Wednesday 28 August 2019

क्या दक्षिण के भी दबंग साबित होंगे Salman Khan ?


सलमान खान प्रोडक्शन्स ने ऐलान किया है कि २० दिसम्बर को प्रदर्शित होने जा रही उनकी फिल्म दबंग ३, हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु और कन्नड़ मे भी रिलीज़ होगी। प्रोडक्शन हाउस ने ट्वीट करते हुए लिखा- चुलबुल पाण्डेय का जादू अब तमिल, कन्नड़ और तेलुगु में भी। दक्षिण की तीन भाषाओँ में, सलमान खान की फिल्म प्रदर्शित किये जाने का मतलब यह हुआ कि सलमान खान के चुलबुल पाण्डेय का जादू तमिल, तेलुगु और कन्नड़ दर्शकों पर भी चलाया जायेगा । क्या सलमान खान, दक्षिण में भी दबंग साबित होंगे ?

उत्तर की पृष्ठभूमि 
दबंग ३ का चुलबुल पाण्डेय, उत्तर प्रदेश का रॉबिनहुड टाइप का पुलिस अधिकारी है। उसकी बोलचाल और कपडे आदि इसकी मिसाल हैं। चुलबुल पाण्डेय का यह किरदार हिंदी बेल्ट के दर्शकों को लुभा सकता है। लेकिन, क्या यह किरदार दक्षिण के दर्शकों को भी पसंद आएगा ? इसे बहुत आसानी से साबित नहीं किया जा सकता। इस दबंग की राह में रोड़े जरूर हैं।

प्रभुदेवा और सुदीप के सहारे 
दक्षिण के दर्शकों के लिहाज़ से, सलमान खान की फिल्म दबंग ३ में दक्षिण के लोकप्रिय कोरियोग्राफर, फिल्म निर्देशक और एक्टर प्रभुदेवा फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं। चुलबुल पाण्डेय के रॉबिनहुड पाण्डेय बनने की दास्ताँ को कहने वाली इस प्रीक्वेल फिल्म के विलेन दी दबंग के छेदी सोनू सूद या दबंग २ के ठाकुर बच्चा सिंह प्रकाश राज नहीं है। लेकिन, इसकी भरपाई के लिए दबंग २ के चुन्नी निकितन धीर के साथ कन्नड़ फिल्मों के अभिनेता किच्चा सुदीप बड़ा आकर्षण हैं। क्या प्रभुदेवा और सुदीप के सहारे सलमान खान दक्षिण के दबंग साबित होंगे ?

मगर रोड़े भी 
दबंग की राह में रोड़े हैं। दबंग ३, २० दिसम्बर को रिलीज़ हो रही है। हिंदी बेल्ट में तो फिलहाल सलमान खान का रास्ता साफ़ है। लेकिन, दक्षिण से चुनौतियाँ हो सकती हैं। कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के नए सुपरस्टार यश की, पिछले साल की सुपर हिट फिल्म केजीएफ़ चैप्टर १ का दूसरा हिस्सा केजीएफ़ चैप्टर २ दिसम्बर में रिलीज़ हो सकती है।

शाहरुख़ खान को धूल चटाई 
केजीएफ़ चैप्टर २, पिछले साल २० दिसम्बर को रिलीज़ हुई थी और इस फिल्म ने शाहरुख़ खान की फिल्म जीरो को धुल चटाई थी। केजीएफ़ चैप्टर १ के हिंदी संस्करण को फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी के एक्सेल एंटरटेनमेंट ने रिलीज़ किया था। इस साल भी, एक्सेल एंटरटेनमेंट इस फिल्म को रिलीज़ कर रहा है। इसका मतलब है कि सलमान खान के लिए चुनौती बरकरार है। 

नवोदय टाइम्स २८ अगस्त २०१९





A second son for Ira in &TV’s Meri Hanikarak Biwi?



&TV’s popular daily Meri Hanikarak Biwi has captivated viewers all this while with its exciting twists and turns. With yet another fascinating change in events, viewers will see a huge epiphany in the upcoming drama, which is sure to leave them captivated when they along with Dr. Ira (Jia Shankar) realize that she is a mother to not one but two children. Yes, you heard that right! 

All this while, it was established that Ira’s only child was Mishri (Vaishnavi Prajapati) but, as soon as the revelation took place, it comes as a hard hitting fact that she was once also a mother to a young boy, who was reported to her as dead but in reality, was abducted by Chanda (Rajeshwari Datta), the woman who had genuinely helped Ira deliver Mishri. Chanda being a barren woman raised Ira’s son like her own and left no stone unturned to fulfil his desires. Coming to terms with this realization, Ira is all set to take fate in her own hands and will be seen reuniting with her long-lost son, Chuttan Yadav (Gauransh Sharma) only to realize he is completely contrary to her temperament and values and has been raised in a completely different setting. 

Unwilling to deal with the loss of her son, Chanda’s character will resurface in the story as she sets to take an evil revenge from Ira and Akhilesh while the duo to try their hands at parenting their long lost son. While on one hand Ira and Akhilesh (Karan Suchak) try to solve their differences that are a result of Chuttan, Mishri begins to develop differences with her own parents as a result of being manipulated by Chanda. The question that remains is, will Ira manage to develop a motherly relationship with her son or will she end up losing her only daughter in that process? 

Essaying the character of Chanda, Rajeshwari Datta who is all set to enter the show and create a stir in Ira’s life says, “Negative roles can be quiet challenging to play. But I have always liked playing negative roles, as it gives the artist a chance to play around with various shades gripping the viewers attention. There is a striking contrast between playing a negative role and how I am in real life. In reality, I am a very amiable and soft spoken personality and in the show, Meri Hanikarak Biwi, my character is totally opposite to that. Everyone on the sets including my cast members have been extremely supportive and I am really enjoying working with them. Playing the character of Chanda is a suppressed feeling and she being a barren woman , her life revolves around Chuttan which in turn makes her very possessive about him and that is exactly where the negative shade comes into play.”

