प्रमुख म्यूजिक कंपनी यूनिवर्सल म्यूजिक के रोस्टर में पहला नाम न्यू यॉर्क/ न्यू जर्सी के पॉप सेंसेशन अमृत दासु उर्फ़ दासु का जुड़ गया है। दासु, एशिया के सबसे सफल म्यूजिक प्रोडूसर ऋषि रिच की खोज हैं। उन्होंने दासु की प्रतिभा को पहचाना और अपने प्रशिक्षण में ले लिया। इसी का नतीज़ा है कि आज दासु का संगीत की दुनिया से परिचय यूनिवर्सल म्यूजिक समूह के ज़रिये हो रहा है। दासु का पहला सिंगल 'दिल क्या करे (डिड आई लव यू ?) ऋषि रिच और दासु ने लिखा है। ऋषि रिच ने १९७५ के फिल्म जूली के हिट गीत दिल क्या करे का मुखड़ा लेकर गीत तैयार किया है। इस गीत के वीडियो में लीड एक्ट्रेस मल्लिका शेरावत दासु के साथ गोवा की खूबसूरत लोकेशन में नज़र आती हैं। इस वीडियो का निर्देशन इमैजिक मीडिया की नमीता प्रेमकुमार ने किया है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Friday, 22 January 2016
ऋषि रिच के साथ अमृत दासु के सिंगल में मल्लिका शेरावत
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गीत संगीत
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
कुंग फु पांडा ३ में श्रेक और डंकी
कुंग फु पांडा ३ के ट्रेलर से पता चलता है कि इस पांडा भालू की फिल्म में श्रेक और डंकी भी कैमिया रोल में हैं। २९ जनवरी को पूरी दुनिया में रिलीज़ होने जा रही जेनिफर यूह नेल्सन की इस फिल्म में पो पांडा का लम्बे समय से बिछड़े अपने पिता से मिलना होता है। दोनों बहुत खुश हैं और पांडाओं के निवास अन्य पांडाओं से मिलने जाते हैं। इन नए पाड़ा करैक्टर के कारण फिल्म में कई रोचक क्षण आते हैं। लेकिन, तमाम माहौल तब बदल जाता ही एक सुपरनेचुरल विलेन काई चीन के कुंग फु मास्टरों को हराता हुआ पूरे चीन को अपनी गिरफ्त में ले लेता है। ऐसे में पो को अपने गाँव वालों को अपने कुंग फु बैंड का सदस्य बनाने के लिए कुंग फु सिखाने का असंभव काम करना है। जोनाथन ऐबेल और ग्लेंन बर्जर की स्क्रिप्ट पर एनिमेटेड चरित्रों को आवाज़ जैक ब्लैकरिटर्न्स (पो), जेके सिमंस (काई), डस्टिन हॉफमैन (शिफू), डेविड क्रॉस (क्रेन), एंजेलिना जोली (शेरनी), केट हडसन (मेई मेई), मैड्स मिकेलसन , डैनी मैकब्राइड, लूसी लिउ (वाईपर), सेठ रोगन (मैंटिस), जैकी चैन (मंकी), जेम्स होन्ग (मिस्टर पिंग) और ब्रयान क्रांस्टन (ली) ने दी है। इस कंप्यूटर एनिमेटेड एक्शन एडवेंचर फिल्म में हास्य के बहुत से क्षण हैं, जो कुंग फु पांडा सीरीज की इस तीसरी फिल्म को यादगार बना देगी।
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Hollywood
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बॉक्स ऑफिस पर उठेगा या उठ जायेगा सनी का ढाई किलो का हाथ !
सनी देओल की फिल्म घायल वन्स अगेन १५ जनवरी को रिलीज़ होने वाली थी। २०११ में तीन देओलों सनी, बॉबी और धर्मेन्द्र की एक्शन कॉमेडी ड्रामा फिल्म यमला पगला दीवाना १४ जनवरी को रिलीज़ हुई थी। यह फिल्म बड़ी हिट साबित हुई थी। इससे यह उम्मीद थी कि इस साल १५ जनवरी को रिलीज़ हो रही सनी देओल की फिल्म घायल वन्स अगेन भी बड़ी हिट साबित होगी। क्योंकि, यह फिल्म १९९० में रिलीज़ सनी देओल की सुपर हिट फिल्म घायल की सीक्वल फिल्म थी। लेकिन, कुछ तकनीकी कारणों से सनी की यह फिल्म ५ फरवरी तक के लिए टाल दी गई। ज़ाहिर है कि सनी देओल के प्रशंसकों को घोर निराशा हुई होगी। क्योंकि, वह सनी देओल के ढाई किलो के हाथ के फैन हैं और उसे बॉक्स ऑफिस पर उठते हुए देखना चाहते हैं।
मासूम क्रुद्ध छात्र 'अर्जुन'
सनी देओल ने १९८३ में फिल्म बेताब से डेब्यू किया था। यह थोड़ी रोमांटिक, थोड़ी एक्शन वाली फिल्म थी। इस फिल्म के बाद रिलीज़ फ़िल्में सनी, मंज़िल मंज़िल, सोहनी महिवाल और ज़बरदस्त भी कुछ ऐसे ही मसालों से भरी फ़िल्में थी। यह वह समय था, जब अमिताभ बच्चन के क्रुद्ध युवा की तूती बोला करती थी। ऐसे में अपनी जगह बनाना आसान नहीं था। उस समय अनिल कपूर, संजय दत्त, जैकी श्रॉफ, आदि अभिनेता एक्शन के ज़रिये बॉलीवुड को लुभाने में जुटे थे। ऋषि कपूर रोमांटिक हीरो के रूप में उभरे थे। कुमार गौरव गुल हो गए थे। अपने शारीरिक गठन के कारण सनी देओल रोमांटिक भूमिकाओं में फिट नहीं बैठते थे। सोहनी महिवाल की असफलता सामने थी। ऐसे समय में, एक बार फिर बेताब के निर्देशक राहुल रवैल आगे आये। उन्होंने अपनी फिल्म अर्जुन में सनी देओल को कॉलेज के भोले भाले मासूम छात्र का चोला पहनाया, जो अपने परिवार और मित्रों पर अत्याचार के कारण हिंसा करने के लिए मज़बूर होता है।
इमेज बदलना था ज़रूरी
लेकिन, ठीक इसी समय अनिल कपूर भी सीधे सादे क्रुद्ध युवा को परदे पर पेश कर रहे थे। यह वह समय था, जब हर डेब्यू एक्टर क्रोधित हो कर हिंसा कर रहा था। हर एक्टर का सपना सुपर स्टार बनने का था। शोले और दीवार जैसी फिल्म के दौर में एक्शन हॉट केक की तरह बिक रहा था। संजय दत्त ने अपने गठीले शरीर को हथियार बना कर कभी डॉन या असामाजिक बन कर एक्शन किया। जीतेन्द्र ने पारिवारिक फिल्मों का रास्ता पकड़ा। गोविंदा और मिथुन चक्रवर्ती डांसिंग स्टार बने, जो मौका लगने पर एक्शन भी कर लेते थे। इसी दौर में राज बब्बर, रजनीकांत, शत्रुघ्न सिन्हा, विनोद खन्ना, आदि अमिताभ बच्चन को चुनौती पेश कर रहे थे। उसी समय सनी देओल के पिता धर्मेन्द्र का सितारा भी बुलंद था। ज़ाहिर है कि सनी देओल को इन सभी से जुदा एंग्री यंगमैन बनना था।
कमीज फाड़ने वाला क्रुद्ध युवा
ऐसे समय में निर्देशक राजकुमार संतोषी की फिल्म घायल रिलीज़ हुई। यह संतोषी की बतौर निर्देशक पहली फिल्म थी। राजकुमार संतोषी ने बड़ी चतुराई से सनी देओल की सभी खामियों को छुपाते हुए खूबियों को उभारा। राहुल रवैल ने सनी देओल के चेहरे के भोलेपन को हथियार बनाया था। राजकुमार संतोषी ने इसे बरकरार रखते हुए सनी के गठीले शरीर का खूब दोहन किया। घायल में भी सनी देओल एक छात्र की भूमिका में थे, जिसके भाई को एक ड्रग माफिया द्वारा मार दिया जाता है और उसे भाई का हत्यारा बता का जेल भेज दिया जाता है। उस पर भाभी के साथ अवैध सम्बन्ध रखने का आरोप भी लगता है। तब उसका खून खौल उठता है और वह ड्रग माफिया का खात्मा करने के लिए हिंसा का रास्ता अपनाता है। यह पहली फिल्म थी, जिसमे सनी देओल की कमीज फड़वा कर उनकी गठीली छाती और बाजुओं को दिखाया गया था। दर्शक इस जांबाज़ क्रुद्ध युवा के दीवाने हो गए। घायल आमिर खान की फिल्म दिल के सामने भी सुपर हिट साबित हुई। फिल्म के लिए सनी देओल को नेशनल फिल्म अवार्ड में स्पेशल जूरी अवार्ड दिया गया।
ढाई किलो का हाथ- आदमी उठता नहीं उठ जाता है
लेकिन, सनी देओल का हाथ ढाई किलो का साबित हुआ तीन साल बाद। यह फिल्म भी राजकुमार संतोषी की ही थी। घर वालों के बलात्कार का शिकार नौकरानी को इन्साफ दिलाने वाली दामिनी की इस कहानी में सनी देओल दामिनी के शराबी वकील बने थे। सरकारी वकील चड्ढा के साथ नोंकझोंक के एक सीन में सनी देओल अपने ढाई किलो के हाथ का ज़िक्र करते हैं, जो पड़ता है तो आदमी उठता नहीं उठ जाता है। सनी के इस डायलाग पर सिनेमाहॉल सीटियों और तालियों की आवाज़ से गूँज उठते थे। ऋषि कपूर, मीनाक्षी शेषाद्रि और अमरीश पुरी जैसे दिग्गज़ों की मौजूदगी के बावजूद दामिनी सनी देओल की फिल्म बन गई। उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल फिल्म अवार्ड मिला।
ट्रेड मार्क बन गया
इसके बाद सनी देओल का ढाई किलो का हाथ उनका ट्रेड मार्क बन गया। वह अपने ज़ोरदार मुक्कों की बरसात करते हुए दसियों गुंडों को हवा मे उड़ा देते थे। दर्शक उनकी इस जांबाजी को देखने के लिए ब्लैक में टिकट खरीदता था। उनकी, एक के बाद एक अंगरक्षक, हिम्मत, जीत, अजय, घातक, बॉर्डर, ज़िद्दी, ज़ोर, अर्जुन पंडित, आदि फ़िल्में हिट होती चली गई। इंतेहा हुई २००१ में, जब सनी देओल ने अपनी फिल्म से दूसरी बार आमिर खान को मात दी थी। ग़दर एक प्रेमकथा के सामने आमिर खान की फिल्म लगान रिलीज़ हुई थी। एक तरफ लगान में आमिर खान और उनके साथी क्रिकेट की गेंद हवा में उछाल रहे थे, उधर सनी देओल के ज़ोरदार मुक्कों से पाकिस्तानी हवा में उठ कर उठ जा रहे थे। अब सनी देओल ऐसे एंग्रीमैन बन गए थे, जिसके ढाई किलो के हाथ से आदमी हवा में उठता ही नहीं, उठ जाता है।
आज सनी देओल को इंडस्ट्री में ३३ साल हो गए हैं। उनके समकालीन दूसरे क्रुद्ध युवा थक कर चरित्र भूमिकाओं में आ गए हैं। सनी देओल भी अब युवा नहीं रहे। इस साल १९ अक्टूबर को वह ६० साल के हो जायेंगे। लेकिन, वह आज भी हीरो बन कर आ रहे हैं। बेशक उनकी भूमिकाये अब काफी परिपक्व हो गई है। लेकिन, उनका हाथ आज भी ढाई किलो का माना जाता है। दर्शकों को इंतज़ार रहता है सनी देओल की फिल्मों का, स्क्रीन पर उठे उनके ढाई किलो के हाथ का और इस हाथ के प्रहार से हवा में लहराते दुश्मनों का। दर्शकों में कुछ ऐसा ही
इंतज़ार घायल वन्स अगेन के लिए भी है। क्या वन्स अगेन घायल सनी देओल का मुक्का ढाई किलो का साबित होगा?
