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Thursday 28 November 2019

No Time To Die से पहले Daniel Craig की डिटेक्टिव भूमिका वाली फिल्म Knives Out


हॉलीवुड अभिनेता डेनियल क्रैग की, आखिरी जेम्स बांड फिल्म नो टाइम टू डाई अगले साल २० अप्रैल २०२० को प्रदर्शित होगी।  लेकिन, भारतीय प्रशंसकों के लिए  डेनियल क्रैग को इस साल देखने का आखिरी मौका कल (२९ नवंबर २०१९) मिल रहा है। उनकी हत्या रहस्य फिल्म नाइव्स आउट कल से भारत के सिनेमाघरों में दिखाई जा रही है।

नाइव्स आउट की कहानी  अपराध की पृष्ठभूमि पर उपन्यास के एक रईस लेखक हारलन थ्रौम्बे की हिअ, जो अपने ८५वे जन्मदिन पर अपने बड़े  परिवार को एकत्र करता है ताकि आपस के मतभेद भुला कर, टूटे-बिखरे परिवार को एकजुट किया जा सके।  लेकिन, होता यह है कि अगली सुबह घर का रखवाला फ्रान उन्हें स्टडी रूम में मृत पाता है।

नाइव्स आउट के लेखक, निर्माता और निर्देशक रयान जॉनसन है।  इसी फिल्म में डेनियल क्रैग को, क्रिस इवांस, एना डी अरमास, जैमी ली कर्टिस, माइकल शैनॉन, डॉन जॉनसन, टोनी कलेट, लकेत स्टैनफील्ड, कैथरीन लैंगफोर्ड, जेडेन मार्टेल और क्रिस्टोफर प्लमर जैसी सितारों को भी देखा जा सकेगा।


फिल्म की खास बात यह है कि फिल्म में डेनियल क्रैग की भूमिका परिवार के सदस्य की नहीं है।  वह इस फिल्म में डिटेक्टिव बेनॉइट ब्लांक की भूमिका कर रहे हैं।  ब्लांक एक प्राइवेट डिटेक्टिव है, जिसे हत्या की गुत्थी  सुलझाने के लिए बुलाया जाता है।


Tuesday 12 November 2019

रहस्यमय म्यूजिकल फ़िल्म Lafange Nawab



सनोज मिश्रा निर्देशित मर्डर मिस्ट्री फ़िल्म लफ़ंगे नवाब का संगीत हिट हो रहा है और लोगों द्वारा इसे ख़ासा पसंद किया जा रहा है।  यह फ़िल्म इस शुक्रवार (१५ नवंबर) को आपके नज़दीकी सिनेमाघरों में रिलीज़ के लिए तैयार है। 

लफ़ंगे नवाब क़त्ल के रहस्य में लिपटी एक रोमांचक फ़िल्म है, जिसमें पिता-पुत्र के रिश्ते और फ़र्ज़ी दोस्ती के अंजाम को बख़ूबी पेश किया गया है। फ़िल्म की कहानी युग और उसके पिता के इर्द-गिर्द घूमती है। युग एक‌ म्यूज़िकल बैंड का हिस्सा है, जिसमें साथ उसके ४-५ और दोस्त भी‌ शामिल हैं। मगर उसके पिता को युग का बैंड के ज़रिए परफॉर्म करना कतई रास नहीं आता है और वो चाहते हैं कि उनका बेटा जल्द से‌ जल्द उ‌नके बिज़नेस को ज्वाइन करे। ऐसे में अपने बेटे को सबक सिखाने‌ के लिए युग के पिता अपने घर‌ में रहनेवाली एम्मी के क़त्ल की झूठी साज़िश रचते हैं और फिर इस मामले में वो युग से मदद‌ मांगते हैं। ग़ौरतलब है कि इस बीच एम्मी का सचमुच में क़त्ल हो जाता है। आख़िरकार एम्मी को किसने मारा? यही सवाल फ़िल्म का सबसे बड़ा रहस्य बनकर सामने‌ आता, जिसके बारे में आपको फ़िल्म देखने के बाद पता चलेगा। 

ट्रेलर लॉन्च के मौके पर गायक शाहिद मालिया ने अपनी गायिकी से चार चांद लगा दिये। इस  फ़िल्म का संगीत ज़ी म्यूज़िक कंपनी ने जारी किया है।

फ़िल्म की निर्माता माही आनंद ने कहा, "लफ़ंगे नवाब में आपको बॉलीवुड का भरपूर मसाला देखने को मिलेगा और इसमें बॉलीवुड स्टाइल के सस्पेंस और रोमांच की झलक भी दिखायी देगी। इस फ़िल्म में तीन बेहद दिलचस्प गाने भी हैं जिन्हें अली फ़ैज़ल ने संगीतबद्ध किया है और पलक मुंछाल, अली फ़ैज़ल, दानिश अली , शाहिद मालिया, शिवांग माथुर, पुष्पेंद्र सिंह दीपक शर्मा और अल्तमाश फ़रीदी ने अपने सुरों से सजाया है।"



