रैप सिंगर यो यो हनी सिंह अब अभिनेता भी बन गए हैं। उनकी पंजाबी फिल्म का नाम है जोरावर। नाम से अलग जोरावर कोई खालिस एक्शन फिल्म नही, बल्कि रोमांटिक एक्शन फिल्म है। इस फिल्म की शूटिंग डरबन के एक स्टेडियम में हो रही थी। इस दृश्य में हनी सिंह को एक एक्शन सीन करना था। उस समय हनी सिंह तेज़ बुखार से तप रहे थे। फिल्म की क्रू सकते में थी। क्योंकि, यह स्टेडियम केवल दो घंटे के लिए मिला था। उधर हनी सिंह बुखार में थे। कैसे उन्हें सीन करने के लिए कहा जाये ! लेकिन, जब हनी सिंह को यह मालूम पडा तो वह शूटिंग करने के लिए तैयार हो गए। उन्होंने इस एक्शन को किया ही नहीं, क्या खूब किया। दिलचस्प तथ्य यह है कि जोरावर का यह एक्शन हनी सिंह का पहला एक्शन था। क्रू के लोग हनी सिंह के इस प्रोफेशनल रुख से बेहद प्रभावित हुए।पीटीसी मोशन पिक्चर्स, राजी एम शिंदे और रवींद्र नारायण द्वारा निर्मित और विनिल मार्कन द्वारा निर्देशित जोरावर में हनी सिंह का साथ पारुल गुलाटी, गुरबानी न्यायाधीश, पवन मल्होत्रा, मुकुल देव और अचिंत कौर दे रही हैं। फिल्म जोरावर ६ मई २०१६ को सभी सिनेमाघरो में प्रदर्शित होगी।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday, 13 April 2016
अभिनेता हनी सिंह ने किये एक्शन
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Tuesday, 12 April 2016
इरफ़ान ने दी फैंस को असली वाली ख़ुशी
यह किसी भी स्टार के लिए नाज़ की बात है कि उनके फैंस उनको उनके होम कंट्री के बाहर शूटिंग के बीच चीयर करने आये।वैसे तो फ़िल्म स्टार्स अपने व्यस्त शूटिंग शेड्यूल के चलते लगातार काम में लगे रहते हैं लेकिन जब बात उनके फैंस की आती है तो वह समय निकाल उनसे ज़रूर मिलते हैं और उनके साथ समय बिताने का मौका नहीं जाने देते हैं। इसी तरह के स्टार अपने डैशिंग इरफ़ान खान हैं।
इरफ़ान आजकल मोस्तफा सरवार फ़ारूक़ी की नयी फ़िल्म 'नो बेड ऑफ़ रोज़ेज़' की शूटिंग में व्यस्त हैं।फ़िल्म के सेट पर इस गहरी आँखों वाले खान ने अपने एक निर्णय से फिल्म की पूरी क्रू को सकते में डाल दिया। इरफान को जब पता चला कि शूटिंग एरिया के बाहर उनके बेशुमार फैंस उनका लंबे समय से इंतज़ार कर रहे हैं उनसे रुका न गया।जिस सीन की शूटिंग चल रही थी वह बहुत ही महत्वपूर्ण था, और बार बार इरफ़ान का ध्यान बाहर खड़े उनको बेहद प्यार करने वाले फैंस की तरफ खिंचा जा रहा था।और इस सब के चलते उन्होंने शूटिंग को बीच में रोककर उन्होंने अपने फैंस से मिलने का फैसला लिया।वह बाहर आये तो उन्होंने देखा कि बड़ी संख्या में उनके फैंस उनका बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे।यह देख गदगद हुए इरफ़ान ने न केवल अपने फैंस का अभिवादन किया बल्कि उनके साथ दिल खोलकर सेल्फी भी खिंचवायी और उन्हें ऑटोग्राफ भी दिए।
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Irrfan Khan,
ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 9 April 2016
गेम ऑफ़ थ्रोन्स का टरमुंड जायंटसबेन फ्यूरियस ८ में
एचबीओ की मशहूर टेलीविज़न सीरीज गेम ऑफ़ थ्रोन्स का छठां सीजन २४ अप्रैल से शुरू हो रहा है। इस सीरीज में टरमुंड जायंटसबेन का किरदार पसंद करने वाले दर्शकों के लिए खुशखबरी यह है कि इसके अभिनेता क्रिस्टोफर हिवजु ने हॉलीवुड फिल्मों की ओर लम्बी छलांग लगाईं है। यह नॉर्वेजियन एक्टर फ़ास्ट एंड फ्यूरियस सीरीज की आठवीं फिल्म में शामिल कर लिया गया है। वह फिल्म में विलेन के मुख्य सेवक का किरदार करेंगे। हालाँकि, अभी तक यह साफ़ नहीं है कि मुख्य विलेन कौन होगा । फरवरी में छपे समाचारों से यह पता चलता था कि चार्लीज़ थेरॉन को मुख्य विलेन बनाया जा सकता है । वैसे फिल्म में सीरीज के अन्य महत्वपूर्ण किरदार करने वाले विन डीजल (डोमिनिक टोर्रेटो), ड्वेन जॉनसन (हॉब्स), जैसन स्टैथम (डेकार्ड शॉ), टैरीस गिब्सन (रोमन पीयर्स), लुडक्रिस (तेज), मिशेल रोड्रिगुएज (लेटी) और कर्ट रसेल (मिस्टर नोबडी) अपने पुराने किरदारों में ही होंगे। फिल्म की ज़्यादा शूटिंग न्यू यॉर्क सिटी और एटलांटा में होगी। इसके अलावा आइसलैंड, क्यूबा और रूस में भी शूटिंग किये जाने की योजना है। इस फिल्म की स्क्रिप्ट क्रिस मॉर्गन ही लिख रहे हैं।
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Hollywood
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१९७७ पर ख़त्म होगी अ स्टार वार्स स्टोरी
इस साल १६ दिसम्बर को रिलीज़ होने जा रही हॉलीवुड फिल्म 'रोग वन: अ स्टार वार्स स्टोरी की कहानी 'स्टार वार्स: एपिसोड ४ अ न्यू होप' के धीमी गति से चलते दृश्य के पहले पैराग्राफ पर आधारित है। यह फिल्म सिविल वॉर के दौरान की है। फिल्म की कहानी केंद्रित होगी रिबेल की गैलेक्टिक एम्पायर पर पहली बड़ी विजय पर। इस हमले के दौरान रिबेल के जासूस एम्पायर के घातक हथियार डेथ स्टार की योजना के दस्तावेज चुरा लाते हैं। फिल्म वहीँ ख़त्म होगी जहाँ १९७७ की स्टार वार्स की राजकुमारी लिया अपने स्टारशिप पर सवार हो कर ब्रह्माण्ड को आज़ाद कराने की आशा में अपने घर की ओर जा रही है। अब यह बात दीगर है कि लार्ड वेंडर उसे पकड़ लेता है। कुछ समय पहले अभिनेता मैड्स मिकेलसन ने बताया था कि उनकी इस नई एडवेंचर फिल्म में उनके करैक्टर का नाम गैलन है। यह करैक्टर वीडियो गेम स्टार वार्स: द फ़ोर्स अनलीशड का डार्थ वेंडर का गुप्त प्रशिक्षु समझ गया था, जो बाद में एम्पायर के कई शत्रुओं को एकत्र कर रिबेल अलायन्स का निर्माण करता है। अब पता चला है कि यह अर्द्धसत्य है। गैलन के वैज्ञानिक है, जो जोनोसियन डेथ स्तर प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है तथा स्पेस स्टेशन की गम्भीर कमियों को ख़त्म करता रहता है। फिल्म में फ़ेलिसिटी जोन्स ने गैलन की इकलौती बेटी का किरदार किया है, जो अपने परिवार द्वारा ब्रह्माण्ड को नुक्सान पहुंचाने वाले उपकरणों को नष्ट करती है। इस करैक्टर का नाम जिन होगा। जॉन नॉल और गैरी व्हिट्टा की कहानी का निर्देशन गैरेथ एडवर्ड्स करेंगे। फिल्म में डिएगो लूना, रिज़ अहमद, बेन मैंडेलसन, डोंनिे येन, जिआंग वेन, फारेस्ट व्हिटेकर और एलन ट्यूडिक भी काम कर रहे हैं।
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Thursday, 7 April 2016
संगीता बिजलानी के साथ फिल्म करेंगे सलमान खान !
२६ फरवरी २०१६ से एक तेलुगु फिल्म 'क्षणम्' पूरी दुनिया में तहलका मचा रही है। इस थ्रिलर फिल्म के निर्माण में एक करोड़ खर्च हुए थे। यह फिल्म अब तक पांच करोड़ का बिज़नेस कर चुकी है। इस फिल्म की कहानी अमेरिका के इन्वेस्टमेंट बैंकर की है। वह हमेशा अपने काम में व्यस्त रहता है। यहाँ तक कि गर्ल फ्रेंड के साथ डेट भी भूल जाता है। एक दिन उसे भारत से उसकी पूर्व गर्ल फ्रेंड का फ़ोन आता है, जो उसे मदद के लिए भारत बुलाती है। लेकिन, यह नहीं बताती कि माज़रा क्या है। भारत पहुँच कर बैंकर को मालूम पड़ता है कि उसकी गर्ल फ्रेंड की बेटी का अपहरण हो चूका है। फिल्म में बैंकर की भूमिका अदिवि शेष ने की है और पूर्व प्रेमिका अदा '१९२०' शर्मा है। अब चलिए बॉलीवुड। अभिनेता सलमान खान आज के सबसे सफल अभिनेता हैं। उनका संगीता बिजलानी से रियल रोमांस खूब फूला फला, जब तक कि संगीता ने क्रिकेटर मोहम्मद अज़हरुद्दीन से निकाह नहीं कर लिया। लेकिन, सलमान खान और संगीता बिजलानी की दोस्ती बनी रही। संगीता के हर बुरे दिन में सलमान खान उनके साथ नज़र आये । इसी तरह जब सलमान खान कोर्ट द्वारा २००२ में फुटपाथ पर सोये लोगों को रौंदने के मामले में सज़ायाफ्ता पाये गए थे, तब संगीता बिजलानी उनके और उनके परिवार के साथ थी। संगीता को कई बार सलमान खान के साथ पार्टियों में देखा गया। सलमान खान के अच्छे दोस्त हैं साजिद नाडियाडवाला। उन्होंने सलमान खान को लेकर किक जैसी सुपरहिट फिल्म बनाई थी। वास्तविकता तो यह है कि सलमान खान साउथ की हिट फिल्मों के हिंदी रीमेक के कारण आज के सलमान खान बने हैं। खबर है कि साजिद नाडियाडवाला ने तेलगु ब्लॉकबस्टर क्षणम् के हिंदी रीमेक के अधिकार खरीद लिए हैं। वह इस फिल्म का निर्माण सलमान खान को इन्वेस्टमेंट बैंकर की भूमिका में लेकर करेंगे। इस हिंदी रीमेक में बैंकर की पूर्व गर्लफ्रेंड का किरदार संगीता बिजलानी कर सकती हैं। नब्बे के दशक में संगीता बिजलानी के साथ केवल रियल लाइफ रोमांस करने वाले पचास साल के सलमान खान, अब रील लाइफ में पूर्व प्रेमिका के रूप में पचपन साल की संगीता बिजलानी के साथ रोमांस करते दिखाई दे सकते हैं।
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साउथ सिनेमा
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Wednesday, 6 April 2016
क्या प्रिडेटर ४ बनेगी?
स्टूडियो ट्वेंटिएथ सेंचुरी फॉक्स के ऐलान के बाद कि प्रिडेटर का बहुप्रतीक्षित सीक्वल २ मार्च २०१८ को रिलीज़ होगा, अब प्रिडेटर ४ का बनाया जाना सुनिश्चित हो गया है। शेन ब्लैक ने फ्रेड डेकर के साथ प्रिडेटर ४ की स्क्रिप्ट पहले ही पूरी कर ली थी। उन्होंने बताया था कि यह सीक्वल फिल्म होगी, न कि रिबूट, जैसी की अफवाह थी। वैसे फिल्म के एक्टर्स का चुनाव अभी नहीं हुआ है, लेकिन एक इंटरव्यू में अर्नाल्ड श्वार्ज़नेगर के इस खुलासे के बाद कि वह ज़ल्द ही शेन ब्लैक से मिलने वाले हैं, अर्नाल्ड के प्रिडेटर में होने का अनुमान लगाया जा रहा है । इसके बाद प्रिडेटर के फेसबुक और ट्विटर पर ऑफिसियल पेज में प्रिडेटर का पहला पोस्टर नज़र आया, जिसकी टैगलाइन 'यू विल नेवर सी हिम कमिंग' थी। इसी प्रकार के कुछ दूसरे संकेत फिल्म के बनाए जाने की ओर इशारा करते लगते थे, लेकिन अब तारीख के खुलासे के बाद अर्नाल्ड के प्रशंसकों में उन्हें एक बार फिर परदे पर देखने की उम्मीद जाग गई है। प्रिडेटर की पहली कड़ी १९८७ में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में स्क्रिप्ट राइटर शेन ब्लैक अभिनेता (हाकिंस करैक्टर) के बतौर नज़र आये थे। प्रिडेटर का किरदार केविन पीटर हॉल ने किया था। १९९० में प्रिडेटर २ रिलीज़ हुई। इस फिल्म में अर्नाल्ड नहीं थे। २०१० में फिल्म का दूसरा सीक्वल प्रिडेटरस या प्रिडेटर ३ रिलीज़ हुआ। इस दौरान दो प्रिडेटर फ्रैंचाइज़ी फ़िल्में 'एलियन वर्सेज प्रिडेटर' (२००४) और 'एलियन वर्सेज प्रिडेटर: रिक्विम (२००७) रिलीज़ हुई। जहाँ तक अनुमान लगाने की बात है, प्रिडेटर ४ के सीक्वल फिल्म होने के कारण उम्मीद की जा सकती है कि फिल्म में अर्नाल्ड श्वार्ज़नेगर के चरित्रों के अलावा प्रिडेटर २ के डैनी ग्लोवर तथा प्रिडेटर सीरीज के अन्य जीवित करैक्टर भी नज़र आएं। क्या प्रिडेटर ४ में अर्नाल्ड श्वार्ज़नेगर की वापसी सीक्वल फिल्म को पहली फिल्म जितने दर्शक दे पाएगी !
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लुक बेसों का हजारों ग्रहों वाला शहर
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Saturday, 2 April 2016
अब बॉलीवुड की तीसरी जूली
१२ अगस्त २०१६ को, रुपहले परदे पर मोहनजोदड़ो के ह्रितिक रोशन और रुस्तम के अक्षय कुमार के टकराव की सनसनी फैली होगी। इस टकराव में त्रिकोण पैदा करने की हेरा फेरी कर रही होगी हेरा फेरी सीरीज की तीसरी फिल्म फिर हेरा फेरी ३। याद रहे कि हेरा फेरी सीरीज की फिल्मों के सुनील शेट्टी के साथ मुख्य नायक अक्षय कुमार ही थे। लेकिन, अब उनकी जगह अभिषेक बच्चन ने ले ली है। ऐसे में, जब दर्शक इस ज़बरदस्त त्रिकोणात्मक टकराव को महसूस कर रहे होंगे, माहौल में ज़्यादा गरमी पैदा करने आ जाएगी जूली। क्या सेक्स, रोमांस और उत्तेजना से भरपूर जूली सफल होगी? क्या बॉलीवुड में इस तीसरी जूली अभिनेत्री को सफलता मिलेगी ?
