हत्यारा विदूषक दर्शकों को सिनेमाघरों तक ला पाने में कामयाब हुआ है। न्यू लाइन और वार्नर ब्रदर्स की हॉरर फिल्म इट ने बॉक्स ऑफिस पर ४७८.१ मिलियन डॉलर की कमाई की है। इस फिल्म का डोमेस्टिक कलेक्शन २६६.१ मिलियन डॉलर का हुआ। किसी हॉरर फिल्म के लिहाज़ से यह सबसे ज़्यादा कमाई का नया कीर्तिमान है। यही कारण है कि न्यू लाइन और वार्नर ब्रदर्स ने इस फिल्म के सीक्वल का ऐलान करने में कोई देर नहीं की। सोमवार (२५ सितम्बर) को इसका ऐलान किया गया। इट सीक्वल का निर्देशन एंडी मुस्कैटी ही करेंगे। फिल्म की स्क्रिप्ट पर गरी डॉबरमैन काम कर रहे हैं। फिल्म के निर्माण से बारबरा मुस्कैटी, रॉय ली, डान लिन, सेठ ग्राहम-स्मिथ और डेविड कत्ज़ेनबर्ग जुड़े हैं। उम्मीद यही की जा रहे है कि इट की मूल स्टार कास्ट बिल स्कारसगार्ड फिर पैनीवाइज की भूमिका करेंगे। उनके साथ जेरेमी रे टेलर, सोफ़िआ लिलिस, फिन वॉफर्ड, व्याट ओलेफ, चोसेन जैकब्स, जैक डिलन ग्राज़ेर, निकोलस हैमिलटन, जेडेन लिएबेरहेर और जैक्सन रोबर्ट भी अपने किरदार कर रहे होंगे। इट की रिलीज़ की तारिख ८ सितम्बर २०१७ के दो साल बाद ६ सितम्बर २०१९ को इट का सीक्वल रिलीज़ होगा।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday, 26 September 2017
सितम्बर २०१९ में रिलीज़ होगा इट का सीक्वल
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हॉलीवुड
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Monday, 25 September 2017
सनी लियॉन ने बताई एकता कपूर को उसकी औकात
रागिनी एमएमएस २ का एक दृश्य |
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
स्टारडस्ट एचिवर्स अवॉर्ड में प्रेरणा अरोडा को ‘पावर प्रोड्यूसर ऑफ दि इयर‘ पुरस्कार से नवाजा गया।
क्रिअर्ज एन्टरटेन्मेट की निर्माता
प्रेरणा अरोडा अपनी फिल्मों के मजबूत कथाओं और अलग तरह के विषयों के साथ तेजी से
फिल्म इंडस्ट्री में अपना एक अलग मकाम बना रहीं हैं। रूस्तम, टॉयलेट:एक
प्रेमकथा, जैसी फिल्मों के जरीयें बतौर निर्माता वह सफलता
की सीढीं चढ रहीं हैं। उनकी यह दोनों फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई की थी।
साथ ही, समीक्षकों की भी वाहवाही भी बटोरी थी। अपने प्रोडक्शन की अगली फिल्मों से
फिल्म इंडस्ट्री के कुछ बडे सुपरस्टार्स के साथ जल्द ही काम करनेवाली प्रेरणा को
दुबई में स्टारडस्ट अचीवर्स अवार्ड्स से हाल ही में नवाजा गया। एसिड एटैक हमलें की शिकार हुए लोगों की
सहायता करनेवाले होथुर फाऊंडेशन को स्टारडस्ट अचिवर्स अवॉर्ड्स निधी इकठ्ठा करने
में मदद करता हैं। यह अवॉर्ड खेल, व्यापार,
मिडीया, फिल्म, फैशन, कला, टेलीविजन और राजनीति के क्षेत्र में
अपनी उत्कृष्टता साबित किये, भारतीयों का सम्मानित करता हैं। प्रेरणा अरोडा कहतीं है, “यह
पुरस्कार मिलने से मुझे काफी गौरान्वित महसूस हो रहा हैं। बतौर निर्माता लोगों तक
हम ऐसी कहानियाँ लाना चाहतें हैं। जो लोगों को इस वक्त बताने की काफी जरूरत हैं।
