Sunday, 2 August 2020

बॉलीवुड की फिल्मों में बहन-भाई है, पर रक्षा बंधन नहीं


कभी पारिवारिक फ़िल्में बना करती थीं। परिवार होता था।  भाई और बहन होते थे।  रक्षा बंधन होता था। नृत्य गीत होते थे। भैया मेरे राखी के राखी के बंधन को निभाना, बहना ने भाई की कलाई में प्यार बाँधा, मेरे भैया, मेरे चंदा, राखी धागों का त्यौहार जैसे रक्षा बंधन के गीत गाये जाते थे।  बहन, भाई  राखी बांधती थी। नेग पाती थी।बड़ी बहन, छोटी बहन, भाई बहन, दो बहने,  आदि टाइटल वाली फ़िल्में बना करती। नाज़, नाजिमा और फरीदा जलाल तो बहन की भूमिका के लिए सुरक्षित थी। मीना कुमार, नूतन, नंदा, आदि भी बहन बन कर सम्मान पाती।
ज़रा इन गीतों को याद कीजिये !
अब के बरस भेज भैया को बाबुल (बंदिनी), भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना (छोटी बहन), मेरे भैया मेरे चंदा (काजल), यह राखी बंधन है ऐसा (बेईमान), राखी धागों का त्यौहार (राखी), रंग बिरंगी राखी लेकर (अनपढ़), मेरी प्यारी बहनिया (सच्चा झूठा), फूलों का तारों का (हरे राम हरे कृष्णा), बहना ने भाई की कलाई से (रेशम की डोरी), बहना ओ  बहना  (शंकरा), अभी मुझमे कहीं (अग्निपथ), चंदा रे मेरे भैया से कहना (चम्बल की कसम), आदि कुछ फ़िल्मी गीतों को सुनिए।  आप बहन-भाई के प्यार में डूब जाएंगे।  यह फ़िल्में बहन के भाई के प्रति प्रेम और अनुराग का चित्रण है तो भाई के बहन के प्रति समर्पण का भी।  यह मानवीय भावना का सबसे पवित्र रूप है।  तो आज इसकी ज़रुरत क्यों नहीं महसूस की जा रही ?
बहने अब सक्षम  हैं न !
अव्वल तो आज पारिवारिक फ़िल्में नहीं बनती। जो बनती भी हैं, उनमे भाई-बहन है, पर रक्षा बंधन नहीं होता।  रक्षा  बंधन के गीत नहीं गाये जाते।  कोई अभिनेत्री हिंदुस्तानी बहन का प्रतीक नहीं समझी जाती।  क्यों ? क्योंकि कहानी का ढांचा बदल गया है। दरअसल, फिल्मकारों की दलील हैं कि अब बहन कमज़ोर नहीं रही।  रियल लाइफ बॉलीवुड में हुमा कुरैशी और ज़ोया अख्तर जैसी बहने हैं, जो अपने भाइयों के लिए फ़िल्में जुटा सकती हैं।  ज़ोया ने तो ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा और दिल धड़कने दो जैसी फिल्मों में अपने भाई फरहान अख्तर को अपने निर्देशन में नचाया है।  ऐसी बहने सक्षम।  कहा जाता है कि इन्हे भाई के रक्षा सूत्र की क्या ज़रुरत !
भाइयों की रक्षा नहीं चाहिये
कुंदन  शाह की फिल्म क्या कहना सामजिक क्रांति लाने वाली फिल्मों में शुमार की जाती है।  इस फिल्म की नायिका प्रीति ज़िंटा अपने  प्रेमी से गर्भवती हो जाती है। उसके तीन भाई हैं।  लेकिन उसे उनकी रक्षा नहीं चाहिए। वह कुंवारी माँ बनना चाहती है। भाइयौं सही पूरा परिवार उसका साथ देता है।  जोश की ऐश्वर्या राय और शाहरुख़ खान की बहन- भाई जोड़ी भी अनूठी है। भाई मवाली है।  बहन की रक्षा करने में सक्षम। लेकिन, बहन कम दबंग नहीं।  वह खुद लड़कों के कालर में हाथ डाल देती है।  कुछ ऐसी ही दशा जाने तू या जाने न, इक़बाल, धनक, काई पो चे, माय ब्रदर निखिल, बम बम बोले, भाग मिल्खा भाग, आदि फिल्मों की है। इनमे बहन सक्षम है। वह भाई को अपना लक्ष्य  पाने में  मदद कर सकती है।
भाइयों की रक्षा में सक्षम हैं
कहा जाता है कि अब रियल लाइफ की स्त्रियां सक्षम और आत्मनिर्भर हो गई है। उन्हें १९७० के दशक की फ्लिमों की बहनों की तरह गुंडों के बलात्कार का शिकार नहीं होना पड़ता कि उन्हें बदला लेने वाले भाई की ज़रुरत हो।  यानि अब महिलाये इतनी अबला नहीं रही।  फिल्म दिल धड़कन  दो में प्रियंका चोपड़ा की आयेशा मेहरा इसका प्रमाण है। आयेशा को उसका पिता कारोबार की भाईयों से अच्छी समझ रखने वाली मानता है।  इसलिए वह अपने करोबार की बागडोर बेटी को थमा देता है।  सरबजीत,  सच्ची घटना पर फिल्म है । इस फिल्म में सरबजीत की बहन (ऐश्वर्या राय बच्चन)अपने भाई (रणदीप हूडा) को पाकिस्तान की जेल से छुड़ाने के लिए आकाश पातळ एक कर देती है।  इससे पहले फिल्म फ़िज़ा की बहन भी अपने भाई की खोज में निकल पड़ती है। क्या ऐसी सक्षम बहनों को भाई की रक्षा की ज़रुरत है ?  तर्क तो यही है कि इसीलिए फिल्मों में रक्षा बंधन नहीं होता, क्योंकि बहनों को भाई की रक्षा की ज़रुरत नहीं ! परन्तु, फिल्म सरबजीत में बहन दलबीर कौर  पाकिस्तानी जेल में बंद अपने भाई को रक्षा बांधती है।
नजरिया महत्वपूर्ण
परिवार,  भाई- बहन का प्यार और रक्षा बंधन, फिल्मकार के नज़रिये पर निर्भर करता है।  सूरज बड़जात्या की फिल्मों में परिवार की अवधारणा होती है। इसलिए भाई भाई भी होते है, बहन और उनके भाई भी होते हैं। तभी तो  हम साथ साथ हैं बनाने वाले सूरज बड़जात्या की राज घराने की फिल्म प्रेम रतन धन पायो में भी सौतेले भाई का अपनी बहनों के प्रति प्रेम खास महत्व पा रहा था।  सलमान  खान की फिल्मों में भाई- बहन का कोण  देखने को मिल जाता है। प्यार किया तो डरना क्या और गर्व में बहन के रक्षक सलमान खान पिछले साल रिलीज़ फिल्म भारत में बहन की खोज में निकल पड़ते हैं। क्वीन में रानी यानि कंगना रनौत का छोटा भाई है।  पर वह भी बहन के प्रति बड़ा सजग है।  हृथिक रोशन की फिल्म अग्निपथ में बहन की एंट्री फिल्म का क्लाइमेक्स बदल देती है।




