बांड फिल्मो के दूसरे जेम्स बांड रॉजर मूर का
देहांत एक हफ्ता पहले २३ मई को हुआ था। इसके ठीक एक हफ्ते बांड थंडरबॉल (१९६५) के
जेम्स बांड सीन कांनेरी की बांड गर्ल मौली पीटर्स का ७५ साल की आयु में देहांत हो
गया। बांड गर्ल के लिए २३ साल की मौली की खोज थंडरबॉल के डायरेक्टर टेरेंस यंग ने की थी। उन्हें
फिल्म के श्रबलैंड हेल्थ क्लब में काम करने वाली फिजियोथेरापिस्ट पैट्रीशिया फियरिंग का किरदार सौंपा गया था। वह पहली ऐसी बांड गर्ल बनी, जिसने परदे पर अपने पूरे कपडे उतार कर सीन किया था। इसके बावजूद मौली का करियर कुल मिला कर तीन फ़िल्में और तीन टीवी सीरीज तक ही सीमित रहा। स्लैपस्टिक
कॉमेडी डोंट रेज द ब्रिज, लोअर द रिवर (१९६८) फिल्म में उनके अभिनय की सराहना हुई। इस फिल्म
के बाद उन्होंने दूसरी कोई फिल्म नहीं की। इस दौरान मौली ने आर्मचेयर थिएटर और
बेकर्स हाफ डज़न जैसे टीवी शो किये। ब्रिटिश अभिनेत्री मौली पीटरस ने अपने करियर
की शुरुआत प्लेबॉय और परेड जैसी पुरुष पत्रिकाओं की मॉडल के बतौर की थी।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Saturday, 3 June 2017
नहीं रही बांड गर्ल मौली पीटर्स
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
क्या ड्रेस सेंस नहीं है बॉलीवुड में ?
प्रियंका चोपड़ा फिर ट्रोल हो रही हैं। वह आजकल बर्लिन में अपनी हॉलीवुड फिल्म 'बेवॉच' का प्रमोशन कर रही हैं। इसी दौरान भारत के प्रधान मंत्री भी जर्मनी के राजकीय दौरे पर थे। प्रियंका ने भारतीय प्रधान मंत्री से मिलने का समय माँगा, जो उन्हें मिल भी गया। बेहद खुश प्रियंका चोपड़ा ने अपनी प्रधान मंत्री के साथ फोटो इंस्टाग्राम में साझा की। इसके साथ ही प्रियंका चोपड़ा अपनी ड्रेस सेंस के लिए सोशल साइट्स पर ट्रोल होने लगी। उन्हें असंस्कारी कहा गया। कुछ ने उन्हें सलाह दी कि उन्हें प्रधान मंत्री से मिलते जाते समय ऐसी पोशाक नहीं पहननी चाहिए थी। उनके टाँगे क्रॉस कर बैठने के ढंग पर भी कमैंट्स हुए।
लगता है प्रियंका चोपड़ा पर हॉलीवुड का नशा पूरी तरह से छाया हुआ है । पिछले दिनों वह अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म बेवाच के प्रमोशन में टू पीस बिकिनी पहने समुद्र में अटखेलियाँ करती दिखाई दे रही थी । एक इंटरव्यू के दौरान बेवाच में उनके कोस्टार ड्वेन जॉनसन बार बार आकर उनका चुम्बन ले जा रहे थे और प्रियंका थी कि बेतहाशा खिलखिला रही थी । यह एक हॉलीवुड फिल्म का प्रमोशन था, जिसमे वह एक विलासी खल नायिका का किरदार कर रही थी । बिकिनी और चुम्बन इस इमेज को सपोर्ट करते थे । लेकिन, क्या इसी किरदार के साथ प्रियंका चोपड़ा बाहर की उस दुनिया में भी फिर सकती है, जो फिल्म से जुडी नहीं है ?
प्रियंका चोपड़ा को फ़िल्मी पार्टी, प्रमोशनल टूर और राष्ट्रीय हस्तियों से जुड़े मामलों में फर्क महसूस करना चाहिए था। वह किसी फ़िल्मी पार्टी और टूर में कुछ भी झलकाता-दिखलाता पहन सकती हैं। ग्लैमर का मामला जो है। लेकिन, हर मौके को फ़िल्मी पार्टी की तरह नहीं माना जा सकता। वह प्रधान मंत्री से मिलने गई थी। बेशक, बर्लिन शहर खुलापन लिए शहर है। वह यहाँ अपनी फिल्म का प्रमोशन कर रही थी। उन्होंने प्रमोशन के दौरान हुई प्रेस कांफ्रेंस में मार्क जैकब की सफ़ेद ड्रेस पहन रखी थी, जिसमे उनकी सुडौल टाँगे नज़र आ रही थी। तमाम अखबारों के लेंस प्रियंका चोपड़ा को शूट कर रहे थे। वहां उनकी यह ड्रेस उनकी इमेज के अनुरूप थी। प्रचार के लिहाज़ से अव्वल। लेकिन प्रधान मंत्री की यह राजकीय यात्रा थी। प्रियंका चोपड़ा किसी व्यक्ति नरेंद्र मोदी से नहीं बल्कि, प्रधान मंत्री से मिल रही थी। उनसे मिलते समय भी औपचारिक ड्रेस के बजाय टाँगे दिखाने वाली ऊंची पोशाक पहनने का सेंस समझ से बाहर था। उस पर वह टाँगे क्रॉस कर बैठी नज़र आ रही थी। हालाँकि, फोटो में वह मुग्ध भाव से प्रधान मंत्री को देख रही हैं। इसलिए, उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। हालाँकि उनके समर्थन करने वाले उनके जर्मनी जैसे खुले शहर में होने की दुहाई दे रहे थे।
प्रियंका चोपड़ा प्रधान मंत्री से मिलते समय पहनी अपनी पोशाक के कारण असंस्कारी या कुसंस्कारी नहीं साबित होती थी। लेकिन, वह गलत ड्रेस चुनने की गलती कर रही थी। चोपड़ा एक फिल्म एक्ट्रेस हैं। मौके के अनुरूप ड्रेस पहनने के लिए वह डिज़ाइनरो से सलाह लेती हैं। उन्हें इसी के अनुरूप ड्रेस बना कर दी भी जाती हैं। प्रधान मंत्री से मिलने का समय उन्होंने पहले से लिया होगा। वह उसके अनुरूप पोशाक रख कर अपनी परिपक्वता का परिचय दे सकती थी। मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया।
सवाल यह है कि ड्रेस सेंस की दरकार प्रियंका चोपड़ा से ही क्यों की जाए। उनकी बॉलीवुड की साथी कंगना रनौत तो उनसे कहीं आगे हैं। कभी कंगना रनौत इंडस्ट्री के लोगों पर उनकी अंग्रेजी और ड्रेस सेंस पर हंसने का रोना रोती थी। वह जताती थी कि चूंकि वह छोटे शहर की हैं, इसलिए उनके साथ भेदभाव किया जाता है। हालाँकि आज अपनी मेहनत से उन्होंने अपनी कमियों को दूर कर लिया है और बॉलीवुड में अपनी जगह बना ली है। लेकिन, वह अपनी समझ खो चुकी लगती है। कंगना रनौत को तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है। पहली बार वह श्रेष्ठ अभिनेत्री घोषित प्रियंका चोपड़ा के साथ फिल्म फैशन (२००८) के लिए श्रेष्ठ सह अभिनेत्री का पुरस्कार ले रही थी। उन्हें यह पुरस्कार दे रही थी राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल। उस समय कंगना और प्रियंका दोनों ने ही डेकोरम को ध्यान में रखते हुए ही पोशाके पहन रख थी। कंगना रनौत दूसरी बार श्रेष्ठ अभिनेत्री चुनी गई। फिल्म थी क्वीन। उन्हें यह पुरस्कार राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी ने दिया। परन्तु कंगना रनौत बोल्ड हो रही थी। वह अमेरिका से ड्रेस डिज़ाइनर विभु महापात्र की ड्रेस में थोड़ा खुली नज़र आ रही थी। उन्होंने अपनी इस बोल्ड ड्रेस का कुछ इस तरह बचाव किया, "मैं पहले भी अवार्ड्स में गई थी। लेकिन दुर्भाग्यवश मैं अनारकली सूट पहन कर गई थी। मैं उस समय की फोटोग्राफ देखी। मैं पुरस्कार लेते समय बहनजी टाइप लग रही थी। मैंने सोचा मैं स्टार हूँ। मुझे फिल्म स्टार की तरह लगना चाहिए।" वह तीसरी बात तनु वेड्स मनु २ के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से पुरस्कृत हुई। इस बार वह कुछ ज़्यादा बोल्ड थी। उनकी पोशाक चुस्त और अंगप्रदर्शक थी। सभी निगाहें उनकी ड्रेस पर जमी थी।
