भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday, 29 November 2020
राष्ट्रीय सहारा २९ नवम्बर २०२०
भोजपुरी फिल्मों की सफलता से क्यों खुश है बॉलीवुड
छठ पूजा के मौके पर बिहार में प्रदर्शित दो फिल्मों दोस्ताना और पवन पुत्र
की सफलता से,
बॉलीवुड चमत्कृत है और खुश भी लगता है । इन फिल्मों को देखने के लिए लोगों
की भीड़ बिहार के सिनेमाघरों में टूटी पड़ी है । ट्रेड
पंडित इन फिल्मों के उल्लेख करते हुए हिंदी फिल्म निर्माताओं को बता रहे हैं कि आम
जनता को लुभाने वाली फिल्म सिनेमाघरों को उबार सकती है । खुद करण जोहर ने भी
भोजपुरी दोस्ताना की सफलता पर लिखा कि ऐसी सफलता सभी दोस्ताना फिल्मों को मिले ।
उल्लेखनीय है कि करण जोहर की अगली फिल्म दोस्ताना २ है ।
क्या सिनेमाघरों में आयेंगे दर्शक ? - ट्रेड पंडित कहते हैं कि अगर आम जनों को लुभाने वाली हिंदी फ़िल्में रिलीज़ होती हैं तो दर्शक सिनेमाघरों तक आयेंगे । उनका आशय किसी सलमान खान या अक्षय कुमार की फिल्मों के सिनेमाघरों में रिलीज़ होने से है । यहाँ दो सवाल उठ खड़े होते हैं । क्या बॉलीवुड के बड़े सितारे और उनकी फिल्मों के निर्माता भारी बजट से बनी अपनी फ़िल्में, इस महामारी के समय रिलीज़ करना चाहेंगे ? क्या ऐसी फ़िल्में अगर रिलीज़ होती है तो क्या हिंदी फिल्म दर्शक ठीक उसी प्रकार से सिनेमाघरों के बाहर इकठ्ठा हो जायेंगे, जैसी बिहार में दर्शक हुए थे ?
आसान नहीं जवाब - इन सवालों का जवाब इतना आसान और सीधा नहीं है । हिंदी फिल्म का कोई बड़ा सितारा अपनी भारी-भरकम बजट वाली फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ करने के लिए क्यों तैयार होगा? भोजपुरी फिल्मों का बाज़ार काफी सीमित है । जबकि, हिंदी फ़िल्में अखिल भारतीय स्तर पर प्रदर्शित की जाती हैं । देश के कई हिस्सों में सिनेमाघर बंद पड़े हुए हैं । जहाँ खुले भी है, वहां उन्हें बंद करने की नौबत आ गई । क्योंकि दर्शक सिनेमा देखने आये ही नहीं । हिंदी फिल्मो का बजट इतना अधिक होता है कि उन्हें पूरी क्षमता के हजारों की संख्या में सिनेमाघरों की ज़रुरत होती है । वह भी हॉलिडे वीकेंड के फुल हाउस । अगर, इन फिल्मों का वीकेंड बढ़िया नहं गया और फिल्म दर्शकों की मनमुताबिक नहीं साबित हुई तो स्टारडम भी धडाम हो जाता है । भोजपुरी फिल्मों के लिए ७०० परदे भी काफी होते है । जबकि, हिंदी की छोटे बजट की एक फिल्म भी इससे कहीं ज्यादा परदे में प्रदर्शित की जाती है । इसलिए वर्तमान समय में बड़े सितारे अपनी फ़िल्में इस साल रिलीज़ करने के लिए तैयार होंगे, कहना बहुत मुश्किल है ।
दर्शक ज़रूरी हैं - कोई भी सिनेमाघर तभी तक खुला रह सकता है, जब उसे न्यूनतम फूटफॉल मिले । जबकि, वर्तमान हालत में ऐसा होता नज़र नहीं आ रहा । हालाँकि, ११ दिसम्बर को इंदु की जवानी तथा इस दौरान हॉलीवुड की कुछ फ़िल्में प्रदर्शित की जा रही हैं । लेकिन, ध्यान रहे कि दिलजीत दोसांझ, मनोज बाजपेई और फातिमा सना शैख की फिल्म सूरज पे मंगल भारी भी नवम्बर में प्रदर्शित हुई थी । लेकिन, यह रोमांटिक कॉमेडी फिल्म भी दर्शकों को आकर्षित कर पाने में नाकाम रही । इसमे कोई शक नहीं कि बॉलीवुड के सुपरस्टार सूरज पे मंगल भारी को दर्शक न मिल पाने के कारण चिंतित होंगे । लेकिन, उनकी चिंता का कारण दूसरा होना चाहीये । कोरोना वायरस एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है । छठ के त्यौहार में लोग फिल्म देखने सिनेमाघरों पर टूटे ज़रूर, पर उसी शिद्दत के साथ कोरोना भी उन पर टूट पड़ा है । इससे दर्शकों का ज्यादा भयभीत हो जाना स्वाभाविक है । ऐसे में क्या गारंटी की ’८३ या सूर्यवंशी के रिलीज़ होने पर दर्शक फिल्म देखने ज़रूर आयेंगे ?
