इसे कहते हैं बिल्ली के भाग्य से छींका टूटना। निर्देशक मृगदीप सिंह लाम्बा की फिल्म फुकरे रिटर्न्स १५ दिसंबर को रिलीज़ हो रही है। १ दिसंबर को पद्मावती थी और २२ दिसंबर को टाइगर ज़िंदा है। इधर कुंआ, उधर खाई। किसी एक में गिरना ही था। इसलिए, फुकरे रिटर्न्स खाई में गिरने को तैयार हो गई। या कहिये यह उनकी मज़बूरी थी। पद्मावती के सामने फुकरे के लिए ऑडी कौन देता ! मगर, यह लीजिये। छींका फूटा।
पद्मावती की रिलीज़ की तारीख़ टल गई। अब फुकरे जैसी फिल्मों के दोनों हाथों में लड्डू है। वह अपनी रिलीज़ की तारिख पहले कर सकते हैं। टाइगर ज़िंदा है की रिलीज़ से पहले तक पूरी ऑडी खाली मिलेंगी। फिल्म क्लिक कर गई तो ये दर्शक, वो दर्शक। अब चूंकि, पद्मावती की रिलीज़ टल गई है। टाइगर ज़िंदा है की थिएटर ज़िन्दगी पर सेंसर का रूल ४१ तलवार की तरह लटका हुआ है। ऐसे में चांदी फुकरे रिटर्न्स जैसी फिल्मों की होगी। अब यह फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर १ दिसंबर से ही ताल ठोंकना शुरू कर देंगी।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Monday, 20 November 2017
फुकरे की वापसी के भाग्य से पद्मावती का छींका फूटा
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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