हिंदी फिल्मों की तीन जूलियो का इतिहास
बॉलीवुड की यह तीसरी जूली होगी, जो अपनी सेक्स अपील के ज़रिये हिंदी दर्शकों को अपना दीवाना बनाने आ रही है । इसका मतलब यह हुआ कि बॉलीवुड में अब तक जूली टाइटल वाली तीन फ़िल्में रिलीज़ हो चुकी हैं और इन फिल्मों में तीन अलग अभिनेत्रियों ने जूली का किरदार किया है । पहली जूली १९७५ में रिलीज़ हुई थी। यह फिल्म मलयालम हिट चटकरी का रीमेक थी। इस फिल्म की नायिका मलयालम फिल्मों की सुपर स्टार लक्ष्मी थी। मलयालम चटकरी की नायिका लक्ष्मी ही हिंदी जूली की नायिका थी। दोनों ही फिल्मों के निर्देशक के एस सेतुमाधवन थे। जूली में लक्ष्मी के नायक विक्रम थे। राजेश रोशन के संगीत से सजी यह म्यूजिकल रोमांस फिल्म बोल्ड थीम और गर्मागर्म सेक्स दृश्यों के कारण सुपर हिट हो गई। इस फिल्म में श्रीदेवी ने बतौर बाल कलाकार हिंदी फिल्म डेब्यू किया था। बाद में, १९७८ में श्रीदेवी फिल्म सोलहवा सावन में अमोल पालेकर की नायिका बन कर आई। कालांतर में वह हिंदी फिल्मों की बड़ी स्टार बनी। लेकिन, जूली की जूली यानि लक्ष्मी पहली हिट फिल्म और फिल्मफेयर पुरस्कार जीतने के बावजूद हिंदी फिल्मों में अपना करियर ६ फिल्मों तक भी नहीं ले जा सकी। उनकी दूसरी फिल्म जीवन मुक्त १९७७ में रिलीज़ हुई, जो सुपर फ्लॉप हुई। १९७९ में रिलीज़ आँगन की कली ने उन्हें कमोबेश पोर्न फिल्मों की नायिका जैसा बना दिया। अपनी आखिरी फिल्म धुंआ (१९८१) करने के २३ साल बाद लक्ष्मी निर्देशक प्रियदर्शन की कॉमेडी फिल्म हलचल (२००४) में चरित्र भूमिका में नज़र आई। लक्ष्मी की चरित्र भूमिका वाली फिल्म हलचल २६ नवंबर २००४ को रिलीज़ हुई थी। लेकिन, इससे चार महीना पहले यानि २३ जुलाई २००४ को हिंदी दर्शकों के सामने दूसरी जूली आ गई थी । संयोग कि पहली जूली यानि लक्ष्मी के हिंदी फिल्मों की चरित्र अभिनेत्री बनने के साल ही हिंदी फिल्मों को दूसरी जूली मिल गई। यह दूसरी जूली नेहा धूपिया थी। संयोग की बात है कि नेहा धूपिया के फिल्म करियर की शुरुआत भी मलयालम फिल्म मिंनरम से हुई थी। इस फिल्म के निर्देशक लक्ष्मी को चरित्र भूमिका में लाने वाले प्रियदर्शन ही थे। नेहा धूपिया का हिंदी फिल्म डेब्यू हैरी बवेजा की फिल्म 'क़यामत: सिटी अंडर थ्रेट' से हुआ था, जिसमे वह अजय देवगन की प्रेमिका की छोटी भूमिका में थी। फिल्म हिट हुई। लेकिन, नेहा धूपिया को बतौर नायिका पहली हिट फिल्म 'जूली' के रूप में मिली। इस फिल्म में नेहा ने जम कर अंग प्रदर्शन किया था, उत्तेजक चुम्बन और आलिंगन किये थे तथा दो दो तीन तीन पुरुष किरदारों के साथ बिस्तर के दृश्य किये थे। इस फिल्म ने नेहा को कमोबेश पोर्न फिल्मों की नायिका बना दिया, जैसा कि २५ साल पहले आँगन की कली के कारण लक्ष्मी के साथ हुआ था। अलबत्ता, लक्ष्मी की जूली और नेहा धूपिया की जूली में फर्क था। लक्ष्मी की जूली एक ईसाई किरदार था, जो विक्रम के प्रेम में पड़ कर उत्तेजना के क्षणों में उससे शारीरिक सम्बन्ध बनाती थी। जबकि, नेहा धूपिया की जूली सम्बन्धों में धोखा खाने के बाद कॉल गर्ल बन जाती है और अपने शरीर के ज़रिये मर्दों को अपना शिकार बनाती हैं। साफ़ तौर पर दोनों किरदार एक दूसरे के अपोजिट थे। हालाँकि, जूली (१९७५) के मुकाबले जूली (२००४) को समीक्षकों ने सराहा नहीं। लेकिन, बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म भी खूब सफल हुई। इस फिल्म के बाद नेहा धूपिया ने 'बॉक्स ऑफिस पर दो 'एस' शाहरुख़ खान और सेक्स ही बिकते हैं' जैसा मशहूर जुमला ईजाद किया।
तीसरी जूली लक्ष्मी राय
अब बारह साल बाद, जूली का पुनर्जन्म हो रहा है। जूली २ के निर्देशक जूली वाले दीपक शिवदासानी ही हैं। लेकिन, इस जूली की सूरत और सीरत बदली होगी। यह जूली एक फिल्म अभिनेत्री होगी। दिलचस्प तथ्य यह है कि १९७५ की जूली की नायिका लक्ष्मी थी तो २०१६ की जूली की नायिका भी लक्ष्मी (राय) हैं। यह लक्ष्मी राय की पहली हिंदी फिल्म होगी। कुछ साल पहले लक्ष्मी का नाम इंडियन क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से रोमांस की खबरों के साथ सुर्ख हुआ था। जूली २ मिलने से ठीक पहले उनके ए आर मुरुगदॉस की एक्शन फिल्म 'अकीरा' में सोनाक्षी सिन्हा के साथ काम करने की ख़बरें थी। पहली लक्ष्मी की तरह आज की लक्ष्मी (राय) भी दक्षिण की तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्मों की सेक्सी नायिका मानी जाती हैं। दर्शक उन्हें ८ अप्रैल २०१६ को रिलीज़ तेलुगु फिल्म सरदार गब्बर सिंह के हिंदी संस्करण में एक आइटम 'तौबा तौबा' में इठलाते और रिझाते देख सकेंगे। कुछ समय पहले उनकी एक डब हॉरर फिल्म 'तंत्र शक्ति' भी रिलीज़ हो चुकी होगी । जूली २ में लक्ष्मी राय एक फिल्म अभिनेत्री का किरदार कर रही होंगी, जिसे अपने स्टारडम की कीमत चुकानी पड़ती है।
साक्षी की बदल लक्ष्मी !
दक्षिण के किसी भी फिल्म स्टार का सपना बॉलीवुड में चमकना होता है। ऐसा ही सपना लक्ष्मी राय भी देख रही हैं। दीपक शिवदासानी की हिट जूली का यह सीक्वल उन्हें मॉडल साक्षी चोधरी के बदल के रूप में मिला है। साक्षी चौधरी शुरू से ही फिल्म के बोल्ड सीन को लेकर शंकित थी। उन्हें फिल्म के एक सीन में बिकिनी पहन कर घुड़सवारी भी करनी थी। अब यह तो साफ़ नहीं कि साक्षी ने फिल्म छोड़ी या दीपक ने उन्हें बदल दिया, पर साक्षी की जगह लक्ष्मी राय ने ले ली। अब जूली के हिट किरदार में लक्ष्मी राय हैं। इस लिहाज़ से क्या वह १९७५ की लक्ष्मी और २००४ की नेहा धूपिया की तरह हिट जूली साबित होंगी ? इसमें कोई शक नहीं कि जूली का सेक्सी किरदार हिंदी दर्शकों को रास आता है। जूली २ अपने बोल्ड दृश्यों के कारण हिट होगी, ऐसा समझने के कारण हैं। लेकिन, हिट जूली से लक्ष्मी राय का बॉलीवुड में सफल होने का सपना पूरा होगा, बिलकुल भी नहीं समझा जा सकता। दो जूली यानि लक्ष्मी और नेहा धूपिया गवाह हैं कि इन दो अभिनेत्रियों को जूली के किरदार के बाद सफलता नहीं। इन पर सेक्सी हीरोइन का टैग लगा। पर यह टैग उन की इमेज के लिहाज़ से उनके करियर पर भारी पड़ा। नेहा धूपिया तो ख़ास तरह की भूमिकाओं की फिल्मों तक सीमित हो गई । ऐसा ही लक्ष्मी राय के साथ भी हो सकता है।
क्या जूली किरदार के ज़रिये लक्ष्मी राय बॉलीवुड में हिट होंगी। फिलहाल तो बड़ा सवाल यह है कि तीन बड़ी फिल्मों मोहनजोदड़ो, रुस्तम और फिर हेरा फेरी ३ के सामने जूली २ रिलीज़ भी हो पायेगी ? रिलीज़ हो भी गई तो कितनी स्क्रीन मिलेगी? फिल्म को दर्शक दिलाने का पूरा दारोमदार लक्ष्मी राय की सेक्स अपील पर होगा। अगर लक्ष्मी राय ने अपनी साउथ फिल्मों की तरह उत्तेजक अंग प्रदर्शन कर दिया तो उनकी फिल्म को दर्शक मिल जायेंगे। लेकिन, सवाल यह है कि सनी लियॉन, मंदना करीमी, क्लौडीआ सिएस्ला, गिजेल ठकराल, आदि उन्मुक्त अभिनेत्रियों की मौजूदगी में बॉलीवुड में लक्ष्मी राय की सेक्स अपील की दाल गल पाएगी ? दाल गलने की उम्मीद तो करेंगी ही लक्ष्मी राय।
हिंदी फिल्मों की तीन जूलियो का इतिहास
बॉलीवुड की यह तीसरी जूली होगी, जो अपनी सेक्स अपील के ज़रिये हिंदी दर्शकों को अपना दीवाना बनाने आ रही है । इसका मतलब यह हुआ कि बॉलीवुड में अब तक जूली टाइटल वाली तीन फ़िल्में रिलीज़ हो चुकी हैं और इन फिल्मों में तीन अलग अभिनेत्रियों ने जूली का किरदार किया है । पहली जूली १९७५ में रिलीज़ हुई थी। यह फिल्म मलयालम हिट चटकरी का रीमेक थी। इस फिल्म की नायिका मलयालम फिल्मों की सुपर स्टार लक्ष्मी थी। मलयालम चटकरी की नायिका लक्ष्मी ही हिंदी जूली की नायिका थी। दोनों ही फिल्मों के निर्देशक के एस सेतुमाधवन थे। जूली में लक्ष्मी के नायक विक्रम थे। राजेश रोशन के संगीत से सजी यह म्यूजिकल रोमांस फिल्म बोल्ड थीम और गर्मागर्म सेक्स दृश्यों के कारण सुपर हिट हो गई। इस फिल्म में श्रीदेवी ने बतौर बाल कलाकार हिंदी फिल्म डेब्यू किया था। बाद में, १९७८ में श्रीदेवी फिल्म सोलहवा सावन में अमोल पालेकर की नायिका बन कर आई। कालांतर में वह हिंदी फिल्मों की बड़ी स्टार बनी। लेकिन, जूली की जूली यानि लक्ष्मी पहली हिट फिल्म और फिल्मफेयर पुरस्कार जीतने के बावजूद हिंदी फिल्मों में अपना करियर ६ फिल्मों तक भी नहीं ले जा सकी। उनकी दूसरी फिल्म जीवन मुक्त १९७७ में रिलीज़ हुई, जो सुपर फ्लॉप हुई। १९७९ में रिलीज़ आँगन की कली ने उन्हें कमोबेश पोर्न फिल्मों की नायिका जैसा बना दिया। अपनी आखिरी फिल्म धुंआ (१९८१) करने के २३ साल बाद लक्ष्मी निर्देशक प्रियदर्शन की कॉमेडी फिल्म हलचल (२००४) में चरित्र भूमिका में नज़र आई। लक्ष्मी की चरित्र भूमिका वाली फिल्म हलचल २६ नवंबर २००४ को रिलीज़ हुई थी। लेकिन, इससे चार महीना पहले यानि २३ जुलाई २००४ को हिंदी दर्शकों के सामने दूसरी जूली आ गई थी । संयोग कि पहली जूली यानि लक्ष्मी के हिंदी फिल्मों की चरित्र अभिनेत्री बनने के साल ही हिंदी फिल्मों को दूसरी जूली मिल गई। यह दूसरी जूली नेहा धूपिया थी। संयोग की बात है कि नेहा धूपिया के फिल्म करियर की शुरुआत भी मलयालम फिल्म मिंनरम से हुई थी। इस फिल्म के निर्देशक लक्ष्मी को चरित्र भूमिका में लाने वाले प्रियदर्शन ही थे। नेहा धूपिया का हिंदी फिल्म डेब्यू हैरी बवेजा की फिल्म 'क़यामत: सिटी अंडर थ्रेट' से हुआ था, जिसमे वह अजय देवगन की प्रेमिका की छोटी भूमिका में थी। फिल्म हिट हुई। लेकिन, नेहा धूपिया को बतौर नायिका पहली हिट फिल्म 'जूली' के रूप में मिली। इस फिल्म में नेहा ने जम कर अंग प्रदर्शन किया था, उत्तेजक चुम्बन और आलिंगन किये थे तथा दो दो तीन तीन पुरुष किरदारों के साथ बिस्तर के दृश्य किये थे। इस फिल्म ने नेहा को कमोबेश पोर्न फिल्मों की नायिका बना दिया, जैसा कि २५ साल पहले आँगन की कली के कारण लक्ष्मी के साथ हुआ था। अलबत्ता, लक्ष्मी की जूली और नेहा धूपिया की जूली में फर्क था। लक्ष्मी की जूली एक ईसाई किरदार था, जो विक्रम के प्रेम में पड़ कर उत्तेजना के क्षणों में उससे शारीरिक सम्बन्ध बनाती थी। जबकि, नेहा धूपिया की जूली सम्बन्धों में धोखा खाने के बाद कॉल गर्ल बन जाती है और अपने शरीर के ज़रिये मर्दों को अपना शिकार बनाती हैं। साफ़ तौर पर दोनों किरदार एक दूसरे के अपोजिट थे। हालाँकि, जूली (१९७५) के मुकाबले जूली (२००४) को समीक्षकों ने सराहा नहीं। लेकिन, बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म भी खूब सफल हुई। इस फिल्म के बाद नेहा धूपिया ने 'बॉक्स ऑफिस पर दो 'एस' शाहरुख़ खान और सेक्स ही बिकते हैं' जैसा मशहूर जुमला ईजाद किया।
तीसरी जूली लक्ष्मी राय
अब बारह साल बाद, जूली का पुनर्जन्म हो रहा है। जूली २ के निर्देशक जूली वाले दीपक शिवदासानी ही हैं। लेकिन, इस जूली की सूरत और सीरत बदली होगी। यह जूली एक फिल्म अभिनेत्री होगी। दिलचस्प तथ्य यह है कि १९७५ की जूली की नायिका लक्ष्मी थी तो २०१६ की जूली की नायिका भी लक्ष्मी (राय) हैं। यह लक्ष्मी राय की पहली हिंदी फिल्म होगी। कुछ साल पहले लक्ष्मी का नाम इंडियन क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से रोमांस की खबरों के साथ सुर्ख हुआ था। जूली २ मिलने से ठीक पहले उनके ए आर मुरुगदॉस की एक्शन फिल्म 'अकीरा' में सोनाक्षी सिन्हा के साथ काम करने की ख़बरें थी। पहली लक्ष्मी की तरह आज की लक्ष्मी (राय) भी दक्षिण की तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्मों की सेक्सी नायिका मानी जाती हैं। दर्शक उन्हें ८ अप्रैल २०१६ को रिलीज़ तेलुगु फिल्म सरदार गब्बर सिंह के हिंदी संस्करण में एक आइटम 'तौबा तौबा' में इठलाते और रिझाते देख सकेंगे। कुछ समय पहले उनकी एक डब हॉरर फिल्म 'तंत्र शक्ति' भी रिलीज़ हो चुकी होगी । जूली २ में लक्ष्मी राय एक फिल्म अभिनेत्री का किरदार कर रही होंगी, जिसे अपने स्टारडम की कीमत चुकानी पड़ती है।
साक्षी की बदल लक्ष्मी !
