Sunday, 17 April 2016

करीना कपूर ने नहीं की है ‘सदमा’ को न

पिछले दिनों ऐड फिल्मकार लॉयड बैप्टिस्ट ने निर्देशक बालू महेंद्र की फिल्म सदमा के रीमेक का ऐलान किया था । फिल्म में नायिका के किरदार के लिए करीना कपूर को लिया जाना था । इसमें करीना कपूर के साथ रणवीर सिंह के लीड रोल में होने की बात भी सुनने में आ रही थी। लेकिन, पिछले कुछ समय से यह खबरें आनी शुरू हो गई थी कि करीना कपूर ने सदमा में काम करने से इनकार कर दिया है और करीना कपूर के इंकार करने के बाद  श्रीदेवी और कमल हासन की सुपरहिट हिंदी फिल्म सदमा की रीमेक फिल्म डिब्बे में बंद कर दी गयी है । दरअसल यह खबरें इस लिए उडी कि कथित रूप से करीना कपूर ने साफ़ किया था कि वह सदमा के रीमेक का हिस्सा नहीं है । अब इस फिल्म के प्रवक्ता हिमांशु झुनझुनवाला का लिखित बयान जारी हुआ है कि इस तरह ख़बरें ग़लत हैं। ना तो सदमा फिल्म का रीमेक बंद हुआ है और ना ही करीना कपूर ने इंकार किया है।  इस फिल्म के निर्देशक लॉयड बैप्टिस्ट ने कहा, “सदमा एक बहुत बड़ी फिल्म है । मैं इसके रीमेक के साथ पूरा न्याय करना चाहता हूँ। जल्दबाज़ी में कोई फ़ैसला नहीं लेना चाहता । इस लिए सब कुछ फाइनल हो जाने के बाद पूरा खुलासा कर दिया जायेगा ।“ सदमा का रीमेक हिंदी और इंग्लिश में बनाया जायेगा । इंडस्ट्री के जानेमाने कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा इस फिल्म की कास्टिंग करेंगे जिसे सेवन फिल्म्स प्रोडूस कर रही है ।

Saturday, 16 April 2016

पुरानी फिल्म अभिनेत्रियां टीवी पर चरित्र नायिका !

टेलीविज़न के परदे पर सितारों की उलटफेर करने में बाज़ी मार गई है निर्माता निवेदिता बासु।  उनके दो गायिका बहनों की कहानी वाले सीरियल 'मेरी आवाज़ ही पहचान है' में हिंदी फिल्मों के कई सितारे हैं।  निवेदिता ने बड़ा उलटफेर यह किया है कि उन्होंने हिंदी फिल्मों की कई पहचानी अभिनेत्रियों के अलावा पाकिस्तानी गायिका और अभिनेत्री सलमा आगा को गायिका नयनतारा की भूमिका दी है।  सलमा आगा ने १९८२ में बीआर चोपड़ा की हिंदी फिल्म 'निकाह' से हिंदी फिल्म डेब्यू किया था।  वह एक प्रकार से गायिका अभिनेत्री के बतौर स्थापित हो गई थी।  लेकिन, अपने नाज़ नखरों के चलते और बीआर चोपड़ा जैसे निर्माता से पंगा लेने के कारण उनकी हिंदी फिल्मों से जल्द विदाई हो गई।  उनकी बतौर नायिका आखिरी हिंदी फिल्म गहरा राज़ १९९६ में रिलीज़ हुई थी।  इसके बाद वह पाकिस्तान वापस हो गई।  अब उनकी टीवी सीरियल से हिंदुस्तान में वापसी हो रही है तो देखने वाली बात  होगी कि क्या वह हिंदी  फिल्म निर्माताओं को भी प्रभावित करना चाहेंगी ?
इस आवाज़ में इनका अभिनय ही पहचान है
एंड टीवी के शो मेरी आवाज़ ही पहचान है में हिंदी फिल्मों के कई दूसरे नामचीन चेहरेभी हैं।  यह सीरियल दो गायिका बहनों की कहानी है।  बताया जाता है कि सीरियल की कहानी वास्तव में हिंदी फिल्मों की गायिका बहनों लता मंगेशकर और आशा भोंसले की असल जीवन की कहानी है।  इस फिल्म में लता मंगेशकर और आशा भोंसले की बाल भूमिका जन्नत ज़ुबैर और मेहनाज़ मान ने की है।  युवा किरदार अमृता राव और अदिति वासुदेव ने किये हैं।  यह दोनों ही फिल्म अभिनेत्रियां हैं।  अमृता राव ने तो इश्क़ विश्क, मैं हूँ न, एक विवाह ऐसा भी, आदि जैसी कई फिल्मों में नायिका का रोल किया है।  अदिति वासुदेव भी दो हिंदी फ़िल्में दो दूनी चार और सुलेमानी कीड़ा कर चुकी हैं।  प्रौढ़ मंगेशकर बहने दीप्ति नवल और ज़रीना वहाब बनी है। हिंदी फिल्मों के दर्शक इन दोनों ही अभिनेत्रियों को बेहद अच्छी तरह से पहचानते हैं।  ६० से ८० के दशक में इन दोनों अभिनेत्रियों का डंका बजा करता था।  दीप्ति नवल एक बार फिर, चश्मे बद्दूर, अंगूर, साथ साथ, श्रीमान श्रीमती, एक बार चले आओ, कमला, आदि दर्जनों फिल्मों की नायिका रह चुकी हैं।  ज़रीना वहाब चितचोर, घरोंदा, तुम्हारे लिए, सावन को आने दो,  आदि ढेरों फिल्मों में नायिका की भूमिका की थी।  उनके आदित्य पंचोली से बेटे सूरज पंचोली भी एक्टर हैं।  इसी सीरियल में माँ का किरदार करने वाली अभिनेत्री पल्लवी जोशी को हिंदी दर्शक १०७९ की फिल्म दादा में एक गैंगस्टर को सुधारने वाली  अंधी बच्ची का किरदार किया था।  उन्होंने कई समानांतर फिल्मोें में नायिका की भूमिका की।  उनकी उल्लेखनीय फिल्मो में रुकमा देवी की हवेली, सूरज का सातवां घोडा, त्रिशग्नि, वंचित और रिहाई थी।  उन्हें वह छोकरी (१९९२) फिल्म में स्पेशल जूरी का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था।
फिर रजनीगंधा की विद्या
विद्या सिन्हा आजकल सीरियल इश्क़ का रंग सफ़ेद में सुषमा त्रिपाठी का किरदार कर रही हैं।  काव्यान्जलि, नीम नीम शहद शहद और क़ुबूल है जैसे सीरियलों में ख़ास किरदार कर चुकी विद्या सिन्हा सत्तर और अस्सी के दशक की लोकप्रिय अभिनेत्री थी।  उनके खाते में रजनीगंधा, छोटी सी बात, इंकार, मुक्ति, कर्म, पति पत्नी और वह, मीरा, स्वयंवर, आदि हिट फ़िल्में दर्ज़ हैं।
तेरह साल बाद शिल्पा
रमेश सिप्पी की फिल्म भ्रष्टाचार से हिंदी फिल्म डेब्यू करने वाली शिल्पा शिरोडकर का फिल्म करियर किशन कन्हैया, पाप की कमाई, न्याय अन्याय, हम, दिल ही तो है, आँखे, खुदा गवाह, आदि फिल्मों के बावजूद ख़ास नहीं चल सका।  २०१० में रिलीज़ बारूद :द फायर उनकी आखिरी फिल्म थी। गज जमीनी (२०००) के बाद शिल्पा ने अपने परिवार पर ध्यान देना शुरू किया।  कोई १३ साल बाद उन्होंने टीवी की ओर रुख किया।  उनका सीरियल एक मुट्ठी आसमान बहुत सफल रहा।  आजकल वह सिलसिला प्यार का सीरियल मे जानकी तिवारी के वैम्पिश किरदार  में नज़र आ रही है।
फिर टीवी पर ग्रेसी सिंह
एंड टीवी के सीरियल संतोषी माँ में दो पूर्व फिल्म अभिनेत्रियां ग्रेसी सिंह और उपासना सिंह क्रमशः संतोषी माँ और मधु प्रताप मिश्र के अहम किरदार कर रही हैं।  ग्रेसी सिंह के खाते में आमिर खान के साथ लगान, अनिल कपूर के साथ, अजय देवगन के साथ गंगाजल और संजय दत्त के साथ मुन्नाभाई एमएमबीबीएस जैसी हिट फ़िल्में दर्ज़ हैं। इसके बावजूद २००२ में प्रसारित सीरियल अमानत की डिंकी  का किरदार करके फिल्म अभिनेत्री बनी ग्रेसी सिंह का फिल्म करियर ज़्यादा लंबा नहीं चल सका। संतोषी माँ में मधु का किरदार करने वाली उपासना सिंह ने १९८६ में राजश्री की फिल्म बाबुल से अपने फिल्म करियर की शुरुआत की थी।  उन्होंने मैं गीता, गंगा का वचन, फूलवती, आदि एक्शन फ़िल्में की।  इसके बाद वह हिंदी फिल्मों में सह भूमिका करने लगी।   आजकल भी वह हिंदी फिल्मों में छोटी बड़ी भूमिकाएं करती रहती हैं।  अभी वह चाक एन डस्टर फिल्म में मंजीत के किरदार में नज़र आई थी।
बॉलीवुड के अलावा भी हैं टीवी पर
स्टार टीवी के सीरियल दहलीज़ में स्वाधीनता रामकृष्णन का किरदार करने वाली अभिनेत्री त्रिधा चौधुरी का पहला टीवी  सीरियल हैं।  लेकिन वह चार बांगला और तेलुगु फ़िल्में कर चुकी है। नागिन में यामिनी सिंह रहेजा का नेगटिव किरदार करने वाली अभिनेत्री साउथ की फिल्मों की अभिनेत्री हैं।  उनकी लाइफ पर बनी फिल्म नाचे मयूरी से उन्हें पहचान मिली।  उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में काम किया है।  वह फिल्मों की तरह टीवी सीरियलों में भी काफी पॉपुलर हैं।  टीवी सीरियल तमन्ना में क्रिकेटर धरा का किरदार करने वाली अभिनेत्री अनुजा साठे गोखले मराठी रंगमंच और फिल्मों की जानीमानी अभिनेत्री हैं।  उन्होंने पांच मराठी फ़िल्में की हैं।  बाजीराव मस्तानी फिल्म में अनुज ने भिउबाई का किरदार किया था। अनुज की तरह सीरियल मे आई कम इन मैडम ! में ग्लैमरस और सेक्सी मैडम संजना का किरदार कर रही अभिनेत्री नेहा पेंडसे भी मराठी हैं।  वह कई हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मराठी फ़िल्में कर चुकी है।  नाना पाटेकर की पुरस्कार प्राप्त फिल्म नट सम्राट का नाम भी उनके खाते में दर्ज़ है।  संजना उनका काफी ग्लैमरस रोल है।
यह भी नायिका थी कभी
तमन्ना में धरा की दादी का किरदार केतकी दवे ने किया है।  वह दर्जनों हिंदी फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं।  ज़ी टीवी के सीरियल काला टीका में जेठी माँ का किरदार कर रही मीता वशिष्ठ ने अस्सी और नब्बे के दशक में कई हिंदी फिल्मों में काम किया।  समान्तर फिल्मों में मीता वशिष्ठ एक नाम हुआ करती थी।  इसी सीरियल में कल्याणी झा का खल किरदार मोना अम्बेगाओंकर ने किया है।  मोना ने नब्बे के दशक की कुछ हिंदी फ़िल्में की हैं। कलर्स के सीरियल कृष्णदासी में कृष्णा दासी तुलसी का मुख्या किरदार करने वाली अभिनेत्री छवि मित्तल ने हिंदी फिल्म एक विवाह ऐसा भी में सह भूमिका और कैसे कहें में मुख्य किरदार किया था।
और अरुणा ईरानी
बॉम्बे टू गोवा फिल्म में अमिताभ बच्चन की नायिका अरुणा ईरानी अच्छी डांसर होने के कारण हिंदी फिल्मों में डांसर के बतौर ज़्यादा मशहूर हुई।  उन्होंने कई फिल्मों में नायिका और बेटा जैसी फिल्मों में चरित्र नायिका का किरदार किया। महमूद के साथ उनकी कॉमेडी जोड़ी खूब जमी।  वह टीवी सीरियल भी बनाती हैं।  उनके हालिया रिलीज़ सीरियलों में भाग्यलक्ष्मी और सौभाग्यलक्ष्मी है । सौभाग्यलक्ष्मी में वह वसुंधरा प्रजापति का अहम किरदार कर रही हैं।