अगर बंद हुए सिनेमाघर ! - अगर, कोरोना महामारी का प्रकोप कम नहीं हुआ, दर्शक सिनेमाघरों में वापस नहीं आये तो काफी संख्या में पर्दों के बंद होने का खतरा सामने आ जाएगा । अमेरिका में काफी संख्या में स्वतंत्र सिनेमाघर बंद कर दिए गए हैं । कुछ सिनेमा चेन भी बंद हो रही है । यही ट्रेंड भारत में भी नज़र आ सकता है । शायद इसे फिल्म निर्माता भी समझने लगे है । क्योंकि, सिनेमाघर बंद होने का सीधा नुकसान उनकी फिल्मों को ही झेलना पड़ेगा । यही कारण है कि कभी प्रदर्शकों से कोई बात नहीं करने वाले तथा उनकी शर्तों को सिरे खारिज करने वाले निर्माता वासु भगनानी अपनी फिल्म कुली नंबर १ को ओटीटी के साथ साथ सिनेमाघरों में रिलीज़ करने का रास्ता खोज रहे हैं । संभव है कि ऐसा कोई रास्ता निकल आये ।
बेचैन बॉलीवुड ! - फिलहाल बॉलीवुड बेचैन है । काफी फ़िल्में एक साल से भी ज्यादा समय से बन कर तैयार है । सूर्यवंशी एक ऐसी ही फिल्म है । रणबीर कपूर और अलिया भट्ट की फंतासी फिल्म ब्रह्मास्त्र तो पिछले दो सालों से टलती चली आ रही है । उस पर तुर्रा यह कि कई बड़ी फ़िल्में शूट हो रही है । इन सभी फिल्मों को साल के बावन हफ्ते और गिनती के त्योहारों वाले वीकेंड पर रिलीज़ होना है । यही कारण है कि जब तब बड़ी फिल्मों के ओटीटी पर किसी राधे योर मोस्ट वांटेड भाई, सूर्यवंशी, ’८३, आदि ओटीटी पर रिलीज़ होने की खबरें फैलती रही है । अभी ताज़ातरीन अफवाह एक बड़े ओटीटी प्लेटफार्म द्वारा ब्रह्मास्त्र को अपने प्लेटफार्म से स्ट्रीम करने में रूचि दिखाने की खबरें गर्म हैं । हालाँकि, इन सभी फिल्मों के निर्माता साफ़ कर चुके हैं कि उनकी फ़िल्में ओटीटी पर नहीं, बल्कि सिनेमाघरों में ही रिलीज़ होंगी ।
कुछ बॉलीवुड की २९ नवम्बर २०२०
जर्सी के लिए मृणाल ठाकुर क्यों ? - तेलुगु हिट फिल्म जर्सी एक क्रिकेटर की कहानी है, जो काफी समय पहले क्रिकेट छोड़ चुका है. लेकिन, उसे अपने बच्चे के लिए क्रिकेट के मैदान में उतरना पड़ता है। फिल्म में क्रिकेटर अर्जुन की भूमिका नानी ने की थी और उनकी पत्नी सारा अर्जुन अभिनेत्री श्रद्धा श्रीनाथ बनी थी। जब इस फिल्म का हिंदी रीमेक बनाया जाने लगा तो नानी वाली भूमिका शाहिद कपूर को सौंपी गई। उनकी पत्नी मृणाल ठाकुर को बनाया गया। मूल फिल्म में श्रद्धा श्रीनाथ के अभिनय से प्रभावित निर्देशक गौतम तिन्नानुरी को इस भूमिका के लिए मृणाल क्यों उपयुक्त लगी ? फिल्म सुपर ३० में छोटी भूमिका करने वाली मृणाल का चुनाव किस आधार पर किया गया ? दरअसल, मृणाल ठाकुर को गौतम ने सुपर ३० के कारण ही चुना। इस फिल्म के एक विशेष घटनाक्रम वाले दृश्य में मृणाल ने अपने किरदार, अपने गुस्से और अपनी हताशा को अत्यंत संवेदनशीलता से पर्दे पर उतारा था । गौतम को अपनी फिल्म की सारा रायचंद की इसी भावना को उभारने के लिए मृणाल ठाकुर उपयुक्त लगी।
शाहरुख़ की रोमकॉम करेंगे कार्तिक आर्यन ! - शाहरुख़ खान की फिल्म निर्माण संस्था रेड चिलीज एंटरटेनमेंट ने कार्तिक आर्यन से एक रोमकॉम फिल्म के लिए संपर्क साधा है । इमरान हाश्मी और बॉबी देओल के बाद, कार्तिक आर्यन तीसरे बॉलीवुड अभिनेता है, जिन्हें खान अपनी फिल्म में लेना चाहते हैं । इससे पहले शाहरुख़ खान ने, नेटफ्लिक्स के लिए सीरीज बार्ड ऑफ़ ब्लड के लिए इमरान हाश्मी को लिया था । उनकी दूसरी फिल्म क्लास ऑफ़ ८३ भी नेटफ्लिक्स पर प्रसारित हुई थी । इस फिल्म की प्रमुख भूमिका में बॉबी देओल थे । बर्ड ऑफ़ ब्लड और क्लास ऑफ़ ८३ एक्शन थ्रिलर प्रोजेक्ट थे । लेकिन, वह कार्तिक आर्यन के साथ रोमकॉम प्रोजेक्ट करेंगे । अभी इस प्रोजेक्ट का टाइटल नहीं रखा गया है । लेकिन, इसका निर्देशन बीए पास और सेक्शन ३७५ के निर्देशक अमित बहल करेंगे । वैसे अगर कार्तिक आर्यन इस प्रोजेक्ट को स्वीकार भी कर लें तो वह इसकी शूटिंग अनीस बज्मी की फिल्म भूल भुलैया २, करण जोहर की दोस्ताना २ और राम माधवानी की अनाम फिल्म की शूटिंग पूरी करने के बाद ही शुरू कर सकेंगे ।
