भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday, 28 June 2020
राष्ट्रीय सहारा २८ जून २०२०
युवा सितारों का बॉक्स ऑफिस पर जलवा !
Saturday, 27 June 2020
SonyLIV पर सीरीज Gullak २७ जून से
Will another death go UNDEKHI?
Ajay Devgn’s production Aapla Manus on Shemaroo MarathiBana
अपनी नायिकाओं को सपोर्ट करते Salman Khan
सलमान खान, लॉकडाउन के दौरान भी काफी व्यस्त रहे. म्यूजिक विडियो रिलीज़
किये. कोरोना के दौरान सुरक्षित रहने के सन्देश दिए. लॉकडाउन के बाद, राधे योर
मोस्ट वांटेड भाई की शूटिंग को लेकर भी चर्चा की. सबसे बड़ी बात अपनी बॉडी को फिट
रखा. वह कितने फिट लग रहे हैं, उसके लिए फिफ्टी प्लस के सलमान खान का चित्र देखना
ही उपयुक्त होगा.
सलमान खान, अपनी नायिकाओं के आज भी दोस्त हैं. उन्होंने जिन भी
अभिनेत्रियों के साथ फ़िल्में की है, उनकी मदद आज भी करते हैं. सलमान खान ने
सुष्मिता सेन और लारा दत्ता के साथ कुछ फ़िल्में की है. सलमान खान ने लारा दुत्ता
के साथ नो एंट्री और पार्टनर जैसी फ़िल्में की हैं. वह सुष्मिता सेन के साथ सिर्फ
तुम, बीवी नंबर १, तुमको न भूल पायेंगे और मैंने प्यार क्यों किया जैसी फ़िल्में कर
चुके हैं. इन अभिनेत्रियों के साथ सलमान खान के सम्बन्ध काफी अच्छे बने हुए हैं.
इसीलिए, जब पिछले दिनों, लारा दत्ता की वेब सीरीज हंड्रेड प्रसारित होने लगी तब
सलमान खान ने अपने प्रशंसकों से लारा को सपोर्ट करने और उनकी वेब सीरीज देखने की
अपील की. इसी प्रकार की अपील, सलमान खान ने सुष्मिता सेन की थ्रिलर सीरीज आर्या के
लिए भी की. उन्होंने लिखा, “स्वागत करो आर्या का. व्हाट अ कमबैक एंड व्हाट अ शो.
बधाईयाँ सुष्मिता सेन और ढेर सारा प्यार.”
Vicky Kaushal की फिल्म सैम का पोस्टर जारी
भारत के पहले और इकलौते फील्ड मार्शल, सैम होर्मूसजी फ्रामजी जमशेदजी मानेकशॉ, जिन्हे हम सैम मानेकशॉ के नाम से पहचानते हैं, की आज पुण्य तिथि है। इस मौके पर, उनके जीवन पर रोनी 'उरी द सर्जिकल स्ट्राइक' स्क्रूवाला द्वारा बनाई जा रही फिल्म सैम का फर्स्ट लुक पोस्टर जारी किया गया। इस फिल्म में उरी के हीरो विक्की कौशल भारतीय सेना के फील्ड मार्शल की भूमिका कर रहे हैं। फर्स्ट लुक में विक्की कौशल मानेकशॉ के गेटअप में में नज़र आते हैं। इस फिल्म का निर्देशन मेघना गुलजार ने किया है। फिल्म सैम, मेघना गुलजार और विक्की कौशल की राज़ी के बाद बतौर निर्देशक और अभिनेता एक साथ दूसरी फिल्म है। मेघना की निर्देशित पिछली फिल्म छपाक बॉक्स ऑफिस पर कुछ ख़ास नहीं कर पाई थी। सैम, विक्की कौशल की चौथी फिल्म होगी, जिसमे वह वर्दी में होंगे। अनुराग कश्यप की १०० करोड़ की फ्लॉप फिल्म बॉम्बे वेलवेट में इंस्पेक्टर बासिल की भूमिका करने वाले विक्की कौशल फिल्म राज़ी में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी की भूमिका कर चुके हैं. वह निर्देशक आदित्य धर की फिल्म उरी द सर्जिकल स्ट्राइक में मेजर विहान सिंह शेरगिल की भूमिका में थे।
२ जुलाई से ऑस्ट्रेलिया में सिम्बा की दहाड़ !
