Thursday 27 August 2015

टोरेंटो फ़िल्म फेस्टिवल में फिल्म 'एंग्री इंडियन गॉडेसेस् 'की होगी विशेष प्रस्तुति


जंगल बुक एंटरटेनमेंट के द्वारा निर्मित की गयी फ़िल्म 'एंग्री इंडियन गॉडेस' को टोरेंटो फ़िल्म फेस्टिवल 2015 में एक विशेष प्रस्तुति के लिए चयनित किया गया है, यह भारत की ऐसी पहली फ़िल्म है जो महिलाओं की जिगरी दोस्ती के ताने बाने में बुनी हुयी है और इसकी दमदार भूमिकाओं को सात बहुमुखी अभिनेत्रियाँ सारा-जेन डिआस, तनिष्ठा चटर्जी, अनुष्का मनचंदा, संध्या मृदुल, अमृत मघिरा, पवलीन गुजराल,और राजश्री देशपांडे आदि निभा रही है।
इस फ़िल्म की कहानी शुरू होती है फ्रीडा से(सारा जेन डियास)जो क़ि  अपनी जिगरी महिला मित्रों को अपनी शादी की उद्धघोषणा के लिए गोआ आमंत्रित करती है।वहाँ वह सबके साथ मिलकर एक तूफानी बेचलर पार्टी का आयोजन करती है, इस दौरान वह सभी इस प्रक्रिया में भावनाओं के बवंडर में गोते लगाते हुए अपने चरित्रों के अलग अलग रंगों को दर्शाती हैं, उनकी, अराजकता ,आनंद और जटिलताएं उन्हें क्रोधित भारतीय देवी में तब्दील कर देती हैं।
जंगल बुक एंटरटेनमेंट अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म क्षेत्र में कोई अनजान नाम नहीं है बल्कि वो पहले भी एक बेहद सफल डॉक्यूमेंट्री 'फेथ कनेक्शन्श' बना चुका है।फ्रांस के सहनिर्माता के साथ बनायीं गयी यह डॉक्यूमेंट्री कुम्भ मेला 2013 पर आधारित है।इसे अब तक16 देशों के सिनेमाघरों में इस डॉक्यूमेंट्री को रिलीज़ किया जा चुका है।फ़िल्म 'एंग्री इंडियन गोडेसेस' जंगल बुक एंटरटेनमेंट को भारतीय सिनेमा की मुख्यधारा में ले आई है।
'जंगल बुक एंटरटेनमेंट' में दुनिया भर में प्रख्यात निर्देशक पैन नलिन (संसारा, वैली ऑफ़ फ्लावर) और बहुमुखी निर्माता गौरव ढींगरा (पेड़लेर्स, आइस रोड ट्रकर्स)एक दुसरे के सहयोगी हैं।यह दोनों ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टीवी और फ़िल्म के अनुभवी दिग्गज हैं।
जंगल बुक के बारे में बात करते हुए गौरव ढींगरा ने बताया "हमार लक्ष्य विश्व स्तरीय फ़िल्मों को बनाना है जिसकी भावुक पटकथा भारतीय होने के साथ साथ वैश्विक भी हो और हमारी आने वाली फ़िल्म ए.आई.जी. ठीक उसी तरह के बेहतरीन और अर्थपूर्ण सिनेमा का उत्कृष्ट उदाहरण है जैसा हम बनाना चाहते हैं। हमारी जंगल बुक एंटरटेनमेंट से यही आकांक्षा थी, जिससे ऐसा सिनेमा बनाया जाये जो मनोरंजन के साथ साथ प्रेरित भी करे। 
पैन नलिन बताते हैं "कई सालों से मेरी यह इच्छा रही है कि मैं जुनूनी भारतीय महिलाओं के साथ मुख़्य भूमिका वाली फ़िल्म कर सकूं जो पूर्णतः विद्रोह की भावना रखती हो क्योंकि लगभग 96 प्रतिशत बॉलीवुड फिल्मो में महिलाओं की भूमिका सिर्फ सजावट के रूप में होती है।फ़िल्म 'कहानी' और 'क्वीन' से काफी पहले ही, मैं शक्तिशाली महिला प्रधान चरित्र की मुख्य भूमिका वाली फिल्मों की दमदार स्क्रिप्ट ले कर कई निर्माताओ के पास बार बार गया, लेकिन कोई भी इसके लिए तैयार नहीं हुआ और फिर मेरी मुलाकात नीरज ढींगरा से हुयी जिन्होंने इस प्रोजेक्ट पर विश्वास जताया और पूरा समर्थन दिया। 'ए.आई.जी' का चयन टी. आई एफ.एफ में विशेष प्रस्तुति के लिए, एक बहुत बड़ी बात है।हमारे बहुत सारे भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स जिनकी अत्यंत ही सशक्त कहानी और अन्य सामग्री है, लगभग शुरू ही होने वाले है जिनके बारे में आपको शीघ्र ही पता चल जायेगा।


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