Thursday 17 May 2018

दिशा पाटनी के करियर को 'भारत' की दिशा!

भारतीय क्रिकेट  टीम के कैप्टेन महेंद्र सिंह धोनी की बायोपिक एमएस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी में धोनी की प्रेमिका  प्रियंका झा की भूमिका कर के अभिनयशील अभिनेत्री साबित होने वाली दिशा पाटनी के करियर को दिशा मिल गई लगती है।

हालांकि, दिशा पाटनी की बतौर नायिका दूसरी बॉलीवुड फिल्म बागी २ को बड़ी सफलता मिली थी।

इसके साथ ही, बॉलीवुड में दिशा के करियर को नई दिशा मिलाने की उम्मीद की जा रही थी।

लगता है दिशा के करियर को भारत दिशा मिल गई है।

जी हाँ, दिशा पाटनी को, सलमान खान और प्रियंका चोपड़ा के साथ, अली अब्बास ज़फर की फिल्म भारत में ले लिया गया है।

इस फिल्म में उन की भूमिका एक सर्कस की ट्रापेज़ आर्टिस्ट की होगी।

साठ के दशक के सर्कस की इस आर्टिस्ट के लिए एक नाज़ुक, परन्तु एथलीट शरीर सरंचना वाली लड़की की ज़रुरत थी।  दिशा पाटनी इस भूमिका के लिए फिट थी।

ऐसा लगता है कि दिशा के अपने सोशल अकाउंट मे अपने एथलीट चित्र लगाना सफल हो गया है। 

भारत की स्टारकास्ट में शामिल होने से उत्तेजित दिशा पाटनी कहती है, "मैं भारत का हिस्सा बन कर उत्तेजित हूँ। सलमान खान के साथ फिल्म करना मेरा स्वप्न था, यह सच हो गया।  मैं इसकी शुरुआत का बेसब्री से इंतज़ार कर रही हूँ।"

भारत का, सलमान खान का मुख्य चरित्र अपनी बहन को ढूंढने की यात्रा के दौरान एक सर्कस में काम करता है। जबकि, कोरियाई फिल्म ओड टू माय फादर में यह किरदार एक खदान में काम करता है। 

अब, अपनी भारत भूमिका के लिए दिशा पाटनी को सर्कस की ट्रापेज आर्टिस्ट की कला को सीखना होगा।  दिशा पाटनी के लिए यह ख़ास मुश्किल नहीं होना चाहिए। 


अमिताभ बच्चन के साथ तपसी पन्नू की बदला - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

अमिताभ बच्चन के साथ तपसी पन्नू की बदला

खबर है कि साउथ सुपरस्टार तापसी पन्नू दूसरी बार अमिताभ बच्चन के साथ स्क्रीन शेयर करने जा रही है।

इस फिल्म का निर्देशन सुजॉय घोष करेंगे।

इस फिल्म का टाइटल बदला बताया गया है।

यह फिल्म एक स्पेनिश फिल्म  कंत्राटिएम्पो (अंग्रेजी टाइटल द इनविजिबल गेस्ट) की रीमेक होगी। फिल्म  द इनविजिबल गेस्ट की कहानी एक सफल व्यवसाई की है, जो अपनी रखैल की हत्या का दोषी ठहराया गया है।  उसे खुद को निर्दोष साबित करने के लिए सिर्फ तीन घंटों में प्रत्यक्ष सबूत पेश करने हैं।  इस काम में उसकी सहायता एक अटॉर्नी करता है।

इस क्राइम थ्रिलर फिल्म को बढ़िया सफलता मिली थी। फिल्म के निर्माण में ४.५० मिलियन डॉलर खर्च हुए थे तथा फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ३०.५० मिलियन का कारोबार किया था।

हिंदी रीमेक बदला की शूटिंग लन्दन और स्कॉटलैंड में जून से शुरू हो कर एक महीने तक चलेगी।

अमिताभ बच्चन और तापसी पन्नू, २०१६ में प्रदर्शित फिल्म पिंक में एक साथ आये थे।  इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने तापसी पन्नू और उसकी दो सहेलियों के वकील की भूमिका की थी।  इस फिल्म में तापसी पन्नू के अभिनय की प्रशंसा हुई थी।  यह तापसी पन्नू की तीसरी हिंदी फिल्म थी।