Tuesday 27 August 2019

फिल्म WAR का एक्शन से भरपूर ट्रेलर

फिल्म Pal Pal Dil Ke Paas का title song


साहो की पुलिस भूमिका में मुरली शर्मा



बॉलीवुड में अपने नेगेटिव किरदारों के लिए मशहूर अभिनेता मुरली शर्मा , साउथ की फिल्म इंडस्ट्री में भी बहुत ज्यादा मशहूर है और इन दिनों एक बार फिर से चर्चा का विषय बने हुए हैं क्योंकि उनकी आने वाली फिल्म साहो बहुत जल्द रिलीज होने वाली है|  इस फिल्म में मुरली शर्मा का काफी अहम किरदार है जिसके लिए वह बेहद उत्साहित हैं.

 मुरली कहते हैं -' इस फिल्म के लिए मैं काफी उत्साहित हूं क्योंकि मेरा काफी दिलचस्प और अहम किरदार है, फिल्म की शूटिंग करते वक्त मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आया| मैं गर्व के साथ कहना चाहता हूं कि यू वी क्रिएशन, जो कि प्रोडक्शन हाउस है वह एक तरीके से मेरा होम प्रोडक्शन बन गया है, यह लोग अपने काम के प्रति बहुत ही ज्यादा सजग रहते हैं|' 

मुरली आगे कहते हैं- ' प्रभास को डार्लिंग कहा जाता है और सही मायने में वह एक डार्लिंग ही हैं, स्वभाव के अनुसार भी प्रभास काफी सज्जन ,सहायक और हमेशा पॉजिटिव ऊर्जा के साथ नजर आते हैं ,उनके साथ काम करने का मेरा अनुभव और भी ज्यादा बढ़िया था|' 

हालांकि जब हमने मुरली से उनके किरदार के बारे में जानना चाहा तो वह खामोशी के साथ बस अपने पुलिस के किरदार के बारे में बता रहे थे ,मुरली ने कहा-' मैं गलती से भी फिल्म की कहानी या किसी किरदार के बारे में बातचीत नहीं करना चाहता क्योंकि इससे जाने अनजाने में ही कहीं कोई बात बाहर निकल ना जाए, यह कहानी बड़े ही अच्छे तरीके से लिखी गई है और मैं नहीं चाहता कि थिएटर में देखने से पहले इसकी कोई भी बात बाहर निकले. यह एक ऐसी कहानी है जो आपको आखिरी तक बांध कर रखती है, जिसका पूरा श्रेय मेरे डायरेक्टर सुजीत कुमार को जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने बड़े ही दिलचस्प अंदाज में पूरी फिल्म को डायरेक्ट किया है' 

फिल्म की अभिनेत्री श्रद्धा कपूर के बारे में बातचीत करते हुए मुरली ने बताया- ' श्रद्धा बहुत ही अच्छी कलाकार है और उनके साथ काम करने का अनुभव काफी खास रहा| सबसे अच्छी बात उनकी यह है कि दूसरी भाषा को वह बड़े अच्छे तरीके से पकड़ पाई है. पहले ही दिन मैं सेट पर उनकी काम के प्रति सजगता को  देखकर काफी प्रभावित हुआ.'

Monday 26 August 2019

Baby Won't You Tell Me फिल्म SAAHO


मस्सकली का प्रयास भारतीय हॅन्डलूम को Shabana Azmi का साथ



मस्सकली का प्रयास भारतीय हॅन्डलूम बुनकर को सशक्त बनाना, इसमे शबाना आज़मी, भाग्यश्री और शर्मिला ठाकरे ने दिया साथ

भारतीय हॅन्डलूम उद्योग को पुनर्जीवित करने और पैठणी बुनकर महिलाओं की शिल्पकारी को पुरुजीवित रखने के लिए, श्रद्धा सावंत और उनकी संस्था मस्सकली ने मुंबई में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया. जिसमें ५०० से अधिक हॅन्डलूम साड़ियों समावेश था। हॅन्डलूम प्रेमी और अभिनेत्री शबाना आज़मी और भाग्यश्री इस खास कार्यक्रम में मौजूद थे। शर्मिला ठाकरे, अभिनेत्री इंदिरा कृष्णन, और सोशल मीडिया साड़ी इन्फ्लुएन्सर ममता शर्मा दास उर्फ बोहोबालिका सहित कई अन्य हस्तियाँ भी उपस्थित थी।  उन्हें बुनकरों और उनके परिवारों के साथ घुलमिल कर देखने का एक अलग ही आनंद था।

श्रद्धा सावंत ने अपने दो पैठानी बुनकरों के साथ करघे में पूरे बुनाई की प्रकिया का आयोजन कर यह प्रक्रिया कितनी जटील है इसका एहसास कराया।  पैठानी साड़ियों व्यतरित अन्य कई  हैंडलूम साड़ियों जैसे कि बनारसी, चंदेरी, खादी-जामदानी, इकत, जरी, कांजीवरम, और गढ़वाल का भी इस  प्रदर्शन में समावेश किया गया था. ब्रांड के नाम की व्याख्या करते हुए श्रद्धा सावंत ने कहा,"मस्सकली का अर्थ एक पक्षी है, जो स्वतंत्रता, शांती और समृद्धि का प्रतीक हैं- इस त्यौहार के मौसम में हमारे बुनकर समुदाय के लिए मेरी यही की इच्छा है, की वह भी अपने जीवन में ऐसीही उडान भरें।"

बुनाई समुदाय के लिए स्थिति कितनी कठिन है, इस पर जोर देते हुए, उन्होंने कहा, “यह बुनकर कलाकार जबरदस्त प्रतिभाशाली हैं, लेकिन बहुत निर्धन हैं, सभी खरीदारों के साथ संपर्क की कमी के वजह से। वे शहरी दर्शकों द्वारा अच्छे खासे मूल्य के लायक हैं, और उनके लिए उपयुक्त रूप से संरक्षण देना जरुरी है ताकि वे बुनाई की सदियों पुरानी पारंपरिक प्रक्रिया को जीवित रखने में सक्षम हो सकें। इसीवजह से मस्सकली ने इस मोहिंम में प्रवेश किया ताकि उनके जीवन में इस जरिये वो अपनी जिंदगी खुशियाली से बिताये । 

