Sunday, 30 December 2018

हीरोइन ओरिएंटेड फ़िल्में यानि अभिनेत्रियों का ज़माना


०१८, नायिका प्रधान फिल्मों का रहेगा, इसका इशारा साल की पहली फिल्म १९२१ ने कर दिया था।१९२० की रिबूट फिल्म १९२१ में, नायिका रोज अपने प्रेमी को प्रेतात्मा के चंगुल से बचाती है।  आगे चले कर यह साफ नज़र आया कि अगर नायक अभिनेता अपनी फ़िल्में नहीं हिट करा पा रहे हैं तो  नायिका अभिनेत्रियों ने आगे बढ़ कर इसमें मदद की।  इस साल कई नायिका प्रधान फ़िल्में हिट हुई।  कई ऎसी फ़िल्में भी थी, जिनमे नायिका की भूमिका अहम् थी।

दीपिका पादुकोण की पद्मावत 
अगर चौतरफा विरोध न होता तो आज दर्शक पद्मावत को पद्मावती टाइटल के साथ याद कर रहे होते।  विरोध के चलते राजपूत रानी पद्मिनी उर्फ़ पद्मावती पर फिल्म का नाम काव्य ग्रन्थ पद्मावत पर रख तो दिया गया, लेकिन पद्मावती का किरदार काफी अहम् रहा।  फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने इस भूमिका में डूब कर अभिनय किया।  जहाँ एक ओर खिलजी  के किरदार में ओवर एक्टिंग करते रणवीर सिंह नायक पर छा गए थे, वही अपने सहज और संवेदनशील अभिनय से दीपिका पादुकोण ने खुद की प्रतिष्ठा में चार चाँद लगवा लिए।

आलिया भट्ट की राज़ी 
उड़ता पंजाब के बाद, आलिया भट्ट ने फिर साबित कर दिया कि वह संवेदनशील अभिनेत्री हैं।  मेघना गुलजार निर्देशित फिल्म राज़ी में, आलिया भट्ट ने एक कश्मीरी लड़की की भूमिका की थी, जो अपने देश की जासूसी के लिए पाकिस्तान मे शादी करना मंज़ूर करती है। राज़ी  को बॉक्स ऑफिस पर बड़ी  सफलता मिली थी।  इस सफलता का पूरा श्रेय आलिया भट्ट के संतुलित और संवेदनशील  अभिनय को जाता है।

अनुष्का शर्मा की परी और सुई धागा 
हालाँकि, अनुष्का शर्मा की इस साल की चौथी फिल्म जीरो बॉक्स ऑफिस पर हलचल नहीं मचा पाई।लेकिन, अपनी अलीफा की भूमिका से अनुष्का ने दर्शकों को प्रभावित  किया।  लेकिन, अपनी साल की पहली दो फिल्मों परी और सुई धागा में वह फिल्म को अपने कन्धों में सम्हाल लेने के अंदाज़ में नज़र आई।  हॉरर फिल्म परी में एक भूतनी की भूमिका में अनुष्का शर्मा ने खुद को साहसिक अभिनेत्री साबित किया।  वहीँ फिल्म सुई धागा में  वह वरुण धवन का सक्रिय सहयोग कर रही थी।

रानी  मुख़र्जी की हिचकी, काजोल हेलीकाप्टर ईला 
माँ बनने के बाद अपनी वापसी फिल्म हिचकी में रानी मुख़र्जी ने हिचकी की बीमारी से ग्रस्त लड़की के स्कूल टीचर बनने की दास्ताँ को कुछ इस तरह जीवंत किया था कि दर्शक सीटों से उठ नहीं पाया।  इसी प्रकार से फिल्म हेलीकाप्टर ईला में काजोल एक माँ की भूमिका में थी, जो अपने बेटे के स्कूल  में पढ़ने जाती है।

करीना कपूर और सोनम की वीरे दी वेडिंग 
शशांक घोष की फीमेल बडी फिल्म वीरे दी वेडिंग अपने बोल्ड विषय के कारण सफल हुई ही थी।  इस फिल्म की सफलता स्वरा भास्कर हस्त मैथुन दृश्य और क्लब में आदमी के पिछवाड़े हाथ मारने के कारण दर्शकों की उत्सुकता का केंद्र बनी रही। करीना कपूर और सोनम कपूर का बोल्ड और बिंदास अंदाज़ भी दर्शकों को पसंद आया। पूरी तरह से महिला किरदारों पर निर्भर वीरे दी वेडिंग बॉक्स ऑफिस पर १०० करोड़ कमाने में कामयाब हुई।

हैप्पी फिर भाग जाएगी और प्रेतनी स्त्री 
मुदस्सर अज़ीज़ की फिल्म हैप्पी फिर भाग जाएगी दो हैप्पी किरदारों पर केंद्रित कॉमेडी फिल्म थी।  इन भूमिकाओं को सोनाक्षी सिन्हा और डायना पेंटी ने किया था।  इस फिल्म को  दर्शकों की पसंदगी मिली। श्रद्धा कपूर की फिल्म बत्ती गुल मीटर चालू को सफलता नहीं मिली थी।  लेकिन, हॉरर फिल्म स्त्री की सफलता के केंद्र में श्रद्धा कपूर का रहस्य से भरा किरदार था।  श्रद्धा ने इस भूमिका को बहुत खूब किया।  राजकुमार राव के साथ उनकी यह फिल्म हिट साबित हुई।

