा के इतिहास में सबसे बड़ी फिल्म
जोरावर जबरदस्त रिलीज हुई, पीटीसी मोशन पिचर्स , रजी एम शिंदे और रवींद्र नारायण
निर्मित तथा विनील मारकन निर्देशित म्यूजिक सेंसेशन हनी सिंह अभिनीत फिल्म
"ज़ोरावर" बड़े पैमाने पर प्रदर्शित हुई है। फिल्म एक्शन और एंटरटेनमेंट
मसाले से भरपूर है । जोरावर पहली ऐसी पंजाबी फिल्म है की वर्ल्ड वाइड ६ जगह
प्रदर्शित हुई है यानी की, यूएसए, यूके, ऑस्ट्रेलिया, कैनेडा, साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड में। फिल्म का प्रदर्शन बहुत ही बेहतरीन रहा है,
फिल्म के रिलीज
के दिन ही ज़ोरावर ने हिंदी फिल्मों के मुकाबले जबरदस्त कमाई की है। जोरावर इस साल
की पहली पंजाबी फिल्म है जिसने पंजाब में धमाल मचाया है। हनी सिंह पहली फिल्म और
उनके फिल्म रैप सॉन्ग और एक्शन देखने के
लिए लोग सिनेमा घरों का रुख कर रहे है इसी का नतीजा है की फिल्म ने पहले ही दिन २
करोड़ ७३ लाख कमाए है , अंदाजा
है की कमाई आंकड़ा आगे आने वाले दिनों में और भी बढ़ेगा। पीटीसी
मोशन पिक्चर्स, रजी
एम शिंदे और रवींद्र नारायण द्वारा निर्मित और विनील मारकन निर्देशित तथा हनी सिंह,
पारुल गुलाटी,
गुरबानी
न्यायाधीश, पवन
मल्होत्रा , अंचित
कौर अभिनीत फिल्म जोरावर ६ मई २०१६ को सभी सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई है।
Labels:
पंजाबी फिल्म
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Friday, 6 May 2016
ओलंपिक्स के खिलाड़ियों के समर्थन में जुटे सलमान खान
सलमान खान को ओलंपिक्स का गुडविल एम्बेसडर बनाये जाने पर शोर शराबा मचाने वालों को सलमान खान ने अपने तरीके से जवाब देना शुरू कर दिया है। वह ओलंपिक्स में जाने वाले दल के सदस्यों का परिचय सोशल मीडिया पर करा रहे हैं। सोशल मीडिया पर सलमान खान के पांच करोड़ से ज़्यादा प्रशंसक हैं। सलमान खान ने अपने अकाउंट में हैशटैग #मेकइंडियाप्राउड क्रिएट किया है। उन्होंने इस में कई एथलीटों के प्रोफाइल शेयर किये हैं। आने वाले दिनों में काफी दूसरे खिलाडियों के प्रोफाइल अपलोड किये जायेंगे। सलमान खान का इरादा ओलंपिक्स के लिये क्वालीफाई किये खिलाडियों के अचीवमेंट्स तथा अन्य विवरण देने के लिए ब्लॉग बनाने का है। सलमान खान ने कहा, "मेरे लिए इंडियन ओलिंपिक दस्ते का हर सदस्य सुपर स्टार है। उन्होंने चार सालों से तैयारी कर रखी है। इसे दिखाने के लिए उन्हें कुछ मिनट या कई मामलों में कुछ सेकण्ड्स ही मिलते हैं। इसलिए, उन्हें हमारा प्यार और सहयोग तथा प्रोत्साहन देने की ज़रुरत है। उन्हें ऐसे करोड़ों प्रोत्साहन चाहिए। " तो मिला सलमान खान के आलोचकों को जवाब। अगर सलमान खान ओलिंपिक के खिलाड़ियों के साथ हैं तो उनके साथ सलमान खान के करोड़ों प्रशंसक भी है।
Labels:
Salman Khan,
हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
करीना कपूर पर बुक "ब्रांड बेबो "
