विवेक ओबेरॉय का, कंपनी जैसी
फिल्म से ज़बरदस्त शुरुआत के बावजूद बॉलीवुड में करियर जम नहीं सका।
दिलचस्प यह था कि चॉकलेटी चेहरा होने के बावजूद उन पर नकारात्मक
भूमिकाये खूब फबी।
शूटआउट एट लोखंडवाला,
रक्त चरित्र, जिला गाज़ियाबाद,
आदि फिल्मों में नकारात्मक भूमिकाये करने के बाद विवेक ओबेरॉय ने,
निर्देशक राकेश रोशन की हृथिक रोशन के सुपरहीरो वाली फिल्म कृष में काल की
खल भूमिका की।
वह इस भूमिका में वह इतना जमे कि शोहरत दक्षिण तक पहुँच गई।
नतीजे के
तौर पर, उन्हें फिल्म विवेगम (२०१७) में एक्टर अजित
के खिलाफ खलनायक बनने का मौका मिल गया। इस
फिल्म में, उनकी आर्यन सिंघा की भूमिका को काफी पसंद किया
गया। विवेक के अभिनय की सराहना हुई और
पुरस्कारों में नामांकन मिला।
उनकी इस भूमिका से प्रभावित हो कर, मलयालम फिल्मों के अभिनेता पृथ्वीराज ने
अपनी बतौर निर्देशक पहली फिल्म में मोहनलाल के खिलाफ खल भूमिका करने के लिए विवेक
ओबेरॉय को साइन कर लिया है ।
मोहनलाल की मुख्य
भूमिका वाली मलयालम फिल्म लूसिफ़ेर दो भाइयों के प्यार और धोखे की कहानी है।
इस फिल्म में मोहनलाल के अलावा,
निर्देशक पृथ्वीराज के भाई इंद्रजीत को भी लिया गया है।
मुरली गोपी की लिखी इस फिल्म में,
विवेक ओबेरॉय और मोहनलाल १६ साल बाद आमने सामने होंगे।
विवेक की पहली फिल्म कंपनी में मोहनलाल ने
पुलिस अधिकारी वीरापल्ली श्रीनिवासन की भूमिका की थी,
जो गैंगस्टर चंद्रकांत नागरे यानि विवेक ओबेरॉय को पकड़ना चाहता है।
इन दोनों किरदारों के टकराव के दृश्यों ने हिंदी दर्शकों की भरपूर तालियां बटोरी थी।
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