शाहरुख़ खान ने, जीरो पहले तक की गई अपनी लगभग ८० फिल्मों
में, खुद पर खूब एक्सपेरिमेंट किये हैं। रोमांटिक
फिल्म दीवाना से बॉलीवुड डेब्यू करने वाले, शाहरुख़ खान
ने, अपने करियर की आठवी फिल्म में खुद पर पहला प्रयोग किया था ।
अब्बास मुस्तान की फिल्म बाज़ीगर में वह, अपने पिता
की मौत का बदला लेने वाले क्रूर हत्यारे बने थे । इस फिल्म ने उन्हें बॉलीवुड का
स्थापित एक्टर बना दिया । हालाँकि, इससे पहले
वह, किंग अंकल, पहला नशा, माया मेमसाब,
आदि फ्लॉप फिल्मे दे चुके थे । यश चोपड़ा की फिल्म डर के जुनूनी किरदार ने
उन्हें टॉप पर पहुंचा दिया ।
रोमांटिक हीरो शाहरुख़ खान की, करण अर्जुन
के निर्देशक राकेश रोशन की कोयला इस लिहाज़ से एक्सपेरिमेंटल थी कि फिल्म में
शाहरुख़ खान ने अमरीश पूरी के गूंगे नौकर की भूमिका की थी । फिल्म के ८० प्रतिशत हिस्से में,
शाहरुख़ खान ने संवाद नहीं बोले थे । शाहरुख़ खान की हकलाहट के दीवाने
दर्शकों ने कोयला फ्लॉप कर दी ।
मणिरत्नम की फिल्म दिल से में, शाहरुख़ खान
ने एक पत्रकार की भूमिका की थी, जो एक
आतंकवादी संगठन की सदस्य से प्रेम करने लगता है । वह देशद्रोह का आरोपी बना दिया
जाता है । फिल्म के अंत में वह, उसी
आतंकवादी मानव बम महिला के साथ मारा जाता है । यह फिल्म भी,
शाहरुख़ खान की रोमांटिक और रोमांटिक एक्शन भूमिकाओं से अलग होने के कारण
फ्लॉप हो गई ।
संतोष सिवन की फिल्म अशोका में, शाहरुख़ खान
ने भारतीय इतिहास के एक महान चरित्र सम्राट अशोक की भूमिका की थी । अशोका का
किरदार काफी जटिल था । शाहरुख़ खान ने इस किरदार के लिए काफी मेहनत भी की थी ।
लेकिन, बॉक्स ऑफिस पर सफलता के लिए किये गए समझौतों
ने फिल्म को फ्लॉप कर दिया ।
आशुतोष गोवारिकर की फिल्म स्वदेश में शाहरुख़ खान ने अमेरिका में नासा काम
कर रहे वैज्ञानिक की भूमिका की थी । लीक से हट कर इस फिल्म से रोमांस बिलकुल नादारद
था । शाहरुख़ खान की इमेज के खिलाफ भूमिका वाली यह फिल्म अच्छी ओपनिंग के बाद धडाम
हो गई ।
स्वदेश के बाद, शाहरुख़ खान की दूसरी फ्लॉप फिल्म पहेली एक
दुल्हन के भूत से प्रेम की कहानी थी । हालाँकि, यह भूमिकाये
शाहरुख़ खान और रानी मुख़र्जी ने की थी ।
शिमित अमीन की फिल्म चक दे इंडिया में, शाहरुख़ खान
ने भारतीय पुरुष हॉकी टीम की हार के लिए ज़िम्मेदार ठहराए गए मुस्लिम कोच द्वारा
भारतीय महिला हॉकी टीम को वर्ल्ड कप जितवाने की कहानी थी । इस फिल्म का कबीर खान
का किरदार परंपरागत न हो कर प्रयोगात्मक था । शाहरुख़ खान इसमे सफल रहे थे ।
माय नेम इज खान और फैन ऐसी फ़िल्में हैं, जिनमे
शाहरुख़ खान ने खूब एक्सपेरिमेंट किये । माय नेम इज खान में वह औतिस्टिक रिजवान खान
बने थे, जो अमेरिकी राष्ट्रपति से यह बताने के लिए
मिलाना चाहता है कि वह खान है, मगर
आतंकवादी नहीं ।
फैन की दोहरी भूमिका में वह फिल्म एक्टर और उसके फैन बने थे । फैन की
भूमिका के लिए शाहरुख़ खान के चहरे पर ख़ास मेकअप चढ़ाया गया था । यह फिल्म भी शाहरुख़
खान की प्रयोगात्मक फिल्मो में शुमार है ।
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