दक्षिण के किसी भी फिल्म स्टार का सपना बॉलीवुड में चमकना होता है। ऐसा ही सपना लक्ष्मी राय भी देख रही हैं। दीपक शिवदासानी की हिट जूली का यह सीक्वल उन्हें मॉडल साक्षी चोधरी के बदल के रूप में मिला है। साक्षी चौधरी शुरू से ही फिल्म के बोल्ड सीन को लेकर शंकित थी। उन्हें फिल्म के एक सीन में बिकिनी पहन कर घुड़सवारी भी करनी थी। अब यह तो साफ़ नहीं कि साक्षी ने फिल्म छोड़ी या दीपक ने उन्हें बदल दिया, पर साक्षी की जगह लक्ष्मी राय ने ले ली। अब जूली के हिट किरदार में लक्ष्मी राय हैं। इस लिहाज़ से क्या वह १९७५ की लक्ष्मी और २००४ की नेहा धूपिया की तरह हिट जूली साबित होंगी ? इसमें कोई शक नहीं कि जूली का सेक्सी किरदार हिंदी दर्शकों को रास आता है। जूली २ अपने बोल्ड दृश्यों के कारण हिट होगी, ऐसा समझने के कारण हैं। लेकिन, हिट जूली से लक्ष्मी राय का बॉलीवुड में सफल होने का सपना पूरा होगा, बिलकुल भी नहीं समझा जा सकता। दो जूली यानि लक्ष्मी और नेहा धूपिया गवाह हैं कि इन दो अभिनेत्रियों को जूली के किरदार के बाद सफलता नहीं। इन पर सेक्सी हीरोइन का टैग लगा। पर यह टैग उन की इमेज के लिहाज़ से उनके करियर पर भारी पड़ा। नेहा धूपिया तो ख़ास तरह की भूमिकाओं की फिल्मों तक सीमित हो गई । ऐसा ही लक्ष्मी राय के साथ भी हो सकता है।
क्या जूली किरदार के ज़रिये लक्ष्मी राय बॉलीवुड में हिट होंगी। फिलहाल तो बड़ा सवाल यह है कि तीन बड़ी फिल्मों मोहनजोदड़ो, रुस्तम और फिर हेरा फेरी ३ के सामने जूली २ रिलीज़ भी हो पायेगी ? रिलीज़ हो भी गई तो कितनी स्क्रीन मिलेगी? फिल्म को दर्शक दिलाने का पूरा दारोमदार लक्ष्मी राय की सेक्स अपील पर होगा। अगर लक्ष्मी राय ने अपनी साउथ फिल्मों की तरह उत्तेजक अंग प्रदर्शन कर दिया तो उनकी फिल्म को दर्शक मिल जायेंगे। लेकिन, सवाल यह है कि सनी लियॉन, मंदना करीमी, क्लौडीआ सिएस्ला, गिजेल ठकराल, आदि उन्मुक्त अभिनेत्रियों की मौजूदगी में बॉलीवुड में लक्ष्मी राय की सेक्स अपील की दाल गल पाएगी ? दाल गलने की उम्मीद तो करेंगी ही लक्ष्मी राय।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Thursday, 31 March 2016
पिछले दिनों सनी लियॉन फिल्म 'वन नाईट स्टैंड' की पब्लिसिटी के लिए सूरत में थी। खबर गर्म है कि सनी लियॉन एक पत्रकार द्वारा उनके निजी जीवन के बारे में पूछे जा रहे सवालों से इतनी नाराज़ हो गई कि उन्होंने उस पत्रकार के गाल पर झन्नाटेदार थप्पड़ जमा दिया। हालाँकि, सनी के प्रवक्ता ने इसका खंडन किया। जिस प्रकार से सनी लियॉन ने एक टीवी चैनल के रिपोर्टर के बेहूदा सवालों का भी संजीदा जवाब दिया, उससे ऐसा नहीं लगता कि सनी लियॉन ऐसा करेंगी। लेकिन, अगर यह खबर गर्म है तो बॉलीवुड हस्तियों के पत्रकारों को फटकारने की बात अतीत तक जाएगी ही।
कई ऐसे मौके आये हैं जब बॉलीवुड फिल्म स्टार पत्रकारों के सवालों से नाराज़ हो कर उन पर हमलावर हो गए। फिल्म निर्माता निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा की पत्नी भी पत्रकार हैं। लेकिन विधु खुद बताते हैं कि वह कई पत्रकारों को थपडिया चुके हैं। शांता आप्टे से लेकर सनी लियॉन तक सितारों की यही कहानी है कि वह पत्रकारों की आलोचना को सहन नहीं कर सके। आइये जानते हैं ऐसे कुछ घटनाक्रमों को -
जब शांता आप्टे ने बाबूराव पटेल को पीटा
यह वाक़या तीस के दशक के उत्तरार्द्ध का है। इंग्लिश फिल्म मैगज़ीन 'फिल्मइंडिया' के संपादक बाबूराव पटेल बड़े दबंग पत्रकार माने जाते थे। उनकी लेखनी कटु आलोचक थी। वह किसी फिल्म या एक्टर की धज्जियाँ उड़ा देते थे। इंडस्ट्री में उनका खौफ था। वह शांता आप्टे के ख़ास आलोचक थे। एक बार उन्होंने अपनी मैगज़ीन में शांता आप्टे की एक फिल्म में अभिनय की बुरी आलोचना कर दी। इससे शांता आप्टे बेहद नाराज़ हो गई। वह एक छड़ी लेकर फिल्मइंडिया के ऑफिस में पहुंची और उस छड़ी से उन्हें पीट दिया। मौजूद लोग यह नज़ारा देख कर कुछ करते कि शांता आप्टे तूफ़ान की तरह बाहर निकल गई। यहाँ दिलचस्प बात यह है कि बाबूराव ने इस घटना को अपनी पत्रिका के अगले अंक में प्रकाशित भी किया।
जब शाहरुख़ खान ने कालर पकड़ लिया
उस समय शाहरुख़ खान की केतन मेहता निर्देशित फिल्म 'माया मेमसाहब' रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में उनकी नायिका दीपा साही थी। फिल्म में दीपा और शाहरुख़ के बीच काफी गर्मागर्म सीन थे। इस फिल्म के प्रचार के दौरान शाहरुख़ खान एक पत्रकार के सवाल से शाहरुख़ खान इतने नाराज़ हो गए कि उन्होंने उस पत्रकार पर हमला कर दिया। हालाँकि, मौजूद लोगों के बीच बचाव के बाद बात आगे नहीं बढ़ी। दरअसल, उस पत्रकार ने खान से पूछा था कि क्या उन्होंने (शाहरुख़ खान ने) फिल्म में अपनी नायिका के साथ शूटिंग के अलावा भी मस्ती की थी !
सैफ और अमृता ने पीटा पत्रकार को
फिल्म एक्टर सफलता मिलने के बाद पगला जाते हैं, यह अर्ध सत्य है। कभी फिल्म स्टार अपनी प्रारंभिक असफलताओं से भी हताश हो जाते हैं। सैफ अली खान भी अपनी फिल्मों की असफलता से हताश थे। एक फिल्म पत्रिका स्टार एंड स्टाइल के पत्रकार कानन दिवेचा सैफ की ख़ास आलोचक थी । कानन के एक लेख से नाराज़ हो कर सैफ अली खान अपनी उस समय की बीवी अमृता सिंह के साथ स्टार एंड स्टाइल के ऑफिस पहुँच गए। अमृता सिंह ने कानन के साथ धक्का मुक्की की और फर्नीचर तोड़ दिया। यह मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में अमृता सिंह के माफ़ीनामे के बाद ही ख़त्म हुआ।
धर्मेंद्र यो ही ही-मैन नहीं
उन दिनों हेमा मालिनी का सितारा बुलंदी पर था। वह संजीव कुमार और जीतेंद्र से लेकर धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन तक की नायिका बन कर आ रही थी। संजीव कुमार उनसे एक तरफा प्रेम करते थे। लेकिन, उनकी शराबखोरी की आदत हेमा मालिनी को सख्त नापसंद थी। उनका और धर्मेंद्र को ज़बरदस्त रोमांस चल रहा था। हेमा मलिनी चाहती थी कि वह इस रिश्ते को कोई नाम दे। लेकिंन धर्मेंद्र हिचक रहे थे। उस समय की बड़ी पत्रकार देवयानी चौबल ने इस स्टोरी को मीडिया में लीक कर दिया। इससे धर्मेंद्र बेहद नाराज़ हुए। एक दिन फिल्म के सेट पर धर्मेंद्र को देवयानी चौबल नज़र आ गई। वह बिलकुल हीरो स्टाइल में देवयानी पर झपट पड़े। यह देख कर देवयानी फुर्ती से भाग कड़ी हुई। अन्यथा, ढाई किलो का हाथ वाले सनी देओल के पापा जी का पांच किलों का एक भी घूँसा देवयानी पर पड़ जाता तो वह ज़मीन पर गिर कर उठती नहीं, उठ जाती।
दीपिका पादुकोण ने फटकारा टाइम्स ऑफ़ इंडिया को
यह वाक़या २०१४ का है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने अपने फोटो फीचर में दीपिका पादुकोण के एक जश्न में फोटो को लगाते हुए दीपिका पादुकोण के नज़र आते उभारों को ख़ास महत्व देते हुए ट्वीट किया, 'ओह माय गॉड ! दीपिका पादुकोणस क्लीवेज शो'। इस कैप्शन ने दीपिका को आगबबूला हो गई। उन्होंने टाइम्स ऑफ़ इंडिया की इस 'न्यूज़' का उल्लेख करते हुए लिखा, "यह इंडिया का लीडिंग न्यूज़ पेपर माना जाता है और यह है न्यूज़। हाँ, मैं एक औरत हूँ। मेरे भी वक्ष है और उभार हैं। आपको समस्या है क्या !!!" दीपिका के ट्वीट के बाद अख़बार ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया। लेकिन, कोई माफ़ी माँगने के बजाय फिर ट्वीट किया 'दीपिका यह कॉम्पलिमेंट था। तुम इतनी शानदार लग रही थी कि हम भी चाहते थे कि सब जाने।" दीपिका पादुकोण के ट्वीट के बाद उनको फॉलो करने वालों के ट्वीट्स की भरमार हो गई। बॉलीवुड सेलिब्रिटी भी उनके साथ थे।
अपने कमेंट्स पर नाराज़ मल्लिका शेरावत
२०१३ के कांन्स फिल्म फेस्टिवल में मल्लिका शेरावत ने बयान दिया था कि भारत औरतों के लिए प्रतिगामी और निराशाजनक देश है। मल्लिका का यह बयान शायद भारत में लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच कर पब्लिसिटी पाने के लिए था। लेकिन, उनका यह बयान उन पर भारी पड़ा। उनकी हर प्रेस कांफ्रेंस में उनके इस बयान को लेकर सवाल पूछे जाने लगे। ऐसे ही एक प्रेस कांफ्रेंस में जब मल्लिका से सवाल पूछा गया तो उन्होंने अपने बयान को फिर दोहरा दिया और कहा कि वह इस पर कायम है। इस पर जब एक महिला पत्रकार ने इसे देश की इमेज खराब करने वाल बयान बताया तो मल्लिका हत्थे से उखड गई। उन्होंने उस महिला पत्रकार से अपना होम वर्क ठीक से करने की सलाह तक दे डाली।
दो साल पहले परिणीति चोपड़ा एक ख़ास सैनिटरी पैड के प्रचार के दौरान पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रही थी। एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि आज का विषय क्या है ? तब परिणीति उस पर बरस उठी। उन्होंने जॉर्नलिस्ट से पूछा कि उसे महिलाओं के पीरियड्स की जानकारी क्यों नहीं है ? क्या उसकी गर्ल फ्रेंड नहीं है ? माँ या बहन भी नहीं हैं।" ऐसा बोलते समय परिणीति चोपड़ा के चहरे का तनाव साफ़ नज़र आ रहा था। उनकी बहन प्रियंका चोपड़ा तो शाहिद कपूर और शाहरुख़ खान का ज़िक्र छिड़ने मात्र से नाराज़ हो जाती हैं। उनके चहरे पर तनाव साफ़ देखा जाता है। ध्यान रहे कि प्रियंका चोपड़ा के इन दोनों एक्टरों से रिलेशन की अफवाहे गर्म हो कर ठंडी हो चुकी हैं।
कई ऐसे मौके आये हैं जब बॉलीवुड फिल्म स्टार पत्रकारों के सवालों से नाराज़ हो कर उन पर हमलावर हो गए। फिल्म निर्माता निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा की पत्नी भी पत्रकार हैं। लेकिन विधु खुद बताते हैं कि वह कई पत्रकारों को थपडिया चुके हैं। शांता आप्टे से लेकर सनी लियॉन तक सितारों की यही कहानी है कि वह पत्रकारों की आलोचना को सहन नहीं कर सके। आइये जानते हैं ऐसे कुछ घटनाक्रमों को -
जब शांता आप्टे ने बाबूराव पटेल को पीटा
यह वाक़या तीस के दशक के उत्तरार्द्ध का है। इंग्लिश फिल्म मैगज़ीन 'फिल्मइंडिया' के संपादक बाबूराव पटेल बड़े दबंग पत्रकार माने जाते थे। उनकी लेखनी कटु आलोचक थी। वह किसी फिल्म या एक्टर की धज्जियाँ उड़ा देते थे। इंडस्ट्री में उनका खौफ था। वह शांता आप्टे के ख़ास आलोचक थे। एक बार उन्होंने अपनी मैगज़ीन में शांता आप्टे की एक फिल्म में अभिनय की बुरी आलोचना कर दी। इससे शांता आप्टे बेहद नाराज़ हो गई। वह एक छड़ी लेकर फिल्मइंडिया के ऑफिस में पहुंची और उस छड़ी से उन्हें पीट दिया। मौजूद लोग यह नज़ारा देख कर कुछ करते कि शांता आप्टे तूफ़ान की तरह बाहर निकल गई। यहाँ दिलचस्प बात यह है कि बाबूराव ने इस घटना को अपनी पत्रिका के अगले अंक में प्रकाशित भी किया।
जब शाहरुख़ खान ने कालर पकड़ लिया
उस समय शाहरुख़ खान की केतन मेहता निर्देशित फिल्म 'माया मेमसाहब' रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में उनकी नायिका दीपा साही थी। फिल्म में दीपा और शाहरुख़ के बीच काफी गर्मागर्म सीन थे। इस फिल्म के प्रचार के दौरान शाहरुख़ खान एक पत्रकार के सवाल से शाहरुख़ खान इतने नाराज़ हो गए कि उन्होंने उस पत्रकार पर हमला कर दिया। हालाँकि, मौजूद लोगों के बीच बचाव के बाद बात आगे नहीं बढ़ी। दरअसल, उस पत्रकार ने खान से पूछा था कि क्या उन्होंने (शाहरुख़ खान ने) फिल्म में अपनी नायिका के साथ शूटिंग के अलावा भी मस्ती की थी !
