लोकेश कुमार चेन्नई में जन्मे २८ वर्षीय फिल्मकार हैं। उन्होंने तमिल और इंग्लिश भाषा में शार्ट फिल्म बनाई हैं। वह एक फिल्म माय सन इज गे हिंदी में बनाना चाहते थे। बात नहीं बनी तो इसे तमिल में बना लिया। अब इस फिल्म को सेंसर बोर्ड द्वारा यू/ए प्रमाणपत्र दिया गया है। जैसा की पोस्टर से साफ़ है, यह फिल्म माँ की दृष्टि से बेटे पर फिल्म है। एक माँ को, जब उसका बेटा यह बताता है कि वह समलैंगिक रुझान वाला है तो उस पर क्या बीतती है! वह किस प्रकार से अपने बेटे के साथ बाद के संबंधों को संतुलित करने की कोशिश करती है। माय सन इज गे एक कम बजट की फिल्म है। फिल्म में बेटे वरुण की भूमिका करने वाले अश्विनजित की यह पहली फिल्म है। फिल्म में माँ लक्ष्मी का किरदार कर रही अभिनेत्री अनुपमा कुमार वरिष्ठ हैं। वह आधा दर्जन के करीब हिंदी सीरियल कर चुकी है। उनका फिल्म डेब्यू हिंदी फिल्म क्यों ! हो गया न से हुआ था। उन्होंने इश्क़िया और डेविड जैसी फ़िल्में की। लेकिन, उन्हें सफलता मिल तमिल फिल्मो में ही। माय सन इज गे अक्टूबर में हुए न्यू यॉर्क एलजीबीटी फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जा चुकी है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Monday, 20 November 2017
समलैंगिक बेटे की माँ के मुंह से माय सन इज गे
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साउथ सिनेमा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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