Friday 19 July 2013

मैंने प्यार किया है रमैया वस्तावैया !


प्रभु देवा निर्देशित फिल्म रमैया वस्तावैया को देखते समय सलमान खान की १९८९ की ब्लॉकबस्टर फिल्म मैंने प्यार किया की याद आ सकती है. ग्रामीण परिवेश यहाँ भी है. गिरीश कुमार का नाम भी राम है. श्रुति हासन सुमन नहीं सोना है। मैंने प्यार किया में भाग्यश्री का पिता सलमान खान को अपनी मेहनत की कमाई ला कर दिखाने को कहता है. जबकि रमैया वस्तावैया में श्रुति हासन का भाई गिरीश कुमार से खेत में ज्यादा बीज उगा कर दिखाने का चैलेंज देता है. गिरीश इस लक्ष्य को पायेगा, यह तो तय था.लेकिन किस प्रकार, यह देखना सचमुच रोचक है.  सूरज बडजात्या के ठीक विपरीत इसमे प्रभुदेवा का  तड़का है, स्टाइल है. प्रभुदेवा ने २०० ५ में मैंने प्यार किया का ब्लॉकबस्टर तेलुगु रीमेक बनाया था. प्रभुदेवा ने अब अपनी ही फिल्म का रीमेक किया है. मानना पड़ेगा कि प्रभुदेवा को दर्शकों की नब्ज की समझ है. वह हर फ्रेम को रोचक ढंग से पेश करते है। यही कारण है कि जानी पहचानी कहानी पर फिल्म होने के बावजूद दर्शकों को पर्याप्त नयापन मिलता रहता है. सचिन जिगर का संगीत कहानी के माहौल के अनुरूप मस्त है. ख़ास तौर पर, जीने लगा हूँ गीत पर सिनेमाघर सीटियों से गूंजने लगते है. जेक्विलिन फर्नांडीज के साथ प्रभु देवा की जादू की झप्पी दर्शकों को मस्त कर देती है. कहानी गाँव की होने के बावजूद किसी प्रकार के पुरानेपन  या ऊब का एहसास नहीं होता. इसके लिए प्रभुदेवा के अलावा लेखक शिराज़ अहमद तारीफ के हक़दार है कि दर्शकों में मैंने प्यार किया के दोहराव का शिकार होने नहीं देते. नयापन बनाये रखते है.
तारीफ तो श्रुति हासन और गिरीश कुमार की भी करनी होगी. श्रुति तो खैर दक्षिण की पुरस्कार प्राप्त और अनुभवी अभिनेत्री है। वह अपने सोना के किरदार को बड़े स्वभाविक ढंग से करती है। इमोशनल मोमेंट में वह अपनी आँखों और चेहरे से प्रभावित करती है। लेकिन, तालियों के हक़दार हैं डेब्यू एक्टर गिरीश कुमार. वह बेहद कॉन्फिडेंस से अपने किरदार को अंजाम देते है। हालाँकि इस फिल्म में  उन को देखते समय सलमान खान की याद आती है, लेकिन वह सलमान खान से कहीं बहुत आगे है. सलमान खान तो आज भी चेहरा बनाने को अभिनय समझते है। मैंने प्यार किया में वह इसे काफी बचकाने तरीके से करते थे. लेकिन, गिरीश कुमार कॉमेडी और इमोशनल दृश्यों में बढ़िया काम करते है। वह अच्छे डांसर भी साबित होते है। दर्शक उन के किरदार से बंधा हुआ महसूस करते है। गिरीश पूरी फिल्म को अपने कंधे पर सम्हाल लेते है। अगली फिल्म में गिरीश कुमार क्या करते हैं, यह पता नही. लेकिन इस फिल्म में वह दर्शकों की अपेक्षाओं में खरे उतरते है. सोनू सूद श्रुति के भाई रघुवीर की भूमिका में प्रभावित करते है। गिरीश कुमार के दोस्त बिजली की भूमिका में परेश  गणात्रा हंसाने में सफल रहते है. फिल्म में विनोद खन्ना पूनम ढिल्लों और गोविन्द नामदेव जैसे वरिष्ठ सितारे है. दक्षिण के नासर कॉमिक विलेन बने है. यह सब अपना काम ठीक कर ले जाते है. लेकिन, सतीश शाह और जाकिर हुसैन को देख कर कोफ़्त होती है. यह सक्षम अभिनेता पैसों की खातिर बेकार की भूमिकाएं पूरे बेकार ढंग से कैसे कर ले जाते है.
दर्शकों ने धनुष के अभिनय के कारण राँझना को देखा था. उम्मीद है कि इस बार वह रमैया वस्तावैया के गिरीश कुमार के लिए सिनेमाघरों तक आयेंगे।




 

No comments:

Post a Comment