लफंगे नवाब के निर्देशक सनोज मिश्रा ने इस मौके पर कहा, "यह फ़िल्म एक सस्पेंस थ्रिलर फ़िल्म है और इसमें दर्शायी गयी मर्डर मिस्ट्री बेहद दिलचस्प किस्म‌ की है। इस फ़िल्म का संगीत भी‌ कर्णप्रिय है और यही इस फ़िल्म का सबसे मज़बूत पक्ष भी है। हमने इस फ़िल्म को बहुत ही शिद्दत और मेहनत से बनाया है और हमें उम्मीद है कि दर्शकों को ये फ़िल्म बेहद पसंद आएगी।"

सस्पेंस ड्रामा फ़िल्म लफ़ंगे नवाब को लखनऊ और मुम्बई के ख़ूबसूरत लोकेशन्स पर शूट किया गया है। इस फ़िल्म में रॉबिन सोही, रिटम भारद्वाज, लरिसा चक्ज़ा, रतन रतौर, मनोज बख्शी और निशा श्रीवास्तव मुख्य भूमिकाओं में नज़र आएंगे। फ़िल्म १५ नवंबर, २०१९ को देशभर के थियेटरों में रिलीज़ होगी। 

Friday 11 October 2019

Priyanka Chopra का माँ अवतार !


आज रिलीज़ हो रही फिल्म द स्काई इज पिंक से, लगभग चार साल बाद प्रियंका चोपड़ा की बॉलीवुड मे वापसी हो रही है। प्रकाश झा निर्देशित कॉप ड्रामा फिल्म जय गंगाजल मे रफ़टफ पुलिस अधिकारी आभा माथुर की भूमिका के बाद, प्रियंका चोपड़ा द स्काई इज पिंक में माँ बन कर आ रही है। वह भी एक नहीं दो दो बच्चों की। हालाँकि, प्रियंका चोपड़ा, खुद को श्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जिताने वाली फिल्म मैरी कोम में भी माँ बन चुकी हैं।

रोमांटिक और माँ का २५ साल का सफर 
पल्मोनरी फाइब्रोसिस की बीमारी से ग्रस्त आयेशा माथुर (ज़यारा वसीम) की इस कहानी का २५ साल का विस्तार अदिति चौधरी और निरेन चौधरी के रोमांस से लेकर आयशा के बीमारी से संघर्ष तक, फैला हुआ है। प्रियंका चोपड़ा और फरहान अख्तर ने आयशा के माता- पिता की भूमिका की है। इस फिल्म में प्रियंका और फरहान के बीच लम्बे रोमांस दृश्य है। लेकिन, सब पर भारी है, उनका बेटी की बीमारी के लिए संघर्ष।

निर्देशक और एक्टर फरहान 
बॉलीवुड में फरहान अख्तर और प्रियंका चोपड़ा का दोहरा रिश्ता है। फरहान अख्तर ने, प्रियंका चोपड़ा को दो डॉन फिल्मों डॉन द चेज बैगिन्स और डॉन द किंग इज बेक में निर्देशित किया था। इन फिल्मों के नायक शाहरुख़ खान थे। फरहान अख्तर, अपनी बहन की फिल्म दिल धड़कन दो में प्रियंका के प्रेमी की भूमिका में थे। इस दूसरी फिल्म में इन दोनों का पति-पत्नी का रिश्ता है। दोनों के बीच की केमिस्ट्री फिल्म के ट्रेलर में नज़र भी आती है।

ज़ायरा वसीम की आखिरी फिल्म 
सैंतीस साल की प्रियंका चोपड़ा की १८ साल की ऑन स्क्रीन बेटी ज़ायरा वसीम अब बॉलीवुड को अलविदा कह चुकी हैं। इस लिहाज़ से, ज़ायरा के करियर की तीसरी फिल्म, उनकी आखिरी फिल्म बनने जा रही है। दंगल में पहलवान गीता फोगाट और सीक्रेट सुपरस्टार में गायिका इन्सिया मलिक की भूमिका से प्रशंसा बटोर चुकी जयरा के लिए आयशा की भूमिका काफी कठिन और महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता शोनाली 
पत्रकार प्रणव रॉय की बेटी शोनाली बोस, अपनी पहली ही फिल्म अमु से राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुकी हैं। द स्काई इज पिंक उनके लिए परीक्षा होगी कि वह मुख्य धारा की फिल्मों के दर्शकों को अपनी फिल्म से कितना लुभा पाती हैं ! 

Wednesday 9 October 2019

बॉक्स ऑफिस पर एक हफ्ते में १० फ़िल्में !



अक्टूबर में, नई फिल्मों को, हृथिक रोशन और टाइगर श्रॉफ की जोड़ी की फिल्म वॉर द्वारा, बॉक्स ऑफिस पर शुरू किये गए धमाकों के थमने और बारूदी गंध के मंद पड़ने का इंतज़ार है।  संभव है कि ११ अक्टूबर तक, वॉर का शोर कुछ थमे।  इसका अंदाज़ा, ११ अक्टूबर को रिलीज़ हो रही प्रियंका चोपड़ा और फरहान अख्तर की फिल्म द स्काई इज पिंक और कुणाल खेमू और राशिका दुग्गल की कॉमेडी फिल्म लूटकेस को मिली दर्शक संख्या से हो जाएगा।