स्कैम के बाद प्रतिक गाँधी की रोमाटिक कॉमेडी - हालाँकि, गुजरात के सूरत में जन्मे प्रतिक गाँधी ने, सलमान खान के बहनोई की पहली फिल्म लवयात्री (२०१८) में निगेटिव भूमिका से हिंदी फिल्मों में कदम रखा था। लेकिन उनको पहचान मिली वेब सीरीज स्कैम १९९२ में हर्षद मेहता की भूमिका से। प्रतिक की पहली दो हिंदी फ़िल्में लवयात्री और मित्रों, बॉक्स ऑफिस पर कुछ इस तरह से मात खाई थी कि दर्शकों की नज़र उन तक पहुंची ही नहीं। लेकिन, स्कैम १९९२ में हर्षद मेहता की भूमिका से प्रतिक ने दर्शकों को बेहद प्रभावित किया। यही कारण है कि अब प्रतिक गाँधी अब सुर्ख़ियों में है। वह आजकल एक हिंदी फिल्म रावण लीला की शूटिंग कर रहे हैं। लेखक- निर्देशक हार्दिक गज्जर की इस फिल्म के नायक प्रतिक गाँधी ही है। वह हार्दिक की एक गुजराती रोमकॉम फिल्म वाह्लम जाओ नी भी करने जा रहे है। इस फिल्म की शूटिंग रावण लीला के बाद शुरू होगी।
अक्षय कुमार की दुर्गावती बनी दुर्गमति !- निर्माता के रूप में अक्षय कुमार ने पिछले साल नवंबर में हॉरर थ्रिलर फिल्म दुर्गावती की घोषणा की थी। इस फिल्म की दुर्गावती के लिए भूमि पेडनेकर को चुना गया था। दुर्गावती, जी अशोक निर्देशित और २०१८ में रिलीज़ तेलुगु फिल्म भागमती की रीमेक फिल्म है । तेलुगु फिल्म में भागमती और आईएएस अफसर की भूमिका अनुष्का शेट्टी ने की थी। यह फिल्म बड़ी हिट साबित हुई थी। रीमेक फिल्म में यही भूमिका भूमि पेडनेकर कर रही है। अब इस फिल्म का शीर्षक दुर्गावती से दुर्गमति कर दिया गया है। शीर्षक में ऐसा बदलाव क्यों किया गया ? इसका खुलासा नहीं किया गया है। अब यह फिल्म दुर्गमति शीर्षक के साथ ११ दिसंबर से प्राइम वीडियो से स्ट्रीम होने लगेगी। इस फिल्म में अरशद वारसी, जिशुआ सेनगुप्ता, माही गिल और करण कपाडिया की भूमिकाये अहम् है। करण कपाडिया, अक्षय कुमार की सास के भतीजे हैं।
थिएटर और एचबीओ मैक्स पर वंडर वुमन १९८४- इसरायली मॉडल और फिल्म अभिनेत्री गॉल गैडोट की फिल्म वंडर वुमन १९८४ के सन्दर्भ में खबर दिलचस्प है। २०१७ में रिलीज़ डीसी कॉमिक्स की लेडी सुपरहीरो फिल्म वंडर वुमन की सीक्वल फिल्म वंडर वुमन १९८४ को सबसे पहले १३ दिसंबर २०१९ को, वार्नर ब्रदर्स पिक्चर्स द्वारा वर्ल्डवाइड रिलीज़ किया जाना था। बाद में इस फिल्म को १ नवंबर २०१९ को रिलीज़ करने का ऐलान किया गया। बाद में बताया गया कि यह फिल्म २५ जून २०२० को प्रदर्शित की जाएगी। लेकिन, कोरोना महामारी ने इसका रास्ता रोक लिया। उस समय यह सोचा गया कि कोरोना से जल्दी निजात मिल जाएगी। इसलिए फिल्म को १४ अगस्त २०२० को रिलीज़ किये जाने का ऐलान किया गया। यह तारीख़ भी २ अक्टूबर २०२० कर दी गई। परन्तु, दुनिया में कोरोना की स्थिति पर कोई सुधार नहीं हुआ। अभी नवंबर में एक पत्रिका ने वंडर वुमन १९८४ के अगले साल २०२१ में रिलीज़ करने की खबर छापी थी। परन्तु, अब इस फिल्म के २५ दिसंबर २०२० को प्रदर्शित किये जाने की अंतिम घोषणा कर दी गई है। यहाँ दिलचस्प कोण यह है कि गाल गैडोट की फिल्म सिनेमाघरों के साथ साथ एचबीओ मैक्स पर साथ साथ रिलीज़ होगी। यहाँ साफ़ करना उपयुक्त होगा कि जिन देशों में सिनेमाघर खोल दिए गये हैं तथा एचबीओ मैक्स नहीं है, उन देशों में वंडर वुमन १९८४ सिर्फ सिनेमाघरों में १६ दिसंबर से प्रदर्शित हो जायेगी।