अभिनेत्री करीना कपूर एक ऐसी अदाकारा हैं जो बॉलीवुड के चारो खान के साथ काम कर चुकी हैं और उनकी फिल्में ब्लॉकबस्टर रही हैं , करीना कपूर अब तक की सबसे महंगी ब्रांड अंबेसडर में से एक हैं.आज की यंग जनरेशन करीना कपूर को अपना स्टाइल आइकॉन मानती हैं करीना कपूर ने ही फिल्म टशन से साइज जीरो के ट्रेंड की शुरुआत की थी इतना ही नहीं एक लैपटॉप कंपनी ने करीना से प्रेरित हो कर साइज जीरो लैपटॉप का भी निर्माण किया। और अब शादी के बाद भी वे टॉप स्टाइल आइकॉन की लिस्ट में शामिल है सूत्रों के हवाले से पता चला है की एक टॉप के पब्लिशर ने करीना कपूर को " ब्रांड बेबो" को पब्लिश करने के लिए अप्रोच किया है.सूत्रों का मनना है की " टॉप पब्लिशर ने करीना कपूर को अपनी बुक "ब्रांड बेबो" पब्लिश करने के लिए अप्रोच किया है, इस बुक द्वारा करीना के अब तक के सफर के बारे में बताया गया है किस तरह से उन्होंने सफलता के शिखर तक पहुंची और आज एक सफल अभिनेत्रियों में उनका भी नाम शामिल है,इस बुक में करीना के सफल फिल्मों का ज़िक्र किया गया है और किस तरह उनके द्वारा शुरू किये गए ट्रेंड लोगो के बीच प्रचलित हुए ,इतना ही नहीं करीना एक ऐसी अभिनेत्री है जो शादी के बाद भी सफलता के शिखर पर बनी हुई हैं. करीना कपूर बॉलीवुड की सबसे हाईएस्ट पेड ब्रांड अम्बेस्डर में से एक हैं। इस बुक में ये भी बताया जायेगा की किस तरह उन्होंने अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में संतुलन बनाए रखा है.
Labels:
हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Thursday, 5 May 2016
ईरा भास्कर को बेटी अभिनेत्री स्वरा भास्कर द्वारा सम्मानित किया गया
मदर्स डे के दिन माँ
और बेटी के खूबसूरत रिश्ते को दर्शाने के लिए इस समारोह को दूरदर्शन हर साल मनाता
है। इस साल इस समारोह में शिक्षाविद् इरा भास्कर को उनके शिक्षा क्षेत्र में योगदान के लिए सन्मानित किया गया। यह अवार्ड इस लिए
भी खास रहा, क्यूंकि बेटी के हाथो माँ को अवार्ड से नवाजा गया यानी की अभिनेत्री
स्वरा भास्कर ने अपनी माँ ईरा भास्कर को अपने हाथो से सन्मानित किया। स्वरा भास्कर
दूरदर्शन पर रंगोली नामक संगीत के शो का सूत्र संचालन करती है, और यह ख़ुशी की बात है की उसी चैनल ने स्वरा की
माँ का सन्मान किया है। दिलचस्प बात है की हालही प्रदर्शित हुई फिल्म "निल
बट्टे सन्नाटा" माँ और बेटी के खूबसूरत रिश्ते पर है और फिल्म को बहुत सरहाया
गया है।
Labels:
हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
फिल्म फोबिया में राधिका आपटे इस्तेमाल करेंगी वर्चुअल रियलिटी टेक्नोलॉजी
एरोस इंटरनेशनल और विकी रजानी द्वारा निर्मित फिल्म फोबिया में राधिका आपटे
अहम भूमिका में नज़र आएँगी पवन कृपलानी ने इस फिल्म को डायरेक्ट किया है राधिका की यह फिल्म
एक सायकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म है और कहा जा
रहा है की यह बॉलीवुड की पहली ऐसी फिल्म है किसमे वर्चुअल रियलिटी टेक्नोलॉजी का
इस्तेमाल किया गया है। वर्चुअल रियलिटी यह
एक कंप्यूटर टेक्नोलॉजी है जिसके ज़रिये पर्यावरण
की उन चीज़ो
को दोहराया जा सकता है जो वास्तविक
और काल्पनिक हो। और साथ ही साथ इस का प्रयोग करनेवाले व्यक्ति को इस बात का एहसास
होता है की वे उस जगह पर हैं और वो वहां
पर मौजूद लोगो को छू सकते हैं महसूस के
सकते है, सुन सकते है। चूँकि राधिका फिल्म