अक्टूबर १८, फ़िल्में १०, दो से उम्मीद
इसके बाद बड़े, छोटे, मंझोले बजट की फिल्मों की रिलीज़ शुरू हो जाएगी।  १८ अक्टूबर को, जैक्वेलीन आई एम् किंग, दोस्ती ज़िंदाबाद, किरकेट, लाइफ में टाइम नहीं है किसी को, #यारम, घोस्ट, जंक्शन वाराणसी, लाल कप्तान, लव शॉट्स और पी से प्यार एफ से फरार सहित कुल १० फ़िल्में रिलीज़ होंगी।  इन फिल्मों की भीड़ में से सिर्फ दो फिल्मों सैफ अली खान की फिल्म लाल कप्तान और निर्देशक विक्रम भट्ट की हॉरर फिल्म घोस्ट से ही कोई उम्मीद रखी जा सकती है।

क्या अक्षय कुमार की दीवाली ?
अक्टूबर के दो हफ़्तों में, फिल्मों की इतनी भीड़ क्यों ? इसका जवाब देंगी २५ अक्टूबर को प्रदर्शित होने जा रहे तीन फ़िल्में मेड इन चाइना, हाउसफुल ४ और सांड की आँख। ट्रेड द्वारा, दीवाली वीकेंड का फायदा उठाने के लिए प्रदर्शित हो रही अक्षय कुमार की पुनर्जन्म कॉमेडी फिल्म हाउसफुल ४ के बड़ी ओपनिंग लिए जाने की उम्मीद की जा रही है।  इसलिए इस फिल्म को सबसे ज़्यादा स्क्रीन मिलेंगी।  राजकुमार राव और मौनी रॉय की फिल्म मेड इन चाइना को भी दर्शक मिलेंगे।  सांड की आँख माउथ पब्लिसिटी पर निर्भर फिल्म है।

बड़ी और चर्चित फिल्मों के दो महीनें
दरअसल, इस साल के आखिरी दो महीनों में बड़ी और चर्चित फिल्मों को रिलीज़ होना है।  बाल गिराने की समस्या पर आयुष्मान खुराना की फिल्म बाला और सनी सिंह की फिल्म उजड़ा चमन अपने विषय के कारण चर्चा में हैं।  सिद्धार्थ मल्होत्रा और रितेश देशमुख की हिट एक विलेन जोड़ी और निर्देशक मिलाप ज़वेरी की पिछली हिट फिल्म सत्यमय जयते के कारण दर्शकों द्वारा प्रतीक्षित है।  निर्देशक अनीस बज़्मी की कॉमेडी पागलपंथी,  विद्युत् जामवाल की एक्शन कमांडो ३, सैफ अली खान की कॉमेडी जवानी जानेमन, सुशांत सिंह राजपूत की दिल बेचारा, कार्तिक आर्यन की पति पत्नी और वह तथा हिमेश रेशमिया की फिल्म हैप्पी हार्डी एंड हीर की किन्ही न किन्ही कारणों से चर्चा है।

दबंग ३ और मर्दानी का दबदबा और गुड न्यूज़
इन ९ फिल्मों की जब ऐसी चर्चा है तो सोचिये सलमान खान की फिल्म दबंग ३ और अक्षय कुमार की फिल्म गुड न्यूज़ क्या हलचल पैदा करेंगी। इन फिल्मों के साथ, अर्जुन कपूर और संजय दत्त की ऐतिहासिक फिल्म पानीपत, अमिताभ बच्चन की फुटबॉल पर फिल्म झुण्ड और रानी मुख़र्जी की कॉप फिल्म मर्दानी २ बॉक्स ऑफिस गुलजार रखेंगी।  दूसरी फिल्मों को स्क्रीन मिलने के लाले लग जाएंगे।  शायद, इसीलिए १८ अक्टूबर को बॉक्स ऑफिस पर १० फ़िल्में वॉर छेड़ने के लिए कमर कसे नज़र आ रही हैं।

Saturday 21 September 2019

क्या Karan Deol- Sehar Bammba की जोड़ी करेगी कमाल !


छत्तीस साल बाद, घड़ी की सुई फिर उसी मुकाम पर पहुँच गई लगती है। ३६ साल पहले, ५ अगस्त १९८३ को, बॉलीवुड के गरमधरम के बड़े बेटे सनी देओल की पहली फिल्म बेताब रिलीज़ हो रही थी। इस फिल्म में सनी देओल की नायिका भी एक बिलकुल नया चेहरा अमृता सिंह थी।  इस संगीतमय रोमांस फिल्म में, बाद में मर्द एक्ट्रेस के तौर पर मशहूर अमृता सिंह ने ढाई किलों के हाथ वाले सनी देओल का भरपूर साथ दिया था।

करण की ‘अमृता’ सहर बाम्बा
आज, सनी देओल के बड़े बेटे करण देओल का फिल्म पल पल दिल के पास से डेब्यू होने जा रहा है।फर्क इतना है कि करण की फिल्म के डायरेक्टर उनके पिता सनी देओल ही हैं। सनी देओल ने अपने बेटे की सफलता के लिए रोमांस, एक्शन और एडवेंचर का बढ़िया मिश्रण बनाने की कोशिश की है।  उनकी यह कोशिश कितनी सफल हुई है, यह काफी कुछ फिल्म में करण की नायिका सहर बाम्बा पर निर्भर करेगा । क्योंकि, पल पल दिल के पास की कहानी में बेताब की झलक नज़र आती है। क्या करण और सहर की जोड़ी, ३६ साल बाद की सनी देओल - अमृता सिंह जोड़ी साबित होगी ?

