वरिष्ठ और प्रतिष्ठित फिल्म निर्माता और निर्देशक के.
बालाचंदर का निधन हो गया। ९ जुलाई को पैदा ८४ वर्षीय बालाचंदर लम्बे समय से बीमार थे। उनके देहांत से भारतीय फिल्म उद्योग ने एक ऐसा फिल्मकार खो दिया, जिसने फिल्म उद्योग को रजनीकांत और कमल हासन जैसे सितारे दिए। अपने ४५ साल लम्बे फिल्म करियर में बालाचंदर ने १०० से ज़्यादा फिल्मों का निर्माण किया। वह तमिल फिल्म उद्योग के सम्मानित पटकथा लेखक थे। तमिल ब्राह्मण परिवार में पैदा कैलाशम बालाचंदर को आठ साल की उम्र से ही फिल्मों का शौक चढ़ गया था। वह तत्कालीन तमिल सुपर स्टार एमके त्यागराजा भगवाथर की फ़िल्में देख देख कर बड़े हुए। उन्हें अभिनय और फिल्म लेखन का शौक लग गया। उन्होंने अपने अभिनय जीवन की शुरुआत नाटकों से की। साथ के दशक में बालाचंदर ने फिल्म उद्योग में देवा थाई के संवाद लिख कर प्रवेश किया। इस फिल्म के नायक एमजी रामचंद्रन थे। उनके नाटक पर बनी कृष्णन पंजू निर्देशित तमिल फिल्म ने कई पुरस्कार जीते। उनकी स्क्रिप्ट पर फिल्म मेजर चंद्रकांत को भी फिल्मफेयर अवार्ड मिला। इस फिल्म को हिंदी में ऊंचे लोग नाम से बनाया गया। इस फिल्म ने नेशनल फिल्म अवार्ड जीता। उनकी तमिल फिल्म अपूर्व रागंगल से अभिनेता रजनीकांत का फिल्म डेब्यू हुआ। उनकी फिल्म के तेलुगु रीमेक ने अभिनेत्री जयाप्रदा को स्थापित कर दिया। के बालाचंदर को तमिल, तेलुगु और कन्नड़ फिल्म उद्योग को १०० से ज़्यादा कलाकार देने का श्रेय जाता है। आज के विलन प्रकाश राज भी बालाचंदर की खोज हैं। वैसे उन्होंने ज़्यादातर फ़िल्में कमल हासन के साथ बनाई। उन की ट्रैजिक रोमांस फिल्म एक दूजे के लिए ने बॉलीवुड को कमल
हासन, माधवी और रति अग्निहोत्री जैसे सितारे दिए थे। इस फिल्म ने पहली पहली बार
बॉलीवुड में गोवा की लोकेशन को सुपर हिट बना दिया था। एक दूजे के लिए से पहले, बालाचंदर ने मुमताज़ और
राजेश खन्ना को लेकर आइना बनाई थी, जो फ्लॉप हुई थी। वह १९६५ में रिलीज़
अशोक कुमार, फ़िरोज़ खान और राजकुमार अभिनीत फिल्म
ऊंचे लोग के लेखक थे। एक दूजे के लिए से बॉलीवुड में प्रेम रस की धार
बहने लगी. इस फिल्म के बाद के बालाचंदर ने ज़रा सी ज़िन्दगी, एक नई पहेली,
आदि फ़िल्में भी बनायी. बालाचंदर ने एसपी बालसुब्रमण्यम जैसे गायक का हिंदी
सिनेमा से परिचय कराया. इसी फिल्म के कारण बाला को सूरज बड़जात्या की मैंने
प्यार किया मिली, जिसके सलमान खान पर फिल्माए गए तमाम गीत हिट हुए। उन्होंने तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी की ८४ फिल्मों का निर्देशन किया। वह २७ फिल्मों के लेखक थे। रोज जैसी आठ फिमों का निर्माण किया। के बालाचंदर को १९८७ में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उनकी सात फिल्मों को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिले। २०११ में वह दादासाहेब फालके पुरस्कार से सम्मानित हुए।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday, 23 December 2014
बॉलीवुड को रोमांटिक जोड़ी देने वाले के बालाचंदर
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श्रद्धांजलि
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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