राष्ट्रीय सहारा ०२ अगस्त २०२०



Saturday, 1 August 2020

मीना कुमारी के कामुक हावभाव वाली ‘दायरा’



कमाल अमरोही की फिल्म दायरा कई मायनों में बड़ी ख़ास है. यह फिल्म मीना कुमारी से शादी के बाद, कमाल अमरोही की मीना कुमारी के साथ बतौर निर्देशक पहली फिल्म थी. यह फिल्म मास्टरपीस फिल्मों में गिनी जानी चाहिए. क्योंकि, दायरा की कहानी एक जवान लड़की के एक बूढ़े से शादी पर आधारित थी. मीना कुमारी ने जवान लड़की की भूमिका की थी. उनके बूढ़े पति कुमार थे. उस जवान लड़की की शारीरिक ज़रूरतों को वह बूढा पति पूरी नहीं कर पाता. इसलिए वह एक जवान लडके नासिर खान के प्रति आसक्त हो जाती है. इस फिल्म का ज़िक्र मीना कुमारी की इमेज के लिहाज़ से बेहद ख़ास है. मीना कुमारी का हिंदी फिल्म डेब्यू विजय भट्ट की एक्शन एडवेंचर फिल्म लेदर फेस (१९३९) में बाल भूमिका से हुआ था. विजय भट्ट ने ही महज़बीं को मीना कुमारी नाम दिया था. मीना कुमारी की नानाभाई और विजय भट्ट और होमी वाडिया की धार्मिक फिल्मों तथा अपनी सामजिक पारिवारिक फिल्मों की वजह से बेहद साफ़ सुथरी इमेज बन गई थी. दायरा में एक दृश्य में पति से असंतुष्ट मीना कुमारी कामुकता महसूस करती है. इसलिए वह अपने बाथरूम में घुस कर शावर के नीचे आ जाती है. इस सीन में वह बेहद कामुक हावभाव दे रही थी. इस दृश्य को लेकर, मीना कुमारी के प्रशंसकों में तीखी प्रतिक्रिया हुई. उनसे ऐसे दृश्य न करने की गुज़ारिश की गई. इस आलोचना के बाद मीना कुमारी इस प्रकार के दृश्य करने से तौबा कर ली. इस फिल्म में मीना कुमारी के क्लोज-अप में साढ़े छः मिनट लम्बा शॉट फिल्माया गया था. यह बॉलीवुड की किसी भी एक्टर का सबसे लम्बा क्लोज-अप माना जाता है. मीना कुमारी की मृत्यु ३१ मार्च १९७२ को ३८ साल की आयु में हो गई थी. अगर, आज वह जिंदा होती तो अपना ८८वा जन्मदिन मना रही होती. उन्हें श्रद्धांजलि.