तापसी पन्नू का हिंदी फिल्म डेब्यू डेविड धवन की रीमेक फिल्म चश्मे बद्दूर से २०१३ में हुआ था।

पिंक की सफलता के बाद, तापसी पन्नू को हिंदी फिल्मों में सफलता मिलती चली गई।

उन्हें बॉलीवुड की टॉप अभिनेत्रियों में पहुंचाया डेविड धवन की ही एक और रीमेक फिल्म जुड़वा २ ने।  इस फिल्म में तापसी का ग्लैमर पक्ष खूब उभरा था।

यही कारण है कि तापसी इस समय बॉलीवुड की व्यस्त  अभिनेत्रियों में शुमार हैं। 

तापसी पन्नू की २०१८ में दिल जंगली फिल्म रिलीज़ हो चुकी है।


उनकी २०१८ में रिलीज़ होने वाले आगामी फिल्मो में, प्रकाश राज के निर्देशन में तड़का, शाद अली के निर्देशन में हॉकी खिलाडी संदीप सिंह पर बायोपिक फिल्म सूरमा, निर्देशक अनुभव सिन्हा की ऋषि कपूर के साथ फिल्म मुल्क़ और निर्माता आनंद एल राज की अनुराग कश्यप निर्देशित फिल्म मनमर्ज़ियाँ के नाम शामिल हैं।  



फॉलआउट के ईथन हंट का मिशन ज्यादा खतरनाक है  - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Wednesday 16 May 2018

फॉलआउट के ईथन हंट का मिशन ज्यादा खतरनाक है

पैरामाउंट पिक्चर्स और स्काईडांस की बहुप्रतीक्षित फिल्म मिशन: इम्पॉसिबल फॉलआउट का ट्रेलर जारी कर दिया गया है। इस फिल्म के लेखक- निर्देशक क्रिस्टोफर मैकक्वरी दूसरी बार किसी मिशन: इम्पॉसिबल फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं। वह ऐसे इकलौते निर्देशक हैं, जो दूसरी मिशन: इम्पॉसिबल फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं। क्रिस्टोफर ने पिछली फिल्म मिशन: इम्पॉसिबल रोग नेशन (२०१५) का निर्देशन भी किया था। इम्पॉसिबल मिशन फ़ोर्स (एमआईऍफ़) का मिशन बुरी तरह से असफल हो जाता है। अब दुनिया को इसका खामियाजा भुगतना ही होगा। ऐसे ईथन हंट को दुनिया को होने वाले नुकसान से बचाना है। बेशक वह इसे पूरा कर पायेगा। लेकिन, उसे इसमे काफी कठिनाइयाँ आनी ही हैं। इस छठे मिशन में मिशेल मोनाघन (जूलिया मीड-हंट) और सिमोन पेग (बेंजामिन बेंजी डन) अपने किरदार में होंगे ही, हेनरी काविल (अगस्त वॉकर) और एंजेला बेसेट के नए किरदार भी जोड़े गए हैं। फिल्म में सीन हैरिस के खल किरदार के साथ केविल का किरदार भी ईथन हंट का विरोधी है। टॉम क्रूज़ के ईथन हंट की के अलावा विंग र्हमेस, वनेसा किर्बी, एलेक बाल्डविन, वेस बेंटले और फ्रेडेरिक श्मिट की अहम् भूमिकाओं वाली फिल्म मिशन: इम्पॉसिबल फॉलआउट २७ जुलाई को प्रदर्शित हो रही है। ऊपर देखिये फिल्म का ट्रेलर -  


रेस ३ का ट्रेलर  - देखने के लिए क्लिक करें 

Tuesday 15 May 2018

रेस ३ का ट्रेलर

बगैर प्रोस्थेटिक मेकअप के रसिका दुग्गल बनी मंटो की साफ़िया

कान फिल्म फेस्टिवल में नंदिता दास की फिल्म मंटो चर्चा में रही।

इस फिल्म में मंटो का किरदार अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी कर रहे हैं और उनकी पत्नी साफ़िया की भूमिका में अभिनेत्री रसिका दुग्गल हैं।

रसिका को निखिल अडवाणी की सीरीज पीओडब्ल्यू: बंदी युद्ध के की श्रीमती शोभा विक्रम सिंह की भूमिका से पहचान मिली।

उन्होंने कई फ़िल्में की हैं, लेकिन इन फिल्मों में उनकी भूमिका उल्लेखनीय नहीं रही। सिवाय, नंदिता दास की फिल्म मंटो की साफ़िया के।