सैफ और अमृता ने पीटा पत्रकार को
फिल्म एक्टर सफलता मिलने के बाद पगला जाते हैं, यह अर्ध सत्य है। कभी फिल्म स्टार अपनी प्रारंभिक असफलताओं से भी हताश हो जाते हैं। सैफ अली खान भी अपनी फिल्मों की असफलता से हताश थे। एक फिल्म पत्रिका स्टार एंड स्टाइल के पत्रकार कानन दिवेचा सैफ की ख़ास आलोचक थी । कानन के एक लेख से नाराज़ हो कर सैफ अली खान अपनी उस समय की बीवी अमृता सिंह के साथ स्टार एंड स्टाइल के ऑफिस पहुँच गए। अमृता सिंह ने कानन के साथ धक्का मुक्की की और फर्नीचर तोड़ दिया। यह मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में अमृता सिंह के माफ़ीनामे के बाद ही ख़त्म हुआ।
धर्मेंद्र यो ही ही-मैन नहीं
उन दिनों हेमा मालिनी का सितारा बुलंदी पर था। वह संजीव कुमार और जीतेंद्र से लेकर धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन तक की नायिका बन कर आ रही थी। संजीव कुमार उनसे एक तरफा प्रेम करते थे। लेकिन, उनकी शराबखोरी की आदत हेमा मालिनी को सख्त नापसंद थी। उनका और धर्मेंद्र को ज़बरदस्त रोमांस चल रहा था। हेमा मलिनी चाहती थी कि वह इस रिश्ते को कोई नाम दे। लेकिंन धर्मेंद्र हिचक रहे थे। उस समय की बड़ी पत्रकार देवयानी चौबल ने इस स्टोरी को मीडिया में लीक कर दिया। इससे धर्मेंद्र बेहद नाराज़ हुए। एक दिन फिल्म के सेट पर धर्मेंद्र को देवयानी चौबल नज़र आ गई। वह बिलकुल हीरो स्टाइल में देवयानी पर झपट पड़े। यह देख कर देवयानी फुर्ती से भाग कड़ी हुई। अन्यथा, ढाई किलो का हाथ वाले सनी देओल के पापा जी का पांच किलों का एक भी घूँसा देवयानी पर पड़ जाता तो वह ज़मीन पर गिर कर उठती नहीं, उठ जाती।
दीपिका पादुकोण ने फटकारा टाइम्स ऑफ़ इंडिया को
यह वाक़या २०१४ का है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने अपने फोटो फीचर में दीपिका पादुकोण के एक जश्न में फोटो को लगाते हुए दीपिका पादुकोण के नज़र आते उभारों को ख़ास महत्व देते हुए ट्वीट किया, 'ओह माय गॉड ! दीपिका पादुकोणस क्लीवेज शो'। इस कैप्शन ने दीपिका को आगबबूला हो गई। उन्होंने टाइम्स ऑफ़ इंडिया की इस 'न्यूज़' का उल्लेख करते हुए लिखा, "यह इंडिया का लीडिंग न्यूज़ पेपर माना जाता है और यह है न्यूज़। हाँ, मैं एक औरत हूँ। मेरे भी वक्ष है और उभार हैं। आपको समस्या है क्या !!!" दीपिका के ट्वीट के बाद अख़बार ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया। लेकिन, कोई माफ़ी माँगने के बजाय फिर ट्वीट किया 'दीपिका यह कॉम्पलिमेंट था। तुम इतनी शानदार लग रही थी कि हम भी चाहते थे कि सब जाने।" दीपिका पादुकोण के ट्वीट के बाद उनको फॉलो करने वालों के ट्वीट्स की भरमार हो गई। बॉलीवुड सेलिब्रिटी भी उनके साथ थे।
अपने कमेंट्स पर नाराज़ मल्लिका शेरावत
२०१३ के कांन्स फिल्म फेस्टिवल में मल्लिका शेरावत ने बयान दिया था कि भारत औरतों के लिए प्रतिगामी और निराशाजनक देश है। मल्लिका का यह बयान शायद भारत में लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच कर पब्लिसिटी पाने के लिए था। लेकिन, उनका यह बयान उन पर भारी पड़ा। उनकी हर प्रेस कांफ्रेंस में उनके इस बयान को लेकर सवाल पूछे जाने लगे। ऐसे ही एक प्रेस कांफ्रेंस में जब मल्लिका से सवाल पूछा गया तो उन्होंने अपने बयान को फिर दोहरा दिया और कहा कि वह इस पर कायम है। इस पर जब एक महिला पत्रकार ने इसे देश की इमेज खराब करने वाल बयान बताया तो मल्लिका हत्थे से उखड गई। उन्होंने उस महिला पत्रकार से अपना होम वर्क ठीक से करने की सलाह तक दे डाली।
दो साल पहले परिणीति चोपड़ा एक ख़ास सैनिटरी पैड के प्रचार के दौरान पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रही थी। एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि आज का विषय क्या है ? तब परिणीति उस पर बरस उठी। उन्होंने जॉर्नलिस्ट से पूछा कि उसे महिलाओं के पीरियड्स की जानकारी क्यों नहीं है ? क्या उसकी गर्ल फ्रेंड नहीं है ? माँ या बहन भी नहीं हैं।" ऐसा बोलते समय परिणीति चोपड़ा के चहरे का तनाव साफ़ नज़र आ रहा था। उनकी बहन प्रियंका चोपड़ा तो शाहिद कपूर और शाहरुख़ खान का ज़िक्र छिड़ने मात्र से नाराज़ हो जाती हैं। उनके चहरे पर तनाव साफ़ देखा जाता है। ध्यान रहे कि प्रियंका चोपड़ा के इन दोनों एक्टरों से रिलेशन की अफवाहे गर्म हो कर ठंडी हो चुकी हैं।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Wednesday, 30 March 2016
बिकिनी में नायिका का बागी अवतार !
शब्बीर खान निर्देशित फिल्म 'बागी' इसके मुख्य किरदारों के शरीर का प्रदर्शन करती है। फिल्म के ट्रेलर में नायक टाइगर श्रॉफ अपनी हृष्ट पुष्ट मांपेशियों का प्रदर्शन करते हैं। वहीँ, नायिका श्रद्धा कपूर 'बागी' में रंग बिरंगे टू पीस स्विमसूट में पानी में आग लगाती लगती है। श्रद्धा कपूर ग्लैमरस हैं। पर अभी तक उन्होंने अपने तन से कपडे काफी काम करने की कोशिश नहीं की थी। बागी उनकी अब तक की इमेज से बागी है। श्रद्धा कपूर कहती हैं, "मुझे उम्मीद है कि दर्शक मेरे इस बिकिनी अवतार को सराहेंगे। "
श्रद्धा से पहले महेश भट्ट की बिटिया आलिया भट्ट निर्देशक विकास बहल की फिल्म शानदार में टू पीस बिकिनी पहने नज़र आई थी। गुलाबी बिकिनी में आलिया भट्ट गज़ब ढा रही थी। इस बिकिनी को पहनने के लिए आलिया भट्ट ने अपने शरीर को आकार देने में काफी मेहनत की थी। अब फिल्म में कमी थी या फिल्म में आलिया भट्ट का बिकिनी सीक्वेंस इतना लुभावना नहीं बन पड़ा था कि फिल्म दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींच नहीं सकी । निराश आलिया भट्ट ने कहा था, "मैंने बिकिनी के लिए काफी मेहनत की थी।"
सेक्सी नहीं हर एक्ट्रेस की बिकिनी
अब जब हिंदी फ़िल्में स्मूचिंग तक आ गयी हैं तो फिल्मों की नायिका का बिकिनी पहनना कोई तहलका मचाने वाली बात नहीं। यही कारण है कि बेवकूफियां में सोनम कपूर की गुलाबी बिकिनी और मैं तेरा हीरो में नर्गिस फाखरी की नीली बिकिनी दर्शकों में हलचल पैदा नहीं कर सकी। उनसे भी पहले हेमा मालिनी की बेटी एशा देओल की धूम २, शहजान पदमसी की हॉउसफुल २, समीरा रेड्डी की मुसाफिर, मिनिषा लाम्बा की किडनैप में बिकिनी दर्शकों को फीकी नज़र आई। इस लिहाज़ से फिल्म कॉकटेल में दीपिका पादुकोण का टू पीस बिकिनी अवतार उनकी फिट बॉडी के कारण काफी सेक्सी बन पड़ा था।
बेशक, अब हर अभिनेत्री बिकिनी पहन कर उतार चुकी है। बिकिनी उसी एक्ट्रेस के शरीर पर फबती है, जिस की बिकिनी बॉडी होती है। साफ़ तौर पर तराशा बदन बिकिनी से उभर कर निखरता है। उस पर पानी की बूंदे आग जैसी दमकती हैं। ऐसा सेंसुअस शरीर दर्शकों को सेक्सी लगता है। कभी यह बिकिनी सनसनीखेज हुआ करती थी। पुरानी फिल्म अभिनेत्रियों के बीच जैसे टैबू थे, उसके लिहाज़ से उनका बिकिनी पहनना क्रांति करने जैसा था। इसीलिए, इक्का दुक्का ही सही, जब भी किसी एक्ट्रेस ने बिकिनी पहनी हंगामा बरपा गया। साथ ही ऎसी फिल्म सेक्सी बन कर हिट हो गई।
पहली बिकिनी बेब मीनाक्षी शिरोडकर
१९४१ में किदार शर्मा की पीरियड फिल्म 'चित्रलेखा' में टॉपलेस हो कर तालाब में उतरी अभिनेत्री महताब ने तहलका मचा दिया था। महताब का कारनामा हिंदी फिल्मों की अभिनेत्रियों का बोल्डनेस की दिशा में अगला कदम जैसा था। क्योंकि, महताब से तीन साल पहले, १९३८ में रिलीज़ फिल्म 'ब्रह्मचारी' की नायिका मीनाक्षी शिरोडकर ने बिकिनी पहन कर तहलका मचा दिया था। मीनाक्षी ने यह बिकिनी फिल्म में अपने हीरो मास्टर विनायक को आकर्षित करने के लिए स्विमिंग पूल के किनारे गीत 'यमुना जली खेलू खेल' गीत गाते हुए पहनी थी। इस गीत को खुद मीनाक्षी ने ही गया था। यह फिल्म एक विलासी युवक की कहानी थी, जो ब्रह्मचर्य और आत्मसंयम का महत्व समझने के लिए एक आश्रम में जाता है। वहां वह एक युवती के प्रेम जाल में फंस जाता है। तब होती है उसके संयम की परीक्षा। मीनाक्षी शिरोडकर यह कामुक कन्या बनी थी। इस सीन ने तहलका मचा दिया। दर्शक इस सीन को देखने के बार बार सिनेमाघर पहुंचे। समीक्षकों ने ब्रह्मचारी को कामुकता जगाने वाली फिल्म बताया। यहाँ बताते चले कि मीनाक्षी शिरोडकर की दो पोतियों नम्रता शिरोडकर और शिल्पा शिरोडकर ने भी बाद में बिकिनी पहनी। लेकिन, अपनी दादी की तरह तहलका नहीं मचा सकी।
अशोक कुमार की मोहब्बत नलिनी जयवंत की बिकिनी
फिल्म रामराज्य में राम की सीता के बतौर मशहूर अभिनेत्री शोभना समर्थ की रिश्तेदार नलिनी जयवंत अपने समय से काफी आगे की अभिनेत्री थी। उन्होंने एक अंग्रेजी पत्रिका के लिए बॉम्बे के जुहू बीच में टू पीस बिकिनी पहन कर फोटो सेशन कराया था। इन्हीं नलिनी जयवंत ने १९५० की फिल्म संग्राम में वन पीस बिकिनी पहन कर स्विमिंग पूल पर नहाते हुए गीत उल्फत के जादू का दिल में असर है फिल्माया गया था। यह गीत में नलिनी जयवंत के साथ अशोक कुमार भी थे। अशोक कुमार और नलिनी जयवंत ने एक साथ ११ फ़िल्में की थी। उन दिनों अशोक कुमार और नलिनी जयवंत रोमांस सुर्खियां पा रहा था। इसलिए, यह गीत बेहद सनसनीखेज बन गया था। संग्राम अशोक कुमार की बड़ी हिट फिल्मों में शुमार है।
आवारा राजकपूर के लिए नर्गिस का स्विमसूट
राजकपूर ने, जब फिल्मों में कदम रख, उस समय नर्गिस का नाम बड़ी अभिनेत्रियों में शुमार था। नर्गिस राजकपूर पर आसक्त थी। इसलिए, उन्होंने नवोदित राजकपूर की नायिका बनना मंज़ूर किया ही, उनके निर्देशन में कई फिल्में भी की। आग और बरसात के बाद आवारा राजकपूर और नर्गिस की निर्देशक अभिनेत्री जोड़े की तीसरी फिल्म थी। राजकपूर के कारण नर्गिस ने आवारा में स्विमिंग सूट पहनना भी मंज़ूर किया। इस फिल्म के एक दृश्य में वह स्विमिंग सूट में समुद्र से निकलती है और अपने कपडे बदलती दिखाई गई थी। नर्गिस की उस समय की इमेज और कद के लिहाज़ से यह सीन काफी बोल्ड माना गया था। इस सीन ने नर्गिस-राजकपूर रोमांस की गम्भीरता पर मोहर लगा दी थी।
दिल्ली का ठग किशोर कुमार और स्विमिंग पूल पर नूतन
नलिनी जयवंत और नर्गिस के बाद सनसनी फैलाई नूतन के स्विमिंग पूल पर वन पीस बिकिनी पोज़ ने। इस फिल्म के नायक किशोर कुमार थे। इस क्राइम-ड्रामा फिल्म में किशोर कुमार ने दिल्ली के ठग और नूतन ने उनकी मंगेतर का रोल किया था। नूतन फिल्म में एक स्विमिंग और डाइविंग चैंपियन बनी थी। इसलिए, फिल्म में उनका स्विमिंग सूट में नज़र आना स्वाभाविक था। निर्देशक एस डी नारंग ने स्विमिंग पूल पर स्विमसूट में नूतन के पोज़ को खूब भुनाया। यह दृश्य भी नूतन की गुडी गुडी इमेज के कारण सनसनी फैलाने वाला बन गया था।
शर्मीला टैगोर ने बनाया बिकिनी ट्रेंड
उपरोक्त से साफ़ है कि हिंदी फिल्मों में नायिका के स्विमसूट पहनने का सिलसिला छुटपुट चलता रहां।
अमूमन, स्विमसूट या बिकिनी सनसनी फैलाने के लिए ही पहने गए। यही कारण था कि हिंदी फिल्मों में बिकिनी का ट्रेंड नहीं चल सका। बॉलीवुड फिल्मों में बिकिनी का ट्रेंड चलाता अभिनेत्री शर्मीला टैगोर ने। कश्मीर की कली से हिंदी फिल्म डेब्यू करने वाली शर्मीला टैगोर ने कई फैशन ट्रेंड स्थापित किये। उन्होंने, शक्ति सामन्त की फिल्म 'ऐन इवनिंग इन पेरिस' फिल्म में नीली बिकिनी पहनी थी। शर्मीला टैगोर के बारे में यह प्रचारित किया गया कि यह रविंद्रनाथ टैगोर के खानदान से हैं। ऐसे खानदान की लड़की का बिकिनी पहनना अपने आप में सनसनीखेज था। फिल्म में शर्मीला टैगोर ने दोहरी भूमिकाएं की थी। इन भूमिकाओं से वह बोल्ड अभिनेत्री साबित होती थी। इस फिल्म के बाद हिंदी फिल्मों की नायिका को बोल्ड दिखाने का पहला जरिया बिकिनी बन गई।
बदन में बिकिनी यानि बोल्ड नायिका
मुमताज़, राखी, पूजा बेदी, सारिका, परवीन बाबी, ज़ीनत अमान, हेमा मालिनी, नीतू सिंह, सोनू वालिया, सायरा बानू, रीना रॉय, उर्मिला मातोंडकर, मन्दाकिनी, डिंपल कपाडिया, पूनम ढिल्लों, किमी काटकर, तिन मुनीम, ममता कुलकर्णी, सोनम, आदि साठ से अस्सी के दशक तक की अभिनेत्रियों ने बिकिनी को खूब अपनाया। शर्मीला टैगोर ने तो खैर अपने करियर की आठवीं फिल्म में बिकिनी पहनी थी। लेकिन, इन अभिनेत्रियों ने अपनी शुरूआती फिल्मों में ही बिकिनी पहनने में हिचकिचाहट नहीं दिखाई। पूनम ढिल्लों, पूजा बेदी, परवीन बाबी, ज़ीनत अमान, किमी काटकर, टीना मुनीम, सोनम, आदि अभिनेत्रियों ने अपनी पहली ही फिल्म में बिकिनी पहन कर खुद के बोल्ड होने का ढिंढोरा पीट दिया। आज के दौर की अभिनेत्री अनुष्का शर्मा पर बोल्ड का टैग लगा है, इसलिए कि उन्होंने 'रब ने बन दी जोड़ी' के अलावा बाकी की तमाम फिल्मों में बिकिनी पहनी थी। उनकी सेंसुअस बॉडी पर बिकिनी कहर बरपाती सी लगती है।
करीना कपूर की साइज जीरो बिकिनी
करीना कपूर के दौर से पहले तक हिंदी फिल्मों में बिकिनी ट्रेंड बन चुकी थी। इसलिए, करीना कपूर का बिकिनी पहनना कोई खबर नहीं बन सकती थी। लेकिन, यशराज बैनर ने फिल्म टशन में करीना कपूर की बिकिनी को साइज जीरो पर बिकिनी बता कर प्रचारित किया। इस फिल्म के लिए करीना कपूर ने डाइटिंग, वर्ज़िश और जिम में पसीना बहा कर खुद को साइज जीरो बना दिया था। इसमें कोई शक नहीं कि साइज जीरो में करीना कपूर सेक्सी लग रही थी। लेकिन, उनकी बिकिनी ने टशन को बिकिनी टशन नहीं बिकिनी का टेंशन बना दिया। टशन बड़ी फ्लॉप फिल्म साबित हुई।
अल्पना कांडपाल
श्रद्धा से पहले महेश भट्ट की बिटिया आलिया भट्ट निर्देशक विकास बहल की फिल्म शानदार में टू पीस बिकिनी पहने नज़र आई थी। गुलाबी बिकिनी में आलिया भट्ट गज़ब ढा रही थी। इस बिकिनी को पहनने के लिए आलिया भट्ट ने अपने शरीर को आकार देने में काफी मेहनत की थी। अब फिल्म में कमी थी या फिल्म में आलिया भट्ट का बिकिनी सीक्वेंस इतना लुभावना नहीं बन पड़ा था कि फिल्म दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींच नहीं सकी । निराश आलिया भट्ट ने कहा था, "मैंने बिकिनी के लिए काफी मेहनत की थी।"
सेक्सी नहीं हर एक्ट्रेस की बिकिनी