Friday, 31 July 2020

पोलिटिकल एक्शन फिल्म के लिए Allu Arjun और Koratala Siva


तेलुगु सिनेमा के स्टाइलिस्ट एक्टर अल्लू अर्जुन ने आज अपने करियर की २१वी फिल्म का ऐलान किया. अभी इस फिल्म का टाइटल नहीं रखा गया है. लेकिन, यह फिल्म अखिल भारतीय अपील वाली कई भाषाओं में बनाई जायेगी. इस फिल्म का निर्देशन एक्शन फिल्मों के माहिर निर्देशक कोराताला शिवा करेंगे. कोराताला शिवा ने अब तक पांच फिल्मों का निर्देशन किया है. उनकी पहली फिल्म प्रभास और अनुष्का शेट्टी के साथ एक्शन ड्रामा फिल्म मिर्ची थी. इस फिल्म के अलावा उन्होंने महेश बाबू और श्रुति हासन के साथ एक्शन ड्रामा फिल्म श्रीमंतुदू, मोहनलाल और एनटीआर जूनियर के साथ एक्शन ड्रामा फिल्म जनता गेराज, महेश बाबू और किअरा अडवाणी के साथ पोलिटिकल एक्शन फिल्म भारत आने नेनू और चिरंजीवी के साथ आचार्य की है उनकी पांचवी फिल्म आचार्य मार्च में कोरोना के प्रकोप के कारण लॉकडाउन हो जाने के कारण रिलीज़ नहीं हो सकी है. कोराताला की अल्लू अर्जुन के साथ छठी निर्देशित फिल्म का कथानक भी राजनीतिक होगा. यह फिल्म अल्लू अर्जुन के स्टाइल वाले एक्शन से भरपूर होगी. इस फिल्म की शूटिंग अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा और कोराताला की फिल्म आचार्या के अगले साल के शुरू में रिलीज़ होने के लिए तैयार हो जाने के बाद ही की जायेगी. आम तौर पर कोराताला की एक फिल्म से दूसरी फिल्म के बीच दो साल का अंतर रहा है. लेकिनकोराताला शिवा का काफी समय आचार्या की शूटिंग में खराब हो गया. इसलिए, उन्हें आचार्या के रिलीज़ हुए बिना ही अल्लू अर्जुन के साथ फिल्म का ऐलान करना पडा.

जब सगाई के लिए ३० घंटे यात्रा की अंशुमान झा ने



१ मार्च से २९ जून तक घर पर क्वारंटाइन में १०२ दिन - अंशुमान झा ने वेदों को पढ़ा, बड़े पैमाने पर खाना भी बनाया और उनका नया वेब शो मस्तराम को ४०० मिलियन से अधिक बार देखा गया। यह भारतीय ओटीटी के इतिहास की सबसे बड़ी वेब श्रृंखला बन गई।
लेकिन इस जनवरी में अपनी मां को खो देने वाले अभिनेता को घर पर अकेले यह मुश्किल लग रहा था। इसलिए 30 जून को वह अपनी  प्रेमिका के साथ रहने के लिए अमेरिका गए और दोनों ने सगाई की अंगूठियों का आदान-प्रदान किया। वह इस साल की शुरुआत में 3 महीने के लिए भारत आई थी जब अंशुमन ने अपनी माँ को खो दिया था। अंशुमन, जो हमेशा अपने निजी जीवन के बारे में बहुत शांत रहे है, पिछले एक साल से अपने साथी के साथ गुप्त चित्रों को पोस्ट कर रहे थे। और हाल ही में एक और पोस्ट किया जिसमे लिखा था 'गॉन बॉय' और दोनों एक दुसरे का हाथ थामे हुए है सगाई की अंगूठियां के साथ।
अंशुमन 30 घंटे तक पीपीई किट में थे, किसी भी सार्वजनिक शौचालय का उपयोग नहीं किया और न ही उन्होंने यात्रा की अवधि में कुछ खाया केवल घर से लाये कुछ ड्राई फ्रूट्स खाए। अंशुमन ने दो सप्ताह के लिए नॉर्थ कैरोलिना में घर पर ज़िम्मेदारी से खुद को क्वारंटाइन किया था। उसके बाद ही 15 जुलाई को पहाड़ों में ट्रेक के लिए प्रस्थान किया।
अंशुमन ने कहा, "मैं बस आभारी हूं कि मैं उसके साथ रहने के लिए मैं यहाँ तक पहुंच सका हूं। यह यात्रा एक साहसिक कार्य था, जेएफके हवाई अड्डा एक सई-फाई फिल्म के सेट की तरह महसूस हो रहा था - पूरी तरह से खाली। इस बार की यात्रा एक 'तपस्या' की तरह महसूस हुई। वह कभी मुझसे पूछती है कि मैं उससे कितना प्यार करता हूं, मैं उसे पीपीई सूट में अपनी तस्वीर दिखाता हूं।
अंशुमन ने आगे कहा, "मैं धर्मशाला में सिएरा से मिला था, जब मैं कैंसर से पीड़ित अपनी मां के लिए तिब्बती दवा लेने के लिए गया था। इस बात को एक साल से अधिक समय हो गया है। सिएरा ड्यूक विश्वविद्यालय से फ़ूड साइंस मेजर है और एक ट्राइथलॉन एथेलेट भी है। वह आखिरी बार भारत में पिछले वर्ष दिसंबर से मार्च तक मेरा साथ देने के लिए और मेरी माँ को देखने के लिए थी।
ज़रीन खान के साथ अंशुमान झा की अगली फिल्म 'हम भी अकेले, तुम भी अकेले' जल्द ही ओटीटी पर रिलीज़ होने वाली है।