राजेंद्र कांडपाल 

जब लीड पर छा जाता है साइड एक्टर

कभी हिंदी फिल्मों की नायिका के लिहाज़ से अनहोनी हो जाती है।  जब किसी फिल्म की नायिका पर छा जाती उसकी सह-नायिका और नायक को पस्त कर देता है सह-नायक।  अभी पिछले साल दिसंबर में रिलीज़ संजयलीला भंसाली की फिल्म बाजीराव मस्तानी का उदाहरण ही लीजिए।  यह फिल्म राज नर्तकी और बाजीराव की प्रेमिका मस्तानी की प्रेम गाथा थी।  यह दोनों रोल यानि बाजीराव रणवीर सिंह बने थे और उनकी मस्तानी दीपिका पादुकोण थी।  इस रोमांस को घरेलु छौंक दे रही थी काशीबाई।  काशीबाई यानि बाजीराव की धर्मपत्नी और परदे पर इस करैक्टर को करने वाली प्रियंका चोपड़ा ।  दीपिका पादुकोण का रोल अपेक्षाकृत  लम्बा और  महत्वपूर्ण था।  इसके बावजूद छा गई थी प्रियंका चोपड़ा की काशीबाई।  इस रोल के लिए  प्रियंका चोपड़ा को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड्स मिला।  हालाँकि, दीपिका पादुकोण भी इन पुरस्कारों में श्रेष्ठ अभिनेत्री चुनी गई।   लेकिन, उन्हें यह अवार्ड्स बाजीराव मस्तानी की मस्तानी के लिए नहीं, बल्कि पीकू में पीकू की भूमिका के लिए।
ज़ाहिर है कि सपोर्टिंग रोल में भी दीपिका पादुकोण पर प्रियंका चोपड़ा भारी पड़ी थी।  कभी ऐसा हो जाता है, जब हीरो पर साइड हीरो भारी पड़ जाता है।  अपनी फिल्म की लीड को पछाड़ देती है सहयोगी भूमिका।  छा जाते हैं इन भूमिकाओं को करने वाले अभिनेता या अभिनेत्रियां।  दिलचस्प तथ्य यह है कि लीड एक्टर से सपोर्टिंग एक्टर की टक्कर का दर्शक भी खूब मज़ा लेते हैं।  ऐसे दिलचस्प टकराव वाली फिल्म हिट तो होती ही है।
दिलीप कुमार की फिल्मों में टकराव
इस समय याद आ रही है  दिलीप कुमार और उनकी फिल्मों की।  उन्हें ट्रेजेडी किंग कहा जाता था।  वह अपने समय के एक्टर स्टार थे यानि सितारा जो बढ़िया अभिनय भी कर सकता है।  यही दिलीप कुमार कम से कम दो बार अपने सपोर्टिंग एक्टर से मात खा गए।  दिलीप कुमार को पहली बार मात मिली १९५९ में रिलीज़ एस एस वासन की फिल्म पैगाम में राज कुमार से।  इस फिल्म में दोनों कुमारों ने भाई भाई की भूमिका की थी।  उस समय राजकुमार  महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया के शामू के रोल से पहचाने जाते थे।  इसलिए उम्मीद  उम्मीद की जाती थी कि अनुभवी दिलीप कुमार इस  कल के लौंडे को डकार जायेंगे।   लेकिन, हुआ बिलकुल उल्टा। मेथड एक्टर दिलीप कुमार पर लाउड डायलाग उगलने वाले राजकुमार भारी पड़ गए।  दर्शकों के रिएक्शन पर दिलीप कुमार मन मसोस कर रह गए।  पैगाम के नौ साल और पांच साल  बाद, दिलीप कुमार को  फिर मात  मिली फिल्म संघर्ष में संजीव कुमार से।  वाराणसी के पंडों पर इस फिल्म में दिलीप कुमार और संजीव कुमार पंडों के दो समूहों के नेता थे।  फिल्म में कई ऐसे सीन  थे, जिनमे इन दोनों एक्टरों के बीच धुंआधार संवादों का आदान प्रदान हो रहा था।  स्पॉन्टेनियस एक्टर संजीव कुमार उस समय नौनिहाल और अनोखी रात जैसी फिल्मों से अपनी पहचान बना रहे थे।  लेकिन, संघर्ष में दिलीप कुमार को धो डालने के बाद संजीव कुमार ने बॉलीवुड में सनसनी फैला दी।  पैगाम और संघर्ष के बाद दिलीप कुमार ने राजकुमार और  संजीव कुमार के साथ लम्बे समय तक कोई फिल्म नहीं की।  पैगाम के ३२ साल बाद सुभाष घई ने इन दोनों दिग्गजों को फिल्म सौदागर में ईगोइस्ट ठाकुरों का किरदार किया था।  सुभाष घई ने ही १५ साल बाद फिल्म विधाता में दिलीप कुमार और संजीव कुमार को पेश किया।
जब हारा देओलों का नायक
हिंदी फिल्मों के पहले मर्द अभिनेता और ही-मैन के टाइटल से नवाज़े गए धर्मेंद्र और उनके ढाई किलो का हाथ वाले बेटे सनी देओल को भी बलिष्ठ कद काठी के बावजूद मात खानी पड़ी है।  उन्हें यह मात मिली चोपडाओं की फिल्मों के कारण। १९६९ में यश चोपड़ा के निर्देशन में एक फिल्म रिलीज़ हुई थी आदमी और इंसान।  इस फिल्म में फ़िरोज़ खान ने एक उद्योगपति जेके और धर्मेंद्र ने उनके दोस्त की भूमिका की थी।  धर्मेंद्र फिल्म के नायक थे और फ़िरोज़ खान सह नायक।  लेकिन, यश चोपड़ा ने फिल्म के क्लाइमेक्स में क़ुरबानी दिलवा कर फ़िरोज़ को दर्शकों की सहानुभूति दिलवा कर  धर्मेंद्र के किरदार पर भारी बना दिया।  यश चोपड़ा ने तो १९९३ में अपनी फिल्म डर के खलनायक शाहरुख खान को नायक सनी देओल से पिटवा कर भी नायक  बना दिया था । सनी देओल के मुक्कों की बौछारों के बीच बेबस शाहरुख़ खान दर्शकों के हीरो बन गए। वही सनी देओल काफी छोटी भूमिका के बावजूद दामिनी के नायक ऋषि कपूर पर छा गए।  राजकुमार संतोषी की ३० अप्रैल १९९३ को रिलीज़ फिल्म दामिनी में सनी देओल ने एक शराबी वकील गोविन्द की भूमिका की  थी, जो मीनाक्षी शेषाद्रि को जीत दिलाने के लिए उसके लिए बलात्कार का मुक़दमा लड़ता है।  सनी देओल पूरी फिल्म और ऋषि कपूर पर इस लिए नहीं छाये कि उनकी भूमिका पॉजिटिव लिखी गई थी।  बल्कि, वह अपनी शानदार संवाद अदायगी और संयत अभिनय के कारण छा गए थे।  उनका बोला गया संवाद 'चड्ढा यह ढाई किलो  का हाथ जब किसी पर पड़ता है तो वह उठता नहीं उठ जाता है' दर्शकों को पागल कर देता था।
एक थी मुमताज़
ईरानियन मूल की मुमताज़ ने अपने फिल्म करियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट और छोटी छोटी भूमिकाओं से भूमिकाओं से की थी।  उन्हें पहलवान दारासिंह की नायिका के बतौर  शोहरत मिली।  मेरे सनम जैसी  फिल्मों में उनकी भूमिकाओं में नेगेटिव शेड थे।  सावन की घटा (१९६६) में नायक मनोज कुमार की नायिका शर्मीला टैगोर थी। मुमताज़ सह नायिका के किरदार में थी। उस समय तक मुमताज़ को दारा सिंह की फिल्मों की हीरोइन मानते हुए ख़ास तवज्जो नहीं मिलती थी।  यह फिल्म एकतरफा प्यार और बलिदान की कहानी थी।   मुमताज़ एक तरफा प्यार करने वाली और बलिदान करने वाली नायिका सलोनी का किरदार कर रही थी। वह अपने प्यार को बचाने के लिए विलेन को अपना शरीर सौंप देती है। इस बलिदान के ज़रिये मुमताज़ उस समय की बड़ी अभिनेत्री शर्मीला टगोर पर छा गई।  बाद में दिलीप कुमार के साथ राम और श्याम करने के बाद वह हिंदी फिल्मों की बड़ी नायिका बन गई।  उन्होंने राजेश खन्ना के साथ आठ रोमांटिक फ़िल्में की थी और यह आठों फ़िल्में प्लैटिनम जुबली फिल्मों में शुमार की गई। 
लीड पर छा गए कुछ दूसरे सपोर्टिंग एक्टर 
मधुर भंडारकर की फिल्म फैशन की नायिका प्रियंका चोपड़ा थी।  मॉडलिंग पर इस फिल्म के तमाम दूसरे किरदारों की तरह सफल  मॉडल शोनाली गुजराल का किरदार कंगना रनौत ने किया था।  छोटी भूमिका के बावजूद प्रियंका के टक्कर में आना आसान नहीं था।   लेकिन, कंगना इस रोल में न केवल उभरी बल्कि सपोर्टिंग एक्ट्रेस का में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पाने भी कामयाब हुई।  १९७८ की फिल्म मुकद्दर का सिकंदर में अमिताभ बच्चन की नायिका राखी गुलजार थी।  इस फिल्म में रेखा ने एक तवायफ जोहरा बाई का किरदार किया था।  लम्बाई के लिहाज़ से छोटी इस  भूमिका से रेखा फिल्म की नायिका राखी पर छा गई।  उन्हें फिल्मफेयर में बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का नॉमिनेशन भी मिला।  सुभाष है की फिल्म ताल के नायक अक्षय खन्ना थे और ऐश्वर्या राय नायिका। अनिल कपूर सपोर्टिंग किरदार में होने के बावजूद अक्षय खन्ना पर भारी पड़े।  विशाल  भारद्वाज की फिल्म 'ओमकारा (२००६) के नायक अजय देवगन थे।  फिल्म में सैफ अली खान ने उनके गुर्गे लंगड़ा त्यागी का सहयोगी किरदार किया था।  अपने कुछ नेगेटिव किरदार के कारण सैफ अजय देवगन पर छा गए।  उन्हें इस किरदार के लिए बेस्ट विलेन का फिल्मफेयर अवार्ड मिला।  हेरा फेरी फिल्म में दो हीरो अक्षय कुमार और  सुनील शेट्टी के किरदार पर परेश रावल का बाबूराव गणपतराव का किरदार भारी पड़ा था।  २००२ की संजयलीला भंसाली की फिल्म देवदास में चंद्रमुखी के अपने किरदार से माधुरी दीक्षित फिल्म की पारो ऐश्वर्या राय पर छा गई थी।  उन्हें फिल्मफेयर ने  बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के अवार्ड से नवाज़ा गया।  यहाँ एक दिलचस्प तथ्य यह है कि  १९५५ की देवदास में चंद्रमुखी का किरदार करने वाली वैजयंतीमाला को भी इसी श्रेणी में पुरस्कृत किया गया था। लेकिन वैजयंतीमाला ने इसे लेने मना कर दिया था।
लीड एक्टर पर कोई सपोर्टिंग एक्टर यूं ही नहीं छा जाता।  ऐसे रोल को लेखक की तवज्जो मिलनी ही चाहिए।  देवदास की चंद्रमुखी वैश्या होने के बावजूद देवदास के दिल के नज़दीक थी।  माधुरी दीक्षित हों या सैफ अली खान या फिल्म शाहरुख़ खान, सभी अपने लेखक की कलम पर सवार अपने  अभिनय का डंका बजा पाने में कामयाब हुए थे।  ज़ाहिर है कि यह सभी सशक्त एक्टर थे।  तभी तो लगभग सभी ने   कोई न कोई अवार्ड ज़रूर जीता।  