नहीं स्ट्रीम होगी अमेज़न प्राइम पर झुण्ड ! -पिछले महीने, डिजिटल प्लेटफार्म अमेज़न प्राइम विडियो ने, अनुराग बासु की फिल्म लूडो और अमिताभ बच्चन की फिल्म झुण्ड को सीधे अपने प्लेटफार्म से स्ट्रीम किये जाने का एलान किया था। लूडो इस प्लेटफार्म पर स्ट्रीम हो रही है। अमिताभ बच्चन अभिनीत, एनजीओ स्लम सॉकर की स्थापना करने वाले विजय बरसे के जीवन पर फिल्म झुण्ड भी नवंबर में ही स्ट्रीेम होनी थी। हालाँकि, इस फिल्म पर पहले ट्रायल कोर्ट और फिर तेलंगाना हाईकोर्ट ने कॉपी राईट के उल्लंघन के कारण प्रदर्शन किये जाने पर रोक लगा दी थी। इस आदेश के खिलाफ फिल्म के निर्माता भूषण कुमार सर्वोच्च न्यायलय गए थे। लेकिन, उनकी यह अपील न्यायलय द्वारा खारिज कर दी गई। इस फिल्म के खिलाफ तेलंगाना के एक लघु फिल्म निर्माता नंदी चिन्नी कुमार ने कॉपी राईट के उल्लंघन का आरोप लगा कर मुक़दमा किया था। सर्वोच्च न्यायलय ने इसे इंटरेस्टिंग केस बताते हुए, ट्रायल कोर्ट से इस मामले का छः महीने में निबटारा करने के लिए कहा है।
Friday, 27 November 2020
रणदीप हूडा का डिजिटल डेब्यू
एक्टर रणदीप हूडा का डिजिटल डेब्यू होने जा रहा है. वह जिओ स्टूडियोज की कॉप थ्रिलर सीरीज इंस्पेक्टर अविनाश में अविनाश मिश्र की शीर्षक भूमिका करते नज़र आयेगे. इस सीरीज का निर्देशन नीरज पाठक कर रहे हैं. सीरीज में आशुतोष राणा और संतोष जवेकर की अहम् भूमिकाये है. इंस्पेक्टर अविनाश की पृष्ठभूमि उत्तर प्रदेश की है. इस सीरीज की शूटिंग दिसम्बर में शुरू हो जायेगी. यह नीरज पाठक की पहली वेब सीरीज है. यह सीरीज अमेज़न प्राइम विडियो और जिओ के आगामी डिजिटल प्लेटफार्म से स्ट्रीम होगी.
‘ब्रह्मराक्षस 2’ के पर्ल वी. पुरी को एकता कपूर कहती हैं पर्ली
अक्टूबर के फेस्टिव महीने में तीन नए दिलचस्प फिक्शन शोज़ प्रस्तुत करने के
बाद अब ज़ी टीवी अपने बेहद सफल और रोमांचक शो ‘ब्रह्मराक्षस’
के दूसरे दिलचस्प सीजन के साथ दर्शकों को एक काल्पनिक दुनिया में ले जा
रहा है। बालाजी टेलीफिल्म्स के निर्माण में बने इस शो के पहले एपिसोड का प्रसारण
गत रविवार 22 नवंबर को हुआ, जिसमें पॉपुलर टेलीविजन एक्ट्रेस निक्की
शर्मा कालिंदी के किरदार में, पर्ल वी.
पुरी के अपोजिट नजर आईं, जो अंगद का रोल निभा रहे हैं। जहां निक्की
शर्मा, बालाजी के साथ पहली बार काम कर रही हैं,
वहीं पर्ल का इस प्रोडक्शन हाउस के साथ लंबे समय का नाता रहा है।
ब्रह्मराक्षस 2 बालाजी के साथ पर्ल का तीसरा शो है। इस एक्टर का प्रोड्यूसर एकता
कपूर के साथ भी बहुत अच्छा रिश्ता है, जो उन्हें
बहुत पसंद करती हैं। असल में वो पर्ल को अपने फेवरेट एक्टर्स में से एक मानती हैं
और उन्हें प्यार से ‘पर्ली’ कहकर बुलाती
हैं।
एकता के साथ अपने तालमेल और खुद को दिए गए इस क्यूट निकनेम के बारे में
बताते हुए पर्ल ने कहा, “एकता मैम बहुत स्वीट और बढ़िया दिल की इंसान
हैं। मैं उन्हें काफी समय से जानता हूं और उनके साथ यह मेरा तीसरा शो है। उनके शोज़
करने के अलावा मैं उन्हें एक व्यक्ति के रूप में भी पसंद करता हूं। वे वाकई
स्वीटहार्ट हैं और हमेशा ‘हां’ ही कहती
हैं! उनके साथ काम करने की बात हो, तो मैं
दोबारा नहीं सोचता और हमेशा तैयार रहता हूं। मुझे लगता है आपकी जिंदगी में कुछ ऐसे
लोग होते हैं, जिन पर आप आंख मूंदकर भरोसा कर सकते हैं और
अपनी जिंदगी की बहुत सारी चीजों का श्रेय उन्हें दे सकते हैं। मेरे लिए एकता मैम
उन्हीं में से एक हैं। वे पद्मभूषण से सम्मानित हैं, टेलीविजन
इंडस्ट्री की बड़ी हस्ती हैं, जो एक साथ
145 शोज़, वेबसीरीज़ और फिल्में संभाल रही हैं लेकिन इसके बावजूद वे इतनी विनम्र और नेकदिल हैं।
मैं उनका शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे पसंद किया और मुझे ये नाम (पर्ली) दिया।
आज बहुत-से लोग मुझे पर्ली कहकर ही बुलाते हैं। मुझे भी यह नाम बहुत अच्छा लगता है
(मुस्कुराते हुए)!”