अब जब हिंदी फ़िल्में स्मूचिंग तक आ गयी हैं तो फिल्मों की नायिका का बिकिनी पहनना कोई तहलका मचाने वाली बात नहीं। यही कारण है कि बेवकूफियां में सोनम कपूर की गुलाबी बिकिनी और मैं तेरा हीरो में नर्गिस फाखरी की नीली बिकिनी दर्शकों में हलचल पैदा नहीं कर सकी। उनसे भी पहले हेमा मालिनी की बेटी एशा देओल की धूम २, शहजान पदमसी की हॉउसफुल २, समीरा रेड्डी की मुसाफिर, मिनिषा लाम्बा की किडनैप में बिकिनी दर्शकों को फीकी नज़र आई। इस लिहाज़ से फिल्म कॉकटेल में दीपिका पादुकोण का टू पीस बिकिनी अवतार उनकी फिट बॉडी के कारण काफी सेक्सी बन पड़ा था।
बेशक, अब हर अभिनेत्री बिकिनी पहन कर उतार चुकी है। बिकिनी उसी एक्ट्रेस के शरीर पर फबती है, जिस की बिकिनी बॉडी होती है। साफ़ तौर पर तराशा बदन बिकिनी से उभर कर निखरता है। उस पर पानी की बूंदे आग जैसी दमकती हैं। ऐसा सेंसुअस शरीर दर्शकों को सेक्सी लगता है। कभी यह बिकिनी सनसनीखेज हुआ करती थी। पुरानी फिल्म अभिनेत्रियों के बीच जैसे टैबू थे, उसके लिहाज़ से उनका बिकिनी पहनना क्रांति करने जैसा था। इसीलिए, इक्का दुक्का ही सही, जब भी किसी एक्ट्रेस ने बिकिनी पहनी हंगामा बरपा गया। साथ ही ऎसी फिल्म सेक्सी बन कर हिट हो गई।
पहली बिकिनी बेब मीनाक्षी शिरोडकर
१९४१ में किदार शर्मा की पीरियड फिल्म 'चित्रलेखा' में टॉपलेस हो कर तालाब में उतरी अभिनेत्री महताब ने तहलका मचा दिया था। महताब का कारनामा हिंदी फिल्मों की अभिनेत्रियों का बोल्डनेस की दिशा में अगला कदम जैसा था। क्योंकि, महताब से तीन साल पहले, १९३८ में रिलीज़ फिल्म 'ब्रह्मचारी' की नायिका मीनाक्षी शिरोडकर ने बिकिनी पहन कर तहलका मचा दिया था। मीनाक्षी ने यह बिकिनी फिल्म में अपने हीरो मास्टर विनायक को आकर्षित करने के लिए स्विमिंग पूल के किनारे गीत 'यमुना जली खेलू खेल' गीत गाते हुए पहनी थी। इस गीत को खुद मीनाक्षी ने ही गया था। यह फिल्म एक विलासी युवक की कहानी थी, जो ब्रह्मचर्य और आत्मसंयम का महत्व समझने के लिए एक आश्रम में जाता है। वहां वह एक युवती के प्रेम जाल में फंस जाता है। तब होती है उसके संयम की परीक्षा। मीनाक्षी शिरोडकर यह कामुक कन्या बनी थी। इस सीन ने तहलका मचा दिया। दर्शक इस सीन को देखने के बार बार सिनेमाघर पहुंचे। समीक्षकों ने ब्रह्मचारी को कामुकता जगाने वाली फिल्म बताया। यहाँ बताते चले कि मीनाक्षी शिरोडकर की दो पोतियों नम्रता शिरोडकर और शिल्पा शिरोडकर ने भी बाद में बिकिनी पहनी। लेकिन, अपनी दादी की तरह तहलका नहीं मचा सकी।
अशोक कुमार की मोहब्बत नलिनी जयवंत की बिकिनी
फिल्म रामराज्य में राम की सीता के बतौर मशहूर अभिनेत्री शोभना समर्थ की रिश्तेदार नलिनी जयवंत अपने समय से काफी आगे की अभिनेत्री थी। उन्होंने एक अंग्रेजी पत्रिका के लिए बॉम्बे के जुहू बीच में टू पीस बिकिनी पहन कर फोटो सेशन कराया था। इन्हीं नलिनी जयवंत ने १९५० की फिल्म संग्राम में वन पीस बिकिनी पहन कर स्विमिंग पूल पर नहाते हुए गीत उल्फत के जादू का दिल में असर है फिल्माया गया था। यह गीत में नलिनी जयवंत के साथ अशोक कुमार भी थे। अशोक कुमार और नलिनी जयवंत ने एक साथ ११ फ़िल्में की थी। उन दिनों अशोक कुमार और नलिनी जयवंत रोमांस सुर्खियां पा रहा था। इसलिए, यह गीत बेहद सनसनीखेज बन गया था। संग्राम अशोक कुमार की बड़ी हिट फिल्मों में शुमार है।
आवारा राजकपूर के लिए नर्गिस का स्विमसूट
राजकपूर ने, जब फिल्मों में कदम रख, उस समय नर्गिस का नाम बड़ी अभिनेत्रियों में शुमार था। नर्गिस राजकपूर पर आसक्त थी। इसलिए, उन्होंने नवोदित राजकपूर की नायिका बनना मंज़ूर किया ही, उनके निर्देशन में कई फिल्में भी की। आग और बरसात के बाद आवारा राजकपूर और नर्गिस की निर्देशक अभिनेत्री जोड़े की तीसरी फिल्म थी। राजकपूर के कारण नर्गिस ने आवारा में स्विमिंग सूट पहनना भी मंज़ूर किया। इस फिल्म के एक दृश्य में वह स्विमिंग सूट में समुद्र से निकलती है और अपने कपडे बदलती दिखाई गई थी। नर्गिस की उस समय की इमेज और कद के लिहाज़ से यह सीन काफी बोल्ड माना गया था। इस सीन ने नर्गिस-राजकपूर रोमांस की गम्भीरता पर मोहर लगा दी थी।
दिल्ली का ठग किशोर कुमार और स्विमिंग पूल पर नूतन
नलिनी जयवंत और नर्गिस के बाद सनसनी फैलाई नूतन के स्विमिंग पूल पर वन पीस बिकिनी पोज़ ने। इस फिल्म के नायक किशोर कुमार थे। इस क्राइम-ड्रामा फिल्म में किशोर कुमार ने दिल्ली के ठग और नूतन ने उनकी मंगेतर का रोल किया था। नूतन फिल्म में एक स्विमिंग और डाइविंग चैंपियन बनी थी। इसलिए, फिल्म में उनका स्विमिंग सूट में नज़र आना स्वाभाविक था। निर्देशक एस डी नारंग ने स्विमिंग पूल पर स्विमसूट में नूतन के पोज़ को खूब भुनाया। यह दृश्य भी नूतन की गुडी गुडी इमेज के कारण सनसनी फैलाने वाला बन गया था।
शर्मीला टैगोर ने बनाया बिकिनी ट्रेंड
उपरोक्त से साफ़ है कि हिंदी फिल्मों में नायिका के स्विमसूट पहनने का सिलसिला छुटपुट चलता रहां।
अमूमन, स्विमसूट या बिकिनी सनसनी फैलाने के लिए ही पहने गए। यही कारण था कि हिंदी फिल्मों में बिकिनी का ट्रेंड नहीं चल सका। बॉलीवुड फिल्मों में बिकिनी का ट्रेंड चलाता अभिनेत्री शर्मीला टैगोर ने। कश्मीर की कली से हिंदी फिल्म डेब्यू करने वाली शर्मीला टैगोर ने कई फैशन ट्रेंड स्थापित किये। उन्होंने, शक्ति सामन्त की फिल्म 'ऐन इवनिंग इन पेरिस' फिल्म में नीली बिकिनी पहनी थी। शर्मीला टैगोर के बारे में यह प्रचारित किया गया कि यह रविंद्रनाथ टैगोर के खानदान से हैं। ऐसे खानदान की लड़की का बिकिनी पहनना अपने आप में सनसनीखेज था। फिल्म में शर्मीला टैगोर ने दोहरी भूमिकाएं की थी। इन भूमिकाओं से वह बोल्ड अभिनेत्री साबित होती थी। इस फिल्म के बाद हिंदी फिल्मों की नायिका को बोल्ड दिखाने का पहला जरिया बिकिनी बन गई।
बदन में बिकिनी यानि बोल्ड नायिका
मुमताज़, राखी, पूजा बेदी, सारिका, परवीन बाबी, ज़ीनत अमान, हेमा मालिनी, नीतू सिंह, सोनू वालिया, सायरा बानू, रीना रॉय, उर्मिला मातोंडकर, मन्दाकिनी, डिंपल कपाडिया, पूनम ढिल्लों, किमी काटकर, तिन मुनीम, ममता कुलकर्णी, सोनम, आदि साठ से अस्सी के दशक तक की अभिनेत्रियों ने बिकिनी को खूब अपनाया। शर्मीला टैगोर ने तो खैर अपने करियर की आठवीं फिल्म में बिकिनी पहनी थी। लेकिन, इन अभिनेत्रियों ने अपनी शुरूआती फिल्मों में ही बिकिनी पहनने में हिचकिचाहट नहीं दिखाई। पूनम ढिल्लों, पूजा बेदी, परवीन बाबी, ज़ीनत अमान, किमी काटकर, टीना मुनीम, सोनम, आदि अभिनेत्रियों ने अपनी पहली ही फिल्म में बिकिनी पहन कर खुद के बोल्ड होने का ढिंढोरा पीट दिया। आज के दौर की अभिनेत्री अनुष्का शर्मा पर बोल्ड का टैग लगा है, इसलिए कि उन्होंने 'रब ने बन दी जोड़ी' के अलावा बाकी की तमाम फिल्मों में बिकिनी पहनी थी। उनकी सेंसुअस बॉडी पर बिकिनी कहर बरपाती सी लगती है।
करीना कपूर की साइज जीरो बिकिनी
करीना कपूर के दौर से पहले तक हिंदी फिल्मों में बिकिनी ट्रेंड बन चुकी थी। इसलिए, करीना कपूर का बिकिनी पहनना कोई खबर नहीं बन सकती थी। लेकिन, यशराज बैनर ने फिल्म टशन में करीना कपूर की बिकिनी को साइज जीरो पर बिकिनी बता कर प्रचारित किया। इस फिल्म के लिए करीना कपूर ने डाइटिंग, वर्ज़िश और जिम में पसीना बहा कर खुद को साइज जीरो बना दिया था। इसमें कोई शक नहीं कि साइज जीरो में करीना कपूर सेक्सी लग रही थी। लेकिन, उनकी बिकिनी ने टशन को बिकिनी टशन नहीं बिकिनी का टेंशन बना दिया। टशन बड़ी फ्लॉप फिल्म साबित हुई।
अल्पना कांडपाल
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Tuesday, 29 March 2016
बेटे के साथ कैंसर से लड़ते इमरान हाश्मी की दास्ताँ
सीरियल किसर के टैग से मशहूर अभिनेता इमरान हाश्मी की एक किताब बाज़ार में आई है। अंगेजी भाषा में इस किताब का टाइटल उनकी रील इमेज के अनुरूप 'द किस ऑफ़ लाइफ' रखा गया है। हालाँकि, इस किताब की टोन सीरियस है। इस किताब में इमरान हाशमी ने अपने शुरूआती दिनों से लेकर, मर्डर से मिली सफलता, स्टारडम और बेटे की बीमारी और उससे बीवी के साथ उनके संघर्ष का विवरण दिया है। पाठकों को याद होगा कि २०१४ में इमरान के चार साल के बेटे अयान को कैंसर का पता चला था। उसकी बीमारी और ईलाज के दौरान इमरान हाश्मी और उनकी बीवी परवीन ने जीवन के जो उतार चढ़ाव, आशा-निराशा के क्षण देखे, उसने इन दोनों को मानवीय सोच से भर दिया। आज इमरान हाशमी खुद को नए इमरान हाश्मी के रूप में देखते हैं। किताब के कवर पर इमरान हाश्मी और उनके बेटे अयान का चित्र मर्मस्पर्शी है और किताब के मज़मून को साफ़ करने वाला है । इसके नीचे टैग लाइन है- कैसे एक सुपर हीरो और मेरे बेटे ने कैंसर पर जीत हासिल की। इस किताब को बिलाल सिद्दीकी ने इमरान हाश्मी के साथ लिखा है। बिलाल बलोचिस्तान पर एक थ्रिलर द बर्ड ऑफ़ ब्लड लिख चुके हैं। वह वर्तमान में रेड चिलीज एंटरटेनमेंट के साथ जुड़े हैं। इमरान हाशमी क्लास के नहीं मास के हीरो हैं। इसलिए, उनकी किताब को अंग्रेजी में देख कर उनके प्रशंसकों को निराशा हो सकती है।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Monday, 28 March 2016
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में बॉलीवुड का दबदबा
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का आज ऐलान कर दिया गया। इन पुरस्कारों पर नज़र डालें तो बॉलीवुड छाया लगता है। लेकिन, भव्यता के मामले में बाजीराव मस्तानी के बाहुबली को करारी टक्कर न दे पाने के कारण मामला हिंदी वाश आउट का नहीं बन सका। इन पुरस्कारों में तमिल और तेलुगु में शूट और हिंदी में डब कर रिलीज़ फिल्म बाहुबली ने श्रेष्ठ फिल्म और स्पेशल इफेक्ट्स का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत कर रीजनल सिनेमा का झंडा उठाये रखा। एस एस राजामौली निर्देशित इस फिल्म में प्रभाष, तमन्ना भाटिया, राना दग्गुबती, आदि मुख्य भूमिका में हैं। बाहुबली का दूसरा हिस्सा अगले साल रिलीज़ होगा। बाकी के मुख्य पुरस्कारों में हिंदी फिल्मों का दबदबा कायम रहा। कंगना रनौत तनु वेड्स मनु रिटर्न्स के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री साबित हुईं। यह कंगना रनौत का तीसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार है। वह इससे पहले २००८ में फिल्म फैशन के लिए सपोर्टिंग एक्ट्रेस का और २०१४ में क्वीन के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का पुरस्कार जीत चुकी हैं। साफ़ तौर पर कंगना आज की सबसे अच्छी एक्ट्रेस हैं। अमिताभ बच्चन ने भी श्रेष्ठ अभिनेता का अपना चौथा नेशनल अवार्ड जीता। उन्हें फिल्म पीकू के लिए श्रेष्ठ अभिनेता ठहराया गया। अमिताभ बच्चन १९९० में अग्निपथ, २००५ में ब्लैक और २००९ में पा के लिए श्रेष्ठ अभिनेता का नेशनल अवार्ड जीत चुके हैं। संजय लीला भंसाली को फिल्म बाजीराव मस्तानी के लिए श्रेष्ठ निर्देशक घोषित किया गया। संजय के लिए भी यह चौथा नेशनल अवार्ड हैं। इससे पहले वह २००३ में फिल्म देवदास के लिए सम्पूर्ण मनोरंजक फिल्म, २००६ में हिंदी की श्रेष्ठ फिल्म ब्लैक और २०१५ में सम्पूर्ण मनोरंजक फिल्म मैरी कॉम के लिए बतौर निर्माता यह पुरस्कार जीत चुके थे। सलमान खान और करीना कपूर खान की कबीर खान निर्देशित फिल्म बजरंगी भाईजान को सम्पूर्ण मनोरंजक फिल्म चुना गया है। रेमो डिसूज़ा बाजीराव मस्तानी के दीवानी मस्तानी गीत की कोरियोग्राफी के लिए श्रेष्ठ साबित हुए। इस गीत में दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपड़ा का डांस मुकाबला हुआ था। बाजीराव मस्तानी में राधाबाई की भूमिका के लिए अभिनेत्री तन्वी आज़मी बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड जीतने में कामयाब हुई हैं। पीकू की जूही चतुर्वेदी और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स के हिमांशु शर्मा की पटकथा को श्रेष्ठ मौलिक पटकथा का सम्मान सम्मिलित रूप से दिया गया है। इन्ही दोनों ने संवाद के लिए भी यह पुरस्कार जीता है। विशाल भरद्वाज ने तलवार फिल्म की पटकथा के लिए श्रेष्ठ पटकथा रूपांतरण का पुरस्कार जीता है। किसी डायरेक्टर की पहली फिल्म का इंदिरा गांधी अवार्ड फिल्म मसान के लिए नीरज घेवन को मिला है। एक कम बजट की फिल्म दम लगा के हईशा को श्रेष्ठ हिंदी फिल्म, इसी फिल्म के गीत मोह मोह के धागे के लिए वरुण ग्रोवर को श्रेष्ठ गीतकार और मोनाली ठाकुर को गायिका का सम्मान मिला है। बाजीराव मस्तानी के सिनेमेटोग्राफर बिस्वजीत चटर्जी को श्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफर का पुरस्कार दिया गया है।
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Saturday, 26 March 2016
तीन किरदारों के बीच लव गेम्स
विक्रम भट्ट की लिखी और निर्देशित फिल्म 'लव गेम्स' की -प्रेम, आसक्ति और धोखे की कहानी पहली नज़र में इंटरेस्टिंग लगती है। एक ठग जोड़ा सज धज कर पेज ३ पार्टियों में जाता है। इस जोड़े को हमेशा तलाश रहती है, ऐसे खुश जोड़े की, जिसके साथ वह अपना लव गेम खेल सकें। वह सबसे खुश जोड़े को अपना शिकार बनाते हैं। फिर आपस में शर्त लगाते हैं कि कौन पहले शिकार जोड़े के साथ सेक्स कर पाने में सफल होता है। यह जोड़ा अपने इस खेल को लव गेम्स कहता है। विक्रम भट्ट की इस फिल्म में हंसल मेहता की फिल्म सिटी लाइट्स में छोटे शहर की औरत का किरदार करने वाले बोंग बाला पत्रलेखा सेक्सी, कामुक और दुष्ट अवतार में हैं। इसमें उनका साथ गौरव अरोड़ा दे रहे हैं, जो बड़े मॉडल हैं। फिल्म में तारा अलीशा बेरी का किरदार भी है, जो इस कामुक खेल खेलने वाले जोड़े का शिकार बनती है। फिल्म का ट्रेलर सिटी लाइट्स में सीधे सादे किरदार में नज़र आई पत्रलेखा एकदम बोल्ड अवतार में हैं। निर्माता भट्ट बंधुओं की फिल्म 'लव गेम्स' ८ अप्रैल को रिलीज़ होगी।
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ये ल्लों !!!
