तमिल पथु तला, जिओ हॉट स्टार पर हिंदी में स्ट्रीम हो रही है। इस क्राइम एक्शन ड्रामा फिल्म में सीलाम्बरासन, गौतम कार्तिक, प्रिया भवानी शंकर, गौतम वासुदेव मेनन, आदि बड़े सितारे प्रमुख भूमिकाएं कर रहे है। फिल्म के निर्देशक ओबली एन कृष्णा है। उन्होंने ही फिल्म लिखी भी है। उन्होंने ही फिल्म में मुख्यमंत्री वज़ही करुणाकरण की भूमिका भी की है। यद्यपि, यह फिल्म कन्नड़ फिल्म मुफ़्ती की रीमेक फिल्म है।
इन सितारों को पहचानने वाले दर्शकों के फिल्म पथु तला को जिओ हॉटस्टार पर देखना बनता है। फिल्म में, सीलाम्बरासन ने अपराधियों का गिरोह चलाने वाले एजीआर की भूमिका की है। उसका राजनीति में दखल रहता है। अंडरकवर कॉप शक्तिवेल की भूमिका गौतम कार्तिक ने की है। गौतम वासुदेव मेनन ने उपमुख्यमंत्री नांजिलार गुणशेखरन की भूमिका की है। प्रिया भवानी शंकर तहसीलदार लीला थॉम्पसन बनी है।
फिल्म की कहानी मिटटी की तस्करी और अपराधी गिरोह चलाने वाले एजीआर की है, जिसे पकड़ने के लिए आईपीएस शक्तिवेल को अंडरकवर भेजा जाता है। एजीआर के निकट पहुंच कर, उसे मालूम पड़ता है कि एजीआर वास्तव में परोपकारी है और वह बुरे लोगों को ही मारता है। अर्थात सारे अपराध माफ़!
फिल्म को ओबली एन कृष्णा ने एस ए रामकृष्णन और नर्तन के साथ ओबली ने ही लिखा किन्तु, यह तीनों कहानी को सम्हाल नहीं पाए है। फिल्म में अविश्वसनीय से रहस्य खोले गए है। सीलाम्बरासन का चरित्र शैतान है या साधु ! शक्तिवेल अंडर कॉप एजेंट है या अपराधी ! लिखते समय इन सब की घालमेल कर दी गई है। शैतान को साधु बता दिया गया है। अंडर कप एजेंट को उसका सहयोगी पहचानता है, किन्तु, एजेंट उसे नहीं पहचानता। इतनी खूनखराबे वाली राजनीति किस राज्य की है, यह समझ से बाहर है। पुलिस बिलकुल लाचार दिखाई गई है।
फिल्म पथु तला में सीलाम्बरासन ने अपनी भूमिका अच्छी तरह से की है। किन्तु, इस गंभीर भूमिका को नाचते गाते दिखाना बॉक्स ऑफिस को ध्यान में रख कर किया गया है। फिर भी दोनों ही रूप में सीलाम्बरासन फबे है।
गौतम कार्तिक की शक्तिवेल उर्फ़ गुना की भूमिका अच्छी तरह से नहीं लिखी गई है। उन पर सीलाम्बरासन भारी पड़ते है। गौतम वासुदेव मेनन अपनी उपमुख्यमंत्री की नकारात्मक भूमिका में कुछ नए तेवर नहीं दिखा पाए है। वह कभी भारी, कभी असहाय जैसे दिखाई देते हैं। प्रिया भवानी शंकर अपनी भूमिका में जमी नहीं।
अपराध की पृष्ठभूमि पर बनी तमिल फिल्मकारों की त्रासदी है कि वह अपने खलनायक को नायक बनाने के लिए रॉबिनहुड टाइप का बना देते है। चाहे फिल्म ठग लाइफ हो या पथु तला ! जबकि, खलनायक को बुरा दिखा कर भी बॉक्स ऑफिस पर सफल बनाया जा सकता था। यही कारण है कि ३५ करोड़ के बजट में बनी फिल्म पथु तला बॉक्स ऑफिस पर ५५ करोड़ का ग्रॉस ही कर पाती है ।