प्रियंका चोपड़ा और कंगना रनौत के ड्रेस सेंस को लेकर पूरे बॉलीवुड की आलोचना नहीं की जा सकती। बाकी सितारे मौके की नज़ाकत को समझते हैं। इस साल के पुरस्कारों में बॉलीवुड की फैशन आइकॉन सोनम कपूर को फिल्म नीरजा के लिए स्पेशल जूरी अवार्ड मिला था। उन्होंने साड़ी पहन रखी थी। इससे पहले भी तब्बू, माधुरी दीक्षित, कोंकणा सेनशर्मा और विद्या बालन को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है। इन सभी अभिनेत्रियों ने अवसर के अनुकूल ड्रेस पहनी थी। इसी तरह से कुछ समय पहले अभिनेता अक्षय कुमार और आमिर खान प्रधान मंत्री से मिले थे। इन अभिनेताओं ने शालीन और मौके के उपयुक्त पोशाक पहन रखी थी। इसलिए प्रियंका चोपड़ा और कंगना रनौत को अपवाद माना जा सकता है।
प्रियंका चोपड़ा अब प्रचार का खेल खेलने लगी हैं। उन्होंने प्रधान मंत्री से मिलते समय टाँगे दिखाती हुई पोशाक तो पहनी ही, वह अपनी टाँगे क्रॉस कर भी बैठी थी। यह पूरी तरह से अमर्यादित था। उन्हें समझना चाहिए था कि वह कॉफी विथ करण के करण जौहर के सामने नहीं बैठी थी। प्रियंका चोपड़ा ने इसे समझने के बजाय प्रचार पाने के लिहाज़ से ट्विटर पेज और इंस्टाग्राम में अपनी और अपनी माँ मधु चोपड़ा की टाँगे दिखाती फोटो लगा कर कमेंट लिखा- लेग्स फॉर द डेज।
अल्पना कांडपाल
लगता है प्रियंका चोपड़ा पर हॉलीवुड का नशा पूरी तरह से छाया हुआ है । पिछले दिनों वह अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म बेवाच के प्रमोशन में टू पीस बिकिनी पहने समुद्र में अटखेलियाँ करती दिखाई दे रही थी । एक इंटरव्यू के दौरान बेवाच में उनके कोस्टार ड्वेन जॉनसन बार बार आकर उनका चुम्बन ले जा रहे थे और प्रियंका थी कि बेतहाशा खिलखिला रही थी । यह एक हॉलीवुड फिल्म का प्रमोशन था, जिसमे वह एक विलासी खल नायिका का किरदार कर रही थी । बिकिनी और चुम्बन इस इमेज को सपोर्ट करते थे । लेकिन, क्या इसी किरदार के साथ प्रियंका चोपड़ा बाहर की उस दुनिया में भी फिर सकती है, जो फिल्म से जुडी नहीं है ?
प्रियंका चोपड़ा को फ़िल्मी पार्टी, प्रमोशनल टूर और राष्ट्रीय हस्तियों से जुड़े मामलों में फर्क महसूस करना चाहिए था। वह किसी फ़िल्मी पार्टी और टूर में कुछ भी झलकाता-दिखलाता पहन सकती हैं। ग्लैमर का मामला जो है। लेकिन, हर मौके को फ़िल्मी पार्टी की तरह नहीं माना जा सकता। वह प्रधान मंत्री से मिलने गई थी। बेशक, बर्लिन शहर खुलापन लिए शहर है। वह यहाँ अपनी फिल्म का प्रमोशन कर रही थी। उन्होंने प्रमोशन के दौरान हुई प्रेस कांफ्रेंस में मार्क जैकब की सफ़ेद ड्रेस पहन रखी थी, जिसमे उनकी सुडौल टाँगे नज़र आ रही थी। तमाम अखबारों के लेंस प्रियंका चोपड़ा को शूट कर रहे थे। वहां उनकी यह ड्रेस उनकी इमेज के अनुरूप थी। प्रचार के लिहाज़ से अव्वल। लेकिन प्रधान मंत्री की यह राजकीय यात्रा थी। प्रियंका चोपड़ा किसी व्यक्ति नरेंद्र मोदी से नहीं बल्कि, प्रधान मंत्री से मिल रही थी। उनसे मिलते समय भी औपचारिक ड्रेस के बजाय टाँगे दिखाने वाली ऊंची पोशाक पहनने का सेंस समझ से बाहर था। उस पर वह टाँगे क्रॉस कर बैठी नज़र आ रही थी। हालाँकि, फोटो में वह मुग्ध भाव से प्रधान मंत्री को देख रही हैं। इसलिए, उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। हालाँकि उनके समर्थन करने वाले उनके जर्मनी जैसे खुले शहर में होने की दुहाई दे रहे थे।
प्रियंका चोपड़ा प्रधान मंत्री से मिलते समय पहनी अपनी पोशाक के कारण असंस्कारी या कुसंस्कारी नहीं साबित होती थी। लेकिन, वह गलत ड्रेस चुनने की गलती कर रही थी। चोपड़ा एक फिल्म एक्ट्रेस हैं। मौके के अनुरूप ड्रेस पहनने के लिए वह डिज़ाइनरो से सलाह लेती हैं। उन्हें इसी के अनुरूप ड्रेस बना कर दी भी जाती हैं। प्रधान मंत्री से मिलने का समय उन्होंने पहले से लिया होगा। वह उसके अनुरूप पोशाक रख कर अपनी परिपक्वता का परिचय दे सकती थी। मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया।
सवाल यह है कि ड्रेस सेंस की दरकार प्रियंका चोपड़ा से ही क्यों की जाए। उनकी बॉलीवुड की साथी कंगना रनौत तो उनसे कहीं आगे हैं। कभी कंगना रनौत इंडस्ट्री के लोगों पर उनकी अंग्रेजी और ड्रेस सेंस पर हंसने का रोना रोती थी। वह जताती थी कि चूंकि वह छोटे शहर की हैं, इसलिए उनके साथ भेदभाव किया जाता है। हालाँकि आज अपनी मेहनत से उन्होंने अपनी कमियों को दूर कर लिया है और बॉलीवुड में अपनी जगह बना ली है। लेकिन, वह अपनी समझ खो चुकी लगती है। कंगना रनौत को तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है। पहली बार वह श्रेष्ठ अभिनेत्री घोषित प्रियंका चोपड़ा के साथ फिल्म फैशन (२००८) के लिए श्रेष्ठ सह अभिनेत्री का पुरस्कार ले रही थी। उन्हें यह पुरस्कार दे रही थी राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल। उस समय कंगना और प्रियंका दोनों ने ही डेकोरम को ध्यान में रखते हुए ही पोशाके पहन रख थी। कंगना रनौत दूसरी बार श्रेष्ठ अभिनेत्री चुनी गई। फिल्म थी क्वीन। उन्हें यह पुरस्कार राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी ने दिया। परन्तु कंगना रनौत बोल्ड हो रही थी। वह अमेरिका से ड्रेस डिज़ाइनर विभु महापात्र की ड्रेस में थोड़ा खुली नज़र आ रही थी। उन्होंने अपनी इस बोल्ड ड्रेस का कुछ इस तरह बचाव किया, "मैं पहले भी अवार्ड्स में गई थी। लेकिन दुर्भाग्यवश मैं अनारकली सूट पहन कर गई थी। मैं उस समय की फोटोग्राफ देखी। मैं पुरस्कार लेते समय बहनजी टाइप लग रही थी। मैंने सोचा मैं स्टार हूँ। मुझे फिल्म स्टार की तरह लगना चाहिए।" वह तीसरी बात तनु वेड्स मनु २ के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से पुरस्कृत हुई। इस बार वह कुछ ज़्यादा बोल्ड थी। उनकी पोशाक चुस्त और अंगप्रदर्शक थी। सभी निगाहें उनकी ड्रेस पर जमी थी।