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Wednesday, 23 March 2016
फिलहाल बंद हो गई द मेज़ रनर की तीसरी कड़ी
पूरी दुनिया में पसंद की गई द मेज़ रनर सीरीज की तीसरी फिल्म 'द मेज़ रनर: द डेथ क्योर' फिलहाल हादसे का शिकार हो गई लगती है। इस फिल्म की शूटिंग वैंकूवर में हो रही थी। मेज़ रनर सीरीज की फिल्मों में थॉमस का किरदार एक्टर डायलन ओ'ब्रायन कर रहे हैं। द डेथ क्योर में थॉमस को खतरनाक बीमारी फ्लेअर का इलाज़ ढूंढना है। फिल्म के एक स्टंट में ब्रायन को कार पर स्टंट करना था। लेकिन, टाइमिंग की गड़बड़ी के कारण स्टंट सही तरह से नहीं हुआ। नतीजे के तौर पर डायलन बुरे एक्सीडेंट का शिकार हो गए। चूंकि, फिल्म में डायलन के काफी ज़्यादा दृश्य है। इसलिए फिल्म के स्टूडियो ट्वेंटिएथ सेंचुरी फॉक्स ने तत्काल ही फिल्म की शूटिंग डायलन के ठीक होने तक रोक देने का ऐलान कर दिया। स्टूडियो द्वारा बताया गया कि डायलन को मामूली चोट लगी है। लेकिन, कहा जा रहा है कि डायलन को बुरी तरह से चोट लगी है। उनकी कई हड्डियां टूट चुकी हैं। अब देखने की बात होगी कि डायलन कब तक ठीक होते हैं और फिल्म की शूटिंग कब फिर शुरू होगी। वैसे इसमे संदेह है कि द डेथ क्योर की शूटिंग इतनी जल्दी हो पाएगी कि फिल्म की रिलीज़ डेट १७ फरवरी २०१७ को रिलीज़ हो सके।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
अब साहसिक कारनामे करेगी ऐलिस !
स्टूडियो डिज्नी से लेविस कैरोल के झक्की चरित्रों का एक और दर्शनीय साहसिक कहानी 'ऐलिस थ्रू द लुकिंग ग्लास' बिलकुल नए रूप में दर्शकों के सामने आने जा रही है। ऐलिस की अंडरलैंड के झक्की संसार में वापसी होने जा रही है। यह फिल्म २०१० की फिल्म ऐलिस इन वंडरलैंड के आगे की कहानी है। मैड हैटर को बचाने के लिए समय को पीछे ले जाएगी। यह खासियत है डायरेक्टर जेम्स बॉबिन की दृष्टि की। हालाँकि, फिल्म को लिंडा वूलवरटोन ने लिखा है। लिंडा ने ब्यूटी एंड बीस्ट सीरीज की फ़िल्में लिखने के अलावा द लायन किंग, आर्कटिक टेल, ऐलिस इन वंडरलैंड, मेलफिसेंट, आदि दर्शकों को चकित कर देने वाली फ़िल्में लिखी हैं। फिल्म के निर्माता जॉन जी स्कॉटी साथ जो रॉथ, सुज़ैन टॉड और जेनिफर टॉड और टिम बर्टन हैं। एनीमेशन और लाइव करैक्टरों वाली इस फिल्म में हॉलीवुड की कई हिट फिल्मों के कलाकारों को शामिल किया गया है। इनमे जॉनी डेप, ऐनी हैथवे, मिया वासिकोव्स्का और हेलेना बोनहम कार्टर ने क्रमशः मैड हैटर, वाइट क्वीन, ऐलिस किंग्सले और रेड क्वीन के किरदार किये हैं। इनके अलावा एलन रिकमैन ने ब्लू कैटरपिलर, स्टीफेन फ्राई ने चेशिर कैट, माइकल शीन ने वाइट रैबिट और टिमोथी स्पैल ने बेवार्ड के एनीमेशन करैक्टरों को आवाज़ दी है। फिल्म की खासियत हैं परंपरागत चरित्रों के अलावा मैड हैटर के पिता जनिक हाईटॉप और टाइम के नए करैक्टर भी हैं। इन चरित्रों को रिस इल्फान्स और साचा बैरन कोहेन ने की है। टाइम एक दिलचस्प करैक्टर है। यह कुछ हिस्सा मानव है और कुछ घड़ी जैसा। क्लॉडिओ एंकरनाकिओन मोंटेरो का नया करैक्टर बॉडी भी दर्शकों को पसंद आएगा। यह फिल्म २७ मई २०१६ को रिलीज़ हो रही है।
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Tuesday, 22 March 2016
दक्षिण का सरदार गब्बर सिंह हिंदी में !
सरदार गब्बर सिंह का शोले के डाकू गब्बर सिंह से कोई लेना देना नहीं. यह किरदार एक काल्पनिक रियासत रतनपुर में तैनात पुलिस अधिकारी गब्बर सिंह की कहानी है. यह एक आम मसाला फिल्म है, जिसमे गाँव हैं, गाँव की ज़मीन हड़पने वाला विलेन है, एक राजकुमारी है और गाँव वालों और राजकुमारी की रक्षा करने आया पुलिस ऑफिसर है. इस आम मसाला फिल्म 'सरदार गब्बर सिंह' में जो कुछ है एक्शन है. फिल्म के नायक पवन कल्याण है. उनकी यह पहली फिल्म होगी जो हिंदी में डब कर रिलीज़ की जायेगी . फिल्म की नायिका हिंदी बेल्ट का जाना पहचाना चेहरा काजल अग्रवाल हैं. फिल्म में विलेन की भूमिका सीरियल सात फेरे और उतरन के शरद केलकर ने की है . वह आजकल टीवी सीरियल एजेंट राघव क्राइम ब्रांच में डिटेक्टिव राघव का किरदार कर रहे हैं. शरद को दर्शकों ने संजय लीला भंसाली की दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह अभिनीत फिल्म गोलियों की रासलीला : राम लीला में दीपिका पादुकोण के भाई कांजी की भूमिका में देखा था . इस फिल्म के निर्देशक के एस रविन्द्र हैं . देखिये फिल्म का हिंदी ट्रेलर.
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साउथ सिनेमा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
दक्षिण का सरदार गब्बर सिंह हिंदी में !
ईरोस इंटरनेशनल मीडिया लिमिटेड के सूत्रों से बड़ी खबर है। ईरोस, पवन कल्याण क्रिएटिव वर्क्स और नॉर्थस्टार एंटरटेनमेंट के सौजन्य से एक तेलुगु एक्शन फिल्म 'सरदार गब्बर सिंह' हिंदी में डब कर के हिंदी बेल्ट में बड़े पैमाने पर रिलीज़ की जाने वाली है। इस फिल्म के हीरो तेलुगु सुपर स्टार पवन कल्याण हैं। पवन कल्याण की सुपर कॉप की भूमिकाएं तेलुगु दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। सरदार गब्बर सिंह भी किसी डाकू की कहानी नहीं, बल्कि एक ईमानदार और कड़क पुलिस अधिकारी गब्बर सिंह की कहानी है। गब्बर सिंह तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित रतनपुर कसबे में तैनात है। वह किस प्रकार से बुरे किरदारों से निबटता है, यही डायरेक्टर के एस रविंद्रनाथ की कहानी का ख़ास मोड़ है। इस फिल्म में पहली बार पवन कल्याण काजल अग्रवाल के साथ जोड़ी बना रहे हैं। काजल अग्रवाल का चेहरा हिंदी दर्शकों का जाना पहचान है। वह अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय और विवेक ओबेरॉय की फिल्म क्यों हो गया न (२००४) में ऐश्वर्या की बहन के किरदार में थी। क्यों हो गया न के फ्लॉप हो जाने के बाद काजल साउथ चली गई। वहां उन्हें अच्छी सफलता मिली। आठ साल बाद उन्होंने हिंदी फिल्मों में वापसी की अजय देवगन के साथ कॉप फिल्म 'सिंघम' से। इस फिल्म के बाद वह स्पेशल २६ में अक्षय कुमार की नायिका थी। सरदार गब्बर सिंह में शरद केलकर, मुकेश ऋषि, टिस्का चोपड़ा के जाने पहचाने चेहरे भी हैं। सरदार गब्बर सिंह के हीरो पवन कल्याण कहते हैं, "इस फिल्म की यूनिवर्सल अपील है। फिल्म मेकिंग को किसी क्षेत्र विशेष में नहीं बाँधा जा सकता। हिंदी बेल्ट के लिए सरदार गब्बर सिंह एक यूनिक कांसेप्ट है, जो दर्शकों को पसंद आएगा।" सरदार गब्बर सिंह ८ अप्रैल को रिलीज़ होगी।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
चड्डी पहन के २३ साल बाद जंगल में फिर खिलेगा फूल !
तेईस साल पहले, जब बच्चे-बूढ़े और जवानों की नींद खुलती थी तो उन्हें इंतज़ार रहता था एनीमेशन टीवी सीरियल जंगल बुक का। इसके साथ ही खास तौर पर उस गीत का इंतज़ार रहता था, जो मोगली के जंगल में होने का ऐलान करता था। 'जंगल जंगल बात चली है पाता चला है' जी हाँ, इस गीत के साथ ही जंगल बुक के मोगली का जंगल एडवेंचर शुरू हो जाता था। अब जबकि, भेड़िया बालक मोगली का फिर से लाइव एनीमेशन फिल्म 'द जंगल बुक' से ८ अप्रैल को पुनर्जन्म होने जा रहा है, जंगल जंगल बात चली है कि इस बार फिर बड़ी स्क्रीन पर मोगली का जादू छिड़ने जा रहा है। डिज्नी इंडिया २३ साल पहले के इस हिट गीत के संगीतकार विशाल भरद्वाज और गीतकार गुलजार को एक सूत्र में बाँध कर 'जंगल जंगल बात चली है पता चला है, चड्डी पहन के फूल खिला है' को नया रूप देकर पेश कर रहे हैं। यहाँ बताते चले कि यह गीत संगीतकार विशाल भारद्वाज का पहला सफल गीत था। इस गीत में पहली बार गुलजार और विशाल भारद्वाज का साथ हुआ था। यह गीत साबित करता था कि बच्चों के लिए बोल लिखने में गुलजार का कोई सानी नहीं। याद दिलाते चलें कि द जंगल बुक के एनीमेशन किरदारों को प्रियंका चोपड़ा, नाना पाटेकर, इरफ़ान खान, शेफाली शाह और ओमपुरी जैसी बॉलीवुड हस्तियां आवाज़ दे रही हैं। 'द जंगल बुक' अमेरिका में इसकी रिलीज़ १५ अप्रैल से एक हफ्ता पहले यानि ८ अप्रैल को भारत में इंग्लिश, हिंदी, तमिल और तेलुगु संस्करणों में रिलीज़ हो रही है। देखिये, 'जंगल जंगल बात चली है पता चला है, चड्डी पहन के फूल खिला है' को इस वीडियो में -
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Sunday, 20 March 2016
हॉलीवुड की फिल्मों में बॉलीवुड की आवाज़ !
डिज्नी की ८ अप्रैल को रिलीज़ होने जा रही बहुचर्चित और बहुप्रतीक्षित फिल्म 'द जंगल बुक' में बॉलीवुड के कई एक्टरों की भरमार है। दर्शकों को फिल्म में उनकी मौजूदगी उनकी आवाज़ों के ज़रिये महसूस होगी। यह बॉलीवुड हस्तियां फिल्म 'द जंगल बुक' के एनीमेशन करैक्टरों को अपनी आवाज़ देंगे। नाना पाटेकर ने फिल्म के मुख्य विलेन करैक्टर शेर खान को अपनी आवाज़ दी है। बाजीराव मस्तानी की काशीबाई प्रियंका चोपड़ा द जंगल बुक में अजगर की फुफकार मारती सुनाई देंगी। वह फिल्म में का अजगर को आवाज़ दे रही हैं। ओमपुरी ने काले तेंदुए बघीरा का वॉयस ओवर किया है। इरफ़ान खान ने बालू भालू के संवाद बोले हैं। शेफाली शाह की आवाज़ मादा भेड़िया रक्षा की होगी। इसे डिज्नी स्टूडियो का एक प्रकार का कास्टिंग कू कहा जा सकता है कि एक फिल्म में बॉलीवुड के इतने ज़्यादा एक्टर अपनी आवाज़ दे रहे हैं। क्योंकि, हॉलीवुड की फिल्मों में करैक्टरों को अपनी आवाज़ देने के इक्का दुक्का प्रयास पहले से होते रहे हैं। शाहरुख़ खान से लेकर प्रियंका चोपड़ा तक हॉलीवुड फिल्मों के लिए वॉइस ओवर आर्टिस्ट का काम कर चुके हैं।
डबिंग क्यों !
कभी हिंदी फिल्मो में साउथ की नायिका के संवाद कोई डबिंग आर्टिस्ट डब किया करता था। रेखा और श्रीदेवी तक यह सिलसिला चलता रहा। यहाँ तक कि फिल्म गुलाम में रानी मुख़र्जी के संवाद भी डब कराये गए थे। बाद में फिल्म अभिनेत्रियों ने खुद की आवाज़ का महत्व समझा। हिंदी सीखी और अपने संवाद खुद बोले। अब तो इंग्लिस्तान से आई कटरीना कैफ तक अपने हिंदी संवाद बोलने की कोशिश करती है। कुछ इसी तर्ज़ पर हॉलीवुड की फिल्मों के एनीमेशन या सजीव चरित्रों को आवाज़ देने यानि वॉयस ओवर करने का सिलसिला शुरू हो चला है। हॉलीवुड की तमाम फ़िल्में इंग्लिश वर्शन के साथ साथ हिंदी, तमिल और तेलुगु में भी रिलीज़ होने लगी है। इसलिए, इन फिल्मों के चरित्रों के हिंदी संवाद किसी डबिंग आर्टिस्ट से डब कराये जाने स्वाभाविक है। आम तौर पर हॉलीवुड फिल्मों के हिंदी संवाद पेशेवर वॉयस ओवर आर्टिस्ट्स से डब कराये जाते हैं। लेकिन, कभी बड़ी हॉलीवुड फिल्मो के हिंदी संवाद बॉलीवुड के जाने पहचाने चहरे बोलते सुनाई पड़ते हैं। ख़ास तौर पर, हॉलीवुड के बड़े एक्टर्स का हॉलीवुड की एनीमेशन फिल्मों के संवाद बोलने के बढ़ाते चलन को देखते हुए बॉलीवुड एक्टर्स भी हॉलीवुड एनीमेशन फिल्मों के एनीमेशन करैक्टरों के हिंदी संवाद बोलने के प्रति उत्साहित हुए हैं।
बॉलीवुड की एनीमेशन फिल्मों के लिए वॉइस ओवर
डबिंग क्यों !