अल्पना कांडपाल
मासूम क्रुद्ध छात्र 'अर्जुन'
सनी देओल ने १९८३ में फिल्म बेताब से डेब्यू किया था। यह थोड़ी रोमांटिक, थोड़ी एक्शन वाली फिल्म थी। इस फिल्म के बाद रिलीज़ फ़िल्में सनी, मंज़िल मंज़िल, सोहनी महिवाल और ज़बरदस्त भी कुछ ऐसे ही मसालों से भरी फ़िल्में थी। यह वह समय था, जब अमिताभ बच्चन के क्रुद्ध युवा की तूती बोला करती थी। ऐसे में अपनी जगह बनाना आसान नहीं था। उस समय अनिल कपूर, संजय दत्त, जैकी श्रॉफ, आदि अभिनेता एक्शन के ज़रिये बॉलीवुड को लुभाने में जुटे थे। ऋषि कपूर रोमांटिक हीरो के रूप में उभरे थे। कुमार गौरव गुल हो गए थे। अपने शारीरिक गठन के कारण सनी देओल रोमांटिक भूमिकाओं में फिट नहीं बैठते थे। सोहनी महिवाल की असफलता सामने थी। ऐसे समय में, एक बार फिर बेताब के निर्देशक राहुल रवैल आगे आये। उन्होंने अपनी फिल्म अर्जुन में सनी देओल को कॉलेज के भोले भाले मासूम छात्र का चोला पहनाया, जो अपने परिवार और मित्रों पर अत्याचार के कारण हिंसा करने के लिए मज़बूर होता है।
इमेज बदलना था ज़रूरी
लेकिन, ठीक इसी समय अनिल कपूर भी सीधे सादे क्रुद्ध युवा को परदे पर पेश कर रहे थे। यह वह समय था, जब हर डेब्यू एक्टर क्रोधित हो कर हिंसा कर रहा था। हर एक्टर का सपना सुपर स्टार बनने का था। शोले और दीवार जैसी फिल्म के दौर में एक्शन हॉट केक की तरह बिक रहा था। संजय दत्त ने अपने गठीले शरीर को हथियार बना कर कभी डॉन या असामाजिक बन कर एक्शन किया। जीतेन्द्र ने पारिवारिक फिल्मों का रास्ता पकड़ा। गोविंदा और मिथुन चक्रवर्ती डांसिंग स्टार बने, जो मौका लगने पर एक्शन भी कर लेते थे। इसी दौर में राज बब्बर, रजनीकांत, शत्रुघ्न सिन्हा, विनोद खन्ना, आदि अमिताभ बच्चन को चुनौती पेश कर रहे थे। उसी समय सनी देओल के पिता धर्मेन्द्र का सितारा भी बुलंद था। ज़ाहिर है कि सनी देओल को इन सभी से जुदा एंग्री यंगमैन बनना था।
कमीज फाड़ने वाला क्रुद्ध युवा
ऐसे समय में निर्देशक राजकुमार संतोषी की फिल्म घायल रिलीज़ हुई। यह संतोषी की बतौर निर्देशक पहली फिल्म थी। राजकुमार संतोषी ने बड़ी चतुराई से सनी देओल की सभी खामियों को छुपाते हुए खूबियों को उभारा। राहुल रवैल ने सनी देओल के चेहरे के भोलेपन को हथियार बनाया था। राजकुमार संतोषी ने इसे बरकरार रखते हुए सनी के गठीले शरीर का खूब दोहन किया। घायल में भी सनी देओल एक छात्र की भूमिका में थे, जिसके भाई को एक ड्रग माफिया द्वारा मार दिया जाता है और उसे भाई का हत्यारा बता का जेल भेज दिया जाता है। उस पर भाभी के साथ अवैध सम्बन्ध रखने का आरोप भी लगता है। तब उसका खून खौल उठता है और वह ड्रग माफिया का खात्मा करने के लिए हिंसा का रास्ता अपनाता है। यह पहली फिल्म थी, जिसमे सनी देओल की कमीज फड़वा कर उनकी गठीली छाती और बाजुओं को दिखाया गया था। दर्शक इस जांबाज़ क्रुद्ध युवा के दीवाने हो गए। घायल आमिर खान की फिल्म दिल के सामने भी सुपर हिट साबित हुई। फिल्म के लिए सनी देओल को नेशनल फिल्म अवार्ड में स्पेशल जूरी अवार्ड दिया गया।
ढाई किलो का हाथ- आदमी उठता नहीं उठ जाता है
लेकिन, सनी देओल का हाथ ढाई किलो का साबित हुआ तीन साल बाद। यह फिल्म भी राजकुमार संतोषी की ही थी। घर वालों के बलात्कार का शिकार नौकरानी को इन्साफ दिलाने वाली दामिनी की इस कहानी में सनी देओल दामिनी के शराबी वकील बने थे। सरकारी वकील चड्ढा के साथ नोंकझोंक के एक सीन में सनी देओल अपने ढाई किलो के हाथ का ज़िक्र करते हैं, जो पड़ता है तो आदमी उठता नहीं उठ जाता है। सनी के इस डायलाग पर सिनेमाहॉल सीटियों और तालियों की आवाज़ से गूँज उठते थे। ऋषि कपूर, मीनाक्षी शेषाद्रि और अमरीश पुरी जैसे दिग्गज़ों की मौजूदगी के बावजूद दामिनी सनी देओल की फिल्म बन गई। उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल फिल्म अवार्ड मिला।
ट्रेड मार्क बन गया
इसके बाद सनी देओल का ढाई किलो का हाथ उनका ट्रेड मार्क बन गया। वह अपने ज़ोरदार मुक्कों की बरसात करते हुए दसियों गुंडों को हवा मे उड़ा देते थे। दर्शक उनकी इस जांबाजी को देखने के लिए ब्लैक में टिकट खरीदता था। उनकी, एक के बाद एक अंगरक्षक, हिम्मत, जीत, अजय, घातक, बॉर्डर, ज़िद्दी, ज़ोर, अर्जुन पंडित, आदि फ़िल्में हिट होती चली गई। इंतेहा हुई २००१ में, जब सनी देओल ने अपनी फिल्म से दूसरी बार आमिर खान को मात दी थी। ग़दर एक प्रेमकथा के सामने आमिर खान की फिल्म लगान रिलीज़ हुई थी। एक तरफ लगान में आमिर खान और उनके साथी क्रिकेट की गेंद हवा में उछाल रहे थे, उधर सनी देओल के ज़ोरदार मुक्कों से पाकिस्तानी हवा में उठ कर उठ जा रहे थे। अब सनी देओल ऐसे एंग्रीमैन बन गए थे, जिसके ढाई किलो के हाथ से आदमी हवा में उठता ही नहीं, उठ जाता है।
आज सनी देओल को इंडस्ट्री में ३३ साल हो गए हैं। उनके समकालीन दूसरे क्रुद्ध युवा थक कर चरित्र भूमिकाओं में आ गए हैं। सनी देओल भी अब युवा नहीं रहे। इस साल १९ अक्टूबर को वह ६० साल के हो जायेंगे। लेकिन, वह आज भी हीरो बन कर आ रहे हैं। बेशक उनकी भूमिकाये अब काफी परिपक्व हो गई है। लेकिन, उनका हाथ आज भी ढाई किलो का माना जाता है। दर्शकों को इंतज़ार रहता है सनी देओल की फिल्मों का, स्क्रीन पर उठे उनके ढाई किलो के हाथ का और इस हाथ के प्रहार से हवा में लहराते दुश्मनों का। दर्शकों में कुछ ऐसा ही
इंतज़ार घायल वन्स अगेन के लिए भी है। क्या वन्स अगेन घायल सनी देओल का मुक्का ढाई किलो का साबित होगा?
अल्पना कांडपाल
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
वायआरऍफ़ मूवीज : अब डिश और स्लिंग इंटरनेशनल पर
यश राज फिल्मस द्वारा निर्मित फ़िल्में डिश और स्लिंग इंटरनेशनल पर ऑन डिमांड उपलब्ध हो गई है। स्लिंग इंटरनेशनल नार्थ अमेरिका बाजार का बड़ा खिलाड़ी है। इस पर वायआरएफ की फ़िल्में यशराज बैनर की फिल्मों के लिए बड़ा बाजार खोल सकती हैं। इस समय यशराज बैनर की ब्लॉकबस्टर फ़िल्में धूम ३, एक था टाइगर और जब तक है जान रोमांटिक और हल्केफुल्के मनोरंजन वाली चांदनी, दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे और दिल तो पागल है के अलावा हालिया प्रशंसित और बहुचर्चित फ़िल्में दम लगा के हईशा और डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी भी कैटेलॉग में उपलब्ध हैं।
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आज जी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Thursday, 21 January 2016
इमरान हाश्मी के वॉयस मॉडुलेशन के साथ "राज रिलोडेड"
२००२ में शुरू राज़ सीरीज की फिल्मों की चौथी कड़ी राज़ रीलोडेड का प्री प्रोडक्शन तेज़ी पर है। यह तय हो गया है कि राज़ सीरीज की चौथी कड़ी में इमरान हाश्मी ही नायक होंगे। यह उनकी राज़ सीरीज में चौथी फिल्म होगी। इस फिल्म में इमरान हाश्मी बहुत ही चैलेंजिंग किरदार निभाते हुए नज़र आएंगे। राज़ सीरीज की फिल्मों में भटकती आत्माओं या दुष्ट आत्माओं का रोल अहम होता है। राज़ रीलोडेड भी इसी कड़ी में है। अलबत्ता, यह पहली बार होगा कि पिछली दो फिल्मों में आम आदमी का किरदार करने वाले एक्टर इमरान हाशमी इस फिल्म में एक वैम्पायर यानि पिशाच की भूमिका में होंगे। पिशाचों के बारे में कहा जाता है कि वह इंसानी खून पीते हैं। इस लिहाज़ से इमरान हाश्मी को अपने सामान्य चेहरे पर एक पिशाच का चेहरा लगाना होगा। लेकिन, इसमे ख़ास होगी उनकी आवाज़। राज़ : द मिस्ट्री कॉन्टीन्यूज में कंगना रनौत के शरीर में बुरी आत्मा प्रवेश करती थी। कंगना ने ऐसे सीक्वेंस के लिए काफी मेहनत की थी। कुछ ऎसी ही मेहनत इमरान हाश्मी को राज़ रीलोडेड में अपने किरदार के लिए करनी पड़ रही है। फिलहाल इमरान हाश्मी फिल्म अज़हर में व्यस्त हैं। इस फिल्म का काम पूरा होते ही वह विक्रम भट्ट निर्देशित इस फिल्म में व्यस्त हो जायेंगे। अपने किरदार को और मजबूत बनाने के लिए वॉइस मॉडुलेशन वर्कशॉप जायेंगे। यह जरुरी भी है क्यूंकि किरदार की विशेष वॉइस टोन है । फिल्म से जुड़े सूत्रों का कहना है, " अगर तकनीकी तौर पर बात करे तो यह किरदार इन्सान का नहीं है। इसलिए इमरान नहीं चाहते की उनकी आवाज उनकी दूसरे फिल्मो जैसी लगे। इसलिए वे अपने आवाज पर काम करेंगे और वॉइस मॉडुलेशन के लिए प्रोफेशनल वॉइस कोच से ट्रेनिंग लेंगे। इमरान वॉइस वर्कशॉप फिल्म के शूटिंग के पूर्व से शुरुआत करेंगे और शूटिंग के दौरान भी वे वॉइस मॉडुलेशन वर्कशॉप जायेंगे तथा फिल्म की डबिंग के समय भी वॉइस एक्सपर्ट इमरान के साथ होंगे।" इमरान हाश्मी की पिछली हिट फिल्म राज़ सीरीज की तीसरी फिल्म राज़ ३ डी थी। यह फिल्म २०१२ में रिलीज़ हुई थी। इसके बाद से अब तक इमरान हाशमी रश, एक थी डायन, घनचक्कर, राजा नटवरलाल, उंगली, मिस्टर एक्स और हमारी अधूरी कहानी जैसी सात असफल फ़िल्में दे चुके हैं। उन्हें एक हिट फिल्म की सख्त ज़रुरत है। क्या राज़ रीलोडेड उनके करियर को रीलोड कर पाएगी ?
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Wednesday, 20 January 2016
क्या सचमुच नायिका के 'सॉफ्ट टॉयज' हैं नायक !
ग्रेट ग्रैंड मस्ती की स्टार कास्ट देखिये। मस्ती और ग्रैंड मस्ती के विवेक ओबेरॉय, आफताब शिवदासानी और रितेश देशमुख अपनी अपनी भूमिकाओं में हैं। लेकिन, इनकी फीमेल काउंटरपार्ट बदल चुकी हैं। उर्वशी रौतेला, मिष्ठी, श्रद्धा दास, पूजा चोपडा, सोनल चौहान और सोनाली राउत इन तीन नायकों की पत्नियों और प्रेमिकाओं के किरदार में हैं। दर्शकों में मस्ती सीरीज की फिल्मों के जितने जाने पहचाने चेहरे विवेक, रितेश और आफताब के हैं, उतनी यह आधा दर्जन अभिनेत्रियां नहीं हैं। लेकिन, इसके बावजूद यह अभिनेत्रियां अपने नायकों की मोहताज़ नही । विवेक ओबेरॉय, आफताब शिवदासानी और रितेश देशमुख जहाँ द्विअर्थी संवादों और अपनी हास्य अभिनय शैली से दर्शकों को हँसाते हैं, वही उर्वशी रौतेला, सोनल चौहान और सोनाली राउत अपनी सेक्स अपील से फिल्म के प्रति दर्शकों में आकर्षण पैदा करती हैं।
सपोर्ट में हैं
वज़ीर के दर्शक जानते हैं कि फिल्म में फरहान अख्तर की पत्नी के किरदार में अभिनेत्री अदिति राव हैदरी के करने के लिए कुछ नहीं था। पूरी फिल्म अमिताभ बच्चन और फरहान अख्तर के किरदारों के कन्धों पर चल रही थी। लेकिन, तमाम दूसरी फिल्मों के ठीक यही कहानी नहीं। राजा कृष्ण मेनन की एक्शन थ्रिलर फिल्म 'एयरलिफ्ट' अक्षय कुमार के किरदार रंजीत कत्याल की जांबाजी पर केंद्रित है। लेकिन, फिल्म में उनकी पत्नी अमृता का किरदार कर रही निम्रत कौर रोती-सुबकती परंपरागत भारतीय नारी नहीं। वह अक्षय कुमार को अपने भावाभिनय से सपोर्ट करती हैं। इसके ठीक विपरीत आर बाल्की की फिल्म 'की एंड का' में करीना कपूर एक वर्किंग वुमन बनी हैं। रोजगार के लिहाज़ से इस बेमेल जोड़े की कहानी में अर्जुन कपूर शेफ के किरदार में हैं, जो अपनी कामकाजी पत्नी के लिए खाना बना कर उसका इंतज़ार करता है।
सेक्स बम के साथ सॉफ्ट टॉयज
क्या कूल हैं हम ३ में एक गीत रचा गया था मैं हूँ तेरी सॉफ्ट टॉय। फिल्म की निर्माता एकता कपूर को यह गीत हर प्रकार से बढ़िया लगा। लेकिन, वह इस गीत को महिला दृष्टिकोण से रखना चाहती थी। इसलिए उन्होंने बोल बदलवा कर तुम हो मेरे सेक्स टॉय करवा दिया। क्या कूल हैं हम ३ में सेक्स बम नायिका मंदाना करीमी के सेक्स टॉयज तुषार कपूर और आफताब शिवदासानी हैं, जो पोर्न फिल्मों के एक्टर हैं। यह दोनों एक्टर अपने पोर्न एक्शन मंदाना करीमी के किरदार के इर्दगिर्द ही आजमाते हैं। पोर्न-कॉम हो या सेक्स कॉमेडी या सेक्स इरोटिका फ़िल्में इनके पुरुष किरदार महिला किरदारों के सॉफ्ट टॉयज जैसे ही होते हैं। इन पुरुष किरदारों का हर हावभाव महिला किरदारों द्वारा ही आजमाया गया होता है। सनी लियॉन की फ़िल्में इसका खास उदाहरण है। लियॉन की सभी फ़िल्में उनके किरदार/किरदारों पर केंद्रित होती है। क्या कूल हैं हम ३ के ठीक अगले शुक्रवार रिलीज़ होगी सनी लियॉन एडल्ट कॉमेडी फिल्म 'मस्तीज़ादे' । इस फिल्म में सनी लियॉन का दोहरा किरदार है। फिल्म का शीर्षक बेशक तुषार कपूर और वीर दास के किरदारों के कारण मस्तीज़ादे रखा गया है। लेकिन, इन किरदारों की मस्ती सनी लियॉन की लिली लेले और लैला लेले के कारण हैं। कार धुलाई करती सनी लियॉन फिल्म के ट्रेलर में ही दर्शकों की धुलाई करती नज़र आ रही हैं। तुषार कपूर और वीर दास तो द्विअर्थी सनी केले और आदित्य चोतिया ही हैं। इस साल रिलीज़ होने जा रही सनी लियॉन की दूसरी फिल्म वन नाईट स्टैंड भी सनी लियॉन की इरोटिका फंतासी फिल्म बताई जा रही है। इस फिल्म का कितना दारोमदार सनी लियॉन पर होगा कि फिल्म एक पहेली लीला में उनके नायक रजनीश दुग्गल बीच रास्ते में फिल्म छोड़ कर चले गए। अब उनकी जगह पुराने जमाने की हीरोइन रति अग्निहोत्री के फ्लॉप बेटे तनुज विरवानी आ गए। हालाँकि, रजनीश दुग्गल फिल्म 'बेईमान लव' में सनी लियॉन के साथ गर्मागर्म रोमांस कर रहे हैं। यह पूरी फिल्म वुमन सेंट्रिक है।
एक्शन को ताक़त देते किरदार
हिंदी फिल्मों का चेहरा काफी बदला है। एक्शन है तो इमोशन भी खूब है। नारी किरदार मज़बूत हैं। साला खडूस को ही लीजिये। एक्टर माधवन बॉक्सिंग कोच की भूमिका में हैं। उन्हें चुका हुआ माना जा चुका है, जो किसी को चैंपियन नहीं बना सकता। उसे खुद को काबिल साबित करना है। रीतिका सिंह का किरदार बॉक्सर बनने की इच्छुक लड़की का है। वह रीतिका को चैंपियन बॉक्सर बना कर ही दम लेता है। इस कहानी में रीतिका सिंह का दमदार किरदार और अभिनय माधवन के बॉक्सिंग कोच की बखूबी मदद करता है। घायल वन्स अगेन में सनी देओल अपने एक्शन अवतार में हैं। दर्शक उनके ढाई किलो के घूंसे की ताक़त देखना चाहता है। लेकिन, घायल की तरह घायल वन्स अगेन में भी सोहाअली खान का किरदार रिया भावुक अभिनय के ज़रिये अजय मेहरा (सनी देओल) की नाराज़गी को जायज साबित करता है।
एक दूसरे की सपोर्टिंग जोड़ियां
रोमांस फिल्मों में इस हाथ ले उस हाथ दे वाला मामला रहता है। दोनों को एक दूसरे को सपोर्ट करना है। किसी को किसी को दबाने की गुंजायश नहीं रहती है। अब यह बात ज़रूर है कि कोई चेहरा दर्शकों की आँखों पर चढ़ कर दिल में उतर जाता है। राजीव एस रुइया की ड्रामा फिल्म डायरेक्ट इश्क़ में रजनीश दुग्गल और निधि सुब्बैया, वैभव मिश्रा की रोमांस फिल्म लवशुदा में गिरीश कुमार नवनीत कौर ढिल्लों, राधिका राव और विनय सप्रू की रोमांस फिल्म सनम तेरी कसम में मावरा हुसैन और हर्षवर्द्धन राणे, आनंद राउत की रोमांस ड्रामा फिल्म लखनवी इश्क़ में अध्ययन सुमन और करिश्मा कोटक, सन्देश नायक की रोमांस ड्रामा फिल्म लव शगुन में अनुज सचदेव और निधि सुबैया, मोज़ेज़ सिंह की ड्रामा फिल्म जुबां में विक्की कौशल और साराह जेन डियास, शॉन अरनहा की रोमांस कॉमेडी तेरा सुरूर २ में हिमेश रेशमिया और डेज़ी शाह, आदि जोड़ियां का रोमांस क्या गुल खिलायेगा ! हो सकता है कोई जोड़ी या इन जोड़ियों में कोई एक दर्शकों की आँखों में चढ़ कर दिल में उतर जाये। वैसे दिलचस्प होगा दीपक तिजोरी की रोमांटिक फिल्म दो लफ्ज़ो की कहानी में रणदीप हुडा की साउथ की स्टार काजल अग्रवाल के साथ जोड़ी को देखना। कोरियाई फिल्म पर आधारित इस फिल्म में पार्किंग के अटेंडेंट पूर्व बॉक्सर और एक अंधी होती जा रही लड़की के रोमांस की कहानी है। लड़की बॉक्सर को उसके पहले वाला अटैंडेंट समझती है।
रोमांटिक जोड़ा लेकिन...... !