प्रियंका चोपड़ा और कंगना रनौत के ड्रेस सेंस को लेकर पूरे बॉलीवुड की आलोचना नहीं की जा सकती। बाकी सितारे मौके की नज़ाकत को समझते हैं। इस साल के पुरस्कारों में बॉलीवुड की फैशन आइकॉन सोनम कपूर को फिल्म नीरजा के लिए स्पेशल जूरी अवार्ड मिला था। उन्होंने साड़ी पहन रखी थी। इससे पहले भी तब्बू, माधुरी दीक्षित, कोंकणा सेनशर्मा और विद्या बालन को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है। इन सभी अभिनेत्रियों ने अवसर के अनुकूल ड्रेस पहनी थी। इसी तरह से कुछ समय पहले अभिनेता अक्षय कुमार और आमिर खान प्रधान मंत्री से मिले थे। इन अभिनेताओं ने शालीन और मौके के उपयुक्त पोशाक पहन रखी थी। इसलिए प्रियंका चोपड़ा और कंगना रनौत को अपवाद माना जा सकता है।
प्रियंका चोपड़ा अब प्रचार का खेल खेलने लगी हैं। उन्होंने प्रधान मंत्री से मिलते समय टाँगे दिखाती हुई पोशाक तो पहनी ही, वह अपनी टाँगे क्रॉस कर भी बैठी थी। यह पूरी तरह से अमर्यादित था। उन्हें समझना चाहिए था कि वह कॉफी विथ करण के करण जौहर के सामने नहीं बैठी थी। प्रियंका चोपड़ा ने इसे समझने के बजाय प्रचार पाने के लिहाज़ से ट्विटर पेज और इंस्टाग्राम में अपनी और अपनी माँ मधु चोपड़ा की टाँगे दिखाती फोटो लगा कर कमेंट लिखा- लेग्स फॉर द डेज।
अल्पना कांडपाल
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
दुर्भाग्य से लड़ते हुए जीना है द माउंटेन बिटवीन अस
चार्ल्स
मार्टिन के उपन्यास द माउंटेन बिट्वीन अस का फिल्म रूपांतरण जे मिल्स गूड्लोए और
क्रिस वेत्ज़ द्वारा तैयार किया गया है । यह उपन्यास बर्फीले पहाड़ पर एक हवाई जहाज के
क्रेश हो जाने के बाद एक जोड़े की खुद को जीवित रखने की जद्दोजहद पर है । बेन बास
एक सर्जन है और अलेक्स मार्टिन एक फोटो जॉर्नलिस्ट । अलेक्स को तो अपनी शादी के
लिए ज़ल्दी घर भी पहुँचना है । इस फिल्म का निर्देशन इसरायली डायरेक्टर हनी अबू-असद कर
रहे हैं । असद, पैराडाइस नाउ, ओमर और द
आइडल के कारण पहचाने जाते हैं । असद की फिल्म बताती है कि अगर दुर्भाग्य के दौर
में भी जीवित रहना है तो आपको दुर्भाग्य से लड़ना होगा, अन्यथा आप मार दिए जाओगे ।
साफ़ तौर पर फिल्म के दो केंद्रीय पात्र बेन और अलेक्स दुर्भाग्य के दुष्चक्र में ही
फंसे हैं । इस फिल्म में बेन का किरदार इदरिस अल्बा और अलेक्स का किरदार केट
विंसलेट ने किया है । टाइटैनिक के दुर्भाग्य से जूझने वाली केट विंसलेट दूसरी बार
बर्फीले पहाड़ में अपने दुर्भाग्य से जूझते हुए जीवित रह पाएंगी ! फिल्म २० अक्टूबर
को रिलीज़ होगी ।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बजट से भी दैत्याकार होगी गॉडज़िला वर्सेज कॉन्ग
कम बजट वाली हॉरर थ्रिलर फिल्मों यू आर नेक्स्ट (१ मिलियन डॉलर) और द गेस्ट (५ मिलियन डॉलर) के निर्देशक एडम विन्गार्ड की अगली फिल्म दो पॉपुलर दैत्याकार आकृतियों पर है ही इसका बजट भी दैत्याकार बताया जा रहा है । गॉडज़िला और किंग कॉन्ग पर फिल्म गॉडज़िला वर्सेज कॉन्ग का बजट भी बहुत बड़ा है । एडम और इस फिल्म के निर्माता स्टूडियोज लीजेंडरी एंटरटेनमेंट और वार्नर ब्रदर्स के बीच फिल्म गॉडज़िला वर्सेज कॉन्ग का निर्देशन करने के लिए एक समझौता हो गया है । २०१४ में रिलीज़ फिल्म गॉडज़िला को मिली ज़बरदस्त सफलता से इस जापानी दैत्याकृति की अमेरिकी क्या दुनिया के दर्शकों में लोकप्रियता का पता चलता था । फिर, इस साल १० मार्च को रिलीज़ फिल्म कॉन्ग : स्कल आइलैंड के ज़बरदस्त बिज़नस ने भी इसकी पुष्टि कर दी । गॉडज़िला की सफलता के बाद फिल्म के सीक्वल गॉडज़िला: किंग ऑफ़ द मॉन्स्टर्स की शूटिंग तेज़ी से की जा रही है । अब लीजेंडरी और वार्नर ब्रदर्स की गॉडज़िला वर्सेज कॉन्ग की स्क्रिप्ट पर टेरी रोश काम कर रहे हैं । उनके खाते में पाइरेट्स ऑफ़ द कॅरीबीयन जैसी सुपरहिट सीरीज दर्ज है । जहाँ तक फिल्म की कहानी का सवाल है, इस फिल्म के दैत्य दक्षिण प्रशांत में कहीं देखे जायेंगे । लेकिन फिलहाल तो दर्शकों को २२ मई २०२० तक इंतज़ार करना होगा ।
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Thursday, 1 June 2017
सेल्फी ले ले रे
सोनी एंटरटेनमेंट के रियलिटी शो सबसे
बड़ा कलाकार के सेट पर पहुँच कर फिल्म राब्ता के कलाकारों ने जैसे सेल्फी डे मना
डाला। इस एपिसोड में बाल कलाकार विरद त्यागी ने गांधी का किरदार प्ले किया था। जज अरशद वारसी इस प्यारे से गांधी के साथ फोटो खिंचाने दौड़ पड़े। उधर सुशांत सिंह राजपूत और कृति सेनन प्रतिभागी बच्चों के साथ बातचीत में लगे हुए थे। उन्होंने विरद गांधी और माही सोनी के साथ सेल्फी ली। कृति सेनन ने तो मौका नहीं चूका। वह नब्बे के दशक की मस्त मस्त गर्ल रवीना टंडन के साथ सेल्फी लेते हुए मस्त हो गई।
अरशद वारसी ने खिंचाई विरद त्यागी के साथ फोटो |
कृति सेनन ने ली रवीना टंडन के साथ सेल्फी |
माही सोनी के साथ सुशांत और कृति की सेल्फी |
विरद त्यागी के साथ कृति और सुशांत की सेल्फी |
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Wednesday, 31 May 2017
फिर अपराध की दुनिया में स्टीवन सोडरबर्ग