में अग्रोफोबिआ का शिकार होती हैं इसीलिए फिल्म
के मेकर्स ने इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है ताकि पेशेंट इस तरह की
बीमारी से खुद को बहार निकाल पाए।
Labels:
हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Wednesday, 4 May 2016
कॉमेडियन एवं एक्टर सिद्धार्थ सागर ने म्यूजिक एल्बम "फंकी गर्ल्स" रिलीज़ किया
रूपेश राय प्रोडक्शन की नई पेशकश
म्यूजिक एल्बम "फंकी गर्ल्स" का लोकार्पण, लोकप्रिय कॉमेडियन एवं एक्टर सिद्धार्थ सागर ने ३ मई २०१६ को मुंबई
के सांताक्रुज़ स्तिथ 'लाइट बॉक्स' थिएटर में किया। इस अवसर पर
मराठी फिल्म 'उर्फी' के निर्माता युवराज वर्मा व सरताज मिर्ज़ा, फिल्म 'कैनाडा दी फ्लाइट' से लोकप्रिय हुई अभिनेत्री अनुष्का शर्मा व मीडिया के मान्यजन
उपस्थित थे। रूपेश जी ने बताया की लगभग ४०० म्यूजिक
एल्बम एवं कई विज्ञापन फिल्में बनाने के बाद इस एल्बम को बनाते वक्त उन्हें बेहद
संतुष्टी मिली, क्योंकि इसके निर्माण में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल हुआ है, जो अब तक किसी अन्य म्यूजिक एल्बम में
नहीं किया गया है। सिद्धार्थ सागर ने कहा की वीडियो को देखने में उन्हें काफी आनंद
आया, इसके कंप्यूटर ग्राफ़िक ने उन्हें अत्यधिक प्रभावित किया है। इस एल्बम
की अभिनेत्री मॉडल ममता सोनी, नेपाल की रहने वाली हैं पर अपना कर्रिएर मॉडल और अदाकारा के रूप में
स्थापित करने की कोशिश कर रही हैं, यह उनकी प्रथम म्यूजिक एल्बम है, और उनके परफॉर्मेंस देख कर प्रतीत होता है की वो हंगामा जरूर करेंगी।
रूपेश ने बताया की भविष्य में वे जल्द ही सिद्धार्थ सागर के साथ नए प्रोजेक्ट की
तैयारी कर रहे हैं, जिसमे उनके साथ युवराज वर्मा एवं सरताज मिर्ज़ा भी होंगे। "फंकी गर्ल्स" का निर्माण रूपेश
राय प्रोडक्शन ने किया है, निर्देशन रूपेश राय सिकंद का है, संगीत व गीत अल्ताफ सय्यद का, स्वर प्रकृति कक्कड़ एवं आन्या का, मॉडल ममता सोनी व संगीत ज़ी म्यूजिक लोगो के समक्ष ला रहे हैं। इस
म्यूजिक एल्बम के वीडियो को यू ट्यूब पर ६ लाख से ज़्यादा लाइक्स मिल चूका है।
Labels:
गीत संगीत
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
क्या 'रईस' इतना 'काबिल' है कि 'बादशाहो' साबित हो सके !
पांच साल में दूसरी बार शाहरुख़ खान और अजय देवगन की फिल्मों का टकराव होने जा रहा है। २०१२ में अजय देवगन की फिल्म सन ऑफ़ सरदार से शाहरुख़ खान ने अपनी फिल्म जब तक है जान टकरा दी थी। यह मामला कोर्ट तक गया था। इस टकराव का नुक्सान दोनों फिल्मों को हुआ। हालाँकि, दोनों ही फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर बढ़िया बिज़नेस किया। लेकिन, अगर यह फ़िल्में सोलो रिलीज़ होती तो ज़्यादा बिज़नेस हो सकता था। शाहरुख खान अपनी फिल्मों के टकराव के लिए बदनाम हैं। उन्होंने पिछले साल क्रिसमस से पहले अपनी फिल्म दिलवाले की रिलीज़ संजय लीला भंसाली की ऐतिहासिक रोमांस ड्रामा फिल्म बाजीराव मस्तानी के सामने करवा दी थी। वह समझते थे कि २००७ का इतिहास दोहराया जायेगा। बाजीराव मस्तानी भी सांवरिया की तरह फ्लॉप साबित होगी और एक्शन कॉमेडी फिल्म दिलवाले बड़ी हिट साबित होगी। लेकिन, हुआ उलटा। दिलवाले फ्लॉप साबित हुई, जबकि बाजीराव मस्तानी ने शाहरुख़ खान की फिल्म को बहुत पीछे छोड़ दिया।