अभिषेक कपूर की फिल्म 'फितूर' में नया त्रिकोण है। चार्ल्स डिकेन्स के उपन्यास ग्रेट एक्सपेक्टेशंस पर आधारित फिल्म 'फितूर' में आदित्य रॉय और कैटरीना कैफ की जोड़ी है। जोड़ी के लिहाज़ से कैटरीना और आदित्य रॉय कपूर की जोड़ी बेमेल नहीं। लेकिन, यह जोड़ी तब्बू के नितांत अकेली और चिड़चिड़ी पर अमीर औरत के किरदार बेगम हज़रत के सपोर्टिंग है। इन दोनों का रोमांस तब्बू के रूखे किरदार के इर्दगिर्द है। शकुन बत्रा की फिल्म कपूर एंड संस एक बर्बाद परिवार की कहानी है, जिसमे दो भाइयों का किरदार फवाद खान और सिद्धार्थ मल्होत्रा कर रहे हैं। इस फिल्म में अलिया भट्ट के किरदार का अनोखा त्रिकोण है।
अल्पना कांडपाल
सपोर्ट में हैं
वज़ीर के दर्शक जानते हैं कि फिल्म में फरहान अख्तर की पत्नी के किरदार में अभिनेत्री अदिति राव हैदरी के करने के लिए कुछ नहीं था। पूरी फिल्म अमिताभ बच्चन और फरहान अख्तर के किरदारों के कन्धों पर चल रही थी। लेकिन, तमाम दूसरी फिल्मों के ठीक यही कहानी नहीं। राजा कृष्ण मेनन की एक्शन थ्रिलर फिल्म 'एयरलिफ्ट' अक्षय कुमार के किरदार रंजीत कत्याल की जांबाजी पर केंद्रित है। लेकिन, फिल्म में उनकी पत्नी अमृता का किरदार कर रही निम्रत कौर रोती-सुबकती परंपरागत भारतीय नारी नहीं। वह अक्षय कुमार को अपने भावाभिनय से सपोर्ट करती हैं। इसके ठीक विपरीत आर बाल्की की फिल्म 'की एंड का' में करीना कपूर एक वर्किंग वुमन बनी हैं। रोजगार के लिहाज़ से इस बेमेल जोड़े की कहानी में अर्जुन कपूर शेफ के किरदार में हैं, जो अपनी कामकाजी पत्नी के लिए खाना बना कर उसका इंतज़ार करता है।
सेक्स बम के साथ सॉफ्ट टॉयज
क्या कूल हैं हम ३ में एक गीत रचा गया था मैं हूँ तेरी सॉफ्ट टॉय। फिल्म की निर्माता एकता कपूर को यह गीत हर प्रकार से बढ़िया लगा। लेकिन, वह इस गीत को महिला दृष्टिकोण से रखना चाहती थी। इसलिए उन्होंने बोल बदलवा कर तुम हो मेरे सेक्स टॉय करवा दिया। क्या कूल हैं हम ३ में सेक्स बम नायिका मंदाना करीमी के सेक्स टॉयज तुषार कपूर और आफताब शिवदासानी हैं, जो पोर्न फिल्मों के एक्टर हैं। यह दोनों एक्टर अपने पोर्न एक्शन मंदाना करीमी के किरदार के इर्दगिर्द ही आजमाते हैं। पोर्न-कॉम हो या सेक्स कॉमेडी या सेक्स इरोटिका फ़िल्में इनके पुरुष किरदार महिला किरदारों के सॉफ्ट टॉयज जैसे ही होते हैं। इन पुरुष किरदारों का हर हावभाव महिला किरदारों द्वारा ही आजमाया गया होता है। सनी लियॉन की फ़िल्में इसका खास उदाहरण है। लियॉन की सभी फ़िल्में उनके किरदार/किरदारों पर केंद्रित होती है। क्या कूल हैं हम ३ के ठीक अगले शुक्रवार रिलीज़ होगी सनी लियॉन एडल्ट कॉमेडी फिल्म 'मस्तीज़ादे' । इस फिल्म में सनी लियॉन का दोहरा किरदार है। फिल्म का शीर्षक बेशक तुषार कपूर और वीर दास के किरदारों के कारण मस्तीज़ादे रखा गया है। लेकिन, इन किरदारों की मस्ती सनी लियॉन की लिली लेले और लैला लेले के कारण हैं। कार धुलाई करती सनी लियॉन फिल्म के ट्रेलर में ही दर्शकों की धुलाई करती नज़र आ रही हैं। तुषार कपूर और वीर दास तो द्विअर्थी सनी केले और आदित्य चोतिया ही हैं। इस साल रिलीज़ होने जा रही सनी लियॉन की दूसरी फिल्म वन नाईट स्टैंड भी सनी लियॉन की इरोटिका फंतासी फिल्म बताई जा रही है। इस फिल्म का कितना दारोमदार सनी लियॉन पर होगा कि फिल्म एक पहेली लीला में उनके नायक रजनीश दुग्गल बीच रास्ते में फिल्म छोड़ कर चले गए। अब उनकी जगह पुराने जमाने की हीरोइन रति अग्निहोत्री के फ्लॉप बेटे तनुज विरवानी आ गए। हालाँकि, रजनीश दुग्गल फिल्म 'बेईमान लव' में सनी लियॉन के साथ गर्मागर्म रोमांस कर रहे हैं। यह पूरी फिल्म वुमन सेंट्रिक है।
एक्शन को ताक़त देते किरदार
हिंदी फिल्मों का चेहरा काफी बदला है। एक्शन है तो इमोशन भी खूब है। नारी किरदार मज़बूत हैं। साला खडूस को ही लीजिये। एक्टर माधवन बॉक्सिंग कोच की भूमिका में हैं। उन्हें चुका हुआ माना जा चुका है, जो किसी को चैंपियन नहीं बना सकता। उसे खुद को काबिल साबित करना है। रीतिका सिंह का किरदार बॉक्सर बनने की इच्छुक लड़की का है। वह रीतिका को चैंपियन बॉक्सर बना कर ही दम लेता है। इस कहानी में रीतिका सिंह का दमदार किरदार और अभिनय माधवन के बॉक्सिंग कोच की बखूबी मदद करता है। घायल वन्स अगेन में सनी देओल अपने एक्शन अवतार में हैं। दर्शक उनके ढाई किलो के घूंसे की ताक़त देखना चाहता है। लेकिन, घायल की तरह घायल वन्स अगेन में भी सोहाअली खान का किरदार रिया भावुक अभिनय के ज़रिये अजय मेहरा (सनी देओल) की नाराज़गी को जायज साबित करता है।
एक दूसरे की सपोर्टिंग जोड़ियां
रोमांस फिल्मों में इस हाथ ले उस हाथ दे वाला मामला रहता है। दोनों को एक दूसरे को सपोर्ट करना है। किसी को किसी को दबाने की गुंजायश नहीं रहती है। अब यह बात ज़रूर है कि कोई चेहरा दर्शकों की आँखों पर चढ़ कर दिल में उतर जाता है। राजीव एस रुइया की ड्रामा फिल्म डायरेक्ट इश्क़ में रजनीश दुग्गल और निधि सुब्बैया, वैभव मिश्रा की रोमांस फिल्म लवशुदा में गिरीश कुमार नवनीत कौर ढिल्लों, राधिका राव और विनय सप्रू की रोमांस फिल्म सनम तेरी कसम में मावरा हुसैन और हर्षवर्द्धन राणे, आनंद राउत की रोमांस ड्रामा फिल्म लखनवी इश्क़ में अध्ययन सुमन और करिश्मा कोटक, सन्देश नायक की रोमांस ड्रामा फिल्म लव शगुन में अनुज सचदेव और निधि सुबैया, मोज़ेज़ सिंह की ड्रामा फिल्म जुबां में विक्की कौशल और साराह जेन डियास, शॉन अरनहा की रोमांस कॉमेडी तेरा सुरूर २ में हिमेश रेशमिया और डेज़ी शाह, आदि जोड़ियां का रोमांस क्या गुल खिलायेगा ! हो सकता है कोई जोड़ी या इन जोड़ियों में कोई एक दर्शकों की आँखों में चढ़ कर दिल में उतर जाये। वैसे दिलचस्प होगा दीपक तिजोरी की रोमांटिक फिल्म दो लफ्ज़ो की कहानी में रणदीप हुडा की साउथ की स्टार काजल अग्रवाल के साथ जोड़ी को देखना। कोरियाई फिल्म पर आधारित इस फिल्म में पार्किंग के अटेंडेंट पूर्व बॉक्सर और एक अंधी होती जा रही लड़की के रोमांस की कहानी है। लड़की बॉक्सर को उसके पहले वाला अटैंडेंट समझती है।
रोमांटिक जोड़ा लेकिन...... !
अभिषेक कपूर की फिल्म 'फितूर' में नया त्रिकोण है। चार्ल्स डिकेन्स के उपन्यास ग्रेट एक्सपेक्टेशंस पर आधारित फिल्म 'फितूर' में आदित्य रॉय और कैटरीना कैफ की जोड़ी है। जोड़ी के लिहाज़ से कैटरीना और आदित्य रॉय कपूर की जोड़ी बेमेल नहीं। लेकिन, यह जोड़ी तब्बू के नितांत अकेली और चिड़चिड़ी पर अमीर औरत के किरदार बेगम हज़रत के सपोर्टिंग है। इन दोनों का रोमांस तब्बू के रूखे किरदार के इर्दगिर्द है। शकुन बत्रा की फिल्म कपूर एंड संस एक बर्बाद परिवार की कहानी है, जिसमे दो भाइयों का किरदार फवाद खान और सिद्धार्थ मल्होत्रा कर रहे हैं। इस फिल्म में अलिया भट्ट के किरदार का अनोखा त्रिकोण है।
अल्पना कांडपाल
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
क्या मिलाप जावेरी बना पाएंगे डायरेक्टर को एक्टर ?