हम और क्रिअर्ज एन्टरटेन्मेट हमारी अगली फिल्मों से यही कोशीश करतें दिखायीं
देंगें।“
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हस्तियां
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कैंसर पीड़ित बच्चों से मिली पूजा हेगडे
पूजा हेगडे का दिल वाकई में सोने का है! अपनी नवीनतम तेलुगू रिलीज फिल्म "डीजे" की सफलता के बाद अभिनेत्री पूजा हेगड़े कैंसर पीड़ित बच्चों के लिए काम कर रही। इसी सिलसिले में एक सरकारी संगठन से भी जुडी ! अभिनेत्री ने न सिर्फ संगठन को समर्थन करने का वचन दिया है, बल्कि अस्पताल में जाने का और अस्पताल के बच्चो को अपना समय देने का भी प्रण लिया! इसलिए, पूजा ने टाटा मेमोरियल अस्पताल में बच्चों के कैंसर वार्ड का दौरा किया, जहां उन्होंने वहां के बच्चों के साथ कुछ घंटे बिताए। उन्होंने वहा न सिर्फ उन बच्चो के साथ बातचीत की बल्कि उन्हें लज़ीज़ भोजन के पैकेट और चॉकलेट भी वितरित किए। पूजा उस अस्पताल के बच्चों को लेकर काफी चिंतित है और इसलिए उन्होंने ये फैसला किया की वह अक्सर अस्पताल का दौरा करेगी और उन् बच्चों से भी मिलेगी! उन्होंने डॉक्टरों को यह भी सलाह दी है कि वे बच्चों को वह हर चीज प्रदान करें जो इस चुनौतीपूर्ण समय के माध्यम से बच्चो के लिए ज़रूरी है। पूजा कहती हैं, "मुझे वास्तव में बड़ा अच्छा लगा कि मैं अस्पताल में जाके उन् मरीज बच्चो से मिली! वह कैंसर पीड़ित बच्चे खाफी मजबूत इरादों के है! मेरी सहानुभूति उन् बच्चो और उनके माता-पिता के साथ है! मुझे खुशी है कि मैं उन्हें अपने तरीके से मदद कर सकती हु, जिससे उनके चेहरे पर मुस्कराहट आए"
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महारावल बने शाहिद कपूर
दीपिका पादुकोण के पद्मावती के किरदार में फिल्म पद्मावती के पोस्टर नवरात्री के पहले दिन रिलीज़ किये गए थे। आज महारानी पद्मावती के पति महारावल रतन सिंह के किरदार में शाहिद कपूर के पोस्टर रिलीज़ किये गए। इन पोस्टरों में राजसी ठाठ बाट के साथ शाहिद कपूर बढ़ी और कढ़ी दाढ़ी में शानदार लग रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि फिल्म में शाहिद कपूर के काफी दृश्य आवक्ष नग्न हैं। ज़ाहिर है कि संजय लीला भंसाली अपने हीरो की पुष्ट बॉडी दिखाने का लोभ छोड़ नहीं पाते। खुद को फिट रखने में शाहिद कपूर बेजोड़ हैं। वह नियमित जिम जाते हैं और वर्कआउट करते हैं। इस फिल्म के लिए उन्होंने काफी पसीना बहाया है। पोस्टरों से शाहिद कपूर की मेहनत दिखाई देती है। पद्मावती १ दिसंबर को रिलीज़ होने जा रही है।
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रोहिणी अय्यर को सबसे प्रभावशाली मीडिया उद्यमी के लिए स्टारडस्ट अचीवर्स पुरस्कार
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लाइव गेम शो आंटी बोली लगाओ बोली
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सोनी मैक्स का अपने दर्शकों को दशहरा पर बाहुबली २ तोहफा !
