Sunday, 9 December 2018

सोलो रिलीज़ न हो बड़ी फ़िल्में !


किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि ऐसा होगा।  बड़ी फ़िल्में रिलीज़ होती हैं।  कुछ सफल होती हैं तो कुछ असफल भी।  लेकिन, कुछ अभिनेताओं की गारंटी होती है।  उनकी फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट होंगी ही। तीन खान अभिनेता यानि सलमान, आमिर और शाहरुख़, बॉक्स ऑफिस पर सफलता की गारंटी होते हैं। इन तीन अभिनेताओं की फ़िल्में रिलीज़ होती हैं तो बॉक्स ऑफिस पर थर्टी प्लस और फोर्टी प्लस के कलेक्शन की उम्मीद की जाने लगती है। इन की फिल्मों की आंधी से बचने के लिए दूसरी फ़िल्में दो हफ्ता आगे पीछे हो जाती हैं।

सलमान खान की फिल्मों की दुर्दशा 
लेकिन इन्ही खान अभिनेताओं के दुर्दिन देखिये। सलमान खान की फिल्म रेस ३, सलमान खान के सर्वप्रिय ईद वीकेंड पर रिलीज़ हुई थी । फिल्म ने बड़ी ओपनिंग भी ली थी । लेकिन, इसके बाद बुरे रिव्यु और दर्शकों की नकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद, रेस ३ को बॉक्स ऑफिस पर २०० करोड़ कमाने के लाले लग गए। फिल्म का लाइफटाइम कलेक्शन १७३ करोड़ का रहा। कुछ ऐसी ही दशा पिछले साल के ईद वीकेंड पर रिलीज़ उनकी फिल्म ट्यूबलाइट की भी हुई थी।  २०० करोड़ को तरस गई।

ढह गए बॉलीवुड के ठग
दीवाली वीकेंड पर एक दूसरे खान, आमिर खान की फिल्म ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान रिलीज़ हुई थी । इस फिल्म को ५००० प्लस स्क्रीन्स पर रिलीज़ किया गया था। हर दिन फिल्म के २२ हजार शो हुए। फिल्म ने पहले दिन कथित तौर पर ५० करोड़ प्लस का रिकॉर्ड तोड़ कारोबार भी किया। लेकिन, फिल्म को नकारात्मक समीक्षा मिली। दर्शकों ने फिल्म को जम कर उलाहना दी। दूसरे दिन ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान २८ करोड़ पर ढह गई। अब तय  माना जा रहा है कि ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान २०० करोड़ का आंकड़ा नहीं छू पाएगी।

ताकि, रौनक कायम रहे
ऐसे में, अगले हफ्ते से ही सिनेमाघर सुनसान होने लगते हैं। चूंकि, कोई दूसरी फिल्म गेम में नहीं रहती तो दर्शक सिनेमाघर तक कैसे आये ! बुरी दशा तो दीवाली वीकेंड के ख़त्म होने पर हुई। वितरकों- प्रदर्शकों ने ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान के लिए २ हफ़्तों के लिए बॉक्स ऑफिस खाली छोड़ दिया था।  कोई भी फिल्म अगले दो हफ़्तों तक रिलीज़ नहीं होनी थी। ऐसे में वितरकों, ख़ास तौर पर प्रदर्शकों को उपयुक्त फिल्मों की तलाश थी, जो उन्हें थोड़े बहुत दर्शक दे सकें ताकि सिंगल और मल्टीप्लेक्स थिएटरों की रौनक कायम रह सके। अब यह बात दीगर है कि इस स्थिति का फ़ायदा उठाने के लिए सनी देओल की फिल्म मोहल्ला अस्सी, पीहू और होटल मिलन सामने आ गई। यह फ़िल्में उपयुक्त हफ्ते की तलाश में थी। 

इसीलिए विकल्प की ज़रुरत
ऐसे समय में यह सोचा जाने लगा है कि त्योहारों का वीकेंड एक फिल्म के लिए ही क्यों खुला छोड़ दिया जाए! कहा जा रहा है कि बेशक दो बड़ी फिल्मों का टकराव न हो, लेकिन कोई एक या दो कम बजट की फ़िल्में तो प्रदर्शित की जा सकती हैं।  या फिर पहले प्रदर्शित फ़िल्में, जो बॉक्स ऑफिस पर बढ़िया प्रदर्शन कर रही हैं, को इन बड़ी फिल्मों के साथ स्क्रीन्स दी जा सकती है। इससे बड़ी फिल्म के हाउसफुल जाने या बिलकुल नकारा साबित होने की दशा में, दर्शकों को छुट्टियों में मनोरंजन का दूसरा विकल्प मिल सकेगा । सिनेमाघरों को दर्शक उपलब्ध हो सकेंगे। 