राजेंद्र कांडपाल 

Wednesday, 13 April 2016

अभिनेता हनी सिंह ने किये एक्शन

रैप सिंगर यो यो हनी सिंह अब अभिनेता भी बन गए हैं।  उनकी पंजाबी फिल्म का नाम है जोरावर।  नाम  से अलग  जोरावर कोई खालिस एक्शन फिल्म नही, बल्कि रोमांटिक एक्शन फिल्म है।  इस फिल्म की शूटिंग डरबन के एक स्टेडियम में  हो रही थी।  इस दृश्य में हनी सिंह को एक एक्शन सीन करना था।  उस समय हनी सिंह तेज़ बुखार से तप रहे थे। फिल्म की क्रू सकते में थी। क्योंकि, यह स्टेडियम केवल दो घंटे के लिए मिला था।  उधर हनी सिंह बुखार में थे।  कैसे उन्हें सीन करने के लिए कहा जाये ! लेकिन, जब हनी सिंह को यह मालूम पडा तो वह शूटिंग करने के लिए तैयार हो गए।  उन्होंने इस एक्शन को किया ही नहीं, क्या खूब किया।  दिलचस्प तथ्य यह है कि जोरावर का यह एक्शन हनी सिंह का पहला एक्शन था। क्रू के लोग हनी सिंह के इस प्रोफेशनल रुख से बेहद प्रभावित हुए।पीटीसी मोशन पिक्चर्स, ​राजी एम शिंदे और रवींद्र नारायण द्वारा निर्मित और  ​विनिल मार्कन द्वारा निर्देशित​ जोरावर में हनी सिंह का साथ पारुल गुलाटी, गुरबानी न्यायाधीश, पवन मल्होत्रा, मुकुल देव और  ​अचिंत कौर दे रही हैं।  फिल्म जोरावर ६  मई  ​२०१६  को सभी सिनेमाघरो में प्रदर्शित होगी। 

Tuesday, 12 April 2016

इरफ़ान ने दी फैंस को असली वाली ख़ुशी

यह किसी भी स्टार के लिए नाज़ की बात है कि उनके फैंस उनको उनके होम कंट्री के बाहर शूटिंग के बीच चीयर करने आये।वैसे तो फ़िल्म स्टार्स अपने व्यस्त शूटिंग शेड्यूल के चलते लगातार काम में लगे रहते हैं लेकिन जब बात उनके फैंस की आती है तो वह समय निकाल उनसे ज़रूर मिलते हैं और उनके साथ समय बिताने का मौका नहीं जाने देते हैं। इसी तरह के स्टार अपने डैशिंग इरफ़ान खान हैं।
इरफ़ान आजकल मोस्तफा सरवार फ़ारूक़ी की नयी फ़िल्म 'नो बेड ऑफ़ रोज़ेज़' की शूटिंग में व्यस्त हैं।फ़िल्म के सेट पर इस गहरी आँखों वाले खान ने अपने एक निर्णय से फिल्म की पूरी क्रू को सकते में डाल दिया। इरफान को जब पता चला कि शूटिंग एरिया के बाहर उनके बेशुमार फैंस उनका लंबे समय से  इंतज़ार कर रहे हैं उनसे रुका न गया।जिस सीन की शूटिंग चल रही थी वह बहुत ही महत्वपूर्ण था, और बार बार इरफ़ान का ध्यान बाहर खड़े उनको बेहद प्यार करने वाले फैंस की तरफ खिंचा जा रहा था।और इस सब के चलते उन्होंने शूटिंग को बीच में रोककर उन्होंने अपने फैंस से मिलने का फैसला लिया।वह बाहर आये तो उन्होंने देखा कि बड़ी संख्या में उनके फैंस उनका बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे।यह देख गदगद हुए इरफ़ान ने न केवल अपने फैंस का अभिवादन किया बल्कि उनके साथ दिल खोलकर सेल्फी भी खिंचवायी और उन्हें ऑटोग्राफ भी दिए।

Saturday, 9 April 2016

गेम ऑफ़ थ्रोन्स का टरमुंड जायंटसबेन फ्यूरियस ८ में

एचबीओ की मशहूर टेलीविज़न सीरीज गेम ऑफ़ थ्रोन्स का छठां सीजन २४ अप्रैल से शुरू हो रहा है।  इस सीरीज में टरमुंड जायंटसबेन का किरदार पसंद करने वाले दर्शकों के लिए खुशखबरी यह है कि इसके अभिनेता क्रिस्टोफर हिवजु ने हॉलीवुड फिल्मों की ओर लम्बी छलांग लगाईं है।  यह नॉर्वेजियन एक्टर फ़ास्ट एंड फ्यूरियस सीरीज की आठवीं फिल्म में शामिल कर लिया गया है।  वह फिल्म में विलेन के मुख्य सेवक का किरदार करेंगे।  हालाँकि, अभी तक यह साफ़ नहीं है कि मुख्य विलेन कौन होगा । फरवरी में छपे समाचारों से यह पता चलता था कि चार्लीज़ थेरॉन को मुख्य विलेन बनाया जा सकता है ।  वैसे फिल्म में सीरीज के अन्य महत्वपूर्ण किरदार करने वाले विन डीजल (डोमिनिक टोर्रेटो), ड्वेन जॉनसन (हॉब्स), जैसन स्टैथम (डेकार्ड शॉ), टैरीस गिब्सन (रोमन पीयर्स), लुडक्रिस (तेज), मिशेल रोड्रिगुएज (लेटी) और कर्ट रसेल (मिस्टर नोबडी) अपने पुराने किरदारों में ही होंगे।  फिल्म की ज़्यादा शूटिंग न्यू यॉर्क सिटी और एटलांटा में होगी।  इसके अलावा आइसलैंड, क्यूबा और रूस में भी शूटिंग किये जाने की योजना है।  इस फिल्म की स्क्रिप्ट क्रिस मॉर्गन ही लिख रहे हैं।

१९७७ पर ख़त्म होगी अ स्टार वार्स स्टोरी

इस साल १६ दिसम्बर को रिलीज़ होने जा रही हॉलीवुड फिल्म 'रोग वन: अ स्टार वार्स स्टोरी की कहानी 'स्टार वार्स: एपिसोड ४ अ न्यू होप' के धीमी गति से चलते दृश्य के पहले पैराग्राफ पर आधारित है।  यह फिल्म  सिविल वॉर के दौरान की है।  फिल्म की कहानी केंद्रित होगी रिबेल की गैलेक्टिक एम्पायर पर पहली बड़ी  विजय पर।  इस हमले के दौरान रिबेल के जासूस एम्पायर के घातक हथियार डेथ स्टार की योजना के दस्तावेज चुरा लाते हैं।  फिल्म वहीँ ख़त्म होगी जहाँ १९७७ की स्टार वार्स की राजकुमारी लिया अपने स्टारशिप पर सवार हो कर ब्रह्माण्ड को आज़ाद कराने की आशा में अपने घर की ओर जा रही है।  अब यह बात दीगर है कि लार्ड वेंडर उसे पकड़ लेता है।  कुछ समय पहले अभिनेता मैड्स मिकेलसन ने बताया था कि उनकी इस नई एडवेंचर फिल्म में उनके करैक्टर का नाम गैलन है।  यह करैक्टर वीडियो गेम स्टार वार्स: द फ़ोर्स अनलीशड का डार्थ वेंडर का गुप्त प्रशिक्षु समझ गया था, जो बाद में एम्पायर के कई शत्रुओं को एकत्र कर रिबेल अलायन्स का निर्माण करता है।  अब पता चला है कि यह अर्द्धसत्य है।  गैलन के वैज्ञानिक है, जो जोनोसियन डेथ स्तर प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है तथा स्पेस स्टेशन की गम्भीर कमियों को ख़त्म करता रहता है। फिल्म में फ़ेलिसिटी जोन्स ने गैलन की इकलौती बेटी का किरदार किया है, जो अपने परिवार द्वारा ब्रह्माण्ड को नुक्सान पहुंचाने वाले उपकरणों को नष्ट करती है।  इस करैक्टर का नाम जिन होगा।  जॉन नॉल और गैरी व्हिट्टा की कहानी का निर्देशन गैरेथ एडवर्ड्स करेंगे।  फिल्म में डिएगो लूना, रिज़ अहमद, बेन मैंडेलसन, डोंनिे येन, जिआंग वेन, फारेस्ट व्हिटेकर और एलन ट्यूडिक भी काम कर रहे हैं।

Thursday, 7 April 2016

संगीता बिजलानी के साथ फिल्म करेंगे सलमान खान !