कभी हिंदी फिल्मो में साउथ की नायिका के संवाद कोई डबिंग आर्टिस्ट डब किया करता था। रेखा और श्रीदेवी तक यह सिलसिला चलता रहा। यहाँ तक कि फिल्म गुलाम में रानी मुख़र्जी के संवाद भी डब कराये गए थे। बाद में फिल्म अभिनेत्रियों ने खुद की आवाज़ का महत्व समझा। हिंदी सीखी और अपने संवाद खुद बोले। अब तो इंग्लिस्तान से आई कटरीना कैफ तक अपने हिंदी संवाद बोलने की कोशिश करती है। कुछ इसी तर्ज़ पर हॉलीवुड की फिल्मों के एनीमेशन या सजीव चरित्रों को आवाज़ देने यानि वॉयस ओवर करने का सिलसिला शुरू हो चला है। हॉलीवुड की तमाम फ़िल्में इंग्लिश वर्शन के साथ साथ हिंदी, तमिल और तेलुगु में भी रिलीज़ होने लगी है। इसलिए, इन फिल्मों के चरित्रों के हिंदी संवाद किसी डबिंग आर्टिस्ट से डब कराये जाने स्वाभाविक है। आम तौर पर हॉलीवुड फिल्मों के हिंदी संवाद पेशेवर वॉयस ओवर आर्टिस्ट्स से डब कराये जाते हैं। लेकिन, कभी बड़ी हॉलीवुड फिल्मो के हिंदी संवाद बॉलीवुड के जाने पहचाने चहरे बोलते सुनाई पड़ते हैं। ख़ास तौर पर, हॉलीवुड के बड़े एक्टर्स का हॉलीवुड की एनीमेशन फिल्मों के संवाद बोलने के बढ़ाते चलन को देखते हुए बॉलीवुड एक्टर्स भी हॉलीवुड एनीमेशन फिल्मों के एनीमेशन करैक्टरों के हिंदी संवाद बोलने के प्रति उत्साहित हुए हैं।
बॉलीवुड की एनीमेशन फिल्मों के लिए वॉइस ओवर
हिंदी फिल्म निर्माताओं ने एनीमेशन फिल्मों के निर्माण में भी रूचि दिखाई है। लेकिन, यह बात दीगर है कि यह फ़िल्में हॉलीवुड फिल्मों की तुलना में पासंग तक नहीं थी। बॉलीवुड का एनीमेशन फिल्म बनाने का बड़ा प्रयास २००८ में रिलीज़ यशराज फिल्म्स की एनीमेशन फिल्म रोडसाइड रोमियो के रूप में। इस फिल्म के रोमियो, लैला, चार्ली अन्ना और गुरु जैसे एनिमेटेड किरदारों को क्रमशः सैफअली खान, करीना कपूर, जावेद जाफरी और वृजेश हीरजी ने दी थी। इसके बावजूद रोडसाइड रोमियो असफल हुई। करण जौहर ने अपने धर्मा प्रोडक्शंस के अंतर्गत अपनी १९९८ की हिट फिल्म कुछ कुछ होता है का एनीमेशन संस्करण कूची कूची होता है बनाई थी। इस फिल्म में रॉकी, ऐन्जि, और टीना के किरदारों को शाहरुख़ खान, काजोल और रानी मुख़र्जी ने वॉयस ओवर किया था। इसी फिल्म में संजय दत्त ने सलमान खान के किरदार को आवाज़ दी थी। अमन खान का महाभारत का एनीमेशन संस्करण २०१३ में रिलीज़ हुआ था। इस एनिमेटेड महाभारत में अमिताभ बच्चन ने भीष्म पितामह, विद्या बालन ने द्रौपदी, शत्रुघ्न सिन्हा ने कृष्णा, सनी देओल ने भीम, अजय देवगन ने अर्जुन, मनोज बाजपेई ने युधिष्ठिर, अनिल कपूर ने कर्ण, अनुपम खेर ने शकुनि, दीप्ति नवल ने कुंती, जैकी श्रॉफ ने दुर्योधन हीरजी ने दुःशासन के किरदारों को अपनी आवाज़ दी थी। डायरेक्टर सौमित्र रानाडे की एनीमेशन फिल्म अलीबाबा और ४१ चोर में जॉन अब्राहम अलीबाबा, प्रियंका चोपड़ा मरजीना, आशुतोष राणा अबु हसन, राजा मुराद बौने और अतुल कुलकर्णी बोलते ऊँट के एनिमेटेड किरदारों को आवाज़ दे रहे थे। एनीमेशन फिल्म भागमती में मुख्य किरदार को महिमा चौधरी ने वॉयस ओवर किया था। अक्षय कुमार, लारा दत्ता और डिंपल कपाडिया ने फिल्म जंबो के एनिमेटेड किरदारों को आवाज़ दी थी। इसके अलावा गोविंदा, अक्षय खन्ना, उर्मिला मातोंडकर, बोमन ईरानी और सुनील शेट्टी डेल्ही सफारी, अमरीश पूरी, शत्रुघ्न सिन्हा, अरुण गोविल और रामेश्वरी ने एनीमेशन रामायण, के एनिमेटेड करैक्टरों का वॉयस ओवर किया।
एनीमेशन किरदारों को बॉलीवुड स्टार्स की आवाज़
बॉलीवुड के बड़े सितारों का एनीमेशन फिल्मों में एनिमेटेड किरदारों को आवाज़ देने का सिलसिला अब बढ़ चला है। हालाँकि, हॉलीवुड की कई एनीमेशन या लाइव फ़िल्में डब हो कर रिलीज़ हुई हैं। लेकिन, २००४ में उस समय सुर्खियां बनी, जब खबर आई कि बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख़ खान ने पिक्सर की कंप्यूटर एनिमेटेड फिल्म 'द इन्क्रेडिबल्स' के हिंदी संवाद बोले हैं। द इन्क्रेडिबल्स को हिंदी में हम हैं लाजवाब टाइटल के साथ रिलीज़ किया गया था। इस फिल्म के मिस्टर इनक्रेडिबल को लाजवाब नाम दिया गया था। खान ने इसी लाजवाब करैक्टर को वॉयस ओवर किया था। इस फिल्म के बाद, खान की देखा देखी बॉलीवुड के अन्य सितारे भी हॉलीवुड की एनीमेशन फिल्मो को आवाज़ देने के लिए आगे आये। फिर २०१३ में प्रियंका चोपड़ा के डिज्नी की फिल्म 'प्लेन्स' में इशानी नाम के प्लेन को आवाज़ देने की खबर आई। प्रियंका को यह फिल्म उनके सिंगल एक्सोटिक के रिलीज़ होने के बाद मिली। अगले ही साल, ट्वेंटिएथ सेंचुरी फॉक्स की एनीमेशन फिल्म रिओ २ में उस समय फिल्म वन्स अपॉन टाइम इन मुंबई दोबारा से चर्चित हो रही सोनाक्षी सिन्हा और इमरान खान की जोड़ी ने वॉयस ओवर किया था। सोनाक्षी सिन्हा और इमरान खान ने मादा और नर तोता ज्वेल और ब्लू को अपनी आवाज़ दी थी।
हॉलीवुड स्टार को बॉलीवुड स्टार की आवाज़
सनी देओल की आवाज़ के वजन का हॉलीवुड ने भी लोहा माना है। विन डीजल की रिडिक सीरीज की तीसरी फिल्म रिडिक (२०१३) में विन डीजल के टाइटल करैक्टर के हिंदी संवाद डब किये थे। इसी साल हॉलीवुड के मिलेनियम फिल्म्स ने फिल्म 'द लीजेंड ऑफ़ हरक्यूलिस' में केलन लुट्ज़ के किरदार हरक्यूलिस की हिंदी आवाज़ देने के लिए सोनू सूद को लिया गया था। उनसे पहले निर्माता ने अक्षय कुमार से संपर्क किया था। विवेक ओबेरॉय की कृष की सफलता को भुनाने के लिए २०१४ में मार्वल ने अपनी फिल्म द अमेजिंग स्पाइडर-मैन २ के विलेन किरदार इलेक्ट्रो को आवाज़ दी थी।
हॉलीवुड के अभिनेताओं को परदे पर दी आवाज़ !एनीमेशन किरदारों को बॉलीवुड स्टार्स की आवाज़
बॉलीवुड के बड़े सितारों का एनीमेशन फिल्मों में एनिमेटेड किरदारों को आवाज़ देने का सिलसिला अब बढ़ चला है। हालाँकि, हॉलीवुड की कई एनीमेशन या लाइव फ़िल्में डब हो कर रिलीज़ हुई हैं। लेकिन, २००४ में उस समय सुर्खियां बनी, जब खबर आई कि बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख़ खान ने पिक्सर की कंप्यूटर एनिमेटेड फिल्म 'द इन्क्रेडिबल्स' के हिंदी संवाद बोले हैं। द इन्क्रेडिबल्स को हिंदी में हम हैं लाजवाब टाइटल के साथ रिलीज़ किया गया था। इस फिल्म के मिस्टर इनक्रेडिबल को लाजवाब नाम दिया गया था। खान ने इसी लाजवाब करैक्टर को वॉयस ओवर किया था। इस फिल्म के बाद, खान की देखा देखी बॉलीवुड के अन्य सितारे भी हॉलीवुड की एनीमेशन फिल्मो को आवाज़ देने के लिए आगे आये। फिर २०१३ में प्रियंका चोपड़ा के डिज्नी की फिल्म 'प्लेन्स' में इशानी नाम के प्लेन को आवाज़ देने की खबर आई। प्रियंका को यह फिल्म उनके सिंगल एक्सोटिक के रिलीज़ होने के बाद मिली। अगले ही साल, ट्वेंटिएथ सेंचुरी फॉक्स की एनीमेशन फिल्म रिओ २ में उस समय फिल्म वन्स अपॉन टाइम इन मुंबई दोबारा से चर्चित हो रही सोनाक्षी सिन्हा और इमरान खान की जोड़ी ने वॉयस ओवर किया था। सोनाक्षी सिन्हा और इमरान खान ने मादा और नर तोता ज्वेल और ब्लू को अपनी आवाज़ दी थी।
हॉलीवुड स्टार को बॉलीवुड स्टार की आवाज़
सनी देओल की आवाज़ के वजन का हॉलीवुड ने भी लोहा माना है। विन डीजल की रिडिक सीरीज की तीसरी फिल्म रिडिक (२०१३) में विन डीजल के टाइटल करैक्टर के हिंदी संवाद डब किये थे। इसी साल हॉलीवुड के मिलेनियम फिल्म्स ने फिल्म 'द लीजेंड ऑफ़ हरक्यूलिस' में केलन लुट्ज़ के किरदार हरक्यूलिस की हिंदी आवाज़ देने के लिए सोनू सूद को लिया गया था। उनसे पहले निर्माता ने अक्षय कुमार से संपर्क किया था। विवेक ओबेरॉय की कृष की सफलता को भुनाने के लिए २०१४ में मार्वल ने अपनी फिल्म द अमेजिंग स्पाइडर-मैन २ के विलेन किरदार इलेक्ट्रो को आवाज़ दी थी।
आजकल हॉलीवुड की इंग्लिश फ़िल्में हिंदी, तमिल और तेलगु में डब कर अंग्रेजी संस्करण के साथ रिलीज़ की जा रही हैं। ऐसे में हिंदी न जानने वाले हॉलीवुड एक्टर्स को आवाज़ देने का जिम्मा बॉलीवुड के कलाकारों या वॉयस ओवर आर्टिस्ट का होता है। अभिनेता शाहिद कपूर के सौतेले पिता और अभिनेता राजेश खट्टर ने आयरन मैन सीरीज की फिल्मों के टोनी स्टार्क यानि रोबर्ट डाउनी जूनियर और पाइरेट्स ऑफ़ द कॅरीबीयन सीरीज की फिल्मों के जैक स्पैरो यानि जोहनी डेप को आवाज़ दी है। उन्होंने टॉम हैंक्स, ह्यू जैकमैन, द रॉक और निकोलस केज के अलावा कई बड़े हॉलीवुड एक्टर्स की फिल्मों में हिंदी संवाद बोले हैं। एक अन्य चरित्र अभिनेता मोहन कपूर ने डाई हार्ड के जॉन मैकलेन यानि अभिनेता ब्रूस विलिस और बैटमैन सीरीज की फिल्म द डार्क नाइट राइजेज में टॉम हार्डी के करैक्टर बेन को अपनी आवाज़ दी है। फ़ास्ट एंड फ्यूरियस सीरीज की फिल्मों में द रॉक के करैक्टर ल्यूक हॉब्स को हिंदी जुबान मोहन कपूर ने ही दी है। वह हॉलीवुड एक्टर केविन बेकन के ऑफिसियल डबिंग आर्टिस्ट हैं। समय राज ठक्कर ने बैटमैन सीरीज की फिल्मों में ब्रूस वेन और स्पाइडर मैन सीरीज की फिल्मों में पीटर पार्कर को और इटैलियन जॉब में चार्ली को अपनी आवाज़ दी है। इस प्रकार से दूसरे डबिंग आर्टिस्ट संकेत म्हात्रे ने डेडपूल के रयान रेनॉल्ड्स, इनग्लोरियस बास्टर्ड्स के ब्रैड पिट के करैक्टर, ग्रीन लैंटर्न में रयान रेनॉल्ड्स के करैक्टर तथा कैप्टेन अमेरिका सीरीज की फिल्मों में क्रिस इवांस के करैक्टर को अपनी आवाज़ दी है। विराज अधव ऐसे वॉयस ओवर आर्टिस्ट हैं, इनकी सेवाओं को टॉम क्रूज की हर फिल्म में लिया जाता है। वह टॉम की मिशन इम्पॉसिबल सीरीज की फिल्मों को आवाज़ देते ही हैं, मैट्रिक्स के निओ को भी उन्होंने आवाज़ दी है।
अल्पना कांडपाल
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Hollywood
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
चलता रहेगा कॉमेडी फिल्मों के नायक बनने का सिलसिला
होली आते ही कॉमेडी की याद आती है। होली और हास्य का साथ ही ऐसा है। ख़ास कर याद आती हैं कॉमेडी फ़िल्में और कॉमेडियन। साठ के दशक तक की पारिवारिक हिंदी फिल्मों में होली भी होती थी, होली गीत भी, हास्य भी और हास्य अभिनेता भी। कॉमिक रिलीफ के लिए यह ज़रूरी था। इसलिए, हास्य अभिनेताओं के लिए ख़ास तौर पर गुंजाईश निकाली जाती थी। हास्य प्रसंग लिखे जाते थे। जॉय मुख़र्जी, शम्मी कपूर, विश्वजीत और राजेश खन्ना के रोमांस के युग में भी हास्य हिंदी फिल्मों ज़रूरी तत्व हुआ करता था। हास्य अभिनेताओ को बराबर के अवसर हुआ करते थे। फिर एक्शन फिल्मो का युग आया। हीरो अब रोमांस नहीं हिंसा करता था। उसका परिवार विलेन द्वारा ख़त्म कर दिया गया था या वह बिछुड़ गया था। यह समाज का ठुकराया हमेशा समाज से नाराज़ रहा करता था। ऎसी फिल्मों में परिवार को करीब करीब नदारद रहना ही था, कॉमेडी या कॉमेडियन तो पूरी तरह से नदारद हो गए।
कभी हिंदी फिल्मों में हास्य और हास्य अभिनेता फूला फला करते थे। एक से बढ़ कर कॉमेडी फ़िल्में हास्य अभिनेताओं को केंद्र में रख कर ढेरों फ़िल्में बनाई जाती थी। चलती का नाम गाडी, छू मंतर, भगवान दादा की बाद की अलबेला, दामाद, अच्छाजी, बख्शीश और भोले भाले, किशोर कुमार की सभी फ़िल्में, आई एस जौहर की बेवक़ूफ़, हम सब चोर जैसी तमाम फिल्मों का निर्माण हुआ। इस दौर की तमाम फिल्मों के केंद्र में कॉमेडियन एक्टर थे। इन इन कॉमेडियन एक्टरों के साथ उस समय की बड़ी अभिनेत्रियां भी काम करने में नहीं हिचकती थी। चलती का नाम गाडी में अशोक कुमार, किशोर कुमार अनूप कुमार पर केंद्रित कॉमेडी थी। लेकिन, इनकी जोड़ीदार किशोर कुमार की मधुबाला और अशोक कुमार की वीणा सीरियस अभिनेत्रियों में शुमार की जाती थी। छू मंतर में जॉनी वॉकर की नायिका श्यामा थी। मिस मैरी (१९५७) में ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी ने किशोर कुमार के साथ बेहतरीन कॉमेडी जोड़ी बनाई थी। इसी दौर में हाफ टिकट, हाय मेरा दिल, आशा, मनमौजी, दिल्ली का ठग, बाप रे बाप, न्यू डेल्ही, झुमरू, पैसा या पैसा, प्यार किये जा, नॉटी बॉय, चाचा ज़िंदाबाद, साधू और शैतान, भूत बंगला, श्रीमान फंटूश, अपना हाथ जगन्नाथ, पड़ोसन, आदि बेहतरीन कॉमेडी फिल्मों का निर्माण हुआ। इन फिल्मों में किशोर कुमार, आई एस जौहर, महमूद, ओमप्रकाश, धूमल, आगा, आदि हास्य अभिनेताओं की भूमिकाएं केंद्रीय थी या खास थी। जॉनी वॉकर, महमूद, आई एस जौहर, राजेंद्रनाथ, आदि कॉमेडियन हिंदी फिल्मों की ज़रुरत बन गए थे।