अपराध की पृष्ठभूमि पर एक्शन, ड्रामा और कॉमेडी फ़िल्में बनाने के लिए मशहूर (ओसियन सीरीज के) निर्देशक स्टीवन सोडरबर्ग पांच साल बाद अपराध की दुनिया में अपने दर्शकों को ले जा रहे है । फिल्म लोगन लकी तीन भाइयों की कहानी है, जो अपने परिवार को दुश्वारियों से उबारने के लिए मेमोरियल डे वीकेंड के दौरान उत्तरी कैरोलिना में कांकोर्ड में शेर्लोट मोटर स्पीडवे पर होने वाली कोका-कोला ६०० रेस के दौरान बड़ी डकैती डालने की योजना बनाते हैं । रेबेका ब्लंट की लिखी इस फिल्म में बड़े सनसनीखेज तरीके से दिखाया गया है कि कैसे लोगन भाई जिमी, मेली और क्लाइड डकैती डालने के लिए स्पीडवे ट्रैक के नीचे हाइड्रोलिक ट्यूब सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं । जो बैंग वॉल्ट्स उड़ाने में एक्सपर्ट है । फिल्म में लोगन भाइयों जिमी, क्लाइड और मेली की भूमिका क्रमशः चैनिंग टाटम, एडम ड्राईवर और राइली केओफ ने की है । दुनिया में जेम्स बांड से मशहूर अभिनेता डेनियल ने जो बैंग का किरदार किया है । फिल्म में हिलेरी स्वांक, कैथरीन वाटरस्टन, केटी होम्स, सेबेस्टियन स्टेन, आदि की भूमिका भी सनसनीखेज है । यह फिल्म १८ अगस्त को रिलीज़ हो रही है ।
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आज (३१ मई को) होगा रॉजर मूर की दो बांड फिल्मों का पुनर्प्रदर्शन
दुनिया में सबसे
ज्यादा मशहूर फ्रैंचाइज़ी फिल्मों में एक जेम्स बांड सीरीज की फिल्मों के दूसरे बांड
अभिनेता सर रॉजर मूर (निधन २३ मई २०१७) को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके द्वारा
अभिनीत दो बांड फिल्मों द स्पाई हु लव्ड मी और फॉर योर आईज ओनली का ३१ मई को
प्रदर्शन किया जायेगा । द सेंट जैसे टेलीविज़न शो के मशहूर अभिनेता रॉजर मूर ने सीरीज
के निर्माता अल्बर्ट ब्रोक्कोली के बहुत कहने पर बांड का सूट पहनना मजूर किया था ।
वह १९७३ में रिलीज़ फिल्म लिव एंड लेट डाई से पहली बार बांड बने । इस फिल्म के बाद
उन्होंने छह बांड फिल्मों में अभिनय किया । ३१ मई को श्रद्धांजलि स्वरुप दिखाई
जा रही बांड फिल्म द स्पाई हु लव्ड मी रॉजर मूर की तीसरी बांड फिल्म थी । जबकि,
फॉर योर आईज ओनली (१९८१) उनकी पांचवी बांड फिल्म थी । द स्पाई हु लव्ड मी का टाइटल
लेखक इयान फ्लेमिंग की दसवी जेम्स बांड पुस्तक पर रखा गया था । लेकिन दिलचस्प तथ्य
यह था कि फिल्म के कथानक का इयान फ्लेमिंग के उपन्यास से कोई सरोकार नहीं था । यह
फिल्म तीन अकादमी अवार्ड्स श्रेणी में नामित हुई थी । यह ऐसी बांड फिल्म थी, जिसे
समीक्षकों ने भी सराहा और बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों ने भी देखा । इसी फिल्म में स्टील
के दांतों वाला खलनायक भी था । इस फिल्म के निर्माण में १४ मिलियन डॉलर खर्च हुए
थे । फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर १८५.४ मिलियन डॉलर का ग्रॉस किया था । दूसरी फिल्म
फॉर योर आईज ओनली की कहानी इयान फ्लेमिंग की दो लघु कथाओं को मिला कर लिखी गई थी । इस फिल्म
से बांड फिल्मों के एडिटर जॉन ग्लेन का डायरेक्टोरियल डेब्यू हुआ था । इस फिल्म ने
बॉक्स ऑफिस पर १९५ मिलियन डॉलर का ग्रॉस किया । इन दोनों फिल्मों को '4-के' वर्शन
में ढाल कर ३१ मई को रिलीज़ किया जा रहा है । इन फिल्मों को यूनिसेफ के सहायतार्थ
रिलीज़ किया जा रहा है । ध्यान रहे कि सर रॉजर मूर यूनिसेफ के गुडविल एम्बेसडर रह
चुके है । इस सम्बन्ध में फिल्म सीरीज के दो निर्माताओं माइकल जी विल्सन और बारबरा
ब्रोकोली ने एक बयान जारी कर कहा, “सर रॉजर मूर के सम्मान में यूनिसेफ के
सहायतार्थ इन फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है । सर रॉजर मूर बच्चों की मदद के
लिए हमेशा तैयार रहते थे ।“
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Roger Moore
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बदलापुर में दीपिका पादुकोण तो हैप्पी होगी सोनाक्षी सिन्हा
कहने को तो बॉलीवुड में सीक्वल
फिल्मों का सिलसिला चल निकला है । लेकिन, यह कथित सीक्वल मूल फिल्म की कहानी के आसपास तक नहीं। इनमे न केवल कथानक बदला है, बल्कि, मुख्य सितारे भी बदल दिए जाते हैं। जॉली एलएलबी २ की ज़बरदस्त सफलता के बाद
निर्माताओं में अपेक्षाकृत बड़े एक्टरों के साथ सीक्वल बनाने का सिलसिला कुछ ज्यादा
तेज़ हो गया है । उल्लेखनीय है कि सुभाष कपूर की २०१३ में रिलीज़ फिल्म जॉली एलएलबी में वकील जॉली का किरदार अरशद वारसी ने किया था। लेकिन, सीक्वल की कहानी न केवल लखनऊ आई, बल्कि जॉली अक्षय कुमार बन गए, वकील के चोले में अनु कपूर थे। सिर्फ जज साहब सौरभ शुक्ल ही बने थे। एक दिलचस्प बात यह भी कि यह सीक्वल बड़े अभिनेताओं के साथ ही नहीं
बड़ी अभिनेत्रियों के साथ भी बनाए जा रहे हैं । यही कारण है कि कहने को मज़बूर होना पड़ता है कि बदलापुर में दीपिका
है तो हैप्पी है सोनाक्षी ।
दर्शकों को याद होगी
२०१५ में रिलीज़ वरुण धवन की रिवेंज ड्रामा थ्रिलर फिल्म बदलापुर की । निर्माता दिनेश विजन
और सुनील लूल्ला की इस फिल्म का निर्देशन श्रीराम राघवन ने किया था । एक लूट के
दौरान नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी और विनय पाठक की कार से हुए एक्सीडेंट में वरुण धवन की
बीवी और बच्चा मारे जाते हैं । वरुण धवन अपनी बीवी और बच्चे की मौत का बदला इन
लोगों से लेता है । फिल्म को अच्छी सफलता मिली थी । २५ करोड़ के बजट वाली इस फिल्म
ने बॉक्स ऑफिस पर ७७ करोड़ का बिज़नस किया । दूसरी फिल्म २०१६ में रिलीज़ हैप्पी भाग
जाएगी थी । आनंद एल राज की इस फिल्म का निर्देशन मुदस्सर अज़ीज़ ने किया था । हैप्पी एक बिंदास लड़की है, जो शादी की रात घर से भाग निकलती है और इस प्रयास में
पाकिस्तान को जा रहे एक ट्रक में बैठ जाती है । यह रोमांस कॉमेडी फिल्म
सरप्राइजिंग हिट मानी गई । हैप्पी भाग जाएगी का बजट १८ करोड़ था और फिल्म ने बॉक्स
ऑफिस पर ४६.५२ करोड़ का बिज़नस किया । इन दोनों ही फिल्मों की कास्ट छोटी थी ।
बदलापुर में वरुण धवन और नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी के अलावा हुमा कुरैशी, यमी गौतम,
दिव्या दत्ता, राधिका आप्टे, अश्विनी कलसेकर, प्रतिमा काज़मी, जाकिर हुसैन, आदि,
माध्यम दर्जे के कलाकार थे । हैप्पी भाग जाएगी में हैप्पी का रोल डायना पेंटी ने
किया था । उनके साथ सह भूमिका में अभय देओल, अली फज़ल, जिमी शेरगिल, जावेद शेख,