बादशाह और फजिलपुरिया का हरियाणा रोडवेज



मशहूर रैपर बादशाह ने गायक फाजिलपुरिया के साथ मिलकर एक नए ग्रूवी ट्रैक को  कंपोज और परफॉर्म किया है, जिसका टाइटल  हरियाणा रोडवेज है और अब यह गाना सभी स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है। दिलचस्प बात तो यह है कि २०१६ में "चूल" जैसा हिट ट्रैक देने के बाद यह जोड़ी चार साल बाद फिर इस गाने में एक साथ नज़र आए । चूल इस जोड़ी का सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला गीत साबित हुआ था । बादशाह द्वारा परफॉर्म और कंपोज़ किए गए गीत हरियाणा रोडवेज को रमन सिसोदिया ने लिखा है जिसे आवाज़ दी है फाजिलपुरिया ने।
बादशाह कहते है, "यह एक हरियाणवी गीत है, लेकिन हिंदी भाषी को भी यह गाना समझेगा । यह गाना जीवंत और एकदम देसी है। श्रोताओं ने अब तक मुझ पर खूब प्यार बरसाया है और मेरे प्रयोगों को अपनाया है और मुझे उम्मीद है कि  मेरे और  फ़ज़िलपुरिया द्वारा कि गई इस कोशिश का पूरा आनंद लेंगे। फाजिलपुरिया के साथ फिर से जुड़ना बहुत ही शानदार अनुभव रहा। वह बहुत प्रतिभाशाली है। मैं श्रोताओं की प्रतिक्रिया जानने के लिए बेहद उत्सुक हूं।"
गायक फाजिलपुरिया कहते हैं, "बादशाह के प्रत्येक गाने के साथ मेरे दिल में उनकी इज्ज़त और भी बढ़ती जा रही है। मैं बहुत खुश हूं कि हम फिर एक बार इस शानदार गाने के लिए एक साथ आए हैं। मुझे यह गाना गाने में बहुत मज़ा आया और मैं उम्मीद करता हूं कि यह गीत लोगों को खूब पसंद आएगा।"

बॉलीवुड के दैनिक श्रमिकों के मददगार डॉ अब्दुल रहमान वनू



डॉ अब्दुल रहमान वनू,  दादासाहेब फाल्के फिल्म फाउंडेशन के महासचिव, के रूप में चुने गए हैं। वह ईमानदारी, कड़ी मेहनत और उत्कृष्टता के व्यक्ति हैं। हिंदी फिल्म उद्योग के तकनीशियनों के उत्थान के लिए उनके पास हमेशा एक नजरिया था और उन्होंने उस दिशा में बड़े प्रयास किए हैं।
हम सभी जानते हैं कि फिल्म जगत में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों, विशेष रूप से तकनीशियनों के लिए तालाबंदी और महामारी बहुत कठिन साबित हुई है। मुंबई के बाहरी इलाकों जैसे विरार और पालघर में भी इस अवधि के दौरान जरूरतमंदों को दैनिक आवश्यक सामान और धन भेजने के लिए डॉ वनू जिम्मेदार थे। उन्होंने कहा, "फिल्म इंडस्ट्री सिर्फ अभिनेताओं, निर्माताओं, लेखकों और निर्देशकों से नहीं भरी है। हालांकि ज्यादातर पुरस्कार समारोह में स्पॉटलाइट हमेशा उन पर रहती है, हमें लगता है कि तकनीशियन जैसे स्पॉटबॉय, कैमरामैन और लाखों लोग शामिल हैं जो दैनिक मजदूरी के लिए सेट पर काम करते हैं। और एक फिल्म और  फाइनल प्रोडक्ट बनाने में भी योगदान दे रहे हैं। इसलिए, हमने यह सुनिश्चित किया कि वे इस अवधि के दौरान पीड़ित न हों। हमने मुंबई के विभिन्न हिस्सों में दैनिक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की।"
डॉ वनू ने मुंबई पुलिस की मदद भी की है और लॉकडाउन के दौरान उन्हें जरूरी सामान मुहैया कराया है। मुंबई पुलिस ने कलिना, सांताक्रूज़ में एक कवारांटेन सेंटर स्थापित किया था, यहां डॉ वनू ने उन्हें कई सेवाएं प्रदान करने में मदद प्रदान की। डॉ वनू के संगठन द्वारा बोरीवली, धारावी और कई अन्य क्षेत्रों में दैनिक आवश्यक चीजें उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने कहा, "कई लोगों ने अपनी नौकरी खो दी और हमने उन्हें काम और भोजन देने का फैसला किया। और यह केवल मुंबई तक ही सीमित नहीं था। हमने ये सुविधाएं और दैनिक आवश्यक चीज़ें दिल्ली, पुणे और भारत के कई अन्य शहरों में प्रदान कीं। हमने इस पर शोध भी किया कि लॉकडाउन के दौरान लोग मानसिक स्वास्थ्य से कैसे निपटते हैं। और इसके अलावा, हम स्वास्थ्य सुविधाओं को मेंटेन रखना और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को रोजगार देना भी जारी रखते हैं। सरकार भी हमें अच्छा समर्थन दे रही है।" 
दादासाहेब फाउंडेशन के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी भी बुरी तरह प्रभावित हुए। डॉ वनू ने कहा, "हमने इन श्रमिकों के पते की एक विशाल सूची तय्यार की और  पूरे स्टाफ को भोजन, दैनिक आवश्यक वस्तुएं, किराने का सामान और चिकित्सा सहायता प्रदान की। नालासोपारा, मीरा रोड और कई अन्य क्षेत्रों में, हमने दैनिक आवश्यक सेवाओं का परिवहन किया। चूंकि हम मुंबई पुलिस के साथ काम कर रहे थे, हमारे पास विभिन्न क्षेत्रों की यात्रा करने के लिए एक पास था और इसलिए, पुलिस विभाग को बहुत धन्यवाद, क्योंकि हम दूसरों की मदद करने में इस पास का उपयोग कर सकते हैं।" 
इसके अलावा, डॉ वनू इन तकनीशियनों के कौशल के उत्थान की दिशा में भी काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "इन श्रमिकों में से अधिकांश अपनी दैनिक रोटी कमाने के लिए शहर में आए हैं। वे शिक्षित नहीं हैं। इसलिए, हम उन्हें आगे की पढ़ाई करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करते हैं। हम उन्हें विशेष कौशल सीखने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं, जिससे उन्हें फिल्म निर्माण की प्रक्रिया में मदद मिलेगी। मुझे लगता है कि यह हमारे देश और फिल्म उद्योग के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।"

