कुछ नवोदित इतने सौभाग्यशाली नहीं थे कि बॉलीवुड उनका सितारों जैसा स्वागत
करता। लेकिन,
इन नए चेहरों ने अपनी पहली ही फिल्म से बॉलीवुड को अपना मुरीद बना लिया।
इंग्लैंड से मॉडल अभिनेत्री बनिता संधू का हिंदी फिल्म डेब्यू वरुण धवन के
साथ फिल्म अक्टूबर से हुआ था। इस फिल्म को
बड़ी सफलता तो नहीं मिली। लेकिन, सुजीत सरकार
के निर्देशन में इस फिल्म में बनिता के अभिनय की प्रशंसा हुई ।
मौनी रॉय को,
टेलीविज़न से बड़े परदे पर कदम रखने में १४ साल लग गए। हालाँकि, मौनी रॉय ने, अभिषेक
बच्चन की, जीवा
निर्देशित फिल्म रन में छोटी सी भूमिका से हुआ था। लेकिन, महादेव की
सती और नागिन की इच्छाधारी नागिन मौनी रॉय को, नायिका बनने का मौका मिला अक्षय कुमार की
हॉकी का वर्ल्ड कप जीतने पर फिल्म गोल्ड से। वह इस समय, रणबीर कपूर, अमिताभ बच्चन
और आलिया भट्ट के साथ फिल्म ब्रह्मास्त्र और राजकुमार राव के साथ कॉमेडी फिल्म मेड
इन चाइना कर रही हैं।
मराठी फिल्मों की अभिनेत्री मिथिला पालकर का हिंदी फिल्म डेब्यू इरफ़ान खान
जैसे सशक्त फिल्म अभिनेता और मलयालम के सुपर स्टार दुलकर सलमान के साथ हुआ
था। फिल्म के न चलने के कारण उन्हें अभिनयशील होने के बावजूद कोई नई
फिल्म नहीं मिली है।
टेलीविज़न अभिनेत्री राधिका मदान का सौभाग्य की उनकी पहली फिल्म पटाखा के
निर्देशक विशाल भरद्वाज थे। इस फिल्म में, राधिका को
सान्या 'दंगल' मेहरोत्रा
और सुनील ग्रोवर के साथ अभिनय करने का मौक़ा मिला था।
कुमकुम भाग्य की बुलबुल मृणाल ठाकुर का फिल्म डेब्यू लव सोनिया से
हुआ। इस फिल्म में मृणाल का अभिनय सराहनीय
था। उनकी दो फ़िल्में, हृथिक रोशन
के साथ सुपर ३० और जॉन अब्राहम के साथ बाटला हाउस अगले साल रिलीज़ होंगी।
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