राहुल रवैल की संगीतमय रोमांस बेताब
इस फिल्म के निर्देशक राहुल रवैल थे, जिनकी पहली दो फ़िल्में असफल हुई थी। लेकिन राजेंद्र कुमार के बेटे कुमार गौरव का डेब्यू कराने वाली फिल्म लव स्टोरी सुपरहिट साबित हुई थी। राहुल रवैल ने अपनी दोनों फिल्मों लव स्टोरी ऑफ़ बेताब में रोमांस और संगीत का बढ़िया मिश्रण किया था नतीजे के तौर पर उनके निर्देशन में सनी देओल की फिल्म बेताब भी हिट हुई।  सनी देओल और अमृता सिंह की उन्मुक्त रोमांस जोड़ी खूब जमी थी।

पिता के सामने होने की हिचक !

पल पल दिल के पास के करण देओल और सहर बाम्बा को राहुल रवैल जैसा कोई निर्देशक नहीं मिला है।  सनी देओल ने दिल्लगी और घायल रिटर्न्स जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है।  लेकिन, पल पल दिल के पास में वह अपने बेटे को निर्देशित कर रहे हैं।  देओल परिवार में पिता का बड़ा लिहाज़ किया जाता है।  यही संस्कार करण देओल को भी मिले हैं।  खुद करण ने स्वीकार किया कि उन्हें पिता के सामने सहर से रोमांस करने में झिझक हो रही थी।  ख़ास तौर पर चुम्बन दृश्यों में।  आजकल की युवा रोमांस फिल्मों में चुम्बन क्या स्मूचिंग की भरमार होती है।  सनी देओल के निर्देशन में करण और सहर का ठंडा रोमांस युवा दर्शकों को कैसे आकर्षित करेगा?  

Thursday 8 August 2019

एक शुक्रवार ४ फ़िल्में मुश्किल में अभिनेत्रियां


एक शुक्रवार को चार फ़िल्में रिलीज़ हो रही हों तो इन फिल्मों की नायिका अभिनेत्रियां मुश्किल में आ जाती हैं। एक तो कैमरा नायक पर जमा रहता है।  अपेक्षाकृत कम मौका मिलता है कुछ कर दिखाने का। ज़्यादातर अंग प्रदर्शन।  ऐसे में अगर, एकाधिक नायिका वाली फिल्म हो तो अभिनेत्रियों का मुश्किल में आना स्वाभाविक है।

मुश्किल में चार अभिनेत्रियां
अब राजीव एस रुइया की हॉरर थ्रिलर फिल्म मुश्किल फियर बिहाइंड यू को ही लीजिये।  इस फिल्म के नायक रजनीश दुग्गल और कुणाल रॉय कपूर हैं।  इनके साथ चार अभिनेत्रियां  रोमांटिक, सेक्सी और डरावनी भूमिका कर रही हैं।  नाज़िया हुसैन, शफ़क़ नाज़पूजा बिष्ट और अर्चना शास्त्री को सीमित समय में वह सब कुछ करना है, जो एक हॉरर फिल्म की नायिका करती हैं।  नाज़िया हुसैन की पहचान संजय दत्त की भांजी होना है। शफ़क़ नाज़ टीवी सीरियल अभिनेत्री हैं।  महाभारत (२०१३)  में कुंती की भूमिका कर चुकी हैं। मुश्किल, पूजा बिष्ट की पहली फिल्म है।  अर्चना शास्त्री एक एक तेलुगु और हिंदी हॉरर फिल्म में अभिनय कर चुकी हैं।  अब है न मुश्किल में नायिका ?

चरित्र अभिनेताओं से घिरी समीक्षा और निवेदिता
किसी फिल्म अभिनेत्री के लिए, उसका काम तब मुश्किल हो जाता है, जब उसे सशक्त एक्टरों की भीड़ में  घिर जाना पड़ता है।  शेखर सिरिन की फिल्म चिकन करी लॉ में बलात्कार की शिकार एक विदेशी महिला को न्याय दिलाने के लिए संघर्षरत निवेदिता भट्टाचार्य को फिल्म में आशुतोष राणा, मकरंद देशपांडेय और ज़ाकिर हुसैन जैसे सशक्त और स्थापित  अभिनेताओं का सामना करना पड़ रहा  है।  कुछ ऐसे ही चक्रव्यूह में फंसी नज़र आ रही हैं प्रणाम की समीक्षा सिंह।  हालाँकि, वह दक्षिण की फिल्मों की पॉपुलर अभिनेत्री हैं।  लेकिन, उन्हें प्रणाम में राजीव खंडेलवाल जैसे सशक्त अभिनेता के साथ साथ अतुल कुलकर्णी, विक्रम  गोखले, अभिमन्यु सिंह और अनिरुद्ध दवे की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

खुद के लिए चुनौती
इस लिहाज़ से जबरिया जोड़ी की परिणीति चोपड़ा किसी चुनौती से सुरक्षित नज़र आती हैं।  फिल्म में उनके नायक  सिद्धार्थ मल्होत्रा है। अपारशक्ति खुराना और संजय मिश्रा हंसाने की जद्दोजहद में परिणीति को चुनौती साबित नहीं होते।  जबरिया जोड़ी में परिणीति चोपड़ा के लिए खुद परिणीति ही चुनौती है। क्योंकि, वह आजकल अपनी फिल्मों से अधिक कजिन प्रियंका चोपड़ा और उनके अमेरिकी पति के साथ से पहचानी जा  रही हैं।  

Wednesday 7 August 2019

पकडुआ शादी हजारों, फ़िल्में सिर्फ दो !


