निर्देशक ओमंग कुमार (Omung Kumar) की बायोपिक फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) में राष्ट्रीय
स्वयम सेवक संघ के कार्यकर्ता नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और मुरली मनोहर जोशी (Murali Manohar Joshi) के किरदारों को
कश्मीर के लाल चौक में तिरंगा फहराने जाते हुए दिखाया गया है। इस तिरंगा यात्रा के दौरान पार्श्व में सुनो गौर से दुनिया वालों गीत बज रहा है। क्या आप इस
गीत के बारे में जानते हैं ?
१९९७ की फिल्म दस
जी हाँ, यह गीत २२ साल पहले मुकुल एस आनंद (Mukul S Anand) की फिल्म
दस (Dus) के लिए तैयार किया गया था।
१९९७ में बनाई जा रही फिल्म दस में यह गीत सलमान खान (Salman Khan),
संजय दत्त (Sanjay Dutt), शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty) और रवीना टंडन (Ravina Tandon) पर फिल्माया गया था। अपने समय में यह गीत काफी पॉपुलर हआ था। इस
गीत के विडियो में, सलमान खान (Salman Khan) और संजय दत्त (Sanjay Dutt), हाथों में तिरंगा थामे भीड़ के बीच से
दौड़ रहे हैं । लेकिन यह फिल्म ८० प्रतिशत पूरी होने के बाद भी बंद हो गई। क्योंकि,
फिल्म के डायरेक्टर मुकुल एस आनंद का दिल का दौरा पड़ने से यकायक निधन हो
गया। फिल्म हमेशा के लिए डब्बा बंद हो गई।
गीत पर समीर को ऐतराज़
पिछले दिनों, सोशल मीडिया पर फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी में,
विवेक ओबेरॉय (Vivek Oberoi) पर फिल्माया गया यह गीत रिलीज़ हुआ था। इस गीत में नरेंद्र मोदी बने विवेक ओबेरॉय
तिरंगा यात्रा पर निकले हैं। इस गीत के वीडियो के अंत में क्रेडिट में इस गीत के
गीतकार समीर (Sameer) का नाम लिखा नज़र आता है। इस पर गीतकार समीर ने ट्विटर के जरिये आश्चर्य
व्यक्त किया कि जब उन्होंने फिल्म का कोई गीत नहीं लिखा है तो गीतकार के तौर पर
उनका नाम क्यों !
ट्विटर क्यों ? टेलीफोन क्यों नहीं !
इस सवाल का जवाब वह टेलीफोन से फिल्म के निर्माता और म्यूजिक कंपनी
टी-सीरीज (T-Series) से भी ले सकते थे। लेकिन, समीर ने
जावेद अख्तर (Zaved Akhtar) की तरह इसे ट्विटर पर उठाना ही ठीक समझा। शायद वह पब्लिसिटी पाना
चाहते थे। लेकिन, वह म्यूजिक कंपनी और फिल्म निर्माता की
सदाशयता पर उंगली उठा बैठे, जिसने उन्हें सम्मान देते हुए क्रेडिट
दिया। अन्यथा इस गीत का कॉपीराइट टी-सीरीज
के पास है। वह इसका जैसा चाहे वैसा उपयोग कर सकता है।
दस से पहले तिरंगा यात्रा !
यहाँ एक ख़ास बात और। मुकुल आनंद
की १९९७ में बनाई जा रही फिल्म दस का कथानक आतंकवाद और देशभक्ति था। इसीलिए दुनिया को खुद को हिंदुस्तानी बताने
वाला गीत तैयार किया गया। मगर,
याद रखने वाली बात यह है कि दस के इस गीत की रचना से पांच साल पहले ही,
नरेंद्र मोदी और मुरली मनोहर जोशी जैसे आरएसएस के स्वयंसेवकों की
आतंकवादियों को चुनौती देते हुए लालचौक पर तिरंगा फहराने की यात्रा संपन्न हो चुकी
थी।
नवोदय टाइम्स ०४ अप्रैल २०१९ - क्लिक करें