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Sunday, 24 September 2017
कबाली रजनीकांत की बेटी धंशिका
साई धंशिका ख़ास तौर पर तमिल फिल्मों की नायिका हैं। जयम रवि की तमिल फिल्म परमाई से उनके करियर की शुरुआत हुई थी। धंशिका की अब तक ९ फ़िल्में रिलीज़ हो चुकी हैं। उनकी इस साल ७ फ़िल्में रिलीज़ होनी हैं। फिल्म कबाली में धंशिका ने रजनीकांत की बेटी योगी का किरदार किया था। उन्हें एक्शन करने में महारत हासिल हैं। उनकी ज़्यादातर फ़िल्में एक्शन/थ्रिलर ही रही हैं। बिजॉय नम्बिआर की मलयालम फिल्म सोलो में वह दुलकर सलमान की नायिका हैं। यह रोमांटिक थ्रिलर फिल्म है।
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साउथ सिनेमा
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नवरात्री पर टीवी सितारों का स्टाइल- मंत्र
नवरात्री बोलें तो डांडिया-गरबा का त्यौहार है। भारी जेवर और कपडे पहनना महिलाओं का शौक रहता है। आदमी भी कोई पीछे नहीं। वह भी रंग-बिरंगे परिधान पहन कर डांडिया करने को बेताब रहता है। इस मायने में टीवी एक्टर भी पीछे नहीं। हर टीवी सितारा अलग अलग परिधान पहनना पसंद करता है। रंगों की भी कोई कमी नहीं। पसंद अपनी अपनी। अब मृणल जैन को ही लीजिये। उन्हें केडियू और कफनी पहनना स्टाइलिश और दूसरों से अलग लगता है। इसमें भिन्न दमकते रंग मिल जाते हैं। मृणल से अलग पसंद है शरद मल्होत्रा की। वह काढ़ा हुआ कुरता पहनना पसंद करते हैं। उन्हें ख़ास तौर पर लाल और भूरे रंग के चमकदार काढ़े कुर्ते स्टाइलिश लगते हैं। मोहम्मद नाज़िम को पठानी सूट पसंद है। वह नेवी ब्लू कलर का पठानी सूट पहनना पसंद करते हैं। लेकिन, इससे पहले बालों में जेल लगना नहीं भूलेंगे। अदा खान
पारम्परिक लहंगा-चोली पहनना चाहेंगी लेकिन, यह रंगीन मनके टंके हुए, मिरर वर्क या काढ़े हुए या शंखों वाले होने चाहिए। शशांक व्यास के अनुसार रंगबिरंगी पोशाकें आपके व्यक्तित्व को निखारती हैं। मैं तो नवरात्री में चमदार रंगीन पोशाकें पहनना चाहूंगा। जहाँ तक फैशन की बात है, मैं किसी रूल बुक से चलने के बजाय अपनी पसंद के अनुसार चलना चाहूंगा। शक्ति अरोरा को नवरात्री में गरबा धोती-कुरता पहनना क्यों पसंद है ? यही एक समय है, जिसमे हम पारपरिक लुक वाले कपडे पहन सकते हैं। जैस्मिन भसीन आज की पसंद के अनुरूप रंगबिरंगे परिधान पहनना पसंद करेंगी। लेकिन, भारी और चमकीली ऑक्सीडाइजड ज्वेलरी के नथनी ज़रूर पहनना चाहेंगी। तो नवरात्री उत्सव में शामिल होने वाली युवा मंडली ने किस प्रकार के परिधान और ज्वेलरी पहनी है ? क्या इन टीवी सितारों की पसंद से उनकी पसंद मेल खाती है ?
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राष्ट्रीय सहारा २४ सितम्बर
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ऑस्ट्रेलिया से आई एक इंडियन डांसर !