२९ जनवरी को रिलीज़ हो रही सनी लियॉन की दोहरी भूमिका वाली सेक्स कॉमेडी फिल्म 'मस्तीज़ादे' में स्टोरी, स्क्रीनप्ले और डायलाग राइटर मिलाप जावेरी एक होटल में ठहरे मस्तीबाज़ मेहमान के किरदार में नज़र आएंगे, जो लैला लेले यानि सनी लियॉन के साथ मज़ा कर रहा होगा । संयोग यह है कि जिस मस्तीजादे फिल्म में मिलाप पहली बार कैमिया कर रहे हैं, उस फिल्म के डायरेक्टर भी मिलाप जावेरी ही हैं। मस्तीज़ादे में कैमिया करते ही मिलाप जावेरी उन सेलेब्रिटी डायरेक्टर्स की लिस्ट में शामिल हो जाते हैं, जो फिल्म डायरेक्शन भी करते हैं और एक्टिंग भी कर लेते हैं ।
मिलाप जावेरी के कैमरा फेस करने का किस्सा दिलचस्प है। वह इस रोल को करना नहीं चाहते थे। वह लेखक मुश्ताक़ शेख को अपना लकी चार्म मानते हैं। होटल के मस्तीबाज़ गेस्ट का किरदार मुश्ताक़ को ही करना था। लेकिन, वह किन्ही कारणों से उपलब्ध नहीं हो पाये तो मिलाप ने डायरेक्टर की कुर्सी पर अपने असिस्टेंट को बैठाया। सीन कैसे लिया जाना है बताया और जा खड़े हुए कैमरा के सामने। लेकिन, आम तौर पर ऐसा नहीं होता। वर्ल्ड सिनेमा में ऐसे सैकड़ों उदाहरण हैं, जिनमे डायरेक्टर एक्टर बने या एक्टर डायरेक्टर बने या डायरेक्टर ने कैमिया किया।
अपनी फिल्म में डायरेक्टर बना एक्टर
वर्ल्ड सिनेमा में ऐसे बहुत से फिल्म निर्देशक हैं, जो अपनी फिल्मों में नियमित नज़र आते हैं। मेल ब्रुक्स, जेम्स कैमरून, वेस क्रेवन, क्लिंट ईस्टवूड, अल्फ्रेड हिचकॉक, पीटर जैक्सन, टेरी जोंस, फ्रिट्ज लैंग, रोमन पोलान्सकी, टाइलर पैरी, मार्टिन स्कॉर्सेस, केविन स्मिथ, आदि ढेरों डायरेक्टर हैं, जिन्होंने अपनी फिल्मों में मुख्य भूमिका की या छोटी बड़ी भूमिका में कैमिया किया। भारतीय फिल्मकारों में सुभाष घई और प्रकाश झा हमेशा अपनी फिल्मों में कमरे के सामने अपनी झलक दिखलाते हैं। प्रकाश झा जय गंगाजल में प्रियंका चोपड़ा के अपोजिट एक भ्रष्ट पुलिस वाले का किरदार कर रहे हैं। दक्षिण के निर्देशकों में एस एस राजामौली और के एस रविकुमार अपनी फिल्मों में ज़रूर नज़र आते हैं। रविकुमार ने तो अपनी कई फिल्मों में सह भूमिकाएं की। कुणाल कोहली ने अपने निर्देशन में फिल्म फिर से... में नायक की भूमिका की है। महेश मांजरेकर एक्टर डायरेक्टर हैं। वह कांटे फिल्म में एक लम्बी भूमिका कर चुके हैं।
एक्टर जिन्होंने अपनी निर्देशित फिल्मों में अभिनय किया
अभिनेता चार्ली चैपलिन ने अभिनय करने के अलावा फिल्मों में अभिनय भी किया। उन्होंने अपनी निर्देशित सभी फिल्मों में अभिनय भी किया। इसी परंपरा में वुडी एलन, एलन अल्डा, बेन अफ्लेक, वारेन बेट्टी, रॉबर्टो बेनिग्नि, निकोलस केज, केविन कोस्ट्नर, बिली क्रिस्टल, जॉनी डेप्प, डैनी डेविटो, आदि अभिनेताओं ने अपनी निर्देशित फिल्मों में अभिनय भी किया। भारतीय फिल्मकारों में देव आनंद, राजकपूर, गुरुदत्त, विजय आनंद, आदि ने खुद द्वारा निर्देशित अपनी फिल्मों में मुख्य भूमिका की। साउथ के अभिनेता कमल हासन और एस जे सूर्या खुद की निर्देशित फिल्मों में अभिनय भी करते हैं।
कभी कभी खुद के निर्देशन में अभिनय करने वाले
वर्ल्ड सिनेमा के माइकल बे,लक बेसन, फ्रांसिस फोर्ड कोप्पोला, रिचर्ड कर्टिस, जीन-लुक गोडार्ड, जॉर्ज लुकास, डेविड लिंच, रों होवार्ड, आदि निर्देशक कभीं कभी अपनी निर्देशित फिल्मों में अभिनय कर लिया करते थे। भारतीय निर्देशकों में मधुर भंडारकर ने फिल्म फैशन में छोटी भूमिका की थी। शेखर कपूर ने फिल्म बैंडिट क्वीन में लारी ड्राइवर का किरदार किया था। गौतम मेनन ने मिन्नाले, काका काका, वेट्टैयादु विळैयादु, आदि फिल्मों में भूमिकाये की हैं। फराह खान भी अपनी इक्का दुक्का फिल्मों में नज़र आई हैं। अनुराग कश्यप भी अपनी निर्देशित फिल्मों में कोई छोटा बड़ा रोल कर लिया करते हैं।
दूसरे डायरेक्टर की फिल्म में डायरेक्टर बना एक्टर
हिंदी फिल्मों में डायरेक्टर्स की ऎसी जमात है, जो अभिनय में भी माहिर है। तारे ज़मीन पर के क्रिएटिव डायरेक्टर अमोल गुप्ते ने खुद के द्वारा निर्देशित फिल्म स्टैनले का डब्बा में एक टीचर का किरदार किया था। लेकिन, वह ऐसे अभिनेता हैं, जिनसे दूसरे डायरेक्टर भी अभिनय कराना पसंद करते हैं। अमोल ने विशाल भरद्वाज की फिल्म कमीने और रोहित शेट्टी के निर्देशन में फिल्म 'सिंघम २' में मुख्य विलेन का किरदार किया था। २०१५ की शुरू में रिलीज़ अनुराग कश्यप की पीरियड फिल्म 'बॉम्बे वेल्वेट' के मुख्य विलेन का किरदार किया था। फिल्म निर्देशक तिग्मांशु धूलिया अच्छे एक्टर माने जाते हैं। उन्होंने अनुराग कश्यप की फिल्म 'गैंग्स ऑफ़ वासेपुर' में दुष्ट किरदार कर खुद के लिए प्रशंसा बटोरी। वह निखिल अडवाणी की फिल्म 'हीरो' में पुरानी हीरो में शम्मी कपूर वाले पुलिस किरदार को किया था। वह केतन मेहता की फिल्म मांझी द माउंटेनमैन और हंसल मेहता की फिल्म शाहिद में ख़ास भूमिकाएं कर चुके हैं। फरहान अख्तर मूल रूप में डायरेक्टर हैं। उनके निर्देशन में आमिर खान और शाहरुख़ खान भी अभिनय कर चुके हैं। रॉक ऑन फिल्म से वह अभिनय के मैदान में उतरे। वह अब तक १२ फ़िल्में कर चुके हैं। जिनमे नायक की भूमिकाएं भी शामिल हैं। महेश भट्ट भी केतन मेहता की फिल्म टूटे खिलौने, बुद्धदेव दासगुप्ता की फिल्म अंधी गली, सुखवंत ढड्ढा की फिल्म लहू लुहान, मनोज कुमार के भाई राजीव गोस्वामी के निर्देशन में देशवासी, हरीश भोसले के निर्देशन में हक़ जैसी फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। दूसरे निर्देशक की फिल्मों में अभिनय करने वालों में सुधीर मिश्रा ( ट्रैफिक सिग्नल), फराह खान (शीरीं फरहाद की निकल पड़ी), अनुराग कश्यप (और देवदास,भूतनाथ रिटर्न्स, शागिर्द), महेश मांजरेकर (दबंग), आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।
अपनी फिल्म में डायरेक्टर बना एक्टर
वर्ल्ड सिनेमा में ऐसे बहुत से फिल्म निर्देशक हैं, जो अपनी फिल्मों में नियमित नज़र आते हैं। मेल ब्रुक्स, जेम्स कैमरून, वेस क्रेवन, क्लिंट ईस्टवूड, अल्फ्रेड हिचकॉक, पीटर जैक्सन, टेरी जोंस, फ्रिट्ज लैंग, रोमन पोलान्सकी, टाइलर पैरी, मार्टिन स्कॉर्सेस, केविन स्मिथ, आदि ढेरों डायरेक्टर हैं, जिन्होंने अपनी फिल्मों में मुख्य भूमिका की या छोटी बड़ी भूमिका में कैमिया किया। भारतीय फिल्मकारों में सुभाष घई और प्रकाश झा हमेशा अपनी फिल्मों में कमरे के सामने अपनी झलक दिखलाते हैं। प्रकाश झा जय गंगाजल में प्रियंका चोपड़ा के अपोजिट एक भ्रष्ट पुलिस वाले का किरदार कर रहे हैं। दक्षिण के निर्देशकों में एस एस राजामौली और के एस रविकुमार अपनी फिल्मों में ज़रूर नज़र आते हैं। रविकुमार ने तो अपनी कई फिल्मों में सह भूमिकाएं की। कुणाल कोहली ने अपने निर्देशन में फिल्म फिर से... में नायक की भूमिका की है। महेश मांजरेकर एक्टर डायरेक्टर हैं। वह कांटे फिल्म में एक लम्बी भूमिका कर चुके हैं।
एक्टर जिन्होंने अपनी निर्देशित फिल्मों में अभिनय किया
अभिनेता चार्ली चैपलिन ने अभिनय करने के अलावा फिल्मों में अभिनय भी किया। उन्होंने अपनी निर्देशित सभी फिल्मों में अभिनय भी किया। इसी परंपरा में वुडी एलन, एलन अल्डा, बेन अफ्लेक, वारेन बेट्टी, रॉबर्टो बेनिग्नि, निकोलस केज, केविन कोस्ट्नर, बिली क्रिस्टल, जॉनी डेप्प, डैनी डेविटो, आदि अभिनेताओं ने अपनी निर्देशित फिल्मों में अभिनय भी किया। भारतीय फिल्मकारों में देव आनंद, राजकपूर, गुरुदत्त, विजय आनंद, आदि ने खुद द्वारा निर्देशित अपनी फिल्मों में मुख्य भूमिका की। साउथ के अभिनेता कमल हासन और एस जे सूर्या खुद की निर्देशित फिल्मों में अभिनय भी करते हैं।
कभी कभी खुद के निर्देशन में अभिनय करने वाले
वर्ल्ड सिनेमा के माइकल बे,लक बेसन, फ्रांसिस फोर्ड कोप्पोला, रिचर्ड कर्टिस, जीन-लुक गोडार्ड, जॉर्ज लुकास, डेविड लिंच, रों होवार्ड, आदि निर्देशक कभीं कभी अपनी निर्देशित फिल्मों में अभिनय कर लिया करते थे। भारतीय निर्देशकों में मधुर भंडारकर ने फिल्म फैशन में छोटी भूमिका की थी। शेखर कपूर ने फिल्म बैंडिट क्वीन में लारी ड्राइवर का किरदार किया था। गौतम मेनन ने मिन्नाले, काका काका, वेट्टैयादु विळैयादु, आदि फिल्मों में भूमिकाये की हैं। फराह खान भी अपनी इक्का दुक्का फिल्मों में नज़र आई हैं। अनुराग कश्यप भी अपनी निर्देशित फिल्मों में कोई छोटा बड़ा रोल कर लिया करते हैं।
दूसरे डायरेक्टर की फिल्म में डायरेक्टर बना एक्टर
हिंदी फिल्मों में डायरेक्टर्स की ऎसी जमात है, जो अभिनय में भी माहिर है। तारे ज़मीन पर के क्रिएटिव डायरेक्टर अमोल गुप्ते ने खुद के द्वारा निर्देशित फिल्म स्टैनले का डब्बा में एक टीचर का किरदार किया था। लेकिन, वह ऐसे अभिनेता हैं, जिनसे दूसरे डायरेक्टर भी अभिनय कराना पसंद करते हैं। अमोल ने विशाल भरद्वाज की फिल्म कमीने और रोहित शेट्टी के निर्देशन में फिल्म 'सिंघम २' में मुख्य विलेन का किरदार किया था। २०१५ की शुरू में रिलीज़ अनुराग कश्यप की पीरियड फिल्म 'बॉम्बे वेल्वेट' के मुख्य विलेन का किरदार किया था। फिल्म निर्देशक तिग्मांशु धूलिया अच्छे एक्टर माने जाते हैं। उन्होंने अनुराग कश्यप की फिल्म 'गैंग्स ऑफ़ वासेपुर' में दुष्ट किरदार कर खुद के लिए प्रशंसा बटोरी। वह निखिल अडवाणी की फिल्म 'हीरो' में पुरानी हीरो में शम्मी कपूर वाले पुलिस किरदार को किया था। वह केतन मेहता की फिल्म मांझी द माउंटेनमैन और हंसल मेहता की फिल्म शाहिद में ख़ास भूमिकाएं कर चुके हैं। फरहान अख्तर मूल रूप में डायरेक्टर हैं। उनके निर्देशन में आमिर खान और शाहरुख़ खान भी अभिनय कर चुके हैं। रॉक ऑन फिल्म से वह अभिनय के मैदान में उतरे। वह अब तक १२ फ़िल्में कर चुके हैं। जिनमे नायक की भूमिकाएं भी शामिल हैं। महेश भट्ट भी केतन मेहता की फिल्म टूटे खिलौने, बुद्धदेव दासगुप्ता की फिल्म अंधी गली, सुखवंत ढड्ढा की फिल्म लहू लुहान, मनोज कुमार के भाई राजीव गोस्वामी के निर्देशन में देशवासी, हरीश भोसले के निर्देशन में हक़ जैसी फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। दूसरे निर्देशक की फिल्मों में अभिनय करने वालों में सुधीर मिश्रा ( ट्रैफिक सिग्नल), फराह खान (शीरीं फरहाद की निकल पड़ी), अनुराग कश्यप (और देवदास,भूतनाथ रिटर्न्स, शागिर्द), महेश मांजरेकर (दबंग), आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।
निर्देशक का कैमरे के सामने जाना कोई नई बात नहीं। यह पब्लिसिटी का मामला है। करण जौहर जैसा निर्देशक अगर एक्टिंग के मैदान में कूदेगा तो फिल्म को अच्छा प्रचार मिलेगा ही। टी- सीरीज के भूषण कुमार इसे मार्केटिंग मानते हैं तो टिप्स के कुमार तौरानी का मानना है कि केवल एक्टर्स के ही लॉयल फैन नहीं होते। डायरेक्टर के भी संख्या में प्रशंसक होते हैं, जो उन्हें परदे में भी देखना चाहते हैं। तिग्मांशु धूलिया जैसा सक्षम अभिनेता अपने अभिनय के बल पर दर्शकों के ज़ेहन में रहता है। हालाँकि गौरी शिंदे इसे हाइप नहीं, स्क्रिप्ट का तकाज़ा मानती हैं। कुल मिला कर यह कि कारण चाहे कोई भी हो डायरेक्टर भी एक्टर बनाने का माद्दा रखता है।
अल्पना कांडपाल
अल्पना कांडपाल
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Milap Zaveri,
फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
आनंद एल राज की फिल्म में कार्तिक आर्यन