२६ फरवरी २०१६ से एक तेलुगु फिल्म 'क्षणम्' पूरी दुनिया में तहलका  मचा रही है।  इस थ्रिलर फिल्म के निर्माण में एक करोड़ खर्च हुए थे।  यह फिल्म अब तक पांच करोड़ का बिज़नेस कर चुकी है।  इस फिल्म की कहानी अमेरिका के इन्वेस्टमेंट बैंकर की है।  वह हमेशा अपने काम में व्यस्त रहता है।  यहाँ तक कि गर्ल फ्रेंड के साथ डेट भी भूल जाता है।  एक दिन उसे भारत से उसकी पूर्व गर्ल फ्रेंड का फ़ोन आता है, जो उसे मदद के लिए भारत बुलाती है।  लेकिन, यह नहीं बताती कि माज़रा क्या है।  भारत पहुँच कर बैंकर को मालूम पड़ता है कि उसकी गर्ल फ्रेंड की बेटी का अपहरण हो चूका है।  फिल्म में बैंकर की भूमिका अदिवि शेष ने की है और पूर्व प्रेमिका अदा '१९२०' शर्मा है।  अब चलिए बॉलीवुड।  अभिनेता सलमान खान आज के सबसे सफल अभिनेता  हैं।  उनका संगीता बिजलानी से रियल रोमांस खूब फूला फला, जब तक कि संगीता ने क्रिकेटर मोहम्मद  अज़हरुद्दीन से निकाह नहीं कर लिया।  लेकिन, सलमान खान और संगीता बिजलानी की दोस्ती बनी रही। संगीता के हर बुरे दिन में सलमान खान उनके साथ नज़र आये ।  इसी तरह जब सलमान खान कोर्ट द्वारा  २००२ में फुटपाथ पर सोये लोगों को रौंदने के मामले में सज़ायाफ्ता पाये गए थे, तब संगीता बिजलानी उनके और उनके परिवार के साथ थी।  संगीता को कई बार सलमान खान के साथ पार्टियों में देखा गया।  सलमान खान के अच्छे दोस्त  हैं साजिद नाडियाडवाला।  उन्होंने सलमान खान को लेकर किक जैसी सुपरहिट फिल्म बनाई थी।  वास्तविकता तो यह है कि सलमान खान साउथ की हिट फिल्मों के हिंदी रीमेक के कारण आज के सलमान खान बने हैं।  खबर है कि साजिद नाडियाडवाला ने तेलगु ब्लॉकबस्टर क्षणम् के हिंदी रीमेक के अधिकार खरीद लिए हैं।  वह इस फिल्म का निर्माण सलमान खान को इन्वेस्टमेंट बैंकर की भूमिका में लेकर करेंगे।  इस हिंदी रीमेक में बैंकर की पूर्व गर्लफ्रेंड का किरदार संगीता बिजलानी कर सकती हैं।  नब्बे के दशक में संगीता बिजलानी के साथ केवल रियल लाइफ रोमांस करने वाले पचास साल के सलमान खान, अब रील लाइफ में पूर्व प्रेमिका के रूप में पचपन साल की संगीता बिजलानी के साथ रोमांस करते दिखाई दे सकते हैं।


Wednesday, 6 April 2016

क्या प्रिडेटर ४ बनेगी?

स्टूडियो ट्वेंटिएथ सेंचुरी फॉक्स के ऐलान के बाद कि प्रिडेटर का बहुप्रतीक्षित सीक्वल २ मार्च २०१८ को रिलीज़ होगा, अब प्रिडेटर ४ का बनाया जाना सुनिश्चित हो गया है।  शेन ब्लैक ने फ्रेड डेकर के साथ प्रिडेटर ४ की स्क्रिप्ट पहले ही पूरी कर ली थी।  उन्होंने बताया था कि यह सीक्वल फिल्म होगी, न कि रिबूट, जैसी की अफवाह थी।  वैसे फिल्म के एक्टर्स का चुनाव अभी नहीं हुआ है, लेकिन एक इंटरव्यू में अर्नाल्ड श्वार्ज़नेगर के इस खुलासे के बाद कि वह ज़ल्द ही शेन ब्लैक से मिलने वाले हैं, अर्नाल्ड के प्रिडेटर में होने का अनुमान लगाया जा रहा है ।  इसके बाद प्रिडेटर के फेसबुक और ट्विटर पर ऑफिसियल पेज में प्रिडेटर का पहला पोस्टर नज़र आया, जिसकी टैगलाइन 'यू विल नेवर सी हिम कमिंग' थी।  इसी प्रकार के कुछ दूसरे संकेत फिल्म के बनाए जाने की ओर इशारा करते लगते थे, लेकिन अब तारीख के खुलासे के बाद अर्नाल्ड के प्रशंसकों में उन्हें एक बार फिर परदे पर देखने की उम्मीद जाग गई है।  प्रिडेटर की पहली कड़ी १९८७ में रिलीज़ हुई थी।  इस फिल्म में स्क्रिप्ट राइटर शेन ब्लैक अभिनेता (हाकिंस करैक्टर) के बतौर नज़र आये थे।  प्रिडेटर का किरदार केविन पीटर हॉल ने किया था।  १९९० में प्रिडेटर २ रिलीज़ हुई।  इस फिल्म में अर्नाल्ड नहीं थे।  २०१० में फिल्म का दूसरा सीक्वल प्रिडेटरस या प्रिडेटर ३ रिलीज़ हुआ।  इस दौरान दो प्रिडेटर फ्रैंचाइज़ी फ़िल्में 'एलियन वर्सेज  प्रिडेटर' (२००४) और 'एलियन वर्सेज प्रिडेटर: रिक्विम (२००७) रिलीज़ हुई।  जहाँ तक अनुमान लगाने की बात है, प्रिडेटर ४ के सीक्वल फिल्म होने के कारण उम्मीद की जा सकती है कि फिल्म में अर्नाल्ड श्वार्ज़नेगर के चरित्रों के अलावा प्रिडेटर २ के डैनी ग्लोवर तथा प्रिडेटर सीरीज के अन्य जीवित करैक्टर भी नज़र आएं।  क्या प्रिडेटर ४ में अर्नाल्ड श्वार्ज़नेगर की वापसी सीक्वल फिल्म को पहली फिल्म जितने दर्शक दे पाएगी !  

लुक बेसों का हजारों ग्रहों वाला शहर

पिछले दिनों, निर्देशक-पटकथाकार लुक बेसों ने अपनी विज्ञानं फंतासी फिल्म 'वेलेरियन एंड द सिटी ऑफ़ आ थाउजेंड प्लैनेट्स' की तस्वीर जारी की थी।  इस फोटो में फिल्म के दोनों मुख्य किरदार नज़र आ रहे थे।  इसके बाद कुछ दूसरे चित्रों में भी करा डेलेविंग्ने और डेन डीहान के एपिक करैक्टर अपने सीन में थे। एक चित्र में डेन अपने हथियार लहराते दिखाये गए हैं। यह सभी चित्र इन दोनों एजेंट के फिल्म में शुरूआती दृश्यों के होंगे, जिनमे आप  मिशन को अंजाम दे रहे होंगे।  लेकिन कहानी आगे बढ़ेगी दूसरे मिशन के साथ। इस फिल्म का एलियन एंड्राइड किरदार के-ट्रोन है।  यह वेलेरियन संसार का पुलिस अधिकारी जैसा है।  ऐसे ही सैकड़ों करैक्टर इस फिल्म में हैं।  बेशक यह इतने महत्वपूर्ण नहीं होंगे।   यह फिल्म फ्रेंच कॉमिक बुक वेलेरियन एंड लउरेलाइन (१९६७) का पटकथा रूपांतरण है।  लुक बेसों इस कॉमिक बुक के प्रशंसक पाठकों में हैं।  इस फिल्म को द फिफ्थ एलिमेंट और द प्रोफेशनल जैसी क्लासिक फिल्म कहा जा सकता है।  इस फिल्म की कहानी दो अंतरिक्ष प्रतिनिधियों की है, जिन्हे पूरे ब्रह्माण्ड में हुए अपराधों का पर्दाफाश करने का जिम्मा दिया गया है। इस विज्ञानं फंतासी फिल्म में २४०० वीएफएक्स शॉट्स होंगे।  इस फिल्म में पॉप गायिका रिहन्ना का कैमिया होगा।  अब उनका रोल क्या होगा, साफ़ नहीं।   

