पेन स्टूडियोज के
जयंतीलाल गाडा ने अपनी नई फिल्म को रावण लीला टाइटल दे कर पहले धार्मिक उन्माद पैदा
करने की कोशिश की. जब कुछ खास फायदा होता नहीं दिखा तो सेंसर में कोई परेशानी न हो, इसलिए फिल्म का टाइटल ही बदल दिया.
धार्मिक संकेत देते
टाइटल वाली फिल्म रावण लीला हालाँकि अब भवाई हो गई है. लेकिन इस फिल्म की सामग्री में
रावण के माध्यम से समाज के दो चेहरों को दिखाने का प्रयास किया गया है. यह फिल्म
रावण की महानता का भी बखान करती है. पर यह कुल मिला कर एक प्रेम कहानी की रावण
लीला है.
रावण लीला उर्फ़ भवाई
के निर्देशक हार्दिक गज्जर ने अपने निर्देशक का प्रारंभ दो धार्मिक श्रंखलाओं देवों
के देव महादेव और सिया के राम से किया था. यह दोनों शो काफी सफल हुए थे. देवों के
देव महादेव में रावण का शिव भक्त रूप उंबर कर आता था. शायद इसी का प्रभाव फिल्म
में भी है.
भवाई के प्रमुख पात्र
प्रतिक गाँधी, ऐन्द्रिता रे, फ्लोर सैनी, अभिमन्यु सिंह, आदि ने किये हैं. प्रतिक गाँधी ने सोनी लाइव के शो स्कैम १९९२ में हर्षद
मेहता की रील लाइफ से काफी प्रसिद्द्धि पाई थी. परन्तु, डिजिटल माध्यम की प्रसिद्धि सेलुलोइड पर काम
नहीं करती.
प्रतिक गाँधी को
स्कैम १९९२ से पहचाना जा रहा है. लेकिन, भवाई उनकी पहली हिंदी फिल्म है. ऐसे में सोचा जाना स्वाभाविक है कि १
अक्टूबर को प्रदर्शित होने जा रही इस ड्रामा फिल्म से भी प्रतिक हिंदी दर्शकों को
बड़े परदे पर प्रभावित कर पायेंगे!
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