आनंद एल राज की फिल्म निर्माण कंपनी कलर येलो पिक्चर्स आजकल कई फिल्मों के निर्माण में लगी हुई है। अब इस कड़ी में साउथ की तमिल फिल्म कल्याणा समयाल साधम की हिंदी रीमेक फिल्म भी जुड़ गई है। इस रोमांटिक कॉमेडी फिल्म का निर्देशन आर एस प्रसन्ना ने किया था। इस फिल्म में खुद प्रसन्ना के साथ नायिका की भूमिका लेखा वाशिंगटन ने की थी। इस फिल्म की कहानी एक सॉफ्टवेयर की है, जिसकी शादी एक दूसरी इंजीनियर लड़की से तय हो जाती है। यह अर्रंज मैरिज है। लेकिन, जल्द ही दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगते हैं। एक दिनों दोनों के सम्बन्ध बिस्तर तक पहुँच जाते हैं। अब यह बात दीगर है कि लड़का सम्बन्ध बना पाने में असमर्थ रहता है। अब वह अपनी नपुंसकता के इलाज़ की कोशिश में है। आनंद एल राज ने कार्तिक की फिल्म प्यार का पंचनामा देखी। रीमेक बनाते समय उनके सामने इस रोल के लिए कार्तिक आर्यन से अच्छा दूसरा की एक्टर नहीं था। इस रीमेक फिल्म का निर्देशन तमिल फिल्म के निर्देशक प्रसन्ना ही करेंगे। संयोग की बात है कि कल्याणा समयाल साधम प्रसन्ना की बतौर निर्देशक पहली फिल्म थी तथा इसका हिंदी रीमेक भी पहली फिल्म है। आनंद एल राज फिलहाल अपने हिंदी रीमेक के लिए नए चेहरों की खोज मे हैं।
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Kartik Aryan,
ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
इस शुक्रवार रिलीज़ होगी सेंसर की कैची का शिकार दो फ़िल्में भी
इस शुक्रवार (२२ जनवरी को) रिलीज़ हो रही तीन फ़िल्में सेंसर तेरी अज़ब कहानी कहना चाहेंगी। शुक्रवार को अक्षय कुमार की फिल्म एक्शन थ्रिलर 'एयरलिफ्ट' और एकता कपूर की पोर्न कॉमेडी फिल्म 'क्या कूल है हम ३' रिलीज़ हो रही हैं। तीसरी फिल्म हॉलीवुड की क्वेंटिन टारनटिनो निर्देशित एक्शन फिल्म 'द हेटफुल ८' है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन ने 'एयरलिफ्ट' को बिना किसी कट के यूए सर्टिफिकेट दे दिया है। वहीँ क्या कूल हैं हम ३ और द हेटफुल ८' को सेंसर की कैची का सामना करना पड़ा है। टारनटिनो की फिल्म किल बिल अपनी खूंरेंजी और बेरहमी के कारण भारत में रिलीज़ के काबिल नहीं समझी गई थी। इसलिए टारनटिनो की फिल्म हिंसक दृश्यों और गंदे संवादों के कारण सेंसर के चंगुल में फंसनी ही थी। इस फिल्म में इकलौते महिला चरित्र को बेरहमी से पीटे जाने और नोचने खसोटने के बहुत से दृश्य थे। गाली गलौच की तो भरमार थी। सेंसर बोर्ड ने इन सभी दृश्यों को या तो काट दिया है या कम कर दिया है। द हेटफुल ८ को इंडिया में डिस्ट्रीब्यूट करने वाले पीवीआर पिक्चर्स को इसकी उम्मीद थी। इसलिए, उन्होंने इन्हे काट कर प्रमाण के लिए पेश कर दिया। हालाँकि, अनुराग कश्यप फिल्म को बिना किसी कट के क्लियर करने की ट्वीट कर रहे थे। पता नहीं क्यों अनुराग कश्यप जैसे फिल्मकार स्त्रियों के प्रति हिंसक और अनादर व्यक्त करने वाली फिल्मों की वकालत करते हैं। अनुराग कश्यप जैसी सोच फिल्म निर्मात्री एकता कपूर की भी है। उनकी फिल्म सीरीज क्या कूल हैं हम स्त्री चरित्र के अभद्र चित्रण और गंदे संवादों के कारण दर्शक पाती रही हैं। क्या कूल हैं हम ३ इस की अगली कड़ी है। इस फिल्म का ऑनलाइन ट्रेलर साफ़ तौर पर गंदी भाषा और अश्लील हावभाव से भरा हुआ था। इस ट्रेलर को देख कर देश के सूचना मंत्रालय ने फिल्मकार श्याम बेनेगल को सेंसर के कामकाज़ की समीक्षा करने के लिए नियुक्त किया है। यह फिल्म भी २२ जनवरी को रिलीज़ होनी है। इस फिल्म पर एक सौ से ज़्यादा कट लगाने के निर्देश सेंसर बोर्ड ने दिए। यह ज़्यादातर कट अश्लील संवादों और हाव भावों को लेकर हैं। क्वेंटिन टारनटिनो और एकता कपूर की फ़िल्में हिंसा, नारी गरिमा के प्रतिकूल प्रतिष्ठा रखने वाली, अश्लील और द्विअर्थी मानी जाती हैं। इन्ही खासियतों के कारण भारत में इनके दर्शक भी हैं। अब देखने वाली बात होगी कि एयरलिफ्ट में अक्षय कुमार की देशभक्ति रंग लाएगी या द हेटफुल ८ और क्या कूल हों हम ३ की हिंसा और अश्लीलता में किसे ज़्यादा दर्शक मिलते हैं?
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इस शुक्रवार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
द फ़ोर्स अवकेंस को उखाड़ फेंका राइड अलॉंग २ ने
एक महीना पहले रिलीज़
स्टार वॉर्स सीरीज की सातवी फिल्म 'स्टार वॉर्स : द फ़ोर्स अवकेंस' लगातार चार हफ्ते तक टॉप पर रहने के बाद इस वीकेंड पिछड़ने
को मज़बूर हुई है। द फ़ोर्स अवकेंस को यूनिवर्सल
की एक्शन कॉमेडी फिल्म ‘राइड राइड अलॉंग २' ने शीर्ष से उतार कर तीसरे स्थान पर धकेल दिया । २०१४ की हिट एक्शन
कॉमेडी फिल्म राइड अलॉंग की इस सीक्वल फिल्म ने वीकेंड में ३४ मिलियन डॉलर का
बिज़नस किया । राइड अलोंग २ में आइस क्यूब, केविन हार्ट, केन जेओंग, बेंजामिन ब्रट,
ओलिविया मन, ब्रूस मैक्गिल और टिका सुम्प्टर की मुख्य भूमिकाये हैं । निर्देशक टिम
स्टोरी की इस फिल्म के निर्माण में ४० मिलियन डॉलर का खर्च आया था । ज़ाहिर है कि
बेन (केविन हार्ट) और जेम्स (आइस क्यूब)
को मिआमी में एक केस सुलझाने के दौरान जिन हास्यास्पद स्थितियों का सामना करना पडा
था, वह दर्शकों को पसंद आया था। आइस क्यूब ने विन डीजल की फिल्म ट्रिपल एक्स की सीक्वल फिल्म में भी मुख्य भूमिका की थी। राइड अलोंग २ के बाद लेओनार्दो डिकैप्रियो की
वेस्टर्न थ्रिलर फिल्म द रेवेनांट २९.५ मिलियन डॉलर के कलेक्शन के साथ दूसरे स्थान
पर काबिज़ है । इस फिल्म के कलेक्शन में पिछले हफ्ते के मुक़बले केवल २५.९ प्रतिशत का ड्राप हुआ है । द
फ़ोर्स अवकेंस पहले स्थान से फिसल कर तीसरे स्थान पर आ गई है । फिल्म ने २५.१
मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया । द फ़ोर्स अवकेंस ने २४७.९ मिलियन के ओपेंनिंग वीकेंड
कलेक्शन के साथ शानदार शुरुआत की थी । इसके दूसरा वीकेंड १४९.२ मिलियन भी रिकॉर्ड
ब्रेकिंग था । फिल्म का तीसरा वीकेंड ९०.२ मिलियन डॉलर का भी रिकॉर्ड था । चौथे
वीकेंड में द फ़ोर्स अवकेंस ने ४३.१ मिलियन का कलेक्शन किया । लेकिन, रिकॉर्ड के
मामले में यह अवतार के ५०.३ मिलियन के वीकेंड से पिछड़ गई ।
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Tuesday, 19 January 2016
सोनाक्षी सिन्हा ज़रूर बनेगी 'हसीना'
दो दिन पहले बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने ट्विटर से कुछ समय के लिए नदारद रहने का ऐलान किया था। लेकिन, अगले ही दिन वह ट्विटर पर हाज़िर थी। उन्होंने ट्विटर पर दर्ज किया कि हसीना बंद नहीं हुई है । वह हसीना के लिए तारीखों का जुगाड़ कर रही हैं। आखिर यह हसीना क्या चीज़ है कि इस शटअप सिन्हा की बेटी को ट्विटर पर वापस आना पडा। दरअसल, सोनाक्षी सिन्हा आजकल एक्शन फिल्मों पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं। अकिरा उनकी ऎसी ही एक्शन फिल्म है। फाॅर्स २ में भी वह जॉन अब्राहम के साथ एक्शन कर रही हैं। हसीना भी इसी कड़ी में एक फिल्म है। इस फिल्म का निर्माण गैंगस्टर फिल्मों के निर्माता अपूर्व लाखिया कर रहे हैं। हसीना कुख्यात गैंगस्टर दाऊद इब्राहीम की बहन हसीना कासकर पर फिल्म है। हसीना केवल एक बुर्के में रहने वाली बहन नहीं थी। १९९१ में अरुण गवली गैंग ने उसके पति इस्माइल पारकर की हत्या कर दी थी। इस हत्या का बदला लेने के लिए दाऊद इब्राहीम के गैंग जम कर खून खराब किया था। मुंबई में सीरियल बम ब्लास्ट के बाद दाऊद के भारत से चले भाग निकलने के बाद दाऊद के बिज़नेस एम्पायर को हसीना ने ही सम्हाला। उस दौरान दक्षिण मुंबई में हसीना की मर्ज़ी के बिना पत्ता तक नहीं हिल सकता था। ज़ाहिर है कि सोनाक्षी सिन्हा के लिए हसीना का किरदार काफी अहम है। इसलिए, उन्हें हसीना को फिनांसर न मिल पाने के कारण बंद कर दिए जाने की खबरों का खंडन करने के लिए ट्विटर पर वापसी करनी पड़ी।
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Monday, 18 January 2016
नहीं रहे कोरा कागज़ और तपस्या के अनिल गांगुली
मशहूर बांग्ला लेखक और फिल्म निर्देशक अनिल गांगुली ने अपने करियर में कोई १९ फिल्मों का निर्देशन किया। उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती को लेकर कई एक्शन फ़िल्में बनाई। लेकिन, उन्हें याद किया जाता है नारी प्रधान कथानक वाली उनकी फिल्मों के लिए। कोरा कागज़ और तपस्या ने उन्हें हिंदी फिल्म उद्योग में स्थापित कर दिया। उनकी इन दोनों फिल्मों को सम्पूर्ण मनोरंजक फिल्मों का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला। इन फिल्मों ने जया भादुड़ी (बच्चन) और राखी विश्वास (गुलज़ार) की प्रतिभा को उभरने का मौका दिया। इन दोनों ही फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर अच्छी सफलता मिली। सुलक्षणा पंडित की मुख्य भूमिका वाली फिल्म संकोच ने उन्हें नारी प्रधान विषय पर पकड़ रखने वाला डायरेक्टर बना दिया। उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती के अलावा राजेश खन्ना, अनिल कपूर, जीतेन्द्र, संजीव कुमार, धर्मेन्द्र, अक्षय कुमार, ऋषि कपूर, आदि बॉलीवुड के बड़े अभिनेताओं के साथ फ़िल्में बनाई। लेकिन, तपस्या और कोरा कागज़ के बाद उनकी यादगार फिल्म अनिल कपूर की मुख्य भूमिका वाली फिल्म साहेब और ऋषि कपूर के साथ प्यार के काबिल ही थी। उनकी आखिरी फिल्म अंगारा १९९६ में रिलीज़ हुई थी। चूंकि, अनिल गांगुली पिछले २० सालों से फिल्मों से दूर हो गए थे, इसीलिए १५ जनवरी को उनकी मृत्यु की खबर नहीं बन सकी। उनकी बेटी रूपाली गांगुली थिएटर और टीवी एक्ट्रेस हैं। उन्हें श्रद्धांजलि।
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श्रद्धांजलि
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मोहम्मद रफ़ी के इकलौते कन्नड़ गीत के गीतकार गीतप्रिय का निधन
कन्नड़ फिल्मों के मशहूर निर्देशक गीतप्रिय का ८४ साल की उम्र में निधन हो गया। उनकी पहली निर्देशित कन्नड़ फिल्म 'मन्निना मागा' को श्रेष्ठ कन्नड़ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था। नारी प्रधान फ़िल्में बनाने वाले गीतप्रिय के बारे में जानना दिलचस्प होगा। कन्नड़ फिल्मों से शोहरत पाने वाले गीतप्रिय वास्तव में मराठी थे। उनका असल नाम लक्षमण राव मोहिते था। उनके पिता मैसूर राज्य की सेना में थे। लक्षमण राव ने कुछ समय तक नाटकों के लिए काम किया। उन्होंने १९५४ में बतौर कन्नड़ फिल्म गीतकार अपना करियर फिल्म श्री राम पूजा के गीत लिख कर किया। फिर वह मद्रास (चेन्नई) चले गए। वहां उनका करियर बतौर गीतकार और संवाद लेखक खूब फूला फला। उन्होंने अपने करियर में कोई ४० फिल्मों का निर्देशन किया तथा कन्नड़ फिल्मों के लिए २५० गीत लिखे। मोहम्मद रफ़ी का गाया इकलौता कन्नड़ गीत नीनेल्ली नादेवे दूरा उन्ही का लिखा हुआ था। उन्होंने दो हिंदी फिल्मों का निर्देशन किया। पहली फिल्म जंगल की हसीना १९६९ में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में युसूफ खान और शैलश्री की मुख्य भूमिका थी। युसूफ खान के बेटे फ़राज़ खान भी एक्टर थे। फ़राज़ का स्क्रीन डेब्यू फिल्म फरेब (१९९६) से सुमन रंगनाथन और मिलिंद गुणाजी के साथ हुआ था। युसूफ खान ने अमर अकबर अन्थोनी, मुकद्दर का सिकंदर और डिस्को डांसर में भी अभिनय क्या था। अमर अकबर अन्थोनी के करैक्टर ज़बिस्को का चेहरा याद करने पर युसूफ की याद ताज़ा हो सकती है। गीतप्रिय की दूसरी हिंदी फिल्म बच्चों की अनमोल सितारे थी। इसमे मास्टर बाबू, सीमा देव, रमेश देव और राकेश बेदी की मुख्य भूमिका थी। उनकी आखिरी कन्नड़ फिल्म २००३ में रिलीज़ हुई थी। उन्हें कर्नाटक राज्योत्सव अवार्ड और पुट्टण्णा कनगल अवार्ड से सम्मानित किया गया।
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श्रद्धांजलि
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Sunday, 17 January 2016
निधि सुब्बैया के थप्पड़ से बज गए अर्जुन बिजलानी के गाल !