पियूष मिश्र आदि थे । यह कास्ट उस समय किसी भी लिहाज़ से बॉक्स ऑफिस पर विश्वसनीय नहीं समझी जाती थी। अब इन्ही दोनों फिल्मों की सीक्वल फ़िल्में बनाये जाने की खबर है । निर्माता दिनेश विजन आजकल बतौर डायरेक्टर अपनी
पहली फिल्म राब्ता की रिलीज़ में व्यस्त है । एक इंटरव्यू के दौरान उन्होने खुलासा
किया कि वह फिल्म बदलापुर का सीक्वल बनाना चाहते हैं । बदलापुर की सीक्वल फिल्म
रोमांटिक फिल्म होगी । मगर इसमे कांसेप्ट बदलापुर वाला ही होगा । ख़ास बात यह होगी
कि फिल्म के हीरो वरुण धवन नहीं होंगे । बकौल दिनेश विजन, “इस फिल्म के केंद्र में
एक लड़की होगी । इस कहानी को पढ़ने के बाद इसे करने वाली अभिनेत्री को किरदार करते
समय थोडा डर लगेगा ।“ इस किरदार को कौन अभिनेत्री करेगी, यह तो दिनेश विजन ने नहीं
बताया । लेकिन, सूत्र संकेत देते हैं कि दिनेश विजन ने इस रोल को दीपिका पादुकोण
को ऑफर किया है । दीपिका पादुकोण आजकल पद्मावती में बिजी हैं । हो सकता है कि
फुर्सत मिलने पर वह फिल्म की स्क्रिप्ट पढ़े और हाँ कर दे । वैसे बॉलीवुड गलियारे
की खबर है कि दीपिका पादुकोण इस फिल्म को करने जा रही है । इस फिल्म की बाकी कास्ट
२०१५ वाली फिल्म की ही होगी । फिल्म का निर्देशन श्रीराम राघवन ही करेंगे ।
पिछले साल १८ अगस्त
को रिलीज़ फिल्म हैप्पी भाग जाएगी को बेहद मामूली प्रचार के साथ रिलीज़ किया गया था ।
इसके बावजूद फिल्म बड़ी हिट हुई तो इसलिए कि इसके किरदारों में ताज़गी थी । शादी करने जा रही औरत का घर से भागना और भागते हुए पाकिस्तान पहुँच जाना, दर्शकों
के लिए रोचक स्वप्न देखने जैसा था । डायना पेंटी ने अपने हैप्पी के किरदार में
काफी मेहनत की थी । कहा जा सकता है कि ऎसी सफल फिल्म के सीक्वल में नायिका का
किरदार करने का अधिकार डायना पेंटी का ही बनता है । लेकिन, वास्ताव् में ऐसा है
नहीं । हैप्पी भाग जाएगी की सीक्वल फिल्म में अभय देओल, जिमी शेरगिल, अली फज़ल, आदि
अपने अपने किरदार कर रहे होंगे । लेकिन, दर्शकों को हैप्पी बदली हुई नज़र आयेगी ।
हैप्पी भाग जाएगी के सीक्वल के लिए सोनाक्षी सिन्हा से संपर्क किया गया है ।
सोनाक्षी सिन्हा की पिछली तीन फ़िल्में अकीरा, फ़ोर्स २ और नूर ने औसत बिज़नस ही किया
है । हालाँकि, इन फिल्मों में सोनाक्षी केन्द्रीय चरित्र कर रही थी । इन फिल्मों
को सफलता न मिलने के बावजूद सोनाक्षी सिन्हा को महत्वपूर्ण किरदार वाली फ़िल्में
मिल रही हैं । सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ
इत्तेफाक के रीमेक में सोनाक्षी सिन्हा केंद्रीय भूमिका कर रही हैं । सोनाक्षी
सिन्हा को हैप्पी भाग जाएगी की स्क्रिप्ट बहुत पसंद आई है । खबर यहाँ तक है कि
सोनाक्षी सिन्हा हैप्पी बनेंगी ।
सीक्वल फिल्मों की
भगदड़ में अजब दौड़ लग रही है । जहाँ सोनाक्षी सिन्हा को बदलापुर २ में वरुण धवन के
जूते पहनाये जा रहे हैं, वहीँ वह दबंग सीरीज की तीसरी फिल्म से सोनाक्षी बाहर कर दी गई है ।
खबर है कि अरबाज़ खान की अगले साल शुरू होने जा रही फिल्म दबंग ३ में दबंग और दबंग
२ में सलमान खान की नायिका सोनाक्षी सिन्हा नहीं होंगी । सोनाक्षी सिन्हा द्वारा डॉली की डोली को इनकार कर दिए जाने के बाद से अरबाज़ खान सोनाक्षी सिन्हा से नाराज़ हैं ।
इसलिए, खान भाइयों ने नई हीरोइन की तलाश तेज़ कर दी है । यह भी खबर थी कि फरहान
अख्तर की फिल्म डॉन ३ में प्रियंका चोपड़ा को साइन कर लिया गया है । लेकिन, बेवाच
गर्ल ने इस खबर का तुरंत खंडन करने में देरी नहीं की । कम बजट वाली लेकिन, सफल दो
अन्य फिल्मों के सीक्वल भी बनाए जाने की खबर है । नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी और अरबाज़
खान की सोहेल खान निर्देशित फिल्म फ्रीकी अली का सीक्वल बनाया जायेगा । टाइगर
श्रॉफ की हिट बागी का सीक्वल भी इसी साल शुरू हो जायेगा । इन दोनों सीक्वल फिल्मों
की ख़ास बात यह है कि दोनों ही फिल्मों की मूल स्टार कास्ट में कोई ख़ास फेरबदल नहीं
किया गया है । जहां, फ्रीकी अली में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी और अरबाज़ खान की जोड़ी
होगी, वहीँ बागी २ में टाइगर श्रॉफ से रोमांस श्रद्धा कपूर के बजाय दिशा पाटनी कर
रही होंगी ।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Sunday, 28 May 2017
थ्रिलर फिल्म का म्यूजिकल प्रमोशन
अज्हा ग्लोबल
एंटरटेनमेंट की अपकमिंग थ्रिलर हिंदी फिल्म फ्लैट 211 का ट्रेलर चर्चा में है। अब इस फिल्म का प्रमोशन जोर शोर से शुरू हो
चूका है । हाल ही में मुंबई में इस फिल्म के एक म्यूजिकल प्रमोशन में फिल्म के
मुख्य गायक मोहम्मद इरफ़ान, दिव्या कुमार, म्यूजिक कंपोजर प्रकाश प्रभाकर और
निर्माता-निर्देशक सुनील संजन एक साथ मीडिया से रूबरू हुए। फिल्म के सभी पॉपुलर गीतों मे एक गीत सुरों के
सरताज मीका सिंह का 'क्रिमिनल अंखियां' भी है। इसके अलावा 'दर्द दिलों के कम हो
जाते' से अपनी पहचान बना चुके सिंगर मोहम्मद इरफ़ान ने 'तेरे लम्स ने' गाना गाया है, लम्स का मतलब होता
है स्पर्श। गायक दिव्य कुमार ने भी एक गाना गाया है जिसका नाम है 'एक दिन चलेगी साली'। फिल्म के सभी
गानों को प्रकाश प्रभाकर ने कंपोज़ किया है। २ जून को रिलीज़ होने जा रही यह फिल्म
एक मर्डर मिस्ट्री है । फिल्म के निर्माता और निर्देशक सुनील संजन है । फिल्म में राज और
सोनल सिंह के साथ समोनिका श्रीवास्तव और दिग्विजय सिंह प्रमुख भूमिकाओं में हैं।
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‘मशीन’ की ‘मस्त मस्त गर्ल’ कियारा अडवानी