परंपरा के विलुप्त होने से पहले बुनाई की कला में नए आर्थिक लहर निर्माण करने की कामना करते हुए, श्रद्धा सावंत ने कहा, “हमारी सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए ग्रामीण रोजगार प्रदान करने के लिए हैंडलूम उद्योग एक मुख्य वाहन है। मस्सकली के माध्यम से, मैं उन परंपरावादियों को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रही हूं, साथ ही भारत की शानदार सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक बुनाई कला को वापस अपने मुख्य स्थान पर मने का प्रयास हैं । "

श्रद्धा सावंत बुनकरों को  पारंपरिक बुनाई के अलावा अनन्य डिज़ाइनर साड़ी कैसे बनाई जाए इसका प्रशिक्षण भी देती  है। कम से कम, महीने में एक बार, हम व्यक्तिगत रूप से छोटे गांवों का दौरा करते हैं और बुनकरों के साथ बातचीत करते हैं। हम उन्हें नए डिज़ाइन्स की भी कल्पना  देते हैं। इस कृत्य से वे प्रोत्साहित और प्रेरित महसूस करते हैं, “उन्होंने मुस्कुराकर साझा किया।

जब हम भारतीय कलाकारों की गरिमा को बनाए रखते हैं, तो हम वास्तव में खुद की मदद करते हैं। हैंडलूम सिर्फ इको-फ्रेंडली नहीं है; यह कार्बन अस्तित्व  को भी कम करता है क्योंकि पुनर्जीवन ग्रामीण प्रवासन को धीमा कर देता है, इसके अलावा हमें सैकड़ों अद्भुत क्षेत्रीय भारतीय बुनाई और तकनीकों के पुनरुत्थान का भी प्रतिनिधित्व करते है। "

प्रख्यात अभिनेत्री शबाना आज़मी हैंडलूम के प्रति प्यार साझा करते हुए कहा, “हैंडलूम के लिए मेरा प्यार मेरे बचपन से उपजा है। मेरी माँ भी भारतीय हैंडलूम साड़ियों की बहुत बड़ी संरक्षक थीं। जब मैंने श्याम बेनेगल की फिल्म "सुस्मान" में एक बुनकर की पत्नी की भूमिका निभाई थी, तो मैंने महसूस किया कि महिलाओं को इस व्यापार में केवल परिधीय स्थिति है। मैं महिला बुनकरों को शामिल करने और उन्हें इस प्रक्रिया में सशक्त बनाने के लिए श्रद्धा सावंत की दिल से सराहना करती हूँ।

अगम सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध भाग्यश्री ने एक सारगर्भित रहस्य साझा करते हुए कहा, "मेरे पास पैठनी साड़ीयो का भंडार है जो मेरी माँ की है, जो मुझे आशा है कि मेरी बेटी पहनेंगी और उनकी  बेटी किसी दिन पहनेंगी, एक बहुत ही सरल कारण के लिए - कि वे बहुत खूबसूरत हैं ! "

उन्होंने एक अहम् बात कही, "इस तरह की साड़ियों के साथ जो हमेशा के लिए अपनी सुंदरता को बनाए रखती हैं, यह न केवल लोगों के आभूषण हैं, जो हमारे बच्चों को सौंपे सकते हैं, बल्कि ये भी अनमोल रत्न से कम नहीं हैं।" दोनों कलाकारों ने सभी से अपील की वह भी बुनकरों के समर्थन में आगे आएं।

Sunday 25 August 2019

लगातार रिलीज़ होंगी Shraddha Kapoor की दो फ़िल्में


प्रभास की फिल्म साहो के ३० अगस्त को शिफ्ट हो जाने के बाद, एक समय ३० सितम्बर को छिछोरे और मेड इन चाइना के बीच त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति लग रही थी। इसके बाद,  जब राजकुमार राव और  मौनी रॉय की कॉमेडी फिल्म मेड इन चाइना की रिलीज़ टाल दी गई, तब भी टकराव की स्थिति थी।  यह टकराव इस लिहाज़ से दिलचस्प था कि यह एक ही अभिनेत्री की दो फ़िल्में एक ही दिन रिलीज़ होने का था।  कॉलेज के  छात्रों की कहानी पर फिल्म छिछोरे की नायिका श्रद्धा कपूर थी। श्रद्धा कपूर, प्रभास के साथ फिल्म साहो की भी नायिका हैं। ऐसा बहुत कम होता है कि एक ही अभिनेत्री की दो फ़िल्में एक ही शुक्रवार रिलीज़ हों। अमूमन, इस प्रकार के टकराव को टाला जाता है।साहो और छिछोरे टकराव में भी ऐसा ही किया गया।   छिछोरे के निर्माताओं ने, अपनी फिल्म को एक हफ्ता पीछे खींच लिया । अब छिछोरे ६ सितम्बर को रिलीज़ हो रही है। हालाँकि, ऐसा नहीं लगता कि छिछोरे की रिलीज़ श्रद्धा कपूर की दो फिल्मों का टकराव न होने देने के लिए टाली गई है। बड़ा कारण  साहो का भारी भरकम कद लगता है।  फिल्म साहो ३०० करोड़ की लागत में बनी है। फिल्म मे प्रभास  के साथ नील नितिन मुकेश, जैकी श्रॉफ, चंकी पांडेय,  महेश मांजरेकर, मंदिरा बेदी, एवलीन शर्मा, आदि बॉलीवुड के सितारों की भरमार भी है। साहो के तूफ़ान में छिछोरे की हँसी मंद पड़ सकती थी।  शायद, साहो के निर्माता भी ऐसा ही कुछ चाहते होंगे। लेकिन,  अब दूसरा मज़ेदार दृश्य बन गया है। श्रद्धा कपूर की लगातार दो फ़िल्में रिलीज़ हो रही हैं। साहो और छिछोरे,  दोनों ही फिल्मों में श्रद्धा कपूर की भूमिका अहम् है। अगर साहो को बड़ी सफलता मिलती है तो दर्शकों के सर पर साहो की श्रद्धा कपूर का हैंगओवर होगा। छिछोरे देखते समय वह श्रद्धा कपूर की भूमिका में साहो  का अक्स महसूस करेंगे। ऐसे में छिछोरे की एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर की चमक फीकी पड़  सकती है। इसीलिए तो किसी अभिनेत्री की लगातार दो फ़िल्में प्रदर्शित होना भी बढ़िया नहीं माना जाता।   

अगर बनाया जाए कुछ कुछ होता है का रीमेक !


