एकेडेमी अवार्ड्स, जिन्हे हम ऑस्कर अवार्ड्स या ऑस्कर्स के नाम से भी जानते हैं, के ८८ साल के इतिहास में केवल एक ही एक्स रेटेड फिल्म ऑस्कर जीत सकी है। द मिडनाइट काऊबॉय टाइटल वाली यह फिल्म उदाहरण है कि ऑस्कर पुरस्कार किसी ख़ास शैली की फिल्मों तक सीमित नहीं। अगर फिल्म अच्छी बनी होगी और ऑस्कर की जूरी को प्रभावित कर पाएगी तो बेस्ट फिल्म का पुरस्कार भी जीत सकेगी। १९६९ में रिलीज़ मिडनाइट काऊबॉय इसी टाइटल वाले उपन्यास पर आधारित टेक्सास के एक होटल में बर्तन धोने वाले जो बक की कहानी थी, जो एक दिन प्लेटें धोने से ऊब कर अपनी नौकरी को लात मार कर काऊबॉय ड्रेस पहन कर औरतों के लिए पुरुष वैश्या बनने के ख्याल से न्यू यॉर्क सिटी को निकल पड़ता है। जो की भूमिका को जॉन वोइट कर रहे थे। जॉन वोइट उस समय तक लगभग गुमनाम से थे। लेकिन, इस फिल्म में डस्टिन हॉफमैन जैसा बड़ा सितारा भी था। फिल्म की रिलीज़ के बाद वोइट सुर्ख़ियों में आ गए। वह डस्टिन हॉफमैन के साथ ऑस्कर पुरस्कारों में बेस्ट एक्टर की श्रेणी में नामित भी हुए। लेकिन बेस्ट एक्टर का अवार्ड ट्रू गिफ्ट के नायक जॉन वेन को मिला। इस फिल्म को वाल्डो साल्ट ने लिखा था। उन्हें श्रेष्ठ पटकथा रूपांतरण की श्रेणी का ऑस्कर मिला। उस समय तक निर्देशक जॉन श्लेसिंगर ने इंग्लैंड में कुछ फ़िल्में बनाई थी। इनमे डार्लिंग को शोहरत मिली। मिडनाइट काऊबॉय श्लेसिंगर का पहला हॉलीवुड प्रयास था। उन्हें इस फिल्म के लिए बेस्ट डायरेक्टर का ऑस्कर मिला। इस फिल्म के लिए सिल्विया माइल्स को सपोर्टिंग एक्ट्रेस और ह्यू ए रॉबर्टसन को एडिटिंग की श्रेणी में नॉमिनेशन मिला। इस फिल्म को न्यू यॉर्क टाइम्स ने १९६९ की दस सर्वश्रेष्ठ फिल्म में शामिल किया था। मिडनाइट काऊबॉय के बाद दो अन्य एक्स रेटेड फिल्मों को भी ऑस्कर में नॉमिनेशन मिला। लेकिन, स्टैनले कुब्रिक की १९७१ में रिलीज़ फिल्म अ क्लॉकवर्क ऑरेंज और बर्नार्डो बेर्टोलुच्ची की १९७२ में रिलीज़ फिल्म लास्ट टैंगो इन पेरिस ऑस्कर पुरस्कार नहीं जीत सकी थी। इस प्रकार से मिडनाइट काऊबॉय को ऑस्कर जीतने वाली इकलौती एक्स रेटेड फिल्म का गौरव हासिल है। यहाँ यह बताना समीचीन होगा कि मिडनाइट काऊबॉय को बाद में आर सर्टिफिकेट दे दिया गया।
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