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Saturday 9 January 2016

खुद स्टंट करने वाली हंटरवाली मैरी इवांस नाडिया

कोई ढाई साल पहले ऑस्ट्रेलिया में ओज़ फेस्ट में मैरी एन इवांस की फिल्मों पर एक सेगमेंट रखा गया था।  यह इस लिहाज़ से ख़ास था कि ऑस्ट्रेलिया की यह श्रद्धांजलि उस अभिनेत्री को थी, जिसने शुरुआती  हिंदुस्तानी सिनेमा की मज़बूत नींव रखने में मदद की।  मैरी एन इवांस को तीस और चालीस के दशक में हंटरवाली के उपनाम से जाना जाता था।  वह हिंदुस्तान की पहली स्टंट क्वीन ही नहीं, किंग भी थी। वह हॉलीवुड के ज़ोरो का भारतीय जवाब थी, क्योंकि वह ज़ोरो की तरह नकाब के साथ काली पोशाक में घोड़े पर सवार तलवार भांजती थी फिल्मों में नज़र आती थी।  उस  समय जैसे स्टंट मैरी इवांस ने किये, वैसे स्टंट कोई एक्टर करने में घबड़ाता था।  फीयरलेस  नाडिया के नाम से भी मशहूर मैरी इवांस का एक हाथ से चाबुक लहराते हुए घोड़े दौड़ाना दर्शकों में ख़ुशी मिश्रित रोमांच भर देता था।  वह बढ़िया तलवारबाज़ भी थी और बन्दूकबाज़ भी।  मौका लगते ही वह सामने वाले से पंजा युद्ध भी कर लेती थी।  दिलचस्प बात यह थी कि वह बढ़िया बैले डांसर भी थी। वह भागती हुई एक कार से दूसरी कार में कूद जाती थी।  एक समय में बीस बीस लोगों के साथ वह मारामारी करती थी। मिस फ्रंटियर मेल में वह भागती ट्रैन पर दौड़ रही थी।  उस समय का दर्शक जानता था कि मैरी इवांस उर्फ़ फीयरलेस नाडिया उर्फ़ हंटरवाली उनमे से एक नहीं थी।  वह यूरोपियन थी।  इसके बावजूद वह लाखों हिन्दुस्तनियोें की नायिका थी, क्योंकि उनकी फ़िल्में सन्देश देती थी।  स्त्री समानता की वकालत करती थी। जेबीएच वाडिया और होमी वाडिया ने मैरी इवांस के लेकर ढेरों स्टंट फ़िल्में बनाई।  उन्होंने कोई पचास फ़िल्में की। इंग्लिश पिता और ग्रीक माँ की संतान थी मैरी इवांस।  उनका जन्म पर्थ ऑस्ट्रेलिया में ८ जनवरी २००९ को हुआ था।  वह पांच साल की उम्र में अपने पिता के साथ बॉम्बे आ गयी।  उन्होंने घुड़सवारी सीखी और बैले डांसिंग भी।  उन्होंने जार्को सर्कस की सदस्य के बतौर भारत का दौरा किया।  एक ज्योतिष के कहने पर मैरी इवांस ने अपना नाम बदल कर नाडिया कर लिया ।  इसके साथ ही उनका भाग्य चमक उठा।  उन्होंने वाडिया मूवीटोन के संस्थापक जेबीएच वाडिया ने दो फिल्मों देश दीपक और नूर-ए- यमन में छोटी भूमिकाएं थी।  उनका भाग्य चमक उठा जेबीएच वाडिया के बेटे होमी वाडिया की फिल्म द प्रिंसेस एंड द हंटर से।  इस फिल्म से वह हंटरवाली के रूप में मशहूर कर दिया।  इस फिल्म में नाडिया ने एक राजकुमारी का किरदार किया था, जो मज़लूमों की हिफाज़त के लिए राजमहल छोड़ कर दुष्टों का नाश करने निकल पड़ती है।  हंटरवाली फिल्म से नाड़िया हंटरवाली के बतौर मशहूर हो गई। होमी वाडिया की सीक्वल फिल्म 'डॉटर फ़ो हंटरवाली' ने मैरी इवांस को ज़्यादा शोहरत दी।  उनकी टाइग्रेस, स्टंट क्वीन, मिस फ्रंटियर मेल, डायमंड क्वीन, जंगल प्रिंसेस, बगदाद का जादू, खिलाड़ी और लेडी रोबिनहूड जैसी फिल्मों को ज़बरदस्त सफलता हासिल हुई।  खिलाडी फिल्म में वह जेम्स बांड का स्पूफ किरदार एक्स १ कर रही थी।  उनकी इकलौती सोशल फिल्म मौज बुरी तरह से असफल हुई।  उनकी जॉन कवास के साथ एक्शन जोड़ी हिट हुआ करती थी।  इन दोनों ने करीब ३५ फिल्मों में साथ अभिनय किया।  १९६१ में वह फिल्मों से विदा हो गई।  क्योंकि, अच्छी हिंदी उर्दू न बोल पाना उनके करियर के आड़े आया। उस समय तक सोशल फिल्मों का दौर आ गया था।  ज़ुबान में महारत रखने वाली काफी नई अभिनेत्रियां आ गई थी। उन्होंने अपने को हंटरवाली बनाने वाले फिल्मकार होमी वाडिया से विवाह कर लिया।  उनकी आखिरी हिंदी फिल्म एक नन्हीं मुन्नी लड़की थी १९७० में रिलीज़ हुई।  ९ जनवरी १९९६ को भारतीय सिनेमा की फीयरलेस नाड़िया, हंटरवाली, द लेडी हंटरवाली मैरी एन इवांस का मुंबई के एक हॉस्पिटल में निधन हो गया।  विशाल भरद्वाज की आगामी फिल्म 'रंगून' में अभिनेत्री कंगना रनौत के लेडी हंटरवाली की पोशाक पहने स्टंट करती नज़र आएंगी।