करण जौहर की, बतौर निर्देशक पहली फिल्म कुछ कुछ होता है को २० साल हो गए।  काजोल, शाहरुख़ खान और रानी मुख़र्जी के रोमांटिक त्रिकोण वाली फिल्म कुछ कुछ होता है, १६ अगस्त १९९८ को रिलीज़ हुई थी।  कॉलेज रोमांस से शुरू यह फिल्म तमाम नाट्कीयताओं से गुजरती हुई दर्शकों को अपने आगोश मे ले लेती थी।  बीस साल पहले, १४ करोड़ की लागत में  बनी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ४७ करोड़ की विशुद्ध कमाई की थी।  कुछ कुछ होता है के बीस साल होने के मौके पर, करण जौहर ने, मेलबॉर्न  के भारतीय फिल्म फेस्टिवल मे  विशेष शो किया था।  इस शो के बाद, मौजूद पत्रकारों ने करण जौहर से सवाल-जवाब किये थे।  यह पूछे जाने पर कि  अगर वह कुछ कुछ होता है का रीमेक करेंगे तो राहुल (शाहरुख़ खान), अंजलि (काजोल) और टीना (रानी मुखर्जी) की भूमिका भूमिका के लिए वर्तमान पीढ़ी के किन कलाकारों को लेना चाहेंगे।  सवाल के जवाब में करण जौहर ने  रणवीर सिंह, आलिया भट्ट और जाह्नवी कपूर का नाम लिया था।  करण जौहर, रीमेक फिल्म के राहुल के लिए रणवीर सिंह को इसलिए लेना चाहते हैं कि शाहरुख़ खान जैसी गहरी दीवानगी है।  वह, आलिया  भट्ट में अंजलि जैसा साहस और उत्साह पाते हैं।  उनका यह भी मानना था कि टीना का जीवन  के  प्रति संतुलित रवैया रखने वाला किरदार कोई  जाह्नवी कपूर ही कर सकती है। वैसे यह काल्पनिक स्टार कास्ट है।  क्योंकि, करण जौहर कुछ कुछ होता है को रीमेक नहीं करना चाहते हैं।  अगर वह बनाएंगे तो कुछ कुछ होता है को रिबूट कर कुछ बनाएंगे।  

Puneet Issar के बेटे Siddhant Issar की लास्ट डील


पुनीत इस्सर के पुत्र सिद्धांत इस्सर हिंदी फिल्म 'लास्ट डील' के साथ बॉलीवुड में अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत करने जा रहे हैं। पुनीत इस्सर ने क्लैप देकर फिल्म की आधिकारिक शुरुआत की। इस क्राईम थ्रिलर हिंदी फिल्म के निर्देशक राजेश के राठी हैं। इस फिल्म में सिद्धांत इस्सर के साथ प्रीति चौधरी, सुपर्णा माला कर, अमित पचौरी नजर आएंगे। सिद्धांत को लास्ट डील मिलने का किस्सा दिलचस्प है। सिद्धांत ने अपने पिता श्री पुनीत इस्सर के निर्देशन एक नाटक महाभारत में काम किया है । इस नाटक में सिद्धांत ने दुर्योधन की भूमिका की है । दुर्योधन के इस लुक की वजह से ही सिद्धांत को यह फिल्म मिलने में आसानी हुई। अपनी पहली फिल्म में सिद्धांत, हिंदी फिल्म दर्शकों पर कैसा विश्वास जमा पाते हैं, यह देखने वाली बात होगी। लेकिन, सिद्धांत के पिता पुनीत इस्सर के लिए पहली फिल्म हादसा साबित हुई। यह फिल्म थी कुली (१९८३) । वही, मनमोहन देसाई निर्देशित मशहूर फिल्म कुली,  जिसके सेट पर अमिताभ बच्चन को घातक चोट लगी और वह मौत से जूझने पर मज़बूर हुए।  दरअसल, अमिताभ बच्चन को यह चोट पुनीत इस्सर के साथ एक एक्शन करते समय हुई।  पुनीत इस्सर ने अमिताभ बच्चन के पेट में एक घूँसा मारा। वह एक मेज से तक़रारा कर कई गुलाटियां खाते हुए लुढ़क गए।  इसके बाद ही, अमिताभ बच्चन के पेट में दर्द उठा। मेज के कोने से पेट टकरा जाने के कारण उन्हें चोट आई थी।  हॉस्पिटल ले जाया गया, जहाँ उनकी हालत गंभीर हो गई।  खबर यह उड़ी की अमिताभ बच्चन को यह चोट पुनीत इस्सर के मुक्के के कारण लगी। इसके परिणामस्वरुप कई बड़े अभिनेता उनके साथ फिल्म करने में कतराने लगे। उन्हें फ़िल्में मिलने में काफी मुश्किलें आई।  खुद अमिताभ बच्चन ने भी पुनीत के साथ दूसरी कोई फिल्म नहीं की।  पच्चीस साल बाद, पुनीत इस्सर अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म बंटी और बबली में रानी मुख़र्जी के करैक्टर के पिता के तौर पर नज़र आये। तब तक पुनीत इस्सर, महाभारत के दुर्योधन और सलमान खान की एक्शन फिल्म गर्व के निर्देशक के तौर पर चर्चित हो चुके थे। 