दुनिया के तमाम देशों में सिनेमाघरों के खुलने का सिलसिला शुरू हो गया है.
कनाडा के बाद न्यूज़ीलैण्ड के सिनेमाघर खुले. अब २ जुलाई से ऑस्ट्रेलिया में
सिनेमाघर खुलने जा रहे हैं. न्यूज़ीलैण्ड में महामारी के बाद सिनेमाघरों में
प्रदर्शित होने वाली पहली फिल्म रोहित शेट्टी के निर्देशन में अजय देवगन अभिनीत
हॉरर कॉमेडी फिल्म गोलमाल अगेन थी. ऑस्ट्रेलिया में भी सिनेमा का आगाज़ हिंदी फिल्म
से होने जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया में रिलीज़ होने वाली पहली हिंदी भी निर्देशक रोहित
शेट्टी की ही होगी. एक बार फिर इस फिल्म में भी
अजय देवगन होंगे. पर उनकी भूमिका मेहमान की होगी. यह फिल्म है रणवीर सिंह
और सारा अली खान की एक्शन फिल्म सिम्बा. तेलुगु फिल्म टेम्पर से प्रेरित फिल्म
सिम्बा २८ दिसम्बर २०१८ को भारत में रिलीज़ हुई थी. इस फिल्म के निर्माण में ८०
करोड़ खर्च हुए थे. फिल्म ने अब तक ४०० करोड़ का ग्रॉस कर लिया है. इस फिल्म से पहली
बार रणवीर सिंह, सारा अली खान और रोहित शेट्टी साथ काम कर
रहे थे. सिम्बा एक समय सारा अली खान की पहली रिलीज़ फिल्म बनने जा रही थी. लेकिन,
कोई एक महीना पहले केदारनाथ रिलीज़ हो कर सारा की डेब्यू फिल्म बन गई.
अब करीब दो साल बाद, सिम्बा की
दहाड़ ऑस्ट्रेलिया में फिर सुनाई देगी. क्या सिम्बा रणवीर सिंह की दहाड़ ऑस्ट्रेलिया
के बॉक्स ऑफिस को दर्शकों से भर देगी ?
Friday, 26 June 2020
Anushka Sharma की चुड़ैल Tripti Dimri की बुलबुल !
२००८ में, शाहरुख़ खान के साथ रोमांटिक फिल्म रब ने बना दी जोड़ी से करियर की शुरुआत करने वाली अभिनेत्री अनुष्का शर्मा ने बैंड बाजा बारात, लेडीज वर्सेज रिक्की बहल, जब तक है जान, पीके, आदि रोमांटिक फ़िल्में ही ज्यादा की. लेकिन, बतौर फिल्म निर्माता तो उन्होंने शीर्षासन कर लिया लगता है. उनकी निर्माता के रूप में पहली फिल्म एनएच १० डार्क थ्रिलर फिल्म थी. खुद अनुष्का शर्मा ही लोहे रोड से सर फोड़ रही थी. हिंसा ही हिंसा. अगली फिल्म फिल्लौरी अरु परी में भूत उतर आया. परी में तो वह खुद भूतनी बनी हुई थी. इसी साल प्राइम विडियो के लिए उनकी अपराध थ्रिलर सीरीज पाताल लोक में ऐसा कुछ नहीं था, जो पहले कभी नहीं देखा गया हो. कमोबेश ऊबाऊ इस सीरीज में जयदीप अहलावत उभर कर आते थे. अब नेटफ्लिक्स पर बुलबुल में वह एक बार फिर भूत के आसरे हैं. कहानी और वातावरण काफी पुराना है १८८१ के कलकत्ता का. इतना पुरानापन दर्शकों को रास नहीं आता. अन्विता दत्ता ने कई हिंदी फिल्मों के संवाद और पटकथा का लेखन किया है. बुलबुल बतौर निर्देशक उनकी पहली फिल्म है. इस फिल्म से वह कहना क्या चाहती थी, समझ से परे है. बालिका वधु से शुरू यह फिल्म चुड़ैल तक जा पहुंचती है. इस बीच में देखने लायक कुछ है तो राहुल बोस, पावली डैम और परमब्रत चट्टोपाध्याय का अभिनय. परन्तु इस सब पर भारी पड़ी हैं अभिनेत्री तृप्ति डिमरी. वह अभी दो फ़िल्में (पोस्टर बॉयज और लैला मजनू) पुरानी है. बुलबुल उनकी तीसरी फिल्म है. पर वह बेहद सटीक अभिनय करती नज़र आती है. उन्होंने खुद को ठकुराइन और बुलबुल की भूमिका में ढाल लिया है. फिल्म लैला मजनू में अविनाश तिवारी उनके मजनू थे. इस फिल्म में वह उनके सत्य बने है. भूमिका में वह जमे नहीं. संवाद बढ़िया हैं. फिल्म को दृश्य प्रभावों और कैमरा वर्क के लिए याद किया जाएगा.