Vidya Balan के उत्कृष्ट अभिनय से सजी शकुंतला देवी



आज (३१ जुलाई २०२०) आधी रात के बाद से, भारत की ह्यूमन कंप्यूटर शकुंतला देवी पर बायोपिक फिल्म शकुंतला देवी की स्ट्रीमिंग अमेज़न प्राइम विडियो पर शुरू हो गई. विद्या बालन ने, इस फिल्म को देखने के लिए, डिजिटल दर्शकों से गुजारिश करते हुए ट्वीट किया. उन्होंने अपने हैंडल पर, अपना घर में फिल्म देखते हुए चित्र भी पोस्ट किया. इस फिल्म में विद्या बालन ने शकुंतला देवी की भूमिका की है. विद्या बालन ने इस चरित्र को बड़े सहज ढंग से उभरा है. उन्होंने इस भूमिका के लिए अपना वजन भी काफी कम किया था. फिल्म में यह साफ़ नज़र आता है. फिल्म में, सान्या मल्होत्रा ने उनकी बेटी की भूमिका की है. अमित साध उनके दामाद बने हैं. अन्य भूमिकाओं में जीशुआ सेनगुप्ता (शकुंतला देवी के पति), प्रकाश बेलवाड़ी (शकुंतला देवी के पिता) और शीबा चड्डा (शकुन्ता देवी की मकान मालकिन) उल्लेखनीय है. इस फिल्म का निर्देशन अनु मेनन ने किया है. अनु मेनन ने, इस फिल्म से पहले लन्दन पेरिस न्यूयॉर्क और वेटिंग का निर्देशन किया था. यह दोनों फ़िल्में फ्लॉप हुई थी. अमेज़न पर प्रसारित हो रही सीरीज फोर मोर शॉट्स प्लीज की निर्देशक भी अनु मेनन हैं.

Thursday, 30 July 2020

४९ साल की तब्बू का २४ साल के इशान को चुम्बन


मीरा नायर की बीबीसी के लिए सीरीज द सूटेबल बॉय में लखनऊ की तवायफ बनी तब्बू और एक धनपति के बेटे इशान खट्टर के बीच चुम्बन काफी चर्चित हो रहा है. मीरा नायर इस समय ६२ साल की है. उनकी फिल्मों में चुम्बन आम होता है. उनकी फिल्म कामसूत्र अ टेल ऑफ़ लव में कलाकारों ने काम कम क्या था काम सूत्र ज्यादा दिए थे. ऐसे में उनकी फिल्म या सीरीज में चुम्बन न होना, अस्वाभाविक है. इसी परंपरा में अ सूटेबल बॉय में चुम्बन हैं. यह चुम्बन ४९ साल की तब्बू ने २४ साल के ईशान का किया है. तब्बू एक ऐसी अभिनेत्री हैं, जो चुम्बन के लिहाज़ से शाकाहारी मानी जाती है. इसलिए उनके अपनी उम्र से आधे एक्टर का चुम्बन सनसनीखेज तो है ही. लेकिन, बता रहे हैं कि तब्बू को इस चुम्बन के लिए खेद है. उन्हें पछतावा है कि उन्होंने इस भूमिका को स्वीकार ही क्यों किया! परन्तु, इसमे कोई शक नहीं कि तब्बू का अपने से २५ साल छोटे एक्टर का चुम्बन ही सीरीज का बड़ा बन गया है.

ऑस्ट्रेलियाई Katherine Langford कर्सड की नीमए



दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में, २९ अप्रैल १९९६ को जन्मी कैथरीन लैंगफोर्ड के अभिनय जीवन की शुरुआत नेटफ्लिक्स की सीरीज १३ रीज़न्स व्हाई (२०१७-१८) में हन्ना बेकर की भूमिका से हुई थी। इस सीरीज के लिए कैथरीन लैंगफोर्ड को गोल्डन ग्लोब में नॉमिनेशन भी मिला। उनकी दो पहली फ़िल्में लव, साइमन और द मिसगाइडेड २०१८ में प्रदर्शित हुई थी। एवेंजरस एन्डगेम में उन्होंने मॉर्गन स्टार्क की भूमिका की थी। इसी साल दूसरी फिल्म नाइवस आउट थी। फिलहाल, उन्हें दर्शक नेटफ्लिक्स की टेलीविज़न सीरीज कर्सड में नीमए की मुख्य भूमिका में देख रहे हैं। यह फिल्म हिंदी दर्शकों के लिए उस समय दिलचस्प और दर्शनीय बन जाती है, जब इसे हिंदी में डब पाया जाता है। कैथरीन की एक साइंस फिक्शन फैंटसी फिल्म स्पॉनटैनॉस निर्माणाधीन है।

Indian superstars shower appreciation for Vidyut Jammwal's Khuda Haafiz trailer



Vidyut Jammwal is all set to save us from the routine of the new normal and pack our quarantine time with entertainment with one of his highly anticipated projects, Khuda Haafiz. The trailer of the Faruk Kabir directorial just dropped and the internet can't stop gushing about the actor's high octane action sequences. Not to mention, the large canvas rendered to the action-romance-thriller that captures the action enigma that is Jammwal.