इस शो के बारे में बताते हुए एकता कपूर ने कहा,
“मैं ब्रह्मराक्षस के दूसरे सीजन को लेकर वाकई बहुत उत्साहित हूं। इसमें
स्पेशल इफेक्ट्स हैं, बढ़िया कहानी है,
यह बड़ा शो है और इसमें बहुत-सा ड्रामा है। यह भारतीय दर्शकों के लिए एक
परफेक्ट शो है। मैं उम्मीद करती हूं कि दर्शक इसे पिछली बार जितना ही पसंद करेंगे।
इस शो में मेरे फेवरेट एक्टर पर्ली भी हैं। मैं अपने पसंदीदा विषय पर ज़ी टीवी के
साथ काम करने को लेकर भी काफी उत्साहित हूं। मैं यह देखने के लिए भी उत्सुक हूं कि
इस बार ब्रह्मराक्षस किस तरह आगे बढ़ता है!”
जहां एकता और पर्ल एक बार फिर साथ मिलकर अपना जादू जगा रहे हैं, वहीं ब्रह्मराक्षस 2 में कालिंदी नाम की एक साधारण लड़की का सफर दिखाया जा रहा है, जिसकी किस्मत शैतानी ताकतों में उलझ जाती है। फिर उसके भाग्य में एक ऐसा मोड़ आता है, जहां वो शैतान ब्रह्मराक्षस का मुकाबला करने के लिए अपने अंदर की ताकत जुटाती है। अंबाला की पृष्ठभूमि पर आधारित इस शो में कालिंदी शैतानी दुनिया से गुजरते करते हुए अपनी सीधी- सादी जिंदगी के रास्ते पर चल रही है, वहीं अब उसे उन लोगों की रक्षा करने के लिए एक मुश्किल लड़ाई लड़नी होगी, जिनकी वो परवाह करती है!
जर्सी के फाइनल शेड्यूल के लिए चंडीगढ़ में मृणाल ठाकुर
जर्सी फिल्म के अंतिम शेड्यूल को कुछ ही हफ्ते बाद, मृणाल ठाकुर फिल्म के आखरी शेड्यूल के लिए चंडीगढ़ पहुंची। देश में COVID के बढ़ते मामलों के बीच, स्थिति लगातार खतरनाक रही है, जिससे यूनिट के सदस्यों में भय की भावना पैदा हो रही है। मामलों की ताजा वृद्धि के बाद दिवाली, और एक दूसरी लहर और नए प्रतिबंधों के सुझाव, मृनाल कहते हैं कि यूनिट ने स्वास्थ्य और स्वच्छता के सख्त उपायों को अपनाने का फैसला किया है। बायो-बबल और मजबूत संगरोध नियम बनाकर, शूटिंग के लंबित दिनों के लिए यूनिट को बाहरी दुनिया के साथ संपर्क कम करना होगा।
मृणाल आगे कहती हैं, "जब हमने काम पर वापस जाने का फैसला किया, तो हमने इस स्थिति का अनुमान लगाया था। यह चिंताजनक है लेकिन मुझे अपने निर्माताओं और यूनिट के सदस्यों पर पूरा भरोसा है। यदि हम गाइडलाइन्स का पालन करते हैं और सख्त उपायों को अपनाते हैं, तो हम निष्कर्ष फिल्म पूरी कर पाएंगे।"
फिल्म के शूटिंग के दौरान
किसी भी समय अनपेक्षित स्थितियां बढ़ सकती हैं, लेकिन हम
बाहरी दुनिया से संपर्क को कम करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे। हमारे पास सेट पर
डॉक्टर और सैनिटरी अधिकारी हैं जो हम पर नज़र रखते हैं वायरस के संपर्क में नहीं
आये। इस कठिन समय में, हम बेहतर समय की उम्मीद कर सकते हैं और जब
की वैक्सीन जल्द आने को है, हम इस महामारी से उभरने में सक्षम होंगे।
फिल्म को पूरा करना एक प्राथमिकता है क्योंकि हम कब तक अपने काम को रोक सकते हैं
जब की लोग भोजन को अपनी मेज पर रखने के लिए संघर्ष कर रहे हों। एक फिल्म अकेले
सितारों से नहीं बनती है। पूरा यूनिट परिवार है और जब मैं घर पर बैठना सेह सकती
हूं, लेकिन मुझे पता है कि अगर मैं काम नहीं
करुँगी, मेरी यूनिट को भुगतान या वेतन नहीं मिलेगा।
यह सामूहिक रूप से नैतिक जिम्मेदारी है। क्या यह मुझे भयभीत करता है?
हां, थोड़ा लगता हैं,
लेकिन लोगों पर वित्तीय बोझ इतना अधिक है कि हमें इसे ध्यान में रखना
होगा।”
अदिवी शेष ने याद किया मेजर संदीप उन्नीकृष्णन को?