फिल्म फगली (२०१४) से फिल्म इंडस्ट्री में आयी, अभिनेत्री कियारा अडवानी को क्रिकेटर एमएस धोनी पर बनी फिल्म में साक्षी धोनी के किरदार से पहचान मिली। पिछले दिनों उनकी अब्बास-मुस्तान की जोड़ी द्वारा निर्देशित फिल्म मशीन रिलीज़ हुई थी । इस फिल्म का एक रीमिक्स गीत तू चीज बडी हैं मस्त मस्त’ को अच्छी खासी फैनफॉलोविंग मिली । इस गीत से फिल्म में हीरो मुस्तफा के साथ डांस कर रही कियारा आडवाणी को मस्त मस्त गर्ल के नाम से पुकारा जाने लगा । इस बारे में कियारा कहती हैं, “जब भी कोई मुझे मस्त मस्त गर्ल नाम से पुकारता हैं, मेरे चेहरे पर मुस्कान खिल जाती हैं।“ अब तक तीन फिल्में कर चुकीं कियारा अडवानी का मानना है कि हर फिल्म से उन्हें कुछ ना कुछ सीखने को मिला हैं। वह कहती हैं, “ अब तक का मेरा सफर काफी अच्छा रहा हैं। मैं भाग्यशाली हूं कि जिनकी फिल्में देखकर मैं बडी हुई हूँ उनके साथ काम करने का मुझे मौका मिल रहा हैं। हर फिल्म के साथ मैं अपने आपको साबित करने की कोशीश कर रहीं हूँ।“ अपनी फिल्म मशीन के लिए कियारा ने काफी मेहनत की थी । लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से असफल हुई । कियारा कहती हैं, “आप कभी अपनी फिल्म के नतीजे का अनुमान नहीं लगा सकते । मेरी पिछली फिल्म (मशीन) ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन यह अभी भी मेरे दिल के करीब है । "
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हिमेश रेशमिया का डुप्लीकेट रिमेश राजा
रिमेश राजा को हिमेश रेशमिया के डुप्लीकेट के बतौर पहचाना जाता है । हिमेश रेशमिया की शैली में गीत गाने वाले रिमेश अपनी पहली एल्बम धोका लेकर आ रहे हैं । इस एल्बम के विडियो मे रिमेश के साथ डांस मास्टर गणेश आचार्य और एक्ट्रेस मदालसा शर्मा नज़र आएंगे। पिछले १५ सालों से कोलकाता के रह रहे रिमेश राजा पूरी दुनिया में शो करते आ रहे हैं। लेकिन, पहचान मिली २००६ में जब इन्हे जानेमाने सिंगर कंपोजर हिमेश रेशमिया के डुप्लीकेट के रूप में । मीडिया ने रिमेश राजा को रिमेश रेशमिया कहकर मशहूर बना दिया ।
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मोनिका बेदी की ‘मासूम’ नहीं है वापसी
२०१३ में संजयलीला भंसाली के शो सरस्वती चन्द्र से ज़बरदस्त वापसी करने वाली हैं | मोनिका बेदी शो मासूम से एक बार फिर दर्शकों को अपने टेढ़े तेवरों से सताने आ रही है | हालाँकि, उन्हें इस शो के लिए इस वजह से लिया गया कि उनके लुक मे दर्शकों को स्तब्ध कर देने की क्षमता है | लेकिन, इसके बावजूद वह एक मासूम को सताती नाराज़ आयेंगी | यह सीरियल लाइफ ओके पर ज़ल्द रिलीज़ होने जा रहा है | मासूम एक बदला कथा है | एक छोटे बच्चे की भूमिका ख़ास है | लेकिन, मोनिका बेदी का किरदार इस बच्चे के लिए दर्शकों की सहानुभूति बटोरने वाला साबित होगा | इस सीरियल में मनीष गोयल, रिकी पटेल और अमृता मुख़र्जी मुख्य भूमिका में हैं | तो तैयार हो जाइये मोनिका बेदी के तीखे तेवर देखने को !
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वरुण सोबती की फिल्म तू है मेरा सन्डे
टेलीविजन सीरियल इस प्यार को क्या नाम दू से सनसनी फैलाने वाले वरुण सोबती अब फिल्म के हीरो बन गया हैं | उनकी अभिनीत फिल्म तू है मेरा सन्डे ने तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सनसनी फैला दी है| इस फिल्म को मुंबई अकादमी ऑफ मूविंग इमेज (MAMI) फेस्टिवल २०१६ में दर्शकों की भारी भीड़ ने सराहा था | अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह फिल्म ‘बेस्ट नैरेटिव फीचर (दर्शकों का चुनाव)’ का पुरस्कार जीत चुकी है| मार्च में आयोजित सिनेक्वेस्ट फिल्म फेस्टीवल में दिखाए जाने के अलावा इसे ऑस्कर के लिए क्वालीफाई कराने वाले नैशविले फिल्म फेस्टीवल के लिए भी चुना गया था| फिल्म में वरुण पाँच युवाओं के एक दल का नेतृत्व कर रहे हैं | खबर है कि वह टेलीविजन पर इस प्यार को क्या नाम दूँ सीजन-२ के साथ नज़र आ सकते हैं| उम्मीद है कि वरुण के प्रशंसक उनके एक बॉलीवुड एक्टर के रूप का भी मजा लेंगे जो टेलीविजन पर पहले ही सफलतापूर्वक अपना झंडा गाड़ चुके हैं|
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Saturday, 27 May 2017
अक्षय कुमार बने टेलीविज़न रेटिंग के सुलतान
हिंदी फिल्मों के टेलीविज़न प्रीमियर की रेटिंग में जॉन अब्राहम की फिल्म के मुकाबले अक्षय कुमार की फिल्म को ज्यादा रेटिंग मिलना तो समझ में आता है. लेकिन, अगर अक्षय कुमार की फिल्म सलमान खान की फिल्म को भी पछाड़ देती है तो किसे इडियट बॉक्स का सुलतान कहेंगे ? जी हाँ, जॉन अब्राहम और वरुण धवन की फिल्म डिशूम का पिछले साल २५ सितम्बर को स्टार गोल्ड पर वर्ल्ड प्रीमियर हुआ था . इस फिल्म को २.७९ की टेलीविज़न रेटिंग मिली थी. सलमान खान की फिल्म सुल्तान का वर्ल्ड प्रीमियर सोनी मैक्स पर पिछले साल ही १५ अक्टूबर को हुआ . इस फिल्म को ३.३२ की रेटिंग दी गई थी . लेकिन अक्षय कुमार की सोशल कॉमेडी फिल्म जॉली एलएलबी २ ने इन दोनों फिल्म को पछाड़ कर ३.८३ की रेटिंग हासिल की है. जॉली एलएलबी २ का वर्ल्ड प्रीमियर इसी साल १४ मई को स्टार गोल्ड पर हुआ था. हैं न अक्षय कुमार इडियट बॉक्स के जॉली सुलतान !
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टीम इंडिया के समर्थन में मुन्ना माइकल
टाइगर श्रॉफ ने कल
मुंबई के एक उपनगरीय स्टूडियो में आगामी आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी और टीम
इंडिया के लिए एक विशेष प्रमोशनल वीडियो शूट किया । यह विडियो ४ जून को स्टार
स्पोर्ट्स पर प्रसारित किया जाएगा । टाइगर श्रॉफ ने टीम इंडिया की जर्सी पहनकर, अपनी आने वाली डांस
एक्शन फिल्म मुन्ना माइकल का प्रमोशन इस स्पेशल परफॉर्मन्स से शुरू कर दिया है।
टाइगर श्रॉफ कहते हैं, "मुझे क्रिकेट से बहुत प्यार हैं । इस विशेष
परफॉर्मन्स से मैं आगामी चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया को प्रोत्साहित करना
चाहता हूँ । गीत मैं हूं को कुमार ने लिखा है, सिद्धार्थ महादेवन ने गाया है और
तनिष्क बागची ने कंपोज किया है । इस सॉन्ग को फिल्म के प्रोमो में भी शामिल
किया गया है । गणेश आचार्य की
कोरियोग्राफी पर टाइगर श्रॉफ ने गजब के मूव्स किये है ।
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बॉलीवुड की ‘डिअर माया’ मनीषा कोइराला !