इस भूमिका के लिए रसिका ने काफी तैयारी की थी।

फेस्टिवल के दौरान उन्होंने बताया कि सफिया के लुक के लिए उन्हें किसी भी प्रोस्थेटिक्स या मेकअप की जरूरत नहीं पड़ी। स्टाइलिस्टों ने मिलकर उनके कपड़े और बालों को इस तरह तैयार किया, जिससे दर्शकों को उस दौर की असली झलक मिल सके।

उनके इस लुक के नतीजे काफी दिलचस्प रहे, जिसकी बदौलत रसिका इस फिल्म में असल जिंदगी की सफिया की तरह लग रही हैं।

बिना हैवी मेकअप या प्रोस्थेटिक्स के इस तरह का बिल्कुल असली लुक हासिल कर पाना रसिका की बड़ी कामयाबी थी।

क्योंकि, आमतौर पर रियल लाइफ स्टोरी या बायोपिक के फिल्म मेकर, एक्टर के लुक को बिल्कुल रियल बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा मेकअप की मदद लेते हैं।

कांन्स फिल्म फेस्टिवल के दौरान रसिका दुग्गल ने सलमा हायेक, पेटी जेनकिन्स, केट ब्लैंचेट, जेन फोंडा, नंदिता दास और अन्य ८२ महिलाओं के साथ मी टू कैम्पेन के लिए स्पेस शेयर करते हुए अपनी मौजूदगी दर्ज की।

मंटो की कहानी, इंडो-पाक लेखक सआदत हसन मंटो के आजादी के बाद के जीवन पर आधारित है। रसिका मंटो की पत्नी सफिया के रोल में नजर आएंगी।


नंदिता के इस प्रोजेक्ट में राजश्री देशपांडे भी मशहूर लेखिका इस्मत चुगताई के रोल में दिखाई देंगी।इस फिल्म में शबाना आज़मी, पूरब कोहली और चंदन रॉय सान्याल के अलावा कई दूसरे एक्टर भी गेस्ट रोल में दिखाई देंगे।

खुद को पिंजड़े में क्यों बंद किया मल्लिका शेरावत ने ? - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

खुद को पिंजड़े में क्यों बंद किया मल्लिका शेरावत ने ?

मर्डर एक्ट्रेस मल्लिका शेरावत अंतरराष्ट्रीय एनजीओ 'फ्री ए गर्ल इंडिया' की अंबेसडर हैं। यह संस्था मानव तस्करी और बच्चों के कमर्शियल यौन शोषण के खिलाफ लड़ता हैं। इसी क्रम में ७१वें कान फिल्म फेस्टिवल २०१८ में जबरदस्ती बाल वेश्यावृत्ति जैसे भयानक अपराध पर जागरूकता फैलाने का काम किया जा रहा है। फ्री ए गर्ल्स लॉक-मी-अप अभियान के हिस्से के रूप में, मल्लिका ने इस मुद्दे पर दुनिया का ध्यान खींचने के लिए कान्स में १२*८ फीट छोटे पिंजरे में खुद को बंद कर लिया। 

मल्लिका 'फ्री ए गर्ल' एनजीओ के साथ मजबूती से सहयोग करने के लिए जानी जाती है। उन्होंने पिछले साल भी कान्स में इसका प्रतिनिधित्व किया था। मल्लिका वर्षों से परोपकारी गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी के लिए जानी जाती है। इस बार उन्होंने इस क्रूर अपराध को खत्म करने में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने का वचन दिया है। 

मल्लिका कहती हैं, "कांस में ये मेरा नौवां वर्ष है और यह फेस्टिवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में बाल वेश्यावृत्ति के मुद्दे को उठाने के लिए सबसे सफल मंचों में से एक है। एक पिंजरे में बंद हो कर मैं इस बात की कल्पना करना चाहती थी कि कैसे युवा लड़कियों की तस्करी की जा रही हैं और कैसे वे १२*८ फुट के कमरे में फंस गई हैं। इन निर्दोष पीड़ितों को बिना किसी सहायता के जीना पडता है। किसी भी बदलाव की उम्मीद के बिना एक महिला को हर मिनट दुर्व्यवहार का सामना करना पडता है। तो मैंने अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाने और इस  मुद्दे पर जागरूकता फैलाने का निर्णय लिया। ये ऐसा मुद्दा है, जिस पर जल्द से जल्द खत्म किए जाने की जरूरत है।"

अभिनेत्री 'स्कूल फॉर जस्टिस' की भी ब्रांड एंबेसडर है और महिलाओं के अधिकारों पर वो एक मजबूत दृष्टिकोण साझा करती है. मल्लिका संयुक्त राष्ट्र और एनजीओ 'उर्जा' से भी जुडी हुई है। इसी के तहत, मल्लिका ने भारत में महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं को ले कर २०१४ में ६५वें यूनाइटेड नेशंस डीपीआई/एनजीओ कांफ्रेंस को संबोधित किया था। 


इस अभियान के साथ, मल्लिका भारत में स्कूल फॉर जस्टिस को समर्थन करने का इरादा रखती है। मल्लिका भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जबरदस्ती बाल वेश्यावृत्ति की समस्या को खत्म करने के लिए एक बदलाव लाने के लिए काम कर रही है। 


खजूर पे अटके का दुनिया गीत - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

खजूर पे अटके का दुनिया गीत

Monday 14 May 2018

प्रस्थानम के हिंदी रीमेक में सूरज पंचोली की जगह फुकरे एक्टर !

प्रस्थानम 
तेलुगू फिल्ममेकर देव कट्टा की कल्ट क्लासिक, प्रस्थानाम की हिंदी रीमेक में संजय दत्त के सौतेले बेटे की भूमिका में पहले सूरज पंचोली को लिया गया था।

लेकिन, अब सूरज की जगह अली फज़ल को ले लिया गया है।

यह पूरी फिल्म संजय दत्त के नेता किरदार के इर्दगिर्द घूमती है।

प्रस्थानम की यह भूमिका एक्टर साईं कुमार को फिल्मफेयर और नंदी अवार्ड्स जितवाने वाली भूमिका थी।

तेलुगु फिल्म में साईं के बेटे की भूमिका शर्वानंद ने की थी। इस फिल्म में पिता और पुत्र के बीच टकराव के कई दृश्य थे। इसके संवाद ज़बरदस्त थे।

इन्ही दृश्यों के कारण फिल्म को काफी पसंद किया गया था।

हिंदी रीमेक में बेटे के किरदार के लिए सूरज पंचोली का चुनाव उनकी प्रेसेंस के कारण तो ठीकठाक था।

लेकिन, अब जबकि, सूरज फिल्म से बाहर हो गए हैं, उनकी जगह अली का आना कुछ बढ़िया चुनाव नहीं लगता।

अली काफी मामूली एक्टर हैं।

वह कई एक्टरों वाली फिल्म में फिट बैठ सकते हैं। लेकिन, किसी फिल्म की केंद्रीय भूमिका उनके उपयुक्त नहीं लगती। उनकी प्रेसेंस न के बराबर होती है।

अली की अभी एक भी ऐसी फिल्म नहीं है, जिसमे उनकी केंद्रीय भूमिका रही हो और वह फिल्म हिट हुई हो।

इस फिल्म में अमयारा दस्तूर को भी लिया गया है।

फिल्म का निर्देशन तेलुगु प्रस्थानम के देव कट्टा ही करेंगे।

इस फिल्म से निर्माता संजय दत्त की वापसी हो रही है।

सात साल पहले, संजय दत्त की बतौर निर्माता पहली फिल्म रास्कलस (२०११) में रिलीज़ हुई थी।  अभिनेता संजय दत्त की वापसी फिल्म भूमि बॉक्स ऑफिस पर ध्वस्त हो गई थी।

इसके बावजूद संजय दत्त के पास फिल्मों की कोई कमी नहीं है।  उनका करियर जैसे कुलांच भर रहा है।

उन पर बायोपिक फिल्म संजू रिलीज़ होने वाली है।

वह इस समय, कलंक, तोरबाज़, शमशेरा, साहिब बीवी और गुलाम ३, टोटल धमाल और पानीपत जैसे बड़ी प्रोजेक्ट में केंद्रीय और अहम् भूमिकाये कर रहे हैं। 

पाकिस्तानी महिरा खान का ग्लैमर क्वोशॅन्ट -   क्लिक करें 

पाकिस्तानी महिरा खान का ग्लैमर क्वोशॅन्ट

‘स्वरमाऊली’ टायटिल से सम्मानित लता मंगेशकर

भारतरत्न लता मंगेशकर ने हिन्दी और ३६ क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं और विदेशी भाषाओं में हजारों गाने रिकार्ड किए है

वह तीन नेशनल फिल्म अवार्ड्स, १२ बंगाली फिल्म जर्निलस्ट्स एसोसिएशन अवार्ड्स, चार फिल्मफेअर बेस्ट फिमेल प्लेबैक अवार्ड्स, दो फिल्मफेअर स्पेशल अवार्ड्स, फिल्मफेअर लाइफ टाइम एचिवमेंट अवार्ड और दादासाहेब फाल्के अवार्ड और द ऑफिसर ऑफ द लिजन आफ ऑनर अवार्ड (फ्रांस का उच्चतम नागरिक अवार्ड) के अलावा अन्य कई सम्मान और अवार्ड्स से सम्मानित की जा चुकी है

इसके बावजूद जब करविर मठ, कोल्हापुर के जगतगुरू शंकराचार्य ने स्वर मौली टायटिल से सम्मानित करने के लिए उनका चयन किया तो लता मंगेशकर अत्यंत प्रसन्न हुईं

यह अवार्ड उन्हें उनके प्रभु कुंज स्थित निवास, मुंबई में १२ मई को दिया गया

लता मंगेशकर कहती हैं, “जगतगुरू शंकराचार्य ने मुझे टाइटल स्वर मौली के लायक समझा, यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है

मैं खुद को बहुत सौभाग्यशाली समझती हूं कि वह मुझे सम्मानित करने के लिए खुद आये उनके इस आशीर्वाद के लिए मैं उनकी आभारी हूं ।“


यशराज फिल्म्स के शमशेर की वाणी (कपूर) - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

यशराज फिल्म्स के शमशेर की वाणी (कपूर)

हिंदी फिल्मों में वाणी कपूर को वाणी देने वाले यशराज फिल्म्स के आदित्य चोपड़ा एक बार फिर वाणी कपूर पर मेहरबान हैं ।

उन्होंने एक बार फिर, अपनी फिल्म शुद्ध देसी रोमांस की नायिका गायत्री को शमशेरा का रोमांस बना दिया है ।

हालाँकि, शमशेरा एक महा एक्शन फिल्म है ।

रणबीर कपूर के किरदार को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि रणबीर ने पहले कभी ऎसी भूमिका नहीं की ।

ऐसे में, अनुमान लगाया जा सकता है कि वाणी कपूर की शमशेरा में भूमिका कैसी होगी ! 

लेकिन, फिल्म के निर्देशक करण मल्होत्रा दावा करते हैं कि फिल्म में वाणी कपूर की भूमिका रणबीर कपूर के शमशेरा के साथ गुंथी हुई है ।

वाणी का किरदार फिल्म की कहानी से इस तरह जुडा हुआ है कि वह नायक के विद्रोही मिशन को उत्प्रेरित करती है ।

वाणी इस भूमिका के लिए बिलकुल उपयुक्त है ।

हम चाहते थे ऐसा चेहरा ताज़गी भरा भी हो और खूबसूरती से किरदार में फिट भी हो जाए ।“

वाणी कपूर की पिछली फिल्म, आदित्य चोपड़ा निर्देशित रणवीर सिंह के साथ फुकरे बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी थी ।

फिल्म शमशेरा में संजय दत्त एक क्रूर भाड़े के हत्यारे की भूमिका कर रहे हैं, जो रणबीर कपूर के शमशेरा का भी दुश्मन है ।

इस फिल्म की शूटिंग अगले साल के मध्य तक पूरी भी हो जायेगी । 


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परमाणु की लड़ाई में अकेले थे जॉन अब्राहम

निर्माता जॉन अब्राहम, आज खुश भी हैं और वेदना से भरे हुए भी हैं ।

वह खुश इसलिए हैं कि उनके दिल के सबसे ज्यादा नज़दीक उनकी बतौर निर्माता और अभिनेता फिल्म परमाणु : द स्टोरी ऑफ़ पोखरण २५ मई को रिलीज़ होने जा रही है ।

इस फिल्म के लिए उन्हें, एक दूसरी सह निर्माता प्रेरणा अरोड़ा के साथ कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी 

इसके बाद ही उनकी फिल्म अदालती आदेश के बाद रिलीज़ हो रही है ।

जॉन अब्राहम को दुःख इस बात का है कि उनकी इस लड़ाई में फिल्म इंडस्ट्री का कोई भी साथ नहीं था ।

पूरी इंडस्ट्री मूक दर्शक बनी सब देख रही थी ।

यहाँ तक कि वह दूसरे निर्माता भी, जिन्हें प्रेरणा अरोड़ा के रवैये से कठिनाई हुई थी ।

जॉन अब्राहम कहते हैं, “मैं किसी से सपोर्ट की उम्मीद भी नहीं कर रहा था ।

सभी इतना ज़रूर कह रहे थे कि ईश्वर का धन्यवाद कि जॉन के बजाय हम नहीं थे ।

जबकि, मेरे कारण बहुत से लोगों का झंझट ख़त्म हो गया ।“

जॉन अब्राहम में सच के लिए लड़ने, खड़े होने और साबित होने का जज्बा है । सच भी उनके साथ था । 


दो पत्नियों के बीच ‘फालूदा’ बना डिलीवरी बॉय - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

दो पत्नियों के बीच ‘फालूदा’ बना डिलीवरी बॉय

कॉमेडी फिल्म 'फालूदा' का ट्रेलर और म्यूजिक वरिष्ठ फ़िल्मकार लॉरेंस डिसूज़ा ने लांच किया । 

फिल्म फालूदा की कहानी एक डिलीवरी बॉय अजय की है, जिसकी दो पत्नियाँ हैं शीतल और रिया दोनों अलग अलग जगह रहती हैं ।

एक घटना के कारण इंस्पेक्टर के के सिंह को शक हो जाता है कि अजय अंडरवर्ल्ड गैंग का एक सदस्य है ।

अजय को डर लगने लगता है कि इस वजह से उसकी दो पत्नियों का राज़ सब के सामने खुल जाएगा ।

अजय अपने दोस्त पप्पू की मदद से दोनों पत्नियों के घर आता जाता रहता है । और कॉमेडी क्रिएट होती है ।

फिल्म में अजय का रोल आरव सिंह, शीतल का रोल गूँज चंद, रिया का रोल पिहू शर्मा, के के सिंह का रोल गौरव शर्मा कर रहे हैं ।

फिल्म के निर्देशक धीरज सिंह हैं ।

फिल्म ज़ल्द ही रिलीज़ होगी । 


बॉलीवुड की आल फीमेल बडी फ़िल्में - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Sunday 13 May 2018

बॉलीवुड की आल फीमेल बडी फ़िल्में

आजकल, करीना कपूर खान और सोनम कपूर के साथ स्वरा भास्कर और शिखा तलसानिया की टीम १ जून को रिलीज़ होने जा रही फीमेल बडी कॉमेडी फिल्म वीरे दी वेडिंग का प्रमोशन कर रही हैं।  शशांक घोषक निर्देशित इस फिल्म में यह चारों दोस्त बनी है। तेज़ तर्रार और खुल कर महिला पुरुष अंगों के बारे में बात करने वाली और सेक्स के मामले में खुली आधुनिक भारतीय नारियां हैं।  इस फिल्म में, करीना कपूर खान ने कालिंदी, सोनम कपूर ने अवनि, स्वरा भास्कर ने साक्षी और शिखा तलसानिया ने मीरा की भूमिका की है।  इस फिल्म में इन भद्र महिलाओं ने किस स्तर के संवाद बोले होंगे, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फिल्म की एक निर्माता एकता कपूर ने सेंसर बोर्ड से फिल्म के लिए खुद एडल्ट प्रमाण पत्र की मांग करने का फैसला किया है।  इस फिल्म से, सोनम कपूर की बहन रिया फिल्म निर्माता बन गई हैं।

शिखा तलसानिया 
उपरोक्त चारों अभिनेत्रियों के लिए वीरे दी वेडिंग ख़ास है।  शिखा तलसानिया ने वेकअप सिड, दिल तो बच्चा है जी, माय फ्रेंड पिंटू, आदि जैसी फ़िल्में की हैं।  वह आम तौर  पर शार्ट फ़िल्में करती रहती हैं।  उनकी लम्बे समय बाद कोई पूरी लम्बाई की फिल्म रिलीज़ होगी।  इस फिल्म के अलावा उनके पास कोई दूसरी फिल्म नहीं है।

स्वरा भास्कर 
प्रेम रतन धन पायो  में सलमान खान की बहन की भूमिका करने वाली अभिनेत्री स्वरा भास्कर का करियर भी कुछ यों ही सा है।   पिछले साल रिलीज़ फिल्म अनारकली ऑफ़ आरा में स्वरा ने एक छोटे कसबे की कामुक ढंग से नाचने वाली अनारकली की भूमिका की थी।  इस फिल्म में, स्वरा भास्कर ने दिखाया भी बहुत था और बोला भी बहुत कुछ था।  भद्दी भाषा उगलने के बावजूद स्वरा भास्कर अपनी फिल्म के लिए दर्शक नहीं उगल पाई।  उनकी भी वीरे दी वेडिंग के बाद दूसरी कोई फिल्म रिलीज़ नहीं हो रही

सोनम कपूर 
सोनम कपूर ने फिल्म में अवनि की भूमिका की है।  २००७ में सुपर फ्लॉप सावरिया से फिल्म करियर की शुरुआत करने वाली सोनम कपूर ने हिट से ज़्यदा फ्लॉप फ़िल्में दी हैं।  हालाँकि, उनके खाते में रांझणा, भाग मिल्खा भाग और नीरजा जैसी फ़िल्में दर्ज हैं।  लेकिन, उनकी यह सफलता उनकी असफल फिल्मों के ढेर के नीचे दब कर रह जाती हैं।  सोनम कपूर की वीरे दी वेडिंग के बाद  दूसरी फ़िल्में संजू, द  ज़ोया फैक्टर और एक  लड़की को देखा तो ऐसा लगा भी प्रदर्शित होनी हैं।  लेकिन, ३२ साल की इस अभिनेत्री के इस साल शादी कर लेने की खबरों से साफ़ हो जाता है कि अब उनके फिल्म करियर का कोई ठौर नहीं रह गया है।

करीना कपूर खान
करीना कपूर खान ने अपने बेटे तैमूर के जन्म के बाद इस फिल्म की शूटिंग शुरू की थी। इस फिल्म की कहानी कालिंदी पर केंद्रित है।  कालिंदी शादी करने जा रही है।  लेकिन, उसके मन में कई शंकाये और सवाल हैं।  यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल होगी या असफल, इसका पता तो १ जून को ही चल सकेगा।  लेकिन, करीना कपूर खान को अपना करियर आगे चलाने के लिए फिल्म में खुद के अभिनय को दिखाना होगा।  बदन उघाड़ने और भड़ी संवाद बोलने का समय चला गया है।अगर, वह बढ़िया अभिनय नहीं पेश कर पाई तो उन्हें तैमूर की नैनी को बाहर करतैमूर की देख भाल का जिम्मा खुद सम्हालना होगा।  क्योंकि, वीरे दी वेडिंग के बाद, उनके पास भी कोई नई फिल्म नहीं है।

महिला दोस्तों में खास है सेक्स
पैन नलिन निर्देशित एंग्री इंडियन गॉडेस को भारत की पहली फीमेल बडी मूवी बताया जाता है। इस फिल्म की शुरुआत एक फैशन फोटोग्राफर फ्रीडा (सारा जेन डियास) के अपनी महिला मित्रों को अपनी शादी के ऐलान के लिए उत्सव में आमंत्रित कराती है। विदेशी डायरेक्टर की भारतीय महिलाओं पर केंद्रित यह फिल्म संध्या मृदुल, अनुष्का मनचंदा, तनिष्ठा चटर्जी, अमृत मघेरा, पवलीन गुजराल और राजश्री देशपांडे के भिन्न पृष्ठभूमि और पेशे की महिलाओं के इर्दगिर्द घूमती रहती है।  इस कहानी में मोड़ तब आता है, जब एक सहेली नरगिस (तनिष्ठा चटर्जी) की हत्या हो जाती है।  इस फिल्म में वह सब कुछ था, जो महिला चरित्रों की सेक्सुअलिटी को इंगित करता था। 

लीना यादव की इरोटिक ड्रामा फिल्म पार्च्ड - राजस्थान की पृष्ठभूमि पर चार महिलाओं रानी (तनिष्ठा चटर्जी), रज्जो (राधिका आप्टे), जानकी (लहर खान) और बिजली (सुरवीन चावला) के सामाजिक भेदभाव, महिलाओं की उपेक्षा, वैवाहिक बलात्कार, बाल विवाह, दहेज़, आदि समस्याओं के इर्दगिर्द घूमती थी। लेकिन, पार्च्ड का पूरा जोर महिलाओं की अधूरी सेक्स इच्छाओं नज़र आता था।यह फिल्म अपने बोल्ड विषय के कारण काफी चर्चित हुई।  