Saturday, 2 April 2016

अब बॉलीवुड की तीसरी जूली

१२ अगस्त २०१६ को, रुपहले परदे पर मोहनजोदड़ो के ह्रितिक रोशन और रुस्तम के अक्षय कुमार के टकराव की सनसनी फैली होगी। इस टकराव में त्रिकोण पैदा करने की हेरा फेरी कर रही होगी हेरा फेरी सीरीज की तीसरी फिल्म फिर हेरा फेरी ३।  याद रहे कि हेरा फेरी सीरीज की फिल्मों के सुनील शेट्टी के साथ मुख्य नायक अक्षय  कुमार ही थे।  लेकिन, अब उनकी जगह अभिषेक बच्चन ने ले ली है। ऐसे में, जब दर्शक इस ज़बरदस्त त्रिकोणात्मक टकराव को महसूस कर रहे होंगे, माहौल में ज़्यादा गरमी पैदा करने आ जाएगी जूली। क्या सेक्स, रोमांस और उत्तेजना से भरपूर जूली सफल होगी? क्या बॉलीवुड में इस तीसरी जूली अभिनेत्री को सफलता मिलेगी ?
हिंदी फिल्मों की तीन जूलियो का इतिहास
बॉलीवुड की यह तीसरी जूली होगी, जो अपनी सेक्स अपील के ज़रिये हिंदी दर्शकों को अपना दीवाना बनाने आ रही है ।  इसका मतलब यह हुआ कि बॉलीवुड में अब तक जूली टाइटल वाली तीन फ़िल्में रिलीज़ हो चुकी हैं और इन फिल्मों में तीन अलग अभिनेत्रियों ने जूली का किरदार किया है ।  पहली जूली १९७५ में रिलीज़ हुई थी।  यह फिल्म मलयालम हिट चटकरी का रीमेक थी।  इस फिल्म की नायिका मलयालम फिल्मों की सुपर स्टार लक्ष्मी थी। मलयालम चटकरी की नायिका लक्ष्मी ही हिंदी जूली की नायिका थी।  दोनों ही फिल्मों के निर्देशक के एस सेतुमाधवन थे।  जूली में लक्ष्मी के नायक विक्रम थे।  राजेश रोशन के संगीत से सजी यह म्यूजिकल रोमांस फिल्म बोल्ड थीम और गर्मागर्म सेक्स दृश्यों के कारण सुपर हिट हो गई।  इस फिल्म में श्रीदेवी ने बतौर बाल कलाकार हिंदी फिल्म डेब्यू किया था।  बाद में, १९७८ में श्रीदेवी फिल्म सोलहवा सावन में अमोल पालेकर की नायिका बन कर आई।  कालांतर में वह हिंदी फिल्मों की बड़ी स्टार बनी।  लेकिन, जूली की जूली यानि लक्ष्मी पहली हिट फिल्म और फिल्मफेयर पुरस्कार जीतने के बावजूद हिंदी फिल्मों में अपना करियर ६ फिल्मों तक भी नहीं ले जा सकी।  उनकी दूसरी फिल्म जीवन मुक्त १९७७ में रिलीज़ हुई, जो सुपर फ्लॉप हुई।  १९७९ में रिलीज़ आँगन की कली ने उन्हें कमोबेश पोर्न फिल्मों की नायिका जैसा बना दिया। अपनी  आखिरी फिल्म धुंआ (१९८१) करने के २३ साल बाद लक्ष्मी निर्देशक प्रियदर्शन की कॉमेडी फिल्म हलचल (२००४) में  चरित्र भूमिका में नज़र आई।  लक्ष्मी की चरित्र भूमिका वाली फिल्म हलचल २६ नवंबर २००४ को रिलीज़ हुई थी। लेकिन, इससे चार महीना पहले यानि २३ जुलाई २००४ को हिंदी दर्शकों के सामने दूसरी जूली आ गई थी । संयोग कि पहली जूली यानि लक्ष्मी के हिंदी फिल्मों की चरित्र अभिनेत्री बनने के साल ही हिंदी फिल्मों को दूसरी जूली मिल गई।  यह दूसरी जूली नेहा धूपिया थी।  संयोग की बात है कि नेहा धूपिया के फिल्म करियर की शुरुआत भी मलयालम फिल्म मिंनरम से हुई थी।  इस फिल्म के निर्देशक लक्ष्मी को चरित्र भूमिका में लाने वाले प्रियदर्शन ही थे।  नेहा धूपिया का हिंदी फिल्म डेब्यू हैरी बवेजा की फिल्म 'क़यामत: सिटी अंडर थ्रेट' से हुआ था, जिसमे वह अजय देवगन की प्रेमिका की छोटी भूमिका में थी।  फिल्म हिट हुई।  लेकिन, नेहा धूपिया को बतौर नायिका पहली हिट फिल्म 'जूली' के रूप में मिली।  इस फिल्म में नेहा ने जम कर अंग प्रदर्शन किया था, उत्तेजक चुम्बन और आलिंगन किये थे तथा दो दो तीन तीन पुरुष किरदारों के साथ बिस्तर के दृश्य किये थे।  इस फिल्म ने नेहा को कमोबेश पोर्न फिल्मों की नायिका बना दिया, जैसा कि २५ साल पहले आँगन की कली के कारण लक्ष्मी के साथ हुआ था।  अलबत्ता, लक्ष्मी की जूली और नेहा धूपिया की जूली में फर्क था। लक्ष्मी की जूली एक ईसाई किरदार था, जो विक्रम के प्रेम में पड़ कर उत्तेजना के क्षणों में उससे शारीरिक सम्बन्ध बनाती थी।  जबकि, नेहा धूपिया की जूली  सम्बन्धों में धोखा खाने के बाद कॉल गर्ल बन जाती है और अपने शरीर के ज़रिये मर्दों को अपना शिकार बनाती हैं। साफ़ तौर पर दोनों किरदार एक दूसरे के अपोजिट थे। हालाँकि, जूली (१९७५) के मुकाबले जूली (२००४) को समीक्षकों ने सराहा नहीं।  लेकिन, बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म भी खूब सफल हुई।  इस फिल्म के बाद नेहा धूपिया ने 'बॉक्स  ऑफिस पर दो 'एस' शाहरुख़ खान और सेक्स ही बिकते हैं' जैसा मशहूर जुमला ईजाद किया।
तीसरी जूली लक्ष्मी राय
अब बारह साल बाद, जूली का पुनर्जन्म हो रहा है। जूली २ के निर्देशक जूली वाले दीपक शिवदासानी ही हैं। लेकिन, इस जूली की सूरत और सीरत बदली होगी। यह जूली एक फिल्म अभिनेत्री होगी।  दिलचस्प तथ्य यह है कि १९७५ की जूली की नायिका लक्ष्मी थी तो २०१६ की जूली की नायिका भी लक्ष्मी (राय) हैं।  यह लक्ष्मी राय की पहली हिंदी फिल्म होगी। कुछ साल पहले लक्ष्मी का नाम इंडियन क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से रोमांस की खबरों के साथ सुर्ख हुआ था।  जूली २ मिलने से ठीक पहले उनके ए आर मुरुगदॉस की एक्शन फिल्म 'अकीरा' में सोनाक्षी सिन्हा के साथ काम करने की ख़बरें थी।  पहली लक्ष्मी की तरह आज की लक्ष्मी (राय) भी दक्षिण की तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्मों की सेक्सी नायिका मानी जाती हैं।  दर्शक उन्हें ८ अप्रैल २०१६ को रिलीज़ तेलुगु फिल्म सरदार गब्बर सिंह के हिंदी संस्करण में एक आइटम 'तौबा तौबा' में इठलाते और रिझाते देख सकेंगे।  कुछ समय पहले उनकी एक डब हॉरर फिल्म 'तंत्र शक्ति' भी रिलीज़ हो चुकी होगी । जूली २ में लक्ष्मी राय एक फिल्म अभिनेत्री का किरदार कर रही होंगी, जिसे अपने स्टारडम की कीमत चुकानी पड़ती है।
साक्षी की बदल लक्ष्मी !
दक्षिण के किसी भी फिल्म स्टार का सपना बॉलीवुड में चमकना होता है।  ऐसा ही सपना लक्ष्मी राय भी देख रही हैं।  दीपक शिवदासानी की हिट जूली का यह सीक्वल उन्हें मॉडल साक्षी चोधरी के बदल के रूप में मिला है। साक्षी चौधरी शुरू से ही फिल्म के बोल्ड सीन को लेकर शंकित थी।  उन्हें फिल्म के एक सीन में बिकिनी पहन कर घुड़सवारी भी करनी थी।  अब यह तो साफ़ नहीं कि साक्षी ने फिल्म छोड़ी या दीपक ने उन्हें बदल दिया, पर साक्षी की जगह लक्ष्मी राय ने ले ली।  अब जूली के हिट किरदार में लक्ष्मी राय हैं।  इस लिहाज़ से क्या वह १९७५ की लक्ष्मी और २००४ की नेहा धूपिया की तरह हिट जूली साबित होंगी ? इसमें कोई शक नहीं कि जूली का सेक्सी किरदार हिंदी दर्शकों को रास आता है।  जूली २ अपने बोल्ड दृश्यों के कारण हिट होगी, ऐसा समझने के कारण हैं।  लेकिन, हिट जूली से लक्ष्मी राय का बॉलीवुड में सफल होने का सपना पूरा होगा, बिलकुल भी नहीं समझा जा सकता।  दो जूली यानि लक्ष्मी और नेहा धूपिया गवाह हैं कि इन दो अभिनेत्रियों को जूली के किरदार के बाद सफलता नहीं।  इन पर सेक्सी हीरोइन का टैग लगा। पर यह टैग उन की इमेज के लिहाज़ से उनके करियर पर भारी पड़ा।  नेहा धूपिया तो ख़ास तरह की भूमिकाओं की फिल्मों तक सीमित हो गई ।  ऐसा ही लक्ष्मी राय के साथ भी हो सकता है।
क्या जूली किरदार के ज़रिये लक्ष्मी राय बॉलीवुड में हिट होंगी। फिलहाल तो बड़ा सवाल यह है कि तीन बड़ी फिल्मों मोहनजोदड़ो, रुस्तम और फिर हेरा फेरी ३ के सामने जूली २ रिलीज़ भी हो पायेगी ? रिलीज़ हो भी गई तो कितनी स्क्रीन मिलेगी? फिल्म को दर्शक दिलाने का पूरा दारोमदार लक्ष्मी राय की सेक्स अपील पर होगा। अगर लक्ष्मी राय ने अपनी साउथ फिल्मों की तरह उत्तेजक अंग प्रदर्शन कर दिया तो उनकी फिल्म को दर्शक मिल जायेंगे।  लेकिन, सवाल यह है कि सनी लियॉन, मंदना करीमी, क्लौडीआ सिएस्ला, गिजेल ठकराल, आदि उन्मुक्त अभिनेत्रियों की मौजूदगी में बॉलीवुड में लक्ष्मी राय की सेक्स अपील की दाल गल पाएगी ? दाल गलने की उम्मीद तो करेंगी ही लक्ष्मी राय।