तेरे बिना और बंटाई के बाद, फिल्म हसीना पारकर का तीसरा गाना पिया आ गर्मागर्म गीत है। इस गीत पर भारतीय- ऑस्ट्रेलियाई सुंदरी सराह अंजुलि थिरक रही हैं। उनके हावभाव काफी उत्तेजक और गर्म हैं। यह गीत कदमों को थिरकाने वाला है। माना जा रहा है कि यह गीत इस साल के सबसे पसंदीदा डांस नम्बरों मे शुमार होगा। वह कुछ अंतर्राष्ट्रीय प्रोजेक्ट में काम कर चुकी हैं। लेकिन, हसीना पारकर के इस सिज़लिंग डांस नंबर से उनका बॉलीवुड डेब्यू हो रहा है। सूत्र बताते हैं कि बॉलीवुड में सारा को लेकर चर्चा गर्म है। संभव है कि २२ सितम्बर को हसीना पारकर रिलीज़ होने के बाद अगर सारा का सिद्धांत कपूर के साथ किया गया डांस नंबर चर्चित हो गया तो सारा की बॉलीवुड में पौबारह हो जाएगी।
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डॉक्टरों के अवैध ड्रग एक्सपेरिमेंट पर 'उम्मीद'
उम्मीद के डायरेक्टर रजत एस मुख़र्जी मलाल है कि सेंसर बोर्ड सच को दिखाना नहीं चाहता। रजत का यह मलाल इस वजह से है कि उनकी फिल्म उम्मीद को यू/ए सर्टिफिकेट भी नहीं दिया गया। उम्मीद डॉक्टरी पेशे पर है। इस पेशे में अनैतिकता पर है। उम्मीद बताती है कि कैसे डॉक्टर अपने मरीजों पर गलत तरीके से दवाओं का परीक्षण करते हैं। रजत मुख़र्जी कहते हैं, "हमें सेंसर की तरफ से पत्र आया है। लेकिन, यू/ए सर्टिफिकेट न दिए जाने का कारण नहीं दिया है। हमसे कुछ ज़रूरी कट्स लगाने के लिए कहा गया है।" फिल्म उद्योग से प्रसून जोशी से काफी उम्मीदें थी। अगर रजत की नाउम्मीदी को देखें तो शुरुआत हो चुकी है। कहते हैं रजत, "अब कोई चारा नहीं है। हमें प्रसून जोशी की तैनाती से काफी उम्मीदें थी।" उम्मीद का विषय उम्दा लगता है। फिल्म में बताया गया है कि हमारे देश में हर साल ४८ हजार बच्चे लकवाग्रस्त हो जाते हैं, साढ़े ग्यारह हजार बच्चे मर जाते हैं। हमारे देश में अनैतिक रूप से दवाओं के परीक्षण की घटनाएँ बढती जा रही हैं। विदेशी दवा कंपनियां में भारत में अपनी दवाओं का परीक्षण डॉक्टरों के माध्यम से करवाते हैं। रजत मुख़र्जी आगे बताते हैं, "हमारी फिल्म का विषय रियल लाइफ घटना पर आधारित है। हम ऎसी परेशानियों को जानते-समझते थे। इसके बावजूद हमने फिल्म बनाने का फैसला किया। हमने सेंसर बोर्ड से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। फिलहाल, इस फिल्म की रिलीज़ अगली तारिख तक टाल दी गई है। उम्मीद के सितारों में पल्लवी दास, मोहन कपूर, यतिन कार्येकर, अंजलि पाटिल, मिलिंद गुणाजी, दलीप ताहिल, फ्रेडी दारूवाला, शिशिर मिश्र, हर्ष छाया और अचिंत कौर के नाम उल्लेखनीय है।
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'साहो' के एक्शन के लिए बजट २५ करोड़
बाहुबली फिल्मों के बाद, फिल्म के नायक प्रभाष का नाम हिंदी दर्शकों के लिए अपरिचित नहीं रह गया है। दर्शकों को प्रभाष की अगली फिल्म का इंतज़ार है। वह प्रभाष की फिल्म में कुछ नया देखने की अपेक्षा भी करता है। ख़ास तौर पर एक्शन दृश्य। प्रभाष की अगली फिल्म साहो का ऐलान हो चूका है। फिल्म में उनकी नायिका के बतौर श्रद्धा कपूर को लिया गया हैं। श्रद्धा कपूर को हिंदी दर्शक काफी पसंद करते हैं। वह साहो के साथ एक्शन की रोमांटिक जोड़ी बना सकती हैं। यह तो वक़्त बतायेगा की प्रभाष-श्रद्धा कपूर जोड़ी पूरे फिल्म उद्योग में कैसा रंग जमाती है! फिलहाल, प्रभाष एक्शन पर ध्यान दे रहे हैं। साहो में हैरतंगेज़ एक्शन होंगे। इसके लिए हॉलीवुड के स्टंट कोरियोग्राफर केनी बेट्स को फिल्म से जोड़ा गया है। केनी ट्रांसफार्मर्स फिल्मों के अलावा मिस्टर एंड मिसेज स्मिथ, पर्ल हारबर, रश ऑवर ३, आदि फिल्मों के स्टंट कोरियोग्राफ कर चुके हैं। इस एक्शन के लिए २५ करोड़ का बजट रखा गया है। साहू से नील नितिन मुकेश का तेलुगु फिल्म डेब्यू हो रहा है। वह फिल्म में मुख्य विलेन का किरदार करेंगे। युवा निर्देशक सुजीत द्वारा निर्देशित साहो का कुल बजट १५० करोड़ है।
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रांची की गुड़िया, क्या बन पायेगी शकीरा !