टीवी सीरियल मिले जो हम तुम और नागिन के हीरो अर्जुन बिजलानी के लिए अपनी पहली बार फिल्म डायरेक्ट इश्क़ के एक सीन की शूटिंग का अनुभव बड़ा जन्नाटेदार रहा। फिल्म के एक सीन में फिल्म की नायिका निधि सुब्बैया का थप्पड़ अर्जुन के लिए जन्नाटेदार साबित हुआ । निर्देशक राजीव एस रुइया की इस फिल्म की शूटिंग बनारस में चल रही थी। निधि सुबैया को इस सीन में अर्जुन के गाल पर एक थप्पड़ मारना था। इस सीन में निधि कुछ इतना घुस गयीं कि उन्होंने अर्जुन को असल में एक ज़ोरदार थप्पड़ रसीद कर दिया। यह देख कर यूनिट के सभी लोग सकते में आ गए । इससे भी ज़्यादा क्लासिक यह हुआ कि अर्जुन इस घटना से इतने घबरा गए कि उन्होंने सीन री शूट करने से साफ़ मना कर दिया । निर्देशक राजीव रुइया को थप्पड़ की आवाज़ पर अर्जुन का अलग शॉट लगाना पड़ा । निर्माता प्रदीप शर्मा की फिल्म डायरेक्ट इश्क़ ९ फरवरी को रिलीज़ होगी।
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
क्या सचमुच रियल बन पाते हैं रील लाइफ किरदार !
कुछ फिल्मों पर नज़र डालें। इन फिल्मों को बायोपिक या रियल लाइफ घटना पर फ़िल्में कहा जाता है। २२ जनवरी को अक्षय कुमार की राजा कृष्णा मेनन निर्देशित फिल्म 'एयरलिफ्ट' रिलीज़ हो रही है। फिल्म में १९९० के कुवैत-इराक युद्ध के दौरान कुवैत में फंसे भारतीयों को हवाई मार्ग से बाहर निकाले जाने की घटना का चित्रण किया गया है। इस फिल्म में अक्षय कुमार एक कुवैती भारतीय व्यापारी रंजीत कत्याल का रोल कर रहे हैं तथा लंचबॉक्स की नायिका निमृत कौर उनकी पत्नी अमृता बनी हैं। निर्देशक राम माधवानी की १९ फरवरी को रिलीज़ हो रही बायोपिक ड्रामा फिल्म 'नीरजा' में अभिनेत्री सोनम कपूर ५ सितम्बर १९८६ को भारत की मुंबई- न्यू यॉर्क फ्लाइट को अपहृत कर कराची ले जाए गए यात्री बंधकों को बचाने के प्रयास में मारी गई एयर होस्टेस नीरजा भनोट का किरदार कर रही हैं। हंसल मेहता निर्देशित फिल्म 'अलीगढ' अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मराठी भाषा के प्रोफेसर डॉक्टर श्रीनवास रामचन्द्र सिरस पर केंद्रित है, जिसे समलैंगिक सम्बन्ध रखने के कारण निलंबित कर दिया गया था। बाद में वह संदेहास्पद परिस्थिति में मृत पाया गया। सिरस के किरदार को मनोज बाजपेई कर रहे हैं। टोनी डिसूजा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन पर बायोपिक फिल्म 'अज़हर' का निर्देशन कर रहे हैं। अज़हर के जीवन पर १३ मई को रिलीज़ होने जा रही इस फिल्म 'अजहर' में मोहम्मद अज़हरुद्दीन का किरदार सीरियल किसर अभिनेता इमरान हाशमी कर रहे हैं। वहीँ नीरज पाण्डेय भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर बायोपिक फिल्म 'धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' बना रहे हैं। इस फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत धोनी का किरदार कर रहे हैं। ओमग कुमार की फिल्म 'सरबजीत' पाकिस्तान की जेल में मारे गए भारतीय बंदी सरबजीत और उसे छुड़ाने के लिए उसकी बहन दलबीर के संघर्ष की कहानी है। २० मई को रिलीज़ होने जा रही इस फिल्म में ऐश्वर्या राय बच्चन दलबीर का किरदार कर रही हैं। सरबजीत का किरदार रणदीप हूडा कर रहे हैं। नितेश तिवारी के निर्देशन में आमिर खान हरियाणा के पहलवान महावीर सिंह फोगट का किरदार कर रहे हैं। कामनवेल्थ गेम्स में कुश्ती के स्वर्ण और रजत पदक पाने वाली बेटियों गीता फोगट और बबिता फोगट का किरदार फातिमा सना शेख और सान्या मल्होत्रा कर रही हैं। साक्षी तंवर महावीर फोगट की पत्नी दया कौर के किरदार में हैं।
रियल लाइफ पर फ़िल्में क्यों ? - हॉलीवुड
सवाल उठना ही चाहिए कि वास्तविक घटना और किरदारों पर फ़िल्में क्यों बनाई जानी चाहियें ? हॉलीवुड में बहुत सी बायोपिक या वास्तविक घटनों पर फ़िल्में बनाई गई हैं। कुख्यात वाटरगेट कांड पर आल द प्रेसिडेंटस मेन, वियतनाम वॉर पर बॉर्न ऑन द फोर्थ ऑफ़ जुलाई, सेरिब्रल पल्सी से ग्रस्त लेखक क्रिस्टी ब्राउन पर माय लेफ्ट फुट, जर्मन कैंप में हजारों कैदियों को बचाने वाले ओस्कर शिंडलर पर शिंडलर्स लिस्ट, १९७० में नासा के चाँद पर रेस्क्यू मिशन पर फिल्म अपोलो १३, सिगरेट बनाने वाली अपनी ही कंपनी के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले जेफ्री विगंड पर फिल्म द इनसाइडर, गाँव वालो को प्रदूषित पानी पिलाने वाली कंपनी से मुआवज़ा दिलवाने वाली वकील एरिन ब्रोकोविच पर फिल्म एरिन ब्रोकोविच, आदि कुछ फ़िल्में केवल उदहारणस्वरुप ही हैं। ऎसी सैकड़ों फ़िल्में हॉलीवुड ने बनाई हैं। इन फिल्मों का उद्देश्य खोजपरक तथ्य जनता के सामने रखना या इन घटनाओं से सबक दर्शाना होता है।
रियल लाइफ पर फ़िल्में क्यों ? - बॉलीवुड
बॉलीवुड ऐसा कोई इसरार नहीं करता। प्रेरणादाई अथवा तथ्यात्मक फिल्मों के लिहाज़ से बॉलीवुड हॉलीवुड के आस पास तक नहीं। अन्यथा, वह अपने स्वतंत्रता सेनानियों पर अच्छी फ़िल्में बनाता। भगत सिंह, चन्द्र शेखर आज़ाद, सुभाष चन्द्र बोस, आदि सेनानी चरित्रों पर जो फ़िल्में बनी है, वह ज़्यादातर एक्शन या स्टंट को ध्यान में रख कर बनाई गई। अंदरूनी तथ्यों उकेरने वाली तलवार जैसी जो कोशिशें की भी गई हैं, वह बॉक्स ऑफिस को ध्यान में रख कर ही की गई। विशाल भरद्वाज की फिल्म 'हैदर' कश्मीर की स्थिति का एकतरफा चित्रण करने वाली फिल्म थी, जिसमे कश्मीरियों को मासूम दिखाने के चक्कर में आर्मी को कटघरे में खड़ा कर दिया गया था। इधर जो बायोपिक या रियल घटनों पर फ़िल्में प्रदर्शित होने जा रही हैं, वह किस लिहाज़ से खोजपरक या प्रेरणादायक हैं, इसकी जानकारी फिल्म रिलीज़ होने के बाद ही होगी।
सबसे बड़ा सवाल ???
सबसे बड़ा सवाल प्रामाणिकता का है। क्या तथ्यों के लिहाज़ से यह फ़िल्में प्रामाणिक बन पाएंगी ? क्या इनके चरित्र रियल लाइफ और स्वाभाविक बन पाएंगे ? प्रमाणिकता की बात करें तो हिंदी फ़िल्में हमेशा विवादित होती रही हैं। अब चाहे वह ऐतिहासिक जोधा अकबर हो या बाजीराव मस्तानी, तथ्यों को तोड़ने मरोड़ने का आरोप हमेशा ही लगता रहा है। लेकिन, पीरियड फिल्मों या वास्तविक घटनाओं पर बनी फिल्मों के साथ तथ्यों का ख़ास महत्व होता है। इसके अलावा किरदार कितने वास्तविक बन पड़े हैं, यह भी मायने रखता है। अपने किरदार के अनुरूप खुद को ढालने की जिम्मेदारी एक्टर्स पर होती है। क्या हमारे एक्टर इम्तिहान में खरे उतरते हैं या उतरेंगे ? आइये रिलीज़ होने जा रही फिल्मों के सन्दर्भ में इसे परखते हैं।
एयरलिफ्ट- इस फिल्म में अक्षय कुमार को रंजीत कत्याल नज़र आना है। रंजीत कत्याल भारतीयों के लिहाज़ से बहुत जाना पहचाना नहीं। लेकिन, अक्षय कुमार को खुद की इमेज से उबरना होगा। उन्होंने बेबी या हॉलिडे में जो किरदार किये थे, वह एक्शन ओरिएंटेड थे। अक्षय कुमार पर ऐसे किरदार फबते हैं। लेकिन, रंजीत कत्याल एक साधारण इंसान है, जो असाधारण काम करने के लिए जाना जाता है। देखना होगा कि वह इस साधारण किरदार को कितना असाधारण बना पाते हैं ! इस लिहाज़ से उनकी पत्नी के किरदार में निमृत कौर का काम आसान होगा।
नीरजा- एयर होस्टेस के किरदार को सोनम कपूर के लिहाज़ से टेलर मेड कहना ठीक होगा। सोनम कपूर स्टाइल आइकॉन हैं। उन्होंने एयर होस्टेस को काफी नज़दीकी से देखा होगा। वह नीरजा के किरदार को गेटअप के लिहाज़ से आसानी से कर ले जाएंगी। उनकी सही मायनों में परीक्षा होगी प्लेन हाईजैक के बाद के मानसिक और शारीरिक तनाव को अपने चेहरे और बॉडी लैंग्वेज से प्रदर्शित करना । यह काम उनके लिए बहुत आसान नहीं होगा।
अलीगढ- हंसल मेहता ने श्रीनिवास रामचन्द्र सिरस के किरदार के लिए मनोज बाजपेई का चयन सबसे बेहतर किया है । सत्य के भीखू म्हात्रे, शूल के इंस्पेक्टर समर प्रताप सिंह, पिंजर के राशिद, एलओसी कारगिल के ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव, आदि मनोज बाजपेई की करैक्टर की स्किन में घुस जाने की क्षमता के प्रमाण हैं। इसलिए, उनसे उम्मीद की ही जानी चाहिए।
अज़हर- इस फिल्म में मोहम्मद अज़हरुद्दीन के किरदार में इमरान हाशमी कमज़ोर कड़ी साबित हो सकते हैं। इमरान एक कमज़ोर अभिनेता हैं। उनकी ख़ास इमेज हैं। अगर टोनी डिसूज़ा ने इस फिल्म में अज़हर के निजी जीवन और फिक्सिंग के आरोप लगने के बाद अज़हर की ज़िन्दगी को ज़रा भी नज़दीक से दिखाया होगा तो इमरान हाश्मी के फिसलने का खतरा है। अन्य किरदारों में प्राची देसाई अज़हर की पहली पत्नी नौरीन, नर्गिस फाखरी फिल्म एक्ट्रेस और अज़हर की दूसरी पत्नी संगीता बिजलानी के किरदार में होंगी। इन चरित्रों में इनके एक्टरों की परख होगी ही।
सरबजीत- ओमंग कुमार ने मैरी कॉम में प्रियंका चोपड़ा से बढ़िया काम कराया था। सरबजीत में वह वैसा ही काम दलबीर कौर की भूमिका में ऐश्वर्या राय बच्चन से करा पाएंगे, इसे दर्शक देखना चाहेंगे। इस किरदार में ऐश्वर्या राय के एक्टर की कड़ी परीक्षा होगी।
धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी- नीरज पाण्डेय की इस फिल्म में धोनी का रोल सुशांत सिंह राजपूत कर रहे हैं। वह सक्षम अभिनेता हैं। लेकिन, किसी रियल लाइफ किरदार में यह उनकी पहली परीक्षा है। उनसे उम्मीद की जा सकती है।
दंगल- आमिर खान ने अब तक की अपनी तमाम फिल्मों में चरित्रों को स्वाभाविक रखा है। लेकिन, दंगल इस लिहाज़ से अलग है कि यह वास्तविक चरित्र है। एक साधारण इंसान के असाधारण व्यक्तित्व को आमिर खान कितनी आसानी से कर पाएंगे, यह तभी हो पायेगा जब वह खुद को हरियाणा का एक साधारण पहलवान जैसा पेश कर सकें। क्या आमिर खान का सुपर स्टार इतना साधारण बन पायेगा ?
बायोपिक या वास्तविक घटनाओं पर फिल्मों को सशक्त स्क्रिप्ट की दरकार होती है। अगर स्क्रिप्ट सशक्त है तो एक्टर का काम आसान हो जाता है। लेकिन, इसके बावजूद एक्टर के किरदार में घुसने की क्षमता की परीक्षा होती है। तभी वह खुद को उस किरदार के योग्य बना पाता है। ऐसी सशक्त फ़िल्में हिंदी दर्शक देखना पसंद करता है।
राजेंद्र कांडपाल
रियल लाइफ पर फ़िल्में क्यों ? - हॉलीवुड
सवाल उठना ही चाहिए कि वास्तविक घटना और किरदारों पर फ़िल्में क्यों बनाई जानी चाहियें ? हॉलीवुड में बहुत सी बायोपिक या वास्तविक घटनों पर फ़िल्में बनाई गई हैं। कुख्यात वाटरगेट कांड पर आल द प्रेसिडेंटस मेन, वियतनाम वॉर पर बॉर्न ऑन द फोर्थ ऑफ़ जुलाई, सेरिब्रल पल्सी से ग्रस्त लेखक क्रिस्टी ब्राउन पर माय लेफ्ट फुट, जर्मन कैंप में हजारों कैदियों को बचाने वाले ओस्कर शिंडलर पर शिंडलर्स लिस्ट, १९७० में नासा के चाँद पर रेस्क्यू मिशन पर फिल्म अपोलो १३, सिगरेट बनाने वाली अपनी ही कंपनी के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले जेफ्री विगंड पर फिल्म द इनसाइडर, गाँव वालो को प्रदूषित पानी पिलाने वाली कंपनी से मुआवज़ा दिलवाने वाली वकील एरिन ब्रोकोविच पर फिल्म एरिन ब्रोकोविच, आदि कुछ फ़िल्में केवल उदहारणस्वरुप ही हैं। ऎसी सैकड़ों फ़िल्में हॉलीवुड ने बनाई हैं। इन फिल्मों का उद्देश्य खोजपरक तथ्य जनता के सामने रखना या इन घटनाओं से सबक दर्शाना होता है।
रियल लाइफ पर फ़िल्में क्यों ? - बॉलीवुड
बॉलीवुड ऐसा कोई इसरार नहीं करता। प्रेरणादाई अथवा तथ्यात्मक फिल्मों के लिहाज़ से बॉलीवुड हॉलीवुड के आस पास तक नहीं। अन्यथा, वह अपने स्वतंत्रता सेनानियों पर अच्छी फ़िल्में बनाता। भगत सिंह, चन्द्र शेखर आज़ाद, सुभाष चन्द्र बोस, आदि सेनानी चरित्रों पर जो फ़िल्में बनी है, वह ज़्यादातर एक्शन या स्टंट को ध्यान में रख कर बनाई गई। अंदरूनी तथ्यों उकेरने वाली तलवार जैसी जो कोशिशें की भी गई हैं, वह बॉक्स ऑफिस को ध्यान में रख कर ही की गई। विशाल भरद्वाज की फिल्म 'हैदर' कश्मीर की स्थिति का एकतरफा चित्रण करने वाली फिल्म थी, जिसमे कश्मीरियों को मासूम दिखाने के चक्कर में आर्मी को कटघरे में खड़ा कर दिया गया था। इधर जो बायोपिक या रियल घटनों पर फ़िल्में प्रदर्शित होने जा रही हैं, वह किस लिहाज़ से खोजपरक या प्रेरणादायक हैं, इसकी जानकारी फिल्म रिलीज़ होने के बाद ही होगी।
सबसे बड़ा सवाल ???