मेजर संदीप उन्नीकृष्णन की पुण्यतिथि 27 नवंबर के अवसर पर, उन्नीकृष्णन पर फिल्म मेजर की टीम ने फिल्म बनाने की यात्रा को याद करते हुए, एक आत्मा छू लेने वाले वीडियो के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की।
अभिनेता अदिवी शेष आगामी फिल्म मेजर में संदीप उन्नीकृष्णन के किरदार में
नजर आएंगे जिसे शशि किरण टिक्का द्वारा निर्देशित किया गया है। फिल्म की पूरी
प्रक्रिया को याद करते हुए, मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के माता-पिता से मिलने
के लिए फिल्म साइन करने से लेकर यात्रा पूरी करने तक का सफर अदिवी ने अपने अनुभव
की भावनात्मक कहानी सुनाई।
संदीप उन्नीकृष्णन की अपनी पहली याद को साझा करते हुए,
अदिवी कहते हैं, "मैं केवल यह कह सकता हूं कि उन्होंने मेरे
जीवन को उनके बारे में जाने वाले पहले क्षण से प्रभावित किया। यह 2008 में था,
मुझे याद है जब मैंने उनकी तस्वीर देखी थी, सभी चैनलों
पर छप गई थी। । मुझे नहीं पता था की मतलब क्या है , मैं सोचता
रहा कि यह आदमी कौन है। उनकी आँखों में एक अनोखा पागलपन था और होठो पे हल्की सी
हसी थी, उनके चेहरे पर एक पागलपन था और एक
मुस्कुराहट थी, मैं इसे समझ नहीं सका।
वे ऐसे दिखते थे जैसे कि वे मेरे परिवार के सदस्यों में से एक है,
एक चचेरा भाई, और फिर मुझे पता चला,
वह मेजर संदीप उन्नीकृष्णन थे और उन्होंने देश के लिए अपनी जान दे दी। मैं
उनके इकॉनिक पासपोर्ट तस्वीर को देखना कभी बंद नहीं कर सका। "
फोटो के पीछे की कहानी का खुलासा करते हुए, अदिवी ने
कहा, "मुझे बाद में उनके माता-पिता से पता चला कि
वह बस पासपोर्ट की तस्वीर लेने के दौरान बुरी तरह से मुस्कुराये नही कोशिश कर रहे
थे तभी उन्होंने एक बड़ी चौड़ी मुस्कुराहट दी और वो फोटोग्राफर ने फौरन डाटा उनको
की ऐसा नही हस्ते , पासपोर्ट फ़ोटो में हँसना नही चाहीये ।
उन्होंने देखा कि वह ऐसा कर सकता है इसलिए वे होंठ अपनी मुस्कान को छिपा रहे थे, लेकिन उसकी आँखों में एक प्यारे पागलपन की चमक थी और मुझे लगता है कि उन्होंने मुझे कैद कर लिया और भारत के अधिकांश हिस्सों को अपनी और बांध लिया। मुझे लगता है कि उनकी तस्वीर बहुत इकॉनिक है, यही कारण है कि वे उनके तस्वीर के बहुत सारी पेंटिंग बनाते हैं। ”
मेजर के माता-पिता की सहमति प्राप्त करने की लड़ाई को याद करते हुए,
अदिवी ने साझा किया, "जब मैंने पहली
बार चाचा, श्री उन्नीकृष्णन,
मेजर संदीप के पिता को फोन किया था, तो उन्होंने
विश्वास नहीं किया था कि क्या कोई पिछले 10 साले से
मेजर संदीप की जिंदगी पे शोध कर रहा था और उनके जीवन से प्रेरित एक कहानी बताना
चाहता था। मुझे नहीं लगता कि चाचा को विश्वास नही हो रहा था कि हैदराबाद का कोई
दक्षिण भारतीय लाडका जो यूएस में पला बढ़ा है, मतलब वहा से
आकर कोई फिल्म बना सकता है । चूंकि वे मुझ पर विश्वास नहीं करते थे,
मेरी टीम और मैं हम सभी चाचा और चाची से मिलते रहे,
मुझे लगता है कि चौथी या पाँचवीं बार के बाद,
उन्होंने मुझ पर थोड़ा भरोसा करना शुरू कर दिया और मैंने चौथी मुलाकात के
बाद इस पल की कल्पना की, चाचा ने मुझे देखा बहुत ईमानदारी के साथ,
'मुझे विश्वास है कि आप मेरे बेटे के जीवन के बारे में 10% पे फिल्म
बनाना चाहते हैं। 0 से 10 तक गए और
हम सब हँस रहे थे की चलो 0 से 10 तक तो
पहुंचे और वहाँ उस हँसी के पीछे बहुत कुछ था क्योंकि वह 10% था कि शायद
एक मौका था किसी भी व्यक्ति ने इस महापुरुष की कहानी को सिर्फ इसलिए बताना चाहा,
क्योंकि वे मानते थे कि इस आदमी ने जिस तरह का जीवन जीया है। "
संदीप उन्नीकृष्णन की मां के साथ एक भावनात्मक अनुभव के बारे में अदिवी
शेष ने कहा , "हमने पहले ही चाचा और चाची को बाई कहा था और
लिफ्ट के पास खड़े थे और दुर से चाची ने मुझे देखा और उन्होंने कहा" इधर आओ 'भारी लहजे
में हिंदी में , तो मैं उसके पास गया और उन्होंने मेरी आंखों
में देखा और कहा दूर से बिल्कुल मेरे बेटे लग रहे हो। जब उन्होंने कहा तब उनके आंख
में आंसू थे । मुझे लगता है कि यह क्षण था जो मुझे पता था,
कि मुझे उनके बेटे के जीवन से प्रेरित एक कहानी बताने की उनकी अनुमति थी।
"
फिल्म की यात्रा के बारे में, अदिवी शेष
ने कहा, "तब से, यह सिर्फ इस
फिल्म को बनाने की कोशिश की कई लड़ाइयों का एक पागलपन रहा है और यह सुनिश्चित किया
है कि हम इस फिल्म के साथ न्याय कर रहे हैं।
दिन के महत्व के बारे में बताते हुए, आदिवेश ने
कहा, "27 वें को मेजर संदीप ने शहीद हो गए और इसलिए
हम उनके जीवन का जश्न मनाने के इरादे से 27 तारीख को
इस वीडियो को जारी कर रहे हैं। फिल्म उनके जीवन तरीके के बारे में बोलती है।
अपनी अपील के बारे में बताते हुए, अदिवी शेष
ने कहा, "मुझे आशा है कि आप मेरे भीतर मेजर संदीप की
भावना को खोजने की मेरी विनम्र कोशिश को पसंद करेंगे।" शशि किरण टिक्का
द्वारा निर्देशित, अदिवी शेष, शोभिता
धूलिपाला और सई मांजरेकर अभिनीत द्विभाषी फिल्म हिंदी और तेलुगु दोनों में रिलीज़
होगी।
महेश बाबू की GMB एंटरटेनमेंट और A
+ S मूवीज के सहयोग से सोनी पिक्चर्स फिल्म्स इंडिया द्वारा निर्मित,
मेजर के अगले साल रिलीज होने की उम्मीद है।
Kangana Ranaut's office demolition : बीएमसी और उद्धव सरकार के मुंह पर हाईकोर्ट का जूता !