रांची डायरी छोटे शहर रांची की एक लड़की की विनोदपूर्ण कहानी है। गुड़िया, अपने दोस्तों के साथ चाहती है शकीरा की तरह पॉप गायिका बनना। उसकी यह चाहत उसे स्थानीय माफिया ठाकुर भैया की निगाह में चढ़ा देती है। वह अपने गलत कामों में गुड़िया का उपयोग करना चाहता है। इसके लिए वह गुड़िया के बचपन के दोस्त मनीष के साथ उसे भगा देता है। इसके साथ ही गुड़िया के साथ और आसपास कई घटनाएं घटती हैं और गुड़िया की ज़िन्दगी में हलचल मचा देती हैं। इन सब झमेलों से छुटकारा पाने के लिए गुड़िया और उसके दोस्त बैंक डकैती डालने की योजना बनाते हैं। अब यह बात दीगर है कि डाका उन्हें शहर में उपहास का पात्र बना देता है। कोकोनट पिक्चर्स की इस फिल्म के निर्माता अनुपम खेर के साथ रश्मिन मजीठिया हैं। निर्देशक सात्विक मोहंती की इस फिल्म में गुड़िया की भूमिका में सौंदर्या शर्मा ने की है और बचपन के दोस्त मनीष हिमांश कोहली बने हैं। दूसरी भूमिकाओं में ताहा शाह, हैरी बाला, प्रदीप सिंह, पीतोबश के अलावा सतीश कौशिक, अनुपम खेर और जिमी शेरगिल के नाम उल्लेखनीय हैं। यह फिल्म १३ अक्टूबर को रिलीज़ होगी।
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जब 'हसीना' श्रद्धा कपूर से डर गए अपूर्व के दोस्त !
हिंदी फिल्मों में अभी तक रिया, आरोही, वसुधा, शिया, विनी, अर्शिया, ऐशा और तारा जैसे नाज़ुक किरदार कर चुकी अभिनेत्री श्रद्धा कपूर हसीना बनने के बावजूद भयावने रूप में है। निर्देशक अपूर्व लखिया की फिल्म हसीना पारकर में श्रद्धा कपूर कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन और १९९३ के बम धमाकों का मुजरिम दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर की भूमिका कर रही हैं। इब्राहिम पारकर से प्रेम करने, उससे निकाह पढ़ाने और उसके बच्चों की माँ बनने के बाद हसीना का व्यक्तित्व कैसे खतरनाक मोड़ पर जा पहुंचता है, उसे परदे पर उकेरना आसान नहीं था। उस पर इस चरित्र के लिए श्रद्धा कपूर का चुनाव काफी अपरिपक्व फैसला लगता था। लेकिन, श्रद्धा कपूर ने अपने किरदार के लिए भरपूर मेहनत की। उन्होंने अपना वजन बढ़ाया, प्रोस्थेटिक मेकअप के सहारे चेहरे को फुलाया। आवाज़ को भारी बनाने के लिए वॉयस मॉडुलेशन की प्रक्रिया से गुजरी। वह इस किरदार में घुसने के लिए अपना ज़्यादा समय अकेले में गुजारती थी। हसीना पारकर के सेट पर मौजूद लोग एक दिलचस्प किस्सा सुनाते हैं। अपूर्व लाखिया के एक दोस्त उनसे मिलने आये। अपूर्व ने उनसे श्रद्धा कपूर का परिचय कराया। आम तौर पर श्रद्धा कपूर सबसे बड़े प्रेम से मिलती है। लेकिन, अपूर्व के दोस्त के सामने उन्होंने अपना हसीना पारकर वाला अंदाज़ नहीं छोड़ा। नतीजतन, उनका यह लहज़ा देख कर अपूर्व के दोस्त कुछ भयभीत हो गए। अब यह बात दीगर है कि उन्हें श्रद्धा कपूर का प्रशंसक भी बना दिया। हसीना पारकर २२ सितम्बर को रिलीज़ हो रही है।
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लखनऊ में अजय देवगन की 'रेड'