इसे गब्बर सिंह के लहज़े में बड़ी नाइंसाफी है ही कहा जायेगा। बिहार की हर साल हजारों की संख्या में होने वाली पकडुआ शादियां, बिहार के बाहर भी कुख्यात हैं।  अकेले २०१७ में बिहार में ३४०० से ज़्यादा पकडुआ विवाह हुए थे।  लेकिनबॉलीवुड ने इस ओर अपने बहरे कान दे रखे हैं।  पकडुआ शादियों पर फिल्मों की भरमार नहीं ! जबरिया जोड़ी जैसी फ़िल्में इक्का दुक्का ही हैं।

पकडुआ शादी का अंतर्द्वंद्व
दिलचस्प तथ्य यह है कि जबरिया जोड़ी से पहले पकडुआ शादी पर बनाई गई इकलौती फिल्म अंतर्द्वंद २००७ में रिलीज़ हुई थी।  इस फिल्म का निर्देशन सुशील राजपाल ने किया था।  फिल्म की कहानी एक आईएएस अफसर बनने तैयारी कर रहे युवक का स्थानीय दबंग अपनी बेटी से जबरन शादी कराने के लिए अपहरण  करवा लेता है।  इस फिल्म को सामजिक सरोकारों की श्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था।  फिल्म से जुड़े दिलचस्प तथ्य यह है कि यह फिल्म २००७ में पूरी हो गई थी।  २००९ में इसे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिलने के बाद२०१० में कुछ जगहों पर रिलीज़ हुई।

एक सीरियल भी  
पकडुआ  शादी पर एक सीरियल भी बनाया जा चुका है।  २००९ मे, कलर्स टीवी से प्रसारित इस सीरियल का टाइटल सबकी जोड़ी वही बनाता भाग्यविधाता था। बिहारी के मोतिहारी जिले की इस कहानी को खूब पसंद किया गया।  इस शो को तमिल और तेलुगु में डब कर क्षेत्रीय चैनलों से प्रसारित किया गया था।

लेकिन बिहार में शूट नहीं
जबरिया जोड़ी की कहानी के बिहारी संजीव झा द्वारा लिखा गया है।  लेकिन, इस फिल्म की शूटिंग बिहार में नहीं हुई है।  जबरिया जोड़ी की शूटिंग के लिए सिद्धार्थ मल्होत्रा और परिणीति चोपड़ा को अपनी दूसरी कास्ट और क्रू के साथ लखनऊ, बाराबंकी और मलिहाबाद में बिहारी  लहजे में संवाद बोलने पड़े थे।  फिल्म के नायक-नायिका सिद्धार्थ मल्होत्रा और परिणीति चोपड़ा हँसी तो फसी के ५ साल बाद फिर साथ है।  लेकिन, को एली एवराम के जिल्ला हिलेला आइटम पर ज़्यादा भरोसा है। 

Thursday 11 July 2019

रियल लाइफ Super 30 को रील पर उतार पाएंगे Hrithik Roshan !



रिलीज़ हो रही विकास बहल की रियल लाइफ फिल्म सुपर ३०, कहानी है पटना के एक अध्यापक आनंद कुमार की, जो गरीब छात्रों को मुफ्त पढ़ाते हैं। इस फिल्म में आनंद कुमार की भूमिका हृथिक रोशन कर रहे हैं। हृथिक रोशन को, बॉलीवुड का ग्रीक गॉड कहा जाता है। वह बॉलीवुड के सबसे खूबसूरत और प्रतिभाशाली एक्टर हैं। उन्होंने कई बड़ी हिट फ़िल्में दी हैं। क्या सुपर ३० में पटना के रियल लाइफ टीचर की भूमिका को, हृथिक रोशन दर्शकों के दिलों में उतार पायेंगे ?

स्थापित अभिनेत्रियों के साथ 
१९ साल पहले, रोमांटिक फिल्म कहो न प्यार है से अपने फिल्म करियर की शुरुआत करने वाले हृथिक रोशन ने अगली दो फिल्मों फिर्ज़ा और मिशन कश्मीर में आतंकवादी की भूमिकाये की। उनकी रोमांटिक इमेज से परे, यह नकारात्मक भूमिकाये दर्शकों को रास नहीं आई। इसके बाद, हृथिक रोशन ने ज्यादा फ़िल्में करीना कपूर, प्रीटी जिंटा, ऐश्वर्या राय और प्रियंका चोपड़ा के साथ की। वह ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा और बैंग बैंग में कैटरीना कैफ के साथ पहली बार जोड़ी बना रहे थे।

बड़ी एक्ट्रेस फंतासी फ़िल्में 
देखा जाए तो हृथिक रोशन, एक्शन, एक्शन फंतासी से भरपूर फिल्मों में, बड़ी अभिनेत्रियों के साथ ज्यादा सफल रहे हैं। प्रीटी जिंटा (मिशन कश्मीर, कोई मिल गया, लक्ष्य), प्रियंका चोपड़ा (कृष, अग्निपथ, कृष ३), ऐश्वर्या राय बच्चन (धूम २, जोधा अकबर, गुज़ारिश), कैटरीना कैफ (ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा, बैंग बैंग) के साथ उनकी फ़िल्में इसका प्रमाण हैं। यह ज़्यादातर फ़िल्में, हृथिक रोशन की लार्जर देन लाइफ भूमिका वाली थी।

