पिछले दिनों एक ग्रुप द्वारा स्थापित 'शौर्य पुरस्कार' अभिनेत्री अर्जुमन मुग़ल को फिल्म 'या रब' में उत्कृष्ट और साहसिक अभिनय के लिए दिया गया। इस फिल्म में अर्जुमन, एजाज़ खान की नायिका थीं। यहाँ सवाल यह है कि अर्जुमन को यह पुरस्कार क्यों ? किसी फिल्म में अभिनय करना साहसिक कैसे ? अगर आपने फिल्म नहीं देखी है तो बताना उपयुक्त होगा कि फिल्म 'या रब' इस्लाम के स्वार्थी तत्वों द्वारा दुरूपयोग का पर्दाफाश करती है। आजकल, जिस प्रकार से इस्लाम की आड़ में हिंसा और आतंकवाद फैलाया जा रहा है, 'या रब' का मुख्य चरित्र इसका दुश्मन था। इस कथानक के कारण 'या रब' की काफी प्रशंसा भी की गयी थी। फिल्म में अर्जुमन ने एक गर्भवती औरत की भूमिका की थी, जो एक बम विस्फोट की इकलौती गवाह थी। ऎसी भूमिका में काफी बातें इस्लाम के दुरूपयोग करने वालों को नागवार लग सकती थीं। इसलिए, अर्जुमन का इस भूमिका को करना साहसिक कदम ही था। अर्जुमन कहती हैं, "मुझे यह पुरस्कार अपनी अभिनय क्षमता के लिए ही नहीं, भूमिका को स्वीकार करने के साहस के लिए भी दिया गया।"
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday, 31 December 2014
'या रब' अर्जुमन मुग़ल को 'शौर्य पुरस्कार'
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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