सुनैना भटनागर निर्देशित फिल्म डिअर माया शिमला
के एक गाँव में अकेली रहने वाली और गुडिया बना कर गुजर बसर करने वाली महिला माया
देवी की कहानी है। माया को कोई लव लैटर लिख रहा है। कौन लिख रहा है, यह पता तो नहीं चलता। लेकिन माया के सपनों
को पंख लग जाते हैं। वह खुली आँखों से सात रंग के सपने देखने लगती है। एक अकेली औरत के
मनोविज्ञान को समझने वाली बेहद उलझी हुई फिल्म है डिअर माया। इस जटिल चरित्र को
सामान्य ढंग से करने के लिए किसी सक्षम अभिनेत्री की ज़रुरत होती है। सुनैना भटनागर की
फिल्म डिअर माया की इस ज़रुरत को पूरा करती हैं अभिनेत्री मनीषा कोइराला। मनीषा कोइराला कोई पांच साल बाद रुपहले परदे पर वापसी कर रही हैं। ज़ाहिर है कि हिंदी
फिल्म दर्शक मनीषा कोइराला के अभिनय का दीवाना है तभी तो डिअर माया का ट्रेलर सोशल
साइट्स पर वायरल हो गया है।
२६ साल पुराना परिचय
हिंदी फिल्म दर्शकों से मनीषा कोइराला का परिचय
२६ साल पुराना है। निर्माता निर्देशक
सुभाष घई ने कोई ३२ साल बाद राजकुमार और
दिलीप कुमार को एक साथ ला कर धमाका कर दिया था। इन दो ज़बरदस्त एक्टरों के बीच दो नए चेहरे विवेक
मुश्रान और नेपाली ब्यूटी मनीषा कोइराला का रोमांटिक डेब्यू हो रहा था। फिल्म देखने जाने वाले तमाम दर्शकों में दिलीप
कुमार-राजकुमार टकराव देखने की उत्तेजना थी। लेकिन, जब दर्शक फिल्म देख कर बाहर निकलता तो उसकी जुबां पर फिल्म का गीत इलू इलू होता
और दिमाग पर मनीषा कोइराला के पर्वतीय सौन्दर्य का कब्ज़ा । इसका नतीजा था कि
मनीषा कोइराला को लेकर तथा विवेक मुश्रान के साथ जोड़ी बना कर फ़िल्में बनाने की होड़
लग गई। यह सभी बेहद कमज़ोर थी। लिहाजा बॉक्स ऑफिस पर धडाम हो गई।
सौदागर के बाद असफलता
सौदागर में मनीषा कोइराला के रोमांस विवेक
मुश्रान अपनी फिल्मों की असफलता के बाद बिलकुल नदारद हो गए। लेकिन मनीषा कोइराला
फ्लॉप फिल्मों के बावजूद जमी रही। उन्होंने फ़िल्में हिट हो या फ्लॉप,
अपने अभिनय का लोहा मनवाया। १९४२ अ लव स्टोरी
(१९९४), बॉम्बे और अकेले हम अकेले तुम (दोनों १९९५), अग्नि साक्षी (१९९६), ख़ामोशी द म्यूजिकल
(१९९६), आदि फिल्मों में अपने अभिनय से सबको प्रभावित किया। १९९० के दशक में वह
उस समय की माधुरी दीक्षित, काजोल, रानी मुख़र्जी, आदि को चुनौती देती लगती थी। लेकिन, इस सब के बावजूद मनीषा कोइराला के फिल्म करियर को उनके निजी जीवन ने
बेहद प्रभावित किया। वह फिल्मों से ज्यादा देर रात पार्टियों, बॉय फ्रेंड्स और
शराब के नशे को लेकर सुर्ख होने लगी। इसके बावजूद राजीव राय की फिल्म गुप्त : द हिडन ट्रुथ, मणि रत्नम की फिल्म
दिल से, मिलन लुथरिया की फिल्म कच्चे धागे,
इन्द्र कुमार की फिल्म मन, राजकुमार संतोषी की
फिल्म लज्जा और उज्जवल चट्टोपाध्याय की
फिल्म एस्केप फ्रॉम तालिबान ने मनीषा कोइराला की अभिनेत्री की प्रतिष्ठा को बरकरार
रखा था।
मनीषा कोइराला की मार्केट को धक्का !
मनीषा कोइराला की इस प्रतिष्ठा को धक्का पहुंचा
जय प्रकाश की फिल्म मार्केट के बाद। मार्केट बॉक्स ऑफिस पर सफल हो गई। लेकिन, मनीषा कोइराला की ऎसी घटिया फिल्म करने के लिए आलोचना की गई। रही सही कसर पूरी कर
दी चाहत एक नशा, अनजाने द अननोन, लाइफ लुक्स ग्रीनर ऑन द आदर साइड,
आदि नायिका के खुले अंगों का प्रदर्शन करने वाली
फिल्मों ने। दर्शकों को उस समय बड़ा धक्का लगा,
जब उनकी प्रिय अभिनेत्री शशिलाल नायर की फिल्म एक
छोटी सी लव स्टोरी में एक किशोर युवक के साथ सेक्स कर रही थी। यह फिल्म देखने के
बाद कोई भी यह कह सकता था कि मनीषा कोइराला का करियर किस फेज से गुजर रहा था | हालाँकि, इस दौरान मनीषा
कोइराला ने अग्निसाक्षी वाले पार्थो घोष की फिल्म एक सेकंड....जो ज़िन्दगी बदल दे
और दीप्ति नवल की फिल्म दो पैसे की धूप और चार आने की बारिश से वापसी करने की
कोशिश की। लेकिन, रामगोपाल वर्मा की गैंगस्टर वॉर फिल्म कंपनी और हॉरर फिल्म भूत
रिटर्न्स के बाद अभिनेत्री मनीषा कोइराला की फिल्मों में वापसी नहीं हुई।
घरेलू परेशानियां और कैंसर
२०१० से मनीषा कोइराला घरेलू परेशानियों से जूझ
रही थी। उनकी २०१० में एक नेपाली व्यवसाई सम्राट दहल से शादी हुई थी। लेकिन, यह शादी सफल नहीं हो
सकी। २०१२ में दोनों में तलाक़ हो गया। इसी साल उनके गर्भाशय में कैंसर का पता चला। यह किसी भी औरत की
बड़ी त्रासदी थी कि एक तरफ वह अपनी उथल पुथल भरे वैवाहिक ज़िंदगी से जूझ रही थी, दूसरी ओर उसे अब
कैंसर से भी लड़ना था। इसके बाद मनीषा कोइराला फिल्मों से बिलकुल दूर चंद शब्दों के समाचारों
में खो गई। कभी कभार यह खबर आती कि मनीषा कोइराला कहीं विदेश में अपना कैंसर का
ईलाज करा रही है। फिर एक दिन खबर आई कि वह अब बिलकुल ठीक है। इसी के साथ दर्शक
इंतज़ार करने लगे कि कब उनकी प्रिय अभिनेत्री मनीषा कोइराला अभिनय की दुनिया में
लौटती है !
अब डिअर माया और नर्गिस
अब तीन साल तक कैंसर के ईलाज के बाद पूरी तरह से
ठीक हो गई मनीषा कोइराला हिंदी फिल्मों में वापसी कर रही है। सुनैना भटनागर की
फिल्म डिअर माया उनकी वापसी के लिए श्रेष्ठ फिल्म साबित हो सकती है। डिअर माया २ जून को
रिलीज़ हो रही है। मनीषा कोइराला अपनी इस वापसी फिल्म के लिए खूब प्रचार कर रही हैं और
इंटरव्यू दे रही हैं। उनके चेहरे पर थकान साफ़ नज़र आती हैं। लेकिन, वापसी फिल्म का उत्साह इसे दूर भगा देता है। डिअर माया कितनों को
लुभा पाती है, पता नहीं। लेकिन मनीषा का सफ़र
अब चलते रहने वाला है। वह राजकुमार हिरानी की संजय दत्त के जीवन पर अनाम फिल्म में संजय दत्त की माँ
नर्गिस का किरदार कर रही हैं। मनीषा कोइराला ने संजय दत्त के साथ यलगार, सनम, अचानक, कारतूस, खौफ, बागी और महबूबा जैसी
फ़िल्में की हैं। कुछ फिल्मों में वह संजय दत्त का प्यार बनी थी। ऐसे में अपने रील
लाइफ प्रेमी की रील लाइफ माँ का किरदार किसी अभिनेत्री को अटपटा सा लग सकता है। लेकिन, अभिनेत्री मनीषा
कोइराला को ऐसी फिल्मों की दरकार है। वह जानती है कि वह संजय दत्त की बायोपिक से नर्गिस के उस दर्द को बयान कर
सकेगी, जो कैंसर से जूझती नर्गिस ने नशीली दवाओं के चपेट में रहने वाले बेटे को देख देख कर
भोगा था। यह संयोग की बात है कि नर्गिस दत्त की मौत भी कैंसर से हुई थी।
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Thursday, 25 May 2017
'काला' के ज़रिये रजनीकांत की राजनीति !