आज अभिनेत्री कंगना रनौत को बड़ी जीत हासिल हो गई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने, बीएमसी के द्वारा कंगना रनौत के ऑफिस और घर को तोड़ने को बुरी नीयत से किया गया, बताते हुए कंगना के नुक़सान की भरपाई करने के आदेश किये हैं। कोर्ट ने इसके लिए वैल्यूर भी नियुक्त किया है, जो हुए नुकसान का अनुमान लगा कर बीएमसी पर हर्जाने की रकम तय करेगा। इस निर्णय के बाद, कंगना रनौत ने कहा, "मैं उन लोगों का धन्यवाद करती हूँ, जो मेरे टूटते हुए सपनों पर हंस रहे थे।
उधर कंगना रनौत, हैदराबाद में कैंसर का ईलाज कर वापस आये अभिनेता संजय दत्त से मिली। इस मौके की, इन दोनों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। कंगना रनौत ने संजय दत्त के साथ फिल्म रास्कल्स, नॉक आउट, डबल धमाल, टोटल धमाल, आदि फ़िल्में की थी।
कंगना रनौत की फिल्म थलेवी अगले साल प्रदर्शित होगी। वह एयरफोर्स की पायलट की भूमिका वाली फिल्म तेजस की शूटिंग भी कर रही हैं।
Thursday, 26 November 2020
किसी इमाम से निकाह करेगी या मुफ़्ती से जायरा वासिम ?
बॉलीवुड की फ्लॉप अभिनेत्री सना खान के द्वारा एक मुफ़्ती से निकाह पढ़ाने के बाद, दंगल गर्ल जायारा वासिम की लाटरी खुल गई लगती है। उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर मुफ्तियों और इमामों के निकाह प्रस्तावों की भरमार हो गई है।
२०१९ में, अल्लाह के लिए बॉलीवुड जैसा कुफ्र उद्योग छोड़ देने वाली जायारा वासिम ने सोशल मीडिया से अपने तमाम ग्लैमरस चित्र हटा दिए थे और खुद को इस्लामिक लिबास में पेश किया था। उनकी इस हरकत की मुस्लिम आबादी ने जम कर प्रशंसा की थी कि वह अब अल्लाह के लिए अपना जीवन समर्पित करने जैसा उम्दा काम कर रही है। ऐसे बहुत कम लोग थे, जिन्होने इस राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता इस अभिनेत्री से वापसी का अनुरोध किया हो।
अब जायारा को मुफ्तियों और इमामों से निकाह के प्रस्ताव मिल रहे है। क्या जायारा वासिम इनमें से किसी को मंजूरी देगी ? क्योंकि, एक धार्मिक व्यक्ति से निकाह के बाद, ज़ायरा अपने धार्मिक कार्य को ज़्यादा अच्छी तरह से कर सकेंगी।
अभिषेक बच्चन ने शुरू की बॉब बिस्वास की शूटिंग
बुद्धवार २५ नवम्बर से, अभिनेता अभिषेक बच्चन ने कोलकत्ता में, निर्माता सुजॉय घोष और शाहरुख़ खान की फिल्म बॉब बिस्वास की शूटिंग शुरू कर दी है। वह इस फिल्म का पहला शूटिंग शिड्यूल दिसम्बर के पहले हफ्ते तक पूरा कर लेंगे।
इस शिड्यूल में उनके साथ अभिनेत्री चित्रांगदा सिंह भी हिस्सा ले रही है। यह शिड्यूल आठ महीने बाद फिर शुरू हुआ है। इस शूट के पहले दिन के कुछ चित्र इस समय इन्टरनेट पर वायरल हो रहे हैं। इन चित्रों में अभिषेक बच्चन बॉब बिस्वास के गेटअप में पहचाने नहीं जा रहे।
बताते चलें कि बॉब विश्वास वह चरित्र है, जिसे पहली बार विद्या बालन की फिल्म कहानी में शाश्वत चटर्जी के रूप में देखा गया। बॉब विस्वास एक शांत स्वभाव का लगने वाला निर्मम हत्यारा चरित्र है। फिल्म कहानी के निर्देशक सुजॉय घोष ने इसे ही अपनी फिल्म बॉब बिस्वास का मुख्य चरित्र बना लिया है।
Wednesday, 25 November 2020
The Dadasaheb Phalke International Film Festival Awards on February 20th, 2021
The awards season is finally here and some of the finest performances of the year would be taking home the prestigious Dadasaheb Phalke International Film Festival Award. Founded by Mr. Anil Mishra in 2012, these are regarded as the highest cinema honour in the country and are held in the presence of the Governor, celebrities, delegates, industrialists, diplomats and the media.
