हिरानी की 'पीके' में अनुष्का शर्मा बिना पिए बेल्जियम में रहती है। अमिताभ बच्चन के पप्पा जी की कविताओं की शौक़ीन है। ;एक ऑडिटोरियम में पप्पा की कविता और बच्चा की विनम्रता का प्रदर्शन हो रहा था। पाकिस्तानी मुस्लमान सुशांत सिंह राजपूत अमिताभ बच्चन का फैनवा था. संयोगवश दोनों आ गए उसी थिएटर में. दोनों निकम्मे पैसे से तंग और चरित्र से लुच्चे थे. एक सौ रूबल का टिकट नहीं खरीद पाये तो लुच्चई पर उतर आये. हिन्दू लड़की चरित्र की ढीली। दूसरी मुलाक़ात में चुम्बन बाजी छोडो बिस्तर बाजी में उतर आयी. (बॉलीवुड की हिन्दू लड़कियां ऐसे ही चरित्र की दिखाई जाती हैं. विश्वास न हो तो करण जौहरवे से पूछ लो) वह फेसटाइम पर घर में बताती है। माँ बाप गुरु जी से पूछते हैं। गुरूजी कहते हैं, वह मुस्लमान है, धोखा देगा। अनुष्का सुशांत से शादी करने के लिए कहती है। तैयार हो जाता है। हिन्दू लड़की और मुस्लमान लड़का शादी करने के लिए चर्च जाते है. एक ईसाई जोड़ी की महिला जोड़ीदार अपनी बिल्ली हिन्दू लड़की को पकड़ा देती है. थोड़ी देर में हिन्दू लड़की के हाथों में एक पत्र आता है। जिसमे लिखा है कि वह शादी नहीं कर सकता। लड़की, बिना कुछ शोर शराब करे, सती नारी की तरह इंडिया वापस आ जाती है। जबकि उसे मालूम है कि वह लड़का पाकिस्तान दूतावास में काम करता है तथा वह बिस्तरबाज़ी करने लडके के घर तक गयी थी।
बेल्जियम से पहले, भारत के राजस्थान में १०० ग्राम पिए एक एलियन आता है। एक चोर उसका रिमोटवा छीन ले जाता है। पीके उसका ट्रांजिस्टर छीन लेता है, ताकि अपना निचवाड़ा ढक सके।
अब होता यह है कि पियक्कड़वा भी दिल्ली आ जाता है। जहाँ, उसे अनुष्का शर्मा मिलती है। जिसे वह आई लव यू लिखता है. अपने रिमोटवा की तलाश में वह गॉड के घर घूमता है। उसे हिन्दू गॉड से ख़ास खुंदक है. कयोंकि, बाकी गॉड से उसकी खुद फट जाती है (बेशक हिरानी की ) चलिए इस १५३ मिनट की फिल्म का मर्म यो समझते हैं कि उस पीकेवे को गॉड के मठाधीशों का रिमोटवा गलत लगा लगता है। वह हिन्दू बाबा को टीवी पर शास्त्रार्थ करने के लिए ललकारता है। मुल्ला और फादर को ललकारता तो वह उसके पिछवाड़े मूली डाल कर बिना शादी के फादर बना डालते।
शाश्त्राथ में पेंच आता है। पेंच लाता है पीके। उस पीके की खासियत है कि वह किसी का हाथ पकड़ कर उसके मन की बात जान लेता है। बाबा उससे पूछता है कि मंदिर आदमी को सहारा देते हैं, नहीं तो सब निराश हो कर आत्महत्या कर लें। इसमे गलत क्या है।
अब १०० ग्राम पीके क्लाइमेक्स लाता है। वह बताता है कि बाबा जी आपने अनुष्का शर्मा का मुस्लमान प्रेमी छुड़वा दिया. बाबा कहता है कि वह धोखेबाज़। था पियक्कड़ कहता है कि वह धोखेबाज़ नहीं था। लड़की ईसाई जोड़ीदार की चिट्ठी पढ़ कर गलतफेमिली में आ गयी थी। (समझ में नहीं आया बेल्जियम वाला चमत्कार उस एलियन ने कैसे पकड़ लिया, जो अपना रिमोट ढूंढने के लिए शहर शहर भटक रहा था) लड़का पाकिस्तान में आज भी उसका इंतज़ार कर रहा है।
बहरहाल, बात राजकुमार हिरानी जी से। भाई आप ने यह क्यों नहीं साबित किया कि धर्म किसी को निराशा से नहीं बचाता। क्योंकि, बाबा ने कहा था कि हम ढोंग से ही सही, युवाओं को निराशा से बचाते हैं. क्या यह सही नहीं है ? क्या आपकी इंडस्ट्री के लोग मस्जिद, मंदिर और दरगाह में अपनी फिल्मों को हिट बनाने की प्रार्थना करने नहीं जाते ! सुशांत सिंह वाला एपिसोड तो आप अपनी सुविधा के लिए एंड में ले आये। धर्म के मठाधीशों की पोल तो आपसे ज़्यादा सही ढंग से ओह माय गॉड में खोली गयी थी। आप तो केवल कॉमेडी मारने के चक्कर में लगे रहे। आपने एक ऐसा मुस्लमान एक्टर लिया था, जो एक हिन्दू लड़की को तलाक़ और दूसरी हिन्दू लड़की से शादी कर चुका था, उसकी मौजूदगी में मुल्लाओं के आतंकवाद फैलाने की तकरीरों को क्यों नहीं उठाया। क्या आप नहीं जानते कि मुस्लिमों में ज़हालियार्त बहुत ज़्यादा है। या आपकी फट गई थी!!!
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