Tabu के साथ कपूर एंड ब्रदर्स


एक्टर शाहिद कपूर के छोटे भाई ईशान खट्टर, निर्देशक मीरा नायर की अगली फिल्म में फिर से आ गए हैं। पहले यह खबर थी कि ईशान ने, विशाल भरद्वाज की फिल्म के लिए मीरा नायर की फिल्म छोड़ दी है। विशाल भरद्वाज की फिल्म सलमान रुश्दी के उपन्यास मिडनाइट’स चिल्ड्रेन का पटकथा रूपांतरण है। लेकिन, अब ईशान खट्टर ने, विशाल भरद्वाज की फिल्म छोड़ दी है। यह वही विशाल भरद्वाज हैं, जिनकी फिल्म कमीने की दोहरी भूमिका से शाहिद कपूर ने खूब प्रशंसा और सफलता बटोरी थी। लेकिन छोटे भाई ने तो बड़े भाई को शोहरत दिलाने वाले विशाल भरद्वाज की फिल्म ही  छोड़ दी। मीरा नायर की फिल्म विक्रम सेठ के उपन्यास अ सूटेबल बॉय का पटकथा रूपांतरण है। इस फिल्म में, ईशान खट्टर ने कपूर परिवार के युवा बेटे मान की भूमिका की है। मान, एक तवायफ सईदा बाई के रूप पर आसक्त है। इसे एकतरफा प्रेम का कोण कहा जा सकता है। यहाँ दिलचस्प तथ्य यह है कि फिल्म में सईदा बाई की भूमिका तब्बू कर रही हैं। तब्बू ने मीरा नायर की फिल्म द नेमसेक में भी अभिनय किया था। मगर, ईशान खट्टर, मीरा नायर और तब्बू के साथ पहली बार कोई फिल्म कर रहे हैं। ईशान खट्टर और तब्बू का रूपहले परदे का यह साथ काफी दिलचस्पी पैदा करने वाला है। क्योंकि, इस फिल्म को करने के बाद, तब्बू ऐसी अभिनेत्री बन जायेंगी, जो पिता और भाई के साथ फ़िल्में कर चुकी हैं। जी हाँ, तब्बू ने शाहिद कपूर के पिता पंकज कपूर के साथ विशाल भरद्वाज की फिल्म मक़बूल की हैं। तब्बू ने शाहिद कपूर के साथ भी विशाल भरद्वाज की फिल्म हैदर की है। ईशान खट्टर, मीरा नायर की फिल्म में जहाँ तब्बू के प्रति आसक्ति का भाव रखेंगे, वहीँ हैदर में शाहिद कपूर और तब्बू ने बेटा और माँ की भूमिका की थी। यहाँ उस समय दिलचस्पी कुछ ज्यादा बढ़ जायेगी, जब पाठकों को मालूम पड़ेगा कि मक़बूल में, तब्बू ने पंकज कपूर की रखैल की भूमिका की थी। 

Prabhas बने Jacqueline Fernandez के बैड बॉय


बहुत दिनों से चर्चा थी कि फिल्म साहो मेंश्रद्धा कपूर के साथ प्रभास के रोमांटिक नंबर साइको सैयां के बादफिल्म में एक आइटम सांग भी रखा जाएगा। यह भी बताया गया था कि इस आइटम सांग को प्रभास के साथ बॉलीवुड एक्ट्रेस जैक्वेलिन फर्नॅंडेज़ करेंगी। इस गीत के फिल्मांकन के लिए श्रीलंका सुंदरी ऑस्ट्रिया पहुँच भी गई थी । दरअसलश्रद्धा कपूर और जैक्वेलिन फर्नॅंडेज़ के प्रभास के साथ दोनों गीतों का फिल्मांकन एक लोकेशन ट्रिओल ऑस्ट्रिया में किया गया है। पहलेश्रद्धा कपूर वाले गीत की शूटिंग हुईउसके बाद जैक्वेलिन फर्नॅंडेज़ के गीत का फिल्मांकन किया गया।  इसके बाद से ही इस गीत का इंतज़ार लगा था। एक महीना लम्बा यह इंतज़ार १८ अगस्त को ख़त्म हो गया । हैदराबाद के रामोजी स्टूडियो मेंफिल्म साहो के ट्रेलर और इस आइटम गीत की रिलीज़ का कार्यक्रम आयोजित हुआ । साहो के ट्रेलर और गीत की रिलीज़भारतीय सिनेमा के इतिहास की विशाल पैमाने पर की गई सबसे बड़ी रिलीज़ थी । इस मौके पर प्रभास और श्रद्धा कपूर सहित फिल्म की तमाम स्टारकास्ट मौजूद थी । फिल्म के ट्रेलर और आइटम गीत बैड बॉय की झलक देख कर हीमौजूद एक लाख दर्शक ख़ुशी से पागल हो गए । उन्होंनेजैक्वेलिन फर्नॅंडेज़ पर फिल्माए गएइस आइटम का सीटियाँ बजा कर स्वागत किया । यह एक पार्टी गीत है । कदम थिरकाने वाला । अब यह ३० अगस्त का दिन बतायेगा कि यह आइटम गीत फिल्म के लिए कितने ज्यादा दर्शक आकर्षित कर पाता है या नहीं !

१३ साल बाद घोस्टबस्टर की Bhool Bhulaiya में फंसेगा दर्शक !