राजेश खन्ना के रोमांटिक नायक की विदाई और अमिताभ बच्चन के एंग्री यंगमैन के आने के साथ ही बॉलीवुड फिल्मों से कॉमेडी लगभग विदा हो गई। एक्शन के सहारे कॉमेडी और नायिका को गर्त में डालने वाली फिल्म शोले में असरानी का अंग्रेज़ो के ज़माने का जेलर और जगदीप का सूरमा भोपाली था। लेकिन, धर्मेन्द्र के वीरू ने इन सभी कॉमेडी किरदारों को पस्त कर दिया। जहाँ शोले में धर्मेन्द्र कॉमेडी कर रहे थे और अमिताभ बच्चन नाराज़ बने हुए थे, वहीँ बाद की फिल्मों में अमिताभ बच्चन ने भी कॉमेडी का दामन थाम लिया। इसके साथ ही हर अभिनेता कॉमेडी करने लगा। सुर असुर में रोहन कपूर जैसा नॉन एक्टर भी कॉमेडी कर रहा था। अमोल पालेकर आम आदमी के रूप में अपनी फिल्मों से दर्शकों को गुदगुदा रहे थे। गोलमाल फिल्म में उनकी और उत्पल दत्त की जोड़ी यादगार है। बासु चटर्जी की छोटी सी बात में अशोक कुमार के साथ अमोल पालेकर, हमारी बहु अलका में उत्पल दत्त के साथ राकेश रोशन, दिल्लगी में धर्मेन्द्र, हेमा मालिनी और मिथुन चक्रवर्ती और किरायेदार में उत्पल दत्त के साथ राज बब्बर कॉमेडी कर रहे थे। इस दौर में बनी कॉमेडी फिल्मों में तक हास्य का बोझ भी नायक के कन्धों पर था। इस दौर में फिल्म अभिनेत्री रेखा, जुहू चावला और श्रीदेवी ने खूबसूरत, हम हैं रही प्यार के, बोल राधा बोल, मिस्टर इंडिया जैसी फिल्मों में कॉमेडी के जलवे बिखेरे।
१९७०- १९८० के दशक के बाद से बनी फिल्मों दो और दो पांच, गोलमाल (नई और पुरानी), चुपके चुपके, चमेली की शादी, अंदाज़ अपना अपना, ढोल, धमाल, १२३, हेरा फेरी, फिर हेरा फेरी, मुन्ना भाई सीरीज और बड़े मिया छोटे मिया पर एक नज़र डालें तो साफ़ होता है कि इन हास्य फिल्मों के मुख्य किरदार में सही मायनों में कोई कॉमेडियन नहीं था। दो और दो पांच में अमिताभ बच्चन और शशि कपूर, चुपके चुपके में अमिताभ बच्चन के साथ धर्मेन्द्र, अंदाज़ अपना अपना में सलमान खान और आमिर खान, बड़े मिया छोटे मिया में अमिताभ बच्चन और गोविंदा कॉमेडी तथा हेरा फेरी और फिर हेरा फेरी में अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी हास्य जोड़ी बना रहे थे। चमेली की शादी में अनिल कपूर, चश्मे बद्दूर और जाने भी दो यारो में रवि बासवानी, सतीश शाह और सतीश कौशिक जैसे हास्य अभिनेताओं की कमान नसीरुद्दीन शाह, ओम पूरी और पंकज कपूर के हाथों में थी, जो मुख्य रूप से कला या समानांतर फिल्मों के अभिनेता थे। बासु चटर्जी की तमाम हास्य फिल्मों छोटी सी बात, हमारी बहु अलका, दिल्लगी और किरायेदार में सीरियस अभिनेता ही कॉमेडी कर रहे थे। हृषिकेश मुख़र्जी भी अपनी कॉमेडी फिल्मों के कारण जाने जाते हैं।
कभी हिंदी फिल्मों का स्थाई मसाला होने वाला कॉमेडियन हिंदी फिल्मों में उपेक्षित हो गया। हिंदी फिल्मों के परंपरागत नायकों का दबदबा कितना रहा होगा कि उत्पल दत्त, देवेन वर्मा, रवि वासवानी, जगदीप, असरानी, आदि जैसे सशक्त अभिनेताओं को भी पापड बेलने पड़े। इस दौर में कॉमेडी को कुछ चरित्र अभिनेताओं का साथ मिला। कादर खान फिल्म लेखक भी भी थे। उन्होंने फिल्मों की स्क्रिप्ट में कॉमेडियन के लिए गुंजायश निकाली। उन्होंने खुद भी कॉमेडियन का चोला पहना। उनकी लिखी फिल्म हिम्मतवाला में कॉमेडियन जोड़ी के अलावा अमजद खान के रूप में कॉमेडियन विलेन देखने को मिला। हिम्मतवाला के हिट होने के बाद कॉमेडी करने वाला विलेन चल निकला। कादर खान ने इस किरदार को बखूबी निभाया। इस काम में उनका साथ हिंदी फिल्मों का नायक बनने आये शक्ति कपूर ने बखूबी दिया। अनुपम खेर चरित्र अभिनेता थे। उन्होंने कर्मा और दिल जैसी फिल्मों में निर्मम विलेन पेश किया। वह अच्छे कॉमेडियन तो थे ही। सतीश शाह ने भी अपने सशक्त अभिनय के बूते पर रूपहले परदे पर कॉमेडियन को ज़िंदा रखा।
आजकल हिंदी फिल्मों में कॉमेडी को अपने सशक्त कन्धों में सम्हालने का ज़िम्मा बोमन ईरानी, राजपाल यादव, जॉनी लीवर, संजय मिश्रा, विजय राज, आदि पर है। बोमन ईरानी तो बड़ी फिल्मों की ज़रूरी शर्त बन गए हैं। राजपाल यादव की कद काठी को ध्यान में रख कर मैं मेरी पत्नी और वह का छोटे बाबू का किरदार लिखा गया। संजय मिश्रा अलग तरह के कॉमेडियन हैं। वह कभी लाउड नहीं होते। उनके संवाद बोलने का ढंग और हावभाव दर्शकों का मनोरंजन करते हैं। अभी वह शाहरुख़ खान की फिल्म दिलवाले और सलमान खान की फिल्म प्रेम रतन धन पायो में हंसा हंसा के लोटपोट कर रहे थे। विजय राज का भी बॉलीवुड में दबदबा है। उनका फिल्म रन (२००४) में कौवा बिरयानी का प्रसंग आज भी चहरे पर मुस्कान ला देता है। अब तो स्टैंडअप कॉमेडियन कपिल शर्मा भी बड़े परदे पर आ पहुंचे हैं। उम्मीद की जा सकती है कि कॉमेडी फिल्म किस किस को प्यार करूँ से शुरू हुआ कॉमेडी फिल्मों का नायक बनाने का उनका सिलसिला यहीं नहीं रुकेगा।
कभी हिंदी फिल्मों में हास्य और हास्य अभिनेता फूला फला करते थे। एक से बढ़ कर कॉमेडी फ़िल्में हास्य अभिनेताओं को केंद्र में रख कर ढेरों फ़िल्में बनाई जाती थी। चलती का नाम गाडी, छू मंतर, भगवान दादा की बाद की अलबेला, दामाद, अच्छाजी, बख्शीश और भोले भाले, किशोर कुमार की सभी फ़िल्में, आई एस जौहर की बेवक़ूफ़, हम सब चोर जैसी तमाम फिल्मों का निर्माण हुआ। इस दौर की तमाम फिल्मों के केंद्र में कॉमेडियन एक्टर थे। इन इन कॉमेडियन एक्टरों के साथ उस समय की बड़ी अभिनेत्रियां भी काम करने में नहीं हिचकती थी। चलती का नाम गाडी में अशोक कुमार, किशोर कुमार अनूप कुमार पर केंद्रित कॉमेडी थी। लेकिन, इनकी जोड़ीदार किशोर कुमार की मधुबाला और अशोक कुमार की वीणा सीरियस अभिनेत्रियों में शुमार की जाती थी। छू मंतर में जॉनी वॉकर की नायिका श्यामा थी। मिस मैरी (१९५७) में ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी ने किशोर कुमार के साथ बेहतरीन कॉमेडी जोड़ी बनाई थी। इसी दौर में हाफ टिकट, हाय मेरा दिल, आशा, मनमौजी, दिल्ली का ठग, बाप रे बाप, न्यू डेल्ही, झुमरू, पैसा या पैसा, प्यार किये जा, नॉटी बॉय, चाचा ज़िंदाबाद, साधू और शैतान, भूत बंगला, श्रीमान फंटूश, अपना हाथ जगन्नाथ, पड़ोसन, आदि बेहतरीन कॉमेडी फिल्मों का निर्माण हुआ। इन फिल्मों में किशोर कुमार, आई एस जौहर, महमूद, ओमप्रकाश, धूमल, आगा, आदि हास्य अभिनेताओं की भूमिकाएं केंद्रीय थी या खास थी। जॉनी वॉकर, महमूद, आई एस जौहर, राजेंद्रनाथ, आदि कॉमेडियन हिंदी फिल्मों की ज़रुरत बन गए थे।
राजेश खन्ना के रोमांटिक नायक की विदाई और अमिताभ बच्चन के एंग्री यंगमैन के आने के साथ ही बॉलीवुड फिल्मों से कॉमेडी लगभग विदा हो गई। एक्शन के सहारे कॉमेडी और नायिका को गर्त में डालने वाली फिल्म शोले में असरानी का अंग्रेज़ो के ज़माने का जेलर और जगदीप का सूरमा भोपाली था। लेकिन, धर्मेन्द्र के वीरू ने इन सभी कॉमेडी किरदारों को पस्त कर दिया। जहाँ शोले में धर्मेन्द्र कॉमेडी कर रहे थे और अमिताभ बच्चन नाराज़ बने हुए थे, वहीँ बाद की फिल्मों में अमिताभ बच्चन ने भी कॉमेडी का दामन थाम लिया। इसके साथ ही हर अभिनेता कॉमेडी करने लगा। सुर असुर में रोहन कपूर जैसा नॉन एक्टर भी कॉमेडी कर रहा था। अमोल पालेकर आम आदमी के रूप में अपनी फिल्मों से दर्शकों को गुदगुदा रहे थे। गोलमाल फिल्म में उनकी और उत्पल दत्त की जोड़ी यादगार है। बासु चटर्जी की छोटी सी बात में अशोक कुमार के साथ अमोल पालेकर, हमारी बहु अलका में उत्पल दत्त के साथ राकेश रोशन, दिल्लगी में धर्मेन्द्र, हेमा मालिनी और मिथुन चक्रवर्ती और किरायेदार में उत्पल दत्त के साथ राज बब्बर कॉमेडी कर रहे थे। इस दौर में बनी कॉमेडी फिल्मों में तक हास्य का बोझ भी नायक के कन्धों पर था। इस दौर में फिल्म अभिनेत्री रेखा, जुहू चावला और श्रीदेवी ने खूबसूरत, हम हैं रही प्यार के, बोल राधा बोल, मिस्टर इंडिया जैसी फिल्मों में कॉमेडी के जलवे बिखेरे।
१९७०- १९८० के दशक के बाद से बनी फिल्मों दो और दो पांच, गोलमाल (नई और पुरानी), चुपके चुपके, चमेली की शादी, अंदाज़ अपना अपना, ढोल, धमाल, १२३, हेरा फेरी, फिर हेरा फेरी, मुन्ना भाई सीरीज और बड़े मिया छोटे मिया पर एक नज़र डालें तो साफ़ होता है कि इन हास्य फिल्मों के मुख्य किरदार में सही मायनों में कोई कॉमेडियन नहीं था। दो और दो पांच में अमिताभ बच्चन और शशि कपूर, चुपके चुपके में अमिताभ बच्चन के साथ धर्मेन्द्र, अंदाज़ अपना अपना में सलमान खान और आमिर खान, बड़े मिया छोटे मिया में अमिताभ बच्चन और गोविंदा कॉमेडी तथा हेरा फेरी और फिर हेरा फेरी में अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी हास्य जोड़ी बना रहे थे। चमेली की शादी में अनिल कपूर, चश्मे बद्दूर और जाने भी दो यारो में रवि बासवानी, सतीश शाह और सतीश कौशिक जैसे हास्य अभिनेताओं की कमान नसीरुद्दीन शाह, ओम पूरी और पंकज कपूर के हाथों में थी, जो मुख्य रूप से कला या समानांतर फिल्मों के अभिनेता थे। बासु चटर्जी की तमाम हास्य फिल्मों छोटी सी बात, हमारी बहु अलका, दिल्लगी और किरायेदार में सीरियस अभिनेता ही कॉमेडी कर रहे थे। हृषिकेश मुख़र्जी भी अपनी कॉमेडी फिल्मों के कारण जाने जाते हैं।
कभी हिंदी फिल्मों का स्थाई मसाला होने वाला कॉमेडियन हिंदी फिल्मों में उपेक्षित हो गया। हिंदी फिल्मों के परंपरागत नायकों का दबदबा कितना रहा होगा कि उत्पल दत्त, देवेन वर्मा, रवि वासवानी, जगदीप, असरानी, आदि जैसे सशक्त अभिनेताओं को भी पापड बेलने पड़े। इस दौर में कॉमेडी को कुछ चरित्र अभिनेताओं का साथ मिला। कादर खान फिल्म लेखक भी भी थे। उन्होंने फिल्मों की स्क्रिप्ट में कॉमेडियन के लिए गुंजायश निकाली। उन्होंने खुद भी कॉमेडियन का चोला पहना। उनकी लिखी फिल्म हिम्मतवाला में कॉमेडियन जोड़ी के अलावा अमजद खान के रूप में कॉमेडियन विलेन देखने को मिला। हिम्मतवाला के हिट होने के बाद कॉमेडी करने वाला विलेन चल निकला। कादर खान ने इस किरदार को बखूबी निभाया। इस काम में उनका साथ हिंदी फिल्मों का नायक बनने आये शक्ति कपूर ने बखूबी दिया। अनुपम खेर चरित्र अभिनेता थे। उन्होंने कर्मा और दिल जैसी फिल्मों में निर्मम विलेन पेश किया। वह अच्छे कॉमेडियन तो थे ही। सतीश शाह ने भी अपने सशक्त अभिनय के बूते पर रूपहले परदे पर कॉमेडियन को ज़िंदा रखा।
आजकल हिंदी फिल्मों में कॉमेडी को अपने सशक्त कन्धों में सम्हालने का ज़िम्मा बोमन ईरानी, राजपाल यादव, जॉनी लीवर, संजय मिश्रा, विजय राज, आदि पर है। बोमन ईरानी तो बड़ी फिल्मों की ज़रूरी शर्त बन गए हैं। राजपाल यादव की कद काठी को ध्यान में रख कर मैं मेरी पत्नी और वह का छोटे बाबू का किरदार लिखा गया। संजय मिश्रा अलग तरह के कॉमेडियन हैं। वह कभी लाउड नहीं होते। उनके संवाद बोलने का ढंग और हावभाव दर्शकों का मनोरंजन करते हैं। अभी वह शाहरुख़ खान की फिल्म दिलवाले और सलमान खान की फिल्म प्रेम रतन धन पायो में हंसा हंसा के लोटपोट कर रहे थे। विजय राज का भी बॉलीवुड में दबदबा है। उनका फिल्म रन (२००४) में कौवा बिरयानी का प्रसंग आज भी चहरे पर मुस्कान ला देता है। अब तो स्टैंडअप कॉमेडियन कपिल शर्मा भी बड़े परदे पर आ पहुंचे हैं। उम्मीद की जा सकती है कि कॉमेडी फिल्म किस किस को प्यार करूँ से शुरू हुआ कॉमेडी फिल्मों का नायक बनाने का उनका सिलसिला यहीं नहीं रुकेगा।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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