शाहरुख़ खान इस पराजय से तिलमिला गए थे। फैन के खराब प्रदर्शन ने बॉक्स ऑफिस के बादशाह खान को सतर्क कर दिया था। इसीलिए, जब इस साल ईद को उनकी फिल्म रईस का सलमान खान की फिल्म सुलतान से टकराव सुनिश्चित सा लगा तो उन्होंने रईस की रिलीज़ अगले साल के लिए टाल दी। हालाँकि, दो कारणों से यह उनका गलत निर्णय था। पहला कारण यह कि इस प्रकार से उन्होेंने खुद की सलमान खान से हार मान ली थी और खुद को छोटा एक्टर साबित कर दिया था। दूसरा कारण यह था कि इस टकराव के बावजूद वह बुरे फंस गए थे। रईस की रिलीज़ २६ जनवरी २०१७ के लिए तय की गई। इस दिन अजय देवगन की फिल्म बादशाहो रिलीज़ हो रही है। बादशाहो की टक्कर ऋतिक रोशन की फिल्म काबिल से हो रही थी। लेकिन, शाहरुख़ खान ने रईस को २६ जनवरी को रिलीज़ कर इस सीधे संघर्ष को त्रिकोणीय बना दिया। ट्रेड पंडित यह मान रहे हैं कि बादशाहो और काबिल के निर्माता अपनी फिल्मों की रिलीज़ किसी दूसरी तारिख को कर सकते हैं। लेकिन, यह अनुमान ही है। ऐसा ही अनुमान पिछले साल भी लगाया गया था कि संजयलीला भंसाली शाहरुख़ खान की फिल्म से अपनी फिल्म बाजीराव मस्तानी के टकराव को टालने के लिए रिलीज़ की तारिख टाल सकते हैं। लेकिन भंसाली एक हफ्ता तक नहीं हिले थे। इसका नतीजा क्या हुआ ? क्या इस बार भी २६ जनवरी २०१७ को शाहरुख़ खान डबल नुकसान झेलने जा रहे हैं ?
शाहरुख़ खान इस पराजय से तिलमिला गए थे। फैन के खराब प्रदर्शन ने बॉक्स ऑफिस के बादशाह खान को सतर्क कर दिया था। इसीलिए, जब इस साल ईद को उनकी फिल्म रईस का सलमान खान की फिल्म सुलतान से टकराव सुनिश्चित सा लगा तो उन्होंने रईस की रिलीज़ अगले साल के लिए टाल दी। हालाँकि, दो कारणों से यह उनका गलत निर्णय था। पहला कारण यह कि इस प्रकार से उन्होेंने खुद की सलमान खान से हार मान ली थी और खुद को छोटा एक्टर साबित कर दिया था। दूसरा कारण यह था कि इस टकराव के बावजूद वह बुरे फंस गए थे। रईस की रिलीज़ २६ जनवरी २०१७ के लिए तय की गई। इस दिन अजय देवगन की फिल्म बादशाहो रिलीज़ हो रही है। बादशाहो की टक्कर ऋतिक रोशन की फिल्म काबिल से हो रही थी। लेकिन, शाहरुख़ खान ने रईस को २६ जनवरी को रिलीज़ कर इस सीधे संघर्ष को त्रिकोणीय बना दिया। ट्रेड पंडित यह मान रहे हैं कि बादशाहो और काबिल के निर्माता अपनी फिल्मों की रिलीज़ किसी दूसरी तारिख को कर सकते हैं। लेकिन, यह अनुमान ही है। ऐसा ही अनुमान पिछले साल भी लगाया गया था कि संजयलीला भंसाली शाहरुख़ खान की फिल्म से अपनी फिल्म बाजीराव मस्तानी के टकराव को टालने के लिए रिलीज़ की तारिख टाल सकते हैं। लेकिन भंसाली एक हफ्ता तक नहीं हिले थे। इसका नतीजा क्या हुआ ? क्या इस बार भी २६ जनवरी २०१७ को शाहरुख़ खान डबल नुकसान झेलने जा रहे हैं ?
Labels:
Ajay Devgan,
Hrithik Roshan,
Shahrukh Khan,
ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
आँखें २ से बाहर जॉन अब्राहम !