रियल में फ्लॉप 
हृथिक रोशन को, उनके व्यक्तित्व के अनुरूप फंतासी भूमिकाये फबती हैं। वह ज्योहीं रियल में उतरना चाहते है, फ़िल्में फ्लॉप हो जाती हैं। फिजा, मिशन कश्मीर, गुज़ारिश, आदि फ़िल्में इसका प्रमाण हैं। नवोदित या कम चर्चित अभिनेत्रियों के साथ भी उनका ट्रैक रेकॉर्ड ५०-५० का है। बारबरा मोरी के साथ काइट्स और पूजा हेगड़े के साथ मोहनजोदड़ो असफल हुई, लेकिन, यमी गौतम के साथ काबिल १०० करोड़ क्लब में पहुंची। अब उनकी फिल्म सुपर ३० की नायिका नवोदित मृणाल  ठाकुर हैं। मृणाल की यह दूसरी फिल्म है। 

Sunday 30 June 2019

कोरियाई फिल्म का रीमेक है Samantha की तेलुगु फिल्म Oh Baby !

Oh Baby

सत्तर वर्षीय ओह मैल-सून, एक रहस्यमय  फोटो स्टूडियो में  फोटो खिंचाने के लिए जाती है। जैसे  ही वह फोटो खिंचवाती है, वह खुद को, २०  साल की ओह डू-रि के शरीर में पाती है।  जब वह  स्टूडियो से बाहर निकलती है, तो उसे कोई  नहीं पहचान पाता।  परिवार के लोग और दोस्त भी नहीं।  तब वह सोचती है कि इस ज़िन्दगी का भी मज़ा लिया जाए।

यह कहानी है कोरियाई फिल्म सुसंगन गउनेयो उर्फ़ सस्पीशियस गर्ल उर्फ़ मिस गैरी  की। यह फिल्म २०१४ में  रिलीज़ हुई थी। फिल्म की  सफलता का अंदाज़ा इसी बात से  लगाया जा सकता है कि व्हांग डाँग-ह्यूक निर्देशित तथा ना मून-ही और शिम यून-क्युंग अभिनीत इस फिल्म के ८५ लाख टिकट बिके थे।

यहाँ इस फिल्म का ज़िक्र करने का उद्देश्य यह है कि इस कोरियाई फिल्म पर तेलुगु भाषा में एक फंतासी कॉमेडी फिल्म बनी है। ५ जुलाई को रिलीज़ होने जा रही इस फिल्म में  अभिनेत्री सामंथा अक्किनेनी ने २४ साल की युवा सावित्री/बेबी की भूमिका की है।  जबकि, ७० साल की सावित्री/बेबी की भूमिका लक्ष्मी कर रही हैं।

 Miss Granny

तमिल- तेलुगु फिल्मों की बड़ी स्टार ३२ वर्षीय सामंथा अक्किनेनी ने २०१० में गौतम मेनन की फिल्म से डेब्यू किया था। वह अब तक ४५ फ़िल्में कर चुकी हैं।  लेकिनवह किसी भी हिंदी फिल्म की नायिका नहीं बनी है। अलबत्ता, उन्होंने गौतम मेनन की हिंदी फिल्म एक दीवाना था में कैमियो किया था।

लक्ष्मी से  हिंदी फिल्म दर्शकों का पहला परिचय फिल्म जूली (१९७५) से हुआ था। उस समय लक्ष्मी सिर्फ २३ साल की थी।  लक्ष्मी ने केवल पांच हिंदी फ़िल्में की हैं।  उनकी पिछली रिलीज़ हिंदी फिल्म अक्षय खन्ना और करीना कपूर की हिट फिल्म हलचल थी।


फिल्म ओह बेबी का निर्देशन बी वी नंदिनी रेड्डी ने किया है।  

Thursday 27 June 2019

हलकी फुलकी हास्य फिल्मों के आयुष्मान के लिए तनाव भरी होगी Article 15


पिछले शुक्रवार (२१ जून)शाहिद कपूर की फिल्म कबीर सिंह रिलीज़ हो रही थी।  लेकिनउनका कोई इम्तिहान नहीं था। पिछले चार सालों में वह, पद्मावत के अलावा  एक्शन जैक्सन, शानदार, उड़ता पंजाब, रंगून और बत्ती गुल मीटर  चालू जैसी फ्लॉप फ़िल्में दे चुके थे।  उनकी इस फिल्म से  दूसरी पद्मावत बनने की उम्मीद नहीं की जाती थी।  अलबत्ताट्रेलर से उम्मीद ज़रूर थी।  शाहिद कपूर बिना परीक्षा के अव्वल नंबर साबित हुए।   कबीर सिंह ने, पांच दिनों में १०० करोड़ उड़ा लिए।

इस शुक्रवार (२८ जून) फिल्म आर्टिकल १५ रिलीज़ हो रही है।  लेकिन, आयुष्मान खुराना का कडा  इम्तिहान होना है।  वह पिछले साल दो फिल्मों बधाई हो और अंधाधुन और २०१७ में तीन फिल्मों यानि शुभ मंगल सावधान, बरेली की बर्फी और मेरी प्यारी बिंदु के नायक थे।  यानि दो साल में पांच हिट फ़िल्में।  वह तो हिट फिल्मों की मशीन बन चुके हैं।  उनकी फिल्म आर्टिकल १५ से काफी उम्मीदें हैं। ट्रेड रिकॉर्ड तोड़े जाने की राह देख रहा है।