रसहीन Swara Bhaskar के पतन की 'रसभरी'
फिल्म एक्ट्रेस स्वरा भास्कर १० साल में ही पस्त हो गई लगती है. संजय लीला भंसाली की हृथिक रोशन और ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ फिल्म गुज़ारिश जैसी फिल्म करने वाली स्वरा भास्कर को बड़े बजट की फ़िल्में बहुत कम मिली. इनमे भी उन्हें प्रमुख भूमिका में कभी नहीं लिया गया. अनारकली ऑफ़ आरा जैसी घटिया फिल्म करने वाली स्वरा भास्कर के पतन का चरम फिल्म वीरे दी वेडिंग में आया. इस फिल्म में वह अभिनय से ज्यादा हाथ और उँगलियों का इस्तेमाल कर रही थी. वीरे दी वेडिंग २०१८ में रिलीज़ हुई थी. इस फिल्म के बावजूद स्वर भास्कर को कोई नई फिल्म नहीं मिली. तब प्रचार पाने के लिए वह एंटी सीएए आन्दोलन में सरकार और सर्वोच्च न्यायलय के खिलाफ लोगों को भड़काती नज़र आ रही थी. आजकल उन्हें अमेज़न प्राइम विडियो पर डिजिटल सीरीज रसभरी में देखा जा सकता है. यह सीरीज, स्वरा भास्कर के एक्टर के पतन का गर्त है. पूरी तरह से घटिया कहानी और घटनाओं से भरे इस सीरियल में स्वरा भास्कर ने किरदार तो एक टीचर का किया है. पर उनके हावभाव बेहद सस्ते किस्म के हैं. वह कहीं से भी टीचर नहीं लगती. उनका बदन इधर उधर से उघडा हुआ नज़र आता है. लेकिन, इस रसभरी में रस ही नहीं है तो वह भरी कहाँ से नज़र आये ?
Russell Crowe की १४ जुलाई को रिलीज़ हो रही थ्रिलर UNHINGED का ट्रेलर
Thursday, 25 June 2020
सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म डिज्नी प्लस हॉट स्टार पर
Aasif Sheikh aka Vibhuti Narayan Mishra's memorable 'kirdars' in Bhabiji Ghar Par Hai to woo Angoori Bhabi
Taking the audience on a joy ride of laughter is the Modern colony's neighbouring couples, The Mishras and The Tiwari's who have a connection not only with each other but also with other's their better halves! Believing in the very thought that 'the grass is greener on the other side' Vibhuti and Tiwari are continually trying to impress the other's wife.
Aasif Sheikh who portrays the role of Vibhuti Narayan Mishra always had different tricks up his sleeve to woo Angoori Bhabi essayed by Shubhangi Atre. But as luck would have it, all his efforts go unnoticed, and he fails miserably every single time. Impressing Angoori has been on top of Vibhuti's list, and he has left no stone unturned in trying to fulfil it. Speaking of which, Aasif Sheikh shares some of his favourite 'Kirdars' and the story behind them.
Who remembers Vibhuti mimicking Mehmood aka Master Pillai giving an extra hysterical twist to the iconic song 'Ek Chatur Nar' from the 60s cult movie – Padosan? It so happens that when Angoori expresses her desire to learn classical South Indian music, Vibhuti laps up this opportunity and turns into a music teacher aka Master Pillai to get closer to her. But to his dismay, Bhabiji soon loses interest in music, and his plan fails! In another episode, Vibhuti's long-lost uncle breaks the news of him being the King of Nalleshwar kingdom. It makes him extremely happy as his dream to get Angoori's attention appears attainable. But in no time, he loses this title owing to a misunderstanding, shattering Vibhuti's hopes once again! And that is not all, in another episode, Vibhuti stoops to becoming a rag picker named Darling to buy all her old household items at half the price! Even a juice seller when he finds out about Angoori's love for fresh juice. But soon Tiwariji sabotages his business with Tika-Malkhaan.
