Wednesday, 29 May 2019

किन्नरों को समानता के अधिकार की कहानी हंसा एक संयोग


चित्रग्राही फिल्म्स द्वारा निर्मित फिल्म हंसा एक संयोग सिनेमा घरों में शुक्रवार, ३१ मई को प्रदर्शित की जा रही है। किन्नर समाज पर फिल्म बनाने के साथ-साथ फ़िल्मकार का किन्नरों के प्रति विशेष लगाव है। यही कारण है कि, पिछले दिनों इस फिल्म के निर्माता सुरेश शर्मा १५ किन्नरों का सामूहिक विवाह कराकर विश्व रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं।

यह फिल्म एक ऐसे किन्नर की कहानी है, जिसका जन्म एक संभ्रांत परिवार में होता है। परिवारजन बच्चा किन्नर समाज को देना चाहते हैं। लेकिन उसकी माँ बच्चे को किन्नर समाज को नहीं देती।  वह बच्चे को बेटा की तरह पालती है। बच्चा रामानुज दस साल का हो जाता है। उसकी माँ सुमित्रा देवी की मृत्यु हो जाती है। उसका पिता जसवंत सिंह दूसरी शादी कर लेता है और दादा बलवंत सिंह बच्चा किन्नर गुरु माँ अमीना बानो को सौंप देते हैं। अमीना बनो रामानुज को नाच-गाना सिखाकर हंसा नाम देती है। हंसा किन्नरों के साथ बलवंत सिंह के घर जसवंत के बच्चे का जन्म पर बधाई गाने-बजाने और नाचने आता है। तब कहानी एक नया मोड़ लेती है। अमीना बनो हंसा को आशीर्वाद देती है कि, तू किन्नर पैदा हुआ है। लेकिन मर्द बनकर मरेगा, क्योंकि तेरी माँ भी यही चाहती थी। 


इस फिल्म में किन्नर गुरु माँ के रूप में अखिलेंद्र मिश्रा ने पहली बार महिला बनकर रुपहले परदे पर दिखेंगे। अमीना बानो के किरदार में अवार्ड विनिंग अभिनय किया है। रामानुज हंसा के किरदार में आयुष श्रीवास्तव ने पूरी तरह से किन्नर बनकर अपना किरदार निभाया है। किन्नरों के साथ इन दोनों कलाकारों को पहचान पाना ज़रा मुश्किल है। फिल्म में अखिलेंद्र मिश्रा (अमीना बानो) और आयुष श्रीवास्तव (रामानुज / हंसा) के साथ सयाजी शिंदे (जसवंत सिंह), वैष्णवी मैकडोनाल्ड (सुमित्रा देवी), शरत सक्सेना (बलवंत सिंह), दीपशिखा नागपाल (सोनिया), मंत्रा पटेल (राधिका), अमन वर्मा (अधिवक्ता भदौरिया), सुरेश शर्मा (सेठ धर्मदास) ने अहम् भूमिका निभायी है। आइटम सांग पर स्कारलेट मेलिश विल्सन और मोनालिसा का डांस भी फिल्म में है।

किन्नर को समाज में मर्द बनकर जीने और मरने में बहुत सी समस्यायों से जूझना पड़ता है। फ़िल्मकार ने किन्नर का समाज में समानता के अधिकार के लिए कई रोचक घटनाओं को जोड़कर पटकथा तैयार की है। लेखक संतोष कश्यप ने धीरज वर्मा के साथ मिलकर फिल्म का निर्देशन भी किया है।

सूत्र बताते हैं कि फिल्म हंसा एक संयोग ३ मई को रिलीज़ होनी थी। फिल्म के डिस्ट्रीब्यूटर ने निर्माता को अँधेरे में रखा। सिनेमाघरों की बुकिंग करने में असफल रहा। फिल्म की रिलीज कागज़ी की। सिनेमाघरों में फिल्म लगी ही नहीं। निर्माता सुरेश शर्मा बताते हैं, 'एक तथाकथित फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर ने पैसे लिए पेपर पर फिल्म रिलीज़ कर दी। सिनेमा घरों तक फिल्म नहीं पहुंची। इसलिए अब रंजीत सिंह के मार्गदर्शन में ३१ मई को स्वयं आल इंडिया लगभग १५० सिनेमाघरों में रिलीज़ कर रहे है। फिल्म का प्रीमियर ३० मई की रात मुंबई में रखा गया है। 


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