जीरो को केजीएफ
शायदरेस ३ और अब ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान की असफलता से जन्मी सोच का नतीजा है कि जिस दिन २१ दिसंबर को, शाहरुख़ खान, कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा की फिल्म जीरो रिलीज़ होगी, उसी दिन दक्षिण की एक फिल्म केजीआर यानि कोलार गोल्ड फील्ड भी रिलीज़ होगी। क्योंकि, वितरकों और प्रदर्शकों को शाहरुख़ खान के स्टारडम पर भी भरोसा नहीं रहा है। उनकी,जब हैरी मेट सेजल तो पहले ही मार खा चुकी थी। अगर, जीरो भी बॉक्स ऑफिस पर मात खा गई तो कन्नड़ भाषा में बनाई गई एक्शन फिल्म केजीएफ दर्शकों को विकल्प देगी । इस फिल्म में कन्नड़ के बड़े अभिनेता यश की मुख्य भूमिका है। यह फिल्म ७० और ८० के दशक के मुंबई की है। इस फिल्म को, कन्नड़ के अलावा तमिल, तेलुगु और मलयालम के साथ साथ हिंदी में भी रिलीज़ किया जा रहा है। हिंदी संस्करण एक्सेल एंटरटेनमेंट द्वारा रिलीज़ किया जा रहा है। एक्सेल ने ही शाहरुख़ खान के साथ डॉन फ्रैंचाइज़ी का निर्माण किया था। यानि कन्नड़ फिल्म अपने डब संस्करणों के साथ पूरे भारत में शाहरुख़ खान की फिल्म जीरो को टक्कर देगी। इस प्रकार से दर्शकों को मनोरंजन का दूसरा विकल्प भी मिल सकेगा।  अगर वह प्रयोग सफल रहा तो आगे भी कोई खान बॉक्स ऑफिस का अकेला किंग नहीं बन सकेगा।

क्या दिसंबर से बदलेगा नज़ारा !
संभव है कि दिसंबर से ही नज़ारा बदला बदला नज़र आये। जीरो के मुक़ाबले में कोलार गोल्ड फील्ड तो डट ही गई है।  कुछ दूसरी फ़िल्में भी आ सकती है। आज निर्देशक रोहित शेट्टी की एक्शन फिल्म सिम्बा २८ दिसंबर को अकेली नज़र आ रही है, उसके सामने रिलीज़ होने तक कुछ दूसरी फ़िल्में भी आ जाएँ। हो सकता है कि सिम्बा या जीरो के सामने वाराणसी में काशी की खोज की सनसनीखेज दास्ताँ काशी टू कश्मीर या आदित्यम में से कोई रिलीज़ हो जाए।  हॉलीवुड की बड़ी एक्शन और फ़न्तासी फ़िल्में तो रिलीज़ हो ही रही हैं। 

यह नहीं चाहेगी इंडस्ट्री !
नए साल में, बॉलीवुड की नई फ़िल्में रिलीज़ होने का सिलसिला ११ जनवरी से शुरू हो जायेगा। इस तारिख को विक्की कौशल, यामी गौतम, परेश रावल और कीर्ति कुल्हाड़ी की फिल्म उरी के सामने नरगिस फाखरी की हॉरर फिल्म अमावस रिलीज़ होगी।  बॉलीवुड मंझोले बजट की इन दो फिल्मों की बॉक्स ऑफिस पर तकरार की उपेक्षा कर सकता है। लेकिन, फिल्म इंडस्ट्री कतई नहीं चाहेगी कि २५ जनवरी २०१९ को, कंगना रनौत की स्वतंत्रता के प्रथम विश्व युद्ध पर फिल्म मणिकर्णिका : द क्वीन ऑफ़ झाँसी और हृथिक रोशन की बायोपिक फिल्म सुपर ३० का टकराव हो और नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी की बाल ठाकरे की बायोपिक फिल्म ठाकरे और इमरान हाशमी की इंजीनियरिंग कॉलेजों के घोटाले पर फिल्म चीट इंडिया उन्हें घेरे ! क्योंकि, मणिकर्णिका और सुपर ३० के टकराव से, दोनों बड़ी फिल्मों को होने वाला फायदा न मिल सके। इसलिए, इस मुकाबले को टालने की कोशिश की जाएगी। लेकिन, २०१७ में हृथिक रोशन की फिल्म काबिल और शाहरुख़ खान की फिल्म रईस का मुक़ाबला नहीं टाला जा सका था। 

उम्मीद है कि...!
वैसे उम्मीद की जा रही है कि २५ जनवरी को मणिकर्णिका या सुपर ३० में से कोई एक फिल्म मुक़ाबले से हट जाए। बॉलीवुड चाहेगा कि बड़ी फिल्मों के मुंह के बल गिरने का नुकसान इंडस्ट्री के किसी सेक्टर को न हो। इसलिए, मणिकर्णिका और सुपर ३० न टकराये। इन दो फिल्मों से कोई एक फिल्म रिलीज़ हो। उस फिल्म के सामने इमरान हाशमी की चीट इंडिया या नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी की ठाकरे में से कोई रिलीज़ हो। अगर यह सफल हुआ तो आज संभावित नज़र आ रहा ब्रह्मास्त्र और बाटला हाउस का १५ अगस्त २०१९ को होने वाला मुक़ाबला न हो। लेकिन, इतना तय है कि फरवरी २०१९ में हो रही एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा, गली बॉय और टोटल धमाल सोलो रिलीज़ न हो।  इसके बाद, केसरी (२२ मार्च), कलंक (१९ अप्रैल), भारत (७ जून), हाउसफुल ४ (२५ अक्टूबर) और तानाजी द अनसंग वारियर (२२ नवंबर) सोलो रिलीज़ न हों।  कोई एक कम बजट की फिल्म या पहले से अच्छी चल रही फिल्म विकल्प बनी रहे।


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