Saturday, 21 July 2018

क्या भाग्यश्री के बेटे को भी दर्द होता है !

त्यागी, क़ैद में है बुलबुल और पायल !

यह तीनों फ़िल्में १९९२ में रिलीज़ हुई थी।

१९८९ के बाद, रिलीज़ इन तीन फिल्मों का ज़िक्र इस लिए कि इन फिल्मों की नायिका, १९८९ में सलमान खान की ब्लॉकबस्टर फिल्म मैंने प्यार किया से फिल्म डेब्यू करने वाली भाग्यश्री थी।

मैंने प्यार किया की बड़ी सफलता के बावजूद भाग्यश्री ने अपने सुनहरे फिल्म करियर को टाटा कर दी और अपने लम्बे समय के प्रेमी हिमालय दासानी से विवाह कर लिया।

अब यह बाद दीगर है कि हिमालय भी फिल्म एक्टर बनना चाहते थे।

चूंकि, बॉलीवुड फिल्म निर्माताओं के सर पर भाग्यश्री का जादू बोल रहा था, इसलिए भाग्यश्री ने शर्त रख दी कि वह अपनी अगली फिल्म अपने पति हिमालय के साथ ही करेंगी।

इस शर्त ने बॉलीवुड के कई बड़े निर्माताओं को छिटका दिया।  लेकिन, रविंद्र पीपट जैसे पारिवारिक मित्रों ने भाग्यश्री की शर्त को सर आँखों पर रख कर फिल्म बनाना मंजूर कर लिया।

हिमालय और भाग्यश्री के नायक-नायक वाली पहली फिल्म क़ैद में है बुल बुल २७ मार्च १९९२ को रिलीज़ हुई। दिलचस्प तथ्य यह था कि मैंने प्यार किया से भाग्यश्री के फैन बन चुके दर्शकों को भी क़ैद में है बुलबुल में कोई दिलचस्पी नहीं बची थी। फिल्म पहले ही दिन फ्लॉप घोषित कर दी गई। 

इसके बाद हिमालय और भाग्यश्री की दो और फ़िल्में क़ैद और त्यागी रिलीज़ हुई और इन दोनों फिल्मों को भी हिमालय जैसी असफलता हासिल हुई।

अब इन तीन हिमालय जैसी बड़ी असफलता पाने वाली फिल्मों के नायक नायिका हिमालय और भाग्यश्री के बेटे अभिमन्यु हिंदी फिल्मों में अपना भाग्य आजमाने जा रहे हैं।

वह, फिल्म क़ैद में है बुलबुल में, टीवी सीरियल मेरी आशिक़ी तुम से ही की एक्ट्रेस राधिका मदान के नायक बन कर आ रहे हैं।

राधिका मदान की पहली फिल्म विशाल भारद्वाज की पटाखा २८ सितम्बर को रिलीज़ होने जा रहे फिल्म में सान्या मल्होत्रा के साथ हैं।

कैसा इत्तफ़ाक़ है कि अभिमन्यु दासानी की माँ भाग्यश्री भी एक टीवी एक्ट्रेस थी। उन्हें सूरज बड़जात्या की फिल्म मैंने प्यार किया भी टीवी सीरियल कच्ची धुप और होनी अनहोनी के कारण मिली थी।

वासु बाला निर्देशित फिल्म मर्द को दर्द नहीं होता के लिए अभिमन्यु ने मार्शल आर्ट्स सीखी है।  अभिमन्यु बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं।  उन्हें मार्शल आर्ट्स के अलावा तैराकी, जिमनास्टिक, हैंड ट्रेनिंग, आदि भी ली है।

क्या हिंदी फिल्मकार, अभिमन्यु की इन तमाम प्रतिभाओं का फायदा उठा पाएंगे ?

फिलहाल तो मर्द को दर्द नहीं होता का इंतज़ार करना होगा कि यह फिल्म दर्शकों को कितना दर्द या ख़ुशी दे पाती है!



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