सबसे बड़ा सवाल प्रामाणिकता का है। क्या तथ्यों के लिहाज़ से यह फ़िल्में प्रामाणिक बन पाएंगी ? क्या इनके चरित्र रियल लाइफ और स्वाभाविक बन पाएंगे ? प्रमाणिकता की बात करें तो हिंदी फ़िल्में हमेशा विवादित होती रही हैं। अब चाहे वह ऐतिहासिक जोधा अकबर हो या बाजीराव मस्तानी, तथ्यों को तोड़ने मरोड़ने का आरोप हमेशा ही लगता रहा है। लेकिन, पीरियड फिल्मों या वास्तविक घटनाओं पर बनी फिल्मों के साथ तथ्यों का ख़ास महत्व होता है। इसके अलावा किरदार कितने वास्तविक बन पड़े हैं, यह भी मायने रखता है। अपने किरदार के अनुरूप खुद को ढालने की जिम्मेदारी एक्टर्स पर होती है। क्या हमारे एक्टर इम्तिहान में खरे उतरते हैं या उतरेंगे ? आइये रिलीज़ होने जा रही फिल्मों के सन्दर्भ में इसे परखते हैं।
एयरलिफ्ट- इस फिल्म में अक्षय कुमार को रंजीत कत्याल नज़र आना है। रंजीत कत्याल भारतीयों के लिहाज़ से बहुत जाना पहचाना नहीं। लेकिन, अक्षय कुमार को खुद की इमेज से उबरना होगा। उन्होंने बेबी या हॉलिडे में जो किरदार किये थे, वह एक्शन ओरिएंटेड थे। अक्षय कुमार पर ऐसे किरदार फबते हैं। लेकिन, रंजीत कत्याल एक साधारण इंसान है, जो असाधारण काम करने के लिए जाना जाता है। देखना होगा कि वह इस साधारण किरदार को कितना असाधारण बना पाते हैं ! इस लिहाज़ से उनकी पत्नी के किरदार में निमृत कौर का काम आसान होगा।
नीरजा- एयर होस्टेस के किरदार को सोनम कपूर के लिहाज़ से टेलर मेड कहना ठीक होगा। सोनम कपूर स्टाइल आइकॉन हैं। उन्होंने एयर होस्टेस को काफी नज़दीकी से देखा होगा। वह नीरजा के किरदार को गेटअप के लिहाज़ से आसानी से कर ले जाएंगी। उनकी सही मायनों में परीक्षा होगी प्लेन हाईजैक के बाद के मानसिक और शारीरिक तनाव को अपने चेहरे और बॉडी लैंग्वेज से प्रदर्शित करना । यह काम उनके लिए बहुत आसान नहीं होगा।
अलीगढ- हंसल मेहता ने श्रीनिवास रामचन्द्र सिरस के किरदार के लिए मनोज बाजपेई का चयन सबसे बेहतर किया है । सत्य के भीखू म्हात्रे, शूल के इंस्पेक्टर समर प्रताप सिंह, पिंजर के राशिद, एलओसी कारगिल के ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव, आदि मनोज बाजपेई की करैक्टर की स्किन में घुस जाने की क्षमता के प्रमाण हैं। इसलिए, उनसे उम्मीद की ही जानी चाहिए।
अज़हर- इस फिल्म में मोहम्मद अज़हरुद्दीन के किरदार में इमरान हाशमी कमज़ोर कड़ी साबित हो सकते हैं। इमरान एक कमज़ोर अभिनेता हैं। उनकी ख़ास इमेज हैं। अगर टोनी डिसूज़ा ने इस फिल्म में अज़हर के निजी जीवन और फिक्सिंग के आरोप लगने के बाद अज़हर की ज़िन्दगी को ज़रा भी नज़दीक से दिखाया होगा तो इमरान हाश्मी के फिसलने का खतरा है। अन्य किरदारों में प्राची देसाई अज़हर की पहली पत्नी नौरीन, नर्गिस फाखरी फिल्म एक्ट्रेस और अज़हर की दूसरी पत्नी संगीता बिजलानी के किरदार में होंगी। इन चरित्रों में इनके एक्टरों की परख होगी ही।
सरबजीत- ओमंग कुमार ने मैरी कॉम में प्रियंका चोपड़ा से बढ़िया काम कराया था। सरबजीत में वह वैसा ही काम दलबीर कौर की भूमिका में ऐश्वर्या राय बच्चन से करा पाएंगे, इसे दर्शक देखना चाहेंगे। इस किरदार में ऐश्वर्या राय के एक्टर की कड़ी परीक्षा होगी।
धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी- नीरज पाण्डेय की इस फिल्म में धोनी का रोल सुशांत सिंह राजपूत कर रहे हैं। वह सक्षम अभिनेता हैं। लेकिन, किसी रियल लाइफ किरदार में यह उनकी पहली परीक्षा है। उनसे उम्मीद की जा सकती है।
दंगल- आमिर खान ने अब तक की अपनी तमाम फिल्मों में चरित्रों को स्वाभाविक रखा है। लेकिन, दंगल इस लिहाज़ से अलग है कि यह वास्तविक चरित्र है। एक साधारण इंसान के असाधारण व्यक्तित्व को आमिर खान कितनी आसानी से कर पाएंगे, यह तभी हो पायेगा जब वह खुद को हरियाणा का एक साधारण पहलवान जैसा पेश कर सकें। क्या आमिर खान का सुपर स्टार इतना साधारण बन पायेगा ?
बायोपिक या वास्तविक घटनाओं पर फिल्मों को सशक्त स्क्रिप्ट की दरकार होती है। अगर स्क्रिप्ट सशक्त है तो एक्टर का काम आसान हो जाता है। लेकिन, इसके बावजूद एक्टर के किरदार में घुसने की क्षमता की परीक्षा होती है। तभी वह खुद को उस किरदार के योग्य बना पाता है। ऐसी सशक्त फ़िल्में हिंदी दर्शक देखना पसंद करता है।
राजेंद्र कांडपाल
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Friday, 15 January 2016
हैरी पॉटर के प्रोफेसर सेवेरस स्नेप नहीं रहे !
हैरी पॉटर सीरीज की फिल्मों के प्रोफेसर सेवेरस स्नेप के किरदार को बड़े परदे पर सजीव कर देने वाले ब्रितानी अभिनेता एलन रिकमैन का गुरुवार को निधन हो गया। वह ६९ वर्ष के थे। २१ फरवरी १९४६ को लंदन में जन्मे रिकमैन को आज की पीढ़ी हैरी पॉटर की फिल्मों के आधे जादूगर प्रोफेसर सेवेरस के किरदार से ही पहचानती है। उन्होंने इस किरदार को २००१ में पहली फिल्म हैरी पॉटर एंड द सोरसररस स्टोन में किया था। उसके बाद वह लगातार हर फिल्म में इस किरदार को लगातार १२ साल और आठ फिल्मो तक करते चले गए। हर फिल्म के साथ एलन का प्रोफेसर का किरदार विलेन होते हुए भी हीरो साबित होता था। एलन ने नाटकों से अपने करियर की शुरुआत की। ब्रॉडवे ले लिएसोंस डेंजरसेस से उन्होंने अमेरिकी दर्शकों का ध्यान खींचा। लेकिन, इस ब्रॉडवे के फिल्म संस्करण में उन्हें नहीं चुना गया। हालाँकि, इस के लिए उन्हें टोनी अवार्ड में नॉमिनेट किया गया था। रिकमैन ने तुरंत अपना रास्ता बदला। वह डाई हार्ड फिल्म में ब्रूस विलिस के नृशंस और तिरस्कारपूर्ण विरोधी हान्स ग्रूबर के किरदार में नज़र आये। उन्हें यह रोल लॉस एंजेल्स आने के दो दिन बाद ही मिल गया था। ग्रूबर के किरदार को रिकमैन ने अपनी अभिनय क्षमता के बल पर यादगार विलेन बना दिया। उनका यह किरदार हॉलीवुड में विलेन बनने के इच्छुक अभिनेताओं के लिए पाठ की तरह है। उन्होंने रोबिन हुड : प्रिंस ऑफ़ थीव्स फिल्म में नाटिंघम के बेरहम शेरिफ में दूसरी बार खुद को बुरे किरदारों के लिए बढ़िया अभिनेता साबित किया। एचबीओ की फिल्म रासपुतिन में उनके केंद्रीय किरदार में भी नेगेटिव शेड थे। लेकिन, उनमे हीरो बनने की क्षमता भी थी और व्यक्तित्व भी था। १९९१ में रिलीज़ एंथोनी मिंघेला की सुपरनैचुरल रोमांस फिल्म ट्रूली, मैडली डीपली में वह जूलिएट स्टीवेंसन के साथ रोमांस कर रहे थे। सेंस एंड सेंसिबिलिटी के कर्नल ब्रैंडन के किरदार में वह उतनी ही प्रतिष्ठित और समझदार नज़र आये। इस फिल्म को एमा थॉम्पसन ने लिखा था और अभिनय किया था। एलन ने एमा थॉम्पसन के साथ कई फ़िल्में की। रिलीज़ फिल्म लव, एक्चुअली में यह दोनों पति पत्नी के किरदार में थे। एलन ने कोई ६८ फिल्मों, टीवी सीरीज और शार्ट फिल्म में अभिनय किया। २०१५ में उनकी फिल्म ऑय इन द स्काई मे लेफ्टिनेंट जनरल फ्रैंक बेंसोन में उनके किरदार को काफी पसंद किया गया। उन्होंने ली डेनियल्स की फिल्म द बटलर में रोनाल्ड रीगन का किरदार किया था। आखिरी फिल्म ऐलिस थ्रू द लुकिंग ग्लास में उन्होंने ब्लू कैटरपिलर को आवाज़ दी है। रिकमैन को कभी ऑस्कर नहीं मिला। हालाँकि, उन्होेने एक गोल्डन ग्लोब, एमी अवार्ड्स जीते। लेकिन, इससे वह ज़रा भी विचलित नहीं थे। उनका कहना था, "एक्टर नहीं, उनके किरदार अवार्ड जीतते हैं।" श्रद्धांजलि।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
एक नए अवतार में अक्षय कुमार !