ऐसा लगता है कि सुपरस्टार रजनीकांत राजनीति में आने को लेकर गंभीर है। उनकी अगली फिल्म के ऐलान के बाद यह पुख्ता खबर लगती है। रजनीकांत की अगली फिल्म का निर्माण रजनीकांत के दामाद धनुष राजा कर रहे हैं। इस फिल्म का टाइटल काला रखा गया है । वंडर फिल्म्स के बैनर तले बनाई जा रही इस फिल्म का निर्देशन पीए रंजित कर रहे हैं। पीए रंजित ने २०१२ में रिलीज़ पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म 'मद्रास' से माध्यम पर अपनी पकड़ साबित की थी। रजनीकांत की पिछली हिट फिल्म कबाली का निर्देशन भी रंजित ने ही किया था। नई फिल्म का टाइटल 'काला' उत्तर भारतीयों द्वारा दक्षिण भारतीयों को उनके रंग के आधार पर अपमानित करने के लिए काला कह कर बुलाने से प्रेरित है। ख़ास बात यह है कि इस टाइटल के साथ कारिकालन शब्द भी जुड़ा है। कारिकालन एक चोल राजा था, जो अपने साहस और बुद्धिमानी के लिए मशहूर था। इससे साफ़ है कि फिल्म में रजनीकांत काले रंग के बावजूद अपनी श्रेष्ठता साबित करने जा रहे हैं। इस फिल्म की कहानी मुंबई की पृष्ठभूमि पर एक तमिल गैंगस्टर की है। मुंबई में रंग के आधार पर भेदभाव की इस कहानी में रजनीकांत तमाम बाधाओं और अपमान के बावजूद खुद के लिए सम्मान हासिल करते हैं। उल्लेखनीय है कि रजनीकांत ने कबाली फिल्म में भी मलेशिया के एक गैंगस्टर का किरदार किया था। रजनीकांत की २०१० की हिट फिल्म एंधिरन (हिंदी में रोबोट) की सीक्वल फिल्म २.० अगले साल रिलीज़ होगी। फिल्म काला का निर्माण तमिल और हिंदी में किया जायेगा। इस फिल्म को अन्य भारतीय भाषाओं में डब कर भी रिलीज़ किया जायेगा। दक्षिण के मशहूर फिल्म एडिटर श्रीकर प्रसाद पहली बार रजनीकांत की किसी फिल्म का संपादन करेंगे। आज इस फिल्म के हिंदी, इंग्लिश, तमिल, आदि भाषाओँ में पोस्टर रिलीज़ किये गए। क्या दक्षिण के लोगों के साथ उत्तर के भेदभाव को उजागर कर रजनीकांत तमिल राजनीति में अपनी पैंठ जमा पाएंगे ?
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साउथ सिनेमा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
जब सोनम कपूर को बता दिया गया दीपिका पादुकोण
इक्का दुक्का बाहुबली फ़िल्में चाहे दुनिया फतह कर लें, लेकिन विदेशी मीडिया के लिए बॉलीवुड अभी भी अनजाना है। फिल्म तो फिल्म, विदेशी मीडिया के लोग चेहरो को तक नहीं पहचानते। अभी पिछले दिनों, दीपिका पादुकोण विदेशी मीडिया पर झल्लाती हुई नज़र आई कि मुझे प्रियंका चोपड़ा कह कर आवाज़ दी गई। अभी विदेशी जर्नो इस हादसे से उबरे नहीं थे कि दूसरा हादसा घट गया। ७०वे कांस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल को कवर कर रही एक अमेरिकन फोटो स्टॉक एजेंसी ने सोनम कपूर का फोटो लगा कर कैप्शन दिया कि ७०वे कांस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की प्रतियोगी श्रेणी में अपनी फिल्म मेएरोवित्ज़ स्टोरी के लिए हिस्सा लेने आई भारतीय अभिनेत्री दीपिका पादुकोण। सोनम कपूर फ्रांस में नियमित आती रहती है। जबकि, दीपिका पादुकोण का कांस फेस्टिवल में पहली एंट्री थी। इसलिए, सोनम कपूर के लिए यह ट्वीट शॉकिंग थी। उधर इतनी प्रतिष्ठित एजेंसी की यह त्रुटि सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई। लेकिन, सोनम कपूर ने इसे ख़ास तवज्जो नहीं दी। जब सोनम कपूर की प्रतिक्रिया मांगी गई तो सोनम कपूर ने कहा, "सही टैग्ड हजारों फोटोज में से किसी एक फोटो का मिस टैग्ड गलती मानी जानी चाहिए, न कि इसे गलत पहचान माना जाना चाहिए । आप सही कर लीजिये, पीआर पर इतना भरोसा क्यों।" सोनम कपूर की यह प्रतिक्रिया सुन कर सहसा याद आ जाती हैं दीपिका पादुकोण। एक बार अमेरिका में विदेशी मीडिया ने दीपिका पादुकोण को क्वांटिको की प्रियंका चोपड़ा समझ कर, प्रियंका नाम से बुला लिया था। इससे दीपिका पादुकोण बिफर गई। उन्होंने विदेशी मीडिया को चेहरों की पहचान उसके रंग से करने वाला रंग भेदी मीडिया करार दिया था।
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Wednesday, 24 May 2017
वॉर मशीन के प्रमोशन और प्रीमियर पर ब्रैड पिट
आज (२४ मई को) हॉलीवुड अभियंता ब्रैड पिट अपनी फिल्म वॉर मशीन के प्रमोशन के लिए मुंबई में थे। बॉलीवुड के तमाम बड़े सितारे उनके स्वागत में पालक पांवड़े बिछाए हुए थे। इस प्रचार के दौरान शाहरुख़ खान उनके साथ बने रहे। वॉर मशीन, लेखक माइकल हेस्टिंग्स की नोटिफिकेशन बुक द ऑपरेटर्स का फिल्म रूपांतरण है। इस फिल्म को, एनिमल किंगडम फिल्म के लेखक निर्देशक डेविड मिचोड ने निर्देशित किया है। फिल्म में ब्रैड पिट एक अमेरिकन जनरल ग्लेन मैक्महोन का किरदार कर रहे हैं, जो युद्ध के मैदान में अपनी रॉक स्टार युद्ध-शैली के कारण मशहूर है। उसका पतन उस समय शुरू होता है, जब एक पत्रकार उसकी बखिया उधेड़ने लगता है। इस फिल्म के निर्माण में ६० मिलियन डॉलर खर्च हुए है। यह फिल्म थिएटरों में रिलीज़ नहीं हो रही है। इस फिल्म को २६ मई से नेटफ्लिक्स पर दिखाया जायेगा। आज रात इस फिल्म के प्रीमियर में ब्रैड पिट ने भी हिस्सा लिया।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
डार्क फ़ीनिक्स यानि एक्स-मेन ७
पिछले कुछ
महीनों की अफवाहों के गर्म बाज़ार के बाद यह तय हो गया है कि एक्स-मेन सरिस की अगली
फिल्म डार्क फ़ीनिक्स टाइटल के साथ रिलीज़ की जाएगी | इस फिल्म को एक्स-मेन सीरीज की दो फिल्मों एक्स २: एक्स मेन यूनाइटेड
और एक्स-मेन : द लास्ट स्टैंड को रिबूट कर बनाया
जा रहा है | इस फिल्म की
पृष्ठभूमि १९९० के दशक वाली होगी | फिल्म में सोफी टर्नर अपने जीन ग्रे के किरदार में नज़र आएँगी | फिल्म की पूरी
कास्ट क्या होगी, इसका ऐलान होना बाकी है | मगर टुकड़ों टुकड़ों में खबरें ज़रूर छान कर आ रही है | इन खबरों के अनुसार
फिल्म से दो दूसरे आइकोनिक चरित्र जोड़े जा रहे हैं | हालिया रिलीज़ फिल्म एलियन: कोवेनेंट के माइकल फस्बेंदर की मैग्नेटो
के बतौर वापसी होगी | फिल्म के एक प्रोडूसर
हच पार्कर ने सिनेमाब्लैंड को संकेत दिया कि जेनिफर लॉरेंस का मिस्टिक करैक्टर भी
फिल्म में होगा | सीरीज के
निर्माताओं के बयानों पर भरोसा करें तो प्रोफेसर एक्स, बीस्ट, मोइरा मकटागेर्ट,
क्विकसिल्वर, स्टॉर्म और नाईटक्रॉलर जैसे चरित्र फिर वापसी करेंगे | कुछ बुरे चरित्रों
को शामिल किये जाने पर भी काम चल रहा है | ख़ास बात यह है कि डार्क फ़ीनिक्स से लेखक-निर्माता सिमोन किन्बर्ग
बतौर निर्देशक डेब्यू करेंगे | यह भी तय हो गया है कि एक्स-मेन: डार्क फ़ीनिक्स २ नवम्बर २०१८ को
रिलीज़ होगी |
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हॉलीवुड
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