लेकिन, असफल तापसी पन्नू 
इस साल तापसी पन्नू की चार फिल्मे दिल जंगली, सूरमा, मुल्क और मनमर्ज़ियाँ रिलीज़ हुई थी।  यह चारों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कुछ ख़ास नहीं कर सकी।  कॉमेडी दिल जंगली बुरी तरह से असफल हुई।  हॉकी खिलाडी पर बायोपिक फिल्म सूरमा में वह दिलजीत दोसांझ के किरदार संदीप सिंह को सपोर्ट नहीं कर सकी। मुल्क में, वह एक  मुस्लिम लडके से शादी करने वाली महिला वकील की भूमिका में ओवर एक्टिंग का शिकार हुई।  मनमर्ज़िया में उनका विक्की कौशल को  धुआंधार चुम्बन और आलिंगन फिल्म को हिट नहीं बना सका।

कुछ असफल भी 
हीरोइन ओरिएंटेड फिल्मों में सान्या मल्होत्रा और राधिका मदान की पटाखा असफल हुई।  मृणाल ठाकुर की सोनिया पर केंद्रित और उनकी डेब्यू फिल्म लव सोनिया को घरेलु दर्शकों से  प्यार नहीं मिला।  पूनम पांडेय ने द जर्नी ऑफ़ कर्मा में अर्ध नग्न दृश्य देकर दर्शकों को आकर्षित करने की नाकाम कोशिश की।  ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान की फातिमा सना शैख़ बेजान लगी।

 कुछ दूसरी नायिका प्रधान फ़िल्में 
हेट स्टोरी ४ की कहानी उर्वशी रौतेला के किरदार के बदले पर केंद्रित थी।  फिल्म पैडमैन में सोनम कपूर और राधिका आप्टे के चरित्र फिल्म के नायक को मज़बूत बना रहे थे।  फिल्म रेड के इनकम टैक्स अफसर बने अजय देवगन को रील लाइफ में उनकी पत्नी बनी इलीना डिक्रूज़ सशक्त सहयोग कर रही थी। वरुण धवन की फिल्म अक्टूबर में नवोदित तरीका बनिता संधू ने अपने सधे हुए अभिनय से फिल्म को सुस्त  रफ़्तार बनने से बचा लिया।  प्रीटी ज़िंटा की वापसी भी सनी देओल की फिल्म भैयाजी सुपरहिट को हिट नहीं बना सकी।

श्रीदेवी और अमृता सिंह के बेटियां 
श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर की डेब्यू फिल्म धड़क एक रोमांटिक दुखांत फिल्म थी।  इस फिल्म में जाह्नवी के साथ, शाहिद कपूर के भाई ईशान खट्टर का भी डेब्यू हो रहा था।  इस फिल्म को ठीकठाक सफलता मिली तथा नए चेहरों का अभिनय सराहा गया।  सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान की पहली फिल्म केदारनाथ भी केदारनाथ त्रासदी पर  दो धर्मों के रोमांस पर फिल्म थी।  इस फिल्म को औसत सफलता मिली। सारा की दूसरी सिम्बा २८ दिसंबर को रिलीज़ हुई है।

टॉप की अभिनेत्रियों के लिए निराशा ! 
इस साल की खासियत यह रही कि बॉलीवुड की टॉप अभिनेत्रियों से निराशा ही हाथ  लगी।  प्रियंका चोपड़ा और कंगना रनौत की कोई भी हिंदी फिल्म इस साल रिलीज़ नहीं हुई।  बॉलीवुड की टॉप की अभिनेत्रियों में कैटरिना कैफ के लिए यह साल अच्छा नहीं कहा जा सकता।  उनकी दो फ़िल्में ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान को ज़बरदस्त  असफलता मिली।  वहीँ जीरो को भी सफलता नहीं मिल सकी।  ख़ास  बात यह रही कि इन फिल्मों के कारण कैटरीना कैफ पर आइटम  गर्ल का टाइटल चस्पा हो गया। फिल्म सुई धागा के एन्ड क्रेडिट में भी वह आइटम के तौर पर इस्तेमाल की गई।  इस लिहाज़ से, जीरो की दूसरी नायिका  अनुष्का शर्मा परी, सुई धागा और संजू से अपनी  नाक बचा पाने में कामयाब हुई।  ऐश्वर्या राय बच्चन की फिल्म फन्ने खान असफल रही।  जैक्विलिन फर्नॅंडेज़ को बागी २ के आइटम नंबर और रेस ३ की जेसिका के तौर पर देखना निराशाजनक था।  दिशा पटानी, हुमा कुरैशी, परिणीति चोपड़ा, कृति सैनन, नरगिस फाखरी, यामी गौतम, आदि ने भी निराश किया।

ऊंची दूकान के फीके पकवान, बड़ी हिट छोटी फ़िल्में - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

No comments: