अगर अमला की कहानी कही जाये तो वह कुछ ऐसे होगी। एक थी अमला। वह अस्सी के दशक में दक्षिण से बॉलीवुड आयी थी फिल्म अभिनेत्री बनने। उस समय बॉलीवुड पर रेखा, श्रीदेवी, जयप्रदा, आदि साउथ सुंदरियाँ छायी हुई थीं। १९८६ में तमिल फिल्मों में डेब्यू करने के बाद, अमला ने १९८८ में बॉलीवुड का रुख किया। इस साल उनकी तीन फ़िल्में विनोद खन्ना, फ़िरोज़ खान और माधुरी दीक्षित की दयावान, दादा कोंडके की फिल्म कब तक चुप रहूंगी और संगीतम श्रीनिवास राव की कमल हासन के साथ मूक फिल्म पुष्पक। तीनों ही फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर ऐसा कुछ नहीं कर सकीं कि बॉलीवुड फिल्म दर्शकों का ध्यान अमला की तरफ जाता। अगले साल अमला की दो और फ़िल्में दोस्त और ज़ुर्रत रिलीज़ हुईं। यह दोनों फ़िल्में भी बॉक्स ऑफिस पर कुछ चमत्कार नहीं कर सकीं। फिर १९९० में आये रामगोपाल वर्मा दक्षिण के सितारे नागार्जुन को लेकर एक्शन फिल्म शिवा के साथ। इस फिल्म में शिवा यानि नागार्जुन की आशा अमला बनी थीं। फिल्म हिट हुई। अमला को नागार्जुन से प्यार हो गया। दोनों ने शादी कर ली। अमला ने बॉलीवुड को अलविदा कह दिया। अमला की बॉलीवुड की नायिका बनने की कहानी अधूरी रह गयी। अब २४ साल बाद हमारी अधूरी कहानी। परन्तु यह अधूरी कहानी अमला की नहीं है। यह नाम है निर्देशक मोहित सूरी की फिल्म का। इस फिल्म में विद्या बालन और इमरान हाशमी की मुख्य भूमिका है । इस फिल्म में अमला विशेष भूमिका में आएंगी। परन्तु, इस से अमला की बॉलीवुड की अधूरी कहानी उसी हद तक पूरी हो सकेगी, जिस हद तक वह चरित्र भूमिका में होंगी। जैसी कि उन्होंने पिछले साल फिल्म 'लिसेन---अमाया' में की थी।
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