Thursday, 31 March 2016

पिछले दिनों सनी लियॉन फिल्म 'वन नाईट स्टैंड' की पब्लिसिटी के लिए सूरत में थी।  खबर गर्म है कि सनी लियॉन एक पत्रकार द्वारा उनके निजी जीवन के बारे में पूछे जा रहे सवालों से इतनी नाराज़ हो गई कि उन्होंने उस पत्रकार के गाल पर झन्नाटेदार थप्पड़ जमा दिया।  हालाँकि, सनी के प्रवक्ता ने इसका खंडन किया।  जिस प्रकार से सनी लियॉन ने एक टीवी चैनल के रिपोर्टर के बेहूदा सवालों का भी संजीदा जवाब दिया, उससे ऐसा नहीं लगता कि सनी लियॉन ऐसा करेंगी।  लेकिन, अगर यह खबर गर्म है तो बॉलीवुड हस्तियों के पत्रकारों को फटकारने की बात अतीत तक जाएगी ही।
कई ऐसे मौके आये हैं जब बॉलीवुड फिल्म स्टार पत्रकारों के सवालों से नाराज़ हो कर उन पर हमलावर हो गए। फिल्म निर्माता निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा की पत्नी भी पत्रकार हैं।  लेकिन विधु खुद बताते हैं कि वह कई पत्रकारों को थपडिया चुके हैं।  शांता आप्टे से लेकर सनी लियॉन तक सितारों की यही कहानी है कि वह पत्रकारों की आलोचना को सहन नहीं कर सके।  आइये जानते हैं ऐसे कुछ घटनाक्रमों को -
जब शांता आप्टे ने बाबूराव पटेल को पीटा
यह वाक़या तीस के दशक के उत्तरार्द्ध का है।  इंग्लिश फिल्म मैगज़ीन 'फिल्मइंडिया' के संपादक बाबूराव पटेल बड़े दबंग पत्रकार माने जाते थे।  उनकी लेखनी कटु आलोचक थी।  वह किसी फिल्म या एक्टर की धज्जियाँ उड़ा देते थे।  इंडस्ट्री में उनका खौफ था।  वह शांता आप्टे के ख़ास आलोचक थे।  एक बार उन्होंने अपनी मैगज़ीन में शांता आप्टे की एक फिल्म में अभिनय की बुरी आलोचना कर दी। इससे शांता आप्टे बेहद नाराज़ हो गई।  वह एक छड़ी लेकर फिल्मइंडिया के ऑफिस में पहुंची और उस छड़ी से उन्हें पीट दिया।  मौजूद लोग यह नज़ारा  देख कर कुछ करते कि शांता आप्टे तूफ़ान की तरह बाहर निकल गई।  यहाँ दिलचस्प बात यह है कि बाबूराव ने इस घटना को अपनी पत्रिका के अगले अंक में प्रकाशित भी किया।
जब शाहरुख़ खान ने कालर पकड़ लिया
उस समय शाहरुख़ खान की केतन मेहता निर्देशित फिल्म 'माया मेमसाहब' रिलीज़ हुई थी।  इस फिल्म में उनकी नायिका दीपा साही थी।  फिल्म में दीपा और शाहरुख़ के बीच काफी गर्मागर्म सीन थे।  इस फिल्म के प्रचार के दौरान शाहरुख़ खान एक पत्रकार के सवाल से शाहरुख़ खान इतने नाराज़ हो गए कि उन्होंने उस पत्रकार पर हमला कर दिया। हालाँकि, मौजूद लोगों के बीच बचाव के बाद बात आगे नहीं बढ़ी।  दरअसल,  उस पत्रकार ने खान से पूछा था कि क्या उन्होंने (शाहरुख़ खान ने) फिल्म में अपनी नायिका के साथ शूटिंग के अलावा भी मस्ती की थी !
सैफ और अमृता ने पीटा पत्रकार को
फिल्म एक्टर सफलता मिलने के बाद पगला जाते हैं, यह अर्ध सत्य है।  कभी फिल्म स्टार अपनी प्रारंभिक असफलताओं से भी हताश हो जाते हैं।  सैफ अली खान भी अपनी फिल्मों की असफलता से हताश थे।  एक फिल्म पत्रिका स्टार एंड स्टाइल के पत्रकार कानन दिवेचा सैफ की ख़ास आलोचक थी ।  कानन के एक लेख से नाराज़ हो कर सैफ अली खान अपनी उस समय की बीवी अमृता सिंह के साथ स्टार एंड स्टाइल के ऑफिस पहुँच गए। अमृता सिंह ने कानन के साथ धक्का मुक्की की और फर्नीचर तोड़ दिया। यह मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में अमृता सिंह के माफ़ीनामे के बाद ही ख़त्म हुआ।
धर्मेंद्र यो ही ही-मैन नहीं
उन दिनों हेमा मालिनी का सितारा बुलंदी पर था।  वह संजीव कुमार और जीतेंद्र से लेकर धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन तक की नायिका बन कर आ रही थी।  संजीव कुमार उनसे एक तरफा प्रेम करते थे।  लेकिन, उनकी शराबखोरी की आदत हेमा मालिनी को सख्त नापसंद थी।  उनका और धर्मेंद्र को ज़बरदस्त रोमांस चल रहा था।  हेमा मलिनी चाहती थी कि वह इस रिश्ते को कोई नाम दे।  लेकिंन धर्मेंद्र हिचक रहे थे। उस समय की बड़ी पत्रकार देवयानी चौबल ने इस स्टोरी को मीडिया में लीक कर दिया।  इससे धर्मेंद्र बेहद नाराज़ हुए।  एक दिन फिल्म के सेट पर धर्मेंद्र को देवयानी चौबल नज़र आ गई।  वह बिलकुल हीरो स्टाइल में देवयानी पर झपट पड़े।  यह देख कर देवयानी फुर्ती से भाग कड़ी हुई। अन्यथा, ढाई किलो का हाथ वाले सनी देओल के पापा जी का पांच किलों का एक भी घूँसा देवयानी पर पड़ जाता तो वह ज़मीन पर गिर कर उठती नहीं, उठ जाती।
दीपिका पादुकोण ने फटकारा टाइम्स ऑफ़ इंडिया को
यह वाक़या २०१४ का है।  टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने अपने फोटो फीचर में दीपिका पादुकोण के एक जश्न में फोटो को लगाते हुए दीपिका पादुकोण के नज़र आते उभारों को ख़ास महत्व देते हुए ट्वीट किया, 'ओह माय गॉड ! दीपिका पादुकोणस क्लीवेज शो'। इस कैप्शन ने दीपिका को आगबबूला हो गई।  उन्होंने टाइम्स ऑफ़ इंडिया की इस 'न्यूज़' का उल्लेख करते हुए लिखा, "यह इंडिया का लीडिंग न्यूज़ पेपर माना जाता है और यह है न्यूज़।  हाँ, मैं एक औरत हूँ। मेरे भी वक्ष है और उभार हैं।  आपको समस्या है क्या !!!" दीपिका के ट्वीट के बाद अख़बार ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया।  लेकिन, कोई माफ़ी माँगने के बजाय फिर ट्वीट किया 'दीपिका यह कॉम्पलिमेंट था।  तुम इतनी शानदार लग रही थी कि हम भी चाहते थे कि सब जाने।" दीपिका पादुकोण के ट्वीट के बाद उनको फॉलो करने वालों के ट्वीट्स की भरमार हो गई।  बॉलीवुड सेलिब्रिटी भी उनके साथ थे।
अपने कमेंट्स पर नाराज़ मल्लिका शेरावत
२०१३ के कांन्स फिल्म फेस्टिवल में मल्लिका शेरावत ने बयान दिया था कि भारत औरतों के लिए प्रतिगामी और निराशाजनक देश है।  मल्लिका का यह बयान शायद भारत में लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच कर पब्लिसिटी पाने के लिए था।  लेकिन, उनका यह बयान उन पर भारी पड़ा।  उनकी हर प्रेस कांफ्रेंस में उनके इस बयान को लेकर सवाल पूछे जाने लगे।  ऐसे ही एक प्रेस कांफ्रेंस में जब मल्लिका से सवाल पूछा गया तो उन्होंने अपने बयान को फिर दोहरा दिया और कहा कि वह इस पर कायम है।  इस पर जब एक महिला पत्रकार ने इसे देश की इमेज खराब करने वाल बयान बताया तो मल्लिका हत्थे से उखड गई। उन्होंने उस महिला पत्रकार से अपना होम वर्क ठीक से करने की सलाह तक दे डाली।
दो साल पहले परिणीति चोपड़ा एक ख़ास सैनिटरी पैड के प्रचार के दौरान पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रही थी। एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि आज का विषय क्या है ? तब परिणीति उस पर बरस उठी।  उन्होंने जॉर्नलिस्ट से पूछा कि उसे महिलाओं के पीरियड्स की जानकारी क्यों नहीं है ? क्या उसकी गर्ल फ्रेंड नहीं है ? माँ या बहन भी नहीं हैं।" ऐसा बोलते समय परिणीति चोपड़ा के चहरे का तनाव साफ़ नज़र आ रहा था।  उनकी बहन प्रियंका चोपड़ा तो शाहिद कपूर और शाहरुख़ खान का ज़िक्र छिड़ने मात्र से नाराज़ हो जाती हैं।  उनके चहरे पर तनाव साफ़ देखा जाता है।  ध्यान रहे कि प्रियंका चोपड़ा के इन दोनों एक्टरों से रिलेशन की अफवाहे गर्म हो कर ठंडी हो चुकी हैं।






Wednesday, 30 March 2016

बिकिनी में नायिका का बागी अवतार !

शब्बीर खान निर्देशित फिल्म 'बागी' इसके मुख्य किरदारों के शरीर का प्रदर्शन करती है। फिल्म के ट्रेलर में नायक टाइगर श्रॉफ अपनी हृष्ट पुष्ट मांपेशियों का प्रदर्शन करते हैं। वहीँ, नायिका  श्रद्धा कपूर 'बागी' में रंग बिरंगे टू पीस स्विमसूट में पानी में आग लगाती लगती है। श्रद्धा कपूर ग्लैमरस हैं।  पर अभी तक उन्होंने अपने तन से कपडे काफी काम करने की कोशिश नहीं की थी।  बागी उनकी अब तक की इमेज से बागी है।  श्रद्धा कपूर कहती हैं, "मुझे उम्मीद है कि दर्शक मेरे इस बिकिनी अवतार को सराहेंगे। "
श्रद्धा से पहले महेश भट्ट की बिटिया आलिया भट्ट निर्देशक विकास बहल की फिल्म शानदार में टू पीस बिकिनी पहने नज़र आई थी।  गुलाबी बिकिनी में आलिया भट्ट गज़ब ढा रही थी।  इस बिकिनी को पहनने के लिए आलिया भट्ट ने अपने शरीर को आकार देने में काफी मेहनत की थी।  अब फिल्म में कमी थी या फिल्म में आलिया भट्ट का बिकिनी सीक्वेंस इतना लुभावना नहीं बन पड़ा था कि फिल्म दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींच नहीं सकी ।  निराश आलिया भट्ट ने कहा था, "मैंने बिकिनी के लिए काफी मेहनत की थी।"
सेक्सी नहीं हर एक्ट्रेस की बिकिनी
अब जब हिंदी फ़िल्में स्मूचिंग तक आ गयी हैं तो फिल्मों की नायिका का बिकिनी पहनना कोई तहलका मचाने वाली बात नहीं।  यही कारण है कि बेवकूफियां में सोनम कपूर की गुलाबी बिकिनी और मैं तेरा हीरो में नर्गिस फाखरी की नीली बिकिनी दर्शकों में हलचल पैदा नहीं कर सकी। उनसे भी पहले हेमा मालिनी की बेटी एशा देओल की धूम २, शहजान पदमसी की हॉउसफुल २, समीरा रेड्डी की मुसाफिर, मिनिषा लाम्बा की किडनैप में बिकिनी दर्शकों को फीकी नज़र आई।  इस लिहाज़ से फिल्म कॉकटेल में दीपिका पादुकोण का टू पीस बिकिनी अवतार उनकी फिट बॉडी के कारण काफी सेक्सी बन पड़ा था।
बेशक, अब हर अभिनेत्री बिकिनी पहन कर उतार चुकी है।  बिकिनी उसी एक्ट्रेस के शरीर पर फबती है, जिस की बिकिनी बॉडी होती है।  साफ़ तौर पर तराशा बदन बिकिनी से उभर कर निखरता है।  उस पर पानी की बूंदे आग  जैसी दमकती हैं।  ऐसा सेंसुअस शरीर दर्शकों को सेक्सी लगता है।  कभी यह बिकिनी सनसनीखेज हुआ करती थी। पुरानी फिल्म अभिनेत्रियों के बीच जैसे टैबू थे, उसके लिहाज़ से उनका बिकिनी पहनना क्रांति करने जैसा था।  इसीलिए, इक्का दुक्का ही सही, जब भी किसी एक्ट्रेस ने बिकिनी पहनी हंगामा बरपा गया।  साथ ही ऎसी फिल्म सेक्सी बन कर हिट हो गई।
पहली बिकिनी बेब मीनाक्षी शिरोडकर
१९४१ में  किदार शर्मा की पीरियड फिल्म 'चित्रलेखा' में टॉपलेस हो कर तालाब में उतरी अभिनेत्री महताब ने तहलका मचा दिया था।  महताब का  कारनामा हिंदी फिल्मों की अभिनेत्रियों का बोल्डनेस की दिशा में अगला कदम जैसा था। क्योंकि, महताब से तीन साल पहले, १९३८ में  रिलीज़ फिल्म 'ब्रह्मचारी' की नायिका मीनाक्षी शिरोडकर ने बिकिनी पहन कर तहलका मचा दिया था।  मीनाक्षी ने यह बिकिनी फिल्म में अपने हीरो मास्टर विनायक को आकर्षित करने के लिए स्विमिंग पूल के किनारे गीत 'यमुना जली खेलू  खेल' गीत गाते हुए पहनी थी। इस गीत को खुद मीनाक्षी ने ही गया था। यह फिल्म एक विलासी युवक की कहानी थी, जो ब्रह्मचर्य और आत्मसंयम का महत्व समझने के लिए एक आश्रम में जाता है।  वहां वह एक युवती के प्रेम जाल में फंस जाता है। तब होती है उसके संयम की परीक्षा। मीनाक्षी शिरोडकर यह कामुक कन्या बनी थी। इस सीन ने तहलका मचा दिया।  दर्शक इस सीन को देखने के बार बार सिनेमाघर पहुंचे।  समीक्षकों ने ब्रह्मचारी को कामुकता जगाने वाली फिल्म बताया। यहाँ बताते चले कि मीनाक्षी शिरोडकर की दो पोतियों  नम्रता शिरोडकर और शिल्पा शिरोडकर ने  भी बाद में बिकिनी पहनी।  लेकिन, अपनी दादी की तरह तहलका नहीं मचा सकी।
अशोक कुमार की मोहब्बत नलिनी जयवंत की बिकिनी
फिल्म रामराज्य में राम की  सीता के बतौर मशहूर अभिनेत्री शोभना समर्थ की रिश्तेदार नलिनी जयवंत अपने समय से काफी आगे की अभिनेत्री थी।  उन्होंने एक अंग्रेजी पत्रिका के लिए बॉम्बे के जुहू बीच में टू पीस बिकिनी पहन कर फोटो सेशन कराया था।  इन्हीं नलिनी जयवंत ने १९५० की फिल्म संग्राम में वन पीस बिकिनी पहन कर स्विमिंग पूल पर नहाते हुए गीत उल्फत के जादू का दिल में असर है फिल्माया गया था।  यह गीत में नलिनी  जयवंत के साथ अशोक कुमार भी थे। अशोक कुमार और नलिनी जयवंत ने एक साथ ११ फ़िल्में की थी।  उन दिनों अशोक कुमार और नलिनी जयवंत रोमांस सुर्खियां पा रहा था।   इसलिए, यह गीत बेहद सनसनीखेज बन गया था।  संग्राम अशोक कुमार की बड़ी हिट फिल्मों में शुमार है।
आवारा राजकपूर के लिए नर्गिस का स्विमसूट  
राजकपूर ने, जब फिल्मों में कदम रख, उस समय नर्गिस का नाम बड़ी अभिनेत्रियों में शुमार था।  नर्गिस राजकपूर पर आसक्त थी।  इसलिए, उन्होंने नवोदित राजकपूर की नायिका बनना मंज़ूर किया ही, उनके निर्देशन में कई फिल्में भी की। आग और बरसात के बाद आवारा राजकपूर और नर्गिस की निर्देशक अभिनेत्री जोड़े की तीसरी फिल्म थी।  राजकपूर के कारण नर्गिस ने आवारा में स्विमिंग सूट पहनना भी मंज़ूर किया।  इस फिल्म के एक दृश्य में वह स्विमिंग सूट में समुद्र से निकलती है और अपने कपडे  बदलती दिखाई गई थी।  नर्गिस की उस समय की इमेज और कद के लिहाज़ से यह सीन काफी बोल्ड माना गया था। इस सीन ने नर्गिस-राजकपूर रोमांस की गम्भीरता पर मोहर लगा दी थी।
दिल्ली का ठग किशोर कुमार और स्विमिंग पूल पर नूतन 
नलिनी जयवंत और नर्गिस के बाद सनसनी फैलाई नूतन के स्विमिंग पूल पर वन पीस बिकिनी पोज़ ने।  इस फिल्म के नायक किशोर कुमार थे। इस क्राइम-ड्रामा फिल्म में किशोर कुमार ने दिल्ली के ठग और नूतन ने उनकी मंगेतर का रोल किया था।   नूतन फिल्म में एक स्विमिंग और डाइविंग चैंपियन बनी थी। इसलिए, फिल्म में उनका स्विमिंग सूट में नज़र आना स्वाभाविक था।  निर्देशक एस डी नारंग ने स्विमिंग पूल पर स्विमसूट में नूतन के पोज़ को खूब भुनाया।  यह दृश्य भी नूतन की गुडी गुडी इमेज के कारण सनसनी फैलाने वाला बन गया था।
शर्मीला टैगोर ने बनाया बिकिनी ट्रेंड 
उपरोक्त से साफ़ है कि हिंदी फिल्मों में नायिका के स्विमसूट पहनने का सिलसिला छुटपुट चलता रहां।
अमूमन, स्विमसूट या बिकिनी सनसनी फैलाने के लिए ही पहने गए।  यही कारण था कि हिंदी फिल्मों में बिकिनी का ट्रेंड नहीं चल सका।  बॉलीवुड फिल्मों में बिकिनी का ट्रेंड चलाता अभिनेत्री शर्मीला टैगोर ने।  कश्मीर की कली से हिंदी फिल्म डेब्यू करने वाली शर्मीला टैगोर ने कई फैशन ट्रेंड स्थापित किये।  उन्होंने, शक्ति सामन्त की फिल्म 'ऐन इवनिंग इन पेरिस' फिल्म में नीली बिकिनी पहनी थी।  शर्मीला टैगोर के बारे में यह प्रचारित किया गया कि यह रविंद्रनाथ टैगोर के खानदान से हैं।  ऐसे खानदान की लड़की का बिकिनी पहनना अपने आप में सनसनीखेज था।  फिल्म में शर्मीला टैगोर ने दोहरी भूमिकाएं की थी।  इन भूमिकाओं से वह बोल्ड अभिनेत्री साबित होती थी।  इस फिल्म के बाद हिंदी फिल्मों की नायिका को बोल्ड दिखाने का पहला जरिया बिकिनी बन गई।
बदन में बिकिनी यानि बोल्ड नायिका 
मुमताज़, राखी, पूजा बेदी, सारिका, परवीन बाबी, ज़ीनत अमान, हेमा मालिनी, नीतू सिंह, सोनू वालिया, सायरा बानू, रीना रॉय, उर्मिला मातोंडकर, मन्दाकिनी, डिंपल कपाडिया, पूनम ढिल्लों, किमी काटकर, तिन मुनीम, ममता कुलकर्णी, सोनम, आदि साठ से अस्सी के दशक तक की अभिनेत्रियों ने बिकिनी को खूब  अपनाया। शर्मीला टैगोर ने तो खैर अपने करियर की आठवीं फिल्म में बिकिनी पहनी थी।  लेकिन, इन अभिनेत्रियों ने अपनी शुरूआती फिल्मों में ही बिकिनी पहनने में हिचकिचाहट नहीं दिखाई। पूनम ढिल्लों, पूजा बेदी, परवीन बाबी, ज़ीनत अमान, किमी काटकर, टीना मुनीम, सोनम, आदि अभिनेत्रियों ने अपनी पहली ही फिल्म में बिकिनी पहन कर खुद के बोल्ड होने का ढिंढोरा पीट दिया।  आज के दौर की अभिनेत्री अनुष्का शर्मा पर बोल्ड का टैग लगा है, इसलिए कि उन्होंने 'रब ने बन दी जोड़ी' के अलावा बाकी की तमाम फिल्मों में बिकिनी पहनी थी।  उनकी सेंसुअस बॉडी पर बिकिनी कहर बरपाती सी लगती है।
करीना कपूर की साइज जीरो बिकिनी 
करीना कपूर के दौर से पहले तक हिंदी फिल्मों में बिकिनी ट्रेंड बन चुकी थी।  इसलिए, करीना कपूर का बिकिनी पहनना कोई खबर नहीं बन सकती थी।  लेकिन, यशराज बैनर ने फिल्म टशन में करीना  कपूर की बिकिनी को साइज जीरो पर बिकिनी बता कर प्रचारित किया।  इस फिल्म के लिए करीना कपूर ने डाइटिंग, वर्ज़िश और जिम में पसीना बहा कर खुद को साइज जीरो बना दिया था।  इसमें कोई शक नहीं कि साइज जीरो में करीना कपूर सेक्सी लग रही थी।  लेकिन, उनकी बिकिनी ने टशन को बिकिनी टशन नहीं बिकिनी का टेंशन बना दिया। टशन बड़ी फ्लॉप फिल्म साबित हुई।