Continuing the celebrations this year at the
Dadasaheb Phalke International Film Festival Awards, our favourite stars will
gather in appreciation of the ultimate winners. Speaking of which, the founders
of the reputable organisation have revealed the date of Bollywood's biggest
annual gala. This time around, the much-awaited awards will be held on February
20th, 2021 in Mumbai.
Talking about the same, Abhishek Mishra, the CEO
of the Dadasaheb Phalke International Film Festival Awards stated, "We are
really happy to announce February 20th next year as our
event date for The Dadasaheb Phalke International Film Festival Awards. 2020
has been really tough on each one of us, nevertheless, me and my team are doing
our best to put up a great show. It's definitely going to be exciting."
We sure can't wait to witness all the glitz and
glamour of the big night.
दक्षिण भारतीय जोड़े की मीनाक्षी सुन्दरेश्वर
थोक के भाव फिल्मों का ऐलान करते जा रहे निर्माता करण जोहर की अगली फिल्म का ऐलान आज हुआ. इस फिल्म का टाइटल मिनाक्षी सुन्दरेश्वर रखा गया है. एक दक्षिण भारतीय जोड़े की इस फिल्म की पृष्ठभूमि मदुरै तमिलनाडु है.
फिल्म में सान्या मल्होत्रा ने मीनाक्षी और अभिमन्यु दासानी ने सुन्दरेश्वर की भूमिका की है.
फिल्म की रोचकता जोड़े की शादी से पहले और बाद की ज़िदगी में आई कठिनाइयों, खुशियों और उतार-चढ़ाव में है. फिल्म मीनाक्षी सुन्दरेश्वर का निर्देशन विवेक सोनी ने किया है. विवेक सोनी, फिल्म हंसी तो फसी, सोन चिड़िया और नेटफ्लिक्स के लिए फिल्म रात अकेली है के सह निर्देशक थे. इस फिल्म से विवेक का डेब्यू हो रहा है.
मीनाक्षी सुन्दरेश्वर का निर्माण नेटफ्लिक्स के लिए किया जा रहा है.
संजना सांघी को क्यों बनाया ओम की काव्या ?
पिछले दिनों, जब निर्माता अहमद खान ने, अपनी एक्शन फिल्म ओम के नायक ओम की भूमिका के लिए आदित्य रॉय कपूर के नाम का ऐलान किया था, तब उनकी नायिका के नाम का खुलासा नहीं हुआ था. अब पता चला है कि ओम में ओम की काव्या अभिनेत्री संजना सांघी होंगी.
संजना सांघी ने सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म दिल बेचारा में अभिनय किया था. इस फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्होने काफी गुल खिलाये थे. सुशांत सिंह राजपूत पर गंदे आरोप लगाये थे. एक समय दिल बेचारा की शूटिंग तक रोक दी गई थी. फिल्म को बंद कर देने का खतरा भी पैदा हो गया था. एक महीने बाद संजना कुछ इस तरह वापस आई, जैसे कुछ हुआ ही नहीं. हालाँकि, कहा जा रहा है कि संजना ने मोटी रकम की एवज में दिल बेचारा फिर काम करना स्वीकार किया.
इससे संजना को काफी बदनामी भी मिली थी. इसके बावजूद, अहमद खान ने ओम की काव्या संजना को क्यों बनाया ? ऐसा लगता है कि बॉलीवुड को बदनामी में भी दिलचस्पी है, बशर्ते इससे नाम मिले. तो शायद इस सोच के तहत अहमद ने संजना सांघी को ओम की नायिका बनाया.
आप
अगर अहमद खान से इस बाबत पूछे तो वह जवाब देंगे कि उन्होंने काव्या के लिए संजना
का चुनाव दिल बेचारा के कारण ही किया. इस फिल्म में संजना ने किज़ी बासु की भूमिका
बड़ी शिद्दत और परिपक्वता से की थी. अहमद को काव्या के गहराई लिए किरदार के लिए भी
ऎसी ही अभिनेत्री की ज़रुरत थी.
भूमि पेडणेकर के कन्धों पर Durgamati The Myth
भूमि पेडनेकर को ११ फिल्मों के बाद, कायदे की एक
फिल्म मिली है, जो उनके कन्धों पर है। पूरी फिल्म में उनका चंचला/दुर्गमति का चरित्र
छाया रहता है। फिल्म में कोई बड़ा सितारा
नहीं कि भूमि को ग्रहण लग जाए। वह भयावने दृश्यों में ख़ास फबती है। वैसे उन्हें अपनी हिंदी मे काम करना होगा। इसके लिए ज़रूरी है कि वह शूटिंग के अलावा भी
बात करते समय हिंदी का इस्तेमाल करते रहना चाहिए। इससे संवाद अदायगी में रवानगी
आएगी।
फिल्म में अरशद वारसी, जोशुआ
सेनगुप्ता, करण कपाडिया और माही गिल भी है। इनके चरित्र भूमि के चरित्र को सहयोग करते
हैं। माही गिल की संवाद अदायगी बेहद खराब
है। वह रावण को रावन बोलती है,
विभीषण को विभीषन। निर्देशक जी
अशोक को इसे देखना चाहिए था।
दुर्गावती, दरअसल दक्षिण की तेलुगु और तमिल भाषा की
फिल्म भागमती की रीमेक है। भागमती में
आईएएस अफसर और भागमती की भूमिका अनुष्का शेट्टी ने की थी। जी अशोक तेलुगु फिल्म के
भी निर्देशक थे। उम्मीद की जानी चाहिए कि
उन्होंने दुर्गमति को भागमती से ज़्यादा
दिलचस्प और भयावना बनाया होगा।