Going by the trailer, Khuda Haafiz looks like it is a well-rounded entertainer. For anyone who loves action, glimpses of Vidyut's act in Khuda Haafiz will incite goosebumps. The credit for the amazing job on the stunts and the fight sequences goes to Jammwal, who trains for the stunts a month prior to shooting and the action directors he works with. In the case of Khuda Haafiz, it is the celebrated action director, Andy Long, who has worked with legends such as Jackie Chan, Scott Adkins and many others.
Jammwal has been garnering praises as he charms viewers with hints of romance and his strong action game in the trailer. Here's what industry insiders and superstars had to say about him.
I’m always intrigued by true stories. A common man’s extraordinary journey to save his love....this looks very promising @VidyutJammwal , looking forward to #KhudaHaafiz - Akshay Kumar
An ordinary man with an extraordinary determination to save his love.  #KhudaHaafizTrailer-Ajay Devgn
Bro you're kicking some real asses in this one! 👊🏻 Best wishes to you all @VidyutJammwal your skill set is so unique!!! - Manoj Bajpayee
 As a human being you were always spectacular but the growth that you've shown with every film of yours is truly amazing. Everything that you do truly touches my heart. All the best for #KhudaHaafiz! 🤗♥️ - Amit Sadh
You don’t mess with Vidyut JammwalFrom the look of it, Khuda Haafiz seems to be an engaging romantic thriller. Vidyut Jammwal, popular for his actioners, is involved in some power-packed action here as well. - The Indian Express
#KhudaHaafizTrailer: @VidyutJammwal's Romantic Action Thriller Inspired by True Events, Packs Enough Punch (Watch Video)
#VidyutJammwal #KhudaHaafiz @VidyutJammwalFC @gowshikalai - Latestly
खुदा हाफिज का ट्रेलर (Khuda Haafiz Trailer) देखने के बाद फैंस की विद्युत से फिर से उम्मीदें बढ़ गई हैं। एक्शन के मामले में विद्युत (Vidyut Jammwal action packed performance) कितने बेहतरीन हैं ये बताने की जरूरत नहीं है। फिल्म में वो ताबड़तोड़ एक्शन परफॉर्मेंस में नजर आ रहे हैं। - Patrika
इस मूवी में एक बार फिर से विद्युत जामवाल अपनी उसी स्टाइल में नजर आएंगे। वहीं उनके इस ट्रेलर को देखकर कहीं न कहीं आपको हॉलीवुड फिल्मों की याद जरूर आ जाएगी। रिलीज होते ही 'खुदा हाफिज' का ट्रेलर तेजी से वायरल हो रहा है।- Jagran
Vidyut Jammwal Impresses With Stunning Action as Audience Roots For Another Outsider’s Film - India.com
Khuda Haafiz trailer: Vidyut Jammwal’s action skills will pump up your adrenaline - PeepingMoon.com
Directed and written by Faruk Kabir, Khuda Haafiz is a romantic action thriller inspired by real events. The story spins around a young, newly married couple from India, Sameer (Vidyut Jammwal ) and Nargis (Shivaleeka Oberoi),  who decide to go work in one of the Gulf countries in search for better career opportunities. Under mysterious and shocking circumstances Nargis goes missing in a foreign land.  The film comprises of the journey of a helpless common man who is doing everything possible to bring his wife back home safe with him. The film will be streaming on Disney Plus Hotstar on the 14th of August, 2020.

Ayushmann turns Cross Functional Athlete for Abhishek Kapoor’s untitled love story



It is certainly the coming together of two of the biggest creative forces in the industry today. Abhishek Kapoor, the celebrated director of successful films like Rock On!!, Kai Po Che, Kedarnath and Ayushmann Khurrana, the poster boy of content cinema in India, are joining hands for the first time to do a progressive love story that will touch your hearts. The yet untitled film is set in North India and it will begin its shooting schedule in October

Abhishek says, “Ayushmann and I are both known for a certain kind of cinema and this film is definitely a special one for both of us. We want audiences to come back to the theatres and watch movies as a community and for that we will spare no effort . We strive to bring our best game for this one.”

The film-maker says he is going to present Ayushmann in a never-seen-before avatar. Abhishek says, “Ayushmann plays a Cross Functional Athlete in the film and he will have to go through a  physical transformation that he hasn’t done before. Its quite a challenge and he’s very committed to it.

Ayushmann is excited about creatively collaborating with Abhishek and is looking forward for his physical transformation. “Abhishek has a very distinct voice in cinema today and I’m glad that we finally got the opportunity to collaborate on a project that’s exceedingly close to my heart. This film has all the trappings to take audiences through a ride of emotions and it is a total family entertainer. It is a beautiful, progressive love story that will also touch your hearts,” he says.

Ayushmann, whose choice of cinema has given birth to a genre in Hindi movies called ‘The Ayushmann Khurrana Genre’, adds, “I’m supremely excited about the physical transformation that I will have to undergo. It will present me in an all new avatar. I have never looked like this on screen and I’m looking forward to seeing the reaction of audiences. The process is going to be intense and excruciating for me but I feel all the pain will be worth it.”

The film will release worldwide in theatres next year.