बॉलीवुड गलियारों से खबर है कि जॉन अब्राहम ने २००२ की हिट फिल्म आँखे के सीक्वल आँखें २ को छोड़ दिया है। इस फिल्म में जॉन पहली बार एक अंधे का किरदार करने जा रहे थे। २००२ की आँखें में अक्षय कुमार, अर्जुन रामपाल और परेश रावल अंधे किरदारों में थे। यह फिल्म एक गुजराती नाटक पर थी, जिसमे एक बैंक मैनेजर तीन अंधे आदमियों से अपने ही बैंक में डकैती डलवाता है। फिल्म में बैंक मैनेजर का किरदार अमिताभ बच्चन ने किया था। सीक्वल फिल्म आँखें २ में अमिताभ बच्चन निगेटिव रोल में ही हैं। लेकिन, अक्षय कुमार और अर्जुन रामपाल ने सीक्वल फिल्म में काम करने से मना कर दिया था। अक्षय कुमार की जगह जॉन अब्राहम आ गए थे। आँखे २ का निर्देशन अनीस बज़्मी कर रहे थे। अनीस बज़्मी और जॉन अब्राहम ने पिछले साल ही वेलकम रिटर्न्स जैसी हिट फिल्म दी थी। जॉन ने दो कारणों से फिल्म छोड़ी। पहला यह कि वह फ़ोर्स २ के सेट पर घायल हो गए थे। फिल्म का शिड्यूल पिछड़ गया था। दूसरा यह कि जॉन अब्राहम ने अपनी फीस बढ़ा कर १२ करोड़ कर दी थी, जिसे फिल्म के निर्माता गौरांग दोषी नहीं दे पा रहे थे। अनीस बज़्मी ने भी जॉन को बनाये रखने की भरसक कोशिश की थी। अब खबर है कि जॉन अब्राहम के बदल के रूप में किसी ए ग्रेड के अभिनेता की खोज की जा रही है। अनिल कपूर फिल्म में आ गए हैं। फिल्म में एक हीरोइन के लिए कैटरीना कैफ से संपर्क साधा गया है। आँखें (२००२) में बिपाशा बासु और सुष्मिता सेन नायिकाएं थी।
Labels:
Akshay Kumar,
Amitabh Bachchan,
Anees Bazmi,
John Abraham,
ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
उत्तर प्रदेश का मुज़फ्फरनगर, 'सुल्तान' का हरियाणा !
बॉलीवुड के निर्माता उत्तर प्रदेश सरकार की फिल्म नीति का फायदा उठा कर करोड़ों हड़पने के लिए नई नई चालें चलते रहते हैं। ऎसी चालों का ताज़ा उदाहरण है यशराज बैनर की अली अब्बास ज़फर निर्देशित फिल्म सुल्तान। इस फिल्म में हरियाणा के पहलवान सुल्तान की भूमिका सलमान खान कर रहे हैं। हालाँकि, सुल्तान की कहानी की पृष्ठभूमि हरियाणा की है, लेकिन इस फिल्म की शूटिंग उत्तर प्रदेश में मुज़फ्फरनगर में हो रही है। सुल्तान की शूटिंग हरियाणा में क्यों नहीं हो रही, जबकि आमिर खान की फिल्म दंगल की शूटिंग हरियाणा में ही हो रही है ? यह तो नहीं मालूम की हरियाणा में शूटिंग करने पर फिल्मों को कोई रियायत या मदद मिलती है। लेकिन, उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव सरकार फिल्मों को लेकर काफी उदार है। उत्तर प्रदेश में शूटिंग करने पर मनोरंजन कर में छूट तो मिलती ही है, काफी सुविधाएं और करोड़ों का अनुदान भी मिल जाता है। फिर सुल्तान तो यशराज फिल्मस बैनर की फिल्म है। यशराज फिल्म्स की समाजवादी पार्टी की सरकार से नज़दीकियों का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछली बार के मुलायम सिंह सरकार के समय में यशराज बैनर की तमाम घटिया फिल्मों को भी कर छूट मिल गई थी । इस बार भी ऐसा ही होने जा रहा है। बॉलीवुड गलियारों से खबर है कि उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री ने मिलने आये अली अब्बास ज़फर को आश्वस्त किया है कि सुल्तान उत्तर प्रदेश में टैक्स फ्री कर दी जाएगी। लेकिन, बुरी खबर यह है कि मुज़फ्फरनगर के लोगों ने शिकायत की है कि फिल्म की शूटिंग उत्तर प्रदेश में तो ज़रूर की जा रही है, लेकिन उसे हरियाणा दिखाया जा रहा है। लोगों को शिकायत है कि छूट का लाभ लेने के लिये मुज़फ्फरनगर में मोरना के लोगों के लहज़े को हरियाणा के लोगों जैसा दिखाया जा रहा है। इसे लेकर न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में वाद भी दायर हुआ है।