अक्षय कुमार फिर खिलाडी कुमार बन गए लगते हैं। १९८७ में राखी और शांतिप्रिया के साथ फिल्म सौगंध से अपने फिल्म कैरियर की शुरुआत करने वाले अक्षय कुमार हिंदी फिल्मों के एक्शन कुमार बने हिंदी फिल्म 'खिलाड़ी' से। हालाँकि, अब्बास मुस्तान निर्देशित यह फिल्म थ्रिलर थी। खिलाड़ी के बाद अक्षय कुमार ने खिलाड़ी सीरीज की फ़िल्में की और खुद को एक्शन का खिलाड़ी साबित किया। एक समय अपनी एक्शन कॉमेडी या रोमांस कॉमेडी फिल्मों से अक्षय कुमार बॉलीवुड पर छा गए। २००७ में एक के बाद एक चार हिट फ़िल्में नमस्ते लंदन, हे बेबी, भूल भुलैया और वेलकम दी। आज भी उनकी साल में कम से कम तीन चार फ़िल्में रिलीज़ हो रही हैं। पिछले साल उनकी चार फ़िल्में बेबी, गब्बर इज बैक, ब्रदर्स और सिंह इज़ ब्लिंग रिलीज़ हुई। इस साल उनकी दो फ़िल्में 'एयरलिफ्ट' और 'हाउसफुल ३' रिलीज़ होनी हैं। लेकिन, पिछले साल और इस साल के शुरू में उनकी तीन नई फिल्मों का ऐलान हो चुका है। दिलचस्प तथ्य यह है कि अक्षय कुमार पर अब खिलाडी कुमार या एक्शन कुमार का टैग नहीं लगा है। वह भिन्न विषयों पर दिलचस्प और मनोरंजक फ़िल्में कर रहे हैं। पिछले साल रिलीज़ बेबी आतंकवादियों के खिलाफ थी तो गब्बर इज़ बैक भ्रष्टाचार के विरुद्ध जेहाद छेड़ने वाली फिल्म थी। ब्रदर्स दो बॉक्सर भाइयों की मार्मिक कहानी थी। अभी २२ जनवरी रिलीज़ होने जा रही निर्देशक राजा कृष्ण मेनन की फिल्म 'एयरलिफ्ट' कुवैती व्यापारी रंजीत कत्याल के युद्धग्रस्त कुवैत से १ लाख ७७ हजार भारतीयों को निकलने में मदद करने की साहसिक कहानी है। हॉउसफुल ३ कॉमेडी फिल्म है। वह रजनीकांत की फिल्म रोबोट या २.० में बुरा किरदार कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि १९५० के दशक की फिल्म रुस्तम में अक्षय कुमार बिलकुल अलग किरदार में होंगे। वह साउथ की हिट फिल्म ए आर मुरुगोदास निर्देशित तमिल फिल्म कट्ठी के हिंदी रीमेक इक्का में दोहरी भूमिका करेंगे। किसानों की आत्महत्या पर केंद्रित इक्का में अक्षय कुमार एक ठग और एक हाइड्रोलॉजिस्ट के किरदार में होंगे। लेकिन, इन सभी फिल्मों की शूटिंग एयरलिफ्ट के रिलीज़ होने, हॉउसफुल ३ को पूरा करने के बाद होगी। लेकिन, पहला नंबर रुस्तम, फिर रोबोट २ या २.० और फिर नमस्ते इंग्लैंड का होगा।
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Thursday, 14 January 2016
२०१६ के ऑस्कर पुरस्कारों के नामांकन घोषित
आज ऑस्कर अवार्ड्स के लिए नामांकनों का ऐलान कर दिया गया। ऑस्कर अकैडमी के सैमुएल गोल्ड्वीन थिएटर में डायरेक्टर गुइलेरमो डेल टोरो एंड आंग ली और एक्टर जॉन क्रासिंस्की के साथ अकादमी के प्रेजिडेंट चेरिल बून ने गुरुवार (थर्सडे) की सुबह इन पुरस्कारों की घोषणा की। निम्नलिखित श्रेणियों में नामांकन की सूचि-
श्रेष्ठ फिल्म
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
स्पॉटलाइट
द रेवनैंट
मैड मैक्स: फरी रोड
द बिग शार्ट
ब्रुकलिन
रूम
द मर्शियन
मुख्य नायक
लिओनार्डो डिकेप्रिओ, द रेवनैंट
मैट डैमन, द मर्शियन
माइकल फॉस्बेंडर, स्टीव जॉब्स
ब्रयान क्रांस्टन, ट्रुम्बो
एड्डी रेडमैन, द डेनिश गर्ल
मुख्य नायिका
ब्री लार्सन, रूम
सेओइर्स रोनन, ब्रुकलिन
केट ब्लैंचेट, कैरोल
जेनिफर लॉरेंस, जॉय
चार्लोट रॅम्पलिंग, ४५ इयर्स
निर्देशक
अलेजैंड्रो इनारुचि, द रेवनैंट
जॉर्ज मिलर, मैड मैक्स: फरी रोड
टॉम मैककार्थी, स्पॉटलाइट
एडम मैकाय, द बिग शार्ट
लेंनी अब्राहम्सन, रूम
सह नायिका
रूनी मारा, कैरोल
जेनिफर जैसन लेह, द हेटफुल एट
अलिसिआ विकंदर, द डेनिश गर्ल
केट विंसलेट, स्टीव जॉब्स रेचल मैकएडम्स, स्पॉटलाइट
सह नायक
सीलवेस्टर स्टैलोन, क्रीड
मार्क रयलन्स, ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
मार्क रफ़ेलो, स्पॉटलाइट
क्रिस्चियन बेल, द बिग शार्ट
टॉम हार्डी, द रेवनैंट
विदेशी भाषा की फिल्म
सन ऑफ़ सॉल
मस्टंग
अ वॉर
एम्ब्रस ऑफ़ द सर्पेंट
थीब
मौलिक गीत
अर्न्ड इट, फिफ्टी शेड्स ऑफ़ ग्रे
मंटा रे, रेसिंग एक्सटिंक्शन
सिंपल सांग # ३, यूथ
टिल इट हैपनस टू यू, द हंटिंग ग्राउंड
राइटिंगस ऑन द वॉल स्पेक्ट्र
पटकथा रूपांतरण
कैरोल
द बिग शार्ट
ब्रुकलिन
द मर्शियन
रूम
मौलिक पटकथा
स्पॉटलाइट
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
एक्स मशीना
स्ट्रैट ऑउटा कॉम्पटन
इनसाइड आउट
ओरिजिनल स्कोर
द हेटफूल एट
सिकरिओ
स्टार वार्स: द फ़ोर्स अवकेंस
कैरोल
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
फिल्म संपादन
द रेवनैंट
मैड मैक्स: फरी रोड
स्पॉटलाइट
द बिग शार्ट
स्टार वार्स: द फ़ोर्स अवकेंस
प्रोडक्शन डिज़ाइन
मैड मैक्स: फरी रोड
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
द मर्शियन
द डेनिश गर्ल
द रेवनैंट
दृश्य प्रभाव (विज़ुअल इफेक्ट्स)
मैड मैक्स: फरी रोड
स्टार वार्स: द फ़ोर्स अवकेंस
द रेवनैंट
द मर्शियन
एक्स मशीना
सिनेमेटोग्राफी
कैरोल
द हेटफुल एट
मैड मैक्स: फरी रोड
रेवनैंट
सिकारिओ
डाक्यूमेंट्री शार्ट
बॉडी टीम १२
चाउ, बियॉन्ड द लाइन्स
क्लॉड लैंज़मैन: स्पेक्ट्रस ऑफ़ द शोआह
अ गर्ल इन द रिवर : द प्राइस ऑफ़ फॉरगिवनेस
लास्ट डे ऑफ़ फ्रीडम
कॉस्ट्यूम डिज़ाइन
कैरोल
सिंड्रेला
द डेनिश गर्ल
मैड मैक्स : फरी रोड
द रेवनैंट
साउंड एडिटिंग
मैड मैक्स : फरी रोड
द मर्शियन
द रेवनैंट
सेकरिओ
स्टार वार्स : द फ़ोर्स अवकेंस
साउंड मिक्सिंग
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
मैड मैक्स : फरी रोड
द मर्शियन
द रेवनैंट
स्टार वार्स : द फ़ोर्स अवकेंस
मेकअप और हेयर स्टाइलिंग
मैड मैक्स: फरी रोड
द १०० ईयर ओल्ड मैन क्लाइंबड आउट अ विंडो एंड डिसअपीयर्ड
द रेवनैंट
लाइव एक्शन शार्ट फिल्म
एव मारिया
डे वन
एवरीथिंग विल बी ओके (अलेस विर्ड गुट)
शॉक
स्टटर
एनिमेटेड शॉर्ट
बेयर स्टोरी
प्रोलॉग
संजय'ज सुपर टीम
वी कैन नॉट लिव विथआउट कॉसमॉस
वर्ल्ड ऑफ़ टुमारो
एनिमेटेड फीचर फिल्म
अनोमलिसा
बॉय एंड द वर्ल्ड
इनसाइड आउट
शॉन द शीप मूवी
व्हेन मरीन्स वाज़ देअर
श्रेष्ठ फिल्म
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
स्पॉटलाइट
द रेवनैंट
मैड मैक्स: फरी रोड
द बिग शार्ट
ब्रुकलिन
रूम
द मर्शियन
मुख्य नायक
लिओनार्डो डिकेप्रिओ, द रेवनैंट
मैट डैमन, द मर्शियन
माइकल फॉस्बेंडर, स्टीव जॉब्स
ब्रयान क्रांस्टन, ट्रुम्बो
एड्डी रेडमैन, द डेनिश गर्ल
मुख्य नायिका
ब्री लार्सन, रूम
सेओइर्स रोनन, ब्रुकलिन
केट ब्लैंचेट, कैरोल
जेनिफर लॉरेंस, जॉय
चार्लोट रॅम्पलिंग, ४५ इयर्स
निर्देशक
अलेजैंड्रो इनारुचि, द रेवनैंट
जॉर्ज मिलर, मैड मैक्स: फरी रोड
टॉम मैककार्थी, स्पॉटलाइट
एडम मैकाय, द बिग शार्ट
लेंनी अब्राहम्सन, रूम
सह नायिका
रूनी मारा, कैरोल
जेनिफर जैसन लेह, द हेटफुल एट
अलिसिआ विकंदर, द डेनिश गर्ल
केट विंसलेट, स्टीव जॉब्स रेचल मैकएडम्स, स्पॉटलाइट
सह नायक
सीलवेस्टर स्टैलोन, क्रीड
मार्क रयलन्स, ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
मार्क रफ़ेलो, स्पॉटलाइट
क्रिस्चियन बेल, द बिग शार्ट
टॉम हार्डी, द रेवनैंट
विदेशी भाषा की फिल्म
सन ऑफ़ सॉल
मस्टंग
अ वॉर
एम्ब्रस ऑफ़ द सर्पेंट
थीब
मौलिक गीत
अर्न्ड इट, फिफ्टी शेड्स ऑफ़ ग्रे
मंटा रे, रेसिंग एक्सटिंक्शन
सिंपल सांग # ३, यूथ
टिल इट हैपनस टू यू, द हंटिंग ग्राउंड
राइटिंगस ऑन द वॉल स्पेक्ट्र
पटकथा रूपांतरण
कैरोल
द बिग शार्ट
ब्रुकलिन
द मर्शियन
रूम
मौलिक पटकथा
स्पॉटलाइट
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
एक्स मशीना
स्ट्रैट ऑउटा कॉम्पटन
इनसाइड आउट
ओरिजिनल स्कोर
द हेटफूल एट
सिकरिओ
स्टार वार्स: द फ़ोर्स अवकेंस
कैरोल
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
फिल्म संपादन
द रेवनैंट
मैड मैक्स: फरी रोड
स्पॉटलाइट
द बिग शार्ट
स्टार वार्स: द फ़ोर्स अवकेंस
प्रोडक्शन डिज़ाइन
मैड मैक्स: फरी रोड
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
द मर्शियन
द डेनिश गर्ल
द रेवनैंट
दृश्य प्रभाव (विज़ुअल इफेक्ट्स)
मैड मैक्स: फरी रोड
स्टार वार्स: द फ़ोर्स अवकेंस
द रेवनैंट
द मर्शियन
एक्स मशीना
सिनेमेटोग्राफी
कैरोल
द हेटफुल एट
मैड मैक्स: फरी रोड
रेवनैंट
सिकारिओ
डाक्यूमेंट्री शार्ट
बॉडी टीम १२
चाउ, बियॉन्ड द लाइन्स
क्लॉड लैंज़मैन: स्पेक्ट्रस ऑफ़ द शोआह
अ गर्ल इन द रिवर : द प्राइस ऑफ़ फॉरगिवनेस
लास्ट डे ऑफ़ फ्रीडम
कॉस्ट्यूम डिज़ाइन
कैरोल
सिंड्रेला
द डेनिश गर्ल
मैड मैक्स : फरी रोड
द रेवनैंट
साउंड एडिटिंग
मैड मैक्स : फरी रोड
द मर्शियन
द रेवनैंट
सेकरिओ
स्टार वार्स : द फ़ोर्स अवकेंस
साउंड मिक्सिंग
ब्रिज ऑफ़ स्पाईज
मैड मैक्स : फरी रोड
द मर्शियन
द रेवनैंट
स्टार वार्स : द फ़ोर्स अवकेंस
मेकअप और हेयर स्टाइलिंग
मैड मैक्स: फरी रोड
द १०० ईयर ओल्ड मैन क्लाइंबड आउट अ विंडो एंड डिसअपीयर्ड
द रेवनैंट
लाइव एक्शन शार्ट फिल्म
एव मारिया
डे वन
एवरीथिंग विल बी ओके (अलेस विर्ड गुट)
शॉक
स्टटर
एनिमेटेड शॉर्ट
बेयर स्टोरी
प्रोलॉग
संजय'ज सुपर टीम
वी कैन नॉट लिव विथआउट कॉसमॉस
वर्ल्ड ऑफ़ टुमारो
एनिमेटेड फीचर फिल्म
अनोमलिसा
बॉय एंड द वर्ल्ड
इनसाइड आउट
शॉन द शीप मूवी
व्हेन मरीन्स वाज़ देअर
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'जय गंगाजल' में प्रियंका चोपड़ा से टकराएंगे मानव कौल
थिएटर आर्टिस्ट मानव कौल को दुष्ट किरदार भाते हैं। बारामुला कश्मीर में जन्मे मानव कौल का ठिकाना होशंगाबाद मध्य प्रदेश है। उन्होंने २००४ में नाट्य समूह 'अरण्य' की स्थापना की। उनके नाटक इल्हाम, पार्क और शक्कर के पांच दाने ख़ास उल्लेखनीय हैं। मोनोलॉग शक्कर के पांच दाने को खूब सराहा गया। मानव कौल ने बतौर एक्टर २००३ में रिलीज़ फंतासी फिल्म 'जजंतरम ममंतरम्' से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने दायें या बाएं, १९७१ और आई ऍम जैसी फ़िल्में की। लेकिन उन्हें पहचान मिली अभिषेक कपूर की फिल्म 'काई पो चे' में वाम पंथी राजनीतिक का किरदार किया था। इसके बाद उनकी दो अन्य फ़िल्में 'सिटी लाइट्स' और ' वज़ीर' भी रिलीज़ हो चुकी हैं। इन सभी में उनके किरदारों में निगेटिव शेड थे। अब प्रकाश झा की फिल्म 'जय गंगाजल' में वह दुष्ट नेता बबलू पाण्डेय के किरदार में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा से टकराते नज़र आएंगे। बबलू पाण्डेय का किरदार निगेटिव होने बावजूद प्रभावशाली है। मानव क़ौल के लिए अपनी प्रतिभा का खुल कर प्रदर्शन करने के भरपूर मौके हैं। क्या 'जय गंगाजल' मानव कौल के करियर को कोई खूबसूरत मोड़ दे पायेगी ?
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
इरोटिक थ्रिलर 'अ बिगर स्प्लैश' में टिंडा स्विंटन
लुका गुडानिनो इतालवी फिल्म डायरेक्टर हैं। पैतीस साल के इस डायरेक्टर की फिल्मों की खासियत होती है कि उनकी ज़्यादा फिल्मों में ब्रिटिश एक्ट्रेस टिंडा स्विंटन मुख्य भूमिका में होती हैं। दरअसल, लुका को वर्ल्ड फेम दिलाने वाली फिल्म २००५ में रिलीज़ 'मेलिसा पी' की नायिका टिंडा स्विंटन ही थी। वह टिंडा के साथ 'द प्रोटैगोनिस्ट्स' और 'आई ऍम इन लव' जैसी प्रशंसनीय फ़िल्में बना चुके हैं। लुका हमेशा ऎसी फिल्म बनाने की कोशिश करते हैं, जो ट्रेंड सेटर हों। इस बार वह टिंडा स्विंटन के साथ एक इरोटिक थ्रिलर फिल्म 'अ बिगर स्प्लैश' ले कर आ रहे हैं। अ बिगर स्प्लैश कहानी हैं एक रॉकर मैरियन लेन की, जो अपने प्रेमी पॉल के साथ सुदूर इटली एक आइलैंड में पूल पार्टी मनाने जा रही है, ताकि वह कुछ मौज मस्ती कर अपनी आवाज़ को आराम दे सके । लेकिन, पार्टी में सब कुछ उल्टा पुल्टा हो जाता है, जब उसका पुराना दोस्त और प्रेमी फिल्म निर्माता हैरी हॉक्स अपनी सुन्दर बेटी पेनेलोप के साथ उसे ढूंढता हुआ पहुँच जाता है। अब होता यह है कि टिंडा पुराने रोमांस को याद करने लगती है। उत्तेजना और समर्पण का माहौल बन जाता है। ऐसे में तनाव और मुसीबत पैदा होनी है। इस फिल्म में हैरी का रोल राल्फ फिएंन्स, पेनेलोप का किरदार डकोटा जॉनसन और पॉल का किरदार माथियस शूनार्ट्स कर रहे हैं। यह फिल्म १२ फरवरी को रिलीज़ होगी। इस फिल्म का अक्टूबर में लंदन फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर हो चूका है।
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