आधुनिक दुनिया में द डार्क नाइट ट्राइलॉजी के डायरेक्टर के बतौर मशहूर क्रिस्टोफर नोलान अपनी जड़ों की तरफ लौटते लगते हैं। फॉलोइंग (१९९८) जैसी अपराध फिल्म से निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखने वाले क्रिस्टोफर नोलान ने मेमेंटो (इस फिल्म का रीमेक हिंदी फिल्म गजिनी थी) जैसी साइकोलॉजिकल थ्रिलर और द प्रेस्टीज जैसी रहस्य ड्रामा फिल्म भी बनाई है। ऐसे में जबकि वह इंटरस्टेलर और इन्सेप्शन जैसी फिल्मों से काल्पनिक नायकों नायकों की दुनिया में खोते नज़र आ रहे थे, द्वितीय विश्वयुद्ध पर उनकी फिल्म डंकिर्क उन्हें यथार्थ के धरातल पर विचरते दिखाने वाली फिल्म बन जाती है। यह फिल्म दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान (१९४० में) डंकिर्क के समुद्री किनारे पर फंसे मित्र राष्ट्रों के चार लाख सैनिकों को बाहर निकालने की वास्तविक कहानी है। इस फिल्म में टॉम हार्डी, मार्क रयलांस, केनेथ ब्रना, सिलियन मर्फी, फिओन वाइटहेड, अनेउरिन बर्नार्ड, जेम्स डार्सी, जैक लौडेन, बैरी कोहन, टॉम ग्लीन-करने और हैरी स्टाइल्स द्वितीय विश्वयुद्ध के वास्तविक और काल्पनिक किरदारों में हैं। डंकिर्क २१ जुलाई को पूरी दुनिया में रिलीज़ हो रही है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday, 10 May 2017
द्वितीय विश्वयुद्ध पर क्रिस्टोफर नोलान की फिल्म
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Hollywood
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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