Speaking on this, Aasif Sheikh says, "I have played close to 250 characters on the show and have thoroughly enjoyed every character. I have essayed more than 15 variations of a woman character. There is a lengthy list, but the few characters that have given me an incredibly memorable experience apart from the ones mentioned here is when I played a seductive looking electrician named Rajaram and the grey-haired Tiwari's Daadi. The audience has loved and enjoyed watching each character, which is very encouraging and pushes me to keep exploring more and strive to outdo myself, every time."
So, which of his character do you like the most?
Aasif Sheikh is all excited and gearing up for the
shoot. Get ready to watch your favourite Vibutiji trying to impress his crush
with his flamboyant attitude in all-new episodes of Bhabiji Ghar Par Hai coming
soon only on &TV.
Shahrukh Khan और Amrita Singh की माँ ने चलवाए थे ४५ साल पहले बुलडोज़र
यह किस्सा भी आपातकाल की ज्यादतियों से जुडा एक किस्सा है. यह किस्सा
पुरानी दिल्ली के तुर्कमान गेट का है. इस मुस्लिम बहुल इलाके में, मुस्लिम आबादी
की अनुमति के बिना परिंदा भी पर नहीं मार सकता था. लेकिन, आपातकाल के दौरान इस
तुर्कमान गेट के अन्दर परिंदा नहीं, बुलडोज़र घुसे थे.
आपातकाल के युवा तानाशाह संजय गाँधी, मुस्लिम आबादी की नसबंदी और पुरानी
दिल्ली के इलाकों की सफाई के लिए कुख्यात थे. इसमे उनकी लेफ्टिनेंट थी रुखसाना
सुल्तान. संजय गाँधी को तुर्कमान गेट से दिल्ली का व्यू पसंद नहीं आया था. उसने
तुर्कमान गेट की सफाई के आदेश दे दिए. रुखसाना सुल्तान सबसे आगे थी. वह सबसे आगे
बुलडोज़रों और सफाई कर्मियों और पुलिस की फौज का नेतृत्व कर रही थी. देखते ही देखते
जिस तुर्कमान गेट इलाके में परिंदा भी पर नहीं मार सकता था, वहां बुलडोज़रों की
आवाज़ तब तक गूंजती रही, जब तक इलाका साफ़ नहीं होगा. संजय गांधी को यह सफलता बॉलीवुड
की दो माँओ के कारण मिली थी. तुर्कमान गेट को साफ़ कर देने वाली रुखसाना सुल्तान,
फिल्म बेताब से सनी देओल के साथ डेब्यू करने वाली अमृता सिंह की माँ थी. यानि वह
सैफ अली खान की पहली सास और सारा अली खान और इब्राहीम अली खान की नानी थी. और क्या
आप दूसरी माँ को जानना चाहते हैं.
तुर्कमान गेट सहित भीड़भाड भरे मुस्लिम इलाकों में अतिक्रमण हटाने का आदेश एक आनरेरी
मजिस्ट्रेट लतीफ़ फातिमा ने दिया था. यह लतीफ़ फातिमा और कोई नहीं बॉलीवुड के बादशाह
शाहरुख़ खान की माँ लतीफ़ फातिमा खान ही थी.
किस्सा कुर्सी का का ४५ साल पहले का किस्सा !
आज से ४५ साल पहले, तत्कालीन तानाशाह प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने आपातकाल लागू कर, देश को एक बड़ी जेल में तब्दील कर दिया था. शासन की वास्तविक बागडोर उनके २८ साल के बेटे संजय गांधी और उनके कुछ लम्पट दोस्तों के हाथ में थी. इस समय सिनेमा ने क्या झेला, इसका के किस्सा फिल्म किस्सा कुर्सी का का उल्लेखनीय है.