अस्सी के दशक में पड़े, पूरे देश में चर्चित एक हाई प्रोफाइल इनकम टैक्स छापे पर आधारित अजय देवगन की फिल्म रेड की शूटिंग आज से लखनऊ मे शुरू हो गई। यह शूटिंग साठ दिनों तक नॉन स्टॉप चलेगी। फिल्म में अजय देवगन आयकर अधिकारी की भूमिका करेंगे। इस फिल्म का निर्देशन नो वन किल्ड जेसिका और आमिर के निर्देशक राजकुमार गुप्ता करेंगे। इस फिल्म में अजय देवगन का साथ उनकी बादशाहों की साथी इलेअना डिक्रुज़ देंगी। फिल्म का संगीत अमित त्रिवेदी ने दिया है। गीतकार अमिताभ भट्टाचार्य हैं।
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सैफ अली खान का शेफ लुक
सभी जानते हैं कि राजा कृष्णा मेनन की फिल्म शेफ में सैफ अली खान एक शेफ का किरदार कर रहे हैं। यह शेफ खुशियाँ बांटने में विश्वास करने वाला है। इसके हाथ में जादू है। वह जो कुछ बनाता है, लोगों के मुंह में देख कर ही पानी आ जाता है। सैफ अली खान कमर्शियल फिल्मों के रोमांस और एक्शन करने वाले हीरो हैं। यह फिल्म उनकी अब तक की इमेज से काफी अलग है। फिल्म में वह एक पिता भी बने हैं। इसलिए, फिल्म के लिए उनका लुक भी बिलकुल अलग होना चाहिए। इसे भांपते हुए ही राजा कृष्ण मेनन ने उन्हें कैजुअल लुक दिया है। फिल्म की डिज़ाइनर रोशन कालरा ने सैफ के लिए शहरी पिता वाले कपडे डिजाईन किये हैं, ताकि वह इनमे अपने बेटे के साथ आसानी से बाहर भी जा सके। राजा कहते हैं, "हमने दिनप्रतिदिन के लिहाज़ से कपडे तैयार किये हैं। ज्यादातर शॉर्ट्स या फिर शर्ट्स और जीन्स का इस्तेमाल किया गया है। आप देखिएगा सैफ आजकल के युवा पिताओं जैसे लगेंगे।"
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प्रथम विश्व युद्ध के सैनिक दिलजीत दोसांझ
पंजाबी फिल्मों के सुपर स्टार दिलजीत दोसांझ प्रथम विश्व युद्ध पर एक फिल्म में नायक की भूमिका करेंगे। यह फिल्म पंजाबी भाषा में बनाई जाएगी। इस फिल्म का निर्देशन नॉटी जट्स, गोरेया नू दफा करो, दीदारियाँ और बम्बूकाट जैसी हिट पंजाबी फिल्मों के निर्देशक पंकज बत्रा करेंगे। पंकज बत्रा की फिल्मों की खासियत होती है उनकी फिल्मों के हीरो। पंकज की ज़्यादा फिल्मों के नायक पंजाबी गायक होते हैं। जुलाई में उनकी मराठी फिल्म सैराट की पंजाबी रीमेक फिल्म चन्ना मेरेया रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म से गायक निंजा का डेब्यू हुआ था। पंकज बत्रा ने एक हिंदी फिल्म आई लव देसी का निर्देशन भी किया था। लेकिन, यह फिल्म बुरी तरह से फ्लॉप हुई थी। दिलजीत दोसांझ की पहली हिंदी फिल्म शाहिद कपूर, करीना कपूर और आलिया भट्ट के साथ उड़ता पंजाब थी। जहाँ तक रियल लाइफ फ़िल्में करने का सवाल है, दिलजीत दोसांझ फिल्म पंजाब १९८४ कर चुके हैं। इस फिल्म में किरण खेर के साथ उनके अभिनय को बहुत सराहा गया था।
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हिंदी फिल्मों में रावण नहीं दशानन !
