आज कथा बॉक्स ऑफिस पर टकराव की। बड़े सितारों की भीड़भाड़ वाली बड़े बजट की दो फिल्में। स्टारकास्ट की दृष्टि से बॉलीवुड फिल्म उद्योग कोई पूरा विश्वास था कि यह दोनों फिल्मे टकराव के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर बड़ा व्यवसाय करेंगी। लेकिन, दोनों ही फिल्मे बॉक्स ऑफिस पर धराशाई हुई।
पहली फिल्म थी अनिल कपूर की दोहरी भूमिका वाली फिल्म बुलंदी। टी रामाराव की इस फिल्म का बजट सात करोड़ था। फिल्म में अनिल कपूर के अतिरिक्त रजनीकांत, रेखा, रवीना टंडन, शक्ति कपूर, अरुणा ईरानी, रंजीत, हरीश और परेश रावल विभिन्न भूमिकाओं में थे। जबकि, धर्मेश दर्शन के निर्देशन में मेला का बजट १८ करोड़ का था। इस फिल्म में आमिर खान अपने भाई फैसल खान कोई बॉलीवुड में ज़माने के लिए कर रहे थे। फिल्म में ट्विंकल खन्ना, नवनीत निशान, तन्वी आज़मी, जॉनी लीवर, आदि की प्रमुख भूमिकाएं थी। दोनों ही फिल्मों की पृष्ठभूमि ग्रामीण थी। यह दोनों ही फिल्मे बॉक्स ऑफिस पर मुंह के बल गिरी।
मेला ३२० परदों पर प्रदर्शित हुई थी। फिल्म का कुल व्यवसाय १८ करोड़ का हुआ। जबकि, बुलंदी २३० परदों पर प्रदर्शित हो कर कुल छह करोड़ का व्यवसाय ही कर सकी। यह दोनों फ़िल्में २००० की फ्लॉप फिल्मों में सम्मिलित है। इन फिल्मों की असफलता ने बॉक्स ऑफिस पर फर्स्ट फ्राइडे जिंक्स अर्थात किसी साल के पहले शुक्रवार को प्रदर्शित फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल होती है, के भय को जन्म दिया। यह जिंक्स रानी मुख़र्जी की फिल्म नो वन किल्ड जेसिका के प्रदर्शित होने तक जारी रहा।
इन दोनों ही फिल्मों की विशेष बात यह थी कि यह दोनों ही फ़िल्में करिश्मा कपूर को दी गई थी। किन्तु, किन्ही वजहों से वह मेला और बुलंदी नहीं कर सकी। बाद में उनकी यह भूमिका ट्विंकल खन्ना और रवीना टंडन को मिल गई।करिश्मा कपूर की मेला में भूमिका सोनाली बेंद्रे और बुलंदी की रवीना टंडन को गई थी। इनके मना करने के बाद ट्विंकल फिल्म में आई।
बुलंदी में अनिल कपूर और परेश रावल ने दोहरी भूमिका की थी। अनिल कपूर. युद्ध और किशन कन्हैया के बाद, तीसरी बार दोहरी भूमिका कर रहे थे। जबकि, परेश रावल, अंदाज अपना अपना के बाद दूसरी बार दोहरी भूमिका कर रहे थे।
फिल्म में रजनीकांत और अनिल कपूर पहली बार एक साथ काम कर रहे थे। यह रजनीकांत की अंतिम हिंदी फिल्म थी। जबकि रेखा और रवीना टंडन खिलाडियों का खिलाडी के बाद, दूसरी बारे परदे पर आमने सामने थी।
मेला की खल भूमिका टीनू वर्मा ने की थी। किन्तु, उनसे पूर्व यह भूमिका आदित्य पंचोली के पास गई थी। किन्तु, उन्होंने इसलिए मना कर दिया कि फिल्म में विलेन कोई अधनंगा रहना है।
१९९५ में, सनी देओल, संजय दत्त, शिल्पा शेट्टी और नम्रता शिरोड़कर के साथ फिल्म जानवर की घोषणा की गई थी। भाई-भाई के टकराव वाली जानवर सिरे न चढ़ सकी। बाद में इस फिल्म को मेला शीर्षक के साथ आमिर खान, फैसल खान और ट्विंकल खन्ना के साथ बनाया गया।
मेला की विफलता के साथ एक दिलचस्प प्रेम प्रसंग जुड़ा हुआ है। इस फिल्म के निर्माण के दौरान अक्षय कुमार ने ट्विंकल कपाड़िया के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा था। किन्तु, बॉलीवुड में अपना करियर बनाने किस सोच में ट्विंकल ने यह शर्त रख दी कि यदि मेला फ्लॉप हो गई तो वह अक्षय से शादी कर लेंगी। मेला फ्लॉप हुई और अगले ही साल ट्विंकल कपाड़िया, मिसेज ट्विंकल खन्ना बन गई।

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