Labels:
Ali Abbas Zafar,
Anushka Sharma,
Salman Khan,
ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Tuesday, 3 May 2016
मेरी दो दो माँ है- भव्य गांधी
मदर डे यानि की माँ
दिवस के खास मौके पर ' तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में टप्पू का किरदार
निभाने वाले भव्य गांधी देश की सभी माँ को नमन करते है । टप्पू यानि भव्य गांधी
उन खुश किस्मतों में से
है जो सेट पर एक नहीं बल्कि दो माँ के साथ पूरा दिन बिताते है । जी हाँ टप्पू यानि भव्य गांधी का जब भी शूट होता है तब तब की
रील माँ यानि दयाबेन और रियल माँ यानि
यशोदा गांधी सेट पर होते है । भव्य गांधी कहते हैं, "दरअसल माँ को प्यार और
सत्कार देने का सिर्फ एक दिन नहीं होता है । जब दिल करे माँ को प्यार कर लो . नसीब वालो को
माँ का प्यार मिलता है । मै तो कुछ ज्यादा ही
नसीबवाला हूँ, क्योकि मुझे एक नहीं
बल्कि दो माँ का प्यार मिलता है । एक मेरे तारक मेहता शो की माँ यानि की दयाबेन और
दूसरी मेरी रियल माँ जिसने मुझे जन्म दिया
है । दर असल सबसे अच्छी बात यह है की तारक मेहता के सेट पर एक साथ मुझे दोनों माँ
का प्यार मिलता है । जैसे ही कैमरा ऑन दयाबेन और जैसे ही कैमरा ऑफ मेरी रियल माँ आ
जाती है । दिशा दीदी का स्वभाव बहुत अच्छा है । आज हम एक साथ पिछले सात सालो से
शूटिंग कर रहे है । उन्होंने मुझे स्कूल से कॉलेज जाते हुई देखा है । हर माँ की
तरह उन्होंने ने भी मेरे बचपन से लेकर युवा
तक का सफर देखा है और वो हमेशा मुझे सीख
देती है जो कि मेरे लिए बहुत अच्छा होता है । सेट पर मेरी रियल माँ और दिशा
दीदी की खूब जमती है दोनों एक साथ बातचीत
करती है । भगवान् ने मुझे दो माँ
दिया है और दोनों माँ के साथ मैं मदर डे मनाऊंगा ।
"
Labels:
Television
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
रेस्टोरेंट के किचन में मिली थी राजा हरिश्चंद्र की तारामती
यह वाक़या कोई १०३ साल पहले का है। मुंबई के कोरोनेशन थिएटर के बाहर लोगों की भीड़ जमा थी। उन्हें इंतज़ार था ३७०० फिट लम्बी ४० मिनट की फिल्म का, जो भारत की पहली चलती फिरती तस्वीर साबित होने जा रही थी। यह वही चलती फिरती तस्वीरें थी, जिन्होंने १८९५ में लुमियरे बंधुओं की फिल्म लंदन से पूरे यूरोप में सनसनी फैला दी थी । जुलाई १८९६ में लुमियरे बंधुओं ने भारत में भी अपनी लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया। पहली भारतीय लघु फिल्म फ्लावर ऑफ़ पर्शिया १८९८ में रिलीज़ हुई। इस फिल्म का निर्देशन हीरालाल सेन ने किया था। लेकिन, ३ मई १९१३ को भारतीय द्वारा, भारत में, भारतीय तकनीक से बनी फिल्म रिलीज़ हो रही थी। इस फिल्म को फाल्के ने छह महीनों में बनाया था। यह देसी फ़िल्म का पहला व्यवसायिक प्रदर्शन था। क्योंकि,राजा हरिश्चन्द्र को कुछ चुनिंदा