लेकिन, सब इतना आसान नहीं होगा।  आयुष्मान  खुराना की फिल्मों के विषय तो भिन्न रहे थे।  लेकिन, उन्हें ख़ास फॉर्मेट में पेश किया जा रहा था।  यानि एक सीधा सदा, अमोल पालेकर मार्का लड़का और उसके चारों ओर हास्य-व्यंग्य का जाल।  इसमें गूँथ कर आयुष्मान खुराना तीर मार ले जाते थे। यह ज़्यादातर फ़िल्में इनके निर्देशकों की थी। लेकिन, तारीफ २१वी सदी के अमोल पालेकर को मिल रही थी।

इसलिए, फिल्म आर्टिकल १५ से, आयुष्मान खुराना काँटों वाली रहा पर चल  निकले हैं।  आर्टिकल १५ का विषय विवादित हैं।  इसमें कोई नयापन नहीं है।  विषय गंभीर है।  आयुष्मान का पहली बार सामना तनाव भरे माहौल से होगा।  क्या वह पुलिस भूमिका में कामयाब होंगे उनके प्रशंसक दर्शक उम्मीद तो रख ही रहे हैं । यहीं पर उन्हें तनाव होना चाहिए । वह अपनी वर्दी मे कितने पुलिस वाले साबित होंगे, यह खुराना को साबित करना है ।


अनुभव सिन्हा ने, रा.वन के फ्लॉप होने के बाद ट्रैक बदला है । वह विवादित विषयों पर फ़िल्में बनाने लगे हैं । इसके बावजूद गुलाब गैंग, जिद और तुम बिन २ फ्लॉप रही । मुल्क से हिन्दू-मुस्लमान का मसला उठा । पर काठ की हांड़ी पहली बार भी नहीं चढ़ी । अब उन्होंने जात-पात की बात की है । पर जातिवाद अब उस रूप में नहीं रहा । यह कथित शोषित भी जानता है और शोषण करने वाला भी । अनुभव सिन्हा क्या कहना चाहेंगे ? ऐसे में आयुष्मान खुराना कथानक के तनाव में तो फसेंगे ही ।

Article 15 से पहले बनी थी जाति पर फ़िल्में


अनुभव सिन्हा की इस शुक्रवार प्रदर्शित हो रही फिल्म आर्टिकल १५ के बारे में, फिल्म के निर्माता-निर्देशक अनुभव सिन्हा से लेकर फिल्म के नायक आयुष्मान खुराना तक दावा कर रहे हैं कि यह फिल्म दलित समस्या पर संविधान के अनुच्छेद १५ की रोशनी में हैं। पर, इसे क्राइम थ्रिलर फिल्म भी कहा जा रहा है।  इससे, फिल्म का मकसद सामजिक सुधार से ज़्यादा सनसनी फैलाना है।  इस लिहाज़ से, पुराने जमाने के फिल्मकार और एक्टर साहसी साबित होते हैं, जिन्होंने छुआछूत और हरिजन उद्धार पर एक नहीं कई कई फ़िल्में बनाई और जनमानस को प्रभावित कर पाने में भी सफल रहे।

बॉम्बे टॉकीज की अछूत कन्या और जीवन प्रभात
बॉम्बे टॉकीज की तीन हस्तियों निर्देशक निर्माता हिमांशु राय, उनकी निर्माता और अभिनेत्री पत्नी देविका रानी तथा निर्देशक फ्रेंज़ ऑस्टिन की तिकड़ी ने, १९३५ और १९३६ में, दो ज़बरदस्त प्रभावशाली फिल्मों जीवन प्रभात और अछूत कन्या का निर्माण किया।  इन फिल्मों से हरिजन समस्या को सामजिक समरसता के प्रकाश में हरिजन और सवर्ण विवाह और पुनर्विवाह जैसे संदेशों के जरिये उठाया।  इन फिल्मों में हरिजन चरित्र करने वाले तमाम एक्टर सवर्ण ब्राह्मण थे। इसी कड़ी में, हरिजन लड़की और सवर्ण लडके के प्रेम और विवाह के कथानक पर, बिमल रॉय की सुनील दत्त और नूतन अभिनीत फिल्म सुजाता भी थी।  इनमे से किसी ने भी भाषणबाजी या समाज को  ललकारने की कोशिश नहीं की, बल्कि सकारात्मक सन्देश दिया।

बेनेगल  की अंकुर और रे की सद्गति
बॉम्बे टॉकीज की फिल्मों में जहाँ सामाजिक सद्भाव का माहौल रहा करता था, वही नए दौर के सिनेमा में जाति प्रथा के खिलाफ दलित आवाज़ की वकालत की गई थी। श्याम बेनेगल की फिल्म अंकुर में, एक दलित महिला का शोषण करने वाले जमींदार के  घर में एक छोटे बच्चे के पत्थर फेंकने से हुई थी।  वही सत्यजीत रे की सद्गति मुंशी प्रेमचंद की कहानी पर फिल्म थी। अंकुर के इस  छोटे विरोध  कोशेखर कपूर एक मल्लाह जाति की फूलन देवी के कत्लेआम तक ले आये थे, जिसकी परिणीति शूद्र : द राइजिंग में जाति प्रथा की अपने तौर पर व्याख्या में हुई थी।