किस्सा कुर्सी का का निर्माण कांग्रेस के बाड़मेर से सांसद अमृत नाहटा ने दो बार किया था. पहली बार,उनकी फिल्म किस्सा कुर्सी का सेंसर के लिए १९७५ में पेश की गई. इस फिल्म की कहानी एक काल्पनिक अंधेर नगरी के भ्रष्ट शासक और उसके परिवार की थी. १९७५ की किस्सा कुर्सी का की कहानी और पत्र इंदिरा गाँधी और संजय गाँधी की ओर इशारा करते थे. इस प्रतीकात्मक फिल्म में शबाना आज़मी ने गूंगी जनता की भूमिका की थी रेहाना सुल्तान इंदिरा गाँधी का स्क्रीन रूपांतरण थी. इंदिरा गाँधी के इर्द गिर्द के कुछ भ्रष्ट चरित्र भी इस फिल्म में दिखाए गए थे. नतीज़े के तौर पर यह फिल्म सेंसर में फंस गई. सेंसर की क्या मजाल कि वह इंदिरा गाँधी का मज़ाक उड़ाने की अनुमति देता. फिल्म पर ५१ कट लगाने के आदेश दिए गए. इसी दौरान देश में आपातकाल लग गया. संजय गाँधी ने तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री विद्या चरण शुक्ला को आदेश दे कर किस्सा कुर्सी का के प्रिंट सेंसर ऑफिस से लदवा कर गुडगाव स्थित अपनी मारुती फैक्टर पर मंगवा लिए. किस्सा कुर्सी का में इस फैक्ट्री का जिक्र हुआ था. मारुती के परिसर में इस फिल्म के प्रिंट जला दिए गए. लेकिन,किस्सा कुर्सी का का किस्सा अभी ख़त्म नहीं हुआ था. आपातकाल हटा. आम चुनाव हुए. इंदिरा गाँधी और संजय गाँधी की बुरी हार हुई. j जनता पार्टी की सरकार बनी. अमृत नाहटा जनता पार्टी के टिकेट पर एक बार फिर सांसद बने. उन्होंने एक बार फिर किस्सा कुर्सी का का निर्माण किया. लेकिन, अब फिल्म काफी बदली हुई थी. इंदिरा गाँधी नदारद थी. अब एक काल्पनिक प्रधान मंत्री मनोहर सिंह आ गए थे.फिल्म रिलीज़ हुई. पर यह फिल्म अब धार खो चुकी थी. फिल्म को बुरी तरह से असफलता मिली.
जब मुंह की खानी पड़ी Bhushan Kumar को !
भूषण कुमार पर बेभाव की पड़ी. पिछले साल रिलीज़ भूषण कुमार ने अपने बैनर की
फिल्म मराजावा का एक गीत पाकिस्तानी गायक आतिफ असलम से गवाया था. पाकिस्तान द्वारा
पुलवामा कांड किये जाने के बाद, महाराष्ट्र नव निर्माण सेना और सिनेमा कामगारों की
संस्था ने यह अपील की थी कि पाकिस्तानी गायकों से गीत न गवाए जाए और उनके गीत चैनल
पर न अपलोड किये जाए. इसे देखते हुए ही गुलशन कुमार ने आतिफ असलम के गाये गीत
किन्ना सोना को फिल्म और चैनल से हटा दिया था. लेकिन, हाल ही में जब सोनू निगम ने
उसे म्यूजिक माफिया की संज्ञा दी तो उसने पहले अपने बनाए छः गायकों को मैदान में
उतार दिया. उसके बाद बीवी और पूर्व फिल्म अभिनेत्री दिव्या खोसला कुमार को भी सोनू
निगम के खिलाफ खड़ा कर दिया. इससे भूषण कुमार यह मुगालता हो गया कि वह देश की
जनभावन से इतर है. इसीलिए उसने आतिफ असलम के इस गीत किन्ना सोना को यूट्यूब पर
अपने चैनल पर इस गीत को अपलोड करवा दिया. लेकिन, भूषण कुमार को यह पता नहीं था कि
उसने बेभाव के जूते मार लिए हैं. मनसे बेतरह नाराज़ हो गई. उसके एक पदाधिकारी ने
चेतावनी दी कि आतिफ असलम के गीत को तत्काल हटाया जाए, अन्यथा अंजाम भुगतने को
तैयार रहो. इतने में ही भूषण कुमार की हवा निकल गई. उसने यह कहते हुए माफ़ी मांगी
कि टी-सीरीज के प्रमोशनल डिपार्टमेंट के एक कर्मचारी ने इसे अपलोड कर दिया था.
इसके बाद यह गीत टी-सीरीज चैनल से हटा लिया गया.