शेल्व्ड फिल्मों के डॉन चंद्रा बारोट




आज सोनी मैक्स २ पर शाम ७ बजे से अमिताभ बच्चन, प्राण और जीनत अमान अभिनीत फिल्म डॉन प्रसारित हो रही है. निर्माता नरीमन ईरानी की इस फिल्म को सलीम-जावेद की जोड़ी ने लिखा था. इस फिल्म मे अमिताभ बच्चन एक डॉन और एक बनारसी गवार की दोहरी भूमिका में थे. इस फिल्म के निर्देशक चंद्रा बारोट फिल्म पूरब पश्चिम, यादगार, रोटी कपड़ा और मकान तथा शोर में मनोज कुमार के सहायक थे. डॉन उनकी स्वतंत्र रूप से निर्देशित पहली फिल्म थी. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इस बड़ी हिट फिल्म के बावजूद चंद्रा बारोट की दूसरी फिल्म प्यार भरा दिल को रिलीज़ होने में १३ साल लग गए. इसके २४ साल बाद, उनकी तीसरी फिल्म हम बाजा बजा देंगे बिना किसी प्रचार के रिलीज़ हुई. चंद्रा बारोट को बंद कर दी गई यानि शेल्व्ड फिल्मों के डॉन कहा जाना ठीक होगा. उन्होंने, डॉन के बाद, विनोद खन्ना के साथ बॉस, शशि कपूर के साथ खुंडा, दिलीप कुमार और सायरा बानो के साथ मास्टर, फिर दिलीप कुमार के साथ ही फिल्म कृष्णा, राज बब्बर और सारिका के साथ तितली, चंकी पाण्डेय के साथ टाइम, नाना पाटेकर के साथ २० रुपये, रेखा के साथ काली और फिर इसी फिल्म को फरहा नाज़ के साथ तथा एक फिल्म फ़िरोज़ खान के साथ शुरू की. पर यह सभी फ़िल्में पूरी होने से पहले ही बंद कर दी गई. पिछले सात सालों से ब्लॉकबस्टर डॉन के निर्देशक चंद्रा बरोट फेफड़े की बीमारी से पीड़ित हैं । उनकी दशा गंभीर बताई जा रही है।


Wednesday, 29 July 2020

सिद्धांत चतुर्वेदी अगस्त से शुरू करेंगे बंटी और बबली २ की शूटिंग


ज़ोया अख्तर की फिल्म गली बॉय के रैपर एमसी शेर सिद्धांत चतुर्वेदी अपने करियर की दूसरी फिल्म बंटी और बबली २ की शूटिंग अगस्त से शुरू करेंगे।  इस फिल्म में सैफ अली खान और रानी मुख़र्जी की जोड़ी के साथ सिद्धांत  चतुर्वेदी  की जोड़ी नवोदित शरवरी वाघ के साथ बनाई गई है।  सिद्धांत ने इस फिल्म की शूटिगं साल के शुरू में ही करनी शुरू कर दी थी। लेकिन, कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के बाद फिल्म की शूटिगं रोक दी गई थी। अब इस फिल्म की शूटिंग अबू धाबी में होगी। यह एक महत्वपूर्ण शिड्यूल बताया जा रहा है।  इस शिड्यूल के बाद, बाकी की शूटिंग यशराज स्टूडियो मे  की जाएगी। यशराज वाले शिड्यूल की खासियत यह होगी कि इसमें एक गीत इन चार प्रमुख कलाकारों पर फिल्माया जाएगा।  सिद्धांत चतुर्वेदी, बंटी और बबली २ के अलावा शकुन बत्रा की अनाम फिल्म में दीपिका पादुकोण और अनन्या पांडेय के साथ और  ईशान खट्टर और  कैटरीना कैफ के साथ फ़ोन भूत कर रहे हैं।

पोंगल २०२१ को अखिल अक्किनेनी की मोस्ट एलिजिबल बैचलर



अखिल अक्किनेनी की पूजा हेगड़े के साथ रोमांस फिल्म मोस्ट एलिजिबल बैचलर की रिलीज़ की नई तारीख़ का ऐलान कर दिया गया है। पहले यह फिल्म अक्टूबर २०२० में प्रदर्शित होनी थी। लेकिन, अब इसे पोंगल २०२१ तक के लिए टाल दिया गया है।  इस फिल्म का निर्देशन भास्कर ने किया है।अल्लू अरविन्द प्रस्तुति फिल्म मोस्ट एलिजिबल बैचलर का नया पोस्टर आज  रिलीज़ किया गया।  इस फिल्म की तमाम शूटिंग न्यू यॉर्क में हुई है। अभिनेता नागार्जुन और अभिनेत्री अमला के बेटे अखिल अक्किनेनी की पिछली तीन फ़िल्में अखिल (२०१५), हेलो (२०१७) और मिस्टर मजनू (२०१९) बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हुई थी। क्या मोस्ट एलिजिबल बैचलर बॉक्स ऑफिस पर अखिल के लिए सफलता का हरियाली लाएगी?


आयुष्मान खुराना को क्रॉस- ट्रेनिंग एथलिट बनायेंगे अभिषेक कपूर



सुशांत सिंह राजपूत के साथ काई पो चे और केदारनाथ बनाने वाले निर्देशक अभिषेक कपूर, अब आयुष्मान खुराना के साथ अगली फिल्म का निर्माण करेंगे. इस फिल्म में आयुष्मान खुराना एक क्रॉस-ट्रेनिंग एथलिट की भूमिका करेंगे. क्रॉस-ट्रेनिंग एथलिट वह होता है, जो अपने एथलेटिक्स के खेलों के अलावा दूसरे खेलों की भी ट्रेनिंग लेता है. उद्देश्य खुद की शारीरिक क्षमता की कमियों को दूर करना होता है. उत्तर भारत के किसी शहर पर, इस फिल्म को हलकी फुलकी रोमांस फिल्म में बांधा जाएगा. इस फिल्म में खेल के अलावा परिवार और संवेदनाये भी होंगी. इस फिल्म के दूसरे एक्टरों का ऐलान तो नहीं किया गया है. लेकिन, फिल्म के लिए आयुष्मान को खुद में काफी शारीरिक बदलाव लाने होंगे. इसके लिए उन्हें कड़ी ट्रेनिंग लेनी होगी. आयुष्मान खुराना यह कर सकते है. उन्होंने अंधाधुन, ड्रीम गर्ल और बाला में इसे कर के दिखाया भी है. इस फिल्म की शूटिंग अक्टूबर से शुरू होने की संभावना है.