ख़ास है कबीर सिंह
शाहिद कपूर की फिल्म कबीर सिंह बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट फिल्म साबित हुई है । यहाँ तक कि इस फिल्म को हिंदी इतर भारत में भी पसंद किया जा रहा है । कबीर सिंह, मूल रूप से तेलुगु फिल्म अर्जुन रेड्डी की रीमेक है । कबीर सिंह और अर्जुन रेड्डी में बड़ा फर्क यह है कि जहाँ अर्जुन रेड्डी में नायक-नायिका के विवाह में जाति आड़े आती थी, वही कबीर सिंह में यह एंगल हटा लिया गया है । क्यों ?

जाति के खिलाफ खाप
जाति के खिलाफ कुछ दूसरी फिल्मों में खाप, चौरंगा, आरक्षण और हालिया रिलीज़ फिल्म धड़क भी थी।  धड़क के अलावा बाकी की फ़िल्में सतही तौर पर बनाई गई प्रचारात्मक फ़िल्में थी, जो विषय से भटकने वाली फ़िल्में थी। इन फिल्मों की ख़ास बात यह थी कि इन ज़्यादातर फिल्मों को सवर्ण (ब्राह्मण) ने बनाया था। कथित रूप से जाति प्रथा के खिलाफ कुछ फिल्मों में एकलव्य द रॉयल गार्ड, ओमकारा, मशान, कोर्ट, आदि भी थी। 

Thursday 20 June 2019

बॉक्स ऑफिस पर फ़क़ीर और कबीर !


इस हफ्ते, किसी फिल्म के रिलीज़ होने से पहले का जश्न तो नहीं मनाया जा रहा। लेकिन, पिछले हफ्ते वाला सन्नाटा भी नहीं है। इस हफ्ते कबीर और फ़क़ीर आमने सामने होंगे। बेशक कहानी में फंसते फंसाते और उलझन से निकलते। डॉक्टर कबीर सिंह बने शाहिद कपूर और फ़क़ीर अजातशत्रु बने धनुष क्या गुल खिला पाते हैं, इसी पर ट्रेड की निगाहें होंगी। लेकिन, ध्यान रहे कि बेशक कबीर और फ़क़ीर के बीच एक तीसरी फिल्म फंसते फंसाते भी है, लेकिन मैदान कबीर सिंह के लिए बिल्कुल खाली है, क्योंकि द एक्स्ट्राऑर्डिनरी जर्नी ऑफ़ द फ़क़ीर फ्रेंच इंग्लिश फिल्म है, जो तमिल में भी रिलीज़ हो रही है। 


अजातशत्रु उर्फ़ अज बने धनुष
निर्देशक केन स्कॉट की फिल्म द एक्स्ट्राऑर्डिनरी जर्नी ऑफ़ द फ़क़ीर की कहानी मुंबई से ब्रुसेल्स, रोम और पेरिस तक फैली है। इस फिल्म के अजातशत्रु या अज, तमिल फिल्म सुपरस्टार और हिंदी फिल्म राझना के नायक धनुष हैं। इस फिल्म की भाषा फ्रेंच, इंग्लिश और तमिल है। लेकिन, फिल्म में हिंदी बोलों वाले गीत भी खूब है और बॉलीवुड डांसिंग भी। इसलिए भाषा न समझ पाने वाले दर्शक भी फिल्म का मज़ा ले सकते हैं।


शराबी डॉक्टर कबीर सिंह शाहिद कपूर
रंगून और बत्ती गुल मीटर चालू जैसी असफलता के बाद, शाहिद कपूर की फिल्म कबीर सिंह रिलीज़ हो रही है। तेलुगु फिल्म अर्जुन रेड्डी के हिंदी रीमेक में, शाहिद कपूर ने बहुत ज़ल्द आपा खो देने वाले शराबी सर्जन कबीर सिंह की भूमिका की है। फिल्म के ट्रेलर से शाहिद कपूर छा जाते हैं। फिल्म में उनका रोमांस किअरा अडवाणी बनी हैं। अर्जुन रेड्डी पर तमिल में आदित्य वर्मा भी बनाई जा रही है। कबीर सिंह का निर्देशन अर्जुन रेड्डी के संदीप वंगा ने ही किया है।


क्या होगा रागिनी का करिश्मा ? 
एक अंतर्राष्ट्रीय फिल्म और एक बड़ी हिंदी फिल्म के बीच फंसी लगती है, निर्देशक अमित अगरवाल की कॉमेडी ड्रामा रोमांस फिल्म फंसते फंसाते। इस फिल्म में नायक-नायिका अर्पित चौधरी और करिश्मा शर्मा हैं। करिश्मा शर्मा टीवी एक्ट्रेस हैं तथा उन्होंने प्यार का पञ्चनामा २ और होटल मिलन जैसी फ़िल्में की हैं। लेकिन, वेब सीरीज रागिनी एमएमएस रिटर्न्स की रागिनी की कामुक भूमिका ने उन्हें पहचान दी है। इस फिल्म में भी वह इसी खासियत के साथ मौजूद हैं।