भूल भुलैया २ के फर्स्ट लुक पोस्टर के जारी होने के साथ ही, १२ अक्टूबर २००७ को प्रदर्शित  अक्षय कुमार और विद्या बालन की हॉरर कॉमेडी फिल्म भूल भुलैया के सीक्वल की शुरुआत हो गई।  फर्स्ट लुक पोस्टर में अभिनेता कार्तिक आर्यन घोस्टबस्टर की वेशभूषा में नज़र आ रहे हैं।  साफ़ है कि भूल भुलैया की सीक्वल फिल्म के नायक अक्षय कुमार नहीं, कार्तिक आर्यन होंगे।  कार्तिक आर्यन, आज की पीढ़ी के सबसे सफल अभिनेता माने जा रहे हैं।  सोनू के टीटू की स्वीटी के बाद, लुका छुपी की सफलता ने उनका बाजार फैला दिया है। अब वह लव रंजन की फिल्मों के नायक के खोल से बाहर निकल चुके हैं।  आज की तमाम युवा अभिनेत्रियों की फिल्मों के नायक कार्तिक आर्यन ही बनाये जा रहे हैं।  लेकिन, भूल भुलैया २ के पोस्टरों ने कार्तिक आर्यन को तुलना के तराज़ू में तौलवा दिया है। इस पोस्टर में,  कार्तिक आर्यन के किरदार का अंदाज़ अक्षय कुमार के भूल भुलैया अंदाज़ से मिलता जुलता है।  इसलिएइस भूमिका को लेकर, कार्तिक आर्यन की तुलना अक्षय  कुमार से की जाने लगी है कि क्या वह भूल भुलैया के अक्षय कुमार वाला जादू अपनी भूमिका से जगा पाएंगे ? कार्तिक आर्यन को प्रतिभाशाली मानने वालों की कमी नहीं। लेकिन, उससे कहीं ज़्यादा लोग मानते हैं कि अक्षय कुमार के जूतों के लिहाज़ से कार्तिक आर्यन के पाँव काफी छोटे हैं।  अक्षय कुमार तो सुपरस्टार हैं।  भूल भुलैया २ में कार्तिक आर्यन पुराना जादू बिखेर पाएंगे, इसका जवाब तो ३१ जुलाई २०२० को ही मिल पायेगा।  लेकिन, उससे कहीं पहले, ६ दिसंबर २०१९ को ही पता लग जाएगा कि कार्तिक आर्यन में सुपरस्टार बनने या सुपरस्टार के जूतों में पाँव डालने का माद्दा है या नहीं ! क्योंकि, ६ दिसंबर को कार्तिक आर्यन की, १९७८ की संजीव कुमार, विद्या सिन्हा और रंजीता कौर की फिल्म पति पत्नी और वह की रीमेक फिल्म रिलीज़ हो रही है।  अभी से यह सोचा जाने लगा है कि क्या कार्तिक आर्यन इस कल्ट फिल्म के रीमेक के साथ न्याय कर पाएंगे ?  

वडाला से Batla House तक John Abraham


बॉक्स ऑफिस पर बाटला हाउस को मिली सफलता के बाद,  जॉन अब्राहम ऐसे अभिनेता और फिल्म  निर्माता माने जा रहे हैं, जो भिन्न अछूते विषयों पर फ़िल्में बनाना ही नहीं चाहते, अभिनय भी करना चाहते हैं।  दिलचस्प तथ्य यह है कि जॉन अब्राहम की ऎसी तमाम फ़िल्में हिट भी हुई है।  जॉन अब्राहम को दहाई में ओपनिंग दिलवाने वाली पहली फिल्म गैंगस्टर फिल्म थी।  ख़ास बात यह  थी कि मान्या सुर्वे नाम के इस गैंगस्टर को बहुत कम लोग जानते थे। संजय गुप्ता निर्देशित फिल्म शूटआउट एट वडाला गैंगस्टर मान्या सुर्वे पर केंद्रित थी।  यह मुंबई पुलिस का एक निर्दोष को अपराध में फंसा कर गैंगस्टर बनाने ऐसा कारनामा था,  जो मुंबई पुलिस के लिए कलंक था।  फिल्म में गैंगस्टर किरदार खुद जॉन अब्राहम ने किया था। यह फिल्म, जॉन अब्राहम को १०.१० करोड़ की दहाई ओपनिंग दिलवाने वाली फिल्म थी।  शूटआउट एट वडाला से बाटला हाउस शूटआउट तक फिल्मों के जॉन अब्राहम को दहाई अंकों की ओपनिंग दिलवाने का सिलसिला चल निकला। वरुण धवन के फिल्म ढिशूम ने बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन ११.०५ करोड़ का कारोबार किया। ढिशूम का यह कलेक्शन कम था। क्योंकि, उनकी २०१५ में प्रदर्शित कॉमेडी फिल्म वेलकम बैक ने १४.२५ करोड़ की ओपनिंग ले रखी थी।  इन फिल्मों से भी पहले जॉन अब्राहम की रेस सीरीज की दूसरी फिल्म रेस २ ने बॉक्स ऑफिस पर कमाल की ओपनिंग लेते हुए १५.१० करोड़ का कारोबार कर लिया था। पहले ओपनिंग के इन इन सभी कलेक्शन को पछाड़ा पिछले साल रिलीज़ फिल्म सत्यमेव जयते थी ।  अक्षय कुमार की फिल्म गोल्ड की मौजूदगी में भी जॉन अब्राहम की फिल्म ने २०.५२ करोड़ का कारोबार कर लिया था। जॉन अब्राहम की सोलो फिल्म के लिहाज़ से  सत्यमेव जयते का टॉप क्लास का साबित होता है। तभी तो इस साल १५ अगस्त को रिलीज़ फिल्म बाटला हाउस इस कलेक्शन के आसपास तक नज़र नहीं आती। बाटला हाउस ने पहले दिन १५.५५ करोड़ का  कारोबार कर लिया था। अब यह फिल्म, सत्यमेव जयते के बाद, जॉन अब्राहम की सबसे बड़ी ओपनिंग लेने वाली फिल्म  में  शामिल हो चुकी है। 

राष्ट्रीय सहारा २५ अगस्त २०१९




Prabhas साबित होंगे बॉलीवुड में भी बाहुबली !


बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री श्रद्धा कपूर के साथ, तेलुगु फिल्मों के बाहुबली सितारे प्रभास का हिंदी फिल्म डेब्यू हो रहा है। उन्होंने, २०१५ में रिलीज़ बाहुबली सीरीज की पहली फिल्म बाहुबली द बेगिनिंग के डब संस्करण के साथ दर्शकों को प्रभावित करना शुरू किया था। इस सीरीज की दूसरी फिल्म द कांक्लुजन को ५०० करोड़ से ज़्यादा की सफलता मिली थी। अब, प्रभास की ३०० करोड़ की लागत में बनी एक्शन फिल्म प्रभास रिलीज़ होने जा रही है। यह प्रभास की पहली फिल्म होगी, जो मूल रूप में तमिल और तेलुगु के अलावा हिंदी में भी बनाई गई है। इस फिल्म के ज़ोरदार एक्शन सीक्वेंस और रोमांटिक डांस नंबर दर्शकों में फिल्म के प्रति भारी उत्सुकता और उत्तेजना पैदा कर चुके हैं। उम्मीद की जा रही है कि निर्देशक सुजीत की साहो भी, बाहुबली की तरह बड़ी हिट फिल्म साबित होगी। क्या इससे यह अर्थ निकला जा सकता है कि तेलुगु फिल्मों का यह सुपरस्टार बॉलीवुड में भी बाहुबली साबित होगा ? क्या प्रभास फहरा पाएंगे बॉलीवुड में दक्षिण का परचम ?

एमजी रामचंद्रन की डब फिल्म
अब तक, दक्षिण के बड़े सितारों का बॉलीवुड में प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। हिंदी फिल्मों का दर्शक अपने पंजाबी अभिनेताओं के सामने दक्षिण के मूछो वाले अभिनेताओं को तरजीह नहीं देता।  तमिल फिल्मों के सुपरस्टार एम जी रामचंद्रन ने कभी किसी हिंदी फिल्म में अभिनय नहीं किया। उनकी बहुत फ़िल्में भी हिंदी में डब हो कर प्रदर्शित नहीं हुई। एमजी रामचंद्रन की सिर्फ एक फिल्म, १९५१ में निर्मित फिल्म मर्मयोगी को ही हिंदी में डब कर रिलीज़ किया गया था।

गणेशन अभिनेता
कभी दक्षिण की तमिल फिल्मों में दो गणेशन अभिनेताओं का डंका बजा करता था। यह दो अभिनेता थे जैमिनी गणेशन और शिवाजी गणेशन। जैमिनी गणेशन बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री रेखा के पिता हैं।हिंदी फिल्मों में पहले आये शिवाजी गणेशन। शिवाजी गणेशन को हिंदी दर्शकों ने पहली बार फिल्म मनोहर (१९५४) में देखा। शिवाजी के बाद आये जैमिनी गणेशन। जैमिनी गणेशन का हिंदी फिल्म डेब्यू मीना कुमारी के साथ १९५७ में रिलीज़ फिल्म मिस मैरी से हुआ था। शिवाजी गणेशन तमिल सुपरस्टार थे। लेकिन, बॉलीवुड उन्हें फला नहीं। वह मनोहर के बाद स्कूल मास्टर और धरती में मेहमान भूमिका करने के बाद दक्षिण की फिल्मों में रम गए। जैमिनी गणेशन का हिंदी फिल्म करियर कुछ ज़्यादा लम्बा चला।  उन्होंने राज तिलक, नज़राना, बलराम श्रीकृष्ण, जय जगत जननी, आदि हिंदी फ़िल्में ज़रूर की। लेकिन, उन्हें भी बॉलीवुड ने नकार दिया।

कमल हासन और रजनीकांत
दक्षिण की फिल्मों के हिट जोड़ीदार कमल हासन और रजनीकांत का हिंदी फिल्म डेब्यू अपेक्षाकृत ज्यादा प्रभावशाली और छाप छोड़ने वाला रहा। कमल हासन की पहली हिंदी फिल्म एक दूजे के लिए १९८१ में रिलीज़ हुई थी। उन्होंने, सदमा, सनम तेरी कसम, यह तो कमाल हो गया, यह देश, एक नई पहेली, राज तिलक, जैसी फ़िल्में की। अपनी प्रतिभा का सिक्का भी जमाया। लेकिन मुख्य धारा की हिंदी फिल्मों में उनका सिक्का न जम सका। कमल हासन के दो साल बाद, रजनीकांत की एक्शन फिल्म अंधा कानून (१९८३) से रिलीज़ हुई। हालाँकि, फिल्म के नायक रजनीकांत थे, लेकिन अमिताभ बच्चन के एक्सटेंडेड कैमियो ने सब गुड़गोबर कर दिया। इसके बावजूद, रजनीकांत लम्बे समय तक जीत हमारी, मेरी अदालत, गंगवा, जॉन जोनी जनार्दन, गिरफ्तार, महागुरु, बेवफा, भगवान दादा, असली नक़ली, दोस्ती दुश्मनी, डाकू हसीना, इन्साफ कौन करेगा, उत्तर दक्षिण, आदि फिल्मों के ज़रिये हिंदी फिल्मों में अपना सिक्का चलाते रहे। 