लोगों, अख़बारों के सम्पादकों को ओलम्पिया थिएटर ग्रांट रोड में २१ अप्रैल २०१३ को ही प्रीमियर प्रीव्यू में दिखाया जा चूका था। बॉम्बे में कोरोनेशन थिएटर के बाहर जमे दर्शकों में अपनी देसी फिल्म देखने की उत्तेजना थी। जैसे ही मूक फिल्म राजा हरिश्चन्द्र का पहला शो ख़त्म हुआ, एक इतिहास बन गया। यह फिल्म २३ दिन चली। इसके बाद तो भारतीय सिनेमा लोकप्रियता की कई सीढ़ियां चढ़ता चला गया। हालाँकि,राजा हरिश्चन्द्र आज भी विवादित है, क्योंकि लोगों का मानना हैं कि बाबासाहेब तोरणे की १८ मई २०१२ को रिलीज़ फिल्म श्री पुंडलीक पहली भारतीय फिल्म थी। परन्तु, तोरणे का दावा इस बिना पर खारिज हो जाता है कि इस फिल्म को विदेशी सहयोग से बनाया गया था। अब इसे इत्तेफ़ाक़ ही कहा जायेगा कि १०३ साल बाद ६ मई को दो दूसरी हिंदी फिल्मों के साथ विक्रम भट्ट की हॉरर फिल्म १९२०- लंदन के टाइटल के साथ भी लंदन है। राजा हरिश्चन्द्र को मराठी,हिंदी और इंग्लिश सबटाइटल के साथ रिलीज़ किया गया था। इस फिल्म को पहले एक ही प्रिंट तैयार कर रिलीज़ किया गया। लेकिन, जैसे ही राजा हरिश्चन्द्र को दर्शकों की पसंदगी मिली, फालके ने इसके कई प्रिंट तैयार करवाए। इस फिल्म में दत्तात्रेय दामोदर डाबके ने राजा हरिश्चन्द्र का किरदार किया था। चूंकि, दादासाहेब को तारामती की भूमिका के लिए कोई महिला नहीं मिल रही थी, इसलिए खूबसूरत चेहरे वाले अन्ना सालुंके ने तारामती को धोती पहन कर किया था। फाल्के को अपनी फिल्म की तारामती यानि सालुंके एक रेस्टोरेंट के किचन में मिले थे,जहां वह रसोइये का काम करते थे। दादासाहेब के बड़े बेटे बालचंद्र डी फालके रोहितास बने थे। इस फिल्म की ओपनिंग राजा रवि वर्मा की राजा हरिश्चन्द्र और उनकी पत्नी तारामती की पेंटिंग के साथ होती थी। इस फिल्म के प्रमोशन में कहा जाता था - ५७ हजार फोटोग्राफ्स और दो मील लम्बी फिल्म का प्रदर्शन सिर्फ ३ आना में।
Labels:
Dadasaheb Phalke,
Indian Cinema,
Raja Harishchandra
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Friday, 29 April 2016
सनी लियॉन के साथ वन नाईट स्टैंड में तनुज वीरवानी
अपनी अदाकारी और
बोल्ड इमेज से बॉलिवुड में धमाल मचाने वाली सनी लियोनी बड़े पर्दे पर छाने के लिए
एक बार फिर से तैयार हैं, क्योंकि उनकी आनेवाली फिल्म ‘वन नाइट स्टैंड’ में भी हॉट सींस की भरमार है और हमेशा की तरह सनी इस फिल्म में भी हॉट
और सेक्सी अवतार में हैं।
सनी लियोन को पर्दे
पर बेहद हार्ट और मादकता से भरपूर अवतारों के लिए खास रूप से जाना जाता है।
स्वाभाविक रूप से उनकी फिल्म ‘वन नाइट स्टैंड’ भी इससे अछूती नहीं है, क्योंकि इस फिल्म में भी उन्होंने सभी सीमाओं को हरसंभव लांघने की
कोशिश की है। जैस्मीन डिसूजा के निर्देशन में बनी इस फिल्म का निर्माण स्विस
एंटरटेनमेंट कंपनी ने किया है, जबकि फिल्म में मुख्य भूमिका में सनी लियोनी एवं नायरा बनर्जी के साथ
अपने जमाने की खूबसूरत अभिनेत्री रति अग्निहोत्री के पुत्र तनुज विरानी हैं।
इस फिल्म के दो-दो
हिट गीत ‘लव यू सोनियो’
एवं ‘पुरानी जींस’ में सनी के साथ नजर आनेवाले 29 वर्षीय तनुज विरवानी से जब इस फिल्म में सनी के
अपोजिट काम करने के फैसले पर उनकी मां रति अग्निहोत्री की प्रतिक्रिया के बारे में
