Tuesday, 16 September 2025

हेमा मालिनी और परवीन बाबी पर फिल्माया गया था रज़िया सुल्तान का लेस्बियन किस



निर्माता निर्देशक कमाल अमरोही के मन में जब, भारत की पहली और इकलौती मुस्लिम महिला शासक रज़िया सुल्तान पर फिल्म बनाने का विचार आया तो उन्होंने इस पर काफी शोध किया। वह विदेशो में जा कर रज़िया सुल्तान के बारे में जानकारी एकत्र करते ताकि उनकी फिल्म में रज़िया को लेकर तथ्यात्मक त्रुटियां न रहे। 






इस शोध के दौरान, कमाल के संज्ञान में आया कि रज़िया सुल्तान समलैंगिक महिला थी। उन्होंने अधिक गहराई से छानबीन की तो मालूम हुआ कि रज़िया सुल्तान के अपनी दासी से समलैंगिक सम्बन्ध थे। कमाल अमरोही ने, रज़िया सुल्तान के जीवन के काले अध्याय को अपनी फिल्म में शामिल भी किया। किन्तु, बड़ी बारीकी से। 





आज के दिन १९८३ में प्रदर्शित हुई रज़िया सुल्तान में कमाल अमरोही ने, रज़िया सुल्तान के जीवन के अन्य प्रसंगों को सम्मिलित करने के साथ साथ उनकी अपने हब्शी गुलाम याकूत  जमालुद्दीन से प्रेम प्रसंग को महत्त्व दिया। इस भूमिका को परदे पर हेमा मालिनी और धर्मेंद्र ने रियल लाइफ जोड़ी होने के कारण बखूबी निभाया भी। 




इस प्रेम प्रसंग के साथ साथ, कमाल अमरोही ने रज़िया के समलैंगिक संबंधों का चित्रण भी किया, एक गीत के माध्यम से। ख्वाब बन के आएगा मुखड़े वाला यह गीत नौका विहार को निकली रज़िया सुल्तान और उसकी गुलाम खाकूम पर फिल्माया गया था। फिल्म में हेमा मालिनी की रज़िया की खाकून फिल्म अभिनेत्री परवीन बाबी बनी थी। इसी गीत के एक दृश्य में याकूत की मोहब्बत में डूबी रज़िया सुल्तान पर पंखा झलती खाकूम रज़िया के चेहरे पर झुकती है और उनके होंठों को चूमती है। यद्यपि, सेंसर के भय से इस दृश्य को विस्तार से न दिखा कर, हेमा पर झुकी हुई परवीन बॉबी के होंठों का हेमा मालिनी के होंठो से स्पर्श से पहले ही मोर पंख वाला पंखा कैमरा के सामने आ जाता था। 




अब यह बात दूसरी है कि सिनेमाघरों में बैठे रज़िया सुल्तान के दर्शकों को यह समझ में आ गया था कि परवीन बाबी ने झक कर हेमा मालिनी के होंठों का चुम्बन किया है।  

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