तेलुगु फिल्मों से ख़ास
तेलुगु फिल्मों से फिल्म अभिनेता और निर्माता अक्किनेनी नागेश्वर राव (एएनआर) का हिंदी फिल्म डेब्यू सुवर्ण सुंदरी (१९५८) में अंजलि देवी के साथ हुआ था। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ ख़ास नहीं कर सकी थी। चूंकि, एएनआर का, तेलुगु फिल्मों में जलवा था, इसलिए उन्होंने जल्द ही हिंदी फिल्मों से विदा ले ली। बाद में एएनआर परिवार के ७ बच्चे और ११ बच्चों के बच्चे में से, बेटे नागार्जुन और नागार्जुन के बेटे नाग चैतन्य फिल्मों में आये। नागार्जुन का हिंदी फिल्म डेब्यू, रामगोपाल वर्मा की फिल्म शिवा से हुआ था। शिवा बड़ी हिट फिल्म साबित हुई। नागार्जुन ने खुदा गवाह, द्रोही, क्रिमिनल, मिस्टर बेचारा, अंगारे, ज़ख्म, अग्नि वर्षा और एलओसी कारगिल जैसी फिल्मे की। लेकिन, उनका सिक्का  भी बॉलीवुड में जम नहीं सका। अब वह, फिल्म ब्रह्मास्त्र में रणबीर कपूर, अलिया भट्ट और अमिताभ बच्चन के साथ नज़र आयेंगे। डी रामानायडू परिवार यानि डग्गूबाती परिवार से वेंकटेश ने फिल्म अनाड़ी से हिंदी फिल्म डेब्यू किया था। उन्होंने तक़दीरवाला, आदि कुछ हिंदी फिल्मों के बाद तेलुगु इंडस्ट्री का रुख किया। फिल्म निर्माता डी रामानायडू के पोते राणा डग्गूबाती का हिंदी फिल्म डेब्यू दम मारो दम (२०११) से हुआ था। वह बाहुबली सीरीज की फिल्मों के भाल्लालदेवा के तौर पर हिंदी दर्शकों के बीच लोकप्रिय हैं। उनकी आगामी फिल्मों में हाउसफुल ४ और भुज : द प्राइड ऑफ़ इंडिया हैं।


दक्षिण से कुछ दूसरे
दक्षिण के कई दूसरे अभिनेताओं ने हिंदी फिल्मों में भाग्य आजमाने की कोशिश की। कुछ ने खल भूमिकाये भी स्वीकार की। इनमे चरणराज एक ऐसे ही एक्टर थे। उन्होंने प्रतिघात, कुदरत का कानून, फूल बने अंगारे, आदि फिल्मों में खल भूमिकाये की। प्रकाश राज हिंदी फिल्मों के विलेन के तौर पर काफी सफल हुए। मलयालम फिल्म एक्टर मम्मूट्टि ने हिंदी फिल्म हल्ला बोल में गेस्ट अपीयरेंस किया था। वह फिल्म धरतीपुत्र में मुख्य भूमिका में थे। पिछले दिनों इनके बड़े बेटे दुल्क़र सलमान फिल्म कारवां में इरफ़ान खान के साथ नज़र आये थे। दुलकर की आगामी फिल्म द जोया फैक्टर है। दक्षिण के सुपरस्टार विक्रम ने रावण और डेविड जैसी असफल फ़िल्में की। वह महाभारत के चरित्र कर्ण पर फिल्म महावीर कर्ण में कर्ण की भूमिका में नज़र आयेंगे। मणिरत्नम की हिंदी में डब फिल्म रोजा और बॉम्बे से अरविद स्वामी ने दर्शकों को प्रभावित किया। लेकिन, उनकी मूल हिंदी फिल्म सात रंग के सपने बुरी तरह से असफल रही। उन्होंने लम्बे समय बाद फिल्म डिअर डैडी से वापस आये की। सत्यराज ने हिंदी फिल्मों में प्रभावशाली चरित्र भूमिकाये की है। चेन्नई एक्सप्रेस में दीपिका पादुकोण के डॉन पिता और बाहुबली सीरीज की फिल्मों में कटप्पा सत्यराज ही हैं। पृथ्वीराज सुकुमारन का फिल्म डेब्यू रानी मुख़र्जी की फिल्म अय्या से हुआ था। उन्हें औरंगजेब और नाम शबाना में खल भूमिकाओं में देखा गया। इनके अलावा अब्बास, धनुष, सिद्धार्थ, जेडी चक्रवर्ती, विष्णु वर्द्धन, रामचरण तेजा, आदि ने भी हिंदी फिल्मों में अपना भाग्य अजमाया। लेकिन असफल रहे।  प्रभुदेवा हिंदी फिल्म दर्शक डायरेक्टर और कोरियोग्राफर के तौर पर ज्यादा पसंद करते हैं।

बॉलीवुड फ़िल्में ! न बाबा न !!
तमिल और तेलुगु फिल्मों के कुछ अभिनेताओं को बॉलीवुड का कोई आकर्षण नहीं। तमिल फिल्म सुपरस्टार विजय, प्रभुदेवा निर्देशित फिल्म राउडी राठौर के चिन ता ता चिता चिता गीत में कमर हिला चुके हैं। उनकी फिल्म पुली को हिंदी में डब कर रिलीज़ किया जा चुका है। लेकिन उन्हें हिंदी फिल्मों में कोई रूचि नहीं है। इसी प्रकार से तेलुगु सुपरस्टार महेश बाबु भी अपनी तमिल तेलुगु फिल्मों से खुश हैं। हालाँकि, उनकी कई फ़िल्में डब हो कर रिलीज़ हो चुकी हैं तथा उनकी हिट फिल्मों के हिंदी रीमेक बनाए जा रहे हैं।

बॉलीवुड स्वीकारेगा प्रभास को !   
प्रभास का हिंदी फिल्म करियर काफी कुछ साहो पर निर्भर करेगा। साहो, एक्शन फिल्म है। इसके एक्शन हैरान करने वाले। इसका गीत संगीत भी काफी हिट हो रहा है। फिल्म में बॉलीवुड के कई सितारे हैं। इस लिहाज़ से, साहो को बड़ी हिट फिल्म बनने से कोई नहीं रोक सकता। लेकिन, कोई बड़ी हिट फिल्म किसी एक्टर को बॉलीवुड में स्थापित नहीं कर पाती। कमल हासन सबसे अच्छा उदाहरण हैं। इसलिए, प्रभास के लिए यह ज़रूरी है कि वह अपने अभिनय पक्ष को भी उभारे।  वह अपने आकर्षण से दर्शकों पर जादू कर दें। उनकी संवाद अदायगी, तालियाँ बटोर ले जाए।  वह परदे पर जो कुछ करे, सिनेमाघर से बाहर निकलते समय दर्शकों के जेहन चस्पा हो जाए।