पूछा गया, तो उन्होंने कहा,
‘मैनें ये फिल्म साइन करने से पहले अपनी
मम्मी को बताया कि मैं सनी लियोनी के साथ एक फिल्म, जिसका नाम ‘वन नाइट स्टैंड’ है, करने जा रहा हूं, तो ये सुनकर उन्हें अच्छा लगा। बस, उन्होंने यही कहा कि देखो बेटा, जब सनी लियोन की फिल्म होती है, तो फिल्म में लोग उन्हें ज्यादा देखना चाहते हैं।
आप बस यह देखना कि आपका रोल अच्छा हो। किरदार चाहे छोटा ही सही, लेकिन दमदार होना चाहिए।’ तनुज ने बताया, ‘मेरी मां पहले दिन सेट पर भी आईं और वे सनी
लियोनी से मिली और उन्हें काफी खुशी हुईं।’
सनी ने बहुत ही कम
समय बहुत ज्यादा लोकप्रियता हासिल कर ली है, क्योंकि वह पर्दे पर चुंबन सीन देती हैं, बिकनी पहनती हैं और हॉट सींस देती हैं। लेकिन
उन्हें इस बात की शिकायत है कि आखिर उन्हें क्यों केवल मैं ‘बोल्ड दिवा’ की श्रेणी में ही घसीटा जाता है। लेकिन क्या ‘वन नाइट स्टैंड’ की अवधारणा उचित है? पूछने पर सनी कहती हैं, ‘इंडियन सोसाइटी में भी ऐसा होता है, लेकिन सच बात यह है कि इसे स्वीकार करना इतना
आसान नहीं होता। लेकिन, इस बारे में एक जरूर
कहूंगी कि इस एक बात से लोगों को उसके चरित्र के बारे में अनुमान नहीं लगा लेना
चाहिए। हो सकता है, इसका कारण एक विशेष
परिस्थिति हो या किसी का अकेलापन भी हो सकता है।’
फिल्म की कहानी के
बारे में पूछने पर निर्देशक जैस्मीन डिसूजा कहते हैं, ‘यह फिल्म दो लोगों के बीच गुजरी एक रात की कहानी
पर आधारित है, जिसमें दोनों के बीच
संबंध बनते हैं और फिर दोनों को प्यार हो जाता है।’ लेकिन इस अवधारणा के बारे में जैस्मीन डिसूजा
कहते हैं, ‘आमतौर पर लोगों की
मानसिकता का एक यह है कि जब एक लड़का या पुरुष कुछ गलत भी करे, तो यह उनकी ओर से ठीक है, लेकिन वही गलती अगर महिलाएं करें, तो बहुत बड़ा मुद्दा बना दिया जाता है। आखिर,
यह कहां का न्याय है? कुछ इसी तथ्य पर बेस्ड है फिल्म ‘वन नाइट स्टैंड।’
यह पूछने पर कि आखिर
महज 55 दिनों में फिल्म
कैसे कंप्लीट हो गई? निर्देशक ने कहा,
‘यह सब आपकी योजना पर निर्भर करता है। जब
आप सबकुछ योजनाबद्ध तरीके से और बेहतर ढंग से कार्यान्वित करते हैं, तो कुछ भी असंभव नहीं होता। मैं क्या और कैसा
चाहता था, सब कुछ पहले से तय
था, तो चीजें वास्तव में
आसानी से होती चली गईं। वैसे, मैं इसके लिए अपनी टीम का भी शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।’
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
मराठी चैनल "माय मराठी” के चीफ एडिटर श्री नंदकुमार वेंगुरलेकर का स्वर्गवास
नवोदित
मराठी चैनल "माय मराठी" के चीफ एडिटर श्री नंदकुमार वेंगुरलेकर का
बुधवार २७ अप्रैल २०१६ को उनके चारकोप स्तिथ निवास स्थान पर स्वर्गवास हो गया,
अपने पीछे वे
अपनी पत्नी, बेटी,
माता पिता और
प्रियजनों को छोड़ गए। 'नवाकाल',
'संध्याकाल',
'मुंबई संध्या'
जैसे कई अखबारों
के साथ पिछले २५ वर्षो से जुड़े रहे श्री नंदकुमार वेंगुरलेकर जी इस समय "माय
मराठी" के चीफ एडिटर थे। चैनल का पूरा परिवार श्री मनोज कोरे, श्री शगुन, श्री आभास व अन्य लोग दिवंगत आत्मा को
श्रद्धांजलि अर्पित करते है।
Labels:
श्रद्धांजलि
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Subscribe to:
Posts (Atom)