Friday, 4 January 2019

पहला शुक्रवार डरना बेकार

आम तौर पर बॉलीवुड, किसी साल के पहले शुक्रवार को खुद के लिए मनहूस मानता है। इसलिए कोई फिल्म पहले शुक्रवार रिलीज़ नहीं की जाती। कभी छोटे बजट की फ़िल्में ज़रूर रिलीज़ हो जाती है। इस शुक्रवार ४ जनवरी को, दो कम बजट की फ़िल्में मुंबई गैंगस्टर और इंग्लिश की टांय टांय फिस्स रिलीज़ हो रही है।  मुंबई गैंगस्टर के दो गैंगस्टर, हिंदी फिल्मों में बतौर नायक फ्लॉप होने वाले संजय कपूर और आर्या बब्बर बने हैं । दूसरी फिल्म कॉमेडी रोमांस इंग्लिश की टांय टांय फिस्स में राजपाल यादव, मनोज जोशी, गोविन्द नामदेव, सुनील पाल, मुश्ताक़ खान और विजु खोटे जैसे अपने सशक्त अभिनय से पहचान बनाने वाले एक्टर हैं।  लेकिन, इन दोनों ही फिल्मों के कलाकारों का बतौर नायक इतना दबदबा नहीं है कि बॉक्स ऑफिस पर दर्शक बटोर ला सकें। इसलिए यह फ़िल्में पहले शुक्रवार रिलीज़ होती या किसी दूसरे, क्या फर्क पड़ता है !  

लेकिन, बड़ी फिल्मों को फर्क

लेकिनबड़े बजट और बड़े सितारों वाली फिल्मों को पहले शुक्रवार से फर्क पड़ता है। यह शुक्रवार उनके लिए मनहूस है। क्यों माना जाता है पहले शुक्रवार को मनहूस ? पहले शुक्रवार को मनहूस मानने का सिलसिला २००० में बना था, जब पहले शुक्रवार दो बड़ी फ़िल्में टी रामाराव निर्देशित रजनीकांत, अनिल  कपूर, रेखा और रवीना टंडन अभिनीत पारिवारिक ड्रामा फिल्म बुलंदी और
धर्मेश दर्शन निर्दशित आमिर खान और उनके भाई फैसल खान तथा ट्विंकल खन्ना अभिनीत मसाला एक्शन फिल्म मेला रिलीज़ हुई थी ।  यह दोनों ही फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर इस बुरी तरह से असफल हुई कि अपनी लागत तक नहीं निकाल सकी। बड़े सितारों और बड़े निर्देशकों की बड़े बजट की दो फिल्मों के असफलता से बॉलीवुड कुछ इतनी दहशत में आ गया।
रानी मुख़र्जी और विद्या बालन की सफलता
अब यह बात दीगर है कि २०११ में, रानी मुख़र्जी और विद्या बालन की मुख्य भूमिका वाली फिल्म नो वन किल्ड जेसिका हिट हो गई।  दिल्ली के एक बार की वैट्रेस जेसिका लाल हत्याकांड पर इस फिल्म को राजकुमार गुप्ता ने निर्देशित किया था।  इस फिल्म के निर्माण में  ९ करोड़ खर्च हुए थे और फिल्म ने बॉक्स  ऑफिस पर ५८ करोड़ का कारोबार कर डाला था। अलबत्ता, इस फिल्म के साथ रिलीज़ निर्देशक राहत काज़मी की रोमकॉम फिल्म  इमपेशेंट विवेक को दर्शक नहीं मिले। 


उत्साहित अब्बास- मुस्तान जोड़ी
शायद, निर्माता निर्देशक जोड़ी अब्बास और मुस्तान की पहले शुक्रवार को रिलीज़ नो वन किल्ड जेसिका की सफलता ने थ्रिल पैदा किया था।  इस जोड़ी ने अपनीहॉलीवुड की हिट डकैती फिल्म द इटैलियन जॉब की हिंदी रीमेक फिल्म प्लेयर्स पहले शुक्रवार ६ जनवरी २०१२ को रिलीज़ कर दी। फिल्म में अभिषेक बच्चन, बॉबी देओल, विनोद खन्ना, बिपाशा बासु, नील नितिन मुकेश, सोनम कपूर, सिकंदर खेर और ओमी वैद्य जैसे सितारों का जमावड़ा था ।  उम्मीद की जाती थी कि फिल्म के आधा दर्जन प्रतिष्ठित सितारे ही फिल्म को हिट बना डालेंगे। लेकिन, फिल्म को पहले शुक्रवार की मनहूसियत ने निगल लिया। ७० करोड़ के बजट से बनी प्लेयर्स, बॉक्स ऑफिस पर ७५ करोड़ कमाने में ही हांफ गई।


प्लेयर्स की असफलता के बाद
प्लेयर्स की असफलता के साथ ही बड़ी फिल्मों ने पहले शुक्रवार पर ताला जड़ दिया।  इसके बाद २०१३ में टेबल नंबर १, देहरादून डायरी और मेरी शादी कराओ, २०१४ में अरशद वारसी की मिस्टर जो बी कार्वाल्हो और १९७५ की शोले का त्रिआयामी संस्करण शोले ३डी, २०१५ में नकुल वैद की इंटरनेशनल, मुंबई कैन डांस साला और टेक इट इजी, २०१६ में  नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी की मानसून शूट आउट रिलीज़ हो कर असफल हुई। यही कारण था कि पिछले दो सालों में, हिंदी दर्शकों को कोई भी फिल्म पहले शुक्रवार देखने को नहीं मिली।


सचमुच मनहूस शुक्रवार !
क्या, किसी साल का पहला शुक्रवार सचमुच मनहूस होता है ? नो वन किल्ड जेसिका जैसी फिल्मे साबित करती है कि अगर फिल्म अच्छी बनी होगी तो दर्शक देखने ज़रूर आएगा। बुरी बनी फिल्मों को दर्शकों का टोटा हो जाता है।  अब चाहे वह प्लेयर्स हो या मेला या फिर बुलंदी, बॉक्स ऑफिस की बुलंदी छूने के प्रयास में मुंह के बल गिरना ही होता है । वैसे हर साल, क्रिसमस वीकेंड पर रिलीज़ हिट फिल्मों के कारोबार का बड़ा हिस्सा इस पहले शुक्रवार में आता है।   

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