इस साल के अंत तक रिलीज़ होने वाली कुछ फिल्मों पर नज़र डालते हैं। सीक्रेट सुपरस्टार, मुआवज़ा ज़मीं का पैसा, रांची डायरीज, आईएसआईएस: एनिमीज ऑफ़ ह्यूमैनिटी और २०१६ द एन्ड उल्लेखनीय हैं। यह फ़िल्में अलग पृष्ठभूमि पर समस्याओं के साथ हैं। इन सभी फिल्मों में बुराई का रावण मौजूद है। बेशक, इसका चेहरा बदला हुआ है। सीक्रेट सुपरस्टार की एक मुस्लिम लड़की संगीत में रूचि रखती है। आड़े आते हैं कट्टरवादी। कैसे मुक़ाबला कर पाती है इंसु (ज़ायरा शेख) | रांची डायरीज एक छोटे शहर रांची की गुड़िया की है, जो शकीरा बनाना चाहती है। उसके इस लक्ष्य का फायदा उठाना चाहता है एक स्थानीय गुंडा। क्या गुड़िया सफल होती है? मुआवज़ा ज़मीन का पैसा किसानों से जुडी समस्या पर है। सरकार किसानों की ज़मीन ले लेती है, लेकिन उसको मुआवज़े के लिए नौकरशाही और बिचौलियों के शोषण का शिकार होना पड़ता है। आईएसआईएस आतंकवादी संगठन पर फिल्म होने के कारण आतंकवाद को निशाना बनाती है। इन सभी फिल्मों में बुराई का रावण है। सीक्रेट सुपरस्टार में कट्टरवादी हैं, रांची डायरीज में स्थानीय गुंडा है, मुआवज़ा में नौकरशाही और बिचौलिए हैं, एनिमीज ऑफ़ ह्यूमैनिटी में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस, रावण के ही रूप हैं। आम आदमी, एक व्यक्ति या व्यवस्था को इनसे जूझना है।
भारतीय फिल्मों की शुरुआत राजा हरिश्चंद्र से हुई थी, जो सदा सच बोलते थे। धार्मिक किरदार मूक फिल्मों के लिहाज़ से कहानी समझाने वाले और अपीलिंग थे। यही कारण है कि इसके बाद ज़्यादा फ़िल्में धार्मिक या फिर ऐतिहासिक घटनाक्रमों पर बनाई गई। पहली बोलती फिल्म आलम आरा एक राजकुमार के जिप्सी गर्ल से रोमांस पर फिल्म थी। इस फिल्म में भी बुराई के रावण की प्रतीक राजा की पत्नी दिलबहार थी। चूंकि, भारत के जनमानस में धार्मिक और पौराणिक चरित्रों की अमिट छवि बनी है, रामायण और महाभारत की कहानियां हर कोई जानता है। इसलिये, तमाम हिंदी फिल्मों में बुराई के प्रतीक रावण से सच्चाई और अच्छाई का राम संघर्ष करता रहता था ।
गाँव की गरीबी और ज़मींदार के शोषण का रावण
हिंदी फिल्मों का लम्बा इतिहास ग्रामीण पृष्ठभूमि वाली फिल्मों का रहा है। फिल्म चाहे महबूब खान की रोटी या मदर इंडिया हो या बिमल रॉय की दो बीघा ज़मीन या फिर त्रिलोक जेटली की फिल्म गोदान, गरीबी और ज़मींदार के शोषण का रावण हर फिल्म में था। ज़मींदार किसान को क़र्ज़ देता, भारी सूद वसूलता, फिर ज़मीन ही हड़प लेता। बेचारा किसान और उसका परिवार बेघर हो जाता। इन तमाम फिल्मों में रावण जीतता रहा, किसान का राम हारता रहा। सिर्फ मदर इंडिया की औरत का संघर्ष ही इस रावण को परास्त कर पाता था। रावण स्त्री लोलुप था। हिंदी फिल्मों के रावण का चरित्र भी वैसा ही था। मिर्च मसाला, निशांत और अंकुर में इसका चित्रण हुआ था। अलबत्ता श्याम बेनेगल की फिल्म अंकुर के क्लाइमेक्स में ज़मींदार के घर की खिड़की को बजाता हुआ पत्थर निशांत में ग्रामीणों के विरोध में बदल जाता है।
वेश बदल कर शहर आया
