वीके प्रकाश ने, हिंदी की
तीन फिल्मों फ्रीकी चक्र, फिर कभी और इश्केदारियां जैसी फ़िल्में निर्देशित की
है। लेकिन, उनकी
पहचान मलयालम फिल्म निर्देशक के तौर पर ही है।
उनकी, बतौर निर्देशक पहली ही फिल्म, मलयालम की पुनराधिवासम को श्रेष्ठ मलयालम फिल्म का
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था। २०१५
में प्रदर्शित फिल्म निर्णायकम को सामजिक सरोकारों वाली श्रेष्ठ फिल्म का
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।
उनकी नई फिल्म प्राण कई मायनों में ख़ास है। पहला ख़ास कारण तो यह है कि यह फिल्म मलयालम के
अलावा कन्नड़, तेलुगु और हिंदी में बनाई जा रही है। यह एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म है।
दूसरी खास
बात यह है कि यह पूरी फिल्म सिर्फ एक चरित्र के इर्दगिर्द घूमती रहती है। फिल्म
में, इस चरित्र को नित्या मेनन ने किया है। फिल्म की कहानी
अंग्रेजी भाषा में लिखने वाली एक लेखिका के अपने ही भय के डरावने अनुभवों पर है।
यह फिल्म असहिष्णुता और अन्याय की बात भी करती है।
फिल्म में अंग्रेजी लेखिका की
भूमिका करने वाली अभिनेत्री नित्या मेनन ने तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और
मलयालम भाषा की दर्जनों फिल्मों में अभिनय किया है। लेकिन, प्राण
उनकी पहली हिंदी फिल्म होगी।
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