निर्माता आफताब शिवदासानी की धुंध !


हॉरर थ्रिलर जॉनर में हिट फ़िल्में देने के बावजूद बॉलीवुड में फ्लॉप एक्टर आफताब शिवदासानी अब फिल्म निर्माता बन गए हैं।  मोंटज़ेन मीडिया की, मंदिरा एंटरटेनमेंट की पहली फिल्म धुंध साइकोलॉजिकल हॉरर फिल्म होगी।  इस फिल्म की टैग लाइन में कहा भी गया है कि शैतान को एक पता चाहिए, वह आपका दिमाग हो सकता है।  इस फिल्म को दर्शकों के दिमाग की नसे तनाव  भर देने वाली बताया  गया है।  हालाँकि, आफताब ने फिल्म का ऐलान तो  कर दिया है। लेकिन, अभी यह नहीं बताया  है कि इस फिल्म के लेखक और  निर्देशक कौन होंगे। फिल्म के कलाकारों के नामों का भी ऐलान नहीं किया गया है। अलबत्ता, यह ज़रूर बताया  गया है कि  फिल्म की शूटिंग अक्टूबर से शुरू हो जाएगी।

श्वेता तिवारी की बेटी पलक बनेगी रोजी



कसौटी ज़िन्दगी की की मशहूर प्रेरणा बासु, श्वेता तिवारी की बेटी पलक ने भी अब फिल्म इंडस्ट्री में अपने पैर रख दिए हैं. वह विवेक ओबेरॉय के बैनर की हॉरर थ्रिलर फिल्म रोजी द सैफरन चैप्टर की रोजी होंगी. विवेक ओबेरॉय ने फिल्म में पलक तिवारी का फर्स्ट लुक पोस्टर जारी कर इसकी जानकारी दी। इस फिल्म का निर्देशन विशाल मिश्र कर रहे है. यह फिल्म सैफरन बीपीओ फ्रैंचाइज़ी में एक है. रोजी गुरुग्राम के एक बीपीओ में काम करने वाली लड़की के साथ हुई घटना की सच्ची कहानी है. इस फिल्म की शूटिंग सितम्बर में शुरू होगी. इसके साथ ही एक और स्टार किड्स का बॉलीवुड में आगमन हो जाएगा.

Tuesday, 28 July 2020

नहीं रहीं गुजरे जमाने की फिल्मों की कुमकुम



गुरुदत्त ने, जब फिल्म आर-पार (१९५४) में एक मज़दूरनी के रूप में कुमकुम को गीत कभी आर कभी पार लागा तीरे नज़र फिल्माया था, उससे पहले कुमकुम शहनाई, हिप हिप हुर्रे, आंसू, नूर महल, मिर्ज़ा ग़ालिब, मीनार और गवैया जैसी फिल्मों में संक्षिप्त भूमिकाये कर चुकी थी. लेकिन, आर-पार के इकलौते गीत ने उन्हें बॉलीवुड की कुल ११५ फिल्मों में काम करने का मौका दिया. लेकिन, यह कुमकुम की नृत्य प्रतिभा का भी तकाज़ा था कि वह पहली झलक, मिस्टर एंड मिसेज ५५, हाउस नंबर ४४, सीआइडी, एक ही रास्ता, मदर इंडिया, आदि जैसी बड़ी फिल्मों में अपने अभिनय और नृत्य प्रतिभा का प्रदर्शन कर पाने में कामयाब हुई. उनकी नृत्य प्रतिभा का परिचय देने वाले गीतों में मधुबन में राधिका नाची रे (कोहेनूर), दगा दगा वाई वाई (काली टोपी लाल रुमाल), ख़ास उल्लेखनीय है. उन्होंने दिलीप कुमार (नया दौर, कोहेनूर), देव आनंद (सीआइडी, बारिश), किशोर कुमार (मिस्टर एक्स इन बॉम्बे), शम्मी कपूर (उजाला), राजेंद्र कुमार (मदर इंडिया, गीत, घर संसार), धर्मेन्द्र (दिल भी तेरा हम भी तेरे, आँखें, ललकार) संजीव कुमार (राजा और रंक), विनोद खन्ना (धमकी) में अभिनय किया. उनकी १९७३ में तीन फ़िल्में धमकी, जलते बदन और एक कुंवारी एक कुंवारा रिलीज़ हुई. इसके बाद, वह शादी कर अपने पति के साथ सऊदी अरब चली गई. २००४ में उनकी वापसी हुई और उन्होंने एक भोजपुरी मैगजीन भी निकाली. वह पहली भोजपुरी फिल्म गंगा मैया तोहे पियरी चढैबो में सुजीत कुमार की नायिका थी. एक्टर गोविंदा उनके भतीजे थे. क्योंकि, गोविंदा की माँ और कुमकुम सौतेली बहने थी. कुमकुम के पिता ने उनके जन्म से पहले ही इस्लाम स्वीकार कर लिया था. जेबुन्निसा नाम से जन्मी कुमकुम को श्रद्धांजलि.

नवोदय टाइम्स २८ जुलाई २०२०