सत्तर के दशक में शोषण और अन्याय का प्रतीक रावण गाँव से शहर आ जाता है। लेकिन, उसका रवैया वही शोषक वाला रहता है। अमिताभ बच्चन से लेकर सनी देओल और अनिल कपूर तक तमाम बॉलीवुड अभिनेताओं की फ़िल्में शहर के किसी गुंडे या उसके गिरोह या डॉन या अंडरवर्ल्ड की ज़्यादतियों का चित्रण करने के बाद अंत में नायक को जीतता दिखाती थी। इन एक्शन फिल्मों का कथित राम हिंसा का हथियार पकड़ कर ही रावण को परास्त कर पाता था। ज़ंजीर में अमिताभ बच्चन का एंग्री यंग मैन आज का राम था और अजित का तेजा आधुनिक रावण। यह राम और रावण युद्ध कमोबेश इसी उसी रूप में हर अगली हिंदी फिल्म में नज़र आता रहा।
फिल्मों की सीतायें भी रावण के खिलाफ
अस्सी के दशक से हिंदी फिल्मों के रावण का चेहरा बदलने लगा, इसके साथ ही राम का चेहरा भी। अभी तक हिंदी फिल्मों में रावण का मुक़ाबला करने में अकेला राम सामने आता था। अब राम का युद्ध धर्मयुद्ध बन गया था। सीता ने भी राम का रूप धर लिया था। मिर्च मसाला, लज्जा, दामिनी, डोर, फिर मिलेंगे, मातृभूमि, गुलाब गैंग, आदि फ़िल्में तमाम उदाहरणों में कुछ एक हैं, जिनमे फिल्म की नायिकाएं अपने रावणों को ख़त्म करने के लिए कमर कस रही थी। मिर्च मसाला में मसाला बनाने महिलाएं लम्पट जमींदार का खात्मा करने के लिए एकजुट हो जाती थी। लज्जा की चार औरते अपने मर्दों की ज़्यादतियों के खिलाफ उठ खडी होती हैं। दामिनी की नायिका बलात्कार की शिकार अपने घर की नौकरानी को न्याय दिलाने के लिए ससुराल और पति के खिलाफ आवाज़ उठाती है। अलबत्ता, इस काम में उसका साथ एक शराबी वकील सफलतापूर्वक देता है। डोर का कथानक पुराना लग सकता है। लेकिन, इसकी विधवा नायिका का अपनी एक मित्र के साथ गांव समाज की बुराइयों से लड़ने का जज़्बा किसी को भी प्रेरित कर सकता है।
फिर मिलेंगे की कहानी एड्स से ग्रस्त लोगों के सामाजिक उपेक्षा के बीच अपना मुकाम बनाने की है। गुलाब गैंग की महिलाएं अपने गाँव की मर्दों के ज़्यादतियों के खिलाफ लड़ने वाली महिलाओं को अपने लट्ठ के बल पर इन्साफ दिलाती है। मर्दानी में पुलिस ऑफिसर शिवानी शिवाजी रॉय नाबालिग लड़कियों को बेचने वाले रावणों का खात्मा करती है।
भ्रष्टाचार और आतंकवाद का रावण
हिंदी फिल्मों में रावण के कई रूप हैं। समाज में भ्रष्टाचार, आतंकवाद, माफिया-डॉन नेता नेक्सस, महंगाई, चोरबाज़ारी, आदि ढेरों बुराइयों के रावण दसों सिरों के साथ मौजूद हैं। सिस्टम में भ्रष्टाचार पर ढेरों फ़िल्में बनाई गई हैं। इन फिल्मों में अर्द्ध सत्य, मेरी आवाज़ सुनो, शूल, जाने भी दो यारों, गंगाजल, रण, सत्याग्रह, रंग दे बसंती, आदि उल्लेखनीय हैं। इन फिल्मों का नायक प्रशासन और राजनीति में भ्रष्टाचार और गठजोड़ का खात्मा करता है। सलमान खान की जय हो और अक्षय खन्ना की गली गली में चोर है में भ्रष्टाचार के खिलाफ आम जनता को जगाया जाता है। उड़ता पंजाब, फैशन, देव डी, शैतान, पंख, दम मारो दम, गो गोवा गॉन, आदि फिल्मों में नशे के रावण से लड़ते नायक-नायिका थे, जो हारते भी थे और जीतते भी। पर उनका संघर्ष जारी रहता था। ब्लैक फ्राइडे, अ वेडनेसडे, दिल से, मुंबई मेरी जान, रोजा, आमिर, सरफ़रोश, न्यू यॉर्क, नीरजा, द्रोह काल, बेबी, ज़मीन, दस, हॉलिडे अ सोल्जर नेवर ऑफ ड्यूटी, आदि फ़िल्में उन बहुत सी फिल्मों का उदाहरण मात्रा हैं, जीनके नायक-नायिका आतंकवाद से जूझ रहे थे।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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