अलंकृता श्रीवास्तव की लिपस्टिक अंडर माय बुरखा - अलंकृता श्रीवास्तव की लिपस्टिक अंडर माय बुरखा भी विद्रोही प्रकृति की फिल्म थी।  कोंकणा सेन शर्मा, पबिता बोरठाकुर, अहाना कुमरा और रत्न पाठक शाह के चरित्रों पर केंद्रित इस फिल्म के तमाम चरित्र रूढ़िवादी समाज के खिलाफ विद्रोह करने वाले, अपनी आज़ादी और ख़ुशी के लिए अपना रास्ता खुद तय करने वाले थे। इस फिल्म को भी देश से ज़्यादा विदेश में देखा गया।

कुछ हट कर फ़िल्में  
बॉलीवुड की उपरोक्त फिल्मों में जहाँ स्त्री स्वतंत्रता के नाम पर  महिला चरित्रों की सेक्सुअलिटी को आगे कर पुरुषों को आकर्षित करने की नीयत उभर कर आ रही थी, वहीँ कुछ फ़िल्में वास्तविक समस्या पर ध्यान देने वाली थी।  इनमे अमिताभ बच्चन  की वकील भूमिका वाली फिल्म पिंक उल्लेखनीय है। इस फिल्म की तीन आत्मनिर्भर सहेलियां तापसी पन्नू, कीर्ति कुल्हारी और एंड्रिया तारीअंग पीजी में रह कर अपनी नौकरी कर रही है।  एक दिन वह डिनर करने जाती हैं तो उनसे छेड़छाड़ और ज़बरदस्ती होती है।  इसमें एक लडके का सिर्फ फोड़ दिया जाता है।  इन तीनों पर पुलिस मुकदमा कर देती है।  यह फिल्म बिना अतिरेक के महिला अधिकार की वकालत करती है। इस फिल्म के अलावा, भारतीय महिला हॉकी टीम की काल्पनिक कथा पर फिल्म चक दे इंडिया हॉकी टीम के ज़रिये भारतीय महिलाओं की क्षमता का खूबसूरत चित्रण करती थी। रियल लफिए पर गुलाब गैंग की एक गाँव की महिलाये पुरुषों के अतयाचार के खिलाफ अपने लट्ठ उठा लेती है। 

हॉलीवुड की आल फीमेल बडी फ़िल्में 
हॉलीवुड ने आल फीमेल बडी मूवीज के अंतर्गत बहुत सी फ़िल्में बनाई हैं। यह फिल्मे, हिंदुस्तानी फिल्मों की तरह केवल महिला की सेक्स की ज़रूरतों और स्वतंत्रता के बजाय उनकी बिंदास जीने की इच्छा, छुट्टी मनाने की ख़ुशी, दोस्ती और जलन पर भी केंद्रित थी।  इन फिल्मों में महिला चरित्र के विभिन्न रूपों को भिन्न जॉनर में दर्शाया गया है। इस प्रकार की फिल्मों में मीन गर्ल्स, ब्राइड्समैड्स, रोमी एंड मिशेलस हाई स्कूल रीयूनियन, थेल्मा एंड लुइस, क्लूलेस, पिचपरफेक्ट, ब्रिंग इट ऑन, अ लीग ऑफ़ देअर ओन, स्टील मंगोलिअस, हाउस बन्नी, सेक्स एंड द सिटी, द हीट, चार्लीज एंजेल, नो एंड देन, द फर्स्ट वाइव्स क्लब, आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।


कहानी के लिहाज़ वीरे दी वेडिंग सेक्सुअल टोन वाली फिल्म लगती है। ऐसी फ़िल्में अपने संवादों और हावभाव के ज़रिये  कुछ दर्शक तो बटोर सकती हैं।  लेकिन, फिल्म और एक्टर्स को लम्बी उम्र देने के लिहाज़ से इतना काफी नहीं।  क्या वीरे  दी वेडिंग अपने दर्शकों पर पॉजिटिव प्रभाव छोड़ पाएगी ? क्या करीना कपूर खान और सोनम कपूर का गैंग दर्शकों को प्रभावित कर पायेगा ? इंतज़ार कीजिये १ जून का !

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