अल्पना कांडपाल







Tuesday, 29 March 2016

बेटे के साथ कैंसर से लड़ते इमरान हाश्मी की दास्ताँ

सीरियल किसर के टैग से मशहूर अभिनेता इमरान हाश्मी की एक किताब बाज़ार में आई है।  अंगेजी भाषा में इस किताब का टाइटल उनकी रील इमेज के अनुरूप 'द किस ऑफ़ लाइफ' रखा गया है।  हालाँकि, इस किताब की टोन सीरियस है।  इस किताब में इमरान हाशमी ने अपने शुरूआती दिनों से लेकर, मर्डर से मिली सफलता, स्टारडम और बेटे की बीमारी और उससे बीवी के साथ उनके संघर्ष का विवरण दिया है। पाठकों को याद होगा कि २०१४ में इमरान के चार साल के बेटे अयान को कैंसर का पता चला था।  उसकी बीमारी और ईलाज के दौरान इमरान हाश्मी और उनकी बीवी परवीन ने जीवन के जो उतार चढ़ाव, आशा-निराशा के क्षण देखे, उसने इन दोनों को मानवीय सोच से भर दिया।  आज इमरान हाशमी खुद को नए इमरान हाश्मी के रूप में देखते हैं। किताब के कवर पर इमरान हाश्मी और उनके बेटे अयान का चित्र मर्मस्पर्शी है और किताब के मज़मून को साफ़ करने वाला है ।  इसके नीचे टैग लाइन है- कैसे एक सुपर हीरो और मेरे बेटे ने कैंसर पर जीत हासिल की। इस किताब को बिलाल सिद्दीकी ने इमरान हाश्मी के साथ लिखा है।  बिलाल बलोचिस्तान पर एक थ्रिलर द बर्ड ऑफ़ ब्लड लिख चुके हैं।  वह वर्तमान में रेड चिलीज एंटरटेनमेंट के साथ जुड़े हैं।  इमरान हाशमी क्लास के नहीं मास के हीरो हैं।  इसलिए, उनकी किताब को अंग्रेजी में देख कर उनके प्रशंसकों को निराशा हो सकती है।

Monday, 28 March 2016

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में बॉलीवुड का दबदबा

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का आज ऐलान कर दिया गया। इन पुरस्कारों पर नज़र डालें तो बॉलीवुड छाया लगता है। लेकिन, भव्यता के मामले में बाजीराव मस्तानी के बाहुबली को करारी टक्कर न दे पाने के कारण मामला हिंदी वाश आउट का नहीं बन सका। इन पुरस्कारों में तमिल और तेलुगु में शूट और हिंदी में डब कर रिलीज़ फिल्म बाहुबली ने श्रेष्ठ फिल्म और स्पेशल इफेक्ट्स का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत कर रीजनल सिनेमा का झंडा उठाये रखा। एस एस राजामौली निर्देशित इस फिल्म में प्रभाष, तमन्ना भाटिया, राना दग्गुबती, आदि मुख्य भूमिका में हैं। बाहुबली का दूसरा हिस्सा अगले साल रिलीज़ होगा। बाकी के मुख्य पुरस्कारों में हिंदी फिल्मों का दबदबा कायम रहा। कंगना रनौत तनु वेड्स मनु रिटर्न्स के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री साबित हुईं। यह कंगना रनौत का तीसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार है। वह इससे पहले २००८ में फिल्म फैशन के लिए सपोर्टिंग एक्ट्रेस का और २०१४ में क्वीन के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का पुरस्कार जीत चुकी हैं। साफ़ तौर पर कंगना आज की सबसे अच्छी एक्ट्रेस हैं। अमिताभ बच्चन ने भी श्रेष्ठ अभिनेता का अपना चौथा नेशनल अवार्ड जीता। उन्हें फिल्म पीकू के लिए श्रेष्ठ अभिनेता ठहराया गया। अमिताभ बच्चन १९९० में अग्निपथ, २००५ में ब्लैक और २००९ में पा के लिए श्रेष्ठ अभिनेता का नेशनल अवार्ड जीत चुके हैं। संजय लीला भंसाली को फिल्म बाजीराव मस्तानी के लिए श्रेष्ठ निर्देशक घोषित किया गया। संजय के लिए भी यह चौथा नेशनल अवार्ड हैं। इससे पहले वह २००३ में फिल्म देवदास के लिए सम्पूर्ण मनोरंजक फिल्म, २००६ में हिंदी की श्रेष्ठ फिल्म ब्लैक और २०१५ में सम्पूर्ण मनोरंजक फिल्म मैरी कॉम के लिए बतौर निर्माता यह पुरस्कार जीत चुके थे। सलमान खान और करीना कपूर खान की कबीर खान निर्देशित फिल्म बजरंगी भाईजान को सम्पूर्ण मनोरंजक फिल्म चुना गया है। रेमो डिसूज़ा बाजीराव मस्तानी के दीवानी मस्तानी गीत की कोरियोग्राफी के लिए श्रेष्ठ साबित हुए। इस गीत में दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपड़ा का डांस मुकाबला हुआ था। बाजीराव मस्तानी में राधाबाई की भूमिका के लिए अभिनेत्री तन्वी आज़मी बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड जीतने में कामयाब हुई हैं। पीकू की जूही चतुर्वेदी और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स के हिमांशु शर्मा की पटकथा को श्रेष्ठ मौलिक पटकथा का सम्मान सम्मिलित रूप से दिया गया है। इन्ही दोनों ने संवाद के लिए भी यह पुरस्कार जीता है। विशाल भरद्वाज ने तलवार फिल्म की पटकथा के लिए श्रेष्ठ पटकथा रूपांतरण का पुरस्कार जीता है। किसी डायरेक्टर की पहली फिल्म का इंदिरा गांधी अवार्ड फिल्म मसान के लिए नीरज घेवन को मिला है। एक कम बजट की फिल्म दम लगा के हईशा को श्रेष्ठ हिंदी फिल्म, इसी फिल्म के गीत मोह मोह के धागे के लिए वरुण ग्रोवर को श्रेष्ठ गीतकार और मोनाली ठाकुर को गायिका का सम्मान मिला है। बाजीराव मस्तानी के सिनेमेटोग्राफर बिस्वजीत चटर्जी को श्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफर का पुरस्कार दिया गया है।





Saturday, 26 March 2016

तीन किरदारों के बीच लव गेम्स

विक्रम भट्ट की लिखी और निर्देशित फिल्म 'लव गेम्स' की -प्रेम, आसक्ति और धोखे की कहानी पहली नज़र में इंटरेस्टिंग लगती है। एक ठग जोड़ा सज धज कर पेज ३ पार्टियों में जाता है।  इस जोड़े को हमेशा तलाश रहती है, ऐसे खुश जोड़े की, जिसके साथ वह अपना लव गेम खेल सकें।  वह सबसे खुश जोड़े को अपना शिकार बनाते हैं।  फिर आपस में शर्त लगाते  हैं कि कौन पहले शिकार जोड़े के साथ सेक्स कर पाने में सफल होता है। यह जोड़ा अपने इस खेल को लव गेम्स कहता है।  विक्रम भट्ट की इस फिल्म में हंसल मेहता की फिल्म सिटी लाइट्स में छोटे शहर की औरत का किरदार करने वाले बोंग बाला पत्रलेखा सेक्सी, कामुक और दुष्ट अवतार में हैं।  इसमें उनका साथ गौरव अरोड़ा दे रहे हैं, जो बड़े मॉडल हैं।  फिल्म में तारा अलीशा बेरी का किरदार भी है, जो इस कामुक खेल खेलने वाले जोड़े का शिकार बनती है।  फिल्म का ट्रेलर सिटी लाइट्स में सीधे सादे किरदार में नज़र आई पत्रलेखा एकदम बोल्ड अवतार में हैं।  निर्माता भट्ट बंधुओं की फिल्म 'लव गेम्स' ८ अप्रैल को रिलीज़ होगी।



Wednesday, 23 March 2016

फिलहाल बंद हो गई द मेज़ रनर की तीसरी कड़ी

पूरी दुनिया में पसंद की गई द मेज़ रनर सीरीज की तीसरी फिल्म 'द मेज़ रनर: द डेथ क्योर' फिलहाल हादसे का शिकार हो गई लगती है। इस फिल्म की शूटिंग वैंकूवर में हो रही थी। मेज़ रनर सीरीज की फिल्मों में थॉमस का किरदार एक्टर डायलन ओ'ब्रायन कर रहे हैं।  द डेथ क्योर में थॉमस को खतरनाक बीमारी फ्लेअर का इलाज़ ढूंढना है।  फिल्म के एक स्टंट में ब्रायन को कार पर स्टंट करना था।  लेकिन, टाइमिंग की गड़बड़ी के कारण स्टंट सही तरह से नहीं हुआ।  नतीजे के तौर पर डायलन बुरे एक्सीडेंट का शिकार हो गए। चूंकि, फिल्म में डायलन के काफी ज़्यादा दृश्य है।  इसलिए फिल्म के स्टूडियो ट्वेंटिएथ सेंचुरी फॉक्स ने तत्काल ही फिल्म की शूटिंग डायलन के ठीक होने तक रोक देने का ऐलान कर दिया।  स्टूडियो द्वारा बताया गया कि डायलन को मामूली चोट लगी है।  लेकिन, कहा जा रहा है कि डायलन को बुरी तरह से चोट लगी है।  उनकी कई हड्डियां टूट चुकी हैं।  अब देखने की बात होगी कि डायलन कब तक ठीक होते हैं और फिल्म की शूटिंग कब फिर शुरू होगी।  वैसे इसमे संदेह है कि द डेथ क्योर की शूटिंग इतनी जल्दी हो पाएगी कि फिल्म की रिलीज़ डेट १७ फरवरी २०१७ को रिलीज़ हो सके।  

अब साहसिक कारनामे करेगी ऐलिस !

स्टूडियो डिज्नी से लेविस कैरोल के झक्की चरित्रों का एक और दर्शनीय साहसिक कहानी 'ऐलिस थ्रू द लुकिंग ग्लास' बिलकुल नए रूप में दर्शकों के सामने आने जा रही है।  ऐलिस की अंडरलैंड के झक्की संसार में वापसी होने जा रही है। यह फिल्म २०१० की फिल्म ऐलिस इन वंडरलैंड के आगे की कहानी है।  मैड हैटर को बचाने के लिए समय को पीछे ले जाएगी।  यह खासियत है डायरेक्टर जेम्स बॉबिन की दृष्टि की। हालाँकि, फिल्म को लिंडा वूलवरटोन ने लिखा है।  लिंडा ने ब्यूटी एंड बीस्ट सीरीज की फ़िल्में लिखने के अलावा द लायन किंग, आर्कटिक टेल, ऐलिस इन वंडरलैंड, मेलफिसेंट, आदि दर्शकों को चकित कर देने वाली फ़िल्में लिखी हैं। फिल्म के निर्माता जॉन जी स्कॉटी साथ जो रॉथ, सुज़ैन टॉड और जेनिफर टॉड और टिम बर्टन  हैं। एनीमेशन और लाइव करैक्टरों वाली इस फिल्म में हॉलीवुड की कई हिट फिल्मों के कलाकारों को शामिल किया गया है।  इनमे जॉनी डेप, ऐनी हैथवे, मिया वासिकोव्स्का और हेलेना बोनहम कार्टर ने क्रमशः मैड हैटर, वाइट क्वीन, ऐलिस किंग्सले और रेड क्वीन के किरदार किये हैं। इनके अलावा एलन रिकमैन ने ब्लू कैटरपिलर, स्टीफेन फ्राई ने चेशिर कैट, माइकल शीन ने वाइट रैबिट और टिमोथी स्पैल ने बेवार्ड के एनीमेशन करैक्टरों को आवाज़ दी है।  फिल्म की खासियत हैं परंपरागत चरित्रों के अलावा मैड हैटर के पिता जनिक हाईटॉप और टाइम के नए करैक्टर भी हैं।  इन चरित्रों को रिस इल्फान्स और साचा बैरन कोहेन ने की है।  टाइम एक दिलचस्प करैक्टर है।  यह कुछ हिस्सा मानव है और कुछ घड़ी जैसा।  क्लॉडिओ एंकरनाकिओन मोंटेरो का नया करैक्टर बॉडी भी दर्शकों को पसंद आएगा।  यह फिल्म २७ मई २०१६ को रिलीज़ हो रही है।   







Tuesday, 22 March 2016

दक्षिण का सरदार गब्बर सिंह हिंदी में !

सरदार गब्बर सिंह का शोले के डाकू गब्बर सिंह से कोई लेना देना नहीं. यह किरदार एक काल्पनिक रियासत रतनपुर में तैनात पुलिस अधिकारी गब्बर सिंह की कहानी है. यह एक आम मसाला फिल्म है, जिसमे गाँव हैं, गाँव की ज़मीन हड़पने वाला विलेन है, एक राजकुमारी है और गाँव वालों और राजकुमारी की रक्षा करने आया पुलिस ऑफिसर है. इस आम मसाला फिल्म 'सरदार गब्बर सिंह' में जो कुछ है एक्शन है. फिल्म के नायक पवन कल्याण है. उनकी यह पहली फिल्म होगी जो हिंदी में डब कर रिलीज़ की जायेगी . फिल्म की नायिका हिंदी बेल्ट का जाना पहचाना चेहरा काजल अग्रवाल हैं. फिल्म में विलेन की भूमिका सीरियल सात फेरे और उतरन के शरद केलकर ने की है . वह आजकल टीवी सीरियल एजेंट राघव क्राइम ब्रांच में डिटेक्टिव राघव का किरदार कर रहे हैं. शरद को दर्शकों ने संजय लीला भंसाली की दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह अभिनीत फिल्म गोलियों की रासलीला : राम लीला में दीपिका पादुकोण के भाई कांजी की भूमिका में देखा था . इस फिल्म के निर्देशक के एस रविन्द्र हैं . देखिये फिल्म का हिंदी ट्रेलर.

दक्षिण का सरदार गब्बर सिंह हिंदी में !

ईरोस इंटरनेशनल मीडिया लिमिटेड के सूत्रों से बड़ी खबर है।  ईरोस, पवन कल्याण क्रिएटिव वर्क्स और नॉर्थस्टार एंटरटेनमेंट के सौजन्य से एक तेलुगु एक्शन फिल्म 'सरदार गब्बर सिंह' हिंदी में डब कर के हिंदी बेल्ट में बड़े पैमाने पर रिलीज़ की जाने वाली है।  इस फिल्म के हीरो तेलुगु सुपर स्टार पवन कल्याण हैं।  पवन कल्याण की सुपर कॉप की भूमिकाएं तेलुगु दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं।  सरदार गब्बर सिंह भी किसी डाकू की कहानी नहीं, बल्कि एक ईमानदार और कड़क पुलिस अधिकारी गब्बर सिंह की कहानी है।  गब्बर सिंह तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित रतनपुर कसबे में तैनात है। वह किस प्रकार से बुरे किरदारों से निबटता है, यही डायरेक्टर के एस रविंद्रनाथ की कहानी का ख़ास मोड़ है। इस फिल्म में पहली बार पवन कल्याण काजल अग्रवाल के साथ जोड़ी बना  रहे हैं।  काजल अग्रवाल का चेहरा हिंदी दर्शकों का जाना पहचान है।  वह अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय और  विवेक ओबेरॉय की फिल्म क्यों हो गया न (२००४) में ऐश्वर्या की बहन के किरदार में थी।  क्यों हो गया न के फ्लॉप हो जाने के बाद काजल साउथ  चली गई।  वहां उन्हें अच्छी सफलता मिली।  आठ साल बाद उन्होंने हिंदी फिल्मों में वापसी की अजय देवगन के साथ कॉप फिल्म 'सिंघम' से।  इस फिल्म के बाद वह स्पेशल २६ में अक्षय कुमार की नायिका थी।  सरदार गब्बर सिंह में शरद केलकर, मुकेश ऋषि, टिस्का चोपड़ा के जाने पहचाने चेहरे भी हैं। सरदार गब्बर सिंह के हीरो पवन कल्याण कहते हैं, "इस फिल्म की यूनिवर्सल अपील है।  फिल्म मेकिंग को किसी क्षेत्र विशेष में नहीं बाँधा जा सकता।  हिंदी बेल्ट के लिए सरदार गब्बर सिंह एक यूनिक कांसेप्ट है, जो दर्शकों को पसंद आएगा।" सरदार गब